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एक भारत उत्कृष्ट भारत

प्रदेश में जीरो डिग्री पर पहुंचा तापमान

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डिजिटल भारत l मध्यप्रदेश में ठंड ने जोरदार असर दिखाया है, कई जिलों में रोज सुबह कोहरा छा रहा है। इसका असर जनजीवन पर बड़ा है। हवाई और रेल यातायात भी प्रभावित हो रहे हैं। आलम यह है कि मध्यप्रदेश के नौगांव में तापमान 0.2 डिग्री पर पहुंच गया है। जबकि ज्यादातर जिलों का तापमान 5 से 10 के बीच चल रहा है।

मध्यप्रदेश में पिछले चार दिनों से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी के कारण पूरे प्रदेश का तापमान गिर गया है। उत्तर भारत से लगे मध्यप्रदेश के जिलों में तापमान 5 डिग्री से कम है। मौसम विभाग ने आगे और भी ठंड बढ़ने का पूर्वानुमान लगाया है। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर भारत में एक-दो दिन में और बर्फ गिरेगी।

नौगांव में बरफ की बरत जमी l

छतरपुर, दतिया और गुना में शीतलहर चल रही है। प्रदेश में सबसे कम तापमान नौगांव में रिकार्ड किया गया। यहां शुक्रवार सुबह पेड़-पौधों पर ओंस की बूंदे जमी हुई थी। सागर पत्तों पर गिरने वाली ओस की बूंदे जमने लगी हैं। सागर जिले के गांव बड़कुआ निवासी रूपनारायण के खेत में पत्तों पर ओस की बूंदें जम गई थीं।

कई जिलों में कोहरा l

मध्यप्रदेश के उत्तर भारत से लगे जिलों से लेकर भोपाल तक कई जिलों में कहीं अधिक तो कहीं हल्का कोहरा छा रहा है। इस कारण प्रदेश में आने वाले फ्लाइट और रेल परिवहन पर असर पड़ रहा है। कई फ्लाइट डायवर्ट की जा रही है, या निरस्त की जा रही है। कुछ लेट भी हो रही हैं। ऐसी ही स्थिति रेलवे की भी है। कई ट्रेनें विलंब से चल रही है। भोपाल में तापमान 7.3 डिग्री पहुंच गया है।

ठंड में रखें अपना ध्यान l

मौसम विभाग ने शीतलहर के साथ ही कोहरे की भी चेतावनी जारी की है। इसके साथ ही मौसम विभाग ने ऐसे मौसम में बचाव के लिए भी अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने कहा है कि लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने से फ्रास्टबाइट और विभिन्न बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है, जैसे फ्लू, बहती नाक।

इसलिए अलर्ट रहें।

शरीर में गर्मी कम होने का पहला संकेत है कंपकपी। इसलिए अपने आपको ठंड से बचाएं।
शरीर की उंगलियां, नाक और कान की त्वचा, सख्त और सुन्न पड़ सकती है। इसलिए इन्हें भी ढककर रखें।
फेफड़ों की कार्यक्षमता कम हो जाती है, खांसी और सांस की तकलीफ बढ़ जाती है।
आंखों में जलन, लाल और सूजन हो सकती है।

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कई बीमारियों से बचाता है अदरक

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विशेषज्ञों के अनुसार अदरक, दालचीनी, अलसी, अर्जुन प्राकृतिक ब्लड थिनर हैं।

इनके नियमित सेवन से ब्लड पतला रहेगा और हाईपर टेंशन, ब्लॉकेज, हार्ट अटैक से बचा जा सकता है।

डिजिटल भारत l अस्पतालों में आ रहे मरीजों को चिकित्सक अदरक, लहसुन से लेकर मसाले के रूप में उपयोग होने वाली हल्दी के नियमित उपयोग की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि अदरक, दालचीनी, अलसी, अर्जुन प्राकृतिक ब्लड थिनर हैं। इनके नियमित सेवन से ब्लड पतला रहेगा और हाईपर टेंशन, ब्लॉकेज, हार्ट अटैक से बचा जा सकता है।

इसके साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढऩे से मौसमी बीमारियां नहीं होंगी। वे शरीर में गर्मी बनाए रखने के लिए नियमित रूप से दो-तीन कली लहसुन के उपयोग की सलाह दे रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बीमारी से पीडि़त लोग एक बार चिकित्सक से जांच कराकर दवा की मात्रा का पुनर्निधारण करा लें।

