डिजिटल भारत l लक्ष्यगत हस्तक्षेप परियोजना द्वारा गोंडी पब्लिक ट्रस्ट रपटा घाट मण्डला में कम्युनिटि इवेंट कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में जिला विधिक सेवा प्राधीकरण से न्यायाधीश डी. आर. कुम्हरे एवं सहायक अधिकारी विजय खोब्रागडें, जिला चिकित्सालय मण्डला से डॉ. सुमित सिगर जी (डी.टी.ओ.), टी.आई. से प्रोग्राम मेनेजन अनिकेत सोनी, विकेश ठाकरे, काउंसलर गुलफिशा बेगम अतिथि गण के रूप में जिला चिकित्सालय मण्डला से लैंब टेक्नशियन चित्रांश वर्मा जी, एस.टी.आई. काउंसलर राकेश मुराली, लिंक वर्कर स्किम से अभिषेक दुबे एवं समस्त स्टाफ उपस्थित रहे साथ ही डी.टी.सी से हिंमाशु मेहरा, एन. आर. सी. से श्रीमति रशिम वर्मा की उपस्थिति में सफल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें लक्षित समुदाए के साथ नृत्य कला एवं गीत-संगीत, रंगोली एवं मेहंदी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रथम, द्वीतीय एवं व्रीतय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि जी के द्वारा पुरुष्कृत किया गया एवं न्यायाधीश महोदय के द्वारा न्यायीक संबंधीत जानकारी दी गई एवं उन्हें सहयोग प्रदान करने कि बात भी कही गई। डी. टी. ओ. के द्वारा स्वास्थ्य संबंधीत जानकारी दी गई साथ ही परियोजना के प्रोग्राम मेनेजन द्वारा परियोजना संबंधी समस्त जानकारी दी गई सभी का अभिवादन करते हुए सफल कार्यक्रम का समापन किया गया।
आर.बी.सी. 4-6 के दायरे को बढाने के लिए कैबिनेट ने दी मंजूरी
डिजिटल भारत l रविवार को राज्य मंत्रालय में संपन्न कैबिनेट की बैठक में आर.बी.सी. 4-6 के दायरे को बढाने को मंजूरी प्रदान कर दी । उक्त फैसले की जानकारी देते हुए प्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बताया कि प्रदेश लघु एवं सीमांत कृषकों के लिए बाढ की स्थिति में कृषि योग्य भूमि वाले खेतों में रेत पत्थर आ जाने पर राजस्व पुस्तिका के परिपत्र 4-6 के अनुसार अब 12,200 प्रति हेक्टेयर की जगह 18 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर प्रदान किया जायेगा । इसके अतिरिक्त भू-स्खलन अथवा नदियों द्वारा रास्ता बदलने पर भूमि के नष्ट होने पर ऐसे प्रभावित कृषकों 47 हजार प्रति हेक्टेयर के मान से कृषकों सहायक राशि दी जायेगी । इसी प्रकार पशु व पक्षी हानि के लिए गाय, ऊंट, भैंस, याक आदि के लिए अब 37 हजार 500 रूपये की सहायता दी जायेगी जबकि भेड, बकरी, सुऊर की हानि पर 4 हजार रूपये प्रदान किये जायेंगे । गैर दुधारू पशुओं जैसे बैल, भैंसा, ऊंट, घोडा आदि के लिए अब 20 हजार रूपये की आर्थिक सहायता का प्रावधान कर दिया गया है । इसके साथ ही प्राकृतिक प्रकोप के कारण प्रभावित पशुओं के अस्थाई रखरखाव के लिए बडे पशुओं के 80 रूपये प्रति दिवस एवं छोटे पशुओं के लिए 45 रूपये प्रति दिवस के मान से सहायक की जायेगी ।
मकान के नष्ट होने पर मिलेंगे सवा लाख रूपये
कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए राजस्व एवं परिवहन मंत्री ने बताया कि कच्चा या पक्का मकान क्षतिग्रस्त होने पर मैदानी क्षेत्रों में निवासरत आमजन को प्रति मकान 1 लाख 20 हजार एवं पहाडी क्षेत्रों में निवासरत आमजन के लिए प्रति मकान 1 लाख 30 हजार की आर्थिक सहायता दी जायेगी । इसी तरह झुग्गी-झोपडी या घास-फूस, मिट्टी से बने मकानों के क्षतिग्रस्त होने पर वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर 8 हजार रूपये अधिकतम सहायता प्रदान की जायेगी । श्री राजपूत ने बताया कि इसके अलावा गंभीर रूप से 50 प्रतिशत से अधिक क्षतिग्रस्त पक्के मकान के लिए मैदानी क्षेत्र के लिए 1 लाख 20 हजार एवं पहाडी क्षेत्र के लिए 1 लाख 30 हजार रूपये प्रति मकान दिये जायेंगे ।
बुनकरों एवं हस्तशिल्पियों की राहत राशि में बढोत्तरी
बुनकरों एवं हस्तशिल्पियों को भी राहत राशि में बढोत्तरी की गई है । अब इन्हे औजारों अथवा उपकरण के क्षतिग्रस्त होने या तैयार कच्चे माल के क्षतिग्रस्त होने पर 5 हजार रूपये प्रति शिल्पकार का भुगतान किया जायेगा । इसी तरह बाढ और तूफान से प्रभावित मछुआरों को नाव नष्ट होने पर 15 हजार, जाल के क्षतिग्रस्त होने या मरम्मत के लिए 3 हजार एवं नाव की आंशिक क्षति होने पर 6 हजार रूपये प्रति नाव के हिसाब से सहायता राशि प्रदान की जायेगी । श्री राजपूत ने बताया कि प्राकृतिक आपदा से मछली पालने वाले को मछली बीज नष्ट हो जाने पर 10 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर की सहायता राशि प्रदान की जायेगी ।
डिजिटल भारत l मप्र की शराब नीति को कैबिनेट की मंजूरी
उमा भारती की बड़ी जीत संघ प्रमुख के दखल के बाद आई नई शराब नीति
मप्र की नई शराब नीति को लेकर आखिर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की जीत हो गई है। उमा भारती के सुझावों को नई नीति में शामिल कर लिया गया है।
कैबिनेट की बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मप्र में शराब को हतोत्साहित करने अहम फैसले लिये गये हैं। पूरे प्रदेश में शराब के अहाते बंद करने और शराब की दूकानों पर बैठकर शराब पीना प्रतिबंधित किया जाएगा। इसके अलावा सभी धार्मिक व शैक्षणिक स्थानों से शराब की दूकान 100 मीटर दूर होंगीं। मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2010 के बाद मप्र में एक भी नई शराब दूकान नहीं खोली गई है।
राज्य सरकार की इस नई शराब नीति को उमा भारती की जीत माना जा रहा है। शराब अहाते बंद कराने उमा भारती लगातार आन्दोलन कर रही थीं। वे शराब की दुकानों पर पत्थर व गोबर फेंक चुकी थीं। उन्होंने पिछले दिनों ओरछा में शराब की दूकान पर गाय बांध कर संदेश दिया था कि मधुशाला को गौशाला बनाया जाए।
सरकार को होगा आर्थिक नुकसान
मप्र सरकार को शराब से लगभग 14000 करोड़ की आय होती है। नई नीति से लगभग 3000 करोड़ से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है।
संघ के दखल के बाद आई शराब नीति
सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नागपुर पहुंचकर संघ प्रमुख डॉक्टर मोहन भागवत से मप्र की शराब नीति और उमा भारती के बगावती तेवरों को लेकर चर्चा की थी। बताया जाता है कि संघ प्रमुख ने साफ कहा कि शराब को लेकर जो मुद्दे उमा भारती उठा रही हैं उनसे संघ सहमत है। गुजरात में शराब बंदी के बाद भी वहां भाजपा लगातार जीत रही है तो मप्र में शराब को हतोत्साहित करने का काम तो किया ही जाना चाहिए। संघ प्रमुख से मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने नई शराब नीति के लिए पांच मंत्रियों की एक समिति बनाई। समिति की बैठक कब हुई किसी को नहीं पता, लेकिन मप्र की नई शराब नीति को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।
कथावाचक ने श्रद्धालुओं से कहा कि तुम तीन महीने में फिर आओगे और रुद्राक्ष लेकर जाओगे
डिजिटल भारत l कुबेरेश्वर धाम के रुद्राक्ष महोत्सव में लाखों लोगों के आने से हुई अव्यवस्था और तीन मौतों से भी कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने सबक नहीं लिया है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अब मैं इससे चार गुना बड़ा आयोजन करूंगा। उन्होंने अव्यवस्था के संबंध में कहा कि सनातन धर्म के द्रोहियों ने तत्काल रुद्राक्ष महोत्सव रद (कैंसिल) कराने की साजिश हुई है।
शनिवार को कुबेरेश्वर धाम में चल रही शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन कथावाचक पं. मिश्रा ने सफाई देते हुए कहा कि इंटरनेट मीडिया पर यह अफवाह फैलाई गई कि आयोजन में भगदड़ मच गई, जबकि इसकी तस्वीर, वीडियो किसी के पास नहीं आया है
उन्होंने दावा किया कि परिसर में 162 कैमरे लगे हुए हैं। कैमरे वहां भी लगे हुए थे, जहां रुद्राक्ष वितरण हो रहा था और 162 कैमरों का सेटअप हमारे आफिस में लगा है। कोई एक भी आकर बता दे कि भगदड़ मची हो या किसी ने रुद्राक्ष फेंका हो।
कथावाचक ने श्रद्धालुओं से कहा कि तुम तीन महीने में फिर आओगे और रुद्राक्ष लेकर जाओगे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग चाल चलने में लगे हैं। प्रशासन ने भी लोगों को पकड़ा है, जो माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे थे, लोगों को भड़का रहे हैं। ताकि रुद्राक्ष वितरण न हो सके।
उन्होंने कहा कि साल भर कभी भी आ जाना खाली झोली नहीं जाओगे। पं. मिश्रा ने कहा कि मेरा मन अबकी बार कर रहा है कि जो भी कथा सुनने आए उस पर गोमूत्र छिड़का जाए, जिससे मालूम पड़ जाए कि मेरा सनातनी आया है। जो सनातनी होगा उसे गोमूत्र छिड़कना बुरा नहीं लगेगा।
डिजिटल भारत l आधे शहर को सोमवार की शाम पीने का पानी नहीं मिलेगा। नगर निगम के कार्यपालन यंत्री जल कमलेश श्रीवास्तव ने बताया कि सोमवार को पाइपलाइन की मरम्मत के साथ ही अन्य कार्य के चलते रमनगरा जलशोधन संयंत्र से आधे शहर को जलापूर्ति की जाती है।
लेकिन आज जलापूर्ति करने वाली 26 टंकियां नहीं भर पाएंगी जिससे चलते जलापूर्ति बाधित रहेगी। जिन क्षेत्रों में जला आपूर्ति नहीं होगी उन क्षेत्रों में टैंकरों के माध्यम से नागरिकों को जलापूर्ति कराई जाएगी।
स्मार्ट सिटी आइटी पार्क में सड़क बनाने का काम करा रहा है। इसके लिए यहां लगे बिजली के खंबों को हटाने का काम होगा। इस वजह से शहर में बिजली की सप्लाई पांच घंटे प्रभावित होगी। स्मार्ट सिटी सीईओ निधि सिंह राजपूत ने बताया कि स्मार्ट सिटी के मुताबिक सड़क निर्माण के चलते रमनगरा फीडर एवं 33 केव्ही आइटी पार्क फीडर से मंगलवार को सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक तक विद्युत सप्लाई बंद रहेगी।
डिजिटल भारत l फोन हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा हो गया है, और यही वजह है कि हम कभी नहीं चाहते कि ये डिस्चार्ज हो. फोन डिस्चार्ज होना, मतलब कई काम रुक जाना. कई बार हम दिनभर इतना फोन यूज कर लेते हैं कि इसे चार्ज करने का टाइम नहीं मिलता है. यही वजह होती है कि बाद में हम पूरी रात के लिए फोन को चार्ज पर लगा कर छोड़ देते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पूरी रात के लिए फोन को चार्जिंग पर छोड़ देने से क्या होता है, और क्या इसका असर हमारे फोन और बैटरी पर पड़ता है? आइए जानते हैं… ज़्यादातर विशेषज्ञ एक बात पर सहमत हैं कि स्मार्टफोन इतने स्मार्ट होते हैं कि वे ओवरलोड नहीं होने देते. टैबलेट या स्मार्टफोन या लैपटॉप के अंदर लगी एक्सट्रा प्रोटेक्शन चिप सुनिश्चित करती है कि ओवरलोडिंग न हो. एक बार इंटरनल लिथियम-आयन बैटरी अपनी क्षमता के 100% तक पहुंच जाती है, तो चार्जिंग बंद हो जाती है. अगर आप स्मार्टफोन को रात भर प्लग इन रहने देते हैं, तो यह हर बार बैटरी के 99% तक गिरने पर थोड़ी एनर्जी का लगातार इस्तेमाल करेगा. इसके आपके फोन के लाइफ पर असर पड़ेगा. यानी कि एक बार जब फोन की बैटरी 100% चार्ज हो जाती है तो मॉडर्न इलेक्ट्रॉनिक्स ऑटोमैटिकली करंट खींचना बंद कर देते हैं. हालांकि, अपने स्मार्टफोन को हर बार फुल चार्ज करना बैटरी की लंबी उम्र के लिए ठीक नहीं है. फोन को ओवरचार्ज करने का मिथक एक आम है. आपके डिवाइस में कितनी मात्रा में चार्ज जा रहा है, यह कोई समस्या नहीं है, क्योंकि डिवाइस ज़्यादा स्मार्ट होते हैं जो एक बार फुल होने पर चार्ज लेना बंद कर देते हैं, बस 100 प्रतिशत रहने के लिए ज़रूरत के हिसाब से टॉप अप करते हैं.इसलिए हो सकती है दिक्कत: समस्या तब होती है जब बैटरी ज़्यादा गरम हो जाती है, जिससे नुकसान हो सकता है. इससे बचने के लिए रात भर चार्ज करते समय अपने फोन पर लगे किसी भी केस को हटाना सबसे अच्छा है. फोन को सपाट, सख्त सतह पर छोड़ना भी सबसे अच्छा होता है ताकि गर्मी आसानी से दूर हो सके. इसलिए अपने फोन को रात भर चार्ज करना पूरी तरह से सुरक्षित है, बस यह सुनिश्चित कर लें कि यह ओवरहीट न हो. इसके अलावा आजकल तो फोन इतनी तेजी से चार्ज हो सकते हैं कि असल में आपको इसे 7-8 घंटे तक चार्ज करने की जरूरत ही नहीं है.
