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फीका पड़ा होली का रंग! घरेलू रसोई गैस 50 रुपये महंगा, कॉमर्शियल सिलेंडर के भी बढ़े दाम

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डिजिटल भारत I होली का त्‍योहार आने से ठीक पहले रसोई गैस सिलेंडर ने महंगाई की ‘आग’ भड़का दी है. घरेलू बाजार में बुधवार सुबह रसोई गैस सिलेंडर के दाम 50 रुपये बढ़ गए हैं. सरकारी तेल कंपनियों ने कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में भी बढ़ोतरी की है. कॉमर्शियल सिलेंडर आज से 350.50 रुपये महंगा हो गया है.

सरकारी तेल कंपनियों की ओर से जारी 14.2 किलोग्राम वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में आज 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई. राजधानी दिल्‍ली में घरेलू रसोई गैस सिलेंडर का दाम अब 1103 रुपये पहुंच गया है. पहले यहां 1053 रुपये में सिलेंडर मिलता था. घरेलू सिलेंडर की कीमतों में करीब 8 महीने बाद बढ़ोतरी की गई है.

इससे पहले 6 जुलाई, 2022 को घरेलू गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाए गए थे. मुंबई में रसोई गैस सिलेंडर 1052.50 रुपये के बजाए अब 1102.5 रुपये में मिलेगा. कोलकाता में भी एलपीजी सिलेंडर 1079 रुपये से बढ़कर 1129 पहुंच गया है. वहीं, चेन्‍नई में 1068.50 रुपये की जगह 1118.5 रुपये में घरेलू गैस सिलेंडर बिक रहा है.


कॉमर्शियल सिलेंडर ने भी दिया झटका
सरकारी तेल कंपनियों ने 19 किलोग्राम वाले कॉमर्शियल सिलेंडर के दाम भी 350 रुपये से ज्‍यादा बढ़ा दिए हैं. दिल्‍ली में अब कॉमर्शियल सिलेंडर 1769 रुपये के बजाए 2119.50 रुपये में मिलेगा. कोलकाता में 1870 रुपये में मिल रहा कॉमर्शियल सिलेंडर अब 2221.50 रुपये में मिलेगा. मुंबई में अभी तक 1721 रुपये में मिल रहा कॉमर्शियल गैस सिलेंडर अब 2071.50 रुपये में मिलेगा. चेन्‍नई में भी अभी तक 1917 रुपये में मिल रहा कॉमर्शियल गैस सिलेंडर अब बढ़कर 2268 रुपये में पहुंच गया है.

यूपी में अभी नहीं बदले रेट
सरकारी तेल कंपनियों ने 1 मार्च से नई दरें लागू कर दी हैं, लेकिन यूपी में अभी रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं दिख रही. राजधानी लखनऊ में 14.2 किलोग्राम वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 1090.50 रुपये ही दिख रही, जबकि नोएडा में भी रसोई गैस 1050.50 के पुराने रेट पर ही मिल रहा. हालांकि, जयपुर में यह बढ़कर 1106.50 रुपये, पटना में 1201 रुपये, 1111.50 रुपये और बैंगलोर में 1105.50 रुपये पहुंच गया है.


सबसे ज्‍यादा खपत रसोई में
अगर एलपीजी सिलेंडर के खपत की बात की जाए तो सबसे ज्‍यादा इस्‍तेमाल रसोई में होता है. सरकारी तेल कंपनियों की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021-22 में एलपीजी की 90 फीसदी खपत रसोई में हुई, जबकि 8 फीसदी इंडस्ट्रियल यूज रहा. इसके अलावा वाहनों में भी 2 फीसदी एलपीजी सिलेंडर का इस्‍तेमाल किया गया. सरकार उज्‍ज्‍वला योजना के तहत करीब 8 करोड़ लाभार्थियों को सालभर में 12 सिलेंडर सब्सिडी पर मुहैया कराती है.

