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एक भारत उत्कृष्ट भारत

ऐसे रखे सर्दियों में अपनी त्वचा का खास ख्याल

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डिजिटल भारत l हेल्दी त्वचा हर कोई चाहता है पर बदलते मौसम में सर्द हवा त्वचा की खूबसूरती छीन सकती है। फेमिना रीडर्स व एक्सपर्ट से जानें टिप्स, जिन्हें आजमाकर आप चेहरे की रंगत और निखार सकती हैं…

बनाए रखें त्वचा की नमी
इस मौसम में त्वचा की नमी बनाए रखने के लिए पर्याप्त पानी पीते रहें। रोजाना 5 भीगे हुए बादाम खाएं। घरेलू उपचार के तौर पर एक चम्मच बेसन में एक चम्मच नीबू का रस, एक चम्मच गुलाबजल और चुटकी भर हल्दी डालकर पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को स्क्रब की तरह चेहरे पर लगाकर 10 मिनट के लिए छोड़ दें, फिर पानी लगाकर हल्के हाथ से मलते हुए छुड़ाएं। सादे पानी से चेहरा साफ कर लें।
काम आएंगे ग्लिसरीन-नींबू
सर्दियों के लिए त्वचा को तैयार करने और उसे शुष्क होने से बचाने के लिए कुछ बूंद ग्लिसरीन में नीबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाएं। रोज सुबह चेहरा साफ करने के बाद और रात में सोने से पहले इसे लगा सकती हैं। यह त्वचा को शुष्क हवा के दुष्प्रभाव से बचाता है और उसकी कुदरती नमी बनाए रखता है। इसके अलावा दही खाने और लगाने से भी त्वचा चिकनी बनी रहती है।
नहाने या चेहरे को धोने के बाद शरीर को हल्के हाथों यानी थपकी देकर पोछना है। जैसा कि हम आमतौर पर देखते हैं कि लोग तौलिए से शरीर को रगड़-रगड़ कर पोछते हैं जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी त्वचा और भी रूखी हो जाती है।
नहाने के बाद बारी आती है शरीर पर ऑयली पदार्थ लगाने की। इसके लिए हम अपनी पसंद के हिसाब से सरसो, नारियल, बादाम, आंवला तेल या फिर बॉडी लोशन या मॉइश्चराइजर क्रीम लगा सकते हैं। इसको शरीर पर हल्के हाथों से लगाना चाहिए।
सर्दियों में त्वचा रूखी-सूखी होने लगती है, जिसकी वजह से कई बार शर्मिंदगी उठानी पड़ती है। ज्यादातर लोग अपनी त्वचा का ध्यान रखने के लिए स्किन केयर ट्रीटमेंट लेते हैं, जोकि हर किसी के बस की बात नहीं है। खासतौर पर जब बार आती है ड्राई स्किन वाले लोगों को उनको तो सर्दियों के मौसम में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

ऐसे में हम आपको सर्दियों में त्वचा में नमी बनाए रखने के कुछ घरेलू तरीके बताएंगे, जिनको अपनाकर आप अपनी ड्राई त्वचा का खास ध्यान रख सकते हैं। इसके लिए आपको ज्यादा पैसे खर्चने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इन सभी तरीकों को फॉलो करना काफी आसान है, तो आइए देर ना करते हुए आपको इस बारे में बताते हैं।
सनस्क्रीन को ना भूलें

लोगों को लगता है कि सर्दियों के मौसम में सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना इतना जरूरी नहीं है। बल्कि ऐसा नहीं है, सर्दियों में भी लोगों को सनस्क्रीन का इस्तेमाल नियमित रूप से ही करना चाहिए। इससे त्वचा हानिकारक किरणों से बची रहती है। इसके इस्तेमाल से त्वचा सर्दियों में भी हाइड्रेट रहती है।

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अगर इंटरनेट सीख गए तो कमा सकते है लाखो, जाने कैसे