अदरक, दालचीनी, अर्जुन प्राकृतिक रूप से ब्लड को पतला करते हैं। अलसी के सेवन से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। ठंड के सीजन में चाय से लेकर सब्जी, लड्डू, हलवा में इन सामग्रियों का उपयोग करना फायदेमंद है। हृदय रोग से बचाव में ये सामग्री बहुत कारगर हैं।
डॉ जीएल टिटोनी, आयुर्वेद विशेषज्ञ

अदरक, लहसुन, दालचीनी, हल्दी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ सर्दी-जुकाम व खांसी से बचाव में कारगर हैं। हल्दी एंटी बायोटिक का भी काम करती है। दैनिक रूप से इन सामग्रियों का चाय, दूध के साथ या भोजन में किसी न किसी रूप में अवश्यक उपयोग करें।
डॉ अमित मुखर्जी, आयुर्वेद चिकित्सक

कड़ाके की ठंड में सर्दी, जुकाम, खांसी और वायरल बुखार से लोग पीडि़त हो रहे हैं। ऐसे में आयुर्वेद के विशेषज्ञों का कहना है कि घर की रसोई में रखी सामग्री का उपयोग कर बीमारियों से बचा जा सकता है।

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हवा का प्रदूषण बताने वाली एक करोड़ कि मशीन खा रही है धूल

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डिजिटल भारत I हवा में प्रदूषण के स्तर को मांपने वाली एयर क्वालिटी मानीटरिंग स्टेशन लगभग एक साल से बंद है। ये मशीन का संचालन करने वाला कर्मी भी नहीं है जिसके कारण ये मशीन पूरी तरह से अनुपयोगी बनी हुई है। साइंस कालेज में फिलहाल मशीन बंद पड़ी हुई है।

कालेज प्रबंधन का कहना है कि मशीन का संचालन करने के लिए जिस एजेंसी से सहयोग मिल रहा था वह बंद हो गया है। दरअसल वर्ष 2007-08 में एक करोड़ रुपये की लागत से इंडियन इंस्टीट्यूट आफ ट्रापिकल मेट्योलाजी पुणे द्वारा यह मशीन स्थापित की गई थी।

मशीन का संचालन करने के लिए आपरेटर भी दिया गया था। कंपनी इसका रखरखाव भी करवाती थी। जिसके लिए राशि दी जाती थी। पर्यावरण विभाग में यह मशीन स्थापित की गई। जहां से आसपास के पांच किलोमीटर के दायरे की हवा का स्तर जांचा जाता था।

विभाग के प्रमुख डा.आर के श्रीवास्तव ने बताया कि देश के अलग-अलग इलाकों में यह मशीन लगाई गई थी जिससे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय हवा के स्तर को जांचकर रियल टाइम डेटा जुटाता था।

दिसंबर 2021 में संस्थान के साथ हुआ अनुबंध खत्म हो गया था। जिस वजह से मशीन का संचालन करने वाले आपरेटर का वेतन भी नहीं मिल पा रहा था ऐसे में वह वापस चला गया है। अब यदि फिर से अनुबंध को बढ़ाया जाएगा तो मशीन का संचालन दोबारा किया जा सकता है।प्रदूषण जांच में मददगार-पर्यावरण के लिहाज से एयर क्वालिटी मानीटरिंग स्टेशन सिविल लाइन क्षेत्र में उपयोगी था। इस क्षेत्र में प्रदूषण की स्थिति को मापने के लिए फिलहाल कहीं भी कोई व्यवस्था नहीं है। साइंस कालेज में लगी मशीन से सिविल लाइन से लगे पांच किलोमीटर के दायरे की हवा का स्तर जांचा जा सकता था।

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साल 2030 तक भारत में हार्ट डिजीज के कारण होने वाली मौतों का आंकडा दुनियाभर में सबसे ज्यादा होगा