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8 थाने कप्तानो के इंतजार में टी.आई संभाल रहे जबलपुर शहर

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डिजिटल भारत I 8 थाने कप्तानो के इंतजार में टीआई संभाल रहे जबलपुर शहर और ग्रामीण 8 थाने कप्तानों के इंतजार में है स्थिति यह है कि तालमेल की कमी के चलते थानों में कार्य प्रभावित हो रहा है जिसके चलते थाने की कमान टीआई संभाल रहे है शहर के आठ थाने टी आई विहीन है कारण प्रशासनिक है लेकिन आमजन बढ़ रही क्राइम्स के ग्राफ से आतंकित हैं चोरी की वारदातों मैं जहां लोगों की नाक में दम कर रखा है वही मर्डर लूट किडनैपिंग जैसे गंभीर अपराधियों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है
शहर के लॉर्डगंज ओमती, सहित गोरखपुर घमापुर सहित ग्रामीण थाने पाटन पनागर गोसलपुर और मझोली थाने में टीआई फिलहाल पदस्थ नहीं है इनके स्थान पर एसआई बतौर प्रभारी चार्ज संभाल रहे हैं या लंबे समय से कप्तानों का इंतजार है टी आईओ की पदस्थापना ना होने से कमान संभाल रहे प्रभारी काम के बोझ में तनाव में है

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मॉं नर्मदा में मिलने वाले गंदे पानी को रोकने की दिशा में महापौर के प्रयास तेज

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डिजिटल भारत I पूज्य स्वामी गिरीशानंद जी और मुक्तेश्वरानंद जी महाराज के साथ महापौर जगत बहादुर सिंह ‘‘अन्नू’’ ने किया नर्मदा के तटों का निरीक्षण

सड़कों पर यातायात का दबाव कम करने की दिशा में भी नई सड़क का निर्माण, पार्किंग एवं अन्य पहल करने अधिकारियों को दिये निर्देश

नगर निगम द्वारा महापौर जगत बहादुर सिंह ‘‘अन्नू’’ के निर्देशानुसार शहर की साफ-सफाई व्यवस्था के साथ-साथ मॉं नर्मदा के तटों पर भी बेहतर साफ-सफाई नियमित रूप से कराई जा रही है। महापौर की पहल पर ही मॉं नर्मदा में मिलने वाले गंदे पानी को रोकने के लिए भी तेजगति से नगर निगम काम कर रहा है। जिसका निरीक्षण आज महापौर जगत बहादुर सिंह ‘‘अन्नू’’, पूज्य स्वामी गिरीशानंद जी महाराज, मुक्तेश्वरानंद जी महाराज, एवं एम.आई.सी. सदस्य तथा स्वास्थ्य प्रभारी अमरीश मिश्रा और पूर्व एम.आई.सी. सदस्य मनीष दुबे के साथ किया। मॉं नर्मदा के तटों का निरीक्षण कर महापौर ने गंदे नालों से मिलने वाले पानी को रोकने के लिए लगाने वाले एस.टी.पी. प्लांट स्थल का भी निरीक्षण किया और तेज गति से कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये।
महापौर ने बताया कि बहुत शीघ्र ही एस.टी.पी. प्लांट लगाकर मॉं नर्मदा नदी में मिलने वाले गंदे एवं प्रदूषित पानी को फिल्टर कर स्वच्छ किया जायेगा। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पार्किंग व्यवस्था को भी व्यवस्थित कराने के अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने तटों एवं आस-पास के सभी क्षेत्रों में बेहतर साफ-सफाई व्यवस्था रखने के भी अधिकारियों को निर्देश दिये।
गौरतलब है कि महापौर जगत बहादुर सिंह ‘‘अन्नू’’ के द्वारा महापौर पद संभालने के तत्काल बाद ही घोषणा के अनुरूप मॉं नर्मदा को स्वच्छ एवं निर्मलता प्रदान करने की दिशा में प्रयास तेज कर दिये गए, जिसके परिणाम स्वरूप 17.50 करोड़ रूपये के टैण्डर जारी कर कार्रवाई प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि बहुत शीघ्र ही तटों के ऊपर एस.टी.पी. प्लांट लगाकर गंदे पानी के बहाव को रोका जायेगा। इस अवसर पर अधीक्षण यंत्री अजय शर्मा, कार्यपालन यंत्री कमलेश श्रीवास्तव, शैलेन्द्र मिश्रा आदि उपस्थित रहे।

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17 साल बाद लोटा मारा हुआ बेटा परिजन हैरान

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डिजिटल भारत I जिसका क्रियाकर्म किया, वो बेटा 17 साल बाद लौट आया:परिजन मान चुके थे मर गया; सामने देखकर रो पड़े सभी
बड़वानी का एक युवक 17 साल बाद घर लौटा। परिजन मरा हुआ मानकर उसका क्रियाकर्म कर चुके थे। युवक साल 2006 में बिना बताए घर से कहीं चला गया था। घरवालों और रिश्तेदारों ने उसे खूब ढूंढा, लेकिन जब नहीं मिला तो यह मान लिया कि वो मर चुका है। बेटा खोने के दुख में डूबी मां का साल 2014 में निधन हो गया। परिजन ने मां के साथ युवक का भी क्रियाकर्म कर दिया। अब जिंदा घर लौटा तो देखकर खुशी के मारे सभी रो पड़े।

