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एक भारत उत्कृष्ट भारत

JEE मेंस के लिए रजिस्ट्रेशन हुए बंद, एनटीए की वेबसाइट पर दिए गए निर्देशों का करना होगा कड़ाई से पालन

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डिजिटल भारत I जेईई मेंस के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जो छात्र परीक्षा के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं, उन्हें अब इन परीक्षाओं के लिए एडमिट कार्ड का इंतजार है। जानकारी के मुताबिक यह एडमिट कार्ड अगले सप्ताह जारी किए जाएंगे। यह परीक्षाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित करवाई जा रही हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के मुताबिक जेईई मेंस, परीक्षा केंद्रों में छात्रों को एडमिट कार्ड के साथ साथ अपनी मान्य फोटो आईडी भी लेकर आना होगा। ऐसे छात्र जो मान्य फोटो आईडी के बिना परीक्षा केंद्रों पर पहुंचेंगे उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी।

24 जनवरी से शुरू होंगी परीक्षाएं

गौरतलब है कि जेईई (मेंस) की परीक्षाएं इस माह जनवरी 24, 25, 27, 28, 29, 30 और 31 तारीख को आयोजित की जा रही हैं। सत्र 2023-24 के लिए जेईई (मेंस) दो सत्रों में आयोजित किया जाएगा। पहले सत्र की परीक्षाएं जनवरी और दूसरे सत्र की परीक्षाएं अप्रैल में आयोजित की जाएंगी। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के मुताबिक जल्दी ही सभी छात्रों को परीक्षा के केंद्र संबंधित शहरों की जानकारी दे दी जाएगी और जनवरी के तीसरे सप्ताह में छात्र अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे।

शिक्षा मंत्रालय ने किया है अहम बदलाव

आईआईटी जैसे प्रसिद्ध इंजीनियरिंग संस्थानों में दाखिले के लिए होने वाली जेईई परीक्षा की पात्रता को लेकर पिछले दिनों शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक अहम बदलाव किया गया था। इस बदलाव के मुताबिक किसी भी शैक्षणिक बोर्ड के टॉप 20 परसेंटाइल वाले छात्र जेईई की परीक्षा दे सकेंगे। अभी तक कम से कम 75 परसेंट अंक हासिल करने वाले छात्र ही इन परीक्षाओं में शामिल हो सकते थे।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय व यह परीक्षाएं आयोजित करवाने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के मुताबिक अभी तक जेईई परीक्षाओं में शामिल होने का क्राइटेरिया 12वीं कक्षा में 75 फीसदी अंक प्राप्त करना था। हालांकि पात्रता की शर्तों में किए गए बदलाव के बाद 12वीं कक्षा में सीबीएसई व राज्य बोर्ड के टॉप 20 पर्सेंटाइल में शामिल सभी छात्र जेईई की परीक्षा दे सकते हैं। एससी और एसटी उम्मीदवारों के लिए यह कट-ऑफ 65 फीसदी है।

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भारत चीन के बीच व्यापार घटा , व्यापार घाटा 100 अरब डॉलर पार

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डिजिटल भारत I ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक़, पिछले साल दोनों मुल्कों के बीच 8.4% की वृद्धि के साथ व्यापार 135.98 अरब डॉलर पहुंच गया और इसके साथ ही भारत का व्यापार घाटा भी 100 अरब डॉलर के नए स्तर को पार कर गया.

जबकि इससे पिछले साल यानी 2021 में दोनों देशों के बीच व्यापार का आंकड़ा 125.62 अरब डॉलर था.

ये आकंड़े शुक्रवार को चीन के कस्टम विभाग ने जारी किए हैं. इन आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल भारत को होने वाले चीनी सामान के निर्यात में 21.7% की वृद्धि हुई है और यह 118.5 अरब डॉलर हो गया है.

सीमा पर तनाव से बेपरवाह व्यापार

पिछले दो सालों में चीन और भारत के बीच सीमा पर तनाव बढ़ा है. यहां तक कि कई दफ़े हिंसक झड़पें हुई हैं.

लेकिन दूसरी तरफ़ व्यापार के क्षेत्र में भारत की चीन पर निर्भरता भी लगातार बढ़ी है.

पिछले महीने 9 दिसम्बर को सिक्किम के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी.

