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एक भारत उत्कृष्ट भारत

रिलायंस Jio का मुनाफा छु रहा आसमान

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डिजिटल भारत l भारत का टेलिकॉम सेक्टर इस समय बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है, जहां नए शहरों में 5जी पहुंच रहा है, वहीं देश की तीसरी टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया अंतिम सांसें गिन रही है। ऐसे में जियो का मुनाफा चौकाता है।

देश के टेलिकॉम उद्योग में जहां वोडाफोन आइडिया जैसी दो दशक पुरानी कंपनी अपने कर्ज चुकाने में नाकाम साबित हो रही है, वहीं मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो मुनाफे के झंडे गाड़ रही है। देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 28.3 प्रतिशत बढ़कर 4,638 करोड़ रुपये रहा।


रिलायंस जियो ने शेयर बाजार को बताया कि उसने पिछले वित्त वर्ष 2021-22 की इसी तिमाही में 3,615 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। कंपनी की आय बढ़कर चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 22,993 करोड़ रुपये हो गयी, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 19,347 करोड़ रुपये थी।


रिलायंस जियो इन्फोकॉम के चेयरमैन आकाश अंबानी ने कहा कि कंपनी देश में 5जी सेवा शुरू करने के लिए तेजी से काम कर रही है। उन्होंने कहा, ”पेश किए जाने की तीन महीनों के अंदर ही जियो ट्रू5जी 137 शहरों में पहुंच गई है और दिसंबर 2023 तक पूरे भारत मे होगी।”

इसके अलावा जियो बेहतरीन डिजिटल अनुभव देने के लिए 10 करोड़ परिसरों को जियोफाइबर और जियोएयरफाइबर से जोड़ेगी। अंबानी ने एक बयान में कहा, ”हम छोटे व्यापारियों और कंपनियों का भी सशक्त बनाएंगे।”
भारत का टेलिकॉम सेक्टर इस समय बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है, जहां नए शहरों में 5जी पहुंच रहा है, वहीं देश की तीसरी टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया अंतिम सांसें गिन रही है। ऐसे में जियो का मुनाफा चौकाता है।

भारत का टेलिकॉम सेक्टर इस समय बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है, जहां नए शहरों में 5जी पहुंच रहा है, वहीं देश की तीसरी टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया अंतिम सांसें गिन रही है। ऐसे में जियो का मुनाफा चौकाता है।

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देशभर में तेजी से बढ़ती महंगाई के बीच में आम जनता को बड़ा झटका लग सकता है.

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अब रोजमर्रा के सामान जैसे – साबुन, शैंपू, और टूथपेस्ट महंगे होने जा रहे हैं. देशभर में तेजी से बढ़ती महंगाई के बीच में आम जनता को बड़ा झटका लग सकता है.

डिजिटल भारत l देशभर में तेजी से बढ़ती महंगाई के बीच में आम जनता को बड़ा झटका लग सकता है. अब रोजमर्रा के सामान जैसे – साबुन, शैंपू, और टूथपेस्ट महंगे होने जा रहे हैं. इसके साथ ही रिन, लक्स, लाइफबॉय, फेयर एंड लवली की कीमतों में भी इजाफा हो सकता है. देश की दिग्गज एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) जल्द ही अपने प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ा सकती है.

रॉयल्टी फीस में हुआ है इजाफा
कंपनी की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, हिंदुस्तान यूनिलीवर पीएलसी ने रॉयल्टी में 80 बेसिस प्वाइंट का इजाफा कर दिया है. एचयूएल में 10 सालों में पहली बार रॉयल्टी फीस में इजाफा किया गया है. इससे पहले आखिरी बार यह इजाफा साल 2013 में किया गया था.

