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नहीं रहे सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय, 75 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

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डिजिटल भारत l सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय का मंगलवार (14 नवंबर) को मुंबई में निधन हो गया। उन्होंने 75 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। सुब्रत रॉय का मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में इलाज चल रहा था। वह पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सहारा ग्रुप की प्रेस विज्ञप्ति के आधार पर खबर जारी की है। लंबी बीमारी के बाद निधन
बयान में बताया गया है कि हाइपर टेंशन और डायबिटीज से पैदा हुई मुश्किलों के साथ लंबी लड़ाई के बाद सुब्रत रॉय को कार्डियक अरेस्ट आया और रात 10.30 बजे उनका निधन हो गया. सुब्रत रॉय को सेहत खराब होने के बाद 12 नवंबर को मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल और मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में भर्ती कराया गया था. सुब्रत रॉय ने रिटेल, रियल एस्टेट, मैन्युफैक्चरिंग, एविएशन, मीडिया और फाइनेंशियल सर्विसेज के सेक्टर में एक विशाल साम्राज्य खड़ा किया था, लेकिन वो विवादों में भी घिरे रहे. उन्हें अपनी ग्रुप कंपनियों को लेकर कई रेगुलेटरी और कानूनी लड़ाइयों का भी सामना करना पड़ा, जिन पर पोंजी स्कीम चलाने का भी आरोप लगा, हालांकि कंपनी ने हमेशा इन आरोपों से इनकार किया.
सुब्रत रॉय ने अपने साथ उन लाखों ग़रीब और ग्रामीण भारतीयों को जोड़ा, जिनके पास बैंकिंग की सुविधा नहीं थी और इन्हीं के सहारे सहारा ग्रुप खड़ा किया, लेकिन बाज़ार नियामक सेबी ने जब उनके ख़िलाफ़ क़दम उठाए तो दशकों का बनाया हुआ साम्राज्य हिलने लगा. दरअसल, यह मामला सहारा ग्रुप की कंपनियों से जुड़ा था, जिन्होंने रीयल एस्टेट में निवेश के नाम पर तीन करोड़ से ज़्यादा निवेशकों से क़रीब 24 हज़ार करोड़ रुपये जुटाए थे. एक समय ऐसा था जब सुब्रत रॉय के पास एक एयरलाइन, एक फॉर्मूला वन टीम, एक आईपीएल क्रिकेट टीम, लंदन और न्यूयॉर्क में आलीशान होटल थे. उन्होंने अपनी एयरलाइन-एयर सहारा, जेट एयरवेज को बेच दी, जो बाद में ख़ुद भी बंद हो गई. एक समय पर माना जाता था कि सहारा ग्रुप में भारतीय रेलवे के बाद सबसे ज़्यादा लोग काम करते हैं. इन लोगों की संख्या क़रीब 12 लाख बताई जाती थी.

फ़िल्मी सितारों से लेकर सभी राजनीतिक दलों में सुब्रत रॉय के दोस्त थे, लेकिन उन्हें समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के ज़्यादा क़रीब माना जाता था. दिसंबर 1993 में जब मुलायम सिंह दोबारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो रॉय के साथ उनके रिश्ते और गहरे हो गए. वे मुलायम सिंह के क़रीबी अमर सिंह भी गहरे दोस्त सहारा का पतन
सुब्रत रॉय को 10 हजार करोड़ रुपये की बकाया राशि न चुकाने पर 4 मार्च 2014 को जेल जाना पड़ा. अदालत ने तब कहा था कि जब तक वे पाँच हज़ार करोड़ रुपये नक़द और पाँच हज़ार करोड़ रुपये की बैंक गारंटी नहीं देंगे, तब तक उन्हें रिहा नहीं किया जाएगा. 2013 में सहारा ग्रुप ने सेबी ऑफिस को 127 ट्रक भेजे थे, जिसमें तीन करोड़ से ज्यादा आवेदन फॉर्म और दो करोड़ रिडेम्पशन वाउचर शामिल थे. उन्हें दो साल से ज्यादा समय तक जेल में रहना पड़ा और 2016 में वे पैरोल पर बाहर आए. प्रॉपर्टी के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फिर से जेल भेज दिया था. सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि अगर सुब्रत, नवंबर 2020 में 62 हज़ार 600 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करते हैं तो उनकी पैरोल रद्द कर दी जाए. टीम इंडिया का स्पॉन्सर रहा सहारा
साल 2001 से 2013 तक सहारा ग्रुप टीम इंडिया का स्पॉन्सर रहा. सहारा की टीम पुणे वॉरियर्स ने साल 2011 में आईपीएल में एंट्री ली थी. 2013 में सहारा ग्रुप की वित्तीय स्थिति ख़राब होने के बाद यह क़रार ख़त्म कर दिया.

