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अधूरी परियोजनाओं को तेज गति से पूरा करें- मुख्यमंत्री

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 मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में अधूरी परियोजनाओं का कार्य तेज गति से पूरा किया जाए। परियोजनाओं में विलंब एवं गड़बड़ी करने पर निर्माण एजेंसियों पर पेनाल्टी लगाकर कार्यवाही की जाएगीस ठेकेदारों को ब्लेक लिस्टेड किया जाएगा। परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए निर्माण एजेंसी एवं संबंधित विभाग समन्वय बनाकर कार्य करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में प्रगति ऑनलाइन प्रोजेक्ट मैनेजमेंट फ्रेमवर्क की परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।

नई कार्य-संस्कृति का विकास करें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सभी विभाग मिलकर नई कार्य-संस्कृति का विकास करें। एक साथ बैठकर सभी एजेंसियाँ कार्य पूरा करने के संबंध में लक्ष्य निर्धारित करें। सभी एजेंसियाँ आपस में समन्वय बनाकर कार्य करें।

कोठा- बैराज परियोजना
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विदिशा जिले की कोठा- बैराज परियोजना के कार्य की प्रगति की समीक्षा करते हुए विलंब का कारण पूँछा। उन्होंने अप्रसन्नता व्यक्त की और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को समय पर कार्य पूर्ण कराने के निर्देश दिए।

माँ रतनगढ़ बहुउद्देशीय परियोजना
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दतिया जिले की माँ रतनगढ़ बहुउद्देशीय परियोजना की समीक्षा के दौरान जल संसाधन विभाग पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस परियोजना के कार्य के लिए अभी तक जमीन ही ढूँढ रहे हैं, काम का यह तरीका ठीक नहीं है। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जमीन ढूँढने के कार्य में सहयोग करें। इस कार्य की एक माह बाद पुनरू समीक्षा की जाएगी। जिस दौरान कोई विलम्ब का कोई भी कारण शेष न रहे। उन्होंने वर्ष 2022 में परियोजना अतंर्गत पानी की  शुरुआत कराने के निर्देश में दिए।

स्लीमनाबाद टनल
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कटनी जिले में बरगी परियाजना के अंतर्गत स्लीमनाबाद टनल के कार्य में हर संभव सहयोग करने के लिए कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी कीमत पर जून 2023 तक  टनल में पानी की शुरुआत कर दी जाए।

बाण सागर समूह जल प्रदाय योजना
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की शहडोल जिले की बाण सागर समूह जल प्रदाय योजना की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि निर्माण एजेंसी द्वारा परियोजना के कार्य में लापरवाही बरतने पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।  बाण सागर मल्टीविलेज वाटर सप्लाई स्कीम की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि वन विभाग के कारण अनुमति का कार्य प्रभावित न हो। उन्होंने कहा कि समन्वय बनाकर परियोजना का कार्य पूरा किया जाए।

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मध्य प्रदेश में प्रतिदिन 182 मीट्रिक टन की सामूहिक उत्पादन क्षमता वाले 163 ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए

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डिजिटल भारत I मध्य प्रदेश में प्रतिदिन 182 मीट्रिक टन की सामूहिक उत्पादन क्षमता वाले 163 ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए गए हैं। यह जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दी। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान प्रदेश में ऑक्सीजन की बेहद कमी हो गई थी।

मुख्यमंत्री चौहान ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि मार्च 2020 में प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र उपलब्ध नहीं थे। अब 182 मीट्रिक टन प्रतिदिन की उत्पादन क्षमता वाले 163 ऑक्सीजन संयंत्र राज्य के विभिन्न जिलों में शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में सभी 202 संयंत्र चालू हो जाएंगे तो रोजाना करीब 230 मीट्रिक टन चिकित्सकीय ऑक्सीजन का उत्पादन होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जीवन रक्षक गैस की कमी का सामना करने के बाद इन संयंत्रों पर काम शुरू किया गया था। शेष 39 संयंत्र को भी इस माह के अंत तक शुरू किया जाएगा। वर्तमान में प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 360 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन की सामूहिक भंडारण सुविधा उपलब्ध है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिये गये सहयोग से मध्यप्रदेश ऑक्सीजन के क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनाने की ओर अग्रसर है। कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना मरीजों की जान बचाने के लिए अन्य राज्यों से ऑक्सीजन आयात की गई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन की स्थानीय व्यवस्था के लिए प्लांटस स्थापना के शासकीय चिकित्सालयों में अतिरिक्त रूप से 30 हजार 291 ऑक्सीजन सिलिन्डर की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। उन्होंने बताया कि मार्च 2020 की स्थिति में प्रदेश के किसी भी शासकीय चिकित्सालय में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट उपलब्ध नहीं थे। आज की स्थिति में 163 ऑक्सीजन प्लांटस प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रांरभ हो चुके है। शेष प्लांटस भी शीघ्र स्थापित कर लिए जाएंगे। इन सभी 202 प्लांटस से प्रतिदिन लगभग 230 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन जनरेट हो सकेगी।

प्रदेश में पीएम केयर फंड से 88, मुख्यमंत्री राहत कोष से 13 एवं अन्य विभिन्न माध्यम जैसे स्वास्थ्य विभाग, CSR एवं स्थानीय प्रयासों से 101 ऑक्सीजन प्लांट्स स्थापित करने का काम गत मई माह से शुरू किया गया। आज मध्यप्रदेश 163 ऑक्सीजन प्लांटस स्थापित कर आत्म-निर्भरता की ओर अग्रसर हो रहा है।

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77 लाख किसान परिवारों को मिलेंगे 1540 करोड़ रुपए, किसान-कल्याण योजना में राशि अंतरण करेंगे : मुख्यमंत्री चौहान

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आदर्श आचरण संहिता के जिले शामिल नहीं होंगे

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना में प्रदेश के 44 जिलों के कृषक परिवारों को 23 अक्टूबर को उनके खातों में सिंगल क्लिक से राशि अंतरित करेंगे।

मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना के इस कार्यक्रम में सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर करीब 50 लाख लोग जुड़ेंगे। कार्यक्रम शनिवार, 23 अक्टूबर को पूर्वान्ह 11:30 बजे मिंटो हाल भोपाल में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होगा। इस कार्यक्रम में आदर्श आचरण संहिता वाले जिलों को शामिल नहीं किया गया है। 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज निवास पर आहूत बैठक में कार्यक्रम की रूपरेखा की जानकारी प्राप्त की। प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं  राजस्व श्री मनीष रस्तोगी ने बताया कि योजना में प्रदेश के 77 लाख किसान परिवारों को 1540 करोड़ रूपए प्रदान किए जा रहे हैं। राज्य स्तरीय कार्यक्रम में किसानों को दी जा रही यह राशि वित्तीय वर्ष 2021-22 की है। मुख्यमंत्री श्री चौहान कार्यक्रम में प्रतीक स्वरूप 5 किसानों को अपने हाथों से योजना की किश्त प्रदान करेंगे। कार्यक्रम के संबंध में राजस्व विभाग द्वारा आवश्यक तैयारियाँ पूर्ण कर ली गई हैं। बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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