3.45 फीसदी हो सकती है रॉयल्टी फीस
HUL ने जानकारी देते हुए बताया है कि नए एग्रीमेंट के मुताबिक, रॉयल्टी और सेंट्रल सर्विसेज फीस को बढ़ाकर 3.45 फीसदी किया जा सकता है. वहीं, पिछले वित्त वर्ष में यह 2.65 फीसदी थी. रॉयल्टी फीस में 80 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी को 3 चरणों में लागू किया जा सकता है

कीमतों में हो सकता है इजाफा
इस समय महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों की जेब पर असर पड़ रहा है. फिलहाल माना जा रहा है कि कंपनी रोजमर्रा के सामान की कीमतों में इजाफा कर सकती है.

कौन-कौन से प्रोडक्ट्स बनाती है कंपनी?
बता दें देश की जानी-मानी कंपनी इस समय पर्सनल केयर के अलावा, फूड, होम केयर, वॉटर प्यूरिफायर जैसे कई प्रोडक्ट्स पर बना रही है. इसके अलावा नमक, आटा, कॉफी, चाय, कैचअप, जूस, आइसक्रीम, व्हील, रिन, सर्फ, डब, शेविंग क्रीम समेत सभी प्रोडक्ट शामिल हैं.

कितना था रेवेन्यू?
कंपनी के रेवेन्यू की बात की जाए तो पिछले वित्त वर्ष में यह 51,193 करोड़ रुपये रहा था जो कि एक साल पहले की तुलना में 11.3 फीसदी ज्यादा था, जिसमें से कंपनी ने अपनी पैरेंट कंपनी को 2.65 फीसदी की रॉयल्टी चुकाई थी. अब इसमें इजाफा हो जाने के बाद कंपनी को ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे.

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जम्मू-कश्मीर में मई तक चुनाव संभव:

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जम्मू-कश्मीर में चुनावी सियासत गरमा रही है। सूत्रों के अनुसार मई तक यहां चुनाव हो सकते हैं। भाजपा महासचिव बीएल संतोष नेहाल में एक अहम बैठक लेकर पार्टी कैडर को चुनावी माेड पर आने के निर्देश दिए हैं।

जम्मू-कश्मीर में चुनाव को लेकर राजनितिक पार्टियों की तैयारियां…

पीडीपी: जम्मू की फिक्र का राग अलाप कर महबूबा का बड़ा दांव
पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती पार्टी की नियमित रूप से छोटी-छोटी रैलियां कर रही हंै। महबूबा के स्टैंड में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। वेइन दिनों भाजपा पर जम्मू की उपेक्षा का आरोप लगा रही हैं। उनका ये दांव जम्मू क्षेत्र में पीडीपी का आधार बढ़ाने के लिए है।

कांग्रेस:राहुल गांधी की यात्रा से कश्मीर में पार्टी को फायदे की

भारत जोड़ो यात्रा के राज्य में आने और गुलाम नबी आजाद की पार्टी से कई नेताओं की पार्टी में वापसी से कांग्रेस उत्साहित दिख रही है।प्रदेशाध्यक्ष रसूल वानी का कहना है कि 20 जनवरी को आने वाली भारत जोड़ो यात्रा से पार्टी का जनाधार बढ़ेगा।

नेशनल कॉन्फ्रेंस: चुनाव को हक बता रही, बहिष्कार से इनकार
चुनावों के संभावित ऐलान को पार्टी जनता का हक बता रही है। रणनीति यह मैसेज देना है कि चुनाव का ऐलान करना भाजपा की ओरसे कश्मीरियों को सौगात नहींं है। उमर अब्दुल्ला ने चुनाव लड़ने का ऐलान तो किया है पर गुपकार गठबंधन पर रुख नहीं बताया।

आजाद पार्टी: दलबदलुओं से परेशान, अभी रणनीति का ऐलान नहीं
पूर्व सीएम गुलाम नबी की डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी का शुरुआती जोश ठंडा है। पार्टी नेतृत्व दल-बदल से जूझ रहा है। सभी क्षेत्रों मेंपार्टी का संगठनात्मक ढांचा भी तैयार नहीं है। पार्टी ने अभी तक चुनावी रणनीति की घोषणा नहीं की है।