डिजिटल भारत l श्रीमद्भागवत कथा मनुष्य की सभी इच्छाओं को पूरा करती है। यह कल्पवृक्ष के समान है। भागवत कथा ही साक्षात कृष्ण है और जो कृष्ण है, वही साक्षात भागवत है। भागवत कथा भक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है। इस संसार में जो भगवान का भजन न कर सके वह सबसे बड़ा भाग्यहीन है। भगवान इस धरती पर बार-बार इसलिए आते हैं ताकि हम कलयुग में उनकी कथाओं का आनंद ले सकें और कथाओं के माध्यम से अपना चित्त शुद्ध कर सकें। भागवत कथा चुंबक की तरह काम करती है जो मनुष्य के मन को अपनी ओर खींचती है। इसके माध्यम से हमारा मन भगवान से लग जाता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा सुनने मात्र से ही जीव का कल्याण हो जाता है। व्यास जी ने जब भगवत प्राप्ति का ग्रंथ लिखा, तब भागवत नाम दिया गया। बाद में इसे श्रीमद्भागवत नाम दिया गया। ऐसे कृष्ण की भगती में लीन होने के लिए भेड़ाघाट में कल कलश यात्रा से श्रीमद भगवत कथा का आयोजन किया गया है कथा हर्ष मैरिज गार्डन रेलवे स्टेशन रोड भेड़ाघाट जबलपुर में आयोजित की जा रही है जिसकी कथा वाचक अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्राची देवी है जिनके मुखारबिंद से कथा सुनाये जाएगी आज भागवत का पहला दिन जिसमे भगवत के महत्व को बताते हुए भगवत भागती का वर्णन किया जाएगा जिसका लाइव प्रसारण आस्था चैनल 19 फरवरी ( यानि आज से ) पर किया जाएगा इसी के साथ ये यूट्यूब चैनल पर भी लाइव प्रसारण किया जाएगा भागवत के आयोजकों व संयोजक अलोक तिवारी, अतुल तिवारी व शैलेन्द्र तिवारी ने स्थानीये लोगो से अनुरोध करके कहा कि वे अधिक से अधिक संख्या में पधार कर भागवत रस का पान करें इसकी शुरुआत 18 फरवरी को कलश यात्रा से हुई जिसमे 51 कलशो को महिलाओं और कन्न्याओ के सर पे रख कर भेड़ाघाट के शिल्पी नगर से प्रारंभ करके भागवत प्रांगण तक ले जाया गया जिनकी मंत्रो से स्थापना की गई
कथा वाचक पूज्य प्राची देवी ने कथा का महत्व बता कर सभी को कथा सुनने के लिए आमंत्रित किया कथा की 7 दिन की कहा कि विषय सूची इस प्रकार है पहला दिन कथा महत्व व भागवत महिमा, दूसरा दिन श्रीमद्भागवत के विशाल स्वरूप वर्णन, कुंती द्वारा की गई स्तुति, राजा परीक्षित जन्म, सती चरित्र, तीसरा दिन 21 फरवरी जड़भरत कथा, अजामिल कथा, पहलाद कथा, चौथा दिन 22 फरवरी समुद्र मंथन, राजा बलि का प्रसंग, गंगा अवतरण “कृष्ण जन्म”, पांचवा दिन 23 फरवरी भगवान श्री कृष्ण की लीलाएं, गोवर्धन पूजन छप्पन भोग, छटवा दिन 25 फरवरी रास लीला, कंस वध,उद्धव प्रसंग, रुक्मणी विवाह , सातवा व आखरी दिन सुदामा चरित्र, दत्तात्रेय आख्यान, भगवान का गोलोक गमन, परीक्षित मोक्ष, तुलसी वर्षा, व्यास पूजन कथा पूर्ण
हम सब स्वयं अपना निरीक्षण करने के बजाय दूसरों के निरीक्षण में ज्यादा रुचि और ध्यान रखते हैं। याद रखें दूसरों का मूल्यांकन करने वाला सदैव दुखी रहता है। श्रीमद् भागवत केवल कथा नहीं, मन को सुंदर और शुद्ध बनाने का सशक्त माध्यम है। यह ऐसा दर्पण है, जिसमें हमें अपनी कमियां भी दिखाई दे सकती हैं। हम कितने शुद्ध और निर्मल हैं, इसका आकलन करना है तो भागवत की शरण में जरूर बैठे। भागवत आत्म निरीक्षण करना सिखाती है। स्वच्छता बाहर की होती है और पवित्रता अंदर की। हम कितने स्वच्छ और कितने पवित्र हैं, इसका अंदाजा हमें भागवत के श्रवण से ही मिलेगा। राम और कृष्ण इस देश के आधार स्तंभ हैं। इनके बिना भारत भूमि की कल्पना करना भी संभव नहीं है।
डिजिटल भारत I मनीष सिसोदिया ने दिल्ली बजट का हवाला देकर सीबीआई से फरवरी के बाद पेश होने की मोहलत मांगी थी. अब सीबीआई इस मामले में उन्हें नए सिरे से समन जारी करेगी. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दिल्ली शराब नीति मामले में पूछताछ के लिए रविवार 19 फरवरी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के कार्यालय में बुलाया गया था. उन्होंने बजट बनाने की बात कहकर सीबीआई से थोड़ा और समय देने की मांग की. अब इस मामले में सिसोदिया ने एक और बड़ा दावा किया है. उनका कहना है कि अगर आज उनसे पूछताछ की जाती तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता था सिसोदिया ने कहा ‘मुझे आज गिरफ्तार किया जा सकता था’ आप नेता ने दावा किया कि उन्हें डर है कि बीजेपी उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दे सकती है. उन्होंने कहा, ‘मैं गिरफ्तारी से नहीं डरता और सवालों से नहीं भागता”. उन्होंने बजट का हवाला देते हुए केंद्रीय एजेंसी से पूछताछ को किसी और तारीख तक टालने का अनुरोध किया है. अब सीबीआई इस मामले में उन्हें नए सिरे से समन जारी करेगी.
