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शोभापुर के रिहायशी इलाके में दिखा तेंदुआ, मचा हड़कंप

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वन विभाग और वन अनुसंधान संस्थान मिलकर करेंगे काम, जनवरी में होगी शुरुआत

पुलिस ने स्थानीय लोगों को किया अलर्ट
स्थानीय लोगों की सूचना पर रांझी थाना पुलिस ने शोभापुर के पास रहने वालों को अलर्ट किया है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रदीप शिंडे का कहना है कि शोभापुर में तेंदुआ देखा गया है जिसके सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं।
खमरिया फैक्ट्री के आस-पास तेंदुआ परिवार के विचरण करने से क्षेत्रीय नागरिक जहां भयभीत है। वहीं शोभापुर फाटक के समीप एक अन्य तेंदुए की चहलकदमी से क्षेत्र में दहशत व्याप्त हो गई है। गत दिवस अधिवक्ता आरके सिंह सैनी के निवास के बाहर तेंदुआ विचरण करते देखा गया है।

डिजिटल भारत l मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के शोभापुर रिहायशी इलाके में तेंदुआ दिखा है, जिसके चलते स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई है। तेंदुआ रांझी थाना के शोभापुर इलाके में देखा गया है , जिसका सी.सी.टी.वी फुटेज भी सामने आया है। स्थानीय लोगों ने कालोनी में तेंदुए के सीसीटीवी फूटेज पुलिस और वन विभाग को सौंपे है। वन विभाग और पुलिस की टीम ने तेंदुए की सर्चिंग शुरू कर दी है।

नए साल में शहर के आसपास के क्षेत्रों में दिखाई दे रहे तेंदुओं को कैमरों में ट्रैप कर उनकी गिनती की जाएगी। वन विभाग और वन अनुसंधान संस्थान मिलकर इस पर काम करेंगे। जनवरी में शहर से लगे जंगली इलाकों में ट्रेपिंग कैमरे लगाने की शुरुआत होगी। इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। शहरी क्षेत्र के साथ ही कुछ अन्य स्थानों पर भी यह कैमरे लगाने पर विचार किया जा रहा है।
ट्रैपिंग कैमरे लगाने के लिए वन अमले को प्रशिक्षित किया जा चुका है। अधिकांश स्थानों को भी चिन्हित कर दिया गया है। वन विभाग और वन अनुसंधान संस्थान के अधिकारियों के बीच कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।

इंदौर के शहरी क्षेत्र में भी कई बार तेंदुए आने की घटनाएं सामने आ चुकी है। वन अनुसंधान संस्थान की ओर से हाल ही में इंदौर शहर के विभिन्न प्रभावित इलाकों में ट्रेप कैमरे लगाने की कार्रवाई की गई है। उसी तर्ज पर जबलपुर में भी कैमरे लगाए जाएंगे।
शहर में तेंदुओं की कितना संख्या है इसकी गणना वन विभाग नहीं कर सका है। कुछ सालों से इनकी संख्या में वृद्धि हुई है। अब ट्रेप कैमरों के माध्यम से तेंदुओं की वास्तविक संख्या का भी पता लगाया जाएगा। यह भी पता किया जाएगा कि शहर तक बढ़ते मूवमेंट के पीछे क्या वजह है। 16 से 20 ट्रेप कैमरे लगाकर तेंदुओं की जानकारी जुटाई जाएगी।
ये इलाके ज्यादा प्रभावित
जानकारों के अनुसार डुमना के जंगल से लेकर खमरिया, जीसीएफ, रामपुर संग्राम सागर की पहाड़ी तक तेंदुओं की मौजूदगी देखी गई है। अब तेंदुओं की गणना के लिए ट्रेप कैमरों की मदद ली जाएगी।
जनवरी से शुरू होगा काम
इस सम्बन्ध में उप वन मंडलाधिकारी प्रदीप श्रीवास्तव का कहना है कि तेंदुओं पर निगरानी रखने के लिए अगले माह से हम ट्रेप कैमरे लगाएंगे। इसके माध्यम से तेंदुओं का मूवमेंट और उनकी संख्या का पता लगाएंगे। सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