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हर मतदाता दे सकेगा वोट,आयोग ने पहचान के लिए निर्धारित किये बारह वैकल्पिक दस्तावेज

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डिजिटल भारत l विधानसभा चुनाव के लिये शुक्रवार 17 नवंबर को होने वाले मतदान में ऐसे प्रत्येक मतदाता को मत
देने का अधिकार होगा जिसका नाम मतदाता सूची में शामिल है। ऐसे मतदाता जिन्हें फोटो परिचय पत्र जारी किये
गये हैं उन्हें वोट डालने के लिए फोटो परिचय पत्र मतदान केन्द्र ले जाना जरूरी होगा।
लेकिन किन्ही कारणों से फोटो मतदाता पहचान पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाने वाले मतदाताओं के लिये
निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त पहचान के दस्तावेजों में से कोई एक वैकल्पिक
दस्‍तावेज प्रस्तुत करना होगा। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार इस बार बीएलओ द्वारा मतदाताओं की सुविधा के
लिये घर-घर वितरित की गई मतदाता सूचना पर्ची को मतदाता की फोटो नहीं होने के कारण पहचान स्थापित करने
के लिये निर्धारित दस्तावेजों में मान्य नहीं किया जायेगा।
आयोग के मुताबिक कोई ऐसे मतदाता जो बीएलओ द्वारा मतदाता सूचना पर्ची के वितरण के दौरान घर
पर मौजूद नहीं थे वो भी अपना वोट डाल सकेंगे। लेकिन ऐसे मतदाता का नाम पीठासीन अधिकारी के पास मौजूद
एएसडी (एबसेंट, शिफ्टेड या डुप्लीकेट) वोटर्स की सूची में शामिल होना चाहिए।
आयोग के निर्देशों के अनुसार मतदान के दिन यदि ऐसा मतदाता मतदान केन्द्र पहुंचता है जिसे
मतदाता सूचना पर्ची प्राप्त नहीं हुई और उसका नाम एएसडी वोटर्स की सूची में शामिल है तो उसे अपना फोटो
मतदाता परिचय पत्र या आयोग द्वारा पहचान साबित करने के लिए निर्धारित किये गये वैकल्पिक दस्तावेज
पीठासीन अधिकारी को बताना होगा । पीठासीन अधिकारी फोटो मतदाता परिचय पत्र अथवा वैकल्पिक दस्तावेज के
आधार पर ऐसे मतदाता की पहचान संबंधी जांच करेगा तथा जांच के बाद ही उसे वोट डालने की अनुमति देगा ।
ऐसे मतदाता को मतदाता रजिस्टर में न केवल हस्ताक्षर करने बल्कि उसके अंगूठे का निशान भी मतदान रजिस्टर
में लिया जायेगा ।
आयोग ने मतदाताओं की पहचान स्थापित करने के लिए बारह वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजों को
भी मान्य किया है। लेकिन मतदान केंद्र पर वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेज प्रस्तुत करने की ये अनुमति केवल
उन्हीं मतदाताओं के लिए होगी जो मतदाता फोटो परिचय पत्र नहीं ला सके हैं। मतदाता को इसमें से कोई एक
फोटो पहचान दस्तावेज को मतदान के पहले अपनी पहचान स्थापित करने के लिए मतदान अधिकारियों के समक्ष
प्रस्तुत करना होगा। फोटो मतदाता परिचय पत्र के फोटोग्राफ से मिलान करने पर यदि किसी मतदाता की पहचान
करना संभव नहीं है तो उस स्थिति में भी उस मतदाता को पहचान स्थापित करने के लिये मान्य बारह दस्तावेजों
में से कोई एक दस्तावेज दिखाना होगा।
निर्वाचन आयोग ने जिन फोटो पहचान दस्तावेजों को मतदाताओं की पहचान स्थापित करने के लिए मान्य
किया है, उनमें आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटो सहित पेंशन
दस्तावेज, केंद्र अथवा राज्य सरकार या सार्वजनिक उपक्रम अथवा सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा कर्मियों को
जारी फोटो सहित सेवा पहचान पत्र, बैंक अथवा डाकघर द्वारा जारी फोटो सहित पासबुक, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के अधीन आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजनाओं के अधीन जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट
कार्ड, सांसद या विधानसभा एवं विधान परिषद के सदस्यों को जारी किये गये आधिकारिक पहचान पत्र तथा भारत
सरकार के सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा दिव्यांगजनों को जारी यूनिक डिसेबिलिटी आईडी शामिल शामिल हैं।
आयोग ने कहा है कि प्रवासी निर्वाचक जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 20 क के अधीन
पासपोर्ट में दर्ज विवरणों के आधार पर मतदाता सूची में पंजीकृत हुए हैं मतदान केंद्र में उन्हें मूल पासपोर्ट के
आधार पर पहचाना जायेगा किसी अन्य पहचान के दस्तावेज से नहीं।

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आज शाम 6 बजे से मतदान की समाप्ति तक बंद रहेंगी शराब दुकानें

