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एक भारत उत्कृष्ट भारत

नेपाल में भूकंम का बड़ा झटका, 128 लोगो की हुई मौत

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डिजिटल भारत l भारत के कई राज्यों में शुक्रवार देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसी क्रम में नेपाल की धरती भी कांपी, यहां इसके भयावह परिणाम देखे गए। अब तक इस आपदा में मृतकों की संख्या 132 पहुंच गई है। आपदा को लेकर नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने भूकंप से हुई मानवीय और भौतिक क्षति पर दुख व्यक्त किया।
नेपाल के जाजरकोट के पश्चिमी क्षेत्र में आए तेज भूकंप से अब तक 128 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि क्षेत्र में काफी घर ढह गए हैं। नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा कि भूकंप शुक्रवार रात 11:47 बजे (1802 GMT) आया, जिसकी तीव्रता 6.4 थी। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज ने भूकंप की तीव्रता 6.2 से घटाकर 5.7 मापी, जबकि यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने इसकी तीव्रता 5.6 आंकी। स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक घायलों में से 30 लोगों का इलाज रुकुम पश्चिम में और 100 से ज़्यादा लोगों का इलाज जाजरकोट अस्पताल में किया जा रहा है. शुक्रवार रात आए भूकंप को 2015 में नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के बाद सबसे घातक भूकंप माना जा रहा है. इलाज की व्यवस्था
छोड़कर पॉडकास्ट आगे बढ़ें भूकंप के बाद कई जगह पर भूस्खलन की खबरें भी हैं, जिसके चलते घायलों को अस्पताल पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. घायल मरीजों का इलाज भेरी अस्पताल, नेपालगंज नर्सिंग होम और मेडिकल कॉलेज कोहलपुर में किया जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि रांझा स्थित नेपाली सेना अस्पताल, नेपालगंज पुलिस अस्पताल और भेरी अस्पताल में घायलों के इलाज के लिए 105 बेड खाली कर दिए गए हैं. नेपालगंज में मौजूद बीबीसी संवाददाता बिमला चौधरी ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि घायल मरीजों के लिए सुरक्षाकर्मियों को रक्तदान के लिए भी तैयार रखा गया है. करनाली प्रांत के पुलिस प्रमुख डीआइजी भीम प्रसाद ढकाल ने बताया कि भूकंप के बाद पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मी प्रभावित इलाके में घायलों को बचाने में जुट गये. उनके मुताबिक बचाव के लिए करनाली प्रांत पुलिस कार्यालय से 56 लोगों की एक टीम भेजी गई है. 2015 में आया था विनाशकारी भूकंप
नेपाल में 25 अप्रैल 2015 को 7.8 तीव्रता का ज़बरदस्त भूकंप आया था. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार इसमें क़रीब 9000 लोगों की जान गई, 10 लाख घरों को नुक़सान पहुँचा और करीब 28 लाख लोग विस्थापित हुए

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मुश्किल में बिग – बॉस ओ टी टी के विनर एल्विश यादव, सर पर लटक रही जेल की तलवार