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डिजिटल भारत l दुनियाभर में दिल से जुड़ी बीमारियों के कारण होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बीते 5 सालों में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट की वजह से होने वाली मौतों में भी कई गुना इजाफा हुआ है। दिल से जुड़ी बीमारियों और इसकी वजह से होने वाली मौतों के आंकड़े बहुत चौंकाने वाले हैं। भारतीय लोगों के लिए यह बहुत चिंता की खबर है। दुनियाभर में दिल से जुड़ी बीमारियों से होने वाली मौतों के आंकड़े को देखें तो इसमें भारत का भी बहुत प्रमुख स्थान है। इसके अलावा हाल ही में कई डॉक्टर्स और वैज्ञानिकों ने लोगों को चेतवानी देते हुए कहा है कि साल 2030 तक भारत में हार्ट डिजीज के कारण होने वाली मौतों का आंकडा दुनियाभर में सबसे ज्यादा होगा। भारतीय लोगों में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट का खतरा अन्य देशों की तुलना में बहुत ज्यादा बढ़ रहा है
दोस्तों हमारे दिल के अंदर विभिन्न प्रकार की बीमारियां (Heart Diseases) आ सकती है. जिसके कारण हमारा दिल काम करना बंद कर सकता है और हमें दिल का दौरा पड़ सकता है. Heart Attack किसी भी उम्र में आ सकता है. Heart Attack बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक और महिलाओं से लेकर पुरुषों तक सभी को आ सकता है. लेकिन 30 से 35 साल की उम्र से पहले इसका खतरा बहुत कम होता है. यदि आपके परिवार में किसी को दिल का दौरा पहले आया हुआ है तो आप सभी परिवार वालों को डॉक्टर से निरंतर चेक करवाना चाहिए, क्योंकि यह बीमारी विरासत में भी मिल सकती है.

इस बात का कोई पता नहीं है कि कब किस व्यक्ति को कहीं पर भी चलते चलते उसके दिल में problem आ सकती है.आज हम उन सभी कारणों के बारे में बात करेंगे और उन सभी बीमारियों के लक्षणों के बारे में भी बात करेंगे और उनके क्या उपाय हो सकते हैं इस बात पर भी चर्चा करेंगे. दोस्तों आइए जानते हैं सबसे पहले हमारा दिल किस प्रकार से काम करता है.
हमारे दिल में एक electric malfunction होता है जो कि हमारे दिल को धड़कने में मदद करता है अर्थात यह है कि हमारे दिल की हर धड़कन (Heartbeat) के लिए एक बहुत छोटे से करंट की आवश्यकता होती है जो कि दिल के कोने में एक electric node इस चीज का काम करती है electric node दिल की हर धड़कन के लिए दिल को हल्का सा करंट देती है जिससे हमारा दिल धड़कता है.

लक्षण

हमारा दिल पूरे शरीर में रक्त प्रवाह (blood flow) के लिए उत्तरदाई है. जानकारी के लिए आपको बता देते हमारा शरीर भी मशीन की तरह ही काम करता है जिसमें दिल का यह काम होता है कि वह हमारे शरीर में मौजूद हमारे खून को शरीर के सभी अंगो में पहुंचाने का कार्य करता है. दोस्तों दिल में खास तौर पर 3 सबसे बड़ी महत्वपूर्ण बीमारियां पाई जाती है जैसे कि Angina, Heart Attack और Cardiac arres
सीने में भारीपन महसूस होना (Chest Heaviness) – जब हमारे शरीर में किसी प्रकार का भारीपन जकड़न या कोई खिंचाव महसूस होता है तो हमें जल्द से जल्द किसी Cardiologist यानी कि दिल के डॉक्टर को दिखाना चाहिए यह एक मुख्य लक्षण हो सकता है.

2.बिना किसी बात के थकान होना (Restlessness) – दोस्तों यदि आप कोई भी काम नहीं करते हैं और बैठे–बैठे या बिलकुल ही 5 साल खत्म होने पर अपने आप को बहुत ज्यादा थकान हो जाती है यह भी दिल के दौरे का एक बहुत बड़ा लक्षण है आप जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाएं.

3.बहुत लंबे समय से खांसी और जुकाम का होना (Long Term Cough and Cold) – दोस्तों यदि आपने से किसी को बहुत ही लंबे समय से लगातार खांसी और जुकाम दोनों है और वह दवाई ले ली पर भी जल्दी से ठीक नहीं हो रही है. आपके परहेज रखने के बावजूद भी यह काबू में नहीं आ रहा है तो आप समझ जाइए कि यह भी दिल की बीमारी से जुड़ा एक कारण हो सकता है. इसका कारण यह है कि हमारे दिल को संपूर्ण मात्रा में ऑक्सीजन (Oxigyn) नहीं मिल पाती है और ऑक्सीजन न मिलने के कारण हमारा Immune System जो कि शरीर को खुद ब खुद ठीक करने के लिए काम करता है

  1. सांस लेने में कठिनाई (Difficulty in Breathing) – यदि आपको किसी प्रकार की सांस लेने में कठिनाई हो रही है तो आप बिल्कुल सतर्क हो जाइए क्योंकि जब आपके दिल में बहुत ज्यादा तनाव हो जाता है तो आप को सांस लेने में कुछ नहीं आनी शुरू हो जाती है आपको सांस लेने में कठिनाई हो या बहुत जल्दी फूल जाता हो या लंबी सांस ना ले सको तो आपको अपने दिल को लेकर सतर्क हो जाना चाहिए. जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाएं और उनके द्वारा बताए गए जरूरी टेस्ट करवाएं.

6. धड़कन का बिना किसी वजह के बढ़ना (Increasing Heatbeat) – यदि आप की धड़कन बिना किसी वजह के यानी कि बिना कोई मेहनत का काम किए बहुत ज्यादा बढ़ जाती है और बार–बार पड़ती रहती है तो यह भी Heart Attack आने का एक प्रारंभिक लक्षण (Early Symptom) है.

यदि किसी इंसान को किसी भीड़ वाली जगह पर Heart Attack आ जाता है तो आप उसे सबसे पहले खुली जगह पर लेकर जाएं या फिर वहां से भिड़ी को जल्द से जल्द हटाए, ताकि वहां पर खुली हवा मरीज को लग सके और ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा मरीज को मिल सके. साथ ही साथ आपको मरीज को यह हौसला दिलाना होगा कि आपको कुछ भी नहीं हुआ है बिल्कुल साधारण दर्द है और यह है आराम से ठीक हो जाएगा मतलब यह है कि मरीज घबराना नहीं चाहिए. यदि मरीज बंद कमरे में है तो आप उसके सारे खिड़की दरवाजे खोल दें. अंत में सबसे जरूरी काम यह करें कि जल्द से जल्द किसी डॉक्टर का प्रबंध करें या मरीज को डॉक्टर के पास ले जाने का प्रबंध करें.

पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा खतरा
Journal Heart Rhythm में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक पुरुषों की तुलना में महिलाओं को हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट का खतरा ज्यादा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रात में सोते समय महिलाओं में कार्डियक अरेस्ट के मामले ज्यादा देखे जा रहे हैं। इसके अलावा European Heart Journal में प्रकाशित एक रिपोर्ट में भी यह कहा गया है कि कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान भी हार्ट अटैक की वजह से महिलाओं की मौत ज्यादा हुई है। ऐसे में यह कहा जा रहा है कि आने वाले समय भी कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक का खतरा पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा है।

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600 किसानों को मिलेगा योजना का लाभ मुख्यमंत्री ने साढ़े तीन करोड़ से अधिक के विकास कार्यों की दी सौगातें