इस मामले में चार्जशीट दाखिल होने के करीब तीन महीने बाद सिसोदिया को रविवार 19 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. दिल्ली सरकार के वित्त मंत्री होने के नाते उन्होंने कहा कि वह बजट बनाने में व्यस्त हैं, इसलिए एक सप्ताह के बाद पूछताछ के लिए उपलब्ध हो सकेंगे.
आबकारी विभाग का प्रभार भी संभालने वाले आप नेता से पिछले साल 17 अक्टूबर को पूछताछ की गई थी और मामले के सिलसिले में उनके घर और बैंक लॉकरों की भी तलाशी ली गई थी. चार्जशीट में उन्हें आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया है क्योंकि उनके और अन्य संदिग्धों के खिलाफ जांच अभी भी चल रही है.
सीबीआई ने शनिवार 18 फरवरी को सिसोदिया के खिलाफ ताजा सबूतों के आधार पर उन्हें समन जारी किया था. यह मामला आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है.
डिजिटल भारत l आर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया में बनाए जा रहे बमों का प्रदर्शन बेंगलुरु में आयोजित एयरो इंडिया 2023 में किया गया।इस दौरान देश की विभिन्ना आयुध निर्माता कंपनियों ने अपने उत्पादों को रखा। एमआइएल के सीएमडी रविकांत भी 14 से 16 फरवरी तक आयोजित शो में भाग लेने के लिए बेंगलुरु में मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि देश की विभिन्ना आयुध निर्माणियों में एमआइएल द्वारा निर्मित कराए गए पांच उत्पादों को इस शो में प्रदर्शित किया गया। इनमें 250 केजी, 245 केजी, 1000 पाउंडर और 500 केजीजीपी बम शामिल रहे।
ओएफके में बने जो बम एयरो इंडिया में प्रदर्शित किए गए वो वायुसेना के अत्यंत उपयोगी हैं। 500 केेजीजीपी बम को छोड़कर वायुसेना सभी बमों का उपयोग कर चुकी है। इसलिए भारतीय वायुसेना के लिए तो वो बम परिचय की विषयवस्तु नहीं हैं, लेकिन विदेशों से जो प्रतिनिधि इस एयर शो में भाग लेने आए उनके लिए एमआइएल के उत्पाद खास रहे। फिलहाल यह तो साफ नहीं हो पाया है कि ओएफके के किसी उत्पाद को विदेश से आर्डर मिलने की दिशा में बात आगे बढ़ी है या नहीं, लेकिन बेंगलुरु में उनका प्रदर्शन निर्माणी के लिए बड़ी बात है।
एमआइएल के दो खास ड्रोन
सीएमडी रविकांत ने बताया कि एमआइएल दो तरह के ड्रोन भी बना रही है। एक ड्रोन 100 किलोमीटर दूर तक जाकर अपने लक्ष्य को निशाना बनाकर खुद समाप्त होने वाला है। जबकि दूसरा ऐसा है जो दुर्गम इलाकों में 18 किलोमीटर दूर तक जाकर 50 किलो वजनी आयुध सामग्री पहुंचा सकता है।
ऐसा है थाउजेंड पाउंडर बम
यह इतना घातक है कि पलक झपकते ही किसी भी बड़े भवन को ढेर में तब्दील कर सकता है। इस बम में आरडीएक्स के साथ कई अन्य प्रकार के प्रोपलेन मिलाए जाते हैं। इस बम का उपयोग वायु सेना ही नहीं बल्कि थल और जल-सेना भी करती है। देश में सिर्फ आयुध निर्माणी खमरिया ही सेना के लिए इस तरह के बमों का निर्माण करती है।
500 केजी जीपी बम
