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एक भारत उत्कृष्ट भारत

जनसांख्यिकीय लाभांश की क्षमता का पूरा दोहन करने के लिये उठाए जाएँ सही दिशा में कदम

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डिजिटल भारत l World Population बीते पांच दशकों में दुनिया में हुआ जनसंख्या विस्फोट हर किसी को चौंका रहा है। इसी से यह सवाल पैदा हुआ है कि धरती पर मनुष्यों की बढ़ती संख्या को बोझ या अभिशाप की तरह देखा जाए या वरदान माना जाए। जिन देशों में बढ़ती जनसंख्या को एक समस्या माना जाता है, भारत उनमें से एक है। यही कारण है कि वर्ष 2019 में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 अगस्त को लाल किले से राष्ट्र को संबोधित कर रहे थे, तो उन्होंने छोटे परिवार को देशभक्ति से जोड़ा था। भारत वर्तमान में एक युवा राष्ट्र है लेकिन इसकी वृद्ध आबादी की हिस्सेदारी बढ़ रही है और यह वर्ष 2050 तक 12% होने की उम्मीद है।
इसलिये वृद्ध लोगों के लिये एक सुदृढ़ सामाजिक, वित्तीय और स्वास्थ्य देखभाल सहायता प्रणाली के विकास में अग्रिम निवेश करना समय की मांग है।
कार्रवाई का मुख्य ध्यान मानव पूंजी में व्यापक निवेश, वृद्धों के लिये गरिमापूर्ण जीवन और स्वस्थ जनसंख्या आयु-वृद्धि पर होना चाहिये।
अनुमान यह भी है कि वर्ष 2050 के नजदीक पहुंच कर भारत-चीन की आबादी में स्थिरता और उकसे बाद कमी दर्ज की जा सकती है। हमारे जैसे युवा देशों की आबादी में गिरावट को दुनिया इस नजर से चिंताजनक मानती है कि इससे कामकाजी लोगों यानी वर्क फोर्स में कमी आ सकती है। शायद यही वजह है कि जिस आबादी को हम समस्या मान रहे हैं, उसे तमाम अर्थशास्त्री और विशेषज्ञ एक मूल्यवान संसाधन या संपत्ति के रूप में दर्ज करते हैं। यही नहीं, एलन मस्क जैसे कारोबारी (जिन्हें अपने दफ्तर और फैक्ट्रियां चलाने के लिए श्रमिक चाहिए) कहते हैं कि बहुत से लोग इस भ्रम में हैं कि पृथ्वी पर बहुत ज्यादा आबादी है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि बिहार में जनसंख्या नियंत्रण में नहीं आएगी क्योंकि पुरुष जिम्मेदारी नहीं लेते हैं जबकि महिलाएं अशिक्षित हैं. उनकी इस टिप्पणी पर विपक्षी भाजपा ने उन्हें “अभद्र भाषा और राज्य की छवि खराब करने” के लिए फटकार लगाई. मुख्यमंत्री वैशाली में अपनी “समाधान यात्रा” के बीच एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे और यह उस दिन आया जब उनकी सरकार ने जाति आधारित जनगणना के पहले चरण की शुरुआत की.
नीतीश कुमार ने कहा, “महिलायें पढ़ लेंगी तभी प्रजनन दर घटेगी… अभी भी वही है. … महिला पढ़ी रहती है तो उनको सब चीज का ज्ञान हो जाता है कि भाई कैसे हमको बचना है. अगर महिलाएं बेहतर शिक्षित होतीं या जागरूक होतीं तो उन्हें पता होता कि गर्भवती होने से खुद को कैसे बचाना है. पुरुष विचार करने के लिए तैयार नहीं हैं” उनके इस बयान से राज्य में सियासी बवाल मच गया है, बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने कहा है कि उन्होंने बिहार की छवि खराब की है.
अपनी स्वतंत्रता के बाद से भारत ने अपनी जनसांख्यिकीय संरचना में भारी परिवर्तन है। यह जनसंख्या विस्फोट से गुज़रा है (जनगणना, 1951) और कुल प्रजनन दर में गिरावट भी देखी है।