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डिजिटल भारत l विधानसभा का निर्विघ्न एवं शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न कराने जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर
सौरभ कुमार सुमन ने आज एक आदेश जारी कर मतदान समाप्ति के नियत समय के 48 घण्टे पूर्व की अवधि से
मतदान समाप्ति की अवधि तक तथा मतगणना दिवस पर सम्पूर्ण जिले की राजस्व सीमा में शुष्क दिवस घोषित
किया है।
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 135 ग के
प्रावधानों के तहत जारी किये गये इस आदेश के मुताबिक जिले की राजस्व सीमा में मतदान समाप्ति के नियत
समय के 48 घण्टे पूर्व अर्थात 15 नवंबर की शाम 6 बजे से मतदान की समाप्ति अर्थात 17 नवंबर की शाम 6
बजे तक शुष्क दिवस रहेगा । इसी प्रकार 3 दिसम्बर को मतगणना के दिन को भी शुष्क दिवस घोषित किया गया
है
शुष्क दिवस की अवधि में जिले की सभी मदिरा दुकानों, एम्बी वाईन आउटलेट, देशी मद्य भण्डारागार
जबलपुर एवं सिहोरा तथा विदेशी मदिरा मद्य भण्डारागार करमेता से मदिरा का विक्रय, परिवहन अथवा प्रदाय को
पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है
आदेश के अनुसार जिले के सभी मतदान क्षेत्र में किसी भी होटल, आहार गृह, क्लब, मधुशाला में अथवा अन्य
किसी सार्वजनिक तथा निजी स्थान में कोई भी स्प्रिटयुक्त, किण्वित या मादक लिकर या वैसी ही प्रकृति के अन्य
पदार्थ का भी विक्रय, संग्रहण, एवं परिवहन भी प्रतिबन्धित रहेगा ।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने आबकारी एवं पुलिस विभाग को आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के
निर्देश दिये हैं आदेश में हिदायत दी गई है कि शुष्क दिवस की अवधि में जिले में किसी भी प्रकार के मादक
द्रव्य का अवैध कब्जा, परिवहन, विक्रय इत्यादि न हो ।

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कांग्रेस प्रत्यासी राजेश पटेल को क्षेत्र में मिल रहा अपार जन समर्थन एक जुट हुई कांग्रेस, बदला नजर आने लगा माहौल

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डिजिटल भारत l इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा से 10 साल से विधायक रहे सुशील इंदु तिवारी पुनः भाजपा से प्रत्यासी है तो वहीं कांग्रेस ने ओबीसी कार्ड खेलकर पनागर विधानसभा में राजेश पटेल को प्रत्यासी बनाया गया है जिन्हें जनसंपर्क के दौरान पनागर ही नही बरेला क्षेत्र में भी जनता का भरपूर प्यार और जन समर्थन मिल रहा है, पनागर प्रत्यासी राजेश पटेल पूर्व में जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं अपने अध्यक्ष के कार्यकाल में राजेश पटेल ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार दौरा कर अपनी पहचान बना चुके थे अब वो कांग्रेस से विधानसभा प्रत्यासी के रूप में फिर से जनता के बीच में हैं अब जनता भी उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष के बाद पनागर में विधायक बनना देखना चाह रही है जिसके चलते इस चुनाव में उन्हें जनता के बीच वही स्नेह और सम्मान मिल रहा है।
हाल में हुए जिला पंचायत चुनाव में राजेश पटेल ने अपने छोटे भाई विवेक पटेल को जिला पंचायत चुनाव में भारी मतों से विजयी बनाया था जो आज जिला पंचायत में उपाध्यक्ष पद पर है, विवेक पटेल भी जिला पंचायत उपाध्यक्ष रहते ग्रामीण अंचलों में लगातार दौरा किया जिसका पूरा लाभ भी इस चुनाव में राजेश पटेल को मिलता नजर आ रहा है।
तो वहीं पूर्व में निर्दलीय प्रत्यासी रहे भारत सिंह यादव की पत्नी श्रीमती प्रभा यादव भी राजेश पटेल के पक्ष में खुलकर मैदान में प्रचार प्रसार कर रहे हैं तो वहीं सेवादल के राष्ट्रीय महासचिव सत्येंद्र यादव भी समस्त 310 बूथों में अपनी टीम के साथ राजेश पटेल के समर्थन में जीत दिलाने पुरजोर मेहनत कर रहे हैं, वहीं प्रदेश महामंत्री विनोद श्रीवास्तव ने भी अपनी टीम कांग्रेस को विजयी बनाने लगा रखी है, ब्लॉक कांग्रेस पनागर और बरेला, युवक कांग्रेस, महिला कांग्रेस, एनएसयूआई के साथ ओबीसी एससी एसटी संयुक्त मोर्चा मध्यप्रदेश जन जागरण मोर्चा (कमलनाथ ग्रुप) के साथ कुर्मी क्षत्रिय महासभा के खुले समर्थन ने इस चुनाव को और भी रोमांचक बना दिया है, कुल मिलाकर देखा जाए तो इस बार हो रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक डोर में एक जुट होकर चुनाव लड़ रही है जिससे यह चुनाव काफी रोमांचक स्थिति में पंहुच चुका है। अब जनता को ही तय करना है कि आगामी 17 नवंबर तक इस तरह से जनता का मिल रहा जनसमर्थन वोट में तब्दील हो रहा है या जनता के मन में 10 साल से विधायक रहे सुशील इंदु तिवारी को तीसरी बार चुनकर पुनः विधायक बनाना चाह रही है यह तो 3 दिसंबर को आने वाला परिणाम में ही दिखाई देगा

