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डिजिटल भारत l इस मौसम में खांसी, ज़ुकाम और गले से जुड़ी समस्याएं आम हो जाती हैं। वायरल, बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन भी आसानी से शिकार बना लेते हैं। ऐसे में ज़रूरी सावधानियां बरतनी ज़रूरी हो जाती हैं।

जुकाम होने के कारण
यह वायरस के संक्रमण के कारण होता है। दो सौ से अधिक वायरस जुकाम होने के कारण माने गए हैं, लेकिन मुख्य रूप से निम्न दो वायरस ही सामान्य जुकाम के लिए उत्तरदायी होते हैं। कोरेनावायरस (15-30 प्रतिशत मामलों में)
राइनोवायरस ( 30-80 प्रतिशत मामलों में) जुकाम का घरेलू इलाज करने के लिए उपाय आप जुकाम को ठीक करने के लिए ये घरेलू उपचार कर सकते हैंः- हल्दी और दूध से जुकाम का इलाज
एक गिलास गर्म दूध में दो चम्मच हल्दी पाउडर डालकर पिएं। इससे बंद नाक और गले की खराश में आराम मिलता है। नाक से पानी बहना (Behti naak) बंद हो जाता है। तुलसी के सेवन से जुकाम का उपचार
जुकाम में तुलसी अमृत के समान फल देती है। खाँसी और जुकाम होने पर 5-7 पत्तियें को पीसकर पानी में डालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़ा को पिएं।
नाक बंद होने पर तुलसी की मंजरियों को रुमाल में सूंघने से नाक खुल कर आराम मिलता है।
छोटे बच्चों में जुकाम हेने पर 6-7 बूंद अदरक एवं तुलसी का रस शहद में मिलाकर चटाएं। यह बंद नाक को खोलने और बहती नाक (Behti Naak) को रोकने दोनों में सहायक है।

अदरक के प्रयोग से जुकाम में लाभ
कफयुक्त खाँसी में दूध में अदरक उबालकर पिएं।
अदरक के रस में शहद मिलाकर चाटने से भी जुकाम में आराम मिलता है।
1-2 अदरक के छोटे-टुकड़े, 2 काली मिर्च, 4 लौंग और 5-7 तुलसी की ताजी पत्तियां पीसकर एक गिलास पानी में उबालें। जब यह उबलकर आधा गिलास रह जाए, तब इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पिएं।
अदरक के छोटे-छोटे टुकड़ों को देसी घी में भूनकर दिन में 3-4 बार पीसकर खाएं। इससे नाक से पानी बहने (Behti Naak) की समस्या से आराम मिलता है.
और पढ़ेंः अदरक के फायदे और नुकसान जुकाम में आपकी जीवनशैली
जुकाम के दौरान आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः- गर्म वातावरण से आकर तुरंत ठण्डे पानी से स्नान ना करें।
ए.सी. में न बैठें।
जुकाम संक्रमण से होने वाला रोग है, इसलिए भोजन करने से पहले हाथों को अच्छी प्रकार धोएं।
धूल एवं प्रदूषण युक्त वातावरण में चेहरे पर मास्क लगा कर चलें।
प्राणायाम करें।

गरारे करें: अगर सर्दी के साथ गले में जकड़न, कफ और खांसी हो रही है गरारे करने से बहुत फायदा मिलता है. इसके लिए नमक के पाने से गरारे जरूर करें. इससे गले में जमा कफ निकल जाएगा और गले के सूजन में आराम मिलेगा, इसलिए अगर आप भी सर्दी-जुकाम से ग्रसित हैं तो गरारे जरूर करें.
लगभग 10-15 मिनट भस्त्रिका एवं कपालभाँति रोज करें।
जुकाम क्यों होता है? आयुर्वेद में हर रोग का कारण दोषों के असंतुलन को माना गया है। आयुर्वेद में जुकाम को प्रतिश्याय कहा गया है। आपके ऊपरी श्वसन तंत्र में वात एवं कफ दोष के असंतुलन के कारण जुकाम की समस्या हो जाती है। उचित उपचार ना करने पर यह गंभीर होकर कष्टकारक हो जाता है। जुकाम कितने दिनों में ठीक होता है? सामान्य जुकाम 8-10 दिन में उचित खान-पान और घरेलू उपचार से ठीक हो जाता है। इसके लक्षण आमतौर पर 6-10 दिन के भीतर समाप्त हो जाते हैं। कई बार यह लक्षण 2 सप्ताह तक भी रह सकते हैं। यह सबसे अधिक होने वाला संक्रामक रोग है, जो वर्ष में एक या दो बार सबको होता है। छोटे बच्चे संक्रमण के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते है, इसलिए यह बच्चों में ज्यादा जल्दी होता है। जुकाम को गंभीर कब समझना चाहिए? यदि जुकाम 8-10 दिनों से ज्यादा अवधि तक चलता रहे, और लक्षण (गले में खराश व नाक से पानी बहना) और भी ज्यादा दिखने लगे, तो यह गंभीर रोग में बदल सकता है या साइनुसाइटिस हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।

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