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एक भारत उत्कृष्ट भारत

कई बीमारियों से बचाता है अदरक

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विशेषज्ञों के अनुसार अदरक, दालचीनी, अलसी, अर्जुन प्राकृतिक ब्लड थिनर हैं।

इनके नियमित सेवन से ब्लड पतला रहेगा और हाईपर टेंशन, ब्लॉकेज, हार्ट अटैक से बचा जा सकता है।

डिजिटल भारत l अस्पतालों में आ रहे मरीजों को चिकित्सक अदरक, लहसुन से लेकर मसाले के रूप में उपयोग होने वाली हल्दी के नियमित उपयोग की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि अदरक, दालचीनी, अलसी, अर्जुन प्राकृतिक ब्लड थिनर हैं। इनके नियमित सेवन से ब्लड पतला रहेगा और हाईपर टेंशन, ब्लॉकेज, हार्ट अटैक से बचा जा सकता है।

इसके साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढऩे से मौसमी बीमारियां नहीं होंगी। वे शरीर में गर्मी बनाए रखने के लिए नियमित रूप से दो-तीन कली लहसुन के उपयोग की सलाह दे रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बीमारी से पीडि़त लोग एक बार चिकित्सक से जांच कराकर दवा की मात्रा का पुनर्निधारण करा लें।

अदरक, दालचीनी, अर्जुन प्राकृतिक रूप से ब्लड को पतला करते हैं। अलसी के सेवन से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। ठंड के सीजन में चाय से लेकर सब्जी, लड्डू, हलवा में इन सामग्रियों का उपयोग करना फायदेमंद है। हृदय रोग से बचाव में ये सामग्री बहुत कारगर हैं।
डॉ जीएल टिटोनी, आयुर्वेद विशेषज्ञ

अदरक, लहसुन, दालचीनी, हल्दी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ सर्दी-जुकाम व खांसी से बचाव में कारगर हैं। हल्दी एंटी बायोटिक का भी काम करती है। दैनिक रूप से इन सामग्रियों का चाय, दूध के साथ या भोजन में किसी न किसी रूप में अवश्यक उपयोग करें।
डॉ अमित मुखर्जी, आयुर्वेद चिकित्सक

कड़ाके की ठंड में सर्दी, जुकाम, खांसी और वायरल बुखार से लोग पीडि़त हो रहे हैं। ऐसे में आयुर्वेद के विशेषज्ञों का कहना है कि घर की रसोई में रखी सामग्री का उपयोग कर बीमारियों से बचा जा सकता है।

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कोविड-19 से बचाव जरुरी, रखे इन बातो का खयाल

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डिजिटल भारत I कोविड-19 वायरस ओमिक्रोन बीएफ-7 की रोकथाम व बचाव के लिए जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है। कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने बताया कि एडवाइजरी में नागरिकों से कहा गया है कि वे भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क का उपयोग करें। साथ ही अनावश्यक रूप से भीड़-भाड़ में जाने से बचें।

शारीरिक दूरी का पालन करते हुए सेनिटाइजर का उपयोग करें। बार-बार साबुन पानी से हाथ धोएं। कोरोना से संबंधित लक्षण सामने आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराएं।

कोरोना की रिपोर्ट पाजिटिव आने पर डाक्टर की सलाह के अनुसार होम अथवा संस्थागत आइसोलेशन में रहकर उपचार कराएं। उन्होंने कहा कि नागरिकों से अपेक्षा है कि एडवाइजरी का पालन कर कोरोना महामारी के प्रकोप से स्वयं बचें तथा दूसरों को भी बचाएं। आवश्यक होने पर धारा 144 के तहत कोविड गाइइ लाइन जारी की जाएगी।

अमेरिका से आई कोरोना संक्रमित महिला की सेहत में सुधार हो रहा है। महिला को होम आइसोलेशन में रखा गया है। महिला की बेटी, पति व परिवार के अन्य सदस्यों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई। इधर, कोरोना संक्रमित महिला का सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए ग्वालियर भेजा गया है।

जिसकी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इधर, सोमवार को 27 कोरोना संदिग्धों के सैंपल की जांच की गई। जिनकी रिपोर्ट निगेटिव रही। वहीं 53 संदिग्धों के सैंपल कोरोना परीक्षण के लिए वायरोलाजी लैब भेजे गए। जिले में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या एक रह गई है।