साकारात्मक पक्ष की ओर देखें तो मृत्यु दर संबंधी विभिन्न संकेतकों में सुधार आया है, लेकिन जीवन स्तर में सुधार, कौशल एवं प्रशिक्षण प्रदान करने और रोज़गार सृजन के मामले में जनसांख्यिकीय लाभांश के दोहन में कुछ बाधाएँ भी मौजूद हैं।
भारत की बड़ी आबादी विश्व के अन्य देशों की तुलना में भारत के लिये एक लाभ की स्थिति हो सकती है। आवश्यकता इस बात की है कि जनसांख्यिकीय लाभांश की क्षमता का पूरा दोहन करने के लिये सही दिशा में कदम उठाए जाएँ।

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सर्दी ने इस सीजन का रिकॉर्ड तोड़ दिया, गला देने वाली ठंड की होगी वापसी

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डिजिटल भारत l मौसम विभाग के अनुसार उत्तर पश्चिम भारत में एक नया पश्चिमी विक्षोभ दस्तक दे रहा है। इसका असर तीन से चार दिन बाद मैदानी इलाकों में पड़ेगा। इस कारण से एक बार फिर से गला देने वाली ठंड की वापसी होगी।
पश्चिमी विक्षोभ के असर से फिर गलन बढ़ेगी
मौसम विभाग के अनुसार उत्तर पश्चिम भारत में एक नया पश्चिमी विक्षोभ दस्तक दे रहा है। इसका असर तीन से चार दिन बाद मैदानी इलाकों में पड़ेगा। इस कारण से एक बार फिर से गला देने वाली ठंड की वापसी होगी।
सुबह के समय छाया रहा कोहरा
दिल्ली-एनसीआर में शीतलहर के साथ-साथ रविवार सुबह कोहरा छाया रहा। कोहरे की मोटी परत ने राष्ट्रीय राजधानी को ढक लिया जिससे दृश्यता कम हो गई।
ठंड से ठिठुरे दिल्ली वाले
शनिवार को सर्दी ने इस सीजन का रिकॉर्ड तोड़ दिया। न्यूनतम तापमान 2.2 डिग्री सेल्सियस रहा। रिज इलाका एक बार फिर ठिठुरा, यहां तापमान सामान्य से 5.6 डिग्री कम 1.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। लोदी रोड में 2.0, आयानगर में 3.4 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। इससे पहले वर्ष 2021 में एक जनवरी को तापमान 1.1 डिग्री दर्ज हुआ था। जबकि बीते साल 2022 में सीजन के सबसे ठंडे दिन का रिकॉर्ड एक जनवरी को था जब तापमान 4.2 डिग्री सेल्सियस रहा था। वहीं 2020 में एक जनवरी को तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस था
ठंड का असर रेलवे स्टेशनों पर भी देखा जा सकता है
भीषण ठंड ने पूरे देश में कंपकंपी ला दी है। कई राज्यों में तापमान 3 डिग्री से नीचे गिर गया है। चारों तरफ घने कोहरे ने घेर रखा हैं। घने कोहरे के कारण कई ट्रेने अपने समय से लेट चल रही हैं।
हिमालय से आ रही बर्फीली हवाओं से पूरा भारत ठंड के आगोश में है। कई राज्यों में शीत लहर और घना कोहरा छाया हुआ है। घने कोहरे के चपेट में रेलवे की कई ट्रेनें भी आ गई हैं। रेलवे की करीब 42 ट्रेनें आज भी लेट से जल रही हैं। इस लेकर उत्तर रेलवे ने जानकारी दी है। लेट होने वाली ट्रेनों में कई एक्सप्रेस और सुपरफास्ट गाड़ियां शामिल हैं। बता दें कि इससे उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब और प. बंगाल के रेल रूट ज्यादा प्रभावित हुए हैं। नई दिल्ली आने-जाने वाली लंबी दूरी की कई रेलगाड़ियों रविवार को लेट हो गईं है।

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प्रदेश में जीरो डिग्री पर पहुंचा तापमान

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डिजिटल भारत l मध्यप्रदेश में ठंड ने जोरदार असर दिखाया है, कई जिलों में रोज सुबह कोहरा छा रहा है। इसका असर जनजीवन पर बड़ा है। हवाई और रेल यातायात भी प्रभावित हो रहे हैं। आलम यह है कि मध्यप्रदेश के नौगांव में तापमान 0.2 डिग्री पर पहुंच गया है। जबकि ज्यादातर जिलों का तापमान 5 से 10 के बीच चल रहा है।