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डिजिटल भारत l बिग बॉस ओटीटी-2 जीतने के बाद से सुर्खियों में यूट्यूबर एल्विश यादव विवादों में घिर गए हैं। उनके खिलाफ कोतवाली सेक्टर-49 में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। उन पर सांपों के जहर की सप्लाई करने वाले गिरोह से जुड़ने का आरोप है। पुलिस ने इस मामले में नामजद पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। एल्विश यादव की संलिप्तता की जांच कर रही है।
पकड़े गए आरोपियों की पहचान दिल्ली के राहुल (32), टीटूनाथ (45), जयकरन (50), नारायण (50) और रविनाथ (45) के रूप में हुई। इन्होंने पूछताछ में बताया कि वे इन सांपों व स्नैक वेनम का इस्तेमाल रेव पार्टी के लिए करते हैं।
आरोपियों के पास से बरामद हुआ ये सामान
बरामद किए गए सांपों में पांच कोबरा, दो दुमुंही, एक अजगर और एक रेट स्नेक (घोड़ा पछाड़) शामिल है। बताया जा रहा है कि इन सांपों के जहर का इस्तेमाल पार्टी में किया जाता था। मामले में कोतवाली प्रभारी निरीक्षक संदीप चौधरी का कहना है कि पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। एल्विश यादव समेत छह नामजद और कुछ अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पूरे मामले में एल्विश यादव की संलिप्तता को लेकर जांच की जा रही है।
इन धाराओं में दर्ज हुआ मामला
एल्विश यादव के अलावा अन्य आरोपियों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं और आईपीसी की धारा-120बी के तहत केस दर्ज किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में जो धाराएं लगाई गईं हैं वो गैर जमानती हैं। इस मामले को लेकर अभी एल्विश की तरफ से कुछ प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
मेनका गांधी की संस्था के पदाधिकारी ने कराई एफआईआर
एल्विश समेत अन्य आरोपियों पर सांसद मेनका गांधी की संस्था पीपल फॉर एनिमल में एनिमल वेलफेयर में ऑफिसर के पद पर कार्यरत गौरव गुप्ता ने एफआईआर कराई है। उन्होंने पुलिस को बताया कि यूट्यूबर एल्विश यादव अन्य सदस्यों के साथ मिलकर स्नेक वेनम और जिंदा सांपों के साथ वीडियो शूट कराते हैं और गैर कानूनी रूप से रेव पार्टियों को अंजाम देते हैं। जिसमें विदेशी युवतियों को बुलाकर स्नेक वैनम और नशीले पदार्थों का सेवन कराते हैं। जिसके बाद हमारे मुखबिर ने एल्विश यादव से संपर्क किया। एल्विश ने एक एजेंट का नंबर दिया, जिसका नाम उन्होंने राहुल बताया। मुखबिर ने राहुल से संपर्क करके पार्टी आयोजित करने के लिए बुलाया। जिसके सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस की मदद से आरोपियों को पकड़ा गया। बिग बॉस ओटीटी के विनर हैं एल्विश यादव
एल्विश ने हाल ही में बिग बॉस ओटीटी-2 में वाइल्ड कार्ड कंटेस्टेंट के तौर पर एंट्री की थी। अंत में शो की ट्राफी भी अपने नाम की। बिग बॉस के इतिहास में एल्विश यादव पहले वाइल्ड कार्ड हैं जिन्होंने ट्राफी अपने नाम की थी। एल्विश यादव से एक करोड़ की मांगी गई थी रंगदारी
पिछले दिनों एल्विश यादव ने कथित तौर पर जबरन वसूली काल मिलने के बाद एफआइआर दर्ज कराई थी। 25 अक्टूबर को गुरुग्राम के सेक्टर-53 पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया गया था। एल्विश ने पुलिस को बताया था कि उन्हें एक अनजान नंबर से एक करोड़ रुपये की रंगदारी की मांग का एक काल आया था।

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ताई ची मार्शल आर्ट की ही एक ऐसी विधा है, कर सकती है बीमारी की गति को धीमा

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डिजिटल भारत l पार्किंसन एक दिमाग़ी बीमारी है, जिसमें मरीज की स्थिति धीरे-धीरे बिगड़ती चली जाती है. इससे पीड़ित व्यक्ति के लिए वक़्त के साथ अपनी शारीरिक गतिविधियों पर नियंत्रण बनाए रखना मुश्किल होता जाता है. लेकिन जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजी न्यूरोसर्जरी एंड साइकाइट्रिक में प्रकाशित हुए अध्ययन में दावा किया गया है कि ताई ची पार्किंसंन बीमारी की गति को धीमा कर सकती है. इस अध्ययन में पार्किंसन बीमारी से पीड़ित 334 मरीज़ों को शामिल किया गया था. इनमें से 147 मरीज़ों के समूह ने हफ़्ते में दो बार एक घंटे के लिए ताई ची का अभ्यास किया.
पार्किंसंस रोग एक दुर्बल करने वाला और प्रगतिशील न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार है, जो गति की धीमी गति, आराम करने वाले कंपकंपी और कठोर और अनम्य मांसपेशियों की विशेषता है। यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली न्यूरोलॉजिकल स्थिति है। अभी तक, पार्किंसंस का कोई इलाज नहीं है, और हालांकि दवाएं नैदानिक ​​लक्षणों को कम कर सकती हैं, लेकिन वे रोग की सभी अभिव्यक्तियों का इलाज नहीं करती हैं। अध्ययन में जनवरी 2016 से जून 2021 तक पांच साल से अधिक समय तक पार्किंसंस रोग के रोगियों के दो समूहों की निगरानी की गई। 147 रोगियों के एक समूह ने एक घंटे के लिए सप्ताह में दो बार ताई ची का अभ्यास किया, जिससे उनकी तकनीक में सुधार करने के लिए कक्षाओं के प्रावधान से सहायता मिली।