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दो दिन में 5 हजार 300 से अधिक चुनाव कर्मियों ने किया डाक मत पत्र से मतदान

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डिजिटल भारत l विधानसभा चुनाव कराने संलग्न अधिकारियों कर्मचारियों को डाकमत पत्र से मतदान की दी गई सुविधा का
लाभ उठाते हुये दो दिनों में 5 हजार 300 चुनाव कर्मियों द्वारा मतदान किया जा चुका है। चुनाव कर्मियों को
जिनमें मतदान दल में शामिल अधिकारी-कर्मचारी, माइक्रो आब्जर्बर्स विशेष पुलिस अधिकारी बनाये गये कर्मचारी
तथा चुनाव कार्य से संलग्न वाहनों के ड्राइवर, कंडक्टर एवं क्लीनिक भी शामिल है, डाक मत पत्र से मतदान की
सुविधा माढ़ोताल स्थित श्रीराम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी में चल रहे मतदान कर्मियों के दूसरे चरण के प्रशिक्षण
के दौरान उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिये यहां प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र पर तीन-तीन फेसिलिटेशन सेण्टर
बनाये गये है।
जिला निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक इन फेसिलिटेशन सेण्टर्स पर पहले दिन मंगलवार 7 नवंबर को 2
हजार 848 चुनाव कर्मियों ने तथा दूसरे दिन आज बुधवार 8 नवंबर को करीब 2 हजार 500 चुनाव कर्मियों द्वारा
डाकमत पत्र से अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया गया है। चुनाव कर्मियों को डाकमत पत्र से मतदान की
सुविधा गुरूवार 9 नवंबर को भी उपलब्ध रहेगी। ड्रायवर-कंडक्टर-क्लीनर 11 नवंबर तक कर सकेंगे डाकमत पत्र से मतदान
जिला निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक चुनाव कर्मियों की तरह चुनाव कार्य में संलग्न किये गये वाहनों के
ड्राईवर, कंडक्टर एवं क्लीनर को भी डाकमत पत्र से मतदान की सुविधा उपलब्ध होगी।

ड्राइवर, कंडक्टर एवं क्लीनर 11 नवंबर तक श्रीराम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी के भवन क्रमांक दो में बने फेसिलिटेशन सेण्टर में मतदान कर सकेंगे। डाकमत पत्र से मतदान के लिये इन्हें अपना वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड और ड्यूटी आदेश लेकर
फेसिलिटेशन सेण्टर पर पहुंचना होगा। अन्य जिलों में रहने वाले शासकीय सेवक भी कर सकेंगे डाकमत पत्र से मतदान जिला निर्वाचन कार्यालय के अनुसार डाकमत पत्र से मतदान की सुविधा जिले में पदस्थ ऐसे मतदान कर्मियों को भी होगी जिनके नाम दूसरे जिले की मतदाता सूची में हैं लेकिन वे शासकीय सेवा जबलपुर जिले में कर रहे हैं। ऐसे शासकीय सेवकों को डाकमत पत्र से मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने मतदान कर्मियों के प्रशिक्षण के दौरान श्री राम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी में अलग से फेसिलिटेशन सेण्टर स्थापित किया गया है।
रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय में 11 नवंबर से डाले जा सकेंगे डाकमत पत्र से वोट जिला निर्वाचन कार्यालय के अनुसार श्री राम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी में मतदान दलों का दूसरे चरण का प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद चुनाव कर्मियों को डाकमत पत्र से मतदान की सुविधा देने जिले की आठों विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय में फेसिलिटेशन सेण्टर स्थापित किये जायेंगे। रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय में बनाये जाने वाले इन फेसिलिटेशन सेण्टर्स पर चुनाव कर्मी 11 नवंबर से मतदान कर सकेंगे।

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दिव्यांग और अस्सी वर्ष से अधिक मतदाताओं से डाकमत से मतदान कराने आज से घर-घर जायेंगे मतदान दल

