DIGITAL BHARAT

एक भारत उत्कृष्ट भारत

क्या है पेपर लीक कानून, सजा सुनकर आप होजाएंगे हैरान

0 0
Read Time:3 Minute, 9 Second

डिजिटल भारत I पेपर लीक विवाद के बीच केंद्र सरकार ने शुक्रवार रात एक सख्त कानून लागू कर दिया जिसका मकसद प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं को रोकना है। इस कानून में दोषियों के लिए अधिकतम 10 वर्ष कारावास की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
10 साल की कैद से लेकर 1 करोड़ जुर्माना तक का प्रावधान NEET और UGC-NET जैसी परीक्षाओं में गड़बड़ियों के बीच यह कानून लाने का फैसला सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है। इस कानून के लागू होने के बाद अब पेपर लीक करने का दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की कैद से लेकर 1 करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
एक दिन पहले ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से पूछा गया था कि यह कानून कब लागू होगा, तब उन्होंने कहा था कि कानून मंत्रालय नियम बना रहा है।
सर्विस प्रोवाइडर के दोषी होने पर लगेगा 1 करोड़ का जुर्माना
परीक्षा संचालन के लिए नियुक्त सर्विस प्रोवाइडर अगर दोषी होता है तो उस पर 1 करोड़ रुपये तक जुर्माना होगा। सर्विस प्रोवाइडर अवैध गतिविधियों में शामिल है, तो उससे परीक्षा की लागत वसूली जाएगी। साथ ही, सेवा प्रदाता को 4 साल की अवधि के लिए किसी भी सार्वजनिक परीक्षा के संचालन की जिम्मेदारी से भी रोका जा सकता है।
ऐसे अपराधों से सख्ती से निपटा जाएगा
केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने पूर्व में कहा था कि यह अधिनियम अभ्यर्थियों की इसके प्रविधानों से सुरक्षा करता है। इस कानून से पहले केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियों द्वारा सार्वजनिक परीक्षाओं के संचालन में शामिल विभिन्न संस्थाओं द्वारा अपनाए गए अनुचित साधनों या अपराधों से निपटने के लिए कोई विशिष्ट ठोस कानून नहीं था।
12 फरवरी को मिली थी कानून को मंजूरी
पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, इसी साल 6 फरवरी को लोकसभा और 9 फरवरी को राज्यसभा से पारित हुआ था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा 12 फरवरी को बिल को मंजूरी देकर इसे कानून में बदल दिया गया था।

Happy
Happy
50 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
50 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

यूजीसी नेट परीक्षा में गड़बड़ी,परीक्षा के एक दिन बाद किया पेपर रद्द

0 0
Read Time:4 Minute, 9 Second

डिजिटल भारत l शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित कराए गई यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द करने का एलान कर दिया है। परीक्षा आयोजित होने के एक दिन बाद ही सरकार ने परीक्षा रद्द करने का एलान कर सभी को चौंका दिया है। एनटीए द्वारा कराई जाने वाली नीट की मेडिकल एंट्रेस परीक्षा भी सवालों के घेरे में है और फिलहाल सुप्रीम कोर्ट इसकी समीक्षा कर रहा है। अब यूजीसी-नेट की परीक्षा रद्द होने से गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। गौरतलब है कि एनटीए ने इस बार ऑफलाइन तरीके से ओएमआर शीट पर परीक्षा कराई। देशभर में 317 केंद्रों पर 11.21 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी। हालांकि परीक्षा रद्द होने के बाद अब पूरी कवायद फिर से होगी।