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डिजिटल भारत l गूगल से पैसे कमाने के लिये आपके पास मोबाइल तो होगा ही जिस पर आप अभी ये लेख पढ़ रहे हैं उसके साथ साथ आपके पास तेज़ इंटरनेट भी होना चाहिए बो भी अंबानी जी की कृपा से आपको मिल है रहा है अब गूगल से पैसे कमाने के लिये सबसे ज़्यादा ज़रूरी चीज़ है मन में इक्षा पैदा करना कि आपको गूगल से पैसे कमाना है और सबके मुँह बंद कर देने हैं सबके तानो से छुटकारा पाना है। कई लोगो के मन में आज भी ये धारणा है कि आप Online पैसे कमा ही नहीं सकते, या ऑनलाइन पैसे कमाने में बहुत जोखिम है। इस बात को बिलकुल नकारा नहीं जा सकता की ऑनलाइन पैसे कमाने में कई तरह के जोखिम भी है ये आपको आपकी बुद्धि से तय करना होगा कि क्या सही है और क्या ग़लत।1-Google Adsense में गूगल से पैसे कैसे कमाए- सबसे पहला तरीक़ा आता है Google Adsense ये भी एक गूगल का प्रोडक्ट है जो Ad दिखा कर पैसे कमाता है। अगर आप घर बैठे डॉलर में कमाई करना चाहते हैं तो गूगल Adsense सबसे बढ़िया है। इसकी मदद से आप महीने के लाखों कमा सकते हैं। अब आप में से कई लोगों ने Google AdSense का नाम पहली बार सुना होगा तो आपकी जानकारी के लिए बता दें की आप जो भी Ad. Website, Apps, Blog, और Youtube में देखते हैं बो सब Google Adsense के द्वारा भेजी जाती है। कोई अगर उन एड्स पर क्लिक करता है तो उसका पैसा उस Website मालिक या App मालिक या Youtube channel के मालिक के पास जाता है। आपको बता दें की आज इस दुनिया में जीतने भी लोग ऑनलाइन पैसे कमा रहे हैं उनमे से 60% लोग सिर्फ़ Google Adsense से पैसे कमाते हैं। आपने देखा होगा आप कोई लेख पढ़ने के लिए किसी वेबसाइट पर जाते हैं तो आपको वहाँ Ads देखने को मिलती हैं। आप Youtube पर कोई भी वीडियो देखते हैं वहाँ आपको Ads देखने को मिलेंगी बो सभी Adsense से ही आती है? अब सवाल ये आता है की आप Google Adsense से पैसे कैसे कमाए? तो आइए नीचे जानते हैं- Website या Blog में Google Adsense से पैसे कमाए-
Google Adsense से पैसे कमाने का पहला तरीक़ा है Website या Blog बना कर उससे पैसे कमाना का इस तरीक़े से पैसे कमाने के लिए आपको बहुत रिसर्च और मेहनत करनी होगी आपको किसी विषय पर एक Blog Website बनानी है जिस पर आप लेख लिख सके फिर उस Website पर Google Adsense की ad लगा कर उससे आप डॉलर में पैसे कमा सकते हैं। अब आप एक ब्लॉग कैसे बना सकते हैं आपके मन में यही सवाल आ रहे होंगे तो इसके लिए आप Youtube की मदद ले सकते हैं। आपको बस सर्च करना है “Blog से पैसे कैसे कमाए” बस उसके बाद आपके पास बहुत सी वीडियोस आ जायेंगी जिससे आप अपना Blog website बना कर उससे Google Adesense की मदद से पैसे कमा सकते हैं। हम यहाँ आपको कुछ youtube Videos की Link दे रहे हैं जहां से आप बेहतरीन तरीक़े से Blog से पैसे कैसे कमाने और अपना पहला ब्लॉग कैसे बनाये सीख सकते है। आपको एक बात को याद रखना है आप तभी Google से पैसे कमा सकते हैं जब आप हर दिन कुछ नया सीखने की चाह रखते हैं आपको पहले सीखने में मेहनत करनी है उसके बाद ही आप गूगल से पैसे कमाने के लिये तैयार हो सकते हैं।
Youtube Shorts से Google Adsense की मदद से पैसे कमाए(गूगल से पैसे कैसे कमाए)
Youtube में ही एक नया फीचर आया है Youtube शॉर्ट्स का जहां पर कंपीटिशन बहुत कम है और हर किसी की वीडियोस वायरल होती ही होती है अगर आपके बास कोई यूनिक आईडिया है और आप 1 मिनट की वीडियो किसी एक टॉपिक पर रोज़ बना सकते हैं तो आप Youtube शॉर्ट्स से महीने के 1 लाख तक की कमाई कर सकते हैं। Youtube shorts से पैसे कैसे कमाए ये आप Youtube की ही मदद से सीख सकते हैं वहाँ आपको बहुत सी वीडियोस मिल जाएँगे जिसकी मदद से आप सीख लेंगे और गूगल से पैसे कैसे कमाए का जवाव भी पा लेंगे। App बना कर Google Adsense से पैसे कमाए
अब अगला तरीक़ा है App बना कर आप Google Adsense से पैसे कैसे कमाए? इसके लिए आपको Computer Programing की नॉलेज होना बहुत ज़रूरी है अगर आपने Computer Science से इंजीनियरिंग की है और आपको अभी तक नौकरी नहीं मिली और आप कमाई नहीं कर पा रहे हैं तो आपको ख़ुद का कोई App बनाना चाहिए और इसके लिए समय और मेहनत बहुत लगेगी पर एक बार आपने बना लिया तो आप लाखों छोड़ो करोड़ रुपए तक कमाई कर लेंगे। App क्या होता है? App जो आप मोबाइल के चलाते हैं जैसे Whatsapp एक चैटिंग App है Youtube भी एक App है। अगर आप App बनाना सीखना चाहते हैं तो आपको उसके लिये Courses लेने होंगे आप online घर बैठे भी online Course ले सकते हैं इसके लिए आपको सीखने पर invest करना होगा तभी आप App बना पायेंगे और उससे Google Adsense से पैसे कमा सकते हैं।
तीसरा तरीक़ा आता गई Google Opinion Rewards ये भी गूगल का एक प्रोडक्ट है। आपको Google Opinion Rewards का App डाउनलोड करना होगा जो आप Google Play store से आसानी से कर लेंगे। अब इसमें पैसे या रिवार्ड्स कमाने के लिए आपको इस ऐप पर अपना एक Free Account बना लेना है तभी आप इस App को अच्छी तरह से उपयोग कर पायेंगे। आपको बस अपना Mobile नंबर डालना है या आप अपनी Gmail Id से भी गूगल ओपिनियन रिवार्ड्स में अपना खाता बना सकते हैं। इस एप्लीकेशन से आप छोटे छोटे Servey पूरे करके पैसे कमा सकते हैं। इसमें ख़ास बात ये है कि आप इसमें हिन्दी और इंगलिश जो भाषा आप अच्छे से समझ सकते हैं उस भाषा में survey पूरे कर सकते हैं। Survey का मतलब आपको नहीं पता तो आपको बता दूँ की सर्वे मतलब छोटे छोटे कार्य जैसे किसी App के बारे में जानकारी की बो कैसे चल रहा है उसमे कोई कमी तो नहीं है आसान भाषा में कहे तो आपकी राय आप सर्वे के माध्यम से बता सकते हैं। ये गूगल का ही एक प्रोडक्ट है इसलिए अगर आप के मन में ज़रा सा भी ये ख़याल आये की ये सेफ नहीं है तो आप ये जानते हैं कि गूगल एक बहुत बड़ी कंपनी है इसमें फ़्रॉड के चांस 0% है तो आप इसे बेफिक्र होकर ट्राय कर सकते हैं। इसमें आप छोटे छोटे सर्वे कर के आसानी से घर बैठे पैसे कमा सकते हैं। ये एप्लीकेशन घर की ग्रहणियों के लिये बहुत सही है अगर बो दिन के 4 घंटे भी इस ऐप को दें तो बो घर चलाने लायक़ पैसे कमा सकती हैं। Google Pay से पैसे कैसे कमाए-
गूगल पे से पैसे कैसे कमाए अब हम इस बात पर आते हैं आप गूगल पे से भी पैसे कमा सकते हैं Google Pay भी Google का ही प्रोडक्ट है जिससे आप Online payment कर सकते हैं ऐसा कोई मोबाइल नहीं आज के समय में जिसमे google pay ना हो अगर आप Android Mobile लेंगे तो उसमे पहले से ही आई installed आएगा। आपको जान कर हेरानी होगी कि आप Google Pay की मदद से बहुत से तरीक़ों से पैसे कमा सकते हैं जिनके बारे में हम नीचे जानेंगे अगर आपने अभी तक गूगल पे इनस्टॉल नहीं किया है तो आप नीचे दी हुई Link से गूगल पे इनस्टॉल कर सकते हैं जब आप उस लिंक से Download करेंगे और अकाउंट बनायेंगे और पहली पेमेंट करेंगे तो आपको उसके 21 रुपए मिलेंगे। आपकी पहली कमाई तो यही हो जाएगी। अब आंगे जानते हैं बाक़ी तरीक़ों के बारे में।
जब आप Google Pay Install करेंगे और खाता बनायेंगे तो ऐसे कई ऑफर चलते है जिसकी मदद से आप गूगल से कैशबैक कमा सकते हैं। कुछ offers इस प्रकार होते हैं जैसे आप 200 का मोबाइल रिचार्ज करें तो आपको 30 रुपए का Cashback मिलेगा। ऐसे कई Cashback Offer Google pay पर चलते रहते है जिनसे आप पैसे कमा सकते हैं। Refer And Earn की मदद से पैसे कमाए (गूगल से पैसे कैसे कमाए)
अब आता है Refer and Earn जब आप Google Pay पर खाता बनायेंगे तो सबसे नीचे आपको Refer And Earn का option देखने को मिलेगा अगर आप आपकी link से किसी को Google pay डाउनलोड करवायेंगे और उससे पहली पेमेंट करवायेंगे तो आपको उसका 201 रुपए गूगल देगा अगर आप दिन में कोई 5 लोगों को Google Pay Refer करेंगे तो आप दिन का 1000 कमा ही लेंगे। 5 लोग तो आपके घर में ही मिल जाएँगे आपके परिवार के ही 5 लोगों को अपनी Refer link देके download करवायेंगे और पहली Payment करवायेंगे तो आप 1000 कमा लेंगे।
अगली कड़ी में आता है Google Discover ये भी Google News जैसा ही google का प्रोडक्ट है आप अपने मोबाइल में जब भी Google Chrome खोलते हैं तो नीचे आपको ढेर सारी website के Blog मिलते होंगे। Google Discover आपके इंटरेस्ट पर काम करता है आप जो जो Google पर सर्च करते होंगे बैसे ही आपको Chrome पर नीचे post देखने को मिलेंगे। अब बात आती है की Google Discover से पैसे कैसे कमाए इसके लिए भी आपके पास एक Blog website होनी चाहिए। जिसमे आप Blog post डालते हों किसी भी विषय में ये मायने नहीं रखता अगर आप Blogging करते हैं तभी आप google Discover से पैसे कमा सकते हैं। अगर आप blogging कर रहे है तो google discover में अपने post लाने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा जैसे आपको कम 500 से 600 सब्द का हो ब्लॉग लिखना है और एक Feature image लगानी है जिसकी साइज आपको youtube thumbnail जितनी रखनी है आप उसके लिए Canva का इस्तेमाल कर सकते हैं ये बिलकुल फ्री है। google discover में पोस्ट लाने के लिए आपको दिन में कम से कम 6 पोस्ट लिखना है हर 2 घंटे में आपको एक post डालनी है ऐसा कुछ दिन करने पर आपकी पोस्ट अपने आप Google Discover में आ जाएगी। एक बार गूगल डिस्कवर में पोस्ट आ जाये तो आपके पास ट्रैफिक आने लगेगा जिससे आप Google Adsense से पैसे कमा सकते है इसकी मदद से आप दिन से 4000 की कमाई कर सकते हैं।

