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एक भारत उत्कृष्ट भारत

कोई फ्लाइट में पेशाब करता है; फिर भी लोग पूछते हैं महिलाएं गुस्सा क्यों करती हैं ? बात है शिष्टाचार व सभ्यता की

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डिजिटल भारत l अब जब बात चली ही है कि जरा ट्रेनों की भी बात कर लें, जहां लड़कियां 90 फीसदी बार अकेले नहीं, बल्कि पूरे परिवार के साथ सफर करती हैं। हिंदुस्‍तान की ट्रेनों में स्‍लीपर से लेकर फर्स्‍ट क्‍लास तक के टॉयलेट में औरतों के शरीर की जो एनाटॉमी होती है, उसकी मिसाल दुनिया के किसी रेलवे सिस्‍टम में नहीं मिलेगी।

एक चार-पांच साल की बच्‍ची से लेकर 70 साल की बूढ़ी महिला तक ट्रेन के उस टॉयलेट में जाती हैं, जिसमें कोई आदमी किसी महिला के जननांगों का चित्र बनाकर कोई घटिया सी गाली लिखकर चला गया होता है या फिर अपना मोबाइल नंबर डालकर।

वो भले सीधे किसी महिला को अपमानित ना कर रहा हो, लेकिन इन वाकयों से गुजरने वाली हर लड़की, हर औरत खुद को अपमानित ही महसूस करती है।

और ये अनुभव सिर्फ बस, टैंपो और ट्रेन तक ही सीमित नहीं हैं। क्‍या हवाई जहाज और क्‍या हवाई जहाज का फर्स्‍ट क्‍लास बिजनेस सेक्‍शन। कोई भी स्त्रियों के खिलाफ छिपी हुई हिंसा से अछूता नहीं है।

संसार में कोई ऐसी जगह नहीं, जहां औरतों के लिए सुरक्षा की सौ फीसदी गारंटी हो। बिजनेस क्‍लास में भी कोई पेशाब करके चला जाएगा और आप बिलकुल अकेली निहत्‍थी ये सोचती रहेंगी कि आखिर मेरा अपराध क्‍या था।

औरतों का सिर्फ एक ही अपराध है कि वो औरत हैं।आज भी इस देश में अकेले यात्रा करने वाली स्त्रियों की संख्‍या कितनी है। भारत उन देशों में से है, जिसे दुनिया के कई देशों ने सोलो ट्रैवलर महिलाओं के लिए रेड फ्लैग कर रखा है। निर्भया केस के बाद तो बाकायदा चेतावनी जारी की गई थी कि महिलाएं अकेले घूमने के लिए हिंदुस्‍तान न जाएं।

बाहर की महिलाओं का क्‍या, इस देश की महिलाएं भी अपने ही देश के भीतर कहां सुरक्षित महसूस करती हैं। थोड़ा अंधेरा हो जाए, थोड़ा रास्‍ता सूनसान हो तो किसी अनहोनी की आशंका से दिल बैठने लगता है। सफर में, रास्‍ते में किसी मर्द का होना सुरक्षा का एहसास नहीं कराता, बल्कि और ज्‍यादा डरा देता है।

यह वो देश है, जहां हर चौथे वाक्‍य में औरत की पूजा करने की बात की जाती है। हर आठवें दिन कोई न कोई नेता अपने भाषण में नारी की मर्यादा और सम्‍मान का ज्ञान देने लगता है। और हर चौथे महीने उसी नारी को अपमानित करने वाला कोई बयान, कोई वाकया सामने आ जाता है।

इसके बावजूद आपको लगता है कि औरतों को गुस्‍सा क्‍यों आता है। आपका सवाल ही गलत है। आपको ये नहीं पूछना चाहिए कि औरतों को इतना गुस्‍सा क्‍यों आता है। आपको तो ये पूछना नहीं कि इतनी तकलीफ, इतने अपमान, इतनी पीड़ा के बाद भी इतना कम गुस्‍सा क्‍यों आता है।

बिहार में पहली बार वर्जिनिटी सर्जरी शुरू होने के बाद से पिछले 10 दिनों में डेढ़ सौ लड़कियां सर्जरी के लिए रजिस्‍ट्रेशन करवा चुकी हैं और 5000 से ज्‍यादा लड़कियां इस बात की इंक्‍वायरी कर चुकी हैं।

शिक्षा और नौकरी में अपना वाजिब हक मांग रही, घर से बाहर निकलकर कॉलेज जा रही, नौकरी कर रही लड़कियों के लिए अब शादी से पहले संबंध बनाना कोई बड़ी बात नहीं, लेकिन फिर भी उन्‍हें डर है कि शादी की रात उनसे उनकी पवित्रता का सुबूत मांगा जाएगा।