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श्मशान घाट पर महिला के शव को चीरकर पेट से निकाला बच्चा, वीडियो वायरल होने के बाद मचा हड़कंप

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डिजिटल भारत l पनागर थाना प्रभारी आरके सोनी का कहना है कि जांच शुरू कर दी गई है जांच में जो भी तथ्य सामने जाएंगे, उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी

पनागर क्षेत्र निवासीमें गर्भवती मृतका के शव से श्मशान में पेट चीरकर गर्भस्थ शिशु को निकालने के मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने सख्त रुख रखते हुए घटना की रिपोर्ट मांगी है। महिला आयोग ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को इस संबंध में पत्र लिखा है। जिसमें जांच और कार्रवाई से जुड़ी सारी जानकारी मांगी गई है। आयोग ने प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग ने भी पुलिस को पत्र लिखा है। इधर, पुलिस मामले में जांच जारी करने का दावा कर रही है। जांच में मामले में विभिन्न पहलुओं को पुलिस देख रही है, ताकि घटना के संबंध में अधिक तथ्य जुटाए जा सकें।

पनागर निवासी राधा पटेल का विवाह गोपी पटेल से हुआ था। राधा गर्भवती हुई। उसे आठ माह का गर्भ था, इस दौरान 17 सितंबर 2022 को उसकी मौत हो गई। मायके और ससुराल वाले शव को लेकर मुक्तिधाम आ गए। जहां सफाईकर्मी से राधा के गर्भ को चिरवाया गया और उसमें से गर्भस्थ शिशु को बाहर निकाला गया।

स्वीपर ने पेट पर कई बार ब्लेड चलाई
मां गौरा बाई का कहना है कि ससुरालवालों की सूचना पर हम भी श्मशान घाट पहुंचे थे। वहां शव को अर्थी से अलग रखकर ससुराल पक्ष के लोगों ने स्वीपर को बुलाया। स्वीपर से बेटी के पेट को चिरवाया। इसका VIDEO वहां किसी ने बना लिया। स्वीपर ने एक के बाद एक कई बार पेट में ब्लेड चलाकर शिशु को निकालने का प्रयास किया। शिशु बच्चादानी सहित बाहर आ गया। इसके बाद बच्चादानी को काटकर शिशु को बाहर निकाला गया। बाद में बेटी का अंतिम संस्कार कर दिया, नजदीक ही मृत शिशु के शव को दफना दिया ग

ससुरालवालों की दलील- हिंदू रीति-रिवाज में दाह संस्कार साथ नहीं होता
TI आरके सोनी ने बताया कि मायके और ससुराल पक्ष को थाने बुलाकर पूछताछ की है। ससुरालवालों कहा कि हिंदू रीति-रिवाज में अंतिम संस्कार अलग-अगल होता है, इसीलिए ऐसा किया। अब हम इस मामले में कानूनी सलाह ले रहे हैं। इसके बाद ही FIR दर्ज करेंगे। स्वीपर पर भी केस किया जाएगा।

मां के शव से शिशु को अलग करने की ये मान्यताएं…
गर्भवती महिला की मौत होने से शिशु की भी मौत हो जाती है। ऐसे में महिला के गर्भ से शिशु को निकालकर दोनों का अलग-अलग अंतिम संस्कार किया जाता है। इसके पीछे कुछ धार्मिक मान्यताएं हैं। उज्जैन के पं. राजेश त्रिवेदी के मुताबिक, पुराणों और संहिताओं में जिक्र है कि माता और संतान का अलग-अलग अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए। एक ही चिता पर दोनों का संस्कार नहीं होना चाहिए।