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क्या है आंवला नवमी, जाने इसके महत्त्व व क्यों करनी चाहिए यह पूजा

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डिजिटल भारत l आज है कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि यानी कि आंवला नवमी। इसे कूष्मांड नवमी और अक्षय नवमी भी कहा जाता है। इस दिन आंवला वृक्ष की पूजा कर घी का दीपक लगाकर आंवला वृक्ष की कम से कम 21 परिक्रमा कर कच्चा सूत लपेटा जाता है। इसके बाद आंवला वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन किया जाता है और आंवले को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।
क्यों की जाती है आंवले के पेड़ की पूजा?
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार मां लक्ष्मी भ्रमण करने के लिए पृथ्वी लोक पर आईं। रास्ते में उन्हें भगवान विष्णु और शिव की पूजा एक साथ करने की इच्छा हुई। माता लक्ष्मी ने विचार किया कि एक साथ विष्णु एवं शिव की पूजा कैसे हो सकती है। तुलसी भगवान विष्णु को प्रिय होती है और बेलपत्र भगवान शिव को। मां लक्ष्मी को ख्याल आया कि तुलसी और बेल का गुण एक साथ आंवले के पेड़ में ही पाया जाता है।
ऐसे में आंवले के वृक्ष को विष्णु और शिव का प्रतीक चिन्ह मानकर मां लक्ष्मी ने आंवले की वृक्ष की पूजा की। कहा जाता है कि पूजा से प्रसन्न होकर विष्णु और शिव प्रकट हुए। लक्ष्मी माता ने आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन बनाकर विष्णु और भगवान शिव को भोजन करवाया। इसके बाद स्वयं भोजन किया, जिस दिन मां लक्ष्मी ने शिव और विष्णु की पूजा की थी, उस दिन कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि थी। तभी से कार्तिक शुक्ल की नवमी तिथि को आंवला नवमी या अक्षय नवमी के रूप में मनाया जाने लगा।
आंवला नवमी से द्वापर युग का प्रारंभ आंवला या अक्षय नवमी के दिन से द्वापर युग का प्रारंभ माना जाता है। इस युग में भगवान श्रीहरि विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था। आंवला नवमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने वृंदावन-गोकुल की गलियों को छोड़कर मथुरा प्रस्थान किया था। यही वो दिन था जब उन्होंने अपनी बाल लीलाओं का त्याग कर कर्तव्य के पथ पर कदम रखा था। इसीलिए आंवला नवमी के दिन से वृंदावन परिक्रमा भी प्रारंभ होती है। आंवला नवमी के दिन ही आदि शंकराचार्य ने एक वृद्धा की गरीबी दूर करने के लिए स्वर्ण के आंवला फलों की वर्षा करवाई थी।

आंवला नवमी का महत्व
कहा जाता है कि आंवला वृक्ष के मूल में भगवान विष्णु, ऊपर ब्रह्मा, स्कंद में रुद्र, शाखाओं में मुनिगण, पत्तों में वसु, फूलों में मरुद्गण और फलों में प्रजापति का वास होता है। ऐसे में आंवला नवमी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही इसकी पूजा करने वाले व्यक्ति के जीवन से धन, विवाह, संतान, दांपत्य जीवन से संबंधित समस्या खत्म हो जाती है। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अक्षय नवमी का दिन सबसे उत्तम माना जाता है।
इस दिन आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन करने, ब्राह्मणों को भोजन कराने तथा आंवले के दान का भी महत्व है। आंवला नवमी के दिन जो भी शुभ कार्य किया जाता है उसमें सदा लाभ व उन्नति होती है। उस काम का कभी क्षय नहीं होता इसलिए इस दिन की पूजा से अक्षय फल का वरदान मिलता है। मान्यता है कि इसी दिन द्वापर युग का प्रारंभ हुआ था। वृंदावन में होने वाली परिक्रमा इसी दिन से प्रारम्भ होती है। मान्यता है उस परिक्रमा में श्रद्धालुओं का साथ देने स्वयं श्रीकृष्ण आते हैं। आंवला नवमी के दिन पूजा करने के लिए सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लेना चाहिये। फिर आंवले के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। पेड़ पर कच्चा दूध, हल्दी रोली लगाने के बाद परिक्रमा की जाती है। महिलाएं आंवले के वृक्ष की 108 परिक्रमा करती हैं।
लोकप्रिय आयुर्वेदिक ग्रंथ भेषज्य रत्नावली में 20 से अधिक योग आंवले के नाम से बताये गये हैं। ग्रंथों में आंवले को रक्तषोधक, रुचिकारक, ग्राही एवं मूत्रल बताया गया है। जिससे यह रक्त पित्त, वातावरण, रक्तप्रदर, बवासीर, अजीर्ण, अतिसार, प्रमेह ,श्वास रोग, कब्ज, पांडु रोग एवं क्षय रोगों का शमन करता है। मानसिक श्रम करने वाले व्यक्तियों को वर्ष भर नियमित रूप से किसी भी रूप में आंवले का सेवन करना चाहिये। आंवले का नियमित सेवन करने से मानसिक शक्ति बनी रहती है। आंवला विटामिन-सी का सर्वोतम प्राकृतिक स्रोत है। इसमें विद्यमान विटामिन-सी नष्ट नहीं होता। विटामिन-सी एक ऐसा नाजुक तत्व होता है जो गर्मी के प्रभाव से समाप्त हो जाता है, लेकिन आंवले का विटामिन-सी नष्ट नहीं होता। ताजा आंवला खाने में कसैला, मधुर, शीतल, हल्का एवं मृदु रेचक या दस्तावर होता है। आंवले का प्रयोग सौंदर्य प्रसाधन के रूप में भी होता है। आंवले की चटनी, मुरब्बा तो बनता ही है, आंवले का उपयोग च्यवनप्राश बनाने में भी किया जाता है। हिंदू धर्म में आंवले का पेड़ व फल दोनों ही पूज्य हैं, अतः एक प्रकार से आंवला नवमी का यह पर्व पर्यावरण संरक्षण के लिये भी प्रेरित करता है।

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जाने सर्दी से बचने के कुछ आसान उपाए, रखे इन बातो का ख्याल

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डिजिटल भारत l इस मौसम में खांसी, ज़ुकाम और गले से जुड़ी समस्याएं आम हो जाती हैं। वायरल, बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन भी आसानी से शिकार बना लेते हैं। ऐसे में ज़रूरी सावधानियां बरतनी ज़रूरी हो जाती हैं।

जुकाम होने के कारण
यह वायरस के संक्रमण के कारण होता है। दो सौ से अधिक वायरस जुकाम होने के कारण माने गए हैं, लेकिन मुख्य रूप से निम्न दो वायरस ही सामान्य जुकाम के लिए उत्तरदायी होते हैं। कोरेनावायरस (15-30 प्रतिशत मामलों में)
राइनोवायरस ( 30-80 प्रतिशत मामलों में) जुकाम का घरेलू इलाज करने के लिए उपाय आप जुकाम को ठीक करने के लिए ये घरेलू उपचार कर सकते हैंः- हल्दी और दूध से जुकाम का इलाज
एक गिलास गर्म दूध में दो चम्मच हल्दी पाउडर डालकर पिएं। इससे बंद नाक और गले की खराश में आराम मिलता है। नाक से पानी बहना (Behti naak) बंद हो जाता है। तुलसी के सेवन से जुकाम का उपचार
जुकाम में तुलसी अमृत के समान फल देती है। खाँसी और जुकाम होने पर 5-7 पत्तियें को पीसकर पानी में डालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़ा को पिएं।
नाक बंद होने पर तुलसी की मंजरियों को रुमाल में सूंघने से नाक खुल कर आराम मिलता है।
छोटे बच्चों में जुकाम हेने पर 6-7 बूंद अदरक एवं तुलसी का रस शहद में मिलाकर चटाएं। यह बंद नाक को खोलने और बहती नाक (Behti Naak) को रोकने दोनों में सहायक है।

अदरक के प्रयोग से जुकाम में लाभ
कफयुक्त खाँसी में दूध में अदरक उबालकर पिएं।
अदरक के रस में शहद मिलाकर चाटने से भी जुकाम में आराम मिलता है।
1-2 अदरक के छोटे-टुकड़े, 2 काली मिर्च, 4 लौंग और 5-7 तुलसी की ताजी पत्तियां पीसकर एक गिलास पानी में उबालें। जब यह उबलकर आधा गिलास रह जाए, तब इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पिएं।
अदरक के छोटे-छोटे टुकड़ों को देसी घी में भूनकर दिन में 3-4 बार पीसकर खाएं। इससे नाक से पानी बहने (Behti Naak) की समस्या से आराम मिलता है.
और पढ़ेंः अदरक के फायदे और नुकसान जुकाम में आपकी जीवनशैली
जुकाम के दौरान आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः- गर्म वातावरण से आकर तुरंत ठण्डे पानी से स्नान ना करें।
ए.सी. में न बैठें।
जुकाम संक्रमण से होने वाला रोग है, इसलिए भोजन करने से पहले हाथों को अच्छी प्रकार धोएं।
धूल एवं प्रदूषण युक्त वातावरण में चेहरे पर मास्क लगा कर चलें।
प्राणायाम करें।