यह कहानी है सेंधवा ब्लॉक मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर धनोरा के नवाड फलिया निवासी प्रेमसिंग (47) पिता लच्छिया की। वो बचपन से ही धार्मिक प्रवृत्ति का है। घरवालों के साथ खेती किसानी करता था। 2001 से मानसिक रूप से बीमार रहने लगा। 2006 तक उसकी मानसिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी थी। इसी साल धनतेरस के दिन वो अचानक घर से कहीं चला गया था। मुंबई के एक NGO (गैर सरकारी संगठन) ने उसका इलाज किया और अब वापस गांव छोड़ दिया।

भाई के हाथ में टैटू देख पहचाना

प्रेमसिंग के छोटे भाई दिलीप ने बताया कि उसकी राह देखते-देखते 2014 में मां का भी निधन हो गया। ऐसे में हमने मां के साथ भाई की भी अंतिम क्रिया कर गमी कार्यक्रम कर दिया। इसके 9 साल बाद 24 फरवरी को एक फोन आया। फोन पर एक व्यक्ति कहता है कि आपका भाई प्रेमसिंग हमारे साथ है। हम उसे घर लेकर आ रहे हैं। हमें यकीन नहीं हुआ। फिर सरपंच और अन्य लोगों ने हमें सूचना दी। उसके बाद हम धनोरा बस स्टैंड पहुंचे। प्रेमसिंग के हाथ पर लिखा नाम और हनुमान जी का टैटू देखकर हमने उसे पहचान लिया। हमने अपने भाई को 17 साल बाद देखा। उसे देख हमारी आंखों से आंसू आ गए।
प्रेमसिंक की 2006 तक मानसिक स्थिति खराब हो चुकी थी। इसी साल धनतेरस के दिन वो अचानक घर से कहीं चला गया था।


2001 से मानसिक रूप से बीमार रहने लगा था- पिता

प्रेमसिंग के पिता लच्छिया ने बताया कि वो बचपन से धार्मिक प्रवृत्ति का है। उसे पूजा-पाठ करना बेहद पसंद है। वो ज्यादा किसी से बात नहीं करता था। बड़ा हुआ तो उसे शादी के लिए कहा, लेकिन उसने मना कर दिया। इसके बाद वो भीलट बाबा और दुर्गा माता की पूजा में लीन रहने लगा। पहले पूरा परिवार धनोरी पंचायत में रहता था। प्रेमसिंग नवाड फलिया में खेत में घर बनाकर रहने लगा। वो खेत में काम करता था। 2001 से मानसिक रूप से थोड़ा बीमार रहने लगा। वो पत्थरों की पूजा करता और बड़े-बड़े बाल व दाढ़ी रख साधु जैसा रहने लगा था। कभी कोई इसका नाम लेता तो पत्थर मार देता था। यहां-वहां भटकने के बाद घर के पास ही बनी एक झोपड़ी में शाम को वापस आ जाता था।

प्रेमसिंग के छोटे भाई दिलीप ने बताया कि उसके हाथ पर लिखा नाम और हनुमान जी का टैटू देख सभी लोगों ने पहचान लिया। हमने अपने भाई को 17 साल बाद देखा।
2006 में धनतेरस के दिन रात करीब 12 बजे प्रेमसिंग अचानक घर से कहीं चला गया। तब उसकी उम्र 30 साल थी। परिवार ने सोचा यहीं कहीं होगा और वापस आ जाएगा, लेकिन महीनों बाद भी लौटकर नहीं आया तो परिजन की चिंता बढ़ गई। इसके बाद उसे तलाशना शुरू किया, धार्मिक प्रवृत्ति होने से परिजन ने कई तीर्थ स्थानों पर जाकर उसकी तलाश की। गुजरात-महाराष्ट्र के कई बड़े तीर्थस्थल सहित मध्यप्रदेश के भी कई जिलों में उसे तलाशा। महाराष्ट्र मजदूरी करने गए परिचितों से भी पूछताछ की, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। करीब 2 साल तक उसकी खोजबीन करने के बाद भी जब उसकी जानकारी नहीं मिली, तो उसे मृत मान लिया।

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जबलपुर खमरिया के एक्सप्लोसिव डिपो में भयंकर विस्फोट के साथ बिल्डिंग धाराशायी