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हवा का प्रदूषण बताने वाली एक करोड़ कि मशीन खा रही है धूल

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डिजिटल भारत I हवा में प्रदूषण के स्तर को मांपने वाली एयर क्वालिटी मानीटरिंग स्टेशन लगभग एक साल से बंद है। ये मशीन का संचालन करने वाला कर्मी भी नहीं है जिसके कारण ये मशीन पूरी तरह से अनुपयोगी बनी हुई है। साइंस कालेज में फिलहाल मशीन बंद पड़ी हुई है।

कालेज प्रबंधन का कहना है कि मशीन का संचालन करने के लिए जिस एजेंसी से सहयोग मिल रहा था वह बंद हो गया है। दरअसल वर्ष 2007-08 में एक करोड़ रुपये की लागत से इंडियन इंस्टीट्यूट आफ ट्रापिकल मेट्योलाजी पुणे द्वारा यह मशीन स्थापित की गई थी।

मशीन का संचालन करने के लिए आपरेटर भी दिया गया था। कंपनी इसका रखरखाव भी करवाती थी। जिसके लिए राशि दी जाती थी। पर्यावरण विभाग में यह मशीन स्थापित की गई। जहां से आसपास के पांच किलोमीटर के दायरे की हवा का स्तर जांचा जाता था।

विभाग के प्रमुख डा.आर के श्रीवास्तव ने बताया कि देश के अलग-अलग इलाकों में यह मशीन लगाई गई थी जिससे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय हवा के स्तर को जांचकर रियल टाइम डेटा जुटाता था।

दिसंबर 2021 में संस्थान के साथ हुआ अनुबंध खत्म हो गया था। जिस वजह से मशीन का संचालन करने वाले आपरेटर का वेतन भी नहीं मिल पा रहा था ऐसे में वह वापस चला गया है। अब यदि फिर से अनुबंध को बढ़ाया जाएगा तो मशीन का संचालन दोबारा किया जा सकता है।प्रदूषण जांच में मददगार-पर्यावरण के लिहाज से एयर क्वालिटी मानीटरिंग स्टेशन सिविल लाइन क्षेत्र में उपयोगी था। इस क्षेत्र में प्रदूषण की स्थिति को मापने के लिए फिलहाल कहीं भी कोई व्यवस्था नहीं है। साइंस कालेज में लगी मशीन से सिविल लाइन से लगे पांच किलोमीटर के दायरे की हवा का स्तर जांचा जा सकता था।

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साल 2030 तक भारत में हार्ट डिजीज के कारण होने वाली मौतों का आंकडा दुनियाभर में सबसे ज्यादा होगा

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डिजिटल भारत l दुनियाभर में दिल से जुड़ी बीमारियों के कारण होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बीते 5 सालों में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट की वजह से होने वाली मौतों में भी कई गुना इजाफा हुआ है। दिल से जुड़ी बीमारियों और इसकी वजह से होने वाली मौतों के आंकड़े बहुत चौंकाने वाले हैं। भारतीय लोगों के लिए यह बहुत चिंता की खबर है। दुनियाभर में दिल से जुड़ी बीमारियों से होने वाली मौतों के आंकड़े को देखें तो इसमें भारत का भी बहुत प्रमुख स्थान है। इसके अलावा हाल ही में कई डॉक्टर्स और वैज्ञानिकों ने लोगों को चेतवानी देते हुए कहा है कि साल 2030 तक भारत में हार्ट डिजीज के कारण होने वाली मौतों का आंकडा दुनियाभर में सबसे ज्यादा होगा। भारतीय लोगों में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट का खतरा अन्य देशों की तुलना में बहुत ज्यादा बढ़ रहा है
दोस्तों हमारे दिल के अंदर विभिन्न प्रकार की बीमारियां (Heart Diseases) आ सकती है. जिसके कारण हमारा दिल काम करना बंद कर सकता है और हमें दिल का दौरा पड़ सकता है. Heart Attack किसी भी उम्र में आ सकता है. Heart Attack बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक और महिलाओं से लेकर पुरुषों तक सभी को आ सकता है. लेकिन 30 से 35 साल की उम्र से पहले इसका खतरा बहुत कम होता है. यदि आपके परिवार में किसी को दिल का दौरा पहले आया हुआ है तो आप सभी परिवार वालों को डॉक्टर से निरंतर चेक करवाना चाहिए, क्योंकि यह बीमारी विरासत में भी मिल सकती है.