187 रोगियों के दूसरे समूह ने अपनी मानक देखभाल जारी रखी, लेकिन ताई ची का अभ्यास नहीं किया। ताई ची समूह में सभी निगरानी बिंदुओं पर रोग की प्रगति धीमी थी, जैसा कि समग्र लक्षणों, गति और संतुलन का आकलन करने के लिए तीन मान्य पैमानों द्वारा किया गया था। तुलनात्मक समूह में जिन रोगियों को अपनी दवा बढ़ाने की आवश्यकता थी, उनकी संख्या भी ताई ची समूह की तुलना में काफी अधिक थी: 2019 में 83.5 प्रतिशत और 2020 में 71 प्रतिशत और 87.5 प्रतिशत की तुलना में सिर्फ 96 प्रतिशत से अधिक। क्रमश। अन्य गैर-गतिशील लक्षणों की तरह ताई ची समूह में संज्ञानात्मक कार्य अधिक धीरे-धीरे खराब हुए, जबकि नींद और जीवन की गुणवत्ता में लगातार सुधार हुआ। और तुलनात्मक समूह की तुलना में ताई ची समूह में जटिलताओं का प्रसार काफी कम था: डिस्केनेसिया 1.4 प्रतिशत बनाम 7.5 प्रतिशत; डिस्टोनिया 0 प्रतिशत बनाम 1.6 प्रतिशत; मतिभ्रम 0 प्रतिशत बनाम केवल 2 प्रतिशत से अधिक; हल्की संज्ञानात्मक हानि 3 प्रतिशत बनाम 10 प्रतिशत; रेस्टलेस लेग सिंड्रोम 7 प्रतिशत बनाम 15.5 प्रतिशत। पार्किंसन बीमारी को समझने के लिए दुनिया भर में शोध जारी हैं. लेकिन अब तक जो कुछ पता है, उसके मुताबिक़ इस बीमारी से पीड़ित शख़्स का अपनी शारीरिक गतिविधियों पर नियंत्रण कम होता जाता है.

उदाहरण के लिए, उसे कंपन और मांसपेशियों में अकड़न होने जैसी दिक्कतें होती हैं. इसके साथ ही इस बीमारी से जूझ रहे शख़्स को शारीरिक संतुलन एवं समन्वय बनाने में भी परेशानी आती है. चीन की शंघाई जिओ टोंग यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ़ मेडिसिन के अध्ययन में पांच साल तक पार्किंसन के सैकड़ों मरीज़ों के स्वास्थ्य पर नज़र रखी गई. इसमें एक समूह जिसमें 147 लोग थे उन्होंने नियमित रूप से ताई ची का अभ्यास किया जबकि 187 लोगों के समूह ने अभ्यास नहीं किया. इस पारंपरिक चीनी कसरत में धीमे और सौम्य मूवमेंट के साथ साथ गहरी सांस लेना शामिल था. द चैरिटी पार्किंसन यूके ने ताई ची को धीमे मूवमेंट वाली शारीरिक गतिविधि बताया है जो जिंदगी और मूड को बेहतर बनाने में मदद करती है.

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प्रदेश में 17 नवंबर को सुबह 7 से शाम 6 बालाघाट, मंडला और डिंडोरी जिले के कुछ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में सुबह 7 से दोपहर 3 होगा मतदान

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डिजिटल भारत l मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि प्रदेश में 17 नवंबर को सुबह 7 से शाम 6
बजे तक मतदान प्रक्रिया चलेगी। इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है।
राजन ने बताया कि मतदान शुरू होने के डेढ़ घंटे पहले सुबह 5:30 बजे से मॉकपोल की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। यह
प्रक्रिया अभ्यर्थी या उसके अधिकृत एजेन्ट की उपस्थिति में होगी। यदि कोई अभ्यर्थी या उसका एजेन्ट 5:30 बजे
मतदान केन्द्र पर उपस्थित नहीं होता है, तो 15 मिनट तक उसका इंतजार किया जाएगा। इसके बाद मतदान दलों
और अन्य सदस्यों की उपस्थिति में मॉकपोल की प्रक्रिया प्रारंभ की जायेगी। न्यूनतम 50 वोट से मॉकपोल किये
जाने का प्रावधान है, जिसमें नोटा भी शामिल होगा। मॉकपोल की प्रक्रिया प्रारंभ करने से पूर्व बैलेट यूनिट एवं
वीवीपीएटी को वीवीपीएटी कम्पार्टमेंट में रखा जाएगा। कंट्रोल यूनिट को पीठासीन अधिकारी की टेबल या मतदान
अधिकारी के टेबल पर रखना होगा।
राजन ने बताया कि प्रदेश के बालाघाट, मंडला और डिंडोरी जिलों के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में सुबह 7
से दोपहर 3 बजे तक मतदान प्रक्रिया चलेगी। इसमें बालाघाट जिले के तीन विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 108-बैहर
(अ.ज.जा.), 109-लांजी और 110 -परसवाड़ा के सभी मतदान केंद्र, मंडला जिले के 105-बिछिया विधानसभा निर्वाचन
क्षेत्र के-47 मतदान केंद्रों पर, 107-मंडला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 8 मतदान केंद्रों तथा
डिण्डोरी जिले के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-104 डिण्डोरी के 40 मतदान केंद्रों पर सुबह 7 से दोपहर 3 बजे तक
मतदान प्रक्रिया चलेगी। समस्‍त श्रमिकों को 17 नवम्‍बर मतदान के दिन सवैतनिक अवकाश के निर्देश
विधानसभा आम निर्वाचन 2023 का निर्वाचन कार्यक्रम जारी किया गया है, जिसमें 17 नवम्‍बर को
मतदान किया जाना निर्धारित है। उक्‍त दिशा निर्देशों के अनुसार श्रमायुक्‍त के निर्देश तथा लोक प्रतिनिधित्‍व
अधिनियम 1951 की धारा 135 (ग) के प्रावधान अनुसार प्रदेश की समस्‍त विधानसभाओं के क्षेत्रों में आने वाले
सभी कारोबार, व्‍यवसाय, उद्योगिक उपक्रम या किसी अन्‍य स्‍थापना में नियोजित प्रत्‍येक श्रमिक को चाहे वह
दैनिक मजदूर या आकस्मिक श्रेणी का ही हो उसे विधानसभा निर्वाचन 2023 में मतदान करने का अधिकार है।
ऐसे समस्‍त श्रमिकों को 17 नवम्‍बर मतदान के दिन सवैतनिक अवकाश मंजूर किया जाना आवश्‍यक है। साथ
ही यह भी उल्‍लेख किया गया है कि यदि कोई कामगार किसी ऐसे उद्योग या स्‍थापना में नियोजित है जो उस
विधानसभा क्षेत्र के बाहर है जहां आम निर्वाचन हो रहें है। तब भी उन्‍हें मतदान के लिये सवैतनिक अवकाश की
पात्रता होगी। प्रभारी सहायक श्रमायुक्‍त ने जिले के सभी कारोबार, व्‍यवसाय, उद्योगिक उपक्रम या अन्‍य
स्‍थापना के प्रबंधकों या नियोजकों को निर्देशित किया है कि वे कार्यरत सभी कामगारों को विधानसभा निर्वाचन में
मताधिकार का उपयोग सुविधाजनक एवं निर्बाध रूप से सुनिश्चित करने की दृष्टि से लोक प्रतिनिधित्‍व अधिनियम
1951 के उक्‍त प्रावधान का पालन सुनिश्चित करते हुये मतदान दिवस को समस्‍त श्रेणी के कामगारों को
सवैतनिक अवकाश अनिवार्यत: प्रदान करें।

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कम महिला वोटर टर्नआउट को शत प्रतिशत मतदान में बदलने आयोजित किये गये जागरूकता के कार्यक्रम

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डिजिटल भारत l विधानसभा के 17 नवंबर को होने वाले चुनाव में शत-प्रतिशत मतदान के उद्देश्य से पिछले निर्वाचनों के
कम वोटर टर्न आउट वाले चिन्हित किये गये मतदान केंद्रो में आयोजित की जा रही गतिविधियों के तहत आज
बुधवार को जिला निर्वाचन कार्यालय के स्वीप सेल द्वारा शहरी विधानसभा क्षेत्रों में जागरूकता के विभिन्न कार्यक्रम
आयोजित किये गये।
इन कार्यक्रमों में जबलपुर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र क्रमांक-40 में महिला वोटर टर्न आउट
शत-प्रतिशत पहुँचाने का लक्ष्य लेकर जिला स्वीप शाखा द्वारा एपीसी तरुण राज दुबे के नेतृत्व में संबंधित बीएलओ
संभागीय अधिकारी नगर निगम तथा प्रियदर्शनी अंजुमन महाविद्यालय की समेकित जिम्मेदारी तय की गई । इसे
अभियान बनाते हुए अंजुमन महिला महाविद्यालय की प्राचार्य शबाना अंजुम, निर्वाचन साक्षरता क्लब की
नोडल अधिकारी रेशमा शेख के समन्वय में महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने “डाले वोट, बूथ पर जायें,
लोकतंत्र का पर्व मनाए” थीम पर रोचक नुक्कड़ नाटक मतदान केंद्र पर किया गया तथा नागरिकों को मतदान करने
तथा अन्य को भी वोट डालने प्रेरित करने का संकल्प दिलाया गया।
विधानसभा क्षेत्र जबलपुर उत्तर में जागरूकता कार्यक्रम में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक वार्ड स्थित मतदान
केंद्र क्रमांक -216 से सबंधित क्षेत्र की महिला मतदाताओं को वोट के प्रति जागरूक करने एपीसी राजेश तिवारी,
मानकुँवर बाई महिला महाविद्यालय प्राचार्य डॉ संध्या चौबे, ईएलसी नोडल श्रद्धा तिवारी द्वारा समन्वित
प्रयास कर नुक्कड़ नाटक का आयोजन कर शत-प्रतिशत मतदान का स्पष्ट संदेश प्रसारित कर उपस्थित महिलाओं
से अनिवार्य मतदान हेतु संकल्प लिया गया।


विधानसभा क्षेत्र जबलपुर पश्चिम के मतदान केंद्र क्रमांक-149 से सबंधित क्षेत्र के मतदाताओं को जागरूकता
करने हेतु संकल्प लिया गया अपील की गई तथा शपथ दिलवाई गई तथा इससे जुड़े क्षेत्र का हवाबाग महिला
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. सैयद सहेवार, ईएलसी नोडल अधिकारी रुचि केसरवानी एपीसी मोनिका लकड़ा, सेक्टर
अधिकारी माधव सिंह यादव एवं महाविद्यालय के छात्रों द्वारा हाथों में तख्ती लेकर व्यापक भ्रमण कर क्षेत्र में
जागरूकता की लहर फैलाई गई|
विधानसभा क्षेत्र जबलपुर केंट के अंतर्गत सेंट अलायसियस महाविद्यालय के संयोजन में विद्यार्थियों
द्वारा अपने अभिभावकों को वोट देने हेतु संकल्प लिया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा समस्त स्टाफ तथा
अन्य सभी को अधिक से अधिक मतदान करने हेतु प्रेरित किया गया।
जिला निर्वाचन कार्यालय के स्वीप समन्वयक प्रमोद श्रीवास्तव ने बताया कि मतदाता जागरूकता के
कार्यक्रम व्यापक रूप से निरंतर जारी रहेंगे।

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माइनिंग ऑफिस में लोकायुक्त का छापा

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होम गार्ड सैनिक और ड्राइवर 12 हजार लेते गिरफ्तार  जबलपुर। आवेदक -श्री गिरधारी सिंह पटेल पिता स्वर्गीय श्री प्यारेलाल पटेल उम्र 48 वर्ष निवासी ग्राम भडरी तहसील गोटेगांव जिला नरसिंहपुर

आरोपीगण-1. होमगार्ड सैनिक क्रमांक 260 नंदलाल झारिया उम्र 55 वर्ष कार्यालय क्षेत्रीय प्रमुख संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर

  1. विनोद कुमार सेन उम्र 55 वर्ष प्राइवेट ड्राइवर खनिज विभाग जबलपुर
    ट्रैप दिनांक – 31 octobar को
    ट्रैप राशि – ₹ 12,000/-
    घटनास्थल- कार्यालय क्षेत्रीय प्रमुख संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर के सामने रोड कटंगा टीवी टावर के पास
    कार्य – आवेदक ने 26 octobar को स्वयं के ट्रैक्टर से मानेगांव क्रेशर से ₹2500 की रसीद कटवा कर गिट्टी मंगवाई थी जिसे खनिज विभाग के सैनिक नंदलाल झरिया द्वारा सिवनी टोला के पास पकड़ लिया था जुर्माना कम करवाने एवं केस हल्का बनवाने के एवज में ₹15000 की रिश्वत की मांग की थी जिसकी शिकायत लोकायुक्त कार्यालय जबलपुर में दिनांक 30 तारीख को की गई थी शिकायत सत्यापन पर सैनिक नंदलाल झारिया व प्राइवेट ड्राइवर विनोद कुमार सेन मोलभाव करने पर ₹12000 रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए ।
    ट्रैप दल में पुलिस अधीक्षक दिलीप झरवडे, निरीक्षक रेखा प्रजापति, निरीक्षक कमल सिंह उईके एवं 5 सदस्यीय दल लोकायुक्त जबलपुर था।
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मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में मचा घमासान…….

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सम्पादकीय

मध्यप्रदेश कांग्रेस में विधानसभा चुनाव को लेकर टिकट वितरण का एक पैमाना बनाया गया था, कि सर्वे रिपोर्ट के आधार पर टिकट दिए जायेगें, जिन नेता और विधायक का रिपोर्ट कार्ड सर्वे में सबसे ऊपर होगा उन्हें ही टिकट दिये जायेंगे, लेकिन चुनाव नजदीक आते- आते यही सर्वे टिकट के दावेदारों और उनके आकाओं के लिए मुसीबत साबित होने लगा, जो सर्वे कमलनाथ करवा रहे थे, उससे नेता असंतुष्ट दिखे तो एक सर्वे दिग्विजय सिंह का भी सामने आने लगा ,लेकिन जब इससे भी बात नही बनी तो सर्वे की कमान राहुल गांधी ने सम्भाली और तीसरा नया सर्वे सामने आया-उसी आधार पर टिकट दिए गए लेकिन इस सर्वे के आधार पर टिकट देना भी मुसीबत साबित हो गया और विरोध प्रदर्शन धरने होने लगे। नेताओं के पुतले जलने लगे, कमलनाथ के बंगले का घेराव, प्रदर्शन, सुंदरकांड का पाठ शुरू हो गया, दिग्विजय सिंह का घोर विरोध मध्यप्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर प्रदर्शन और तो और कांग्रेस कार्यालय के अंदर घुसकर कांग्रेस के लोगों द्वारा दिग्विजय सिंह की फोटो पर कालिख पोत देना, दिग्विजय की फोटो पर जूते मारना और इन सबका वीडियो बनते रहना, इस सबसे कांग्रेस की पुरानी परिपाटी संस्कृति की पुनरावृति दिखाई दी , इससे यह स्पष्ट रूप से सामने आया कि कांग्रेस में सबकुछ ठीक नही है,

