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सिहोरा नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश के चलते डेंगू मलेरिया टाइफाइड सर्दी जुकाम का कहर

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जबलपुर जिले से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश के चलते जहां डेंगू मलेरिया टाइफाइड सर्दी जुकाम जैसी कई अन्य बीमारियां नगर वासियों के लिए मुसीबत बनी हुई है ।वही नगर की स्वास्थ्य व्यवस्था सुविधा चंद कचरा गाड़ियों के भरोसे चल रही हैं। देखा जाए तो जिस प्रकार से मध्यप्रदेश शासन द्वारा नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन टीकाकरण का कार्य तो तेजी से करा रहा है। लेकिन नगर ग्रामीण अंचलों में अन्य समस्याओं पर कोई भी विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं आज आलम यह है कि नर्मदा जल योजना के तहत खोदी गई नगर के समस्त वार्डों में नालियां रोडो की दुर्दशा के चलते जल भराव एवं नालिया चोक हो गई है।जिसके चलते मच्छर लावे अधिक मात्रा में पनप रहे हैं। इसके चलते ज्यादातर टाइफाइड मलेरिया डेंगू की बीमारियों से पीड़ित लोग अस्पतालों में इलाज कराने के लिए आ रहे हैं । जिला अधिकारी से लेकर अनुविभागीय अधिकारी को जिस तरह से नगर की जनता को सुविधा स्वास्थ्य व्यवस्था मुहैया करानी चाहिए उस प्रकार से कोई उचित ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं बल्कि देखा जाए तो स्थानीय प्रशासन की यह जिम्मेदारी बनती है कि नगर में बढ़ती समस्या व्यवस्था पर नगर में किए जा रहे कार्य को सुचारू रूप व्यवस्थित करने के लिए सुबह शाम भ्रमण पर निकलना चाहिए ।जिससे कि नगर की व्यवस्था देखी जा सके। सिहोरा नगर के अंतर्गत कई वार्ड ऐसे हैं जहां पर लंबे समय से बारिश के पानी के भराव के कारण मच्छर अधिक पनप रहे साथ ही दुर्गंध आने से बीमारियां नगर में पैर पसार रही हैं।उसके बाद भी स्थानीय प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं देता कोराना काल के चलते केवल प्रशासन ने एक ही कार्य करने की ठानी है। जिसके चलते आम जनता के कोई भी उचित कार्य न होने से अधिकांश परेशान है। देखा जाए तो अधिकांश शासकीय कार्यालय में कई साल जमे अधिकारी कमर्चारी-अधिकांश कार्ययोजना में लंबे समय से जमे हुए इंजीनियर,बाबू, स्वास्थ्य प्रभारी ट्रांसफर ना होने के कारण नगर की व्यवस्थाएं उनके ही नियम अनुसार चल रही हैं और अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है। जनता चाहकर भी अपने कार्य के लिए कार्यालयों के रोजाना चक्कर लगाती है। स्वास्थ्य मिशन कार्य नगर पालिका सिहोरा क्षेत्र के कई ऐसे वार्ड हैं जहां पर रोजाना कचरा साफ सफाई ना होने को लेकर कचरा वहीं पड़ा रहता हैं और दुर्गंध से जनता परेशान होती हैं।इसकी जवाबदेही स्थानीय प्रशासन की होती है। लेकिन राजनीतिक दबाव व ऑफिस से बाहर न निकले पर जनता की असुविधा जस की तस बनी रहती है। जब भी नगर की स्वास्थ्य सुविधा की बात अनुविभागीय अधिकारी एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी से फोन से की जाती है तो उनके द्वारा आश्वासन दे दिया जाता है कि अभी दिखते हैं लेकिन रात गई बात गई अपना काम बनता भाड़ में जाए जनता की रूपरेखा इस तरह दिखाई देती है।

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जबलपुर जिले में डेंगू से महिला आरक्षक की मौत