इस बात का कोई पता नहीं है कि कब किस व्यक्ति को कहीं पर भी चलते चलते उसके दिल में problem आ सकती है.आज हम उन सभी कारणों के बारे में बात करेंगे और उन सभी बीमारियों के लक्षणों के बारे में भी बात करेंगे और उनके क्या उपाय हो सकते हैं इस बात पर भी चर्चा करेंगे. दोस्तों आइए जानते हैं सबसे पहले हमारा दिल किस प्रकार से काम करता है.
हमारे दिल में एक electric malfunction होता है जो कि हमारे दिल को धड़कने में मदद करता है अर्थात यह है कि हमारे दिल की हर धड़कन (Heartbeat) के लिए एक बहुत छोटे से करंट की आवश्यकता होती है जो कि दिल के कोने में एक electric node इस चीज का काम करती है electric node दिल की हर धड़कन के लिए दिल को हल्का सा करंट देती है जिससे हमारा दिल धड़कता है.

लक्षण

हमारा दिल पूरे शरीर में रक्त प्रवाह (blood flow) के लिए उत्तरदाई है. जानकारी के लिए आपको बता देते हमारा शरीर भी मशीन की तरह ही काम करता है जिसमें दिल का यह काम होता है कि वह हमारे शरीर में मौजूद हमारे खून को शरीर के सभी अंगो में पहुंचाने का कार्य करता है. दोस्तों दिल में खास तौर पर 3 सबसे बड़ी महत्वपूर्ण बीमारियां पाई जाती है जैसे कि Angina, Heart Attack और Cardiac arres
सीने में भारीपन महसूस होना (Chest Heaviness) – जब हमारे शरीर में किसी प्रकार का भारीपन जकड़न या कोई खिंचाव महसूस होता है तो हमें जल्द से जल्द किसी Cardiologist यानी कि दिल के डॉक्टर को दिखाना चाहिए यह एक मुख्य लक्षण हो सकता है.

2.बिना किसी बात के थकान होना (Restlessness) – दोस्तों यदि आप कोई भी काम नहीं करते हैं और बैठे–बैठे या बिलकुल ही 5 साल खत्म होने पर अपने आप को बहुत ज्यादा थकान हो जाती है यह भी दिल के दौरे का एक बहुत बड़ा लक्षण है आप जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाएं.

3.बहुत लंबे समय से खांसी और जुकाम का होना (Long Term Cough and Cold) – दोस्तों यदि आपने से किसी को बहुत ही लंबे समय से लगातार खांसी और जुकाम दोनों है और वह दवाई ले ली पर भी जल्दी से ठीक नहीं हो रही है. आपके परहेज रखने के बावजूद भी यह काबू में नहीं आ रहा है तो आप समझ जाइए कि यह भी दिल की बीमारी से जुड़ा एक कारण हो सकता है. इसका कारण यह है कि हमारे दिल को संपूर्ण मात्रा में ऑक्सीजन (Oxigyn) नहीं मिल पाती है और ऑक्सीजन न मिलने के कारण हमारा Immune System जो कि शरीर को खुद ब खुद ठीक करने के लिए काम करता है

  1. सांस लेने में कठिनाई (Difficulty in Breathing) – यदि आपको किसी प्रकार की सांस लेने में कठिनाई हो रही है तो आप बिल्कुल सतर्क हो जाइए क्योंकि जब आपके दिल में बहुत ज्यादा तनाव हो जाता है तो आप को सांस लेने में कुछ नहीं आनी शुरू हो जाती है आपको सांस लेने में कठिनाई हो या बहुत जल्दी फूल जाता हो या लंबी सांस ना ले सको तो आपको अपने दिल को लेकर सतर्क हो जाना चाहिए. जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाएं और उनके द्वारा बताए गए जरूरी टेस्ट करवाएं.