सीबीआई जांच का निर्णय लिया गया

यूजीसी नेट परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर शिक्षा मंत्रालय ने बड़ा निर्णय लिया है. इसकी जांच सीबीआई को देने का निर्णय लिया गया. NEET -UG परीक्षा का विवाद अभी थमा ही नहीं था कि यह एक दूसरा मामला आ गया है. मेडिकल में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एनटीए के द्वारा आयोजित होने वाली NEET-UG परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक और ग्रेस मार्क देने का विवाद पहले से ही चल रहा है.
क्या है नेशनल टेस्टिंग एजेंसी
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एक स्वायत्त निकाय है, जो देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करती है। परीक्षा पेपर तैयार करने से लेकर इसे परीक्षा केंद्र तक वितरित करने और परीक्षा पेपर जांच की जिम्मेदारी भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ही संभालती है। केंद्र सरकार ने साल 2017 में इसका एलान किया था और दिसंबर 2018 में एनटीए ने पहली यूजीसी-नेट की परीक्षा कराई थी। यूजीसी-नेट, नीट के अलावा एनटीए इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा जॉइंट एंट्रेस एग्जामिनेशन (मेन) भी आयोजित कराती है। इसी परीक्षा के आधार पर देश के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों जैसे आईआईटी और एनआईटी में एडमिशन मिलते हैं।
क्या है नेशनल टेस्टिंग एजेंसी
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एक स्वायत्त निकाय है, जो देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करती है। परीक्षा पेपर तैयार करने से लेकर इसे परीक्षा केंद्र तक वितरित करने और परीक्षा पेपर जांच की जिम्मेदारी भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ही संभालती है। केंद्र सरकार ने साल 2017 में इसका एलान किया था और दिसंबर 2018 में एनटीए ने पहली यूजीसी-नेट की परीक्षा कराई थी। यूजीसी-नेट, नीट के अलावा एनटीए इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा जॉइंट एंट्रेस एग्जामिनेशन (मेन) भी आयोजित कराती है। इसी परीक्षा के आधार पर देश के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों जैसे आईआईटी और एनआईटी में एडमिशन मिलते हैं।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

मध्‍य प्रदेश हाई कोर्ट ने किया आदेश पीएससी परीक्षा मामले में सुरक्षित के लिए

0 0
Read Time:2 Minute, 13 Second

डिजिटल भारत l हाई कोर्ट ने पीएससी-2019 प्रारंभिक परीक्षा के संशोधित परिणाम व पीएससी-2021 प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई पूरी होने के साथ आदेश सुरक्षित कर लिया।

प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू व न्यायामूर्ति वीरेंद्र सिंह की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता भोपाल निवासी ओमप्रकाश पचौरी सहित अन्य की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह, उदय कुमार साहू, रूप सिंह मरावी व अंजनी कुमार कबीर ने पक्ष रखा।

उन्होंने दलील दी कि हाई कोर्ट ने सात अप्रैल, 2022 को पीएससी 2019 की प्रारंभिक परीक्षा के संशोधित परिणाम जारी करने के निर्देश दिए थे। पीएससी व सरकार ने 10 अक्टूबर, 2022 को संशोधित परिणाम दो भागों में जारी किए।

सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र के अनुसार भाग-अ में 87 प्रतिशत अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। जबकि प्राविधिक भाग-ब में 13 प्रतिशत ओबीसी व 13 प्रतिशत अनारक्षित अभ्यर्थियों को चयनित किया गया है।

बहस के दौरान दलील दी गई कि इस प्रकार कुल आरक्षण 100 प्रतिशत से ऊपर हो गया है।

20 अक्टूबर, 2022 को पीएससी 2021 के प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम भी इसी तरह घोषित किया गया है। मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा जारी उक्त परिणाम असंवैधानिक है व राज्य परीक्षा सेवा नियम-2015 के प्रविधानों के विपरीत है।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

अग्निवीर बनने के लिए दी लिखित परीक्षा महिलाओं ने

0 0
Read Time:2 Minute, 51 Second

डिजिटल भारत l सेना में भर्ती के लिए महिला अग्निवीरों की लिखित परीक्षा आयोजित की गई। इस परीक्षा में 125 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। अंतिम दौर में चयनित और प्रशिक्षित होने के बाद इन महिला अग्निवीरों को सेना पुलिस में सेवा का अवसर मिलेगा।

महिला अग्निवीर सैनिकों के लिए लिखित परीक्षा गोराबाजार स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल क्रमांक-1 में आयोजित हुई। सुबह 11 बजे से शुरू हुई इस परीक्षा में दो चरण पार कर चुकी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सभी महिला अभ्यर्थियों ने भाग लिया।

