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सिद्धारमैया होंगे कर्नाटक के CM, कल ले सकते हैं शपथ

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नई दिल्ली । कर्नाटक में 13 मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे. चुनाव में कांग्रेस ने प्रचंड जीत हासिल की और बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर दिया. कांग्रेस ने चुनाव से पहले सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया था. ऐसे में चुनाव के बाद पूर्व सीएम सिद्धारमैया और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने सीएम पद के लिए दावेदारी की थी. इसके बाद आलाकमान ने दोनों नेताओं को दिल्ली बुलाया था. चार दिन के मंथन और कई दौर की बातचीत के बाद भी नाम पर आम सहमित नहीं बन पाई.कर्नाटक के सीएम को लेकर चार दिन से जारी कयासों का दौर अब खत्म हो गया है. सिद्धारमैया ही कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री होंगे. वे कल सीएम पद की शपथ ले सकते हैं. वहीं, डीके शिवकुमार को अहम मंत्रालयों के साथ डिप्टी सीएम पद का ऑफर दिया गया है. कल बेंगलुरु में विधायक दल की बैठक भी होगी. सिद्धारमैया ने राहुल गांधी से भी मुलाकात की है. अब राहुल डीके शिवकुमार से मुलाकात करेंगे. बताया जा रहा है कि डीके शिवकुमार भी राहुल से मुलाकात करेंगे.

कांग्रेस के कर्नाटक में सबसे बड़े नेताओं में से एक हैं. उन्हें शुरुआत से ही सीएम पद के लिए डीके शिवकुमार से ज्यादा मजबूत दावेदार माना जा रहा था. सिद्धारमैया ने अपने राजनीतिक जीवन में 12 चुनाव लड़े, इनमें से 9 में जीत हासिल की. सिद्धारमैया सीएम रहे हैं. वे इससे पहले 1994 में जनता दल सरकार में कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री थे. उनकी प्रशासनिक पकड़ मानी जाती है. उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई मामला भी नहीं है. जबकि डीके शिवकुमार के खिलाफ कई मामले चल रहे हैं. वे जेल भी जा चुके हैं.

सिद्धारमैया और डीके दोनों ही गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं. सिद्धारमैया को 2008 में जेडीएस से कांग्रेस में लाने में मल्लिकार्जुन खड़गे की अहम भूमिका मानी जाती है. ऐसे में वे खड़गे के काफी करीबी बताए जाते हैं सिद्धारमैया 2013 से 2018 तक कर्नाटक के सीएम रहे. इस दौरान उन्होंने टीपू सुल्तान को कर्नाटक में नायक के तौर पर स्थापित करने की कोशिश की. ऐसे में मुस्लिम समुदाय में उनकी अच्छी पैठ मानी जाती है. सिद्धारमैया कुरुबा समुदाय (ओबीसी) से आते हैं. कर्नाटक में तीसरा बड़ा समुदाय है. इतना ही नहीं सिद्धारमैया राज्य के सबसे बड़े ओबीसी नेता माने जाते हैं. शिवकुमार की तुलना में सिद्धारमैया को ज्यादा बड़ा जननेता माना जाता है.

कर्नाटक के नए सीएम सिद्धारमैया होंगे. सूत्रों के मुताबिक, वे कल मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. वे अकेले ही शपथ लेंगे. कल विधायक दल की बैठक होगी

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शराब पीकर आटो का म्यूजिक सिस्टम चालू किया, सड़क पर किया डांस, पुलिस ने खदेड़ा