गरारे करें: अगर सर्दी के साथ गले में जकड़न, कफ और खांसी हो रही है गरारे करने से बहुत फायदा मिलता है. इसके लिए नमक के पाने से गरारे जरूर करें. इससे गले में जमा कफ निकल जाएगा और गले के सूजन में आराम मिलेगा, इसलिए अगर आप भी सर्दी-जुकाम से ग्रसित हैं तो गरारे जरूर करें.
लगभग 10-15 मिनट भस्त्रिका एवं कपालभाँति रोज करें।
जुकाम क्यों होता है? आयुर्वेद में हर रोग का कारण दोषों के असंतुलन को माना गया है। आयुर्वेद में जुकाम को प्रतिश्याय कहा गया है। आपके ऊपरी श्वसन तंत्र में वात एवं कफ दोष के असंतुलन के कारण जुकाम की समस्या हो जाती है। उचित उपचार ना करने पर यह गंभीर होकर कष्टकारक हो जाता है। जुकाम कितने दिनों में ठीक होता है? सामान्य जुकाम 8-10 दिन में उचित खान-पान और घरेलू उपचार से ठीक हो जाता है। इसके लक्षण आमतौर पर 6-10 दिन के भीतर समाप्त हो जाते हैं। कई बार यह लक्षण 2 सप्ताह तक भी रह सकते हैं। यह सबसे अधिक होने वाला संक्रामक रोग है, जो वर्ष में एक या दो बार सबको होता है। छोटे बच्चे संक्रमण के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते है, इसलिए यह बच्चों में ज्यादा जल्दी होता है। जुकाम को गंभीर कब समझना चाहिए? यदि जुकाम 8-10 दिनों से ज्यादा अवधि तक चलता रहे, और लक्षण (गले में खराश व नाक से पानी बहना) और भी ज्यादा दिखने लगे, तो यह गंभीर रोग में बदल सकता है या साइनुसाइटिस हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।

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क्यों नहीं निपट रहा दिल्ली प्रदूषण का केस : सुप्रीम कोर्ट

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डिजिटल भारत l पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने पीठ को बताया, बीते साल से पराली जलाने के मामलों में 40 फीसदी कमी आई है। इस पर पीठ ने कहा, आप राजनीति करना बंद करें। हर समय राजनीतिक लड़ाई नहीं हो सकती। हम नहीं जानते कि आप कैसे रोक सकते हैं, यह आपका काम है। दिल्ली-एनसीआर में दमघोंटू हवा से आठवें दिन भी हालात बदतर होने पर सुप्रीम कोर्ट ने दोटूक कहा कि हर हाल में पराली जलाना तत्काल बंद हो, लोगों को यूं मरने नहीं दे सकते। शीर्ष अदालत ने खासतौर पर पंजाब से कहा, राजनीति बंद कर जरूरी कदम उठाएं। साथ ही, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली सरकारों को एक-दूसरे पर दोष मढ़ने से बचने और पराली जलाने पर तत्काल अंकुश लगाने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा, यदि हमने अपना बुलडोजर चलाना शुरू किया, तो फिर रुकेंगे नहीं।
प्रसिद्ध पर्यावरणविद् एमसी मेहता ने 1984-85 में, दिल्ली में वाहनों के प्रदूषण, ताज महल के जीर्ण-शीर्ण संगमरमर और गंगा-यमुना नदी में प्रदूषण से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट में कई जनहित याचिकाएं दायर की थी. जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा, दिल्लीवासी साल-दर-साल स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं क्योंकि हम इसका समाधान नहीं ढूंढ़ पा रहे हैं। इस पर तत्काल ध्यान देने व अदालती निगरानी की जरूरत है, भले ही मामले में सुधार हो या नहीं। जस्टिस कौल ने बताया, उन्होंने खुद पंजाब में सड़क के दोनों ओर पराली जलते देखी है। उन्होंने कहा, यह पूरी तरह से लोगों के स्वास्थ्य की हत्या है मामले अभी भी अदालतों में लंबित हैं. राजधानी के आसपास प्रदूषण के व्यापक मुद्दों से निपटने के लिए इन मामलों की प्रकृति भी काफी हद तक बदल गई है. समय-समय पर इनमें नए मुद्दे जोड़े जाते रहे हैं. उदाहरण के लिए, दिल्ली में स्मॉग की हालिया समस्या को मौजूदा वाहन प्रदूषण मामलों में जोड़ा गया. हालाँकि अपनी पिछली सुनवाई में, सुप्रीम कोर्ट ने कोई नीतिगत उपाय करने का आदेश नहीं दिया, लेकिन इससे पहले वो ऐसा करता रहा है. कभी-कभी ये उपाय कठोर रहे हैं. जैसे साल 1998 में अदालत ने आदेश दिया कि डीजल पर चलने वाले सार्वजनिक परिवहन के वाहनों का पूरा बेड़ा, जिसमें करीब 100,000 वाहन थे, उन्हें 2001 तक सीएनजी में बदला जाए. सरकार की ओर से इस आदेश का कड़ा विरोध किए जाने के बाद भी अदालत अपने आदेश से पीछे नहीं हटी. इस कदम की वैज्ञानिक प्रभावकारिता या व्यावहारिकता पर विवाद था.

अदालत ने इंफ्रास्ट्रक्टचर परियोजनाओं की भी देखरेख की है. अदालत ने 2000 के दशक की शुरुआत में यातायात को कम करने और प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्र सरकार को दिल्ली के चारों ओर दो एक्सप्रेस वे बनाने का आदेश दिया. बाद में सालों में उसने इसकी प्रगति की निगरानी भी की. कई बार तो सुप्रीम कोर्ट अपने ही फैसले से पलट गया है. उदाहरण के लिए 2019 में अदालत ने पराली जलाने के लिए किसानों को फटकार लगाई, जो प्रदूषण बढ़ाने में सहायक है. अदालत ने आदेश दिया कि जो कोई भी ऐसा करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. हालांकि इसके ठीक दो दिन बाद अदालत ने कहा कि किसानों को दंडित करना अंतिम समाधान नहीं होगा. अदालत ने कहा कि कई किसानों को मजबूरी में पराली जलानी पड़ती है. अदालत ने सरकार को इन किसानों को सहायता देने के लिए कहा. सुप्रीम कोर्ट के कुछ फैसलों पर विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं. उदाहरण के लिए, नवंबर 2019 में, अदालत ने केंद्र सरकार को राजधानी में स्मॉग टावर लगाने का निर्देश दिया. ये स्मॉग टावर बड़े पैमाने पर वायु शोधक की तरह काम करते हैं. कई विशेषज्ञों ने बीबीसी को बताया कि स्मॉग-टावर वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में वैज्ञानिक रूप से सक्षम नहीं हैं. इनमें से अधिकांश आदेश पर्यावरण प्रदूषण (संरक्षण और नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) की सिफारिशों के आधार पर आए हैं. यह प्राधिकरण अदालत के आदेश पर गठित पांच सदस्यों वाला वैधानिक निकाय है. हालाँकि, कई बार अदालत ईपीसीए की सिफारिशों के खिलाफ भी गई है.