6. धड़कन का बिना किसी वजह के बढ़ना (Increasing Heatbeat) – यदि आप की धड़कन बिना किसी वजह के यानी कि बिना कोई मेहनत का काम किए बहुत ज्यादा बढ़ जाती है और बार–बार पड़ती रहती है तो यह भी Heart Attack आने का एक प्रारंभिक लक्षण (Early Symptom) है.

यदि किसी इंसान को किसी भीड़ वाली जगह पर Heart Attack आ जाता है तो आप उसे सबसे पहले खुली जगह पर लेकर जाएं या फिर वहां से भिड़ी को जल्द से जल्द हटाए, ताकि वहां पर खुली हवा मरीज को लग सके और ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा मरीज को मिल सके. साथ ही साथ आपको मरीज को यह हौसला दिलाना होगा कि आपको कुछ भी नहीं हुआ है बिल्कुल साधारण दर्द है और यह है आराम से ठीक हो जाएगा मतलब यह है कि मरीज घबराना नहीं चाहिए. यदि मरीज बंद कमरे में है तो आप उसके सारे खिड़की दरवाजे खोल दें. अंत में सबसे जरूरी काम यह करें कि जल्द से जल्द किसी डॉक्टर का प्रबंध करें या मरीज को डॉक्टर के पास ले जाने का प्रबंध करें.

पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा खतरा
Journal Heart Rhythm में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक पुरुषों की तुलना में महिलाओं को हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट का खतरा ज्यादा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रात में सोते समय महिलाओं में कार्डियक अरेस्ट के मामले ज्यादा देखे जा रहे हैं। इसके अलावा European Heart Journal में प्रकाशित एक रिपोर्ट में भी यह कहा गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान भी हार्ट अटैक की वजह से महिलाओं की मौत ज्यादा हुई है। ऐसे में यह कहा जा रहा है कि आने वाले समय भी कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक का खतरा पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा है।

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महिलाओं के घरेलू व विदेशी एनजीओ में काम करने पर तालिबान ने लगाया प्रतिबंध

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डिजिटल भारत l अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने महिलाओं के घरेलू और विदेशी गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) में काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अफगानिस्तान के वित्त मंत्रालय के मुताबिक, एनजीओ में काम करने वाली महिलाओं के खिलाफ शिकायतें मिली हैं कि वे सही तरह से हिजाब नहीं पहनती हैं। सभी एनजीओ को महिलाओं को भर्ती न करने के आदेश दिए गए हैं।

अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने शनिवार को महिलाओं के घरेलू और विदेशी एनजीओ में काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया. साथ ही सभी गैर-सरकारी संगठनों एनजीओ को महिला कर्मचारियों की भर्ती नहीं करने का आदेश दिया.

यह आदेश वित्त मंत्री कारी दीन मोहम्मद हनीफ के एक पत्र में आया है, जिसमें कहा गया है कि अगर कोई एनजीओ आदेश का पालन नहीं करता है, तो अफगानिस्तान में उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा.

वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल रहमान हबीब ने इस आदेश की पुष्टि की है. मंत्रालय ने कहा कि उसे एनजीओ के लिए काम करने वाली महिला कर्मचारियों के बारे में ‘गंभीर शिकायतें’ मिली हैं, जो ‘सही तरह से हिजाब नहीं पहनती हैं.’

हालांकि, तत्काल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह आदेश एनजीओ में काम करने वाली अफगान महिलाओं पर ही लागू होगा या सभी महिलाएं इसके दायरे में आएं

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म.प्र. पर्यटन विभाग ने किये विशेष इंतजाम पर्यटन स्थल देखी जा रही अच्छी खासी भीड़

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डिजिटल भारत l स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश प्रारंभ हो गया है जिसके साथ ही लोग इन दिनों सैर सपाटे पर निकल गए है। पसंदीदा स्पाट जंगली क्षेत्र है जहां सबसे ज्यादा पर्यटकों का रूझान है। अगले दो सप्ताह में एक लाख से ज्यादा पर्यटक जबलपुर के आसपास के पर्यटन स्थलों में घूमने आएंगे। मप्र पर्यटन विभाग ने भी त्योहार और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। बरगी में पर्यटन विभाग ने वाटर स्पोटर्स के अन्य खेल के साथ बनाना राइड शुरू की है। 25 दिसंबर को इसकी शुरुआत होगी।

मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा बरगी के मैकल रिसोर्ट में बनाना राइड प्रारंभ की है। 25 दिसंबर से पर्यटकों के लिए यह सुविधा प्रारंभ हो जाएगी। इस संबंध में राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष विनोद गोटियां ने कहा कि पर्यटन विस्तार एवं पर्यटन को नित नए तरह की सुविधाओं में वृद्धि करने के लिए प्रयास किये जाते रहे है इसी श्रंखला में साहसिक पर्यटन को बढ़ाते हुए एमपीटी मैकल रिसोर्ट बरगी में बनाना राइड की सुविधा पर्यटकों हेतु शुरू कर दी जाएगी। अध्यक्ष गोंटिया द्वारा ने बताया की कुछ दिवस पूर्व बरगी में स्थानीय मछुआरों की नौका दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जिसमें उनके द्वारा बरगी में बनाना राइड की सुविधा जल्द ही देने के लिए बोला गया था। मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक केएल पटेल ने जानकारी देते हुए बताया की नए वर्ष के पूर्व निगम की समस्त इकाइयों की बुकिंग लगभग पूर्ण हो चुकी जिसमें काफी संख्या में बाहरी पर्यटक आ रहे है। पर्यटन निगम के सभी इकाइयों में पर्यटकों के मनोरंजन हेतु नव वर्ष की पूर्व संध्या पर आयोजन किये जा रहे है जिसमें पर्यटकों को तरह तरह व्यंजन परोसे जाएंगे और मनोरंजन की भी पूर्ण व्यवस्था की गई है। पर्यटकों के आकर्षण के लिए आदिवासी नृत्य, फोक डांस एवं संगीत, बोन फायर, कलचुरी रेसीडेंसी जबलपुर में आर्केस्ट्रा का आयोजन होगा।

मप्र पर्यटन निगम के क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि पर्यटन विभाग के सारे होटल और रिसोर्ट में पहले ही बुकिंग फुल हो गई है। बरगी के मेकल रिसोर्ट या भेड़ाघाट के होटल इसके अलावा कान्हा,पेंच और बांधवगढ़,अमरकंटक हर होटल में जनवरी के पहले हफ्ते तक बुकिंग हो चुकी है।

पर्यटकों ने काफी पहले ही छुटि्टयों को देखते हुए अपनी योजना बना ली थी। सबसे अधिक रूझान जंगली क्षेत्रों में जाने का है। यहां हालात ये है कि अधिकांश जंगली क्षेत्र में पार्क के अंदर जाने की बुकिंग भी नहीं मिल रही है। पर्यटकों को पर्यटन करने का सबसे अनुकूल समय यहीं माना जाता है। इस दौरान होटल भी पर्यटकों के लिए आकर्षक आयोजन करते हैं। इसमें बोन फायर, गीत-संगीत के आयोजन होते हैं। बरगी में जहा पर्यटकों के लिए वाटर स्पोर्टस की गतिविधियां संचालित होगी वहीं सर्द रातों में यहां वक्त गुजारने कई पर्यटक आते हैं होटल में सीमित कमरे होने की वजह से यहां बुकिंग मिलना मुश्किल होता है। पर्यटन विभाग को अनुमान है कि बरगी में नववर्ष तक दस हजार पर्यटक घूमने आएंगे। इसी तरह भेड़ाघाट में भी 15 हजार से ज्यादा पर्यटकों के आने की उम्मीद जाहिर की जा रही है।

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घंटों इंतजार के बाद भी नहीं मिल पा रही दवा, सी जी एच एस डिस्पेंसरी नंबर दो में रोजाना बिना दवा के लौट रहे मरीज

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डॉक्टर गए सर्दियों की छुट्टी पर, बुजुर्ग मरीज हो रहे परेशान