यह भी धार्मिक मान्यता है कि नवजात और छोटे बच्चों के शव को जलाया नहीं जाता है, उन्हें दफनाया जाता है। इसके पीछे कारण है उनका शरीर पूर्ण विकसित नहीं होता। जैसे पूरे दांत नहीं आते हैं और बाल कम होते हैं। एक चिता पर पति और पत्नी का अंतिम संस्कार कुछ मामलों में मान्य है, क्योंकि पति और पत्नी को धार्मिक मान्यताओं में एक ही शरीर के दो हिस्से माना जाता है।

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आधे जबलपुर शहर को आज शाम नहीं मिलेगा पानी

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पानी बचाकर खर्च करें, क्योंकि आधे शहर में बुधवार की शाम नलों से पानी नहीं आएगा। ललपुर जलशोधन संयंत्र के रखरखाव के कारण शहर की 20 टंकियां नहीं भरी जा सकेंगी, जिससे शाम की जलापूर्ति ठप रहेगी।

डिजिटल भारत l नगर निगम के अधीक्षण यंत्री जल कमलेश श्रीवास्तव ने बताया कि ललपुर जल प्रदाय योजनांतर्गत 42 और 55 एमएलडी जल शोधन संयंत्र अंतर्गत फिल्टर प्लांट में अतिआवश्यक संधारण का कार्य बुधवार को किया जाना है।

पानी बचाकर खर्च करें, क्योंकि आधे शहर में बुधवार की शाम नलों से पानी नहीं आएगा। ललपुर जलशोधन संयंत्र के रखरखाव के कारण शहर की 20 टंकियां नहीं भरी जा सकेंगी, जिससे शाम की जलापूर्ति ठप रहेगी।

जिसके चलते उक्त संयंत्र से भरी जाने वाली टंकियां हाथीताल, भंवरताल, श्रीनाथ की तलैया, टाउन हाल, बादशाह मंदिर, गुप्तेश्वर, पीएसएम, फूटाताल, नयागांव, ग्वारीघाट, भीमनगर, शारदा नगर, एसबीआई कालोनी, चांदमारी तलैया, सिविल लाईन, दंगल मैदान, सिद्ध बाबा, मदार छल्ला, भोला नगर, करिया पाथर, कटंगा एवं कुली हिल टैंक नहीं भरा जा सकेगा। जिसके कारण शाम को की जाने वाली जलापूर्ति प्रभावित रहेगी।

इस अतिमहत्वपूर्ण कार्य के संपादन के चलते क्षेत्रीय नागरिकों को होने वाली असुविधा के लिए महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ ने खेद जताया है। महापौर ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति कराई जाएगी।

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करोड़ों की सरकारी जमीन पर तान दिया था कॉम्पलेक्स प्रशासन ने की बड़ी कारवाही कलेक्टर को मिली थी फोन से शिकायत

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डिजिटल भारत l करमेता में 17 हजार वर्ग फिट जमीन पर माफिया ने कब्जा कर कॉम्पलेक्स बनाने की तैयारी कर ली थी। चारों तरफ बाउंड्रीवॉल बनाई जा रही थी। शिकायत के बाद प्रशासन ने दस्तावेजों की जांच कर अतिक्रमण हटाया।

जांच में सामने आया कि 5 करोड 10 लाख रुपए की जमीन पर बबलू चौबे और रत्नेश त्रिपाठी ने 2 हजार वर्ग फिट में बाउंड्रीवाल बनाकर बगल में कॉम्पलेक्स का निर्माण शुरू कर दिया था। कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन को किसी ने फोन पर अवैध निर्माण की जानकारी दी थी। कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम अधारताल नम: शिवाय अरजरिया ने जांच की। पता चला कि खसरा नम्बर 426 की जमीन सरकारी है और इस पर अवैध निर्माण किया जा रहा है। इसके बाद प्रशासन की टीम ने अवैध निर्माण को जमींदोज कर दिया।

बेचने की फिराक में थे l

अपर कलेक्टर एवं एसडीएम आधारताल अरजरिया ने बताया कि भूमि पर रत्नेश त्रिपाठी एवं बबलू चौबे कॉम्पलेक्स का निर्माण तेजी से करा रहे थे।