और दिग्विजय, कमलनाथ, सुरेश पचौरी, अरूण यादव, सज्जन वर्मा जैसे नेताओं मे आपसी खींचतान उभरकर सामने आई, कमलनाथ का यह वक्तव्य कि दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह के कपङे फाङो- यह बयान भी आग मे घी ङालने का काम कर गया, कमलनाथ के बंगले पर कांग्रेस कार्यकर्ता और नेताओं ने प्रदर्शन तेज कर दिए, और इसी बीच खुदपर पेट्रोल ङालकर आग लगाने की कोशिश भी की गई , इससे यह तो साबित हो गया कि मध्यप्रदेश कांग्रेस मे सर्वे के आधार पर टिकट देने का प्रयास सफल नही हो पाया, नही तो कमलनाथ का सर्वे, फिर दिग्विजय का सर्वे, फिर हाईकमान राहुल गांधी का सर्वे इसके बावजूद इतना धरना प्रदर्शन, आगजनी, कालिख पोतना, मध्यप्रदेश कांग्रेस के सर्वे की- इससे यह तो साबित हुआ कि मध्यप्रदेश कांग्रेस मे सबकुछ ठीक नही है , और बङे नेताओ की आपसी गुटबाजी भी चरम पर है। मध्यप्रदेश कांग्रेस अलग अलग गुटों मे बंटी हुई है, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह,सुरेश पचौरी, अरूण यादव, अजय सिंह,कांतिलाल भूरिया के गुट तो हैं ही, अब जीतू पटवारी, सज्जन वर्मा, जैसे नये गुट भी सामने आने लगे हैं, यह मध्यप्रदेश कांग्रेस के लिए इस समय खतरे की घंटी हो सकता है, इससे यह भी स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रहा है कि राहुल गांधी की भारत जोङो यात्रा बहुत ज्यादा असर नही ङाल पाई, भारत जोङो यात्रा का उतना अच्छा प्रभाव कांग्रेस के जनमानस पर नही पङा , नही तो अलग अलग सर्वे कराने की नौबत ही नही आती, इससे यह भी दिखाई दिया की राहुल गांधी अपनी भारत जोङो यात्रा का इतना अच्छा असर नही छोङ पाए, क्योंकि मध्यप्रदेश मे फिर यह सब क्यों ? क्यों अलग अलग सर्वे, क्यों धरना प्रदर्शन तोडफोड आगजनी, खुदपर पेट्रोल ङालकर आग लगाने की कोशिश, क्या वाकई राहुल गांधी अपनी भारत जोङो यात्रा को असल मे सफल नही कर पाए, क्यों मध्यप्रदेश मे कांग्रेस को जोड़कर एक नही कर पाये – यह सब आने वाले समय मे आपको यह भी परिदृश्य दिखाई देगा, और मध्यप्रदेश मे राहुल गांधी की भारत जोङो यात्रा,सर्वे के आधार पर टिकट वितरण होना, और सही टिकट का चयन होना या न होना-यह सब 3 दिसंबर के बाद आपके सामने होगा। खैर सर्वे के यही हालात भारतीय जनता पार्टी में नजर आए, भाजपा ने भी तीन सर्वे करवाए, एक सर्वे तो अन्य प्रदेशों के विधायकों, संघ के पदाधिकारियों व राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री की टीम की रिपोर्ट, फिर भी टिकट वितरण के बाद फैले असंतोष के बाद तोड़फोड़, घेराव से भाजपा उम्मीदवारों की सीटें खतरे में नजर आ रही हैं फिलहाल देखने की बात यह है कि भाजपा कांग्रेस के बागी प्रत्याशी चुनाव के फैसले को किस ओर ले जाते है अभी भी मानमनौव्वल का दौर तेजी से चल रहा है कितने बागी समय रहते अपना नाम वापिस लेते हैं और कितने अपनी ही पार्टी की लुटिया डुबोते है ।

