पाकिस्तान अब बम और गोला-बारूद बनाने में अपने संसाधन खराब नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा कि हम दोनों ही परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। ईश्वर न करे अगर कोई युद्ध हो जाए। आखिर उसके बाद कौन बचेगा कि हमारे बीच क्या हुआ।
डिजिटल भारत l पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ बीते कुछ दिनों में अपने देश की सच्चाई से मुंह मोड़ने की जगह जनता को असली स्थितियों से अवगत करा रहे हैं। हाल ही में उन्होंने पाकिस्तान के लिए बार-बार ऋण मांगने की तुलना भीख मांगने से की थी और कहा था कि उन्हें इसकी वजह से शर्मिंदा होना पड़ता है।
अब उन्होंने भारत से रिश्तों को लेकर भी बयान दिया है। शरीफ ने कहा है कि भारत से तीन युद्ध के बाद उनका देश अपने सबक सीख चुका है।
पश्चिमी एशिया के प्रमुख मीडिया संस्थानों में से एक अल-अरेबिया को दिए इंटरव्यू में जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से भारत के साथ रिश्तों को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से तीन युद्धों में पाकिस्तान ने सबक सीखे हैं और वे अब शांति चाहते हैं। उन्होंने चैनल के माध्यम से ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील की।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन कश्मीर में जो कुछ भी हो रहा है, वह रुकना चाहिए।
‘युद्ध के लिए संसाधान खराब नहीं करना चाहते’
चौंकाने वाली बात यह है कि शरीफ ने इस बार भारत को कश्मीर पर कोई भी धमकी नहीं दी, बल्कि भारत से वार्ता की अपील करते दिखे। हालांकि, उन्होंने कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के झूठे आरोप लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और कहा कि इन कदमों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
पाकिस्तानी पीएम ने कहा, “हमारे पास इंजीनियर हैं, डॉक्टर हैं और कुशल कारीगर है। हम इन संपत्तियों को खुशहाली और क्षेत्र में शांति लाने के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं, ताकि दोनों देश विकास कर सकें।
यह हम पर ही निर्भर है कि हम शांतिपूर्वक ढंग से रहें और प्रगति करें या एक-दूसरे से लड़ाई करते हुए अपना समय और संसाधन दोनों खराब करें।”
‘हम अब शांति से रहना चाहते हैं’
उन्होंने कहा, “हमने भारत के साथ तीन युद्ध लड़े और इनसे लोगों को सिर्फ परेशानी, गरीबी और बेरोजगारी ही मिली है। हमने अपने सबक सीख लिए हैं और अब शांति से रहना चाहते हैं, बस हमारी असल परेशानियों का निपटारा हो जाए।”
बातचीत का संदेश
शहबाज शरीफ ने कहा, ”हम हमारी प्रॉब्लम सॉल्व करने को तैयार हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मेरा संदेश है कि चलिए बैठते हैं और बात करते हैं. पाकिस्तान नहीं चाहता कि हम हमारे संसाधनों को बम और बारूद बनाने में खर्च करें.”