आप: पंजाब की सफलता को जम्मू क्षेत्र में भी भुनाने की तैयारी की जा रही है
आम आदमी पार्टी हाल में पंजाब में चुनावी सफलता को जम्मू में भुनाने की तैयारी में जुटी है। आप को उम्मीद है कि पंजाब का असरजम्मू में भी पड़ेगा। पार्टी उपाध्यक्ष नजीर यतू ने जल्द चुनाव की मांग की है।

भाजपा और अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी केबीच नजदीकियां बढ़ने और गठबंधन की संभावना से घाटी में नए समीकरण बन सकते हैं। भाजपा की कवायद को देख कर अन्यपार्टियां भी तैयारियों में जुट गई हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), पीडीपी और कांग्रेस विधानसभा क्षेत्रों में फैले अपने-अपने नेताओं कोएक्टिव कर रही हैं। चुनावी सुगबुगाहट के बीच राज्य में गठबंधन की राजनीति की तस्वीर फिलहाल स्पष्ट नहीं हैं। एनसी और पीडीपी केबीच गुपकार गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने पर दोनों पार्टियों के नेता बयान देने से बच रहे हैं।

श्रीनगर में रविवार शाम करीब 6 बजे हवाल चौक में आतंकियों ने CRPF के बंकर पर ग्रेनेड से हमला किया। इस हमले में जवानों कोतो कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन एक नागरिक समीर अहमत मल्ला घायल हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहालइसकी कोई तस्वीर सामने नहीं आई है।

दूसरी घटना: पुलवामा में जवान से राइफल छीनी 

रविवार सुबह पौने 12 बजे दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के राजपोरा इलाके में CRPF के जवान से AK-47 राइफल छीन ली गई।राइफल छीनने वाला युवक 25 साल का इरफान बशीर गनी है। शाम तक राइफल छीनने वाले युवक को उसके परिवार के लोग लेकरथाने पहुंचे और हथियार वापस किया। इससे पहले आतंकियों ने 183 बटालियन के एक जवान से AK-47 राइफल छीनी थी।

जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों से जुड़ी अन्य खबरें भी पढ़ें…

2022 में कश्मीर में 172 टेररिस्ट मारे गए, आतंकियों ने 3 कश्मीरी पंडितों सहित 29 लोगों की हत्या की

कश्मीर में आतंकियों के साथ साल 2022 में सुरक्षाबलों की 93 मुठभेड़ हुई, जिनमें 172 आतंकी मारे गए। इनमें 42 विदेशी थे। वहीं, आतंकवादियों ने इस साल 29 नागरिकों की हत्या कर दी, जिनमें से 3 कश्मीरी पंडितों सहित 6 हिंदू थे। कश्मीर के ADGP विजयकुमार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि मारे गए आतंकियों में सबसे ज्यादा 108 आतंकी लश्कर-ए-तैयबा औरइसी से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट के थे।

आतंकवादियों की भर्ती में 37% की गिरावट
विजय कुमार ने कहा कि इस साल आतंकवादियों की भर्ती में पिछले साल की तुलना में 37% की गिरावट हुई है, जो अब तक सबसेज्यादा है। सबसे अधिक 74 आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुए, इनमें से 65 आतंकवादियों को मुठभेड़ में खत्म कर दियागया। इन 65 में से 58 आतंकी यानी 89% संगठन में शामिल होने के पहले महीने में ही मार दिए गए।

वहीं, 17 आतंकवादी गिरफ्तार किए गए हैं। फिलहाल घाटी में इस साल भर्ती हुए 18 आतंकवादी एक्टिव हैं। सुरक्षाबलों ने इस सालमुठभेड़ों और सर्च ऑपरेशन के दौरान 360 हथियार बरामद किए हैं। इसमें 121 AK सीरीज की राइफलें, 8 M4 कार्बाइन और 231 पिस्तौल शामिल हैं।