उन्‍होंने प्रेम तो किया, देह के सुख-दुख को महसूस भी किया, लेकिन अब भी इतनी आजादी और ईमानदारी की जगह नहीं है कि वो खुलकर इस बात को स्‍वीकार कर सकें।

वो अपने साथ और रिश्‍ते के साथ ईमानदार हों सकें। वो पवित्रता का सबूत मांगने वाले जाहिल लड़कों को रिजेक्‍ट कर सकें। वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांग रहे लड़के से पलटकर पूछ सकें- मेरी पवित्रता का सुबूत मांगने से पहले ये बताओ कि तुम कितने पवित्र हो। पहले अपनी पवित्रता का सुबूत पेश करो।

सही और गलत का, नैतिक और अनैतिक का नियम औरत और मर्द के लिए दो अलग- अलग नियम तो नहीं हो सकता। जो मेरे लिए गलत है, वो तुम्‍हारे लिए भी गलत है और जो तुम्‍हारे लिए सही, वो मेरे लिए भी सही।

लेकिन पितृसत्‍ता की ये पूरी इमारत इसी बुनियाद पर खड़ी है कि औरत का उसके शरीर पर कोई हक नहीं। वो पिता और पति की संपत्ति है।

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साउथ अफ्रीका में अंडर-19 टी-20 महिला वर्ल्ड कप हुआ शुरू

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डिजिटल भारत l संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और बांग्लादेश ने जीत से शुरुआत की है। जबकि संयुक्त राष्ट्र अमेरिका (USA) को श्रीलंका ने 7 विकेट से हराया है।

इस टूर्नामेंट में UAE और USA की टीमें मुख्य आकर्षण का केंद्र हैं, क्योंकि इन दोनों टीमों के सारे खिलाड़ी भारतीय मूल हैं। अहम बात यह कि टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही 240 खिलाड़ियों में से 45 भारतीय मूल की हैं। गीतिका कोडाली, अनिका रेड्डी कोलन, भद्रिराजू, लास्य प्रिया मुल्लापुदी और साई तन्मयी आईयुन्नी तेलुगू हैं। कस्तूरी वेदांतम को भी रिजर्व खिलाड़ियों में शामिल किया है।

इस स्टोरी में आप USA और UAE टीमों के पहले मैच में शामिल भारतीय मूल की खिलाड़ियों का करियर…फिर हम जानेंगे कुछ अन्य खिलाड़ियों की सक्सेस स्टोरी। इनमें से अधिकांश खिलाड़ियों के परिजन अपना करियर बनाने के लिए अमेरिका और UAE गए थे।

तो आइए सबसे पहले बात करते हैं दोनों टीमों की कप्तानों के बारे में…

चेन्नई की तीर्था सतीश ने तमिल फिल्म देख क्रिकेट खेलना शुरू किया
UAE की कप्तान तीर्था सतीश चेन्नई में जन्मी हैं। हालांकि, उनका परिवार UAE में रहता है। तीर्था ने तमिल फिल्म ‘काना’ देखकर प्रोफेशनल क्रिकेट खेलना शुरू किया। यह फिल्म एक किसान की बेटी की कहानी थी, जो क्रिकेट वर्ल्ड कप खेलना चाहती है। 18 साल की विकेटकीपर बल्लेबाज तीर्था IPL फ्रेंचाइजी CSK की फैन हैं। 2021 में डेब्यू करने वाली तीर्था 33 मैच खेल चुकी हैं।

11 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रही हैं गीतिका
भारतीय मूल की गीतिका गोडाली को अमेरिका की महिला टीम का कप्तान बनाया गया है। गीतिका जब 11 साल की थी, तब से क्रिकेट खेल रही हैं। गीतिका के पिता प्रशांत कोडाली और मां माधवी अमेरिका में रहते हैं। गीतिका का जन्म कैलिफॉर्निया में हुआ। 18 वर्षीय ऑलराउंडर गीतिका वेस्टइंडीज के ‘सिक्स्टी’ टूर्नामेंट में भी खेल चुकी हैं। सपना महिला आईपीएल में खेलने का है।
अमेरिकी टीम की उप कप्तान हैं। 9 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रही हैं। जब वो छोटी थी तो गैरेज में क्रिकेट खेलती थी। उनके पिता ही कोच बन गए। अनिका के भाई क्यूरेटर, कोच और किट देने वाले बन गए।
विकेटकीपर बल्लेबाज हैं और टॉप ऑर्डर में बैटिंग करती हैं। उनके साथ उन्हें निक्स के नाम से पुकारते हैं। 16 साल की अनिका के दोस्त उन्हें निक्स कहकर बुलाते हैं। बेंगलुरू में कर्नाटक क्रिकेट संस्थान में भारतीय सरजमीं पर अपना पहला अर्धशतक जड़ना उनके करियर का यादगार पल है।