बताया गया कि सरकारी जमीन पर कॉम्पलेक्स निर्माण कर कुछ लोगों को बेचने की कोशिश भी की जा रही थी। निवेशकों को भ्रमित किया जा रहा था।

बना रहे थे कच्ची सडक़ l
राजस्व विभाग ने करमेता में खसरा नंबर 59/2 की 5 हजार वर्गफुट निजी भूमि पर बनाई जा रही कच्ची सडक़ का अवैध निर्माण भी हटा लिया।

अवैध कॉलोनी के निर्माण के उद्देश्य से कच्ची सडक़ का निर्माण सुशील तिवारी करा रहा था।

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मध्य प्रदेश में एक लाख एकड़ से ज्यादा का लैंड बैंक तैयार इंदौर में मांगी जमीन

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डिजिटल भारत l इंदौर प्रदेश सरकार को जनवरी माह में होने वाली ग्लोबल इंवेस्टर समिट से खासी उम्मीदे लगी हुई है। समिट की सफलता के लिए खुद मुख्यमंत्री शिवरासिंह चौहान रोज मानिटरिंग कर रहे है। उनके प्रयासों को प्रतिसाद भी मिलता दिख रहा है। समिट में शामिल होने के लिए देश के नामी उद्योगपतियों ने अपनी सहमति पहले ही प्रदान कर दी है। उधर इस महत्वाकांक्षी आयोजन से पूर्व एमपीआईडीसी ने खास प्रदेश में बड़ा लेंड बैंक तैयार किया है ताकि प्रदेश में उद्यम लगाने वाले इन्वेस्टर्स को जरूरत के मुताबिक जमीन दी जा सके।

एमपीआईडीसी के पास इस वक्त 1 लाख 22 हजार एकड़ जमीन का मौजूद है। इसमे इंदौर जिले की 22 हजार एकड़ जमीन शामिल है। करीब एक दर्जन उद्योग समूहों को लगभग एक हजार एकड़ जमीन दिए जाना प्रस्तावित है। अधिकृत घोषणा की जाएगी समिट के दौरान ही की जाएगी।

इन उद्योगों ने मांगी जमीन
एमपीआईडीसी के साथ जिन उद्योग समूहों और क्लस्टर के करार प्रस्तावित है उनमे अवाड़ा ग्रुप, एशियन पेंट्स, कांकरिया ग्रुप, जिंदल पेंट्स, पिनेकल समूह, इलेक्ट्रीक व्हिकल निर्माता, वंडर ला आदि प्रमुख है।

इनके अलावा टॉय क्लस्टर, महिला उद्यमी पार्क, फूट वियर क्लस्टर आदि भी प्रस्तावित है

किसने कितनी जमीन मांगी
अवाड़ा ग्रुप – 300 एकड़
एशियन पेंट्स – 100 एकड़
जिंदल पेंट्स – 100 एकड़
टॉय क्लस्टर – 100 एकड़
कांकरिया ग्रुप – 100 एकड़
पिनेकल समूह – 60 एकड़
महिला उद्यमी पार्क – 50 एकड़

स्टार्टअप को मिलेगा फायदा
समिट में देश-विदेश के कई उद्योगों के दिग्गज आ रहे हैं जो कई स्टार्टअप को फंडिंग कर चुके हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस समिट के जरिए स्टार्टअप को भी अच्छी फंडिंग मिल सकती है। बताया जाता है कि इंदौर में शुरूआत में जहां 300 स्टार्टअप थे वही इनकी संख्या अब 700 के करीब हो गई है।

इंदौर का बेहतर माहौल भा रहा
जिस संख्या में उद्योगपतियों, स्टार्टअप आदि ने समिट में आने की सहमति प्रदान की है उससे सरकार का उम्मीदे बढ़ गई है। बात इंदौर की करे तो शहर आज स्वच्छता के मामले ने देश का रोल मॉडल बन चुका है। साफ सुथरा शहर अच्छा क्लाइमेट, अच्छा खानपान, बिजनेस के लिए बेहतर माहौल, देश भर से कनेक्टीविटी, बजट में दफ्तर आदि उपलब्ध हो जाने जैसी बाते इंदौर को देश के बड़े शहरों से आगे रखती है।