दो सप्ताह में परिणाम

भर्ती प्रक्रिया में लगे अधिकारियों का कहना है कि लिखित परीक्षा का परिणाम 10 से 14 दिनों के भीतर आर्मी मुख्यालय की ओर से घोषित कर दिया जाएगा।

इसके बाद अंतिम रूप से चयनित महिला अग्निवीरों को विशेष प्रशिक्षण के लिए मिलेट्री पुलिस सेंटर बैंगलुरू के लिए रवाना किया जाएगा। यह प्रशिक्षण फरवरी में शुरू हो जाएगा।

34000 में से चुनी गईं

मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की महिलाओं के लिए अग्निवीर भर्ती रैली जबलपुर भर्ती मुख्यालय में 20 और 21 नवंबर को रही। इस प्रक्रिया में करीब 34 हजार महिला अभ्यर्थियों ने आवेदन किया।

भर्ती मुख्यालय की अोर से इन आवेदकों में से 1601 को उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर बुलावा पत्र भेजे, जिनमें से करीब 175 ने ग्राउंड टेस्ट को पास किया।

इनमें से भी 50 महिला आवेदक मेडीकल जांच के दौर में अटक गईं। इस तरह से 125 अभ्यर्थी लिखित परीक्षा के लिए चयनित हुई थींl

ठंड की वजह से धूप में बैठाया

पिछले दो तीन दिनों से मौसम ठंडा है। लगातार पारा नीचे जा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए भर्ती प्रक्रिया में लगे अधिकारियों ने परीक्षार्थियों से स्कूल परिसर के दालान में खुली धूप में लिखित परीक्षा ली।

धूप में परीक्षा देेने का अवसर मिलने से परीक्षार्थियों ने भी राहत की सांस ली।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

युनिवेर्सिटी में ऑफलाइन परीक्षा की मांग सिलेबस पूरा न होने की कारन दहसत में है छात्र

0 0
Read Time:2 Minute, 39 Second

डिजिटल भारत I बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से मध्य प्रदेश सरकार कॉलेजों की परीक्षाएं ऑनलाइन कराने पर विचार कर रही है. गृह मंत्री और सरकार के प्रवक्ता डॉ नरोत्तम मिश्रा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए कुछ साथी विधायकों ने कॉलेज की परीक्षाएं ऑफलाइन की जगह ऑनलाइन मोड से करवाने की मांग की है. ऐसे में सरकार इस विचार करेगी.

शासन के आदेश के अनुसार आयोजित होगी परीक्षा

NSUI की छात्र नेता देवकी पटेल का कहना है कि उनकी सिर्फ यही मांग है कि कोरोना संक्रमण के चलते छात्राओं में भी डर का माहौल है.एक तरफ सिलेबस कंप्लीट नहीं हुआ और छात्राओं की तैयारी भी बहुत बेहतर नहीं है. इसलिए या तो ऑनलाइन एग्जाम करवाये जाएं या फिर ऑफ लाइन में ओपन बुक पद्धति से परीक्षा कराई जाए.वहीं कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि वे शासन के निर्देश पर ही परीक्षाएं आयोजित करते हैं और अभी तक ऑनलाइन परीक्षा करवाने के निर्देश नहीं मिले हैं, बल्कि 50 प्रतिशत छात्राओं की उपस्थिति के साथ परीक्षा करवाने के निर्देश हैं. यदि शासन द्वारा कोई निर्देश मिलते हैं तो उसी का पालन करते हुए परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी.

‘मुख्य परीक्षा मार्च में’

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि मुख्य परीक्षा मार्च में होनी है. इसे लेकर फिलहाल हम वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं. मौजूदा हालातों को देखते हुए अभी निर्णय नहीं लिया जा सका है. लेकिन जल्द ही हालातों को देखकर फैसला करेंगे. मोहन यादव ने कहा कि एक्सपर्टस और कुलपतियों से मामले पर विमर्श करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रश्न ऑफलाइन या ऑनलाइन का नहीं है. डिग्री के महत्व का है. इसलिए मामले को राजनीतिक छात्र संगठन पोलिटिकल ना बनाएं.

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %