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स्लॉट बुक करने के बाद ही धान ले जाने के लिए किसानों से आग्रह

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अब तक 12 हजार किसानों से खरीदी गई 1 लाख 42 हजार 698 मीट्रिक टन धान

डिजिटल भारत l खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में जिले में अभी तक 11 हजार 908 किसानों से समर्थन मूल्य पर 1 लाख 42 हजार 698 मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है जिला आपूर्ति नियंत्रक कमलेश टांडेकर ने बताया कि अब तक हुई धान की खरीदी में कुंडम तहसील में 455 किसानों से 4 हजार 831मीट्रिक टन, जबलपुर तहसील में 748 किसानों से 9 हजार 182 मीट्रिक टन, पनागर तहसील में 1 हजार 187 किसानों से 16 हजार 045 मीट्रिक टन, पाटन तहसील में 1 हजार 924 किसानों से 23 हजार 589 मीट्रिक टन, मझौली तहसील में 2 हजार 579 किसानों से 31 हजार 861मीट्रिक टन, शहपुरा तहसील में 1 हजार 217 किसानों से 17 हजार 098 मीट्रिक टन तथा सिहोरा तहसील में 3 हजार 798 किसानों से 40 हजार 001मीट्रिक टन धान का उपार्जन समर्थन मूल्य पर किया गया है जिला आपूर्ति नियंत्रक के मुताबिक विगत वर्ष जबलपुर में जिले में धान उपार्जन हेतु 121 केन्द्र स्थापित हुए थे। इस वर्ष शासन द्वारा शुरूआत में सहकारी संस्थाओं के माध्यम से ही खरीदी के आदेश दिए गए थे ।
फलस्वरूप जिले में अब तक 85 धान खरीदी केन्द्र स्थापित किए गए हैं ।

अब महिला स्व-सहायता समूहों को भी
धान उपार्जन का कार्य दिये जाने के शासन द्वारा जारी निर्देशानुसार किसानों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए तथा व्यवस्थित धान भण्डारण के लिए और धान खरीदी केन्द्र स्थापित करने का प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया है जिला आपूर्ति नियंत्रक ने बताया कि किसानों को किसी तरह की असुविधा न हो तथा वास्तविक किसानों से ही धान का उपार्जन हो इसके लिये खरीदी केंद्रों का अधिकारियों द्वारा निरतंर निरीक्षण किया जा रहा है। इस क्रम में शनिवार को कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सिहोरा श्रीमती नीलम उपाध्याय द्वारा विभिन्न वेयरहाउसों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कुछ वेयरहाउस जहाँ अभी खरीदी केन्द्र स्थापित नहीं हुए हैं, उनके परिसर में भी किसानों द्वारा धान भण्डारित कर दी गई है। ऐसे किसानों ने बताया कि उन्होंने स्वयं धान लाकर इन वेयर हाउस के परिसर में रखी है। इसी प्रकार कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी पाटन श्रीमती आभा शर्मा द्वारा विभिन्न वेयरहाउसों में किसानों द्वारा भण्डारित धान के संबंध में जांच की गई। यहाँ भी पाया गया कि कुछ
वेयरहाउस जो वर्तमान में खरीदी केन्द्र के रूप में स्थापित नहीं है, उनके परिसर में भी किसानों द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से अपनी धान लाकर रख दी गई है। निरीक्षण के दौरान किसानों से आग्रह भी किया गया कि वे स्लॉट बुक करने के बाद ही अपनी धान निर्धारित खरीदी केन्द्र में लेकर पहुँचे, ताकि उन्हें धान का परिदान करने में किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े ।

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