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जबलपुर-

जबल पुर में डेंगू का कहर जारी, अब महिला पुलिस आरक्षक को ली डेंगू ने जान, पुलिस लाइन में पदस्थ उषा तिवारी की डेंगू से मौत, स्वास्थ्य विभाग के पास से डेंगू से हुई मौत का डाटा नदारद, जबलपुर में डेंगू काल बनकर हर घर में दौड़ रहा है लगातार डेंगू से शहर की स्थिति बिगड़ रही है। इधर डेंगू ने पुलिस लाइन में पदस्थ एक महिला पुलिस आरक्षक की जान ले ली ।मृतिका महिला पुलिस अधीक्षक का नाम उषा तिवारी है ।जो कि कुछ दिनों पहले डेंगू से संक्रमित हुई थी। और उनका इलाज शहर के निजी अस्पताल में चल रहा था। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पुलिस लाइन के आलम्बन शाखा में पदस्थ उषा तिवारी का स्वास्थ खराब होने के कारण 9 तारीख को डाक्टर से चैक करवाया गया। एवं दवाईयॉ ली थी, 10 को डाक्टर की सलाह पर टेस्ट कराये थे। रिपेार्ट में डेंगू पॉजिटिव एवं प्लेटलेट्स 1 लाख 20 हजार थी, जो घर पर ही रहकर दवाईयॉ ले रही थी, 11-9-21 को दोपहर में स्वास्थ ज्यादा खराब होने पर उपचार हेतु निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहाँ ईलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गयी।महिला पुलिस आरक्षक की मौत हो गई। यह सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक जबलपुर सिद्धार्थ बहुगुणा त्रिमूर्तिनगर स्थित उनके घर पहुंचे। और शोकाकुल परिवार को सांतवना दी,उन्होंने कहा कि दुख की घड़ी में पूरा पुलिस परिवार उनके साथ है, एसपी ने मौके पर उपस्थित अधिकारियों को सभी व्यवस्थाओं के लिये आदेशित किया। एवं तत्काल परोपकार निधि राशि 1 लाख रूपये देने के लिए रक्षित निरीक्षक सौरभ तिवारी को निर्देशित किया गया।

महिला आरक्षक की चली गई डेंगू की बीमारी की वजह से जान

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विधायक अशोक रोहाणी ने दिया डेंगू से बचने एवं स्वच्छता बनाए रखने का संदे

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जबलपुर-जिले में डेंगू का लारवा तेजी से पैर फैला रहा है जिसकी वजह से पूरा शहर इसकी चपेट में आ चुका है प्रशासन और सरकार द्वारा जन जागरण अभियान चलाए जा रहे हैं लेकिन जागरूकता के अभाव में जगह-जगह फैली गंदगी और घरों के आसपास जमा पानी डेंगू के लारवा को बढ़ाने में मदद पहुंचा रहा है कैंट विधायक अशोक रोहाणी ने कार्यकर्ताओं से आव्हान किया है और जनता से अपील की है कि सभी घर के आसपास सफाई व्यवस्था बनाए रखें उन्होंने कहा है घर के आसपास पानी जमा न होने दें और सभी जागरूक रहें दूसरों को भी जागरूक रखें कैंट विधायक के निर्देश पर पूर्व मंडल अध्यक्ष संजय ठाकुर और कार्यकर्ताओं ने बस्तियों कालोनियों में दवा का छिड़काव किया है और नागरिकों से डेंगू के लारवा को नष्ट करने की साफ सफाई व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है।

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फिरोजाबाद में डेंगू और वायरल बुखार से अब तक 58 लोगों की मौत, अस्पताल में 100 नए मरीज भर्ती

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उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में संदिग्ध बुखार से एक और व्यक्ति की मौत होने से अब तक वायरल बुखार और डेंगू के प्रकोप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 58 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने शनिवार को जानकारी दी कि अस्पतालों में नए मरीजों के आने का सिलसिला थम नहीं रहा है। मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी (CMO) कार्यालय द्वारा शनिवार को जारी बुलेटिन के अनुसार जिले में संदिग्ध बुखार से पीड़ित एक और व्यक्ति की मौत की सूचना मिली है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि व्यक्ति की मौत डेंगू से हुई है या वायरल बुखार से। इसे मिलाकर जिले में मृतक संख्या बढ़कर 58 हो गई है।

सरकारी मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर संगीता अनेजा ने बताया कि शनिवार को अस्पताल के विभिन्न वॉर्डों में 100 नए मरीजों को भर्ती किया गया है। अनेजा ने कहा कि कुल 389 मरीजों में ज्यादातर बच्चे हैं जिनका अभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि शनिवार को मेडिकल कॉलेज से किसी की मौत की सूचना नहीं है। अनेजा ने बताया कि 150 नमूनों की जांच में 50 में डेंगू की पुष्टि हुई है। इस बीच, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ दिनेश कुमार प्रेमी ने उसायनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कई दिनों तक अनुपस्थित रहने पर 6 महिला स्वास्थ्य कर्मियों को नोटिस जारी किया और उन्हें अनुपस्थिति का कारण बताते हुए तुरंत ड्यूटी पर आने का आदेश दिया।

CMO कार्यालय ने यह भी कहा कि जिले में लगातार मलेरिया, डेंगू और वायरल बुखार की जांच की जा रही है और बेहतर इलाज सुनिश्चित करने के लिए प्रभावित मरीजों को तुरंत अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है। फिरोजाबाद जिला पिछले तीन हफ्तों से डेंगू और घातक वायरल बुखार के प्रकोप से जूझ रहा है। मरीजों में ज्यादातर बच्चे हैं। अधिकारियों के मुताबिक कुछ मामले पड़ोसी जिलों- मथुरा, आगरा और मैनपुरी में भी सामने आए हैं।

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