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मतदान का यह क्रम शाम 6:00 बजे तक रहेगा जारी

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डिजिटल भारत l वोटिंग अपडेट डिजिटल भारत न्यूज़ मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के तहत आज सभी 230 सीटों पर मतदान किया जा रहा है इस चुनाव में आज मध्य प्रदेश के 5.6 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे चुनाव आयोग की ओर से चुनाव के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं सभी विधानसभा क्षेत्र में सुबह 7:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक मतदान होगा विधानसभा चुनाव में इस बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ सहित कुल 2533 उम्मीदवार चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं यहां सत्ता में काबिज भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच काफी हद तक सीधा मुकाबला है जबलपुर के भी आठ विधानसभा क्षेत्रौ में सुबह से ही मतदान के लिए लोगों की भीड़ देखी जा रही है मतदाता काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं जिसमें युवा वर्ग से लेकर बुजुर्ग मतदाता भी अपने मतदान का उपयोग कर रहे हैं जबलपुर की पश्चिम एवं पूर्व विधानसभा सीट काफी हॉट मानी जा रही है जबलपुर के पूर्व क्षेत्र से बीजेपी के पूर्व मंत्री अंचल सोनकर वही कांग्रेस से पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया तो पश्चिम विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी ने इस बार सांसद राकेश सिंह को टिकट दिया है वहीं कांग्रेस से पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत जैसे दिग्गज मैदान में है उत्तर- मध्य विधानसभा के अंतर्गत एक 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने भी अपने मतदान का उपयोग किया यह क्रम शाम 6:00 बजे तक जारी रहेगा ब्यूरो रिपोर्ट डिजिटल भारत

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मानसिक शांति है जरुरी , रखे इन बातो का ख्याल

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डिजिटल भारत l तनाव आजकल की सबसे बड़ी समस्या बनता जा रहा है। अधिक भागदौड़ और एक दूसरे से आगे निकलने होड़ में हर कोई किसी न किसी प्रकार के तनाव में जी रहा है। किसी को अच्छी नौकरी नहीं मिलने का तनाव है, तो किसी को व्यापार-व्यवसाय ठीक से नहीं चलने का तनाव है। कोई घर-परिवार के झगड़ों से तनाव में है तो किसी को बाहरी जीवन में किसी बात को लेकर तनाव है। यहां तक कि अब कम उम्र के बच्चों में भी तनाव की समस्या होने लगी है। तनाव होने के निजी और कार्यक्षेत्र से संबंधित कई कारण हो सकते हैं, लेकिन कई बार ग्रहों की स्थिति सही न होने के कारण भी तनाव और मानसिक परेशानियां हो सकती हैं। ऐसे में ज्योतिष में कुछ उपाय बताए गए हैं,
खुद को परेशान करना बंद कीजिए
किसी को सीधे न कहने की बजाए, हम यही सोच सोचकर परेशान होते रहते हैं कि अगला हमारे बारे में क्या सोचेगा। खुद को न कहने का ठोस तर्क देने की बजाए हम दूसरों का समर्थन पाने की कोशिश में लगे रहते हैं। इससे बेहतर है कि आप अपनी स्थिति का सही आकलन करके एक ठोस तर्क के साथ स्पष्ट रूप से न कहें। यकीन कीजिए यह किसी को बेइज्जत नहीं करेगा। थोड़ा सा सतर्क हो जाएं और हां कहने से पहले दूसरों के इरादे समझें
प्रोफेशनल वर्ल्ड में ऐसा बहुत होता है, जब लोग आपका अनुचित लाभ उठाना चाहते हैं। खासतौर से अपने अधीनस्थों का। पर इस स्थिति का मुकाबला आपको थोड़ा कुशलता से करना है, यानी आपको थोड़ा सा स्मार्ट होने की जरूरत है। जिस व्यक्ति के साथ आप काम कर रहे हैं, पहले उसके इरादे को ठीक से समझें, कि जिस काम के लिए वह कह रहा है या रही है, क्या वह आपकी प्राथमिकता में आता है। ऐसे में आप बहुत आराम से कह सकते हैं कि आप उस काम को कर देंगे, पर थोड़ा टाइम लगेगा। और अगर वाकई काम आपके केआरए यानी आपके पद अनुरूप जिम्मेदारी का हिस्सा नहीं है, तो आप निश्चित कारण बताकर इसे करने से स्पष्ट मना कर सकती हैं। जवाब दें, मगर प्यार से
वह आपके बॉस या रिश्तेदार कोई भी हो सकते हैं- जो आपसे अव्यवहारिक अपेक्षाएं रखने लगें। आप इनसे विनम्रता से ही निपट सकते हैं। आप उन्हें कह सकती हैं कि आप पर पहले से ही बहुत जिम्मेिदारियां हैं, परिवार के बारे में भी आप इसी तरह डील कर सकती हैं।
बुरा नहीं है थोड़ा सा स्वार्थी होना
जर्नल ऑफ़ पर्सनेलिटी एंड सोशल साइकोलॉजी में प्रकाशित एक रिपोर्ट कहती है कि थोड़ा सा स्वार्थी होना वास्तव में फायदेमंद है। अब जब साइंस भी आपके स्वार्थी होने को सपोर्ट कर रहा है तो मान क्यों नहीं लेतीं? अब तो आप सीख ही गई होंगी कि कैसे स्मार्टली ना कहना है, तो अब उसे ट्राय करना शुरू कीजिए। यहां आपके लिए एक और सलाह है कि खुद से अपेक्षाएं तय करें, ताकि लोग आपकी हां कहने की आदत का अनावश्यक फायदा न उठाएं। घर के मुखिया को हमेशा दक्षिण-पश्चिम दिशा में मौजूद कमरे में ही सोना चाहिए. ऐसा ना करने से उनका मानसिक तनाव बढ़ता है. सोते समय पश्चिम दिशा में पैर और उत्तर दिशा में सिर नहीं होना चाहिए. इससे मानसिक तनाव होता है. सोते समय सिर दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए.
घर में परिवार के सदस्यों के बीच अक्सर कलह की स्थिति रहती है तो घर में मौजूद सभी तरह के टूटी-फूटी चीजों को जितना जल्दी हो सके घर से बाहर कर दें. किचन में मौजूद टूट बर्तनों को भी घर से बाहर कर दें. टूटे-फूटे सामान नकारात्मक ऊर्जा का श्रोत माने जाते हैं. इनकी वजह से घर में कलह और मानसिक तनाव होता है.
घर में मौजूद मुख्य आईना कभी भी दक्षिण या पश्चिम दिशा में नहीं होना चाहिए. इससे मानसिक तनाव बढ़ता है. घर में कभी दो आईने आमने-सामने नहीं लगाना चाहिए. इससे भी घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है. घर में टूटा हुआ शीशा रखा है तो उसे भी हटा दें. टूटा शीशा मानसिक तनाव बढ़ाता है.
अविवाहित लोगों का कमरा कभी भी दक्षिण पश्चिम दिशा में नहीं होना चाहिए. इससे उनके स्वभाव में उग्रता आती है और चिड़चिड़ापन बढ़ता है.
घर की दीवारों को कभी भी बहुत गहरे रंग से नहीं रंगवाना चाहिए. घर की दीवारों को हमेशा हल्के रंगों से ही पेंट करवाना चाहिए वरना नकारात्मक ऊर्जा मन-मस्तिष्क पर हावी होने लगती है.