नलिन कांत बाजपेयी
9425157790

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मतदाता जागरूकता रैली संपन्न

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बरगी नगर :– संकुल केंद्र में आज स्कूली बच्चों के साथ मतदाता को जागरूक करने हेतु रैली संकुल प्राचार्य श्रीकिसन रायखेड़े के नेतृत्व में निकाली गई जिसमें आसपास के ग्रामीण के साथ समस्त शिक्षक स्टाफ, समस्त बीएलओ और पंचायत कर्मी मौजूद रहे संकुल सह समन्वयक विपिन विश्वकर्मा ने बताया कि, 17 नवंबर के विधानसभा चुनाव में शत प्रतिशत मतदान हो जिसके चलते जागरुकता रैली नगर के विभिन्न मार्गो से होते हुए विभिन्न नारे जैसे सारे काम छोड़ दो सबसे पहले वोट के नारों के साथ ग्रामीणों को निर्भीक होकर मतदान करने का आव्हान किया गया है रैली के पश्चात सभी को शाला परिसर में मतदान करने की भी शफत दिलाई गई मतदान अनिवार्य के इस कार्यक्रम में सभी स्कूली बच्चों के साथ सेक्टर अधिकारी विवेक तिवारी, संकुल प्राचार्य श्रीकृष्ण रायखेड़े, एडीओ अनिल झरिया, जनपद सदस्य अशोक पटले, संकुल समन्वयक विपिन विश्वकर्मा, इग्नाशी मरकाम, सीमा मिश्रा, राजकुमार नेमा, सुषमा मालगाम, शिवकुमार शर्मा, नरेश कुशवाहा, सुखराम काकोड़िया, सोनू साहू सहित समस्त शिक्षक स्टाफ, बीएलओ देवेन्द्र पटेल, मनीष तिवारी, संतोष पटेल, रोहणी झारिया सचिव रामदीन पटेल विभिन्न पंचायत के कर्मचारी सहित ग्रामीणों की उपस्थित इस कार्यक्रम में रही ।

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करवा चौथ पर क्या न करें

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इस साल कार्तिक माह 29 अक्टूबर 2023 से शुरू हो रहा है। इसका समापन पूर्णिमा पर 27 नवंबर 2023 को होगा। कार्तिक माह में तप और व्रत का माह है, इस माह में भगवान की भक्ति और पूजा अर्चना करने से व्यक्ति की सारी इच्छाएं पूरी होती हैं। पुराणादि शास्त्रों में कार्तिक मास का विशेष महत्व है। हर मास का यूं तो अलग-अलग महत्व है मगर व्रत एवं तप की दृष्टि से कार्तिक की बहुत महिमा बताई गई है।
स्कंदपुराण के अनुसार-
‘मासानां कार्तिकः श्रेष्ठो देवानां मधुसूदनः।
तीर्थ नारायणाख्यं हि त्रितयं दुर्लभं कलौ।’
अर्थात्‌ भगवान विष्णु एवं विष्णुतीर्थ के सदृश ही कार्तिक मास को श्रेष्ठ और दुर्लभ कहा गया है। कार्तिक मास कल्याणकारी माना जाता है। कहा गया है कि कार्तिक के समान दूसरा कोई मास नहीं, सत्युग के समान कोई युग नहीं, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं और गंगाजी के समान कोई तीर्थ नहीं है।
‘न कार्तिसमो मासो न कृतेन समं युगम्‌।
न वेदसदृशं शास्त्रं न तीर्थ गंगया समम्‌।’
सामान्य रूप से तुला राशि पर सूर्यनारायण के आते ही कार्तिक मास प्रारंभ हो जाता है। कार्तिक का माहात्म्य पद्मपुराण तथा स्कंदपुराण में बहुत विस्तार से उपलब्ध है। कार्तिक मास में स्त्रियां ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके राधा-दामोदर की पूजा करती हैं। कलियुग में कार्तिक मास व्रत को मोक्ष के साधन के रूप में बताया गया है।
पुराणों के अनुसार इस मास को चारों पुरुषार्थों-धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला माना गया है। स्वयं नारायण ने ब्रह्मा को, ब्रह्मा ने नारद को और नारद ने महाराज पृथु को कार्तिक मास के माहात्म्य के संदर्भ में बताया है।
इस संसार में प्रत्येक मनुष्य सुख, शांति और परम आनंद चाहता है। कोई भी यह नहीं चाहता कि उसे अथवा उसके परिवारजनों को किसी तरह का कोई कष्ट, दुख एवं अशांति का सामना करना पड़े। परंतु प्रश्न यह है कि दुखों से मुक्ति कैसे मिले?
हमारे शास्त्रों में दुखों से मुक्ति दिलाने के लिए कई उपाय बताए हैं। उनमें कार्तिक मास के स्नान, व्रत की अत्यंत महिमा बताई गई है। इस मास का स्नान, व्रत लेने वालों को कई संयम, नियमों का पालन करना चाहिए तथा श्रद्धा भक्तिपूर्वक भगवान श्रीहरि की आराधना करनी चाहिए।