डिजिटल भारत I अरे डॉक्टर साब मेरा नंबर आने से पहले ही बंद कर दिए मैं दो दिन से लौट रहा हूं, देख लीजिए कुछ हो जाए। मैं अपनी मां की दवाई लेने पिछले एक हफ्ते से आ रहा हूं, लेकिन लंबी लाइन और एक एक घंटे इंतजार के बाद भी मेरा नंबर नहीं आ पाता और सर्वर बंद हो जाता है मुझे रेफर बनवाना है, दो घंटे से खड़ा हूं लेकिन लाइन आगे ही नहीं बढ़ पा रही है ये नजारा शुक्रवार सुबह यादव कॉलोनी स्थित सीजीएचएस डिस्पेंसरी नंबर दो में देखने मिला। जहां बुजुर्ग और चलने फिरने में असमर्थ मरीज घंटों तक अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए। पिछले करीब 12 दिनों से यही हाल है। बुजुर्गों ने बताया डॉक्टरों की कमी और धीमी गति से काम होने के कारण ऐसे हालात बन रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी न तो सुन रहे हैं और न इसका कोई समाधान ही उपलब्ध करा रहे हैं।

यादव कॉलोनी स्थित सीजीएचएस डिस्पेंसरी में रोजाना करीब 250 से 300 मरीज आ रहे हैं। उन्हें दवाएं लिखने, रेफर करने और सलाह देने के लिए महज दो या तीन डॉक्टर ही मौजूद रहते हैं। जिनमें एक डॉक्टर मैडम पेशेंट देखने के बजाए अपने फाइलों के काम ज्यादा निपटाती हैं। वहीं दो डॉक्टर दो एवं चार नंबर कमरे में बैठ रहे हैं जिनके भरोसे सभी मरीज होते हैं

डिस्पेंसरी के कर्मचारी से जब इस मामले में बात की गई तो उसने बताया कि कुछ डॉक्टर सर्दियों की छुट्टी मनाने के गए हैं। जिसके चलते केवल दो ही डॉक्टर मरीजों के लिए उपलब्ध हैं। वे कब आएंगे ये किसी को नहीं पता है। लंबी कतारें होने के चलते दोपहर 2 बजे तक भी कई लोगों का घंटों के इंतजार के बाद नंबर नहीं आ पाता है और सर्वर बंद होने से रोजाना बहुत से मरीज बिना परामर्श और दवाओं के ही लौट रहे हैं।

बुजुर्ग मरीजों की संख्या को देखते हुए डिस्पेंसरी परिसर में पर्याप्त बैठक व्यवस्था भी नहीं है। कई बुजुर्गों ने इस बावत् जब डॉक्टर्स से बात करनी चाही तो उन्होंने ये कहकर उन्हें टाल दिया कि ये काम हमारा नहीं है। मजबूरी में बुजुर्गों को लंबी कतारों में खड़े ही रहना पड़ रहा है।

कोरोना का अलर्ट होने के बाद से पिछले पांच दिनों से डिस्पेंसरी परिसर में मास्क पहनना जरूरी कर दिया गया है। बिना मास्क लगाए बुजुर्ग मरीजों को डॉक्टरों ने देखने से मना कर दिया है। हालांकि ये सभी की सुरक्षा की दृष्टि से लिया गया निर्णय है। लोग भी उनकी बात मानकर मास्क लगाकर ही पहुंचने लगे हैं।

पुणे और कानपुर से एक-एक डॉक्टर बाहर से ट्रांसफर किए हैं लेकिन वे ज्वाइन करने के बाद छुट्टी पर चले गए हैं। उन्हें हिदायत दी है, हो सकता है वे नए साल से आना शुरू हो जाएंगे। मरीजों को परेशानी हो रही है इस बात की जानकारी भी है। जल्द समस्या दूर होगी।

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जबलपुर में रात को रेलवे ट्रैक की निगरानी करेंगे पांच सौ निजी गार्ड

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डिजिटल भारत I जबलपुर में ट्रेनों को सुरक्षित पटरियों पर चलाने के लिए रेलवे द्वारा निजी गार्डों की मदद ली जाएगी। निजी गार्ड रेलवे पटरियों में होने वाले क्रेक के साथ ही इनमें होने वाले नुकसान पता समय पर लगाएंगे I