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वाहनों से मतदाताओं को ढोया नहीं जा सकेगा, आयोग ने लगाये वाहनों के उपयोग पर कई प्रतिबंध

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डिजिटल भारत l निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव के तहत मतदान के दिन मतदाताओं को वाहनों से ढोने पर
प्रतिबंध लगाया है। आयोग के मुताबिक मतदान के दिन कोई भी उम्मीदवार, उसका निर्वाचन अभिकर्ता या उसकी
सहमति से अन्य कोई भी व्यक्ति मतदाताओं को मतदान केन्द्र तक ले जाने और वहां से वापस लाने के लिए
वाहनों की सुविधा उपलब्ध नहीं करायेगा। आयोग ने कहा है कि यदि कोई उम्मीदवार ऐसा करता है तो वह भ्रष्ट
आचरण माना जायेगा और इस प्रकार के भ्रष्ट आचरण पर उसे दण्ड दिया जा सकता है। इसके साथ ही लोक
प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 133 के अधीन उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
निर्वाचन आयोग ने मतदान के दिन वाहनों के दुरूपयोग को रोकने कई तरह के प्रतिबंध भी लगाये हैं । इसके
अनुसार मतदान के दिन विधानसभा चुनाव लड रहे प्रत्येक उम्मीदवार को उसके निर्वाचन क्षेत्र के लिए केवल तीन
वाहनों के उपयोग की अनुमति ही दी गई है। इसमें से एक का उपयोग उम्मीदवार स्वयं अपने लिए कर सकेगा
जबकि दूसरा वाहन का उपयोग उसका निर्वाचन अभिकर्ता तथा तीसरे वाहन का उपयोग उसके कार्यकर्ता कर सकेंगे।
इसके लिए भी उम्मीदवार को रिटर्निंग अधिकारी से लिखित अनुमति प्राप्त करना जरूरी होगा।
निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं के निर्वाचन विधि का उल्लघंन करके वाहनों से मतदान बूथों तक ले जाने
और वापस लाने पर रोक लगाने की दृष्टि से मतदान क्षेत्रों में मतदान के दिन सभी तरह के यंत्र चलित या अन्यथा
चलित वाहनों जिसमें टैक्सी, निजी कार, ट्रक, बस, मिनी बस, ट्रक, ट्रेक्टर, आटोरिक्शा, स्कूटर, स्टेशन वैगन आदि के
संचालन को विनियमित किया है।
आयोग ने कहा है कि मतदान क्षेत्र में मतदान के दिन बस व मिनी बस जैसे सार्वजनिक परिवहन के
वाहनों को चलाये जाने की अनुमति तो होगी लेकिन निश्चित मार्गों और निश्चित स्थानों के बीच ही इन्हें चलाया
जा सकेगा। निर्वाचन आयोग ने कहा है कि निजी वाहनों एवं टैक्सियों को मतदान के दिन मतदान केन्द्रों को
छोड़कर अस्पतालों, विमानपत्तनों, रेल्वे स्टेशनों, बस अड्डों मित्र या रिस्तेदारों के घरों, क्लबों, एवं रेस्टारेण्ट जैसे
स्थानों तक यात्रियों को ले जाने के लिए चलने दिया जायेगा । लेकिन मतदाताओं के ढोने के लिए मतदान केन्द्रों
के समीप छुपे तौर पर इन्हें आने नहीं दिया जायेगा। इन वाहनों के यातायात को इस प्रकार दूसरे मार्ग पर ले जाया
जायेगा ताकि उनके दुरूपयोग पर प्रभावी रूप से नियंत्रण किया जा सके।
आयोग के अनुसार मतदान के दिन निजी उपयोग के लिए जिसका संबंध निर्वाचन से न हो, निजी वाहनों को
चलाने की अनुमति होगी। इसके अलावा अनिवार्य सेवाओं के लिए प्रयुक्त वाहनों मसलन अस्पताल वाहन, रोगी
वाहन, दुग्ध वाहन, पानी के टैंकर, विद्युत ड्यूटी वाहन, पुलिस वाहन को भी मतदान के दिन चलाये जा सकेंगे।
आयोग ने निजी वाहन स्वामियों को या तो स्वयं के लिए या उनके अपने परिवार के सदस्यों के उनके
मताधिकार के उपयोग के लिए मतदान केन्द्र परिसर तक निजी वाहन ले जाने की अनुमति दी है। लेकिन इस शर्त
पर कि ऐसे वाहन मतदान केन्द्र के 200 मीटर के दायरे में केवल एक बार ही प्रवेश कर सकेंगे। आयोग ने मतदान
के दिन वाहनों के उपयोग पर लगाये गये इन प्रतिबंधों का उल्लंघन होने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है और
कहा कि दुरूपयोग पाये जाने पर ऐसे वाहनों को जप्त कर लिया जायेगा।

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हस्ताक्षर के पहले लगाई जायेगी मतदाता की बायीं तर्जनी पर अमिट स्याही, इंकार करने पर मतदान नहीं करने दिया जायेगा