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जबलपुर । एक आटो चालक का जन्मदिन मनाने के लिए तमाम आटो चालकों ने नियम कायदों की धज्जियां उड़ा दीं। रेलवे स्टेशन के बाहर सड़क के किनारे आटो की पार्किंग कर सभी चालकों ने चक्कर शराब पी, आटो का म्यूजिक सिस्टम चालू किया और और सड़क पर ही मस्ती में डांस करने लगे। सड़क पर सरेआम शोर-शराबा और आटो चालकों के डांस किए जाने की खबर पुलिस तक पहुंची। जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और आटो चालकों को खदेड़ दिया।पुलिस की घेराबंदी देखकर आटो चालक भागते नजर आए। घटना के बाद इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किया गया।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि राजू आटो चालक का जन्मदिन था। जन्मदिन मनाने के लिए तमाम आटो चालक रेलवे स्टेशन के बाहर एकत्र हुए जिसके बाद सभी ने शराब पी। शराब के नशे में धुत होने के बाद आटो में लगा साउंड सिस्टम चालू कर दिया गया। जुम्मा चुम्मा दे दे… गाने पर आटो चालक रेलवे स्टेशन के बाहर सड़क पर डांस करने लगे। काफी देर तक चले शोर-शराबे की सूचना प्रत्यक्षदर्शियों ने डायल 100 पर पुलिस को दी। कुछ ही देर में सिविल लाइन और डायल 100 की टीम रेलवे स्टेशन पहुंची। पुलिस टीम ने ऑटो चालकों को मौके से खदेड़ा। इस दौरान सड़क पर भगदड़ की स्थिति नजर आई।

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इमरान के करीबी हैं फवाद चौधरी, गिरफ्तारी के डर से रफूचक्कर

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लाहौर । पाकिस्तान में जारी सियासी जोर-आजमाइश के बीच मंगलवार को एक अजीब वाकया सामने आया। यहां इमरान खान की पार्टी के सीनियर लीडर और पूर्व कैबिनेट मंत्री फवाद चौधरी ने पुलिस को सामने देखकर कार से उतरकर दौड़ लगा दी।चौधरी के साथ उनके वकील भी भागे और इन सबने इस्लामाबाद हाईकोर्ट की बिल्डिंग में पहुंचकर ही सांस ली। दरअसल, चौधरी जैसे ही हाईकोर्ट से बाहर निकले तो उन्होंने पुलिस को अपनी कार की तरफ बढ़ते देखा। घबराए फवाद को गिरफ्तारी से बचने का कोई और तरीका नहीं सूझा।

9 और 10 मई को मुल्क के कई हिस्सों में इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के समर्थकों ने जबरदस्त तोड़फोड़ और आगजनी की थी। इसके बाद से पुलिस को कई नेताओं की तलाश है। फवाद चौधरी इनमें से एक हैं। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा हैफवाद को पुलिस ने दो दिन पहले 9 और 10 मई को हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया था। उन पर वर्कर्स को हिंसा के लिए भड़काने का आरोप है। दो दिन पुलिस कस्टडी में गुजारने के बाद फवाद को मंगलवार को ही हाईकोर्ट में पेश किया गया था। यहां से उन्हें एक मामले में जमानत मिल गई।

जमानत मिलने के बाद फवाद चौधरी अपने वकीलों के साथ हाईकोर्ट से बाहर निकले और कार में जाकर बैठ गए। इस दौरान मीडिया ने उनसे बात करनी चाही, लेकिन चौधरी ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।इस दौरान उनके वकीलों ने कहा- चौधरी साहब को अभी जमानत मिली है, वो काफी थके हुए हैं और बाद में मीडिया से बात करेंगे। फवाद की कार के पीछे वाली गाड़ी में उनका परिवार भी था।फवाद आगे की सीट पर बैठे और पीछे की सीट पर उनके वकील बैठ गए। गाड़ी चंद कदम आगे बढ़ी तो फवाद ने घबराते हुए ड्राइवर से रुकने को कहा। फिर कार का गेट खोला और तेजी से भागने लगे। फवाद के पीछे उनके वकील भी भागे। वकीलों ने भागते-भागते कहा- चौधरी साहब हाईकोर्ट की तरफ…।