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मध्य प्रदेश में हुक्का बार पर लगेगा प्रतिबंध, 13 दिसंबर को कैबिनेट में आएगा बिल, जानिए क्या है शिवराज सरकार का प्लान

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प्रदेश मध्य प्रदेश में हुक्का बार पर लगेगा प्रतिबंध, 13 दिसंबर को कैबिनेट में आएगा बिल, जानिए क्या है शिवराज सरकार का प्लानमें हुक्का बार का संचालन प्रतिबंधित करने के लिए सरकार ने गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के प्रविधानों का अध्ययन करके अधिनियम में संशोधन प्रस्तावित किया है। गृह विभाग ने प्रस्तावित किया है कि कोई भी हुक्का बार का संचालन नहीं करेगा।

मध्‍य प्रदेश में हुक्का बार का संचालन प्रतिबंधित करने के लिए सरकार ने गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के प्रविधानों का अध्ययन करके अधिनियम में संशोधन प्रस्तावित किया है

अभी हुक्का बार को बंद करने संबंधी कोई स्पष्ट प्रविधान नहीं है। पुलिस कार्रवाई होने पर हुक्का बार संचालक न्यायालय चले जाते हैं और उन्हें स्थगन भी मिल जाता है। गृह विभाग ने प्रस्तावित किया है कि कोई भी हुक्का बार का संचालन नहीं करेगा। इसका उल्लंघन किए जाने पर तीन वर्ष तक का कारावास और एक लाख रुपये तक का अर्थदंड लगाया जाएगा। किसी भी स्थिति में कारावास की सजा एक साल से कम औैर अर्थदंड पचास हजार रुपये से कम नहीं होगा। पुलिस उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी को हुक्का बार की सामग्री या वस्तु की जब्ती करने का अधिकार होगा। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि विधानसभा में प्रस्तुत करने से पूर्व इसे राष्ट्रपति की अनुमति के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा।

नशा और आपराधिक गतिविधियों के केंद्र बन गए हुक्का बार चलाना प्रदेश में प्रतिबंधित होगा। सरकार सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम 2003 में हुक्का बार लाउंज को प्रतिबंधित किए जाने के संबंध में संशोधन विधेयक 2022 लाएगी। इसे विधानसभा में प्रस्तुत करने से पहले राष्ट्रपति की अनुमति के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।

प्रदेश में चल रहे 200 से ज्यादा हुक्का बार जल्द ही बंद होंगे. शिवराज सरकार 13 दिसंबर को अगली कैबिनेट मीटिंग में हुक्का बार बंद करने का बिल ला रही है, जिसे मंजूरी के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के जरिए राष्ट्रपति को भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद इस बिल को मध्य प्रदेश में लागू किया जाएगा. दरअसल, इस बिल के लागू होते ही राज्य में चल रहे हुक्का बार पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी. बिल पास होने के बाद मध्य प्रदेश में चल रहे हुक्का बार के खिलाफ शिकायत आने पर बिना किसी वारंट के पुलिस गिरफ्तार करेके तुरंत कार्रवाई करेगी

इसमें कार्रवाई का अधिकार पुलिस सब इंस्पेक्टर या उससे ऊपर के अधिकारी को दिया गया है. शिकायत मिलने पर वे तुरंत हुक्का बार जाकर सामान जब्त करेंगे और शिकायत दर्ज करेंगे. इससे पहले गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हुक्बाका बार बंद करने का प्दरावधान है. अब मध्य प्रदेश पांचवां राज्य होगा, जहां हुक्का बार बंद करने का प्रावधान लागू होगा. मध्य प्रदेश सरकार भी दूसरे राज्यों की तरह केंद्र के सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद के विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन अधिनियम-2003 में संशोधन करके हुक्का बार बिल ला रही है.