मध्यप्रदेश में पिछले चार दिनों से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी के कारण पूरे प्रदेश का तापमान गिर गया है। उत्तर भारत से लगे मध्यप्रदेश के जिलों में तापमान 5 डिग्री से कम है। मौसम विभाग ने आगे और भी ठंड बढ़ने का पूर्वानुमान लगाया है। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर भारत में एक-दो दिन में और बर्फ गिरेगी।

नौगांव में बरफ की बरत जमी l

छतरपुर, दतिया और गुना में शीतलहर चल रही है। प्रदेश में सबसे कम तापमान नौगांव में रिकार्ड किया गया। यहां शुक्रवार सुबह पेड़-पौधों पर ओंस की बूंदे जमी हुई थी। सागर पत्तों पर गिरने वाली ओस की बूंदे जमने लगी हैं। सागर जिले के गांव बड़कुआ निवासी रूपनारायण के खेत में पत्तों पर ओस की बूंदें जम गई थीं।

कई जिलों में कोहरा l

मध्यप्रदेश के उत्तर भारत से लगे जिलों से लेकर भोपाल तक कई जिलों में कहीं अधिक तो कहीं हल्का कोहरा छा रहा है। इस कारण प्रदेश में आने वाले फ्लाइट और रेल परिवहन पर असर पड़ रहा है। कई फ्लाइट डायवर्ट की जा रही है, या निरस्त की जा रही है। कुछ लेट भी हो रही हैं। ऐसी ही स्थिति रेलवे की भी है। कई ट्रेनें विलंब से चल रही है। भोपाल में तापमान 7.3 डिग्री पहुंच गया है।

ठंड में रखें अपना ध्यान l

मौसम विभाग ने शीतलहर के साथ ही कोहरे की भी चेतावनी जारी की है। इसके साथ ही मौसम विभाग ने ऐसे मौसम में बचाव के लिए भी अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने कहा है कि लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने से फ्रास्टबाइट और विभिन्न बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है, जैसे फ्लू, बहती नाक।

इसलिए अलर्ट रहें।

शरीर में गर्मी कम होने का पहला संकेत है कंपकपी। इसलिए अपने आपको ठंड से बचाएं।
शरीर की उंगलियां, नाक और कान की त्वचा, सख्त और सुन्न पड़ सकती है। इसलिए इन्हें भी ढककर रखें।
फेफड़ों की कार्यक्षमता कम हो जाती है, खांसी और सांस की तकलीफ बढ़ जाती है।
आंखों में जलन, लाल और सूजन हो सकती है।

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कई बीमारियों से बचाता है अदरक

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विशेषज्ञों के अनुसार अदरक, दालचीनी, अलसी, अर्जुन प्राकृतिक ब्लड थिनर हैं।

इनके नियमित सेवन से ब्लड पतला रहेगा और हाईपर टेंशन, ब्लॉकेज, हार्ट अटैक से बचा जा सकता है।

डिजिटल भारत l अस्पतालों में आ रहे मरीजों को चिकित्सक अदरक, लहसुन से लेकर मसाले के रूप में उपयोग होने वाली हल्दी के नियमित उपयोग की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि अदरक, दालचीनी, अलसी, अर्जुन प्राकृतिक ब्लड थिनर हैं। इनके नियमित सेवन से ब्लड पतला रहेगा और हाईपर टेंशन, ब्लॉकेज, हार्ट अटैक से बचा जा सकता है।

इसके साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढऩे से मौसमी बीमारियां नहीं होंगी। वे शरीर में गर्मी बनाए रखने के लिए नियमित रूप से दो-तीन कली लहसुन के उपयोग की सलाह दे रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बीमारी से पीडि़त लोग एक बार चिकित्सक से जांच कराकर दवा की मात्रा का पुनर्निधारण करा लें।