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डिजिटल भारत l भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक विधानसभा चुनाव में मतदान केन्द्र पर वोट डालने पहुंचे
मतदाता की बायीं तर्जनी पर अमिट स्याही का निशान मतदाता रजिस्टर पर उसके हस्ताक्षर करने के पहले लगाया
जायेगा। ऐसा इसलिए किया जायेगा ताकि मत देने के बाद मतदाता के मतदान केन्द्र छोड़ने तक अमिट स्याही को
सूखने और एक सुस्पष्ट अमिट चिन्ह बनने के लिए पर्याप्त समय मिल जाये। मतदाता की अंगुली पर अमिट
स्याही नाखून से लेकर अंगुली के पहले पोर तक लगायी जायेगी।
निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार अमिट स्याही लगाने के पहले मतदान अधिकारियों द्वारा मतदाता की बायीं
तर्जनी का निरीक्षण भी किया जायेगा। यदि निरीक्षण में यह देखने में आता है कि किसी मतदाता ने अमिट स्याही
के चिन्ह को प्रभावहीन करने के लिए अपनी अंगुली पर तैलीय या चिकनाईयुक्त पदार्थ लगा लिया है तो मतदान
अधिकारी द्वारा उस मतदाता की अंगुली पर अमिट स्याही का चिन्ह लगाने के पहले किसी कपड़े के टुकड़े की
सहायता से ऐसा तैलीय या चिकनाईयुक्त पदार्थ को हटा दिया जायेगा ।
आयोग के निर्देशों में मतदान अधिकारियों से स्पष्ट कहा गया है कि यदि कोई मतदाता निर्देशों के
विपरीत अपनी बायीं तर्जनी का निरीक्षण करने या अमिट स्याही लगाने से इंकार करे या उसकी बायीं तर्जनी पर
ऐसा कोई चिन्ह पहले से ही हो अथवा वह स्याही को हटाने की दृष्टि से कोई भी कृत्य करे तो उसे मत देने के
लिए अनुमति नहीं दी जाये।
आयोग ने यह भी कहा है कि मतदाता को अपना मत रिकार्ड करने के लिए मतदान कक्ष में जाने की अनुमति
देने के पहले नियंत्रण यूनिट के प्रभारी मतदान अधिकारी द्वारा भी उसकी अंगुली की दुबारा जांच की जानी चाहिए।
यदि मतदाता ने स्याही को हटा दिया है या स्याही का चिन्ह अस्पष्ट है तो उसकी बायीं तर्जनी पर दुबारा अमिट
स्याही का चिन्ह लगा दिया जाये।
आयोग के मुताबिक मतदान कर चुके मतदाता की पहचान के लिए अमिट स्याही का चिन्ह मतदाता की
बायीं तर्जनी की अंगुली पर लगाया जायेगा। लेकिन यदि किसी मतदाता की बायीं तर्जनी न हो तो अमिट स्याही
उसकी ऐसी किसी भी अंगुली में लगाई जायेगी जो उसके बायें हाथ में हो । यदि उसके बाये हाथ में कोई भी अंगुली
न हो तो स्याही उसकी दायें हाथ की तर्जनी पर लगाई जायेगी और यदि उसके दायें हाथ की तर्जनी भी न हो तो
उसकी दायीं तर्जनी से प्रारंभ करते हुए उसके दायें हाथ की किसी भी अन्य अंगुली पर स्याही लगाई जायेगी ।
परन्तु यदि किसी मतदाता के किसी भी हाथ में कोई भी अंगुली न हो तो स्याही उसके बायें या दायें हाथ के ऐसे
सिरे (ठूंठ) पर जो भी उसके हो लगायी जायेगी।

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125वर्षों से भी ज्यादा का है मनकेडी चंडी मेले का इतिहास, मुस्लिम परिवार द्वारा निभाई जा रही परंपरा

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डिजिटल भारत l हिंनदोस्तान गंगा जमिनी तहजीब के लिए विख्यात यूं ही नहीं माना जाता यहां पर बसने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी तहजीब की महक बरकरार है जिसमें धर्म से ऊपर इंसानियत और भाईचारे को माना जाता है प्रेम सौहार्द ही जिनके लिए सबसे बड़ा धर्म है। ऐसा ही कुछ बरगी नगर के छोटे से ग्राम मनकेडी में पिछले 100 वर्षों से भी ज्यादा लंबे समय से देखने मिल रहा है जहां 99.9% हिंदू आबादी के बीच में रहने वाला रहने वाला एक मुस्लिम परिवार अपने बाप दादा के समय से इस परंपरा को बखूबी निभा रहे हैं और अपने पुरखों की इस रवायत को आज भी नई पीढ़ियां निभा रही हैं।

✳️ भाई दूज पर भरता है प्रेम का मेला मनकेडी ग्राम के ग्राम प्रमुख हफीज खान मालगुजार ने बताया कि दीपावली के भाई दूज के अवसर पर हमारे गांव में पिछले 125 वर्षों से भी ज्यादा समय से हमारे परिवार के स्वर्गीय खुदा बख्श, स्वर्गीय शेख कल्लू तथा स्वर्गीय शेख अहमद खान मालगुजार द्वारा ग्राम में भाई दूज के अवसर पर आपसी प्रेम के लिए चण्डी मड़ई मेले का आयोजन किया जाता रहा है जिसे हम भी उसी परंपरा के अनुसार इसका निर्वहन कर रहे हैं।

✳️ दर्जन भर गांवों को भेजते हैं न्योता ग्राम के (बैगा) पंडा प्रहलाद आदिवासी तथा सूरज आदिवासी ने बताया कि मालगुजार परिवार द्वारा चंडी मेला कार्यक्रम के लिए आसपास के दर्जन भर ग्राम सहजपुरी,चौरई, रीमा, नयागांव, टेमर गुल्ला पाठ, भोंगा तथा हरदुली ग्रामों के ग्राम प्रमुख को हल्दी चावल तथा सुपारी भेज कर पारंपरिक न्योता दिया जाता है । तत्पश्चात ग्राम की ग्वालटोली द्वारा शाम 4:00 बजे मालगुजार परिवार के घर पहुंच कर नाचते गाते हुए समूचे गांव के साथ मालगुजार परिवार के प्रमुख को लेकर ग्वालटोली मेला स्थल तक पहुंचती है यहां पर पूरी विधि विधान से चंडी माता की पूजा अर्चना के बाद ग्राम के बैगा द्वारा मढईको ब्याहने की प्रक्रिया पूरी की जाती है और इस तरह से सभी मेले में शामिल होते हैं।

✳️पान खिलाकर होता है स्वागत आसपास के गांव से आमंत्रित की गई सभी ग्वालटोलियों को मेला स्थल में पहुंचने के बाद पान खिलाकर स्वागत किया जाता है तथा मालगुजार परिवार द्वारा विशेष नृत्य प्रस्तुति पर सभी ग्वालटोलियों को सम्मान स्वरूप प्रसाद और बख्शीश (पुरस्कार) हर टोली को दी जाती है तथा आसपास के सभी आमंत्रित अतिथि गणों को पान खिलाकर स्वागत किया जाता है इस अवसर पर ग्राम के दिमाग प्रसाद, डुमारी लाल सोनी ,डुमारी लाल झरिया, प्रहलाद आदिवासी, विमल नेताम, रामाधार आदिवासी, संतोष आदिवासी, सूरज प्रसाद, कृपाल आदिवासी, भूरा झरिया, रोशनी झरिया मुकेश तथा समस्त ग्रामीण का विशेष सहयोग रहता है

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