कश्मीर में इस साल 26 जवान शहीद
आतंकियों ने इन साल कश्मीर में 29 लोगों की हत्या की है। जिसमें 21 स्थानीय निवासी और 8 प्रवासी मजदूर थे। स्थानीय लोगों में 3 कश्मीरी पंडितों सहित 6 हिंदू और 15 मुस्लिम थे। आतंकियों के साथ मुठभेड़ों में जम्मू-कश्मीर पुलिस के 14 जवानों सहित 26 सुरक्षाबलों के जवान शहीद हुए हैं।

जम्मू-कश्मीर में एनकाउंटर से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए…
जम्मू में 4 आतंकवादी ढेर, ट्रक में छिपकर आए थे तलाशी के दौरान फायरिंग करने लगे

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सोशल मीडिया स्टार बनने का सीक्रेट

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डिजिटलभारत l Instagram Reels हों या फिर YouTube Videos  इन्हें देखते हुए बहुत से लोगों के मन में एक सवाल आता है. ‘ऐसा तो मैंभी कर सकता हूं’. सोशल मीडिया ने कई अनजान चेहरों को बड़ा नाम दिया. शायद फिल्मों की दुनिया में ये चेहरे कहीं खोकर रहजाते हैं और कुछ वक्त से साथ खो भी गए. बड़ा नाम ही नहीं बल्कि बहुत से लोगों के लिए ये प्लेटफॉर्म्स कमाई का भी एकजरिया हैं. इन प्लेटफॉर्म्स से कमाई के कई किस्से हर रोज सुनने को मिलते हैं. कोई कहता है कि एक वीडियो से लाखों मेंआमदनी होती है, तो कोई बताता है करोड़ों में, लेकिन क्या इस ‘नई मायानगरी’ के जो किस्से हम सुन रहे हैं वो सही हैं.

इस इंडस्ट्री को नई मायानगरी इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि बहुत से लोग अब यहां करियर तलाश रहे हैं. कोई पॉपुलर होनाचाहता है, तो कोई यहां से कमाई. किसने सोचा था कि शॉर्ट वीडियो हो या फिर किसी डॉयलॉग को अपनी फोटो पर चिपकाना, एक दिन इन तरीकों से भी कमाई हो सकेगी. मगर अब ऐसा हो रहा है. 
आपने भी कई बार इनकी शुरुआत करने का सोचा होगा, लेकिन कभी आपका काम, तो कभी झिझक इन सब के बीच आ गई होगी. बहुत से लोगों के मन में इन प्लेटफॉर्म्स से जुड़े कईसवाल होते हैं. इन सवालों का जवाब कौन देगा?

ऐसे ही कुछ सवालों को लेकर हम पॉपुलर यूट्यूबर्स और इंफ्लूएंसर्स के पास गए, जो शायद आपकी मदद कर सकते हैं. उससेपहले हम इस पूरे सफर को समझना होगा.

स्मार्टफोन और इंटरनेट की इस पीढ़ी में सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर बनना एक बड़ी आबादी का सपना है. सस्ते डेटा प्राइस ने लोगोंके लिए इंटरनेट के इस्तेमाल को आसान बना दिया. 
वहीं YouTube, Instagram और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने लोगोंके लिए नई राह खोल दी. एक दशक पीछे जाएं, तो किसने सोचा था कि एक रोज इंस्टाग्राम और यू्ट्यूब लोगों की कमाई काजरिया बन जाएंगे.

सिर्फ कमाई का जरिया ही नहीं बहुत से लोगों के लिए ये प्लेटफॉर्म्स नई उम्मीद हैं, लेकिन क्या यही हकीकत है? जिस तरह से हरचमकती चीज सोना नहीं होती है, उसी तरह से सोशल मीडिया पर नजर आने वाली जिंदगी भी है. 
आज कोई पॉपुलर है, तो उसकेपीछे ब्रांड्स हैं. यहां कल क्या होगा कोई नहीं जानता है. मगर एक बात साफ है, इस भागती दौड़ती जिंदगी में किसी से लिए एकसफल कंटेंट क्रिएटर बनना इतना आसान भी नहीं है.