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अमानक धान के उपार्जन एवं भंडारण के मामले में चार व्यक्तियों के विरूद्ध गोसलपुर थाने में एफआईआर दर्ज

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70 क्विंटल अमानक धान जप्त

डिजिटल भारत l सिहोरा तहसील के अंतर्गत ग्राम खजरी में सत्यम शिवम वेयर हॉउस स्थित उपार्जन केंद्र में अमानक स्तर
के धान का भंडारण कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने के मामले में तहसीलदार सिहोरा राकेश चौरसिया ने कल
रविवार की देर शाम चार व्यक्तियों के विरूद्ध गोसलपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।
कलेक्टर श्री सौरभ कुमार सुमन द्वारा धान उपार्जन केंद्रों पर लगातार नजर रखने के दिये गये
निर्देशानुसार कल रविवार को तहसीलदार सिहोरा राकेश चौरसिया ने खजरी में सत्यम शिवम वेयर हाउस में बैनगंगा
किसान उत्पादक समिति द्वारा संचालित उपार्जन केंद्र का आकस्मिक निरीक्षण किया था

निरीक्षण के दौरान
उपार्जन संस्था के संचालक अंकित पटैल द्वारा अपने भाई शुभम पटेल के माध्यम से किसान अजय पटेल एवं वेयर
हाउस संचालक सत्यम पटेल के साथ अमानक धान वेयर हाउस के अंदर रखते पाये गये। रविवार होने के बावजूद
इस केंद्र पर धान का उपार्जन भी किया जा रहा था। जबकि नई उपार्जन नीति में रविवार को धान का उपार्जन पूरी
तरह बंद रखने के निर्देश दिये गये हैं। मौके पर निर्धारित वजन 40 किलो 580 ग्राम (धान 40 किलो एवं बोरी का
वजन 580 ग्राम) की बजाय 41 किलो 160 ग्राम धान की भर्ती बोरियों में करना भी पाया गया।
तहसीलदार सिहोरा द्वारा निरीक्षण के दौरान वेयर हाउस के अंदर रखी गई धान का गुणवत्ता निरीक्षक से
परीक्षण भी कराया गया। परीक्षण में 70 क्विंटल धान अमानक स्तर की पाई गई। इस अमानक धान को जप्त कर
कृषक शुभम पटेल के सुपुर्दगी में दे दिया गया।

खुद के लाभ के लिये अमानक धान का उपार्जन कर शासन को आर्थिक हानि पहुँचाने तथा उपार्जन
नीति के उल्लंघन के इस मामले में सत्यम शिवम वेयर हाउस तथा बैनगंगा किसान उत्पाद प्रो कम्पनी लिमिटेड के
संचालक व प्रभारी अंकित पटेल, शुभम पटेल, अजय पटेल एवं सत्यम पटेल के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की
धारा 420, 406 एवं 34 के तहत थाना गोसलपुर में प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया गया है।

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नई शिक्षा नीति को केन्द्रीय कैबिनेट की मंजूरी
10वीं बोर्ड खत्‍म, MPhil भी होगा बंद

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डिजिटल भारत l माननीय मंत्री , शिक्षा विभाग , भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित नई शिक्षा नीति 2020को आज केन्द्रीय कैबिनेट ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी । आज केन्द्रीय सरकार की कैबिनेट की  स्वीकृति के बाद 36साल बाद देश में नई शिक्षा नीति लागू हो गई ।

कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति (New Education Policy 2020) को हरी झंडी दे दी है. 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है. नई शिक्षा नीति की उल्लेखनीय बातें सरल तरीके की इस प्रकार हैं

—-5 Years Fundamental—
1.  Nursery    @4 Years
2.  Jr KG        @5 Years
3.  Sr KG        @6 Years
4.  Std 1st     @7 Years
5.  Std 2nd    @8 Years