कार्तिक में पूरे माह ब्रह्म मुहूर्त में किसी नदी, तालाब, नहर या पोखर में स्नान कर भगवान की पूजा की जाती है।
इस मास में व्रत करने वाली स्त्रियां अक्षय नवमी को आंवला के वृक्ष के नीचे भगवान कार्तिकेय की कथा सुनती हैं। कुंआरों-कुंआरियों एवं ब्राह्मणों को आंवला वृक्ष के नीचे विधिवत्‌ भोजन कराया जाता है। वैसे तो पूरे कार्तिक मास में दान देने का विधान है। बिड़ला मंदिर वाटिका में अक्षयनवमी के दिन मेला भी लगता है। स्कंदपुराण के वैष्णवखंड में कार्तिक व्रत के महत्व के विषय में कहा गया है-
‘रोगापहं पातकनाशकृत्परं सद्बुद्धिदं पुत्रधनादिसाधकम्‌।
मुक्तेर्निदानं नहि कार्तिकव्रताद् विष्णुप्रियादन्यदिहास्ति भूतले।’
अर्थात्‌ इस मास को जहां रोगापह अर्थात्‌ रोगविनाशक कहा गया है, वहीं सद्बुद्धि प्रदान करने वाला, लक्ष्मी का साधक तथा मुक्ति प्राप्त कराने में सहायक बताया गया है।

  • कार्तिक मास में दीपदान करने की विधि है। आकाश दीप भी जलाया जाता है। यह कार्तिक का प्रधान कर्म है।
  • कार्तिक का दूसरा प्रमुख कृत्य तुलसीवन पालन है। वैसे तो कार्तिक में ही नहीं, हर मास में तुलसी का सेवन कल्याणमय कहा गया है किंतु कार्तिक में तुलसी आराधना की विशेष महिमा है।
    एक ओर आयुर्वेद शास्त्र में तुलसी को रोगहर कहा गया है वहीं दूसरी ओर यह यमदूतों के भय से मुक्ति प्रदान करती है। तुलसी वन पर्यावरण की शुद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है। भक्तिपूर्वक तुलसीपत्र अथवा मंजरी से भगवान का पूजन करने से अनंत लाभ मिलता है। कार्तिक व्रत में तुलसी आरोपण का विशेष महत्व है। तुलसी विष्णुप्रिया कहलाती हैं।
  • इसी तरह कार्तिक मास व्रत का तीसरा प्रमुख कृत्य है भूमि पर शयन। भूमि शयन करने से सात्विकता में वृद्धि होती है। भूमि अर्थात्‌ प्रभु के चरणों में सोने से जीव भयमुक्त हो जाता है।
  • कार्तिक का चौथा मुख्य कार्य ब्रह्मचर्य का पालन बताया गया है।
    पांचवां कर्म कार्तिकव्रती को चना, मटर आदि दालों, तिल का तेल, पकवान, भावों तथा शब्द से दूषित पदार्थों का त्याग करना चाहिए।
    विष्णु संकीर्तन का कार्तिक मास में विशेष महत्व है। संकीर्तन से वाणी शुद्ध होती है।
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भारत ने लगाया जीत का छक्का, 20 साल बाद किया इंग्लैंड से हिसाब बराबर

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रविवार को लखनऊ में खेले गए वर्ल्डकप के अपने छठे मैच में भारत ने इंग्लैंड को 100 रनो की करारी शिकस्त दी। सन 2003 के बाद भारत ने इंग्लैंड को वर्ल्ड कप में पहली बार हराया है। इंग्लैंड ने टॉस हारकर भारत को पहले बल्लेबाजी करने का मौका दिया। भारत की बल्लेबाजी काफी ख़राब रही और भारत के 3 विकेट मात्र 40 रन पर गिर गए।

शुभमन गिल 9 विराट कोहली 0 और श्रेयश अइयर 4 रन ही बना सके इसके बाद के एल राहुल और रोहित शर्मा ने अपनी टीम 78 रनों की साझेदारी की इसके बाद सूर्यकुमार यादव ने अपनी टीम के लिए 49 रनो की पारी खेली और भारत 50 ओवरों में महज 229 ही बना सकी।

भारत की और से सबसे ज़्यदा रन रोहित शर्मा ने 104 गेंदों पर 87 रन बनाये और 38 वे ओवर में बोल्ट का शिकार हुए।जवाबी पारी में इंग्लैंड की शुरुआत भी काफी ख़राब रही और जसप्रीत बुमराह ने 3 मोहम्मद शमी ने 4 , कुलदीप यादव 2 , रविंद्र जडेजा 1 ने विकेट झटक कर इंग्लैंड की पारी को 129 पर ही समेट दिया।

वर्ल्ड कप में प्रबल दावेदार मानी जा रही इंग्लैंड की यह 5 वीं लगातार हार है. इस मैच में कप्तान रोहित शर्मा ने एक साल में सबसे ज़्यदा छक्के लगाने एवं सबसे तेज अन्तर्राष्ट्रीय 18000 रन करने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने। इस जीत का श्रेय कप्तान रोहित शर्मा ने भारतीय टीम के गेंदबाजों को दिया है।

भारत वर्ल्ड एकमात्र ऐसी टीम है जिसने अभी तक एक भी मैच नहीं हरा है। अंक तालिका में भारत 12 अंकों के साथ शीर्ष पर बानी हुयी है। बीयूरो रिपोर्ट डिजिटल भारत

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