इस झड़प में कुछ भारतीय सैनिकों को चोटें भी आईं. इससे पहले गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों की मौत हो गई थी.

पिछले कुछ सालों से दोनों देशों के बीच एक के बाद एक तनाव की घटनाएं सामने आ रही हैं.

गलवान से पहले दोनों देश डोकलाम में क़रीब ढाई महीने तक दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने आ गईं. हालांकि इस बीच दोनों देशों की सेनाओं के बीच लगातार बॉर्डर फ्लैग मीटिंग भी होती रही.

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में साल 2020 में गंभीर स्थिति पैदा हो गई थी. अप्रैल 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शुरू हुए सैन्य गतिरोध के बाद भारत ने चीन से स्पष्ट रूप से कहा था कि ‘सीमा पर तनाव के साथ बाक़ी संबंध सामान्य नहीं रह सकते.’

इसके बाद चीन से निवेश में कमी आई क्योंकि मोदी सरकार ने कई तरह की पाबंदियां लगा दी थीं. भारत ने 5G ट्रायल से चीनी कंपनियों को बाहर किया और 200 से ज़्यादा ऐप पर बैन भी लगाए.

वहीं अगर भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों को देखें तो पता लगता है कि गलवान के बाद भी चीन से आयात बढ़ता गया.

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इस दिन हुई थीं ये ऐतिहासिक घटनाएं हिंदू धर्म में सूर्यदेवता से जुड़े कई प्रमुख त्‍योहारों को मनाने की परंपरा है उन्‍हीं में से एक है मकर संक्राति

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डिजिटल भारत I हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति के अवसर पर स्नान और दान को बेहद अहम माना जाता है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं और इसके साथ ही सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायन में भी जाते हैं। इसलिए ये स्नान बेहद अहम हो जाता है। स्नान के बाद खिचड़ी, तिल, वस्त्र आदि का दान किया जाता है।

हिंदू धर्म में सूर्यदेवता से जुड़े कई प्रमुख त्‍योहारों को मनाने की परंपरा है। उन्‍हीं में से एक है मकर संक्राति। आज मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है। शीत ऋतु के पौस मास में जब भगवान भास्‍कर उत्‍तरायण होकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो सूर्य की इस संक्रांति को मकर संक्राति के रूप में देश भर में मनाया जाता है। वैसे तो मकर संक्रांति हर साल 14 जनवरी को मनाई जाती है, लेकिन पिछले कुछ साल से गणनाओं में आए कुछ परिवर्तन के कारण इसे 15 जनवरी को भी मनाया जाने लगा है। इस साल भी मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जा रही है।

स्नान और दान कर लगाई आस्था की डुबकी; 7 सौ से अधिक पुलिस बल तैनात

जबलपुर में मकर संक्रांति के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के घाटों पर पहुंचने का सिलसिला जारी है। शहर में तड़के की ठंड होने के बावजूद श्रद्धालु मकर संक्रांति के पर्व पर स्नान करने गौरीघाट सहित तमाम घाटों में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। सुबह से ही भक्तों का तांता गौरीघाट, तिलवारा घाट, लम्हेटा घाट सहित अन्य घाटों में लगा हुआ हैं। हालांकि जिले में मकर संक्रांति आज और कल दोनों ही दिन मनाई जाएगी

मकर संक्रांति के अवसर पर जबलपुर पुलिस ने भी खास तैयारियां की है। पुलिस प्रशासन के मुताबिक कोरोना के दो साल बाद मकर संक्रांति स्नान हो रहा है। ऐसे में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। जिसे देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए हैं। जिले के तमाम घाटों में 6 सौ से अधिक पुलिस बल तैनात किया गया है।

गौरी घाट में अधिक भीड़ होने के कारण इसे 4 जोन में विभाजित किया गया है। पुलिस के द्वारा संदिग्ध लोगों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी लगाए गए हैं। इसके साथ ही घाटों में होम गार्ड के जवान भी तैनात किए गए हैं। साथ ही सड़कों में बैरिकेट्स भी लगाए गए हैं घाटों में पार्किंग के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। गौरी घाट में रामलला मंदिर के नजदीक से डायवर्सन किया गया है। जहां दशहरा मैदान में पार्किंग की गई है। पुलिस के द्वारा घाट स्थल में दोपहिया और चार पहिया वाहन को प्रतिबंधित किया गया है।

शास्‍त्रों में मकर संक्रांति के दिन स्‍नान, ध्‍यान और दान का विशेष महत्‍व बताया गया है। पुराणों में मकर संक्रांति को देवताओं का दिन बताया गया है। मान्‍यता है कि इस दिन किया गया दान सौ गुना होकर वापस लौटता है

मान्यता है कि इस अवसर पर दिया गया दान 100 गुना बढ़कर पुन: प्राप्त होता है। इस दिन शुद्ध घी एवं कंबल का दान मोक्ष की प्राप्ति करवाता है। महाभारत काल में भीष्म पितामह ने अपनी देह त्यागने के लिये मकर संक्रांति का ही चयन किया था। मकर संक्रांति के दिन ही गंगाजी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर में जाकर मिली थीं।

श्रीमद्भागवत एवं देवी पुराण के मुताबिक, शनि महाराज का अपने पिता से वैर भाव था क्योंकि सूर्य देव ने उनकी माता छाया को अपनी दूसरी पत्नी संज्ञा के पुत्र यमराज से भेद-भाव करते देख लिया था, इस बात से नाराज होकर सूर्य देव ने संज्ञा और उनके पुत्र शनि को अपने से अलग कर दिया था। इससे शनि और छाया ने सूर्य देव को कुष्ठ रोग का शाप दे दिया था।

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क्षेत्रीय पार्टियां रहेंगी अहम, अमर्त्य सेन ने बताया किस नेता में है PM बनने की काबिलियत : 2024 लोकसभा चुनाव

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डिजिटल भारत I 2024 लोकसभा चुनावः सेन ने कहा कि भाजपा ने भारत के विजन को छोटा किया है। भाजपा ने भारत की समझ को छोटा करते हुए इसे सिर्फ हिंदू इंडिया और हिंदी बोलने वाले इंडिया के तौर पर ही देखा है। यह देखना काफी दुखदायक होगा कि अगर आज भारत में बीजेपी का कोई विकल्प ही नहीं मिलता है।

नोबेल पुरस्कार विजेता मशहूर अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन का कहना है कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में कई क्षेत्रीय पार्टियां अहम भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा कि यह सोचना गलती होगी कि 2024 में भाजपा एकतरफा जीत हासिल करेगी। अमर्त्य सेन ने ये भी कहा कि कांग्रेस काफी कमजोर हो चुकी है लेकिन उसकी ताकत राष्ट्रव्यापी दृष्टिकोण है, जो किसी अन्य पार्टी के पास नहीं है। नोबेल पुरस्कार विजेता ने ये भी कहा कि टीएसी की मुखिया ममता बनर्जी में देश की प्रधानमंत्री बनने की काबिलियत है।


2024 लोकसभा चुनावः सेन ने कहा कि भाजपा ने भारत के विजन को छोटा किया है। भाजपा ने भारत की समझ को छोटा करते हुए इसे सिर्फ हिंदू इंडिया और हिंदी बोलने वाले इंडिया के तौर पर ही देखा है। यह देखना काफी दुखदायक होगा कि अगर आज भारत में बीजेपी का कोई विकल्प ही नहीं मिलता है।


नोबेल पुरस्कार विजेता मशहूर अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन का कहना है कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में कई क्षेत्रीय पार्टियां अहम भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा कि यह सोचना गलती होगी कि 2024 में भाजपा एकतरफा जीत हासिल करेगी। अमर्त्य सेन ने ये भी कहा कि कांग्रेस काफी कमजोर हो चुकी है लेकिन उसकी ताकत राष्ट्रव्यापी दृष्टिकोण है, जो किसी अन्य पार्टी के पास नहीं है। नोबेल पुरस्कार विजेता ने ये भी कहा कि टीएसी की मुखिया ममता बनर्जी में देश की प्रधानमंत्री बनने की काबिलियत है।


90 वर्षीय अर्थशास्त्री ने पीटीआई के साथ बातचीत में कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में कुछ क्षेत्रीय पार्टियां अहम भूमिका निभाएंगी। इनमें डीएमके, टीएमसी जैसी पार्टियां शामिल हैं। अमर्त्य सेन ने समाजवादी पार्टी को भी अहम बताया। उन्होंने कहा कि यह सोचना गलती होगी कि कोई भी पार्टी भाजपा की जगह नहीं ले सकती क्योंकि भाजपा ने खुद को ऐसी पार्टी के रूप में स्थापित कर लिया है, जिसका झुकाव साफ तौर पर हिंदुत्व की तरफ है।


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 48 घंटे के बाद तापमान में दो से तीन डिग्री तक गिरावट आने के आसार फिर बढ़ेगी ठंड

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डिजिटल भारत I पश्चिमी विक्षोभ के असर से चौथे दिन भी दिन में ठंड का असर कमजोर रहा। शनिवार को धूप में तो निकली ही पर हल्के बादल भी छा रहे हैं। अधिकतम तापमान भी सामान्य से करीब तीन डिग्री तक बढ़ गया। उत्तर के साथ पश्चिमी हवाएं चलने से रात में भी ठंड का असर कम रहा। अगले 48 घंटे तक मौसम ऐसा ही रहेगा।

15 जनवरी के बाद एक बार फिर कड़ाके की ठंड पड़ने के साथ ही शीतलहर चलने के आसार हैं।

तापमान में ज्यादा परिवर्तन नहीं आएगा। हालांकि दो दिन बाद मौसम में बदलाव आ सकता है। मौसम विभाग केे अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के चलते उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हो रही है। इसके असर से मैदानी इलाकाें में ठंड का असर बढ़ जाएगा।

मौसम विभाग के अनुसार 15 जनवरी में मौसम में बदलाव आएगा। घने के कोहरे के साथ ठंडी हवाएं ठिठुरन बढ़ाएगी। 15 जनवरी से तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की जा सकती है।

न्यूनतम तापमान 12 डिगी के करीब

फिलहाल तापमान के बढ़ने का क्रम जारी है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 27.1 डिग्री रिकार्ड किया गया। जबकि न्यूनतम तापमान तीन डिग्री बढ़कर 11.6 डिग्री पर पहुंच गया। शनिवार को न्यूनतम तापमान 12.2 डिग्री तक पहुंच गया है।

दिन में गरमाहट तो रात को ठंडक घुल रही है। गत वर्ष की बात करें तो आज के दिन अधिकतम तापमान 21.1 और न्यूनतम 10.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया था।

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कप्तान रोहित के भरोसे पर खरे उतरे कुलदीप यादव टीम इंडिया को वर्ल्ड कप जितने की रखते है ताकत

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डिजिटल भारत I भारत ने दो बार वनडे वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया है. कपिल देव की कप्तानी में 1983 में और महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में साल 2011 में वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था, लेकिन साल 2015 और साल 2019 वनडे वर्ल्ड कप में भारत को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा.

इस बार वनडे वर्ल्ड का आयोजन भारत में होना है. टीम इंडिया इस बार खिताब जीतने की प्रबल दावेदार नजर आ रही है. भारत के पास एक ऐसा प्लेयर है, जो वनडे वर्ल्ड कप की ट्रॉफी दिला सकता है. आइए जानते हैं, इसके बारे में.

इस प्लेयर ने दिखाया दम

भारतीय पिचें हमेशा से ही स्पिनर्स की मददगार होती है. इन पिचों पर बल्लेबाजों को स्पिन गेंदबाजों को सामने दिक्कत का सामना करना पड़ता है. श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज से टीम इंडिया वनडे वर्ल्ड कप की तैयारियां कर रही है. श्रीलंका के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में कुलदीप यादव ने कमाल का प्रदर्शन किया. उन्होंने अपने खेल सभी का दिल जीत लिया. उन्होंने 10


कुलदीप यादव की गेंदों को समझ पाना इतना आसान नहीं है. वह जल्दी ही अपना ओवर पूरा कर लेते हैं और काफी किफायती साबित होते हैं. वह सफेद गेंद क्रिकेट के बड़े महारथी हैं. कुलदीप को भारतीय पिचों का पूरा अनुभव है. वह आईपीएल में यहां पर अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं. श्रीलंका के खिलाफ मैच में भी वह कप्तान रोहित शर्मा के भरोसे पर बिल्कुल खरा उतरे हैं. ऐसे में वह वनडे वर्ल्ड कप में अहम रोल निभा सकते हैं.