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डिजिटल भारत l मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि उनकी सरकार भोपाल से नहीं गाँव की
चौपाल से आमजन के जीवन में बदलाव करने के लिए चल रही है। सीहोर जिले के ग्राम सेमरी
में आज लोकार्पित हुई रतनपुर उद्वाहन सिंचाई योजना से पूरे क्षेत्र में सुख समृद्धि आएगी।
योजना शुरू होने से अब ग्राम बोरी, रतनपुर, सेमरी, डोंगरी और खनपुरा के 600 किसानों की
1084 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई होने लगेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार को सेमरी में लगभग
15 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित सिंचाई परियोजना का लोकार्पण और 3 करोड़ 61 लाख
की लागत के विकास कार्यों का शिलान्यास कर ग्रामीणों और किसानों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने परियोजना से शेष रहे 7 गाँवों की सिंचाई सुविधा के लिए 20 करोड़ रूपए स्वीकृत
करने की घोषणा भी की। सांसद श्री रमाकांत भार्गव भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने
कहा कि प्रदेश में यह उद्वहन सिंचाई योजना इस मायने में अद्भुत है कि 40 फीट नीची नहर
से पानी ऊपर लाया गया है। साथ ही 600 किसानों के खेतों तक पानी पहुँचाने के लिए 9
किलोमीटर लंबी पाइप-लाइन खेतों में डाली गई है। हर 6 हेक्टेयर पर एमओएक्स बाक्स लगा
कर खेतों को सींचा जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से परियोजना की सुरक्षा का
आह्वान किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गरीबों की जिंदगी में बदलाव लाने के लिये
अनेक जन-कल्याणकारी योजनाएँ चलाई जा रही है। उन्होंने बेटे-बेटियो से आह्वान किया कि वे
अपने गाँव को स्वच्छ बनाने के साथ ही आर्दश गाँव बनाए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि
प्रदेश में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में प्रारंभ की गई है। गरीब और मध्यम वर्ग
के परिवार अपने बच्चों करे खूब पढ़ाएँ, उनकी फीस राज्य सरकार भरेगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सभी सुनिश्चित करें कि बेटियों का सम्मान करें। बेटियो
की तरफ बुरी नज़र रखने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी। मुख्यमंत्री ने आजीविका
मिशन की बहनों की आमदनी प्रतिमाह 10 हजार रूपए करने के संकल्प को दोहराते हुए कहा
कि कलेक्टर देखें कि सभी समूहों का बैंक लिंकेज हो जाए और उन्हें ट्रेनिंग आदि देकर काम
शुरू कराए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बेटे-बेटियो के रोजगार के लिए एक लाख शासकीय
पदों पर नौकरियाँ निकलना शुरू हो गयी हैं। नसरूल्लगंज और शाहगंज में प्रतियोगी परीक्षाओं
की तैयारी के लिए कोचिंग सेंटर प्रारंभ किये जा रहे है, जिससे बुधनी क्षेत्र के बच्चे भी सरकारी
नौकरियों में चयनित हो सकें। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विजयासन माता का सलकनपुर

में देवी महालोक बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस महालोक में माता के सभी 52
शक्तिपीठ, 64 योगनी, नव दुर्गा और सप्त मात्रिका के स्वरूपों के एक साथ दर्शन हो सकेंगे।
प्रांरभ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बटन दबा कर रतनपुर उद्वहन सिंचाई परियोजना का लोकार्पण
किया और किसान श्री गजेन्द्र से वर्चुअल चर्चा कर खेत में पहुँचे पानी की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री सहित सभी आमंत्रितों ने योजना से सिंचाई के लिये खेतों तक पानी पहुँचने का सजीव
दृश्य भी देखा।

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इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन जैसी क्लीन एनर्जी से चलने वाले वाहनों की खरीद के लिए सस्ता किया जाए कर्ज पर ब्याज, यात्रियों के किराए में 30% तक की जा सकती कमी

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डिजिटल भारत l अगर आप इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने का मन बना रहे हैं तो आने वाले दिनों में आपको इन वाहनों पर बैंकों से सस्ती दर से लोन मिल सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि खुद केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बैंकों से इसके लिए अपील की है.

उन्होंने शुक्रवार को बैंकों से कहा कि उन्हें फ्लेक्स ईंधन, बिजली और हाइड्रोजन जैसी स्वच्छ ऊर्जा से चलने वाले वाहनों की खरीद के लिए सस्ता कर्ज देना चाहिए.

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बैंकों से कहा कि उन्हें फ्लेक्स ईंधन, बिजली और हाइड्रोजन जैसी स्वच्छ ऊर्जा से चलने वाले वाहनों की खरीद के लिए सस्ता कर्ज देना चाहिए.

24 घंटे में मिलना चाहिए लोन
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र में ठाणे जिले के कल्याण में एक सहकारी बैंक के स्वर्ण जयंती समारोह में कहा कि उनका सपना है कि डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहन अगले चार-पांच वर्षों में चरणबद्ध तरीके से हटा दिए जाएं.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ठाणे (महाराष्ट्र) में एक कार्यक्रम में कहा है, “ठाणे और कल्याण जैसे शहरों में बसों को इलेक्ट्रिक वाहन में बदलने से यात्रियों के किराए में 30% तक की कमी की जा सकती है।” उन्होंने कहा, बैंकों को इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन जैसी क्लीन एनर्जी से चलने वाले वाहनों की खरीद के लिए सस्ता कर्ज़ देना चाहिए।