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डिजिटल भारत I कई मील दूर तक दिखी बारूद की चिंगारी, सुरक्षा संस्थानों के 10फायर ब्रिगेड रात पौने तीन बजे से जूझ रहे,
दो घंटे में आग नियंत्रित लेकिन धधक रहा है ईडीके का जंगल
करोड़ों रुपये के नुकसान की संभावना,कोई साजिश या घटना अधिकारियों के फोन बंदआयुध निर्माणी खमरिया के एक्सप्लोसिव डिपो जिसे संक्षिप्त में ईडीके कहा जाता है, में रात पौने तीन बजे टावर नंबर 7 के पास टी-20 बिल्डिंग में अचानक भयंकर विस्फोट के साथ आग भड़क गई जिससे पूरी बिल्डिंग धाराशायी होने के बाद जंगल में आग लग गई।खबर लगते ही तमाम अधिकारी फायर ब्रिगेड के साथ दलबल सहित मौके पर भागे।

अन्य सुरक्षा संस्थान से भी फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां बुलवाई गई हैं।

इन पंक्तियों के लिख जाने तक ओएफके की 6जीसीएफ ,सीओडी ,506आर्मी बेस वर्कशॉप और व्हीएफजे की कुल10गाड़ियां आग से जूझ रही हैं।सूत्रों के अनुसार आग पर नियंत्रण तो पा लिया है।लेकिन ईडीके का जंगल धधक रहा है।आग और न फैले इसका जतन किया जा रहा है।क्योंकि वहां और भी अनेक खतरनाक किस्म के बारूद के साथ जंगल लगा हुआ है।उसी के साथ सीओडी भी लगा है

आग कैसे लगी अभी तक किसी को समझ नहीं आ रहा है।तमाम अधिकारियों ने फोन बंद कर रखे हैं या उठा नहीं रहे हैं।
बताया जाता है कि जलने वाले बारूद की चमक रात में इतनी तेज थी कि कई किलोमीटर दूर से देखी गई।सूत्रों के अनुसार एक्सप्लोसिव डिपो में दूसरी जगह से तैयार होकर आया बारूद और ओएफके में बना विस्फोटक संग्रह करके रखा जाता है।

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महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने कहा सांसद का विरोध करें भाजपा पार्षद तो मैं उनके साथ हूं

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डिजिटल भारत I जबलपुर,महापौर जगत बहादुर अन्नू ने भाजपा पार्षदों के विरोध प्रदर्शन को बेतुका बताते हुए दो टूक कहा कि नेता प्रतिपक्ष गंभीरता से पद की गरिमा रखें, मैदान छोड़कर भाग रहे हैं। बेमुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है जिससे जनता परेशान हो रही है। भाजपा पार्षदों के विरोध प्रदर्शन के कारण नगर निगम कार्यालय पहुंचने वाले लोगों को काफी परेशानी हुई है। अगर नेता प्रतिपक्ष और उनके पार्षद वास्तव में जनता का हित चाहते हैं तो आए कंधे से कंधा मिलकर विकास कार्य में योगदान दें। महापौर ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चुनावी दौर में भाजपा के पार्षदों से जो कहा जा रहा है वे वह कर रहे हैं। जबलपुर नगर निगम में भाजपा ने 18 साल राज किया उसका हिसाब आज तक नहीं दिया गया है 18 साल का हिसाब जनता के समक्ष रख दें हम 5 माह का हिसाब पूरे सबूतों के साथ देंगे।

जबलपुर की जनता जवाब देंगी वो दिन दूर नहीं
महापौर और कांग्रेस के जिला अध्यक्ष जगत बहादुर सिंह अन्नू ने कहा कि वह दिन दूर नहीं है जब भाजपा सरकार और उनके नेताओं को जबलपुर की जनता मुंह तोड़ जवाब देगी। इस विधानसभा चुनाव में भाजपा विधायकों की करारी हार होगी क्योंकि मध्यप्रदेश सरकार और केंद्र सरकार ने सिर्फ लोगों को ठगा है। विकास के नाम पर सिर्फ झुनझुना पकड़ाया गया है।

दीवाली के पहले मां नर्मदा में गंदे नाले नहीं मिलेंगे
महापौर ने कहा कि जो वादा जबलपुर की जनता के साथ किया गया है उसे पूरा किया जाएगा। नेताप्रतिपक्ष और उनके पार्षद आरोप लगाते हैं कि सत्तापक्ष अपने वादों को पूरा नहीं कर रही है ये गलत है। हमने जो वादा किया है उसे पूरा किया जा रहा है। दीवाली के पहले मां नर्मदा में मिलने वाले नालों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