1. जिस चीज को लेकर आपको पैशन हो, उस पर फोकस करें। आइडियाज निकालें, उसे लिख लें और यह सुनिश्चित कर लें कि वहकंटेंट इंटरेस्टिंग या इंस्पाइरिंग होना चाहिए। जो आप वाकई दिल से करना चाहते हैं, वही चुनें।

2. अगर आप आइडियाज के साथ स्ट्रगल कर रहे हैं तो देखें कि अभी क्या लोकप्रिय है और उस हिसाब से अपने काम को प्रेरित करें।ट्रेंड्स क्या है इसका ध्यान रखें।

3. जरूरी नहीं कि फेसबुक या ट्विटर के लिए बनाया वीडियो यूट्यूब के हिसाब से अलग हो सकता है। या यूं कहें कि एकप्लेटफाॅर्म पर जो काम कर गया हो, वह दूसरे पर भी करेंगा। इसलिए सही प्लेटफाॅर्म का चयन करें।

4. अगर आप अपना काम प्रमोट कर रहे हैं तो टैग करना न भूलें। ऐसे टैग यूज करें जो कि आपके लिए कारगर साबित हो।

5. जरूरी नहीं है कि आप जो कर रहे हों, उसे हर कोई पसंद करें, इसलिए निगेटिव फीडबैक पर फोकस न करें। हालांकि यूट्यूब औरइंस्टाग्राम जैसे प्लेटफाॅर्म आपको नकारात्मक शब्दों को ब्लाॅक करने की अनुमति देचा है। आप कुछ शब्द या कमेंट्स बैन कर सकतेहैं।

6. एक बार आपको फाॅलोअर्स मिलने लगते हैं तो उनके साथ जुड़कर आपका चैनल आगे बढ़ेगा। आपको आपके आॅडियंस के साथसंपर्क में रहना चाहिए।

7. कोई भी रातोंरात सोशल मीडिया स्टार नहीं बन जाता है। असफल होने से मत डरिए। चीजें मन मुताबिक न हों तो उस पर विचारकीजिए और उसमें सुधार करें।

8. यूट्यूब पर चैनल्स विज्ञापनों के जरिए पैसा कमाते हैं लेकिन ब्रांड और स्पांसरशिप डील्स बड़ा पैसा लाती है। इसके जरिएकाफी पैसा कमाया जा सकता है इसलिए आपका कंटेंट इंटरेस्टिंग होना चाहिए।

एक सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर के लिए सफल होने का क्या मतलब होता है? इंस्टाग्राम और YouTube जैसे प्लेटफॉर्म्स परलाखों की तादाद में सब्सक्राइबर्स एक दिन में नहीं आते हैं. इसमें लंबा वक्त लगता है. वहीं बहुत से लोगों को लगता है कि इनप्लेटफॉर्म्स पर मौजूद हर शख्स लाखों में कमा रहा है. उसकी जिंदगी ऐशो आराम में गुजर रही है. क्या ये नई मायानगरी वास्तव मेंऐसी है, जैसा लोग सोचते हैं? इसका सबसे आसान तरीका है, उन लोगों से बात करना जो इस मुकाम तक पहुंचे हैं.

उन्होंने बताया, ‘मैंने अपने दोस्तों, परिवार और परिचितों के लिए टेक्नोलॉजी को आसानी से समझाने वाले YouTube Videos बनाने से शुरुआती की थी. इन वीडियोज को बनाते हुए मैंने हमेशा कंटेंट को बेहतर करना जारी रखा. मेरे चैनल टेक बर्नर कीसफलता मेरी टीम और ऑडियंस की वजह से है. मेरा मानना है कि निरंतरता, रिलेटेबिलिटी और ऑथेंटिसिटी की वजह से ही मेरेवीडियोज लोगों ने पसंद किए.’