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महिलाओं के घरेलू व विदेशी एनजीओ में काम करने पर तालिबान ने लगाया प्रतिबंध

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डिजिटल भारत l अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने महिलाओं के घरेलू और विदेशी गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) में काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अफगानिस्तान के वित्त मंत्रालय के मुताबिक, एनजीओ में काम करने वाली महिलाओं के खिलाफ शिकायतें मिली हैं कि वे सही तरह से हिजाब नहीं पहनती हैं। सभी एनजीओ को महिलाओं को भर्ती न करने के आदेश दिए गए हैं।

अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने शनिवार को महिलाओं के घरेलू और विदेशी एनजीओ में काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया. साथ ही सभी गैर-सरकारी संगठनों एनजीओ को महिला कर्मचारियों की भर्ती नहीं करने का आदेश दिया.

यह आदेश वित्त मंत्री कारी दीन मोहम्मद हनीफ के एक पत्र में आया है, जिसमें कहा गया है कि अगर कोई एनजीओ आदेश का पालन नहीं करता है, तो अफगानिस्तान में उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा.

वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल रहमान हबीब ने इस आदेश की पुष्टि की है. मंत्रालय ने कहा कि उसे एनजीओ के लिए काम करने वाली महिला कर्मचारियों के बारे में ‘गंभीर शिकायतें’ मिली हैं, जो ‘सही तरह से हिजाब नहीं पहनती हैं.’

हालांकि, तत्काल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह आदेश एनजीओ में काम करने वाली अफगान महिलाओं पर ही लागू होगा या सभी महिलाएं इसके दायरे में आएं

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कोरोना की दूसरी लहर थमने के बाद टीका लगवाने में आई थी कमी अब तक जबलपुर जिले में लगभग पांच लाख से भी कम लोगों को लगा तीसरा डोज

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डिजिटल भारत l कोरोना वायरस की एक बार फिर आहट मिलते ही जिले में सतर्कता बरते जाने की कवायद शुरू हो गई है। हालांकि, जिले में अब तक पांच लाख से भी कम लोगों को सतर्कता डोज या तीसरा डोज दिया जा सका है। पूर्व अनुभव को ध्यान में रखते हुए नागरिकों में अब एक बार फिर से कोरोना महामारी से बचने की चिंता नजर आ रही है। लोगों ने अस्पतालों में सतर्कता डोज (बूस्टर डोज) या तीसरा डोज लगाने के लिए चक्कर लगाने शुरू कर दिए हैं।

वहीं मास्क का चलन करीब तीन माह से लगभग खत्म सा ही हो गया है। स्वास्थ्य विभाग के पास कोरोना टीका के नाम पर कोवैक्सीन के 3700 डोज शेष बचे हैं। कोबैक्स व कोविशील्ड का स्टाक खत्म हो चुका है। विभाग ने राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार से इन दोनों वैक्सीन के 10 हजार डोज की मांग की है। हैरानी की बात यह है कि कोरोना की तीन लहर बीत जाने के बावजूद जिले में अब तक पांच लाख लोगों को भी वैक्सीन का तीसरा डोज नहीं लग पाया है।

केंद्र सरकार द्वारा नागरिकों के लिए कोरोना टीका निश्शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर थमने के बाद टीका लगवाने में लोगों की रुचि कम हो गई थी। यही हालात तीसरी लहर थमने के बाद बने। जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई माह तक 100 से ज्यादा केंद्रों में निश्शुल्क टीकाकरण केंद्र बनाए गए थे।

जिला टीकाकरण अधिकारी डा. एसएस दाहिया ने बताया कि कोरोना के नए वैरिएंट की आशंका के चलते नागरिक टीके की सतर्कता डोज लगवाने के लिए संपर्क करने लगे हैं। इससे पूर्व तमाम हितग्राहियों को फोन पर सतर्कता डोज लगवाने की सूचना दी गई थी परंतु वे लापरवाह रवैया अपनाए रहे।

चिकित्सक बोले, घबराएं नहीं सतर्कता जरूरी-

क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं व प्रभारी सीएमएचओ कहा कि फिलहाल कोरोना संक्रमण से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। परंतु नागरिकों को मास्क व शारीरिक दूरी के निर्देशों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालोंं में निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि मास्क व शारीरिक दूरी के निर्देशों का पालन किया जाए।