म.प्र भोपाल ट्रेनों को सुरक्षित पटरियों पर चलाने के लिए अब रेलवे द्वारा निजी गार्डों की मदद ली जाएगी। जबलपुर में ट्रेनों को सुरक्षित पटरियों पर चलाने के लिए निजी गार्डों की तैनाती होगी। ये गार्ड रेलवे पटरियों में होने वाले क्रेक के साथ ही इनमें होने वाले नुकसान पता समय पर लगाएंगे। जिसके लिए जबलपुर रेल मंडल द्वारा कवायद प्रारंभ कर दी गई है। यह निजी गार्ड रात को पटरियों की सुरक्षा करने के लिए गश्त भी करेंगे।


रेलवे कर्मियों के साथ निजी गार्ड करेंगे निगरानी
दरअसल, रेलवे, पटरियों की सुरक्षा के लिए ट्रैकमेन, पेट्रोलमेन तैनात करता है। इन्हें इस बार भी किया गया, लेकिन ठंड के दिनों में पटरियों में क्रेक आने, ट्रैक को नुकसान पहुंचने और कोहरे होने से दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है। यही वजह है कि इस बार रेलवे इस काम में अपने कर्मचारियों के साथ निजी कर्मचारियों की भी मदद ले रहा है। बता दें कि पटरियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी जबलपुर रेल मंडल के इंजीनियर विभाग की रहती है।

रेलवे सूत्रों की मानें तो ठण्ड के दिनों में कोहरे व खराब मौसम के कारण रेलवे पटरियों में क्रेक आने, ट्रैक को नुकसान पहुंचने और कोहरे से होने वाली दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती हैं। रेलवे विभाग द्वारा ट्रैक की देखरेख के लिए ट्रैकमैन व पेट्रोलमैन तैनात किया जाता है। इस बार इनके साथ ही निजी गार्ड की भी तैनाती की जाएगी। पटरियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी जबलपुर रेल मंडल के इंजीनियर विभाग की रहती है। रेलवे द्वारा तैनात कर्मचारियों के माध्यम से ठण्ड के दिनों में रात के समय पटरियों की सुरक्षा करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अब इस कार्य में निजी गार्ड को भी शामिल किया जाएगा। इन निजी कर्मचारियों को कलेक्ट्रेट गाइड लाइन के मुताबिक वेतन का भुगतान होगा।

जबलपुर मंडल के लगभग 800 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक की निगरानी इन निजी गार्ड द्वारा कि जाएगी। वर्तमान में एक ट्रैकमैन के जिम्मे आठ किलोमीटर लंबी पटरियों की निगरानी की जाती है। किंतु कर्मचारी कम होने के कारण ठण्ड के इन दिनों में एक कर्मचारी 12 किलोमीटर लंबी पटरियों की सुरक्षा के लिहाज से गश्त कर रहा है। डबल ट्रैक होने के कारण एक बार में दोनों ट्रैक देखने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में लगभग 500 निजी सुरक्षा कर्मचारियों को भी पटरियों की निगरानी में तैनात किया जाएगा। जिसके लिए रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग द्वारा टेंडर भी जारी कर दिया गया है। बताया गया है कि जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

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मुख्यमंत्री कन्या विवाह निकाह योजना सम्मेलन 25 जनवरी को, 10 जनवरी तक कराये जा सकते है पंजीयन 

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डिजिटल भारत l मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजना का उद्देश्य गरीब, जरूरतमंद और बेसहारा परिवारों की बेटियों/विधवाओं/तलाकशुदा महिलाओं की शादी के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। साल 2006 में इसे मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के नाम से शुरू किया गया था लेकिन नवंबर 2015 में इसका नाम बदलकर मुख्यमंत्री कन्या विवाह एंव निकाह योजना कर दिया। इस योजना के तहत सामूहिक विवाह करने वाली सभी कन्याओं की शादी पर सरकार 51,000 रुपए खर्च करती है। इसके अलावा आदिवासी अंचलों में प्रचलित जनजातीय विवाह पद्धति से एकल विवाह करने पर भी योजना का लाभ मिलता है।
योनजा से जुड़ी हर जानकारी

इस योजना के तहत हर लाभार्थी कन्या की शादी पर कुल 51,000 रुपए हजार खर्च किए जाएंगे। यह पूरा अमाउंट अलग-अलग मदों में बांट कर व्यय किया जाता है।