इसके बाद सभी अंदर चले गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- कई घंटे गुजरने के बाद भी चौधरी हाईकोर्ट की बिल्डिंग में ही मौजूद थे।हाईकोर्ट बिल्डिंग के अंदर से मिले फुटेज में देखा जा सकता है कि फवाद किस कदर हांफ रहे हैं और उनके वकील आसपास मौजूद लोगों से पानी लाने को कह रहे हैं।दरअसल, जमानत के बाद जैसे ही फवाद हाईकोर्ट से बाहर निकले और कार में बैठे। ठीक उसी वक्त उनकी गाड़ी के सामने एंटी टेररिज्म स्क्वॉड की गाड़ी आकर खड़ी हो गई। उसमें से कुछ पुलिसवाले फवाद की गाड़ी की तरफ बढ़े। फवाद समझ गए कि उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है।9 मई को इमरान खान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बायोमेट्रिक्स रूम से गिरफ्तार किया गया था। 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें रिहा करते हुए ऑर्डर दिया था कि किसी भी शख्स को पाकिस्तान की किसी भी अदालत के अंदर से गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। ऐसा हुआ तो पुलिस पर एक्शन होगा। फवाद ने इसीलिए हाईकोर्ट के अंदर भागना ही मुनासिब समझा।

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छत्तीसगढ़ में डर का माहौल ना बनाए ED

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नई दिल्ली । छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई पर कड़ी टिप्‍पणी करते हुए मौखिक निर्देश दिया है कि ईडी राज्य में डर का माहौल न बनाए. ईडी पर सुप्रीम कोर्ट की मौखिक टिप्‍पणी ऐसे समय में आई है, जब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार ईडी पर परेशान करने, धमकाने और उन्हें फंसाने का आरोप लगा रहे हैं. हालांकि ईडी ने आरोपों का खंडन किया और बताया कि एजेंसी राज्य में एक घोटाले की जांच कर रही है. ईडी का दावा है कि छत्तीसगढ़ में हजारों करोड़ रुपये का शराब घोटाला हुआ है. उधर, इस मामले में गिरफ्तार आरोपी 19 मई तक ईडी की हिरासत में हैं. रायपुर में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने रायपुर मेयर के भाई और कारोबारी अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित, त्रिलोक सिंह ढिल्लन उर्फ पप्पू ढिल्लन और आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरूणपति त्रिपाठी की हिरासत बढ़ाई थी. ये सभी आरोपी 19 मई तक ईडी की हिरासत में रहेंगे. 

शराब वितरण कंपनी सीएसएमसीएल के पूर्व एमडी एपी त्रिपाठी को मुंबई से पकड़ा गया है. आरोप है कि वो पूछताछ में शामिल नहीं हो रहे थे. शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने में रिश्वत लेने, फर्जी होलोग्राम बनाने की डील में 90 लाख लेने जैसी बातें सामने आई हैं. त्रिपाठी के जब्त लैपटॉप और फोन से कई चैट मिलने की बात कही जा रही है, जो शराब घोटाले में रुपयों के लेन-देन और सिंडिकेट की गुप्त बैठकों से जुड़े हैं. विपक्ष इस मामले में सीधा मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांग रहा है. पूर्व मुख्‍यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में करप्शन दिन पर दिन बढ़ रहा है, नए-नए भ्रष्‍टाचार उजागर हो रहे हैं. भ्रष्टाचार ऐसा है जो प्रमाणित हो चुका है. ईडी ने 2000 करोड़ रुपए का शराब घोटाला प्रमाणित किया है और अब रिकवरी होना शुरू हो गया. उन्‍होंने कहा कि लोगों की संपत्ति जप्त होना शुरू हो चुकी है. देश मे ये पहली सरकार है जो अवैध सिंडिकेट के जरिए अवैध शराब बिकवाती है. इनके केंद्रीय नेतृत्व को निर्णय लेना चाहिए कि ये व्यक्ति मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए या नहीं. 

हालांकि ईडी के तौर तरीकों से सर्वोच्च अदालत खुश नहीं है. अनवर ढेबर सहित दो लोगों की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी में यह कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ED डर का माहौल ना बनाए. कोर्ट ने बताया कि आबकारी विभाग के 52 अधिकारियों ने लिखित शिकायत दी है कि उन्हें  “मानसिक, शारीरिक” यातना दे कर ईडी परेशान कर रही है. उनके परिवार के सदस्यों को गिरफ्तारी की धमकी दे रही है और मुख्यमंत्री को फंसाने की कोशिश कर रही है.सरकार ने दावा किया कि अधिकारियों ने कहा है कि वे विभाग में काम नहीं करेंगे. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यह चौंकाने वाली स्थिति है. छत्तीसगढ़ में चुनाव आ रहे हैं और इसलिए यह हो रहा है. वहीं ईडी ने आरोपों का खंडन किया और बताया कि एजेंसी राज्य में एक घोटाले की जांच कर रही है.