इसी तरह समय-समय पर साबुन पानी से हाथ धोने की आदत भी लोगों को नहीं भूलनी चाहिए।

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म.प्र. पर्यटन विभाग ने किये विशेष इंतजाम पर्यटन स्थल देखी जा रही अच्छी खासी भीड़

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डिजिटल भारत l स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश प्रारंभ हो गया है जिसके साथ ही लोग इन दिनों सैर सपाटे पर निकल गए है। पसंदीदा स्पाट जंगली क्षेत्र है जहां सबसे ज्यादा पर्यटकों का रूझान है। अगले दो सप्ताह में एक लाख से ज्यादा पर्यटक जबलपुर के आसपास के पर्यटन स्थलों में घूमने आएंगे। मप्र पर्यटन विभाग ने भी त्योहार और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। बरगी में पर्यटन विभाग ने वाटर स्पोटर्स के अन्य खेल के साथ बनाना राइड शुरू की है। 25 दिसंबर को इसकी शुरुआत होगी।

मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा बरगी के मैकल रिसोर्ट में बनाना राइड प्रारंभ की है। 25 दिसंबर से पर्यटकों के लिए यह सुविधा प्रारंभ हो जाएगी। इस संबंध में राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष विनोद गोटियां ने कहा कि पर्यटन विस्तार एवं पर्यटन को नित नए तरह की सुविधाओं में वृद्धि करने के लिए प्रयास किये जाते रहे है इसी श्रंखला में साहसिक पर्यटन को बढ़ाते हुए एमपीटी मैकल रिसोर्ट बरगी में बनाना राइड की सुविधा पर्यटकों हेतु शुरू कर दी जाएगी। अध्यक्ष गोंटिया द्वारा ने बताया की कुछ दिवस पूर्व बरगी में स्थानीय मछुआरों की नौका दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जिसमें उनके द्वारा बरगी में बनाना राइड की सुविधा जल्द ही देने के लिए बोला गया था। मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक केएल पटेल ने जानकारी देते हुए बताया की नए वर्ष के पूर्व निगम की समस्त इकाइयों की बुकिंग लगभग पूर्ण हो चुकी जिसमें काफी संख्या में बाहरी पर्यटक आ रहे है। पर्यटन निगम के सभी इकाइयों में पर्यटकों के मनोरंजन हेतु नव वर्ष की पूर्व संध्या पर आयोजन किये जा रहे है जिसमें पर्यटकों को तरह तरह व्यंजन परोसे जाएंगे और मनोरंजन की भी पूर्ण व्यवस्था की गई है। पर्यटकों के आकर्षण के लिए आदिवासी नृत्य, फोक डांस एवं संगीत, बोन फायर, कलचुरी रेसीडेंसी जबलपुर में आर्केस्ट्रा का आयोजन होगा।

मप्र पर्यटन निगम के क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि पर्यटन विभाग के सारे होटल और रिसोर्ट में पहले ही बुकिंग फुल हो गई है। बरगी के मेकल रिसोर्ट या भेड़ाघाट के होटल इसके अलावा कान्हा,पेंच और बांधवगढ़,अमरकंटक हर होटल में जनवरी के पहले हफ्ते तक बुकिंग हो चुकी है।

पर्यटकों ने काफी पहले ही छुटि्टयों को देखते हुए अपनी योजना बना ली थी। सबसे अधिक रूझान जंगली क्षेत्रों में जाने का है। यहां हालात ये है कि अधिकांश जंगली क्षेत्र में पार्क के अंदर जाने की बुकिंग भी नहीं मिल रही है। पर्यटकों को पर्यटन करने का सबसे अनुकूल समय यहीं माना जाता है। इस दौरान होटल भी पर्यटकों के लिए आकर्षक आयोजन करते हैं। इसमें बोन फायर, गीत-संगीत के आयोजन होते हैं। बरगी में जहा पर्यटकों के लिए वाटर स्पोर्टस की गतिविधियां संचालित होगी वहीं सर्द रातों में यहां वक्त गुजारने कई पर्यटक आते हैं होटल में सीमित कमरे होने की वजह से यहां बुकिंग मिलना मुश्किल होता है। पर्यटन विभाग को अनुमान है कि बरगी में नववर्ष तक दस हजार पर्यटक घूमने आएंगे। इसी तरह भेड़ाघाट में भी 15 हजार से ज्यादा पर्यटकों के आने की उम्मीद जाहिर की जा रही है।