UP में जन्मी हैं, जिम्बॉब्वे के खिलाफ डेब्यू मिला
उत्तर प्रदेश में जन्मी स्निग्धा पॉल सिर्फ 16 साल की हैं। स्निग्धा ने जिम्बॉब्वे के खिलाफ टी20 डेब्यू किया था और आखिरी मैच यूएई के खिलाफ खेला था।

हरियाणा की हैं, आखिरी टाइम में टीम में मौका मिला
हरियाणा की तरनम चोपड़ा का जन्म 19 नवंबर 2006 को हुआ था। उनका नाम आखिरी समय में यूएसए की टीम में शामिल किया गया है। तरनम ने पिछले साल जिम्बॉब्वे के खिलाफ अपना टी20 डेब्यू किया।

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फिल्म के प्रमोशन के लिए मेकर्स ने बनाया ये खास प्लान बुर्ज खलीफा पर दिखाया जाएगा ‘पठान’ का ट्रेलर

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डिजिटल भारत l शाहरुख खान की फिल्म पठान लंबे समय में भारत में रिलीज होने वाली सबसे प्रत्याशित फिल्मों में से एक बन गई है. फिल्म में किंग खान के साथ अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और अभिनेता जॉन अब्राहम मुख्य भूमिका में हैं.

शाहरुख खान की फिल्म पठान लंबे समय में भारत में रिलीज होने वाली सबसे प्रत्याशित फिल्मों में से एक बन गई है. फिल्म में किंग खान के साथ अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और अभिनेता जॉन अब्राहम मुख्य भूमिका में हैं. बीते दिनों फिल्म पठान का ट्रेलर रिलीज हुआ था,

जिसे दर्शकों और शाहरुख खान के फैंस का काफी प्यार मिल रहा है. इस बीच फिल्म पठान के ट्रेलर को दुनिया की सबसे लंबी बिल्डिंगों में से एक बुर्ज खलीफा पर भी दिखाया जाएगा.

इसके लेकर यश राज फिल्म्स के इंटरनेशनल डिस्ट्रीब्यूशन के वाइस प्रेसिडेंट नेल्सन डिसूजा ने कहा है कि पठान इस वक्त की सबसे बड़ी फिल्मों में से एक है और इस तरह की फिल्म को दर्शकों के सामने पेश करने के लिए सबसे भव्य तरीके से रखा जाना चाहिए

ऐसे में दुबई ने शाहरुख खान और पठान का जश्न मनाने का फैसला किया और फिल्म के ट्रेलर को बुर्ज खलीफा पर दिखा जाएगा. गौरतलब है कि इन दिनों शाहरुख खान इंटरनेशनल लीग टी20 के लिए संयुक्त अरब अमीरात में हैं.

ऐसे में फिल्म पठान के ट्रेलर को बुर्ज खलीफा पर शाहरुख की मौजूदगी में दिखाया जाएगा. आपको बता दें कि यश राज फिल्म्स की ओर से निर्माण पठान, 25 जनवरी, 2023 को हिंदी, तमिल और तेलुगु में रिलीज़ होने के लिए तैयार है.

इस फिल्म से शाहरुख खान 4 साल बाद बड़े पर्दे पर लौट रहे हैं. उन्हें आखिरी बार फिल्म जीरो में देखा गया था, जो साल 2018 में आई थी. इस फिल्म में शाहरुख खान के साथ अभिनेत्री अनुष्का शर्मा और कैटरीना कैफ थी. हालांकि फिल्म जीरो बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से फ्लॉप साबित हुई थी.

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जम्मू-कश्मीर में मई तक चुनाव संभव:

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जम्मू-कश्मीर में चुनावी सियासत गरमा रही है। सूत्रों के अनुसार मई तक यहां चुनाव हो सकते हैं। भाजपा महासचिव बीएल संतोष नेहाल में एक अहम बैठक लेकर पार्टी कैडर को चुनावी माेड पर आने के निर्देश दिए हैं।

जम्मू-कश्मीर में चुनाव को लेकर राजनितिक पार्टियों की तैयारियां…

पीडीपी: जम्मू की फिक्र का राग अलाप कर महबूबा का बड़ा दांव
पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती पार्टी की नियमित रूप से छोटी-छोटी रैलियां कर रही हंै। महबूबा के स्टैंड में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। वेइन दिनों भाजपा पर जम्मू की उपेक्षा का आरोप लगा रही हैं। उनका ये दांव जम्मू क्षेत्र में पीडीपी का आधार बढ़ाने के लिए है।