अदरक, दालचीनी, अर्जुन प्राकृतिक रूप से ब्लड को पतला करते हैं। अलसी के सेवन से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। ठंड के सीजन में चाय से लेकर सब्जी, लड्डू, हलवा में इन सामग्रियों का उपयोग करना फायदेमंद है। हृदय रोग से बचाव में ये सामग्री बहुत कारगर हैं।
डॉ जीएल टिटोनी, आयुर्वेद विशेषज्ञ

अदरक, लहसुन, दालचीनी, हल्दी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ सर्दी-जुकाम व खांसी से बचाव में कारगर हैं। हल्दी एंटी बायोटिक का भी काम करती है। दैनिक रूप से इन सामग्रियों का चाय, दूध के साथ या भोजन में किसी न किसी रूप में अवश्यक उपयोग करें।
डॉ अमित मुखर्जी, आयुर्वेद चिकित्सक

कड़ाके की ठंड में सर्दी, जुकाम, खांसी और वायरल बुखार से लोग पीडि़त हो रहे हैं। ऐसे में आयुर्वेद के विशेषज्ञों का कहना है कि घर की रसोई में रखी सामग्री का उपयोग कर बीमारियों से बचा जा सकता है।

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कोविड-19 से बचाव जरुरी, रखे इन बातो का खयाल

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डिजिटल भारत I कोविड-19 वायरस ओमिक्रोन बीएफ-7 की रोकथाम व बचाव के लिए जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है। कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने बताया कि एडवाइजरी में नागरिकों से कहा गया है कि वे भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क का उपयोग करें। साथ ही अनावश्यक रूप से भीड़-भाड़ में जाने से बचें।

शारीरिक दूरी का पालन करते हुए सेनिटाइजर का उपयोग करें। बार-बार साबुन पानी से हाथ धोएं। कोरोना से संबंधित लक्षण सामने आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराएं।

कोरोना की रिपोर्ट पाजिटिव आने पर डाक्टर की सलाह के अनुसार होम अथवा संस्थागत आइसोलेशन में रहकर उपचार कराएं। उन्होंने कहा कि नागरिकों से अपेक्षा है कि एडवाइजरी का पालन कर कोरोना महामारी के प्रकोप से स्वयं बचें तथा दूसरों को भी बचाएं। आवश्यक होने पर धारा 144 के तहत कोविड गाइइ लाइन जारी की जाएगी।

अमेरिका से आई कोरोना संक्रमित महिला की सेहत में सुधार हो रहा है। महिला को होम आइसोलेशन में रखा गया है। महिला की बेटी, पति व परिवार के अन्य सदस्यों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई। इधर, कोरोना संक्रमित महिला का सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए ग्वालियर भेजा गया है।

जिसकी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इधर, सोमवार को 27 कोरोना संदिग्धों के सैंपल की जांच की गई। जिनकी रिपोर्ट निगेटिव रही। वहीं 53 संदिग्धों के सैंपल कोरोना परीक्षण के लिए वायरोलाजी लैब भेजे गए। जिले में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या एक रह गई है।

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हवा का प्रदूषण बताने वाली एक करोड़ कि मशीन खा रही है धूल

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डिजिटल भारत I हवा में प्रदूषण के स्तर को मांपने वाली एयर क्वालिटी मानीटरिंग स्टेशन लगभग एक साल से बंद है। ये मशीन का संचालन करने वाला कर्मी भी नहीं है जिसके कारण ये मशीन पूरी तरह से अनुपयोगी बनी हुई है। साइंस कालेज में फिलहाल मशीन बंद पड़ी हुई है।

कालेज प्रबंधन का कहना है कि मशीन का संचालन करने के लिए जिस एजेंसी से सहयोग मिल रहा था वह बंद हो गया है। दरअसल वर्ष 2007-08 में एक करोड़ रुपये की लागत से इंडियन इंस्टीट्यूट आफ ट्रापिकल मेट्योलाजी पुणे द्वारा यह मशीन स्थापित की गई थी।

मशीन का संचालन करने के लिए आपरेटर भी दिया गया था। कंपनी इसका रखरखाव भी करवाती थी। जिसके लिए राशि दी जाती थी। पर्यावरण विभाग में यह मशीन स्थापित की गई। जहां से आसपास के पांच किलोमीटर के दायरे की हवा का स्तर जांचा जाता था।