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घंटों इंतजार के बाद भी नहीं मिल पा रही दवा, सी जी एच एस डिस्पेंसरी नंबर दो में रोजाना बिना दवा के लौट रहे मरीज

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डॉक्टर गए सर्दियों की छुट्टी पर, बुजुर्ग मरीज हो रहे परेशान

डिजिटल भारत I अरे डॉक्टर साब मेरा नंबर आने से पहले ही बंद कर दिए मैं दो दिन से लौट रहा हूं, देख लीजिए कुछ हो जाए। मैं अपनी मां की दवाई लेने पिछले एक हफ्ते से आ रहा हूं, लेकिन लंबी लाइन और एक एक घंटे इंतजार के बाद भी मेरा नंबर नहीं आ पाता और सर्वर बंद हो जाता है मुझे रेफर बनवाना है, दो घंटे से खड़ा हूं लेकिन लाइन आगे ही नहीं बढ़ पा रही है ये नजारा शुक्रवार सुबह यादव कॉलोनी स्थित सीजीएचएस डिस्पेंसरी नंबर दो में देखने मिला। जहां बुजुर्ग और चलने फिरने में असमर्थ मरीज घंटों तक अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए। पिछले करीब 12 दिनों से यही हाल है। बुजुर्गों ने बताया डॉक्टरों की कमी और धीमी गति से काम होने के कारण ऐसे हालात बन रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी न तो सुन रहे हैं और न इसका कोई समाधान ही उपलब्ध करा रहे हैं।

यादव कॉलोनी स्थित सीजीएचएस डिस्पेंसरी में रोजाना करीब 250 से 300 मरीज आ रहे हैं। उन्हें दवाएं लिखने, रेफर करने और सलाह देने के लिए महज दो या तीन डॉक्टर ही मौजूद रहते हैं। जिनमें एक डॉक्टर मैडम पेशेंट देखने के बजाए अपने फाइलों के काम ज्यादा निपटाती हैं। वहीं दो डॉक्टर दो एवं चार नंबर कमरे में बैठ रहे हैं जिनके भरोसे सभी मरीज होते हैं

डिस्पेंसरी के कर्मचारी से जब इस मामले में बात की गई तो उसने बताया कि कुछ डॉक्टर सर्दियों की छुट्टी मनाने के गए हैं। जिसके चलते केवल दो ही डॉक्टर मरीजों के लिए उपलब्ध हैं। वे कब आएंगे ये किसी को नहीं पता है। लंबी कतारें होने के चलते दोपहर 2 बजे तक भी कई लोगों का घंटों के इंतजार के बाद नंबर नहीं आ पाता है और सर्वर बंद होने से रोजाना बहुत से मरीज बिना परामर्श और दवाओं के ही लौट रहे हैं।

बुजुर्ग मरीजों की संख्या को देखते हुए डिस्पेंसरी परिसर में पर्याप्त बैठक व्यवस्था भी नहीं है। कई बुजुर्गों ने इस बावत् जब डॉक्टर्स से बात करनी चाही तो उन्होंने ये कहकर उन्हें टाल दिया कि ये काम हमारा नहीं है। मजबूरी में बुजुर्गों को लंबी कतारों में खड़े ही रहना पड़ रहा है।

कोरोना का अलर्ट होने के बाद से पिछले पांच दिनों से डिस्पेंसरी परिसर में मास्क पहनना जरूरी कर दिया गया है। बिना मास्क लगाए बुजुर्ग मरीजों को डॉक्टरों ने देखने से मना कर दिया है। हालांकि ये सभी की सुरक्षा की दृष्टि से लिया गया निर्णय है। लोग भी उनकी बात मानकर मास्क लगाकर ही पहुंचने लगे हैं।

पुणे और कानपुर से एक-एक डॉक्टर बाहर से ट्रांसफर किए हैं लेकिन वे ज्वाइन करने के बाद छुट्टी पर चले गए हैं। उन्हें हिदायत दी है, हो सकता है वे नए साल से आना शुरू हो जाएंगे। मरीजों को परेशानी हो रही है इस बात की जानकारी भी है। जल्द समस्या दूर होगी।

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