—- 3 Years Preparatory—
6.  Std 3rd     @9 Years
7.  Std 4th     @10 Years
8.  Std 5th     @11 Years

—– 3 Years Middle—
9.  Std 6th     @12 Years
10.Std 7th     @13 Years
11.Std 8th     @14 Years

—- 4 Years Secondary—
12.Std 9th     @15 Years
13.Std SSC    @16 Years
14.Std FYJC  @17Years
15.STD SYJC @18 Years

खास बातें :

केवल 12वीं क्‍लास में होगा बोर्ड
MPhil होगा बंद, कॉलेज की डिग्री 4 साल की

10वीं बोर्ड खत्‍म, MPhil भी होगा बंद,

अब 5वीं तक के छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाया जाएगा. बाकी विषय चाहे वो अंग्रेजी ही क्यों न हो, एक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा।

पहले 10वी बोर्ड की परीक्षा देना अनिवार्य होता था, जो अब नहीं होगा.

9वींं से 12वींं क्लास तक सेमेस्टर में परीक्षा होगी. स्कूली शिक्षा को 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत पढ़ाया जाएगा।

वहीं कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी. यानि कि ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल पर डिप्‍लोमा, तीसरे साल में डिग्री मिलेगी.।

3 साल की डिग्री उन छात्रों के लिए है जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं लेना है. वहीं हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी. 4 साल की डिग्री करने वाले स्‍टूडेंट्स एक साल में  MA कर सकेंगे.

MA के छात्र अब सीधे PHD कर सकेंगे.

स्‍टूडेंट्स बीच में कर सकेंगे दूसरे कोर्स. हायर एजुकेशन में 2035 तक ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 50 फीसदी हो जाएगा. वहीं नई शिक्षा नीति के तहत कोई छात्र एक कोर्स के बीच में अगर कोई दूसरा कोर्स करना चाहे तो पहले कोर्स से सीमित समय के लिए ब्रेक लेकर वो दूसरा कोर्स कर सकता है.

हायर एजुकेशन में भी कई सुधार किए गए हैं. सुधारों में ग्रेडेड अकेडमिक, ऐडमिनिस्ट्रेटिव और फाइनेंशियल ऑटोनॉमी आदि शामिल हैं. इसके अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्स शुरू किए जाएंगे. वर्चुअल लैब्स विकसित किए जाएंगे. एक नैशनल एजुकेशनल साइंटफिक फोरम (NETF) शुरू किया जाएगा. बता दें कि देश में 45 हजार कॉलेज हैं.

सरकारी, निजी, डीम्‍ड सभी संस्‍थानों के लिए होंगे समान नियम।

धर्मेंद्र प्रधान , शिक्षा मंत्री, भारत सरकार

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मध्यप्रदेश इस शहर में बनेगी गोबर से bio CNG, उत्पादन होगा 2400 किलो का

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डेयरियों से निकला गोबर परियट नदी के जल को दूषित कर रहा है।

डिजिटल भारत l अब इस गोबर की प्रोसेसिंग कर सीएनजी तैयार करने के लिए परियट में प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। इस प्लांट में 150 टन गोबर की प्रतिदिन खपत होगी। इससे 2400 किलो सीएनजी का उत्पादन होगा।

150 टन गोबर से होगा 2400 किलो बायो सीएनजी का उत्पादन

गोबर के उपयोग के साथ ही प्रदूषण मुक्त ईंधन भी मिलेगा। विशेषज्ञों के अनुसार शहर में डेयरियों और जिले में मवेशियों की संख्या को देखते हुए यहां बायो सीएनजी के वृहद स्तर पर उत्पादन की बड़ी सम्भावना है। उनका मानना है कि परियट की तर्ज पर गौर नदी के किनारे भी बायो सीएनजी प्लांट स्थापित किया जा सकता है।