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डिजिटल भारत l भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिव्यांग एवं अस्सी वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं को डाकमत पत्र के
माध्यम से घर से ही मतदान करने की दी गई सुविधा के मुताबिक जबलपुर जिले की सभी आठ विधानसभा क्षेत्रों
के ऐसे 1 हजार 891 मतदाताओं से मतदान कराने मंगलवार 7 नवंबर से मतदान दल उनके घर पहुंचेंगे। डाकमत
पत्र से घर से मतदान करने की फार्म 12-डी में सहमति देने वाले इन मतदाताओं से मतदान कराने कुल 69 दलों
का गठन किया गया है। प्रत्येक दल में एक पीठासीन अधिकारी और एक मतदान अधिकारी क्रमांक एक होगा।
इनके अलावा एक माइक्रो आब्जर्वर, एक सुरक्षा कर्मी, एक वीडियोग्राफर भी दल के साथ मौजूद रहेगा।
जिला निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक दिव्यांग और अस्सी वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं को घर से
डाकमत पत्र से मतदान की दी गई सुविधा के तहत मतदान दल पहले चरण में 7 और 8 नवंबर को इन
मतदाताओं के घर पहुंचेंगे और मतदान करायेंगे। इस दौरान यदि वे अनुपस्थित रहे तो 9 और 10 नवंबर को दूसरे
चरण में मतदान दल दोबारा उनके घर पहुंचेंगे। इसकी बकायदा घर में मौजूद परिवार के सदस्यों को सूचना दी
जायेगी जिसमें दिन और समय का उल्लेख भी रहेगा। दुबारा भी घर में अनुपस्थित रहने पर ऐसे मतदाताओं को
मतदान की सुविधा नहीं होगी वे मतदान केन्द्र पर जाकर भी अपना वोट नहीं डाल सकेंगे।
जिला निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक दिव्यांग और अस्सी वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं से घर-घर
जाकर डाकमत पत्र से मतदान कराये जाने वाले मतदान दलों के रूट चार्ट की सूचना चुनाव लड़ रहे सभी
उम्मीदवारों को दी जा चुकी है। मतदान के दौरान उम्मीदवारों के मतदान अभिकर्ता अथवा राजनैतिक दलों के बूथ
लेवल अभिकर्ता भी दिव्यांग एवं अस्सी प्लस मतदाताओं के घर पर मौजूद रह सकेंगे। मतदान की इस समूची
प्रक्रिया की वीडियो ग्राफी भी कराई जायेगी। जिला निर्वाचन कार्यालय के अनुसार विधानसभा क्षेत्र पाटन में दिव्यांग एवं अस्सी वर्ष से अधिक आयु के 356 मतदाताओं से घर से मतदान कराने 10 मतदान दल गठित किये गये हैं। इसी प्रकार विधानसभा क्षेत्र बरगी में 236 मतदाताओं से मतदान कराने दस, जबलपुर पूर्व के 197 मतदाताओं से मतदान कराने सात, जबलपुर उत्तर
के 268 मतदाताओं से मतदान कराने दस, जबलपुर केण्ट के 219 मतदाताओं से मतदान कराने आठ, जबलपुर
पश्चिम के 220 मतदाताओं से मतदान कराने आठ, पनागर के 140 मतदाताओं से मतदान कराने छह तथा
विधानसभा क्षेत्र सिहोरा के दिव्यांग एवं अस्सी वर्ष से अधिक आयु के 255 मतदाताओं से घर से डाकमत पत्र के
जरिये मतदान कराने दस मतदान दलों का गठन किया गया

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रश्मिका मंदाना क्यों है चर्चे में, जाने क्या है दीपफेक