विभाग के प्रमुख डा.आर के श्रीवास्तव ने बताया कि देश के अलग-अलग इलाकों में यह मशीन लगाई गई थी जिससे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय हवा के स्तर को जांचकर रियल टाइम डेटा जुटाता था।

दिसंबर 2021 में संस्थान के साथ हुआ अनुबंध खत्म हो गया था। जिस वजह से मशीन का संचालन करने वाले आपरेटर का वेतन भी नहीं मिल पा रहा था ऐसे में वह वापस चला गया है। अब यदि फिर से अनुबंध को बढ़ाया जाएगा तो मशीन का संचालन दोबारा किया जा सकता है।प्रदूषण जांच में मददगार-पर्यावरण के लिहाज से एयर क्वालिटी मानीटरिंग स्टेशन सिविल लाइन क्षेत्र में उपयोगी था। इस क्षेत्र में प्रदूषण की स्थिति को मापने के लिए फिलहाल कहीं भी कोई व्यवस्था नहीं है। साइंस कालेज में लगी मशीन से सिविल लाइन से लगे पांच किलोमीटर के दायरे की हवा का स्तर जांचा जा सकता था।

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दिन व दिन पारे में गिरावट, खिलेगी धूप, छाएंगे बादल, होगी बारिश या फिर कोहरा करेगा परेशान?

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डिजिटल भारत l पिछले करीब चार दिनों से छाया कोहरा और धुंध गुरुवार को हट गया। मौसम साफ हुआ तो सूर्यदेव ने भी दर्शन दिए पर ठंड का असर बरकार रहा। वातावरण में घुली ठंडक के असर से धूप की चमक फीकी रही।

तीन से चार किमी की गति से दिन भर चली बर्फीली हवाएं लोगों को सिहराती रहीं। लोगाें ने गलाव वाली ठंड महसूस की। वहीं मौसम विभाग की माने तो मौसम साफ हो गया है अब दिन का तापमान स्थिर रहेगा पर रात में ठंड का असर बढ़ जाएगा। तापमान में भी तीन से चार डिग्री तक की गिरावट आ सकती है। दिन का बढ़ा रात का कम हुआ तापमान-मौसम साफ होते ही दिन का तापमान भी करीब चार डिग्री तक उछल गया।

कोहरा, धुंध और शीतलहर के कारण बुधवार को अधिकतम तापमान 16.7 डिग्री तक नीचे चला गया था जबकि गुरुवार को 20.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। तापमान बढ़ने के बावजूद वातावरण में गलाव वाली ठंड महसूस की गई। वही न्यूनतम तापमान में जरूर आंशिक गिरावट दर्ज की गई है। न्यूनतम तापमान एक डिग्री कम होकर 8.4 डिग्री सेलिसयस दर्ज किया गया।

हवाओं में घुली बर्फीली ठंडक- मौसम विभाग के अनुसार लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के असर से उत्तर पूर्वी हवाओं में बर्फीली ठंडक घुल गई है। जिससे वातावरण में गलाव वाली ठंड महसूस की जा रही है। अभी कुछ ऐसी ऐसी ही ठंडक महसूस की जाएगी।मौसम बाक्स- सूर्योदय- 6:53 बजेसूर्यास्त- 5:39 बजेतापमानअधिकतम 20.5न्यूनतम 8.4आर्द्रता – 85- 54

पूर्वानुमानमौसम साफ रहेगा, शीतलहर चलने की संभावना जताई जा रही है। पूर्वानुमान – अधिकतम – न्यूनतमजबलपुर06 जनवरी – 20.0 -11.007 जनवरी – 20.0 – 12.0कटनी06 जनवरी- 22.5- 7.507 जनवरी – 23.6 -8.5मंडला06 जनवरी – 18.0- 10.007 जनवरी -19.0 -11.0

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दिसंबर 2022 में राजस्व संग्रह सालाना आधार पर 15 प्रतिशत अधिक, वस्तु एवं सेवा कर 1.49 लाख करोड़ से अधिक

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डिजिटल भारत l वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह दिसंबर 2022 में 15 प्रतिशत बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया. इससे बेहतर कर अनुपालन के अलावा विनिर्माण में सुधार एवं खपत में तेजी का संकेत मिलता है. राजस्व 1.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है. नवंबर में कर संग्रह करीब 1.46 लाख करोड़ रुपये था. वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘दिसंबर 2022 के दौरान सकल जीएसटी राजस्व 1,49,507 करोड़ रुपये है. इसमें सीजीएसटी 26,711 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 33,357 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 78,434 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्र 40,263 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 11,005 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्र 850 करोड़ रुपये सहित) है.’. दिसंबर 2022 में राजस्व संग्रह सालाना आधार पर 15 प्रतिशत अधिक है. पिछले साल इसी अवधि में जीएसटी संग्रह 1.30 लाख करोड़ रुपये रहा था. इससे बेहतर कर अनुपालन के अलावा विनिर्माण में सुधार एवं खपत में तेजी का संकेत मिलता है.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ”दिसंबर 2022 के दौरान सकल जीएसटी राजस्व 1,49,507 करोड़ रुपये है. इसमें सीजीएसटी 26,711 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 33,357 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 78,434 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्र 40,263 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 11,005 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्र 850 करोड़ रुपये सहित) है.”
दिसंबर 2022 में माल के आयात से राजस्व आठ प्रतिशत बढ़ा, जबकि घरेलू लेनदेन से राजस्व (सेवाओं के आयात सहित) सालाना आधार पर 18 प्रतिशत बढ़ा है.

वित्त मंत्रालय ने कुछ महीने पहले कहा था कि जीएसटी काउंसिल के लिए फैसले का साफ असर दिखने लगा है। जीएसटी काउंसिल ने पिछले कुछ महीनों के दौरान बेहतर अनुपालन के लिए कई उपायों की पहल की। जीएसटी का कलेक्शन उस वक्त बढ़ रहा है, जब रिजर्व बैंक लगातार रेपो रेट में इजाफा कर रहा है।

GST एक ऐसा टैक्स है, जो भारत में प्रॅाडक्ट और सर्विस की सप्लाई पर लगता है। इसको 2017 में लागू किया गया था। भारत में GST की रजिस्ट्रेशन लिमिट पहले 20 लाख रुपये थी। अब इसको बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दिया गया है। अब 40 लाख रुपए से ज्यादा के कारोबार करने वाले सभी व्यवसायों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराना जरुरी है।


इसके अलावा नवंबर 2022 में 7.9 करोड़ ई-वे बिल जारी किए गए, जो अक्टूबर 2022 के 7.6 करोड़ ई-वे बिल से काफी अधिक थे. डेलॉइट इंडिया के पार्टनर एम एस मणि ने कहा, ”घरेलू लेनदेन से जीएसटी राजस्व में 18 फीसदी की वृद्धि ई-वे बिल जारी करने में बढ़ोतरी और प्रमुख विनिर्माता एवं खपत वाले राज्यों के जीएसटी संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाती है.”
डेलॉइट इंडिया के पार्टनर एम एस मणि ने कहा, ‘घरेलू लेनदेन से जीएसटी राजस्व में 18 फीसदी की वृद्धि ई-वे बिल जारी करने में बढ़ोतरी और प्रमुख विनिर्माता एवं खपत वाले राज्यों के जीएसटी संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाती है.’ केपीएमजी के साझेदार (अप्रत्यक्ष कर) अभिषेक जैन ने कहा कि त्योहारी बिक्री खत्म होने के बाद भी 1.5 लाख करोड़ रुपये का मासिक संग्रह अब एक सामान्य स्थिति बनती हुई दिखाई देती है.
केपीएमजी के पार्टनर (अप्रत्यक्ष कर) अभिषेक जैन ने कहा कि त्योहारी बिक्री खत्म होने के बाद भी 1.5 लाख करोड़ रुपये का मासिक संग्रह अब एक सामान्य स्थिति बनती हुई दिखाई देती है.

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मौसम विभाग के मुताबिक, जनवरी महीने में सर्दी का खासा अनुभव होने की संभावना 1 जनवरी से ही की गई अनुभव तापमान में गिरावट

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डिजिटल भारत l नए साल की शुरुआत के साथ उत्तर पश्चिम भारत के बड़े हिस्से में शीतलहर की स्थिति एक बार फिर से लौट आई है. हालांकि, बीते तीन-चार दिनों से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के कुछ हिस्सों में ठंड और कोहरा थोड़ा कम था, लेकिन 2023 की शुरुआत के साथ ही लोगों को कड़ाके की सर्दी झेलनी पड़ सकती है. प्रादेशिक मौसम विज्ञान केंद्र नई दिल्ली (Regional Meteorology Center New Delhi) के मुताबिक, अगले दो दिनों में रात के तापमान में और गिरावट आने की संभावना है. दिल्ली में सोमवार (2 जनवरी) को न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने के आसार हैं. इसके साथ ही आसमान साफ रह सकता है. इससे पहले रविवार (1 जनवरी) को न्यूनतम तापमान 05.5 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 21.1 डिग्री सेल्सियस के आसपास था.

4 और 5 जनवरी को फिर से पड़ेगी कड़ाके की ठंड
मौसम विभाग के मुताबिक, जनवरी महीने में सर्दी का खासा अनुभव होने की संभावना है. प्रादेशिक मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार दिल्ली में 3 जनवरी को न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा. वहीं, सुबह हल्का कोहरा रहेगा और दिन में धूप निकलने के आसार हैं. दिल्ली में 4 और 5 जनवरी को फिर से कड़ाके की ठंड पड़ेगी. इस दिन राज्य का न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है. इसके अलावा, बुधवार और गुरुवार को शीतलहर के साथ इलाकों में घना कोहरा छाए रहने की संभावना है.

जनवरी बीतने के बाद भी ठंड से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।

तापमान में गिरावट का दौर सोमवार को भी
पूर्व मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि तापमान में गिरावट का दौर सोमवार को भी जारी रहेगा और रात के तापमान में एक से तीन डिग्री की गिरावट आ सकती है, इसके चलते सोमवार को कई जिलों में शीतल दिन के साथ शीतलहर की स्थिति बन सकती और ऐसी ही सर्दी अगले तीन-चार दिनों तक सताती रहेगी।
हिमालय से आने वाली उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण सर्दी
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि, उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में हिमालय से आने वाली उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण उत्तर-पश्चिम मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में न्यूनतम तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हुई और अगले 24 घंटों में भी इतनी ही गिरावट की संभावना है।आगामी दो से तीन दिनों के दौरान पश्चिम मध्यप्रदेश में भी कहीं-कहीं के क्षेत्रों में घने कोहरे की संभावना है। जनवरी के पहले सप्ताह की बात करें तो आगामी आठ जनवरी तक उत्तर पश्चिम मध्यप्रदेश के कहीं-कहीं के इलाकों में में घना कोहरा और शीतलहर की स्थिति रहने की संभावना है।
विंड चिल फैक्टर ने सताया
इस सीजन में तापमान में गिरावट तो कई बार दर्ज हुई है, लेकिन जनवरी के पहले दिन में गिरावट के साथ गलन का एहसास भी हुआ। न केवल तापमान कम था बल्कि हवाएं भी सर्द थीं जोकि तीर की तरह चुभ रही थीं। वातावरण के तापमान के अतिरिक्त हवाओं का तापमान और कम होता है और जब ऐसी सर्द हवाएं शरीर से टकराती हैं तो सर्दी का एहसास ज्यादा होता है इसे ही विंड चिल फैक्टर कहा जाता।
ऐसे होता है कोल्ड डे
जब रात का तापमान 10 डिग्री या इससे कम हो और दिन का तापमान सामान्य से साढ़े चार डिग्री या इससे अधिक गिर जाए तब वह दिन कोल्ड डे कहलाता है।
रविवार को प्रदेश में सागर एवं सतना में कोल्ड डे रहा

सबसे कम तापमान वाले जिले
दतिया – 5.4
ग्वालियर – 6.8
उमरिया – 7.3
राजगढ़ – 7.6
सागर- 7.6
सतना- 7.8
दमोह- 8
रीवा- 8
गुना- 8.2

रायसेन- 8.5

सबसे बड़ी गिरावट वाले जिले
जिला- न्यूनतम तापमान – 24 घंटों में गिरावट
ग्वालियर – 6.8- 4.1
दतिया – 5.4- 4.4
राजगढ़- 7.6 – 3.8
दमोह- 8.0- 3.2
सागर- 7.8- 2.8
गुना- 8.2-2.8

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