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डिजिटल भारत l भारत की अध्यक्षता में दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को होने जा रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान समेत दुनिया के शीर्ष नेता शामिल होंगे.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने भारत नहीं आ रहे हैं। पुतिन के कार्यालय क्रेमलिन ने इस बात की पुष्टि कर दी है। उनकी जगह पर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव रूस का प्रतिनिधित्व करेंगे। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी पुतिन प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं हुए। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्मेलन को संबोधित किया था। पहले संभावना जताई जा रही थी कि पुतिन जी-20 में हिस्सा लेने भारत की यात्रा कर सकते हैं, क्योंकि उनके पहले से तय शेड्यूल में इसी को लेकर बदलाव किया गया था। अब सवाल उठ रहा है कि आखिर पुतिन ने एन वक्त पर भारत आने से इनकार क्यों कर दिया।

पेस्कोफ़ ने कहा, “पुतिन दिल्ली में होने जा रहे जी-20 सम्मेलन में जाने की योजना नहीं बना रहे हैं. अभी यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान ही सबसे अहम है.पुतिन के जल्द ही तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन के बुलावे पर तुर्की की यात्रा करने और ब्लैक सी ग्रेन डील (काले सागर के ज़रिये गेहूं के निर्यात से जुड़ा समझौता) पर चर्चा करने की संभावना थी.
तुर्की की मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ पुतिन को अगस्त के अंत में ये दौरा करना था. हालांकि अगस्त का आख़िरी सप्ताह है और अब इस यात्रा के भी रद्द होने की आशंका है.

हालांकि जी-20 शिखर सम्मेलन से पुतिन की ग़ैर-मौजूदगी कोई नई बात नहीं होगी. हाल ही में दक्षिण अफ़्रीका में हुए ब्रिक्स (ब्राज़ील, रूस, इंडिया, चीन और दक्षिण अफ़्रीका) के शिखर सम्मेलन में भी पुतिन अनुपस्थित रहे.

पुतिन पिछले साल बाली में हुए जी-20 सम्मेलन में भी शामिल नहीं हुए थे.

दक्षिण अफ़्रीका में ब्रिक्स सम्मलेन और बाली में जी-20 सम्मेलन में पुतिन की जगह विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ शामिल हुए थे.

हालांकि ये पहली बार नहीं है, जब पुतिन जी-20 शिखर सम्मेलन से नदारद होंगे. साल 2014 में ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में जी-20 सम्मेलन में पुतिन को नहीं बुलाया गया था.

यूक्रेन युद्ध के बाद से पुतिन ने अपने विदेशी दौरे सीमित किए हैं. हालांकि जून 2022 में उन्होंने ताजीकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान का दौरा किया था.

इसके अलावा पिछले साल पुतिन एससीओ समिट में उज़्बेकिस्तान गए थे और वहां उनकी मुलाक़ात पीएम मोदी से भी हुई थी. इसी मुलाक़ात में पीएम मोदी ने पुतिन से कहा था कि यह युद्ध का दौर नहीं है

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