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डिजिटल भारत l सोशल मीडिया पर आए दिन कई फेक वीडियो और फोटोज वायरल होते हैं. इस चीज से सेलिब्रिटीज भी नहीं बच पाते हैं. इस बीच लंबे समय से चर्चा में चल रही नेशनल क्रश एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जो पूरी तरह से फेक है. इस वीडियो को AI की डीपफेक टेक्नोलॉजी की मदद से बनाया गया है. वीडियो को देख आप भी एक बार के लिए इसे सच मान बैठेंगे. वीडियो देख भड़के अमिताभ बच्चन
रश्मिका मंदाना का मार्फ वीडियो वायरल होने के बाद जाहिर सी बात है कि उनके फैंस काफी ज्यादा भड़के हुए हैं. वहीं, अमिताभ बच्चन ने भी इस वीडियो पर नाराजगी जाहिर की है. बिग बी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लीगल एक्शनलेने की मांग की है. अभिषेक नाम के यूजर द्वारा शेयर की गई वीडियो पर जवाब देते हुए अमिताभ बच्चन ने कहा कि, ‘हां, यह कानूनी रूप से स्ट्रॉन्ग केस है.’
अभिनेता अमिताभ बच्चन ने इस वीडियो का हवाला देते हुए कहा है कि इस मामले में क़ानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं, केंद्रीय (राज्य प्रभार) मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि मिस इंफॉर्मेशन, उनके प्लेटफॉर्म पर शेयर ना की जाए. ये वायरल वीडियो डीप फेक है, इसकी जानकारी एक फैक्ट चैक करने वाले एक शख्स ने दी. फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ से जुड़े अभिषेक ने एक्स (ट्विटर) पर बताया, “ये वीडियो डीप फेक तकनीक का इस्तेमाल करके बनाया गया है और वीडियो में दिखने वाली महिला रश्मिका मंदाना नहीं है.” डीपफ़ेक क्या है?
डीपफ़ेक एक तकनीक है जिसमें एआई का उपयोग करके वीडियो,छवियों और ऑडियों में हेरफेर किया जा सकता है. इस तकनीक की मदद से किसी दूसरे व्यक्ति की फोटो या वीडियो पर किसी और का चेहरा लगाकर उसे बदला जा सकता है. सरल भाषा में कहे तो इस तकनीक में एआई का इस्तेमाल करके फ़ेक वीडियो बनाई जा सकती है जो देखने में रियल लगती है लेकिन होती फ़ेक है. इसी कारण इसका नाम डीपफे़क रखा गया. रिपोर्टों के मुताबिक इस शब्द का प्रचलन 2017 में शुरू हुआ जब एक रेडिट यूज़र ने अश्लील वीडियो में चेहरा बदलने के लिए इस तकनीक का उपयोग किया था. बाद में रेडिट ने ‘डीपफ़ेक पॉर्न’ को बैन कर दिया था. पोर्नोग्राफी में इस तकनीक का काफी इस्तेमाल होता है.

एक्टर्स और एक्ट्रेस का चेहरा बदल के अश्लील कंटेंट पोर्न साइट्स पर पोस्ट किया जाता है. डीपट्रेस की रिपोर्ट के अनुसार,2019 में ऑनलाइन पाए गए डीपफेक वीडियो में 96 प्रतिशत अश्लील कंटेंट था. इसके अलावा इस तकनीक का इस्तेमाल मनोरंजन के लिए भी किया जाता है. इन डीपफे़क वीडियो का मकसद देखनेवालों को ये यकीन दिलाना होता है जो हुआ ही नहीं है. कई यूट्यूब चैनल पर तमाम फिल्मों के सीन की डीपफे़क वीडियो पोस्ट की जाती हैं. मसलन Ctrl Shift face यूट्यूब चैनल पर ‘द शाइनिंग’ फिल्म के एक मशहूर सीन का डीपफे़क वीडियो मौजूद है. बीते कुछ साल से इस तकनीक का इस्तेमाल नॉस्टेल्जिया को जीने के लिए भी किया जा रहा है. इसमें मर चुके रिश्तेदारों की तस्वीरों में चेहरों को एनीमेट किया जाता है. इस फीचर का इस्तेमाल करके लोगों ने अपने पूर्वजों से लेकर ऐतिहासिक लोगों को तकनीक से जीवंत किया था. कैसे करें डीपफे़क कंटेंट की पहचान ?
डीपफे़क कंटेंट की पहचान करने के लिए कुछ ख़ास चीज़ो पर ध्यान देना बेहद ज़रूरी है. उनमें सबसे पहले आती है फेस की पोज़िशन. अक्सर डीपफे़क तकनीक फे़स और आँख की पोज़िशन में मात खा जाता है. इसमें पलकों का झपकना भी शामिल है. अगर आपको लगे कि आँख और नाक कहीं और जा रही है या बहुत समय हो गए लेकिन वीडियो में किसी ने पलक नहीं झपकाए तो समझ जाइये यह डीप फेक कंटेंट है. डीपफेक कंटेंट में कलरिंग को देखकर भी पता लगाया जा सकता है कि तस्वीर में या वीडियो में छेड़छाड़ की गयी है.

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अब बिना प्रमाण नहीं फैला सकते सोशल मीडिया पर कोई भी खबर

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डिजिटल भारत l विधानसभा चुनाव लड़ रहे 13 प्रत्याशियों को पूर्व प्रमाणन कराये बिना सोशल मीडिया के विभिन्न
प्लेटफार्म पर विज्ञापन प्रसारित करने के कारण जिला स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग कमेटी ने नोटिस
जारी करने की अनुशंसा रिटर्निंग अधिकारियों से की है।
बता दें कि जिला स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग कमेटी के सोशल मीडिया सेल द्वारा
फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, यू-ट्यूब् जैसे सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर प्रसारित राजनैतिक विज्ञापनों पर
चौबीस घण्टे नजर रखी जा रही है।
जिला स्तरीय एमसीएमसी समिति द्वारा जिन उम्मीदवारों को नोटिस जारी करने की अनुशंसा रिटर्निंग
अधिकारियों को की गई है, उनमें पाटन विधानसभा क्षेत्र के दो, बरगी का एक, जबलपुर पूर्व के दो, जबलपुर उत्तर के
दो, जबलपुर केण्ट के दो, जबलपुर पश्चिम के दो एवं पनागर विधानसभा क्षेत्र के दो उम्मीदवार शामिल हैं। जिला
स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटिरंग कमेटी द्वारा रिटर्निंग अधिकारियों को सोशल मीडिया की करीब 50
लिंक्स भी भेजी गई र्है जिनमें पूर्व प्रमाणन कराये बिना राजनैतिक विज्ञापन प्रसारित किये जा रहे हैं। बिना पूर्व
प्रमाणन के प्रसारित राजनैतिक विज्ञापनों का खर्च भी चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के निर्वाचन व्यय लेखा में जोड़ा
जायेगा।