अपने शुरुआती दिनों पर बात करते हुए श्लोक बताते हैं, ‘कॉलेज के दिनों में मैं अपने पिता का ऑफिस लैपटॉप वीडियोज बनानेके लिए यूज करता था. मैंने वक्त से साथ सीखा कि कैमरे के सामने कैसे बोले और फिर टेक्नोलॉजी से जुड़ी जानकारी को सिंपलऔर एंटरटेनमेंट वाले ढंग से पेश करना शुरू किया. शुरुआती 4 साल में मेरे फॉलोओवर्स की संख्या सिर्फ 5 हजार ही पहुंच पाईथी और आज 5 करोड़ तक व्यूज हर महीने आते हैं. इन सब में वक्त लगा. मगर शुरुआत से ही मैंने सीखना और वीडियोज बनानाजारी रखा.

अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए सलोनी गौर ने बताया, ‘मैं पहली बार अपने पैरेंट्स से दूर रह रही थी और ये मेरे लिएआसान नहीं था. कॉलेज में दोस्ती मेरे लिए थोड़ी मुश्किल रही और उसी दौरान मुझे सोशल मीडिया ऐप्स के बारे में पताचला.पहली बार स्मार्टफोन मिलने के बाद मैंने इन सब के बारे में जाना. कंटेंट क्रिएटर बनने की रहा मुझे मेरे भाई ने दिखाई. मैंनेफैसला किया कि मैं अपने जोक्स को सिर्फ दोस्तों से ही नहीं बल्कि इंस्टाग्राम पर वीडियो बनाकर भी शेयर करूंगी. मुजे याद हैकि हमारे हॉस्टल में सिर्फ एक टीवी होता था और बच्चों में अपने पसंद का चैनल देखने के लड़ाई तक होती थी. ऐसे में हमारे पासएंटरटेनमेंट का कोई दूसरा तरीका नहीं था.इसलिए मैंने सोचा कि कुछ अपना क्यों ना शुरू किया जाए.’

सलोनी बताती है कि शुरुआत में उनका इस सेक्टर में कोई प्लान नहीं था, वो बस अपना पैशन फॉलो कर रही थीं. उन्होंने हिम्मतदिखाते हुए अपने अकाउंट को पब्लिक किया और साल 2019 में उनका एक वीडियो वायरल हो गया. यहां से उनके पैशन सेकमाई की शुरुआत हुई. किसी भी प्लेटफॉर्म पर पैसे आना इतना आसान नहीं होता है. 

सलोनी ने इस बारे में बताया, ‘इंस्टाग्राम के लिए कंटेंट क्रिएट करने के बारे में मैंने बहुत ज्यादा प्लान नहीं किया था. बल्कि इधरभी करियर बन सकता है मुझे इस बारे में भी जानकारी नहीं थी. मैंने अपना पहला वीडियो साल 2017 में बनाया. तब तक मुझेलगता था कि सिर्फ YouTube Videos ही मॉनेटाइज होते हैं.’ उन्होंने बताया कि पहली कमाई इंस्टाग्राम एडवरटाइजमेंट से हुईथी. इसके बाद ब्रांड्स कोलैबोरेशन होने लगे और धीरे-धीरे इनकम बढ़ती गई. YouTube पर महेश केशवाला का अकाउंट भीकाफी चर्चित है. Thugesh के नाम से उनका YouTube चैनल है, जिस पर 4 मिलियन (40 लाख) से ज्यादा फॉलोअर हैं. 

अपने सफर के बारे में महेश बताते हैं, ‘साल 2015-16 में मैं भुवन बाम के वीडियोज देखा करता था.’ यहां से ही उन्हें अपने सफरको शुरू करने की प्रेरणा मिली और फिर उन्होंने अपना चैनल बनाया. मगर शुरुआत बहुत अच्छी नहीं रही. उन्होंने शुरुआत में बहुतकुछ ट्राई किया. मीम्स हो या फिर टॉप 10 प्लेस टू विजिट उन्होंने कई तरह के कंटेंट बनाए. घरवालों का बताना भी मुश्किल थाकि वो YouTube पर क्या कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने वीडियो बनाना जारी रखा.

