कई राज्यों ने अपने यहां कोयले की कमी के चलते बिजली संकट का मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है. साथ ही राज्य के नागरिकों से बिजली की बचत करने की अपील भी की गई है.
देश के कई राज्यों में आए बिजली संकट को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री की अमित शाह की अध्यक्षता में बड़ी बैठक हुई. करीब डेढ़ घंटे चली इस बैठक में कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी, ऊर्जा मंत्री आरके सिंह समेत एनटीपीसी के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
गृह मंत्रालय की ओर से बुलाई गई इस बैठक में कोयला और ऊर्जा मंत्रियों ने बिजली के उत्पादन से लेकर कोयला की माइनिंग की रिपोर्ट पेश की. इसके अलावा दोनों मंत्रालयों के सचिवों की ओर से भी हालात के बारे में जानकारी दी गई है.
दिल्ली, महाराष्ट्र और पंजाब समेत कई राज्यों ने अपने यहां कोयले की कमी के चलते बिजली संकट का मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है. साथ ही राज्य के नागरिकों से बिजली की बचत करने की अपील भी की गई है. हालांकि केंद्र की ओर से साफ कहा जा चुका है देश में कोयले का पर्याप्त भंडार है और बिजली संकट की आशंका सही नहीं है.
कोयला मंत्रालय ने रविवार को साफ कहा कि बिजली उत्पादक प्लांट की जरूरत को पूरा करने के लिए देश में कोयले का पर्याप्त भंडार है. मंत्रालय ने कोयले की कमी की वजह से बिजली आपूर्ति में बाधा की आशंकाओं को पूरी तरह से खारिज किया है. इसके पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर बिजली संकट का मुद्दा उठाया था.
इसके बाद कोयला मंत्रालय ने रविवार को कहा कि बिजली प्लांट्स के पास करीब 72 लाख टन का कोयला भंडार है जो चार दिन के लिए पर्याप्त है. कोल इंडिया के पास 400 लाख टन का भंडार है जिसकी आपूर्ति बिजली संयंत्रों को की जा रही है. देश में कोयला आधारित बिजली उत्पादन इस साल सितंबर तक 24 प्रतिशत बढ़ा है. बिजली संयंत्रों को आपूर्ति बेहतर रहने की वजह से उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है.