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बिना अनुमति के रैली निकालने एवं अनुमति की शर्त का उल्लंघन करने पर दो प्रत्याशियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज

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डिजिटल भारत l चुनाव आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर बिना अनुमति रैली निकालने तथा आमसभा के लिये दी गई
अनुमति की शर्तों का उल्लंघन करने पर विधानसभा क्षेत्र जबलपुर पूर्व से चुनाव लड़ रहे दो प्रत्याशियों के खिलाफ
एफआईआर दर्ज कराई गई है।
अनुविभागीय अधिकारी आधारताल अनुराग सिंह के मुताबिक जबलपुर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से
एआईएमआईएम के प्रत्याशी गजेन्द्र सोनकर द्वारा 3 नवम्बर को शाम 5.30 बजे भानतलैया से मंडी मदार टैकरी
तरफ 40 से 50 साथियों के साथ पैदल रैली निकाली जा रही थी। रैली में ई-रिक्शा क्रमांक एमपी 20 आर.ए.
1223 भी था जिसमें गजेन्द्र सोनकर के बैनर-पोस्टर लगे थे। उन्होंने बताया कि मौके पर एफएसटी दल क्रमांक
पांच के प्रमुख सहायक प्राध्यापक पशु चिकित्सा एवं पशु पालन महाविद्यालय अनिल शिंदे द्वारा रैली की अनुमति
के बारे में पूछे जाने पर प्रत्याशी गजेन्द्र सोनकर द्वारा कोई अनुमति नहीं होना बताया गया। ई-रिक्शा की विंड
स्क्रीन पर भी कोई अनुमति नहीं लगी थी।
अनुविभागीय अधिकारी आधारताल ने बताया कि बिना अनुमति रैली निकालकर आदर्श आचार संहिता का
उल्लंघन करने के इस मामले में एफएसटी दल प्रमुख अनिल शिंदे द्वारा हनुमानताल थाने में एफआईआर दर्ज
कराई गई। बिना अनुमति निकाली जा रही रैली की वीडियोग्राफी भी एफएसटी दल द्वारा कराई गई है। हनुमानताल
थाना द्वारा इस मामले में भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 171-एच एवं धारा 188 के तहत प्रकरण कायम
कर लिया गया है।
एसडीएम आधारताल के मुताबिक आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के दूसरे मामले में जबलपुर
विधानसभा के भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अंचल सोनकर के विरूद्ध एफएसटी दल क्रमांक आठ के प्रमुख
सहायक प्राध्यापक पशु चिकित्सा डॉ. मनीष जाटव द्वारा रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय से मिली आमसभा की
अनुमति की शर्तों के उल्लंघन के मामले में बेलबाग थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। उन्होंने बताया कि एफ
एस टी दल को 3 नवंबर की शाम लगभग 6.30 बजे सूचना प्राप्त हुई थी कि प्रत्याशी अंचल सोनकर के संबंध
में अंबेडकर चौक से घमापुर चौक के बीच का आधे एक तरफ के मुख्य मार्ग को टेंट लगाकर बाधित किया जा रहा
है। एफएसटी दल द्वारा मौके पर पहुंचकर वीडियो ग्राफी कराई गई। आयोजन के संबंध में मौके पर रिटर्निंग
अधिकारी कार्यालय जबलपुर पूर्व द्वारा जारी अनुमति देखने पर पाया गया कि इसमें कार्यक्रम स्थल पाण्डेय
अस्पताल के सामने मेन रोड घमापुर का उल्लेख है जबकि अनुमति में दी गई शर्तो का उल्लंघन कर सम्पूर्ण सड़क
(एक तरफ) में मंच बना लिया गया जिससे बाधा उत्पन्न हुई। बेलबाग थाने ने इस मामले में भारतीय दण्ड संहिता
की धारा 188 के तहत प्रकरण पंजीवद्ध किया है।

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ये कुछ अनोखे टिप्स आजमाए और इस दिवाली घर की सफाई को आसान बनाये