कांग्रेस:राहुल गांधी की यात्रा से कश्मीर में पार्टी को फायदे की

भारत जोड़ो यात्रा के राज्य में आने और गुलाम नबी आजाद की पार्टी से कई नेताओं की पार्टी में वापसी से कांग्रेस उत्साहित दिख रही है।प्रदेशाध्यक्ष रसूल वानी का कहना है कि 20 जनवरी को आने वाली भारत जोड़ो यात्रा से पार्टी का जनाधार बढ़ेगा।

नेशनल कॉन्फ्रेंस: चुनाव को हक बता रही, बहिष्कार से इनकार
चुनावों के संभावित ऐलान को पार्टी जनता का हक बता रही है। रणनीति यह मैसेज देना है कि चुनाव का ऐलान करना भाजपा की ओरसे कश्मीरियों को सौगात नहींं है। उमर अब्दुल्ला ने चुनाव लड़ने का ऐलान तो किया है पर गुपकार गठबंधन पर रुख नहीं बताया।

आजाद पार्टी: दलबदलुओं से परेशान, अभी रणनीति का ऐलान नहीं
पूर्व सीएम गुलाम नबी की डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी का शुरुआती जोश ठंडा है। पार्टी नेतृत्व दल-बदल से जूझ रहा है। सभी क्षेत्रों मेंपार्टी का संगठनात्मक ढांचा भी तैयार नहीं है। पार्टी ने अभी तक चुनावी रणनीति की घोषणा नहीं की है।

आप: पंजाब की सफलता को जम्मू क्षेत्र में भी भुनाने की तैयारी की जा रही है
आम आदमी पार्टी हाल में पंजाब में चुनावी सफलता को जम्मू में भुनाने की तैयारी में जुटी है। आप को उम्मीद है कि पंजाब का असरजम्मू में भी पड़ेगा। पार्टी उपाध्यक्ष नजीर यतू ने जल्द चुनाव की मांग की है।

भाजपा और अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी केबीच नजदीकियां बढ़ने और गठबंधन की संभावना से घाटी में नए समीकरण बन सकते हैं। भाजपा की कवायद को देख कर अन्यपार्टियां भी तैयारियों में जुट गई हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), पीडीपी और कांग्रेस विधानसभा क्षेत्रों में फैले अपने-अपने नेताओं कोएक्टिव कर रही हैं। चुनावी सुगबुगाहट के बीच राज्य में गठबंधन की राजनीति की तस्वीर फिलहाल स्पष्ट नहीं हैं। एनसी और पीडीपी केबीच गुपकार गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने पर दोनों पार्टियों के नेता बयान देने से बच रहे हैं।

श्रीनगर में रविवार शाम करीब 6 बजे हवाल चौक में आतंकियों ने CRPF के बंकर पर ग्रेनेड से हमला किया। इस हमले में जवानों कोतो कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन एक नागरिक समीर अहमत मल्ला घायल हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहालइसकी कोई तस्वीर सामने नहीं आई है।

दूसरी घटना: पुलवामा में जवान से राइफल छीनी 

रविवार सुबह पौने 12 बजे दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के राजपोरा इलाके में CRPF के जवान से AK-47 राइफल छीन ली गई।राइफल छीनने वाला युवक 25 साल का इरफान बशीर गनी है। शाम तक राइफल छीनने वाले युवक को उसके परिवार के लोग लेकरथाने पहुंचे और हथियार वापस किया। इससे पहले आतंकियों ने 183 बटालियन के एक जवान से AK-47 राइफल छीनी थी।

जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों से जुड़ी अन्य खबरें भी पढ़ें…

2022 में कश्मीर में 172 टेररिस्ट मारे गए, आतंकियों ने 3 कश्मीरी पंडितों सहित 29 लोगों की हत्या की

कश्मीर में आतंकियों के साथ साल 2022 में सुरक्षाबलों की 93 मुठभेड़ हुई, जिनमें 172 आतंकी मारे गए। इनमें 42 विदेशी थे। वहीं, आतंकवादियों ने इस साल 29 नागरिकों की हत्या कर दी, जिनमें से 3 कश्मीरी पंडितों सहित 6 हिंदू थे। कश्मीर के ADGP विजयकुमार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि मारे गए आतंकियों में सबसे ज्यादा 108 आतंकी लश्कर-ए-तैयबा औरइसी से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट के थे।