सांसद के खिलाफ जाकर करो आंदोलन
महापौर ने कहा कि भाजपा पार्षद अगर सच में जनता के हितैषी और शहर विकास के लिए प्रतिबद्व है तो वह अपने सांसद के खिलाफ आंदोलन करें। सांसद से पूछा जाए कि उन्होंने शहर के लिए क्या किया, मध्यप्रदेश सरकार से पूछा जाए जबलपुर के विकास के लिए अब तक क्या किया है। अगर भाजपा पार्षद ऐसा करते हैं तो मैं स्वंय उनके साथ खड़ा हूं। अगर ऐसा नहीं कर सकते हैं बेमतलब का विरोध प्रदर्शन करना बंद करें और जबलपुर पर विकास की गति को आगे बढऩे दें।

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सेल्फी की असफलता से शॉक में फिल्म इंडस्ट्री! 10 सालों में अक्षय ने दीं इतनी फ्लॉप

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डिजिटल भारत l शाह रुख खान की फिल्म पठान की बेतहाशा कामयाबी के बाद कार्तिक आर्यन की शहजादा और अक्षय कुमार की सेल्फी के खराब प्रदर्शन से फिल्म इंडस्ट्री शॉक में है। कहीं ऐसा तो नहीं कि 2023 में बॉक्स ऑफिस पर 2022 की पुनरावृत्ति होने जा रही है?

जिस तरह पिछले साल कुछ चुनिंदा फिल्मों को सफलता मिली और बाकी ढेर रहीं, कुछ वैसा ही पैटर्न इस बार भी बनते दिख रहा है। खासकर, सितारों से सजी फिल्मों की असफलता निर्माताओं के लिए चिंता का विषय है।

‘सेल्फी’ का बुरा हाल, बनी एक दशक में अक्षय कुमार की सबसे फ्लॉप फिल्म
24 फरवरी को रिलीज हुई सेल्फी का निर्देशन राज मेहता ने किया है, जिन्होंने अक्षय कुमार के साथ 2019 में गुड न्यूज जैसी सुपर हिट फिल्म दी थी। सेल्फी में इमरान हाशमी ने पैरेलल लीड रोल निभाया है। डायना पेंटी और नुसरत भरूचा ने फीमेल लीड रोल्स निभाये।

बलबॉटम से भी खराब प्रदर्शन?
जोरदार प्रमोशंस के बीच रिलीज हुई सेल्फी ने लगभग ढाई करोड़ का नेट कलेक्शन पहले दिन किया। इंडस्ट्री के लिए यह बहुत बड़ा झटका है, क्योंकि 2021 में पैनडेमिक की अनिश्चितताओं के बीच रिलीज हुई अक्षय की बेलबॉटम ने भी लगभग 2.75 करोड़ की ओपनिंग ले ली। अभी तो हालात पूरी तरह सामान्य हैं और दर्शक भी सिनेमाघरों में जाने के लिए तैयार हैं।

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प्रधानमंत्री के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी में हाई कोर्ट ने मंजूर की राजा पटेरिया की जमानत अर्जी

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डिजिटल भारत l गवाहों ने बताया कि पूर्व मंत्री पटेरिया ने जानबूझकर अल्पसंख्यकों को भड़काने के लिए किया था ऐसी भाषा का इस्तेमाल
जबलपुर हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोपित पूर्व मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजा पटेरिया की जमानत अर्जी सोमवार को मंजूर कर ली। उल्लेखनीय है कि पूर्व में हाई कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया था कि राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री जैसे देश के उच्च पदस्थ व्यक्तियों के लिए अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल करना किसी भी जननेता को शोभा नहीं देता। कोर्ट ने कहा कि राजनेताओं को सार्वजनिक भाषण देते समय अपनी भाषा के प्रति सावधान रहना चाहिए। यदि इस अपराध के लिए जमानत दी गई तो समाज में गलत संदेश जाएगा। हालांकि आवेदक को 30 दिन बाद जमानत के लिए दोबारा अर्जी दायर करने स्वतंत्र है। इसी आधार पर नए सिरे से अर्जी दायर की गई थी।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद पन्ना के पवई थाने में राजा पटेरिया के विरुद्ध केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने 13 दिसंबर को राजा पटेरिया को पुलिस गिरफ्तार किया था। पवई कोर्ट और उसके बाद ग्वालियर जिले की विशेष (एमपी-एमएलए) कोर्ट से दो बार जमानत अर्जी निरस्त हुई। इसके बाद पटेरिया ने हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच में जमानत अर्जी दायर की थी। वहां से यह याचिका हाई कोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर स्थानांतरित कर दी गई थी।