यह बम आर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया के सबसे अपडेटेेड हैं। इनहें 500 किलोग्राम जनरल परपज बम भी कहा जाता है। इसका उपयोग वायुसेना ही करती है। इस बम की विशेषता है कि जहां भी लक्ष्य करके इस बम का इस्तेमाल होता है, वहां 200 मीटर के दायरे में यह सब कुछ समाप्त कर देता है और वहां करीब 25 मीटर गहरा गड्ढा हो जाता है।
डिजिटल भारत l हिंदी के मशहूर कवि हरिवंश राय बच्चन और बॉलीवुड के अभिनेता अमिताभ बच्चन की मां तेजी बच्चन का नाम तो हर कोई जानता है। पति हिंदी साहित्य के धुरंधर और बेटे अभिनय के शहनशाह हैं, लेकिन तेजी बच्चन इस परिचय से अलग अपनी पहचान रखती हैं। तेजी बच्चन को एक समाज सेविका और मनोविज्ञान प्रोफेसर के तौर पर भी जाना जाता है। 12 अगस्त 1914 में जन्मी तेजी बच्चन का आज के दिन निधन हुआ था। 21 दिसंबर 2007 को 93 साल की उम्र में तेजी बच्चन ने दुनिया को अलविदा कह दिया था। लोग तेजी बच्चन को अमिताभ के मां के तौर पर जानते हैं लेकिन तेजी बच्चन अपने आप में ही एक बड़ा व्यक्तित्व हैं। वह एक सरल व्यवहार, कुशल सामाजिक कार्यकर्ता थीं। तेजी बच्चन और इंदिरा गांधी के बीच अच्छी दोस्ती थी अमिताभ बच्चन (जन्म-11 अक्टूबर, 1942) भारतीय फिल्म जगत बॉलीवुड के अभिनेता और प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन के सुपुत्र हैं[12]। 1970 के दशक के दौरान उन्होंने बड़ी लोकप्रियता प्राप्त की[13] और तब से भारतीय सिनेमा के इतिहास में प्रमुख व्यक्तित्व बन गए[14]। अमिताभ ने अपने करियर में अनेक पुरस्कार जीते हैं, जिनमें दादासाहेब फाल्के पुरस्कार, तीन राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और बारह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार सम्मिलित हैं। उनके नाम सर्वाधिक सर्वश्रेष्ठ अभिनेता फ़िल्मफेयर अवार्ड का रिकार्ड है। अमिताभ ने फ़िल्मों में अपने कैरियर की शुरूआत ख्वाज़ा अहमद अब्बास के निर्देशन में बनी फिल्म सात हिन्दुस्तानी के सात कलाकारों में एक कलाकार के रूप में की,[19] उत्पल दत्त, मधु और जलाल आगा जैसे कलाकारों के साथ अभिनय कर के। फ़िल्म ने वित्तीय सफ़लता प्राप्त नहीं की पर बच्चन ने अपनी पहली फ़िल्म के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ नवागंतुक का पुरूस्कार जीता।[20]इस सफल व्यावसायिक और समीक्षित फ़िल्म के बाद उनकी एक और आनंद (१९७१) नामक फ़िल्म आई जिसमें उन्होंने उस समय के लोकप्रिय कलाकार राजेश खन्ना के साथ काम किया। डॉ॰ भास्कर बनर्जी की भूमिका करने वाले बच्चन ने कैंसर के एक रोगी का उपचार किया जिसमें उनके पास जीवन के प्रति वेबकूफी और देश की वास्तविकता के प्रति उसके दृष्टिकोण के कारण उसे अपने प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक कलाकार का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। नवंबर 2005 में, अमिताभ बच्चन को एक बार फिर लीलावती अस्पताल की