भारत के लिए खेले तीनों ही फॉर्मेट

कुलदीप यादव ने भारतीय टीम के लिए 8 टेस्ट मैचों में 34 विकेट, 73 वनडे मैचों में 119 विकेट और 25 टी20 मैचों में 44 विकेट दर्ज हैं. उनके नाम ही भारत की तरफ से वनडे क्रिकेट में सबसे तेज 100 विकेट लेने का रिकॉर्ड है.

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वित्त मंत्री दे सकती हैं आपको दोगुना फायदा PPF में निवेश करने वालों को मिलेगी Good News

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डिजिटल भारत I हर साल जनवरी का महीना नई उम्‍मीदों के साथ आता है. इस दौरान यून‍ियन बजट से भी आम आदमी की उम्‍मीदें काफी बढ़ जाती हैं. ब‍िजनेसमैन से लेकर सैलडी क्‍लॉस तक और फाइनेंस एक्‍सपर्ट सबकी अपनी व‍िश ल‍िस्‍ट होती है. यह भी सही है क‍ि हमारे लॉन्‍ग टर्म गोल्‍स कम इनकम टैक्‍स और टैक्‍स सेव‍िंग से ही पूरे हो पाते हैं. बजट को लेकर सभी ने अपनी स‍िफार‍िशें की हैं. नौकरीपेशा की तरफ से सबसे बड़ी मांग पांच लाख रुपये तक की आय को टैक्‍स फ्री करने की की जा रही है. इसके अलावा आयकर की धारा 80सी के तहत न‍िवेश सीमा बढ़ाने की भी मांग की जा रही है.

ब‍िजनेसमैन की भी पसंदीदा बचत योजना
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) की तरफ से भेजी गई सिफारिश में पीपीएफ (PPF) की सालाना जमा सीमा को डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये करने क‍िये जाने की सिफारिश की गई है. नौकरीपेशा के साथ ही ब‍िजनेसमैन की भी यह पसंदीदा बचत योजना है. अगर सरकार की तरफ से यह कदम उठाया जाता है तो यह गैर वेतनभोग‍ियों के ल‍िए सबसे ज्‍यादा फायदे वाली घोषणा साब‍ित होगी, क्‍योंक‍ि ऐसे लोगों के पास ईपीएफ में न‍िवेश का भी व‍िकल्‍प नहीं होता.

PPF की जमा सीमा में इजाफा क‍िया जाना जरूरी
ICAI की तरफ से भेजे गए सुझाव में कहा गया क‍ि PPF की जमा सीमा में इजाफा क‍िया जाना जरूरी है. क्योंकि यह सुरक्षित और टैक्स अफेक्टिव बचत योजना है. आईसीएआई (ICAI) की तरफ से टैक्‍स पेयर्स को निवेश के लिए प्रेरित करने के लिए हाउस इंश्‍योरेंस, ट्रैवल इंश्‍योरेंस, पर्सनल एक्‍सीडेंट इंश्‍योरेंस आदि के प्रीम‍ियम पर अलग कटौती की अनुमति देने के लिए भी कहा गया है.

दूसरी मेट्रो स‍िटी में भी म‍िले 50% HRA का फायदा
जब हाउस रेंट अलाउंस (HRA) की बात होती है तो टैक्‍स पेयर्स को आयकर कटौती का फायदा म‍िलता है. यह फायदा मेट्रो और नॉन मेट्रो स‍िटी के बेस पर भी म‍िलता है. अब व‍िशेषज्ञों की यह भी सलाह है क‍ि मूल वेतन के 50 प्रत‍िशत महंगाई भत्‍ते का फायदा द‍िल्‍ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्‍नई के अलावा दूसरी मेट्रो स‍िटी में भी म‍िलना चाह‍िए

PPF क्या है?
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) भारत में सबसे लोकप्रिय, लंबी अवधि के निवेश विकल्पों में से एक है. यह रिटायरमेंट के बाद निवेशकों के लिए लंबे समय तक सेविंग करने की बचत योजना है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक अपने लाइफ पार्टनर के नाम पर PPF अकाउंट खोलने से निवेशक के PPF निवेश की लिमिट भी दोगुनी हो जाएगी, हालांकि तब भी इनकम टैक्स छूट की सीमा तब भी 1.5 लाख रुपये ही होगी.