चार हजार रुपए ट्रॉली बिकता है गोबर
नगर की डेयरियों से चार हजार रुपए प्रति ट्रॉली गोबर बिकता है। छोटी-बड़ी डेयरियों से निकलने वाले गोबर का उपयोग कंडे, गोबर स्टिक बनाने में किया जा रहा है। ज्यादातर गोबर खाद बनाने के लिए खाली जमीन पर डम्प कर दी जाती है। इससे प्राकृतिक रूप से प्रोसेसिंग में ज्यादा समय लगता है।

प्लांट बन रहा है

प्लांट को बनाने एजेंसी का चयन सांची द्वारा किया जाकर वर्कऑर्डर जारी किया जा चुका है। यह प्लांट महाकौशल क्षेत्र का पहला बायो सी.एन.जी. प्लांट होगा। जिससे डेयरियों से निकलने वाले गोबर से होने वाले प्रदूषण से मुक्ति भी मिलेगी। जिससे नर्मदा व सहायक नदी परियट में मिलने वाले गोबर को पानी में मिलने से रोका भी जा सकेगा। प्लांट निर्माण के लिए माह सितम्बर 22 में ही कम्पनी के साथ एग्रीमेंट किया गया था। वहीं प्लांट को मई 2023 तक तैयार करने की कवायद की जा रही हैं।

परियट क्षेत्र की डेयरियों से निकलने वाले गोबर की प्रोसेसिंग कर बायो सीएनजी के उत्पादन के लिए परियट में प्लांट स्थापित किया जा रहा है। निर्माण कार्य पूरा होने पर प्रतिदिन डेढ़ सौ टन गोबर की खपत होगी। इससे 2400 किलो बायो सीएनजी ईंधन का उत्पादन होगा।

रवि राव, प्रशासनिक अधिकारी, स्मार्ट सिटी

ये है स्थिति

112 डेयरी हैं परियट में
40 डेयरी गौर नदी के पास
25 हजार से ज्यादा भैंस हैं डेयरियों में
04 हजार रुपए प्रति ट्रॉली बिकता है गोबर
150 टन गोबर का होगा प्रतिदिन उपयोग
21 करोड़ रुपए है निर्माण लागत

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हो सकती है बूंदाबांदी बढ़ती ठंड को देखकर

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सोमवार-मंगलवार को ठंड को देख कर लग रहा है , हो सकती है बूंदाबांदी
दो डिग्री बढ़ा पारा
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डिजिटल भारत l लगातार गिर रहे पारे को बादलों ने थाम लिया है। मौसम विभाग के अनुसार जम्मू-कश्मीर में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती तूफान के असर से मौसम का मिजाज बदल रहा है। दो दिनों तक मौसम ऐसा ही रहेगा।

सोमवार-मंगलवार को भी हल्के बादल छाए रहेंगे, जबलपुर सहित संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हो सकती है। बादलों के फेर में तापमान भी करीब दो डिग्री तक बढ़ गया। हवाओं में नमी घुलने से रविवार को तापमान में जहां बढ़ोत्तरी दर्ज की गई वहीं ठंड का असर कुछ कम रहा।

उत्तरी बर्फीली हवाओं के कारण पिछले चार दिनों से बढ़ती ठंड से धूप का असर कम रहा। लेकिन रविवार को ठंड के कुछ कमजोर पड़ते ही धूप का असर तेज हो गया। इस बीच हल्के बादल भी आते-जाते रहे। शाम को भी वातावरण में ठंडक कम ही रही। हालांकि रात होते ही दो किमी की गति से चली उत्तरी हवाओं से बर्फीली ठंडक का अहसास होता रहा।

मौसम विभाग के अनुसार पाकिस्तान और उससे लगे जम्मू-कश्मीर पर एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। इसी के साथ चक्रवाती तूफान के असर से हवाओं में नमी घुली रही।

मौसम विभाग के मुताबिक जो संकेत मिल रहे है उसके अनुसार 13 और 14 दिसंबर को जबलपुर सहित संभाग के जिलों में बादल छा सकते हैं।

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