छत्तीसगढ़ के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के संदर्भ में जिस प्रकार से चर्चा हो रही थी. उस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में वाद पेश किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने ED को निर्देशित कर दिया है कि भय का माहौल न बनाए. कम से कम भय के वातावरण की बात नहीं होनी चाहिए. आप डरा-डराकर बयान ले रहे हो, यह प्रजातंत्र की न्याय प्रणाली का हिस्सा नहीं हो सकता. यह तो हम 500 साल पीछे जा रहे हैं, जब भी फ्यूडल सिस्टम होता था, तब हम सुनते थे कि कोड़े बरसते थे जोर जबरदस्ती की जाती थी. प्रजातंत्र है, हमारे देश में प्रजातंत्र में जोर जबरदस्ती से कुछ नहीं किया जाना चाहिए.छत्तीसगढ़ में 6 मई को शराब घोटाले में कारोबारी अनवर ढेबर की गिरफ़्तारी करने के बाद ED ने कोर्ट में रिमांड पेपर में दावा किया था कि छत्तीसगढ़ की सरकारी 800 दुकानों में 30 से 40 प्रतिशत अवैध देसी शराब बेची गई, ये एक सिंडिकेट था जिसे कारोबारी अनवर ढेबर और आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा जैसे लोग चलाते थे. इस सिंडिकेट ने 3 साल में राज्य को 2000 करोड़ रुपये का चूना लगाया

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मुसीबत में फंसे अमिताभ बच्चन और अनुष्का शर्मा, हरकत में आई मुंबई पुलिस

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मुम्बई । इस अमिताभ बच्चन और अनुष्का शर्मा काफी चर्चा में है इसका कारण है कि दोनों को हाल ही में एक बाइक पर सवार देखा गया था और यही उनके लिए एक मुसीबत का कारण बन गया है।दरअसल अमिताभ बच्चन न ट्रैफिक से बचने के लिए एक फैन से लिफ्ट मांगी थी और बाइक पर बैठकर निकल गए थे। हालांकि इस दौरान उन्होने हेलमेट नहीं लगाया था। अब इसको लेकर मुंबई पुलिस हरकत में आई है और दोनों को लेकर एक्शन लेने की बात कह रही है।वरिंदर चावला ने इसको लेकर एक पोस्ट किया है और लिखा है, ”कई शिकायतें मिलने के बाद, मुंबई पुलिस ने अभिनेता अमिताभ बच्चन और अनुष्का शर्मा के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है, जिन्हें हाल ही में अलग-अलग बाइक चलाते देखा गया था

लेकिन बिना हेलमेट के। जहां अमिताभ ने सोमवार को अपने काम के स्थान पर पहुंचने के लिए एक प्रशंसक से लिफ्ट ली, वहीं अनुष्का शर्मा अपने अंगरक्षक के साथ एक सड़क पर बाइक पर सवार हो गईं। दोनों ही स्थितियों में न तो उनमें से और न ही उनके सवारों ने हेलमेट पहना हुआ था।” हालांकि इसपर किसी तरह का रिएक्शन अमिताभ बच्चन और अनुष्का शर्मा की तरफ से नहीं आया है लेकिन इतना तय है कि कुछ फाइन तो दोनों पर लगने वाला है क्योंकि दोनों ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया है।लेकिन बिना हेलमेट के। जहां अमिताभ ने सोमवार को अपने काम के स्थान पर पहुंचने के लिए एक प्रशंसक से लिफ्ट ली, वहीं अनुष्का शर्मा अपने अंगरक्षक के साथ एक सड़क पर बाइक पर सवार हो गईं। दोनों ही स्थितियों में न तो उनमें से और न ही उनके सवारों ने हेलमेट पहना हुआ था।” हालांकि इसपर किसी तरह का रिएक्शन अमिताभ बच्चन और अनुष्का शर्मा की तरफ से नहीं आया है लेकिन इतना तय है कि कुछ फाइन तो दोनों पर लगने वाला है क्योंकि दोनों ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया है।