इस मामले की सुनवाई के दौरान राजा पटेरिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शशांक शेखर ने पक्ष रखा था। उन्होंने दलील दी थी कि आवेदक के विरुद्ध जो धाराएं लगाई गई हैं, उनमें कोई तथ्य नहीं हैं। यह मामला राजनीति से प्रेरित है। पटेरिया ने जो वक्तव्य दिया था, उसी में मंतव्य भी स्पष्ट कर दिया था। उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया था। वहीं राज्य शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता प्रमोद ठाकरे ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए दलील दी थी कि कई गवाहों ने बताया है कि पूर्व मंत्री पटेरिया ने जानबूझकर अल्पसंख्यकों को भड़काने के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया था।

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सिसोदिया की गिरफ्तारी का दिन काला दिन बन गया

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डिजिटल भारत l दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शराब घोटाले के आरोप में गिरफ्तारी से उनकी पार्टी ‘ आप’ का हलकान होना स्वाभाविक है, लेकिन इसे मौजूदा दौर में लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत माना जाना चाहिए कि घोटाले करने पर नेता पकडे जाते हैं भले ही कारोबारी छुट्टा घूमते रहते हों. .इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता बिना कोई घोटाला किये गिरफ्तार किये जा चुके हैं .
भारत कृषि प्रधान देश था ,लेकिन बाद में घोटाला प्रधान देश बन गया. कांग्रेस के जमाने में जमकर घोटाले हुए,बाद में भाजपा की सरकारों ने घोटालों के नए कीर्तिमान बनाये .अब इस फेहरिस्त में यदि ‘आप’ का नाम जुड़ता है तो किसी को हैरान होने की जरूरत नहीं है .मनीष सिसोदिया अगर निर्दोष होंगे तो अदालत उन्हें भीतर रहने नहीं देगी और दोषी होंगे तो भाजपा उन्हें बाहर आने नहीं देगी .आप सवाल कर सकते हैं कि यदि ‘ आप ‘ भाजपा की ‘ बी ‘ टीम है तो फिर सिसोदिया के खिलाफ ये कार्रवाई कैसे हो सकती है ? तो जबाब बहुत आसान है की अब ये ‘ बी ‘ टीम ‘ ए ‘ टीम बनने की कोशिश कर रही है ,इसलिए उसे उसके पायजामें में रखना भाजपा की विवशता है .
देश पर साढ़े आठ साल राज करने के बाद भाजपा मजबूत पार्टी बनने के बजाय एक बेबस पार्टी बन गयी है .भाजपा को सत्ता में बने रहने के लिए न सिर्फ अपने सहयोगी दलों से किनारा करना पड़ा बल्कि अपने शुभचिंतक दलों के भी पर कतरना पड़ रहे हैं ‘ आप ‘ ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पिछले कुछ वर्षों में अच्छा प्रदर्शन किया है. ‘आप ‘ दूसरे राजनीतिक दलों की तरह केवल अपने जन्मस्थल पर ही सीमित कर नहीं रही बल्कि उसने पंजाब जैसे राज्य में अपनी सरकार भी बनाई .’ आप ” की तरह सपा,बसपा,जेडीयू ,तृमूकां जैसे तमाम दल ये करिश्मा नहीं कर पाए .भाजपा के लिए इसी वजह से ‘ आप ‘ खतरे की घंटी लगने लगी है .
दिल्ली के कथित शराब घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है. इस मामले में आम आदमी पार्टी की तरफ से कहा गया है कि मनीष सिसोदिया की तरफ से जांच में पूरा सहयोग किया जा रहा था लेकिन सीबीआई की तरफ से कहा गया है कि मनीष सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे इस कारण उन्हें गिरफ्तार करना पड़ा.आपको याद होगा कि मार्च 2021 में मनीष सिसोदिया ने नई आबकारी नीति का एलान किया था .दिल्ली सरकार की शराब नीति के मुताबिक़ शराब बस निजी क्षेत्र में बेची जा सकती है. .शराब बेचने के लिए न्यूनतम 500 वर्ग फ़ुट क्षेत्र में खुलेगी दुकान होना चाहिए. दुकान का कोई भी काउंटर सड़क पर नहीं बनाया जाएगा. दिल्ली में कुल दुकाने 850 थीं, उन्हें बढ़ाया नहीं गया.