आतंकवादियों की भर्ती में 37% की गिरावट
विजय कुमार ने कहा कि इस साल आतंकवादियों की भर्ती में पिछले साल की तुलना में 37% की गिरावट हुई है, जो अब तक सबसेज्यादा है। सबसे अधिक 74 आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुए, इनमें से 65 आतंकवादियों को मुठभेड़ में खत्म कर दियागया। इन 65 में से 58 आतंकी यानी 89% संगठन में शामिल होने के पहले महीने में ही मार दिए गए।

वहीं, 17 आतंकवादी गिरफ्तार किए गए हैं। फिलहाल घाटी में इस साल भर्ती हुए 18 आतंकवादी एक्टिव हैं। सुरक्षाबलों ने इस सालमुठभेड़ों और सर्च ऑपरेशन के दौरान 360 हथियार बरामद किए हैं। इसमें 121 AK सीरीज की राइफलें, 8 M4 कार्बाइन और 231 पिस्तौल शामिल हैं।

कश्मीर में इस साल 26 जवान शहीद
आतंकियों ने इन साल कश्मीर में 29 लोगों की हत्या की है। जिसमें 21 स्थानीय निवासी और 8 प्रवासी मजदूर थे। स्थानीय लोगों में 3 कश्मीरी पंडितों सहित 6 हिंदू और 15 मुस्लिम थे। आतंकियों के साथ मुठभेड़ों में जम्मू-कश्मीर पुलिस के 14 जवानों सहित 26 सुरक्षाबलों के जवान शहीद हुए हैं।

जम्मू-कश्मीर में एनकाउंटर से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए…
जम्मू में 4 आतंकवादी ढेर, ट्रक में छिपकर आए थे तलाशी के दौरान फायरिंग करने लगे

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फिल्म कुत्ते नें की ओपनिंग डे पर महज 1.5 करोड़ की कमाई, नहीं चली फ़िल्म

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डिजिटल भारत l मल्टी स्टारर फिल्म कुत्ते बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हो चुकी है। डायरेक्टर विशाल भारद्वाज के बेटे आसमान भारद्वाज के डायरेक्शन मेंबनी इस फिल्म का फर्स्ट डे कलेक्शन सामने आ चुका है। शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक फिल्म ने पहले दिन सिर्फ 1.5 करोड़ रुपए काकलेक्शन किया है, जो कि बेहद निराशाजनक है। अर्जुन कपूर, तब्बू, राधिका मदान और नसीरुद्दीन शाह जैसे एक्टर्स से सजी इसफिल्म से उम्मीद की जा रही थी कि पहले दिन कुत्ते का कलेक्शन तकरीबन 8 से 10 करोड़ का होगा, लेकिन फिल्म ऐसा करने मेंअसफल रही है। जहां एक तरफ रीजनल फिल्में बॉक्स ऑफिस पर दमदार कलेक्शन कर रही हैं, वहीं पहले दिन इस बॉलीवुड फिल्म केआंकड़े भी मायूस कर देने वाले हैं।

थुनिवु का बॉक्सऑफिस कलेक्शन
अजीत कुमार और मंजू वारियर स्टारर फिल्म थुनिवु ने तीसरे दिन इंडियन बॉक्स ऑफिस पर 9.9 करोड़ का बिजनेस किया है। केवलतमिलनाडु में ही फिल्म ने 8.55 करोड़ का कलेक्शन किया। वहीं तेलंगाना में 0.33, कर्नाटक में 0.8 केरल में 0.2 करोड़ और बाकीराज्यों में फिल्म ने 10 लाख रुपए की कमाई की। ओपनिंग डे की बात करें तो थुनिवु ने 24.59 का कलेक्शन किया था।

बॉक्स ऑफिस पर रीजनल सिनेमा का जलवा
थलपति विजय और रश्मिका मंदाना स्टारर वारीसु लगातार तीसरे दिन भी बॉक्स ऑफिस पर बेहतर परफॉर्म कर रही है। फिल्म नेशुक्रवार को इंडिया में करीब 11 करोड़ का कलेक्शन किया है, वहीं तीसरे दिन वर्ल्ड वाइड फिल्म में 15 करोड़ की कमाई की है। केवलतमिलनाडु में ही फिल्म ने 9 करोड़ रुपए कमाए हैं। वहीं कर्नाटक में करीब 80 लाख, केरल में 40 लाख और अन्य राज्यों में 80 लाखका कलेक्शन किया है। जो कुत्ते के ओपनिंग डे कलेक्शन से 8 गुना ज्यादा है।

ओपनिंग डे की बात करें तो वरीसू ने पहले दिन इंडिया में करीब 31.47 करोड