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स्कूप शॉट खेलने के चक्कर में बोल्ड हुए सूर्या

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इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में बुधवार को लखनऊ सुपर जायंट्स ने मुंबई इंडियंस को 5 रन से हरा दिया। इकाना स्टेडियम LSG ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 3 विकेट पर 177 रन बनाए। जवाब में मुंबई के बल्लेबाज 20 ओवर में 5 विकेट पर 172 रन ही बना सके।

इस मैच में कई रोचक मोमेंट्स देखने को मिले, तो कुछ ने फैंस के दिल भी तोड़े। मुकाबले के दौरान लखनऊ के कप्तान क्रुणाल पंड्या और रवि बिश्नोई चोटिल हुए। तो सूर्यकुमार यादव विकेट के पीछे स्कूप शॉट खेलने के चक्कर में यश ठाकुर की बॉल पर बोल्ड हो गए।

मैच के ऐसे ही टॉप मोमेंट्स और मैच पर उनका इम्पैक्ट इस खबर में हम जानेंगे…

1. दूसरे ओवर में डेविड ने टपकाया हुड्डा का कैच, अगले ही ओवर में आउट हुए
लखनऊ के लिए काइल मेयर्स की जगह ओपन करने उतरे दीपक हुड्डा को दूसरे ओवर में जीवनदान मिला, लेकिन वे इसका लाभ नहीं उठा सके। क्रिस जॉर्डन की पहली ही बॉल को हुड्‌डा ने अपने पीछे फाइन लेग की ओर शॉट खेला और बॉल हवा में चली गई। फील्डिंग कर रहे टिम डेविड 28 मीटर दौड़ते हुए आए, वे बॉल तक पहुंच भी गए, लेकिन बॉल आखिरी क्षणों में उनके हाथ से छिटक गई।

इसके बाद तीसरे ओवर में बेहरनडॉर्फ की पहली ही बॉल पर टिम डेविड ने मिड ऑन पर हुड्‌डा का कैच पकड़ा।

इम्पैक्ट- पावरप्ले में हुड्डा का विकेट मिलने से लखनऊ प्रेशर में आ गया। क्विंटन डी कॉक भी दवाब में आ गए।

2. बेहरनडॉर्फ ने दो बॉल पर लिए दो विकेट
मुंबई के बॉलर जेसन बेहरनडॉर्फ ने दो बॉल पर दो विकेट झटके। मैच के तीसरे ओवर की पहली बॉल पर बेहरनडॉर्फ ने हुड्डा को आउट किया। फिर दूसरी ही बॉल पर बल्लेबाजी करने आए मांकड़ का विकेट लिया। बेहरनडॉर्फ ने मांकड़ को लेंथ बॉल फेंकी। मांकड़ बॉल को नहीं समझ सके और गेंद बल्ले के किनारे से लगकर स्टंप के पीछे खड़े विकेटकीपर ईशान किशन के हाथों में चले गई।

इम्पैक्ट – तीसरे ओवर में दो विकेट गिरने से लखनऊ दवाब में आ गई और पावरप्ले में मात्र 35 रन ही बना सकी।

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दिग्विजय सिंह झूठ बोलने में है माहिरः सुशील तिवारी