दिल्ली सरकार को नई नीति से राजस्व 1500-2000 करोड़ रु बढ़ने की उम्मीद थी,लेकिन भाजपा को इस नीति में खोट नजर आयी .मनीष सिसोदिया पर आरोप लगे कि उन्होंने जो शराब नीति बनाई उसमें थोक लाइसेंस धारकों का कमीशन बढ़ाकर 12 फीसदी फ़िक्स किया बड़ी कंपनियों का एकाधिकार बढ़ाया ,केंद्र के एजेंट लेफ्टिनेंट गवर्नर ने इस मामले में मुख्य सचिव से जांच कराई और बाद में मामला सीबीईआई को सौंप दिया .जाहिर है सब भाजपा सरकार के इशारे पर हुआ .
दुनिया जानती है कि इस देश में राज्यों की सरकारें शराब के पैसे से ही चलती हैं. भाजपा शासित मध्य प्रदेश में ही सरकार शराब से जितना राजस्व कमाती है वो दिल्ली के मुकाबले तीन गुना ज्यादा है . भाजपा शासित राज्यों में भी शराब नीति शराब कारोबारियों के हिसाब से बनाई जाती है. घोटाले यहां भी होते हैं लेकिन उनकी न शिकायत होती है और न जांच .जिनकी जांच होती है उनमें किसी की गिरफ्तारी नहीं होती .फिर भाजपा को जिसे निबटना होता है वो निबट ही जाता है..जैसे मध्य प्रदेश में सबसे अधिक विनम्र और लोकप्रिय मंत्री रहे लक्ष्मीकान्त शर्मा को निबटाया गया था .वे भी एक भर्ती घोटाले में जेल भेजे गए थे और मुकदमे का फैसला होने से पहले ही चल बसे थे.
बहरहाल बात दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की है .अब क्या भाजपा को इस गिरफ्तारी से कोई लाभ होगा या उसके खिलाफ देश में एक नया वातावरण बनेगा .अब देश में ऐसा कोई राजनीतिक दल नहीं बचा है जिसने भाजपा के हाथों कोई न कोई जख्म न पाया हो. सब तिलमिलाए हुए हैं. सब भाजपा से हिसाब बराबर करना चाहते हैं,किन्तु कर नहीं पा रहे क्योंकि सब बिखरे-बिखरे हुए हैं .इसी बिखराव की वजह से भाजपा एक-एक कर सबका शिकार कर रही है.’ आप ‘ के लिए आप अब देशभर में भाजपा के खिलाफ आंदोलन खड़ा करना चाहेगी. करेगी भी .ऐसा स्वाभाविक भी है .लेकिन क्या अकेले आप ,भाजपा का मुकाबला कर सकेगी ?
मुझे लगता है कि इस बुरे वक्त में ‘आप ‘ को चाहे अनचाहे कांग्रेस की शरण में जाना पडेगा. उस कांग्रेस की शरण में जिसे ‘आप ‘ लगातार धोखा देती आ रही है. ‘आप’ की वजह से भाजपा के खिलाफ कांग्रेस की लड़ाई हल्की और निष्प्रभावी हो जाती है .जब-जब कांग्रेस भाजपा पर भारी पड़ती दिखाई देती है ,तब-तब ‘आप ‘ भाजपा के लिए परदे के पीछे से सहायक की भूमिका में खड़ी होती आयी है .अब जब भाजपा ही ‘आप ‘ को ‘ ब्लैकमेल करने पर आमादा है तब ‘ आप ‘ की मजबूरी है कि वो विपक्षी एकता के लिए अपने आपको प्रस्तुत करे .
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री शराब घोटाले में दोषी हैं या नहीं ,ये कहने का अभी वक्त नहीं है. वे यदि दूध के धुले होंगे तो आज नहीं तो कल जेल के बाहर आ ही जायेंगे.और यदि नहीं होंगे तो कुछ दिन जेल में रहकर जमानत पा लेंगे .क्योंकि हमारे देश में किसी भी घोटाले के लिए कोई हमेशा के लिए जेल में नहीं रखा जाता. माननीय लालू यादव इसकी जीती -जागती मिसाल है.अब सोचने की बात ये है कि सिसोदिया की गिरफ्तारी भाजपा के विनाशकाल को इंगित कर रही है या फिर लोकतंत्र के लिए खतरा है ,या भाजपा इसके जरिये देश को घोटालों से मुक्त करने की दिशा में आगे बढ़ रही है .भाजपा किसी अडाणी के घोटाले को घोटाला नहीं मानती.लेकिन सिसोदिया के घोटाले को घोटाला मानती है जो किसी भी सरकार के लिए बहुत साधारण सी कार्रवाई है .
शराब घोटाले के मामले में सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद मेरी या कसी कि कोई सहानुभूति नहीं होना चाहिए ,बशर्ते कि क़ानून अपना काम करे न कि भाजपा अपना मिशन 2024 पूरा करने के लिए इस तरह की कार्रवाइयां कराये .’भय बिन प्रीति’ का फार्मूला अब पुराना हो चुका है. भय से प्रीति नहीं नफरत पैदा होती है .दुर्भाग्य से कुछ राजनीतिक विचारधाराओं में नफरत ही राजनीति का मूलमंत्र है.