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मध्य प्रदेश में एक लाख एकड़ से ज्यादा का लैंड बैंक तैयार इंदौर में मांगी जमीन

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डिजिटल भारत l इंदौर प्रदेश सरकार को जनवरी माह में होने वाली ग्लोबल इंवेस्टर समिट से खासी उम्मीदे लगी हुई है। समिट की सफलता के लिए खुद मुख्यमंत्री शिवरासिंह चौहान रोज मानिटरिंग कर रहे है। उनके प्रयासों को प्रतिसाद भी मिलता दिख रहा है। समिट में शामिल होने के लिए देश के नामी उद्योगपतियों ने अपनी सहमति पहले ही प्रदान कर दी है। उधर इस महत्वाकांक्षी आयोजन से पूर्व एमपीआईडीसी ने खास प्रदेश में बड़ा लेंड बैंक तैयार किया है ताकि प्रदेश में उद्यम लगाने वाले इन्वेस्टर्स को जरूरत के मुताबिक जमीन दी जा सके।

एमपीआईडीसी के पास इस वक्त 1 लाख 22 हजार एकड़ जमीन का मौजूद है। इसमे इंदौर जिले की 22 हजार एकड़ जमीन शामिल है। करीब एक दर्जन उद्योग समूहों को लगभग एक हजार एकड़ जमीन दिए जाना प्रस्तावित है। अधिकृत घोषणा की जाएगी समिट के दौरान ही की जाएगी।

इन उद्योगों ने मांगी जमीन
एमपीआईडीसी के साथ जिन उद्योग समूहों और क्लस्टर के करार प्रस्तावित है उनमे अवाड़ा ग्रुप, एशियन पेंट्स, कांकरिया ग्रुप, जिंदल पेंट्स, पिनेकल समूह, इलेक्ट्रीक व्हिकल निर्माता, वंडर ला आदि प्रमुख है।

इनके अलावा टॉय क्लस्टर, महिला उद्यमी पार्क, फूट वियर क्लस्टर आदि भी प्रस्तावित है

किसने कितनी जमीन मांगी
अवाड़ा ग्रुप – 300 एकड़
एशियन पेंट्स – 100 एकड़
जिंदल पेंट्स – 100 एकड़
टॉय क्लस्टर – 100 एकड़
कांकरिया ग्रुप – 100 एकड़
पिनेकल समूह – 60 एकड़
महिला उद्यमी पार्क – 50 एकड़

स्टार्टअप को मिलेगा फायदा
समिट में देश-विदेश के कई उद्योगों के दिग्गज आ रहे हैं जो कई स्टार्टअप को फंडिंग कर चुके हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस समिट के जरिए स्टार्टअप को भी अच्छी फंडिंग मिल सकती है। बताया जाता है कि इंदौर में शुरूआत में जहां 300 स्टार्टअप थे वही इनकी संख्या अब 700 के करीब हो गई है।

इंदौर का बेहतर माहौल भा रहा
जिस संख्या में उद्योगपतियों, स्टार्टअप आदि ने समिट में आने की सहमति प्रदान की है उससे सरकार का उम्मीदे बढ़ गई है। बात इंदौर की करे तो शहर आज स्वच्छता के मामले ने देश का रोल मॉडल बन चुका है। साफ सुथरा शहर अच्छा क्लाइमेट, अच्छा खानपान, बिजनेस के लिए बेहतर माहौल, देश भर से कनेक्टीविटी, बजट में दफ्तर आदि उपलब्ध हो जाने जैसी बाते इंदौर को देश के बड़े शहरों से आगे रखती है।

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क्या तीसरी लहर की हो चुकी शुरुआत? ओमिक्रॉन कोरोना संक्रमण मुंबई 70%, दिल्ली में 50% बढ़े

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बढ़ते संक्रमण के बीच मंत्रिपरिषद के साथ पीएम मोदी की बैठक चुनावी राज्यों की स्थिति पर चर्चा संभव

दिल्ली में येलो अलर्ट के बाद शादी और अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों की संख्या को घटा दिया गया है. इसके अलावा ट्रांसपोर्ट को लेकर भी कई पाबंदियां लगाई गई हैं.

कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रोन…एक बार फिर लोगों की दहशत बढ़ा रहा है. क्योंकि जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है, ओमिक्रोन का संक्रमण रफ्तार पकड़ रहा है.

देश में ओमिक्रोन की स्थिति

कोरोना के वेरिएंट ओमिक्रोन (Omicron Variant) ने लोगों की टेंशन बढ़ा दी है. महाराष्ट्र और दिल्ली दो ऐसे राज्य हैं जहां ओमिक्रोन के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. ओमिक्रोन अब तक देश के 22 राज्यों में फैल चुका है और इसके कुल 655 मामले अब तक सामने आ चुके हैं. महाराष्ट्र में इसके 167 केस सामने आ चुके हैं जबकि दिल्ली में 165 मामले दर्ज हुए हैं.

दूसरे राज्यों की बात करें तो केरल में 57, तेलंगाना में 55, गुजरात में 49 और राजस्थान में 46 मामले सामने आए हैं. इसके अलावा, तमिलनाडु में 34, कर्नाटक में 31, मध्य प्रदेश में 9 और ओडिशा में 8 लोग ओमिक्रोन से संक्रमित हो चुके हैं. पुडुचेरी में भी ओमिक्रोन ने दस्तक दे दी है. वहां 2 लोग संक्रमित पाए गए हैं.

2 दिसंबर को देश में ओमिक्रोन का पहला केस आया था. 18 दिसंबर को 16 दिन में 100 केस हो गए. तीन दिन बाद 21 दिसंबर को 200 केस. फिर 2 दिन बाद 23 दिसंबर को 300 केस हो गए. फिर 2 दिन बाद 25 दिसंबर को 400 केस, अगले 2 दिन बाद 27 दिसंबर को 500 केस और फिर 1 दिन बाद 28 दिसंबर को 600 केस पार हो गए. यानि एक से 100 केस होने में 16 दिन लगे लेकिन 100 से 600 केस पार होने में सिर्फ 10 दिन का वक्त लगा. मतलब साफ है, ओमिक्रोन को हल्के में नहीं लेना चाहिए.

दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एक बार फिर पाबंदियों का दौर शुरू हो गया है. कोरोना वायरस और ओमिक्रोन पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने येलो अलर्ट लागू कर दिया है. इसके तहत शादी और अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले व्यक्तियों की संख्या घटा दी गई है. आइए जानते हैं अब दिल्ली में शादी समारोह में कितने लोग शामिल हो सकते हैं.

शादी में इतने लोगों को मिलेगी इजाजत

नई गाइडलाइंस के मुताबिक अब दिल्ली में शादी समारोह में सिर्फ 20 लोग ही शामिल हो सकेंगे. वहीं इसी तरह अंतिम संस्कार में भी 20 ही लोगों को शामिल होने की अनुमित दी जाएगी. वहीं धार्मिक स्थल खुले रहेंगे लेकिन यहां श्रद्धालुओं के आने पर पाबंदी लगाई जाएगी. साथ ही किसी भी सामाजिक, राजनैतिक और धार्मिक गतिविधियों पर भी रोक लगाई गई है.

ट्रांसपोर्ट को लेकर ये हैं नए नियम

वहीं कोविड केस बढ़ने के साथ ही ट्रांसपोर्ट को लेकर भी नए नियम बनाए हैं. नए नियमों के मुताबिक दिल्ली में टैक्सी, ऑटो, रिक्शा और ई-रिक्शा में दो ही लोगों को बैठने की इजाजत मिलेगी. इसके अलावा एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वाली बसों में पचास फीसदी क्षमता के साथ ही यात्रियों को बैठने की अनुमति मिलेगी. 

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