नवदंपति अच्छे से अपनी गृहस्थी बसा सकें इसके लिए 43,000 रुपए कन्या के बचत खाते में जमा किए जाते हैं।
योजना के तहत हर कन्या के विवाह संस्कार में लगने वाली सामग्री खरीदने के लिए 5000 रुपए खर्च किए जाते हैं।
सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित कराने वाली संस्था को कार्यक्रम की तैयारी के लिए प्रति कन्या 3,000 रुपए भुगतान किया जाता है।
इस योजना के तहत लाभ लेने के लिए कन्या और उसके परिजनों को कुछ पात्रता मापदंड पूरे करने होते हैं।

मध्यप्रदेश शासन, सामाजिक न्याय एवं निःशक्त जनक्लयाण विभाग के अंतर्गत नगर निगम सीमा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 25 जनवरी 2023 को मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना अंतर्गत सामूहिक विवाह का आयोजन किया जा रहा है। महापौर , निगमाध्यक्ष , नेताप्रतिपक्ष के साथ-साथ नगर निगम आयुक्त ने समस्त नागरिकों से विनम्र अपील की है कि विवाह/निकाह योजना अंतर्गत अविवाहित युवक/युवती अपना आवेदन फार्म संभागीय कार्यालयों से प्राप्त करें और आवश्यक जानकारी भरकर दस्तावेजों के साथ संभागीय कार्यालय में जमा कराएॅं। इस संबंध में योजना प्रभारी इन्द्र कुमार वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया है कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना में आवेदक को किसी प्रकार की समस्या हो तो संबंधित वार्ड पार्षद, नगर निगम के कमरा नं. 40 योजना शाखा के साथ-साथ अध्यक्ष कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं।

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जबलपुर जिले के सकल जैन समाज ने मौन रैली निकालकर सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा।

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जैन समाज के प्रमुख तीर्थ स्थलों में शामिल सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र घोषित किए जाने के विरोध में जैन समाज ने मौन रैली निकालकर सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा।

डिजिटल भारत I आज सुबह से ही दुकानदारों ने यहां अपने-अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर विरोध दर्ज करवाया है। जिले में निवाड़ी नगर समेत ओरछा और पृथ्वीपुर तहसील में भी जैन समाज के लोगों ने अपने व्यापार बंद कर प्रतिष्ठान में तालाबंदी की और झारखंड सरकार के आदेश की जमकर आलोचना की।

आदेश वापसी की मांग को लेकर सैकड़ों जैन व्यापारियों का समूह ज्ञापन देने के लिए पृथ्वीपुर तहसील कार्यालय पहुंचा था, लेकिन अधिकारी कार्यालय में नहीं थी। इसको लेकर जैन समाज के लोगों में अधिकारियों और सिस्टम को लेकर काफी आक्रोश दिखाई दिया।

समाज के लोग हाथों में तख्तियां बैनर लेकर उत्तराखंड एवं केन्द्र सरकार के वन एवं पर्यटन मंत्रालय के खिलाफ नारेबाजी लिखकर चल रहे थे।

लोगों का कहना है कि I

यह पवित्र तीर्थ स्थल है, यहां जैन धर्म की अगाध आस्था जुड़ी हुई है। साथ यहां तीर्थंकरों समेत जैन धर्मगुरुओं ने मोक्ष प्राप्त किया है। यहां पर्यटन स्थल बनने से इसकी पवित्रता नष्ट हो रही है, साथ ही लोग मांस मदिरा का सेवन कर रहे हैं। जो कि अनुचित है। यदि समय रहते इस आदेश को वापस नहीं लिया गया तो जैन समाज अपना विरोध तेज करेगा।

झारखंड के गिरिडीह जिले में सम्मेद शिखर पर्वत मौजूद है, जो जैन समाज का प्रमुख तीर्थ स्थल माना जाता है। जैन समाज के लोगों ने का विरोध इस बात को लेकर है कि शिखर के एक हिस्से को झारखंड सरकार ने वन्य जीव अभ्यारण्य घोषित कर दिया है। इसके अलावा केन्द्र व झारखंड सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाने की बात भी कही गई है। जिसको लेकर देशभर का जैन समाज आक्रोशित है। इसी बात को लेकर जबलपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में जैन समाज के लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं

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