आईसीयू में विपटीशोथ के छोटी आँत [54] की सर्जरी लिए भर्ती किया गया। उनके पेट में दर्द की शिकायत के कुछ दिन बाद ही ऐसा हुआ। इस अवधि के दौरान और ठीक होने के बाद उसकी ज्यादातर परियोजनाओं को रोक दिया गया जिसमें कौन बनेगा करोड़पति का संचालन करने की प्रक्रिया भी शामिल थी। भारत भी मानो मूक बना हुआ यथावत जैसा दिखाई देने लगा था और इनके चाहने वालों एवं प्रार्थनाओं के बाद देखने के लिए एक के बाद एक, हस्ती देखने के लिए आती थीं। इस घटना के समाचार संतृप्त कवरेज भर अखबारों और टीवी समाचार चैनल में फैल गए। अमिताभ मार्च २००६ में काम करने के लिए वापस लौट आए।[5
बाराबंकी भूमि प्रकरण के लिए भागदौड़ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव, २००७, अमिताभ बच्चन ने एक फ़िल्म बनाई जिसमें मुलायम सिंह सरकार के गुणगाणों का बखान किया गया था। उसका समाजवादी पार्टी मार्ग था और मायावती सत्ता में आई। २ जून, २००७, फैजाबाद अदालत ने इन्हें आदेश दिया कि इन्होंने भूमिहीन दलित किसानों के लिए विशेष रूप से आरक्षित भूमि को अवैध रूप से अधिग्रहीत किया है।[57] जालसाजी से संबंधित आरोंपों के लिए इनकी जांच की जा सकती है। जैसा कि उन्होंने दावा किया कि उन्हें कथित तौर पर एक किसान माना जाए[58] यदि वह कहीं भी कृषिभूमि के स्वामी के लिए उत्तीर्ण नहीं कर पाते हैं तब इन्हें 20 एकड़ फार्महाउस की भूमि को खोना पड़ सकता है जो उन्होंने मावल पुणे.[57] के निकट खरीदी थी। १९ जुलाई २००७ के बाद घेटाला खुलने के बाद बच्चन ने बाराबंकी उत्तर प्रदेश और पुणे में अधिग्रहण की गई भूमि को छोड़ दिया। उन्होंने महाराष्ट्र, के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख को उनके तथा उनके पुत्र अभिषेक बच्चन द्वारा पुणे[59] में अवैध रूप से अधिग्रहण भूमि को दान करने के लिए पत्र लिखा। हालाँकि, लखनऊ की अदालत ने भूमि दान पर रोक लगा दी और कहा कि इस भूमि को पूर्व स्थिति में ही रहने दिया जाए। राज ठाकरे की आलोचना जनवरी 2008 में राजनीतिक रैलियों पर, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने अमिताभ बच्चन को अपना निशाना बनाते हुए कहा कि ये अभिनेता महाराष्ट्र की तुलना में अपनी मातृभूमि के प्रति अधिक रूचि रखते हैं। उन्होंने अपनी बहू अभीनेत्री एश्वर्या राय बच्चन के नाम पर लड़कियों का एक विद्यालय महाराष्ट्र[64] के बजाय उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में उद्घाटन के लिए अपनी नामंजूरी दी.मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमिताभ के लिए राज की आलोचना, जिसकी वह प्रशंसा करते हैं, अमिताभ के पुत्र अभिषेक का ऐश्वर्या के साथ हुए विवाह में आमंत्रित न किए जाने के कारण उत्पन्न हुई जबकि उनसे अलग रह रहे चाचा बाल और चचेरे भाई उद्धव को आमंत्रित किया गया था।[ पुरस्कार :
1) पद्म भूषण 2) फिल्म फेयर पुरस्कार 3) राष्ट्रीय पुरस्कार 4) पदमश्री