1 फरवरी को देश का बजट (Budget 2023) पेश होना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) से देश को कई बड़े ऐलान की उम्मीद होगी. खासकर टैक्सपेयर्स की नजरें एक बार फिर उन्हें बड़ी उम्मीदों के साथ देख रही होंगी. टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स का बोझ कम करने के लिए क्या कोई लिमिट बढ़ सकती है या फिर इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव हो सकता है?

ये तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा. बजट (Union Budget) की तैयारियों के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने स्टेकहोल्डर्स और आम पब्लिक से सुझाव मांगे थे. लेकिन, इस बीच बड़ी खबर निकल कर आई है. सूत्रों की मानें तो सरकार इस बार PPF में निवेश (PPF Investment) करने वालों को बड़ा तोहफा देने जा रही है. ऐसा तोहफा कि उन्हें इससे दोगुना फायदा मिल सकता है.

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Nitin Gadkari ने बताई कमाल ट्रिक Car खरीदने पर सीधा 15% की छूट

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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मोटर वाहन बाजार है, और पांच साल के भीतर सबसे बड़ा बनने की क्षमता है 

डिजिटल भारत I कार खरीदते समय ग्राहकों एक्स-शोरूम कीमत के ऊपर रजिस्ट्रेशन चार्ज और इंश्योरेंस समेत कई शुल्क चुकाने होते हैं. ऐसे में हर कोई चाहता है कि उन्हें थोड़ा-बहुत डिस्काउंट मिल जाए. इस बीच ग्रेटर नोएडा में चल रहे ऑटो एक्सपो 2023 में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक कमाल का तरीका बताया है. उन्होंने बताया कि सरकार की व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी से ग्राहक और कंपनी दोनों को फायदा हो सकता है. मंत्री ने उद्योग के कबाड़ (स्क्रैप) क्षेत्र में मंत्रालय के सहयोग की उम्मीद जताई.

उन्होंने स्क्रैप पॉलिसी के कारण बिक्री में 24 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया. ऑटो एक्सपो-2023 में अपने संबोधन में गडकरी ने कहा, ‘‘कबाड़ के मामले में वाहन कंपनियों के लिए कच्चे माल की लागत में 33 प्रतिशत की कमी के साथ बिक्री में 10-12 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी. जो लोग अपने वाहन को कबाड़ बनाने वाले हैं, वे निश्चित रूप से नया वाहन खरीदेंगे.’’ उन्होंने कंपनियों को सलाह दी कि उन्हें कबाड़ प्रमाणपत्र दिखाने वाले ग्राहकों को नए वाहनों की खरीद पर छूट देनी चाहिए.

उन्होंने आगे कहा, ‘‘हम भी इसमें वित्त मंत्रालय से कुछ छूट लेने की कोशिश कर रहे हैं.. लेकिन अगर आप कुछ छूट दे सकते हैं तो इससे आपको लाभ होगा क्योंकि आपका कारोबार और मुनाफा बढ़ेगा.’’

आपको बता दें कि इस पॉलिसी के तहत अगर आपकी गाड़ी 15 साल से ज्‍यादा पुरानी है तो उसे स्‍क्रैप कराना होगा. ऐसा कराने पर सरकार आपको एक सर्टिफिकेट देगी. इस सर्टिफिकेट के आधार पर आपको एक साल के अंदर नई गाड़ी खरीदने पर रजिस्‍ट्रेशन के दौरान टैक्‍स में 15 प्रतिशत तक छूट मिलेगी. हालांकि अगर आप कमर्शियल कार ले रहे हैं, तो छूट 10 प्रतिशत तक मिलेगी

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17 करोड़ 49 लाख रुपये की राशि खर्च करने के बाद भी अभी तक सिर्फ 56 अमृत सरोवरों का किया गया निर्माण

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डिजिटल भारत I आजादी के अमृत महोत्सव के तहत केंद्र सरकार के आह्वान पर जिले में सौ से ज्यादा अमृत-सरोवरों का निर्माण कराया जा रहा है। इनके निर्माण कार्य की डैडलाइन लगातार आगे सरकती जा रही, लेकिन काम की रफृतार बहुत धीमी है। फिलहाल 31 मार्च 2023 तक काम पूरा कराने का लक्ष्य तय किया गया है।