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हिंदू राष्ट्र के लिए हुंकार बागेश्वर सरकार पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जम कर दहाड़े:

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बुंदेलखंड से बागेश्वर सरकार पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के आक्रामक तेवर बोले गीदड़ नहीं जो धमकियों से डरे

डिजिटल भारत l बागेश्वर सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने टीकमगढ़ पहुंच गए हैं। कलश यात्रा के दौरान सड़क पर भक्तों का सैलाब था। एक बार फिर से हिंदू राष्ट्र के लिए हुंकार भरी है। भाई की वजह से विवादों में घिरे पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने फिर से हुंकार भरी है। टीकमगढ़ में उन्होंने बात की है। इस दौरान उन्होंने खूब प्रहार किया है। विवादों को लेकर बागेश्वर धाम महाराज पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हाथी चले बाजार तो कुत्ता भौंके हजार। बाबा पूरी तरह से टीकमगढ़ में रंग में दिखे हैं। उन्हें देखने से लग रहा था कि वह भाई से जुड़े विवादों को लेकर बेफिक्र हैं। इसके साथ ही बागेश्वर सरकार ने कहा कि हम गीदड़ नहीं जो धमकियों से डरने वाले हैं। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि यह सनातन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय साजिश है।
हम जलवा बरकरार रखेंगे……
बाबा पर कई तरह के आरोप लग रहे हैं। टीकमगढ़ में वह काफी आक्रामक नजर आए हैं। उन्होंने कहा कि तुम जलन बरकरार रखो, हम अपना जलवा बरकरार रखेंगे। अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि लोगों ने भगवान राम को भी नहीं छोड़ा है। भगवान महावीर को भी लोगों ने पत्थर मारे थे। मीरा को भी जहर पिलाया गया था। भगवान कृष्ण को भी तांत्रिक कहा गया। हम तो आम इंसान हैं, डरने वाले नहीं।
हमारे खिलाफ लंबी साजिशें……
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भाई वाले विवाद पर कहा कि हमारी खिलाफ लंबी-लबीं साजिशें चल रही हैं। हम इससे विचलित थोड़े न होंगे। 2024 से पहले ये और बड़े लेवल पर आएगा। कई तरह के आरोप लगेंगे। अभी तक प्लांटेड लोग आ रहे हैं, आगे और लोग आएंगे। उनलोगों को भय है कि हम उनके मिशन को फेल कर सकते हैं।
हिंदू राष्ट्र के लिए भरी हुंकार…….
टीकमगढ़ में बागेश्वर धाम सरकार का दरबार सात दिनों तक लगेगा। उन्होंने एक बार फिर से हिंदू राष्ट्र की बात छेड़ी है। बाबा ने कहा कि इससे देश में सामाजिक समरसता आएगी। हम कब तक हिंदू और मुस्लिम के नाम पर लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र में सभी पंथ के लोगों के लिए जगह होगी। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि भारत अखंड था लेकिन इसके कितने टुकड़े हुए। हमने किन-किन लोगों के देश नहीं दिया है।
हिंदुस्तान हिंदुओं को दे दो…..
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने टीकमगढ़ में कहा कि एक हिंदुस्तान को हिंदुओं को दे दो। हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप भागो। हमें इस देश में सिख और मुसलमान भी चाहिए। हिंदू राष्ट्र एक कल्पवृक्ष की तरह होगा, जिसमें सभी के लिए छाया होगा। उन्होंने कहा कि हम हिंदू राष्ट्र सिर्फ इसलिए चाहते हैं कि हमें जातिवाद मिटाना है। हमको मजहब की लड़ाई बंद करनी है। ये देश मुसलमानों का भी है।
संविधान में एक बार संशोधन हो…….
बागेश्वर धाम के सरकार ने कहा कि संविधान में कई बार संशोधन हो चुके हैं। एक बार अब हिंदू राष्ट्र के लिए भी संशोधन हो। गौरतलब है कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री रायपुर के दरबार से लगातार यह मांग कर रहे हैं कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए। इसके साथ ही बागेश्वर धाम में भी जगह-जगह पर हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर होर्डिंग लगे हुए हैं।

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