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जबलपुर । दिग्विजय सिंह आदतन एवं शरारतन झूठ बोलने में लोगों की छवि धूमिल करने के लिए मशहूर है उनके ऐसे ही कई मामले न्यायालय में विचाराधीन है वर्ष 2003 के पूर्व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए दिग्विजय सिंह ने किस तरह प्रवेश का बंटाधार किया है यह किसी से छिपा नहीं उनके कार्यकाल के समय शासन में प्रदेश में कानून व्यवस्था चौपट हो गई थी उक्त आरोप पनागर विधायक सुशील तिवारी इंदु ने भारतीय जनता पार्टी कार्यालय रानीताल चौक जबलपुर में पत्रकार वार्ता आयोजित कर दी सुशील तिवारी इंदू ने बताया कि दिग्विजय सिंह ने दिनांक 15 मई 2023 को प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर झूठे एवं मनगढ़ंत तथ्यों के आधार पर आम जनता व्यक्ति विशेष संस्था इत्यादि को भ्रमित कर आयोजित पत्रकार वार्ता में यह कथन किया है कि नगर विधायक सुशील तिवारी द्वारा रेत का ठेका माइनिंग में गड़बड़ी पनागर क्षेत्र का पीडीएस का व्यवसाय एवं गरीबों को मिलने वाला अनाज का 50 से 60% अनाज बाजार में बेचा जा रहा है जिसके बारे में ना तो मीडिया छाप रही है और ना कुछ कोई कह रहा है उपरोक्त कथन दिग्विजय सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर प्रकाशित किया है पनागर विधायक सुशील तिवारी ने बताया कि उक्त कथन का फेसबुक के माध्यम से प्रसारित करने पर विधानसभा क्षेत्र जबलपुर जिले प्रदेश एवं देश के नागरिकों के बीच मेरी छवि धूमिल हुई है उन्होंने कहां की दिग्विजय सिंह जल्द ही उपरोक्त वीडियो अपने फेसबुक पेज एवं यथा प्रेषित स्थानों से हटा ले अन्यथा मुझे नोटिस के जरिए न्यायालय की शरण में जाने हेतु मजबूर होना पड़ेगा

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दहेज प्रताड़ना के कारण की गई आत्महत्या भी दहेज हत्या

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जबलपुर । रीवा निवासी वफत मोहम्मद की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि उसका विवाह अप्रैल 1995 में हुआ था। उसकी पत्नी की मौत संदिग्ध परिस्थिति में मार्च 1996 में जलने के कारण हो गई थी। घटना के समय वह पिता के साथ खेत में काम कर रहा था। पुलिस ने उसके खिलाफ न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया था। न्यायालय ने साल दिसम्बर 1998 में धारा 304 बी के तहत सात साल तथा धारा 498 ए के तहत एक साल की सजा से दंडित किया था। इसके खिलाफ उक्त अपील दायर की गई थी।

याचिका की सुनवाई के दौरान एकलपीठ ने पाया कि दहेज प्रताड़ना के कारण उसकी पत्नी अपने मायके चली गई थी। दोनों परिवार में सुलह होने के कारण घटना के 15 दिन पूर्व वापस लौटी थी। याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क दिया गया कि चूल्हे में खाना बनाते समय हुई दुर्घटना में उसकी पत्नी की मौत हुई थी। एकलपीठ ने अपने आदेश बताया कि पुलिस को घटनास्थल में चूल्हा नहीं मिला था। एकलपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए अपने आदेश में कहा कि दहेज प्रताड़ना के कारण आत्महत्या भी दहेज हत्या के दायरे में आता है। उक्त आदेश के साथ एकलपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया।

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निकाय चुनाव में हार के बाद अखिलेश का बीजेपी पर  निशाना

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नई दिल्ली । उन्होंने कहा कि चुनाव में हार जीत तो चलती रहती है, लेकिन भाजपा सरकार ने निकाय चुनाव में जीत हासिल करने के लिए बेईमानी की सारी हदें पार कर दीं। पूरे प्रदेश में धांधली की गई। मैनपुरी में तो अधिकारियों के सहारे चुनाव में गड़बड़ की गई। बेवर में सीडीओ ने निकाय चुनाव में बेईमानी कराकर जबरन चुनाव नतीजा बदल दिया। उन्होंने कहा कि पंचायत, ब्लॉक प्रमुखी से लेकर लोकसभा तक भाजपा सरकार सभी चुनावों में बेईमानी करती आ रही है। निकाय चुनाव की बात लें तो देवरिया में तो प्रशासनिक मदद से भाजपा प्रत्याशी के बंडल में दूसरे प्रत्याशी के मतपत्र रख दिए गए।