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डिजिटल भारत l त्योहारों के बीच घर की साफ-सफाई करना किसी टास्क की तरह होता है। कहा जाता है कि साफ घर में लक्ष्मी का वास होता है। वहीं अगर घर में गंदगी होती है तो बीमारियों की आवाजाही बनी रहती है। ऐसे में घर की साफ-सफाई करना बेहद जरूरी होता है। घर साफ होगा तो सेहत भी दुरुस्त होगी। मिलकर करें सफाई घर में अगर चार सदस्य हैं तो सभी को घर की सफाई में सहयोग देना चाहिए। जैसे आप घर के एक सदस्य को किचन सौंप सकते हैं और दूसरे को बेडरूम की सफाई का जिम्मा दे सकते हैं। इसके अलावा बाथरूम और बाकि हिस्सों की सफाई को भी अन्य सदस्यों में बांट सकते हैं।

सबसे पहले अपने घर में पड़ी बेकार चीजों को छांट लें. वैसी चीजें, जिनका कोई इस्तेमाल आप नहीं करते हैं, उन्हें घर में जमाकर के रखने का कोई मतलब नहीं. इससे घर भी भरा-भरा लगता है. टूटे क्रॉकरी, बर्तन, बेकार हो चुके जूते, चप्पल आदि को फेंक दें. पुराने कपड़ों को किसी जरूरतमंद को दे दें.

यदि आपके पास साफ-सफाई के लिए कई लोग और काफी समय है तो हर एक चीज को आप साफ कर सकते हैं. घर की चीजों को साफ करने के लिए आप कॉटन के कपड़े ही लें. साथ में बेकिंग पाउडर, आधा बाल्टी सर्फ वाला पानी, वाइट वेनेगर, ब्रश, स्पॉन्ज भी रखें, क्योंकि सफाई के दौरान इन चीजों की जरूरत पड़ती है.

मकड़ी के जालों को लंबे स्टिक वाली ब्रश से हटाएं. पंखे की सफाई करने के लिए आप डिटर्जेंट वाला पानी यूज करें. पहले सूखे कपड़े से पंखा साफ करें फिर सर्फ वाले पानी से एक बार और फिर कपड़े को सादे पानी में डालकर पंखे को इससे पोछ लें. पंखा बिल्कुल नए जैसे लगने लगेगा
दिवाली पर घर की रंगाई और सफेदी कराने के टिप्स (White wash in diwali)
किचन में मौजूद किसी भी डिब्बे में तेल के दाग है, तो इसे साफ करने के लिए बेकिंग सोडाऔर गर्म पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

इसके लिए सबसे पहले डिब्बे से सामग्री को निकाल लें।
एक बर्तन में पानी गरम करें और उसमें 1 चम्मच बेकिंग सोडा डालकर मिक्स कर लें।
अब इस मिश्रण में डिब्बा को डालकर आधे घंटे के लिए छोड़ दें।
आधे घंटे बाद ब्रश की मदद से साफ कर लें।
इससे बॉक्स से ऑयली दाग आसानी से हट जाएंगे
किचन की चिपचिपी ग्रिल कैसे करें साफ?
किचन की चिपचिपी ग्रिल सफाई करना महिलाओं के लिए किसी टास्क से कम नहीं है। अगर वक्त के साथ इसे साफ नहीं किया जाता, तो इसमें जंग लगने की समस्या या गंदगी जमने की दिक्कत पैदा हो जाती है। अगर आपकी भी ग्रिल ज्यादा गंदी हो गई है, तो इन स्टेप्स से साफ करें। एक खाली स्प्रे बोतल लें और फिर उसमें 50% सफेद सिरका और 50% पानी भर लें।
फिर इसे अच्छी तरह हिला लें और ग्रिल पर स्प्रे करें, जिसे आपको साफ करना है।
अब एक साफ कपड़े की मदद से साफ कर लें। यदि आप दिवाली के लिए अपने घर में रंग रोगन कराना चाहते हैं तो सबसे पहले सही रंग का चुनाव करें. वाइट वॉश से पहले घर की दीवारों, दरवाजों के टूट-फूट की मरम्मत करवाएं. टूटी दीवारों पर पहले सीमेंट लगाएं, फिर पेंट कराएं वरना ये भद्दी नजर आएंगी. सभी सदस्यों से डिस्कस करने के बाद ही घर के लिए रंग का चुनाव करें. अच्छी क्वालिटी वाले पेंट को ही दीवारों पर इस्तेमाल करें. नोट: दिवाली सेलिब्रेशन के लिए आप अपने घर की साफ-सफाई जितनी जल्दी शुरू कर दें, उतना ही आप कम थकेंगे, क्योंकि यही एक ऐसा त्योहार है, जिसमें पूरे घर की सफाई की जाती है. किचन से लेकर बेडरूम, लिविंग रूम, पूजा घर, टॉयलेट हर कोने की सफाई की जाती है. इसके लिए तीन-चार दिन काफी नहीं है. आपको एक महीना पहले से ही काम पर लग जाना होगा. यदि आप वाइट वॉश कराने की सोच रहे हैं तो फिर 20-25 दिन पहले से ही काम में जुट जाना होगा.

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