इस तरह से बमुश्किल ढाई महीने ही बचे हैं, लेकिन काम की पूर्णता का प्रतिशत 55 के आस-पास ही है। यद्यपि अधिकारी सत्रांत तक लक्ष्य प्राप्त कर लेने की बात कह रहे हैं।

मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक अमृत-सरोवर योजना है। इसके पीछे की साेच यह रही है कि इस माध्यम से बरसाती पानी को एक जगह रोक कर रखा जा सके और जरूरत पड़ने पर उसका उपयोग सिंचाई व अन्य प्रकार की जल-जरूरतों के रूप में किया जा सके।

जिले में इस योजना के तहत पहले 63 अमृत-सरोवरों का लक्ष्य तय किया गया था, जिसे कुछ समय बाद बढ़ाकर 101 कर दिया गया था। इन सभी के लिए तकनीकि और प्रशासनिक स्वीकृति भी समय पर हासिल की जा चुकी है। निर्माण कार्य के लिए राशि भी जारी की जा चुकी है। पूरा अमला काम में गति लाने के लिए हाथ-पांव मार रहा है।

अब तक जिले में कुल 56 सरोवरों का ही निर्माण कार्य पूरा हो पाया है। इनके निर्माण पर करीब आठ करोड़ अठासी लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं। हालांकि कुल 101 निर्माण कार्यों केे लिए 17 करोड़ 49 लाख रुपये जारी किए गए हैं। करीब 20 सरोवर ऐसे हैं जिनका निर्माण कार्य 50 प्रतिशत से अधिक पूर्ण हो चुका है। अफसरों को भरोसा है कि 15 अगस्त तक शत-प्रतिशत सरोवरोंं का काम पूरा हो सकता है।

कहां कितने बनने हैं, कितने बन पाए…

जबलपुर जिले आठ विकासखंडों में 101 अमृत-सरोवर बनने हैं, जिनमें से 56 बन पाए हैं। विकासखंड जबलपुर-बरगी में 10 बनने थे, जिनमें से चार बन पाए हैं। कुंडम में 21 बनने थे, जिनमें से आठ बने हैं। मझौली में 26 बनने थे, जिनमें से 17 बन चुके हैं। पनागर में छह बनने थे, जिनमें से चार ही बन पाए हैं। पाटन में पांच प्रस्तावित रहे, जिनमें से तीन, शहपुरा में 19 बनने थे, जिनमें से 13 और सिहोरा में 14 बनने थे, जिनमें से सात ही बन पाए हैं।

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मेडिकल कॉलेज मैं लगाई जा रही सीधी भर्ती पर रोक

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डिजिटल भारत I हाईकोर्ट के न्यायाधीश संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में सीधी भर्ती में इनसर्विस कैंडीडेट्स के चयन पर अंतरिम रोक लगा दी है। इसी के साथ शासकीय अधिवक्ता को राज्य शासन से निर्देश हासिल कर अवगत कराने के निर्देश कोर्ट ने दिए हैं।

याचिकाकर्ता ग्वालियर निवासी इनसर्विस कैंडीडेट रोहित शर्मा की ओर से कहा गया कि अपर सचिव, मेडिकल एजुकेशन विभाग ने स्वशासी मेडिकल कालेजों में सीधी भर्ती के सिलसिले में 27 दिसंबर, 2022 को विज्ञापन जारी किया था।

इसमें शर्त थी कि पहले चरण में इनसर्विस कैंडीडेट्स को वरीयता दी जाएगी। इस सिलसिले में सभी स्वशासी मेडिकल कालेज इंटरनल रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे कि उनके यहां पदोन्नति योग्य इनसर्विस कैंडीडेट्स की स्थिति क्या है?

यदि इनसर्विस उम्मीदवारों का अभाव रहा, तब दूसरे चरण में बाहरी आवेदकों को सीधी भर्ती प्रक्रिया में महत्व दिया जाएगा। याचिकाकर्ता ने विज्ञापन की इस शर्त को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है।

उसका कहना है कि इस तरह सीधी भर्ती प्रक्रिया को इनसर्विस आवेदकों के लिए आरक्षित नहीं कर सकते। नियमानुसार यह प्रक्रिया ओपन होनी चाहिए।

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