यह लोकतंत्र के लिए खराब स्थिति है।उन्होंने कहा कि जब अधिकारी भी चुनावों में सत्तादल की मदद करेंगे तो आम आदमी न्याय की उम्मीद किससे करेगा। आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के दौरान जब भी कोई विरोध का स्वर उठाया जाता है तो पुलिस को सामने कर दिया जाता है। झूठे मुकदमे लगाकर विरोध करने वालों का दमन किया जाता है। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि निकाय चुनाव में सपा के वोट प्रतिशत में बढ़ोत्तरी हुई है। अब पार्टी लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटेगी। विधायक बृजेश कठेरिया, पूर्व एमएलसी अरविंद यादव, एमएलसी मुकुल यादव, बरनाहल ब्लाक प्रमुख नीरज यादव, रामनारायण बाथम मौजूद रहे।

पूर्व मंख्यमंत्री नगला कंस में जनवेद यादव के घर पहुंचे। उनके इकलौते युवा पुत्र सोनू की असामयिक निधन पर शोक जताया। सोनू की 11 मई को शादी हुई। एक दिन बाद ही 13 मई को करंट लगने से उसकी मृत्यु हो गई। सोनू की ससुराल वालों को भी पूर्व मुख्यमंत्री ने ढांढस बंधाया।

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पुलिसकर्मियों ने हिरासत में रखे गए व्यक्ति को जेल में किया टॉर्चर

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नई दिल्ली । गुजरात के बोटाड जिले में 28 वर्षीय एक व्यक्ति की कथित रूप से हिरासत में पिटाई की गई, जिससे उसकी मौत हो गई। इस मामले में तीन पुलिस कांस्टेबलों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है।एक अधिकारी ने बताया कि 14 अप्रैल को एक मामले के संबंध में पूछताछ के लिए बोटाद टाउन पुलिस स्टेशन से जुड़े तीन कांस्टेबल मजदूर कालू पधरशी को उसके घर से ले गए थे। बाद में, पधरशी ने पुलिस पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पूछताछ के बहाने उसको बुरी तरह से पीटा था। वहीं, 14 मई को अहमदाबाद के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। बोटाड जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) किशोर बलोलिया ने बताया कि तीन आरोपियों-अमीराज बोरिचा, राहिल सिदातार और निकुल सिंह जाधव पर पधरशी की हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
एसपी ने कहा कि पधरशी ने सोमवार को शिकायत दी थी कि तीन कांस्टेबल एक मामले की जांच कर रहे थे। उन्हें एक व्यक्ति के बारे में जानना था। जब पधरशी ने शख्स के बारे में कोई जानकारी नहीं होने की बात कही तो पुलिस ने उससे मोटरसाइकिल के पंजीकरण के कागजात दिखाने को कहा। चूंकि, पुलिस सभी सिविल ड्रेस में थे। इसलिए पधरशी ने उन्हें अपना पहचान पत्र दिखाने के लिए कहा। प्राथमिकी में कहा गया है कि उसकी मांग से नाराज कांस्टेबलों ने कथित तौर पर उसकी पिटाई शुरू कर दी और उसे थाने ले गए। 

हालांकि, पुलिस ने उसी दिन उसे छोड़ भी दिया था। बताया जा रहा है, मजदूर ने अपने घरवालों को बताया था कि हिरासत के दौरान उसे बेरहमी से पीटा गया और पूछताछ के दौरान उसका सिर दीवार से मार दिया था। बाद में उसकी हालत बिगड़ने लगी, तो उन्हें पहले 17 अप्रैल को बोटाद के एक अस्पताल और फिर भावनगर शहर के एक सरकारी अस्पताल में रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसे ब्रेन हेमरेज है। 20 अप्रैल को उन्हें अहमदाबाद सिविल अस्पताल रेफर किया गया, जहां उसकी ब्रेन सर्जरी की गई। इलाज के दौरान 14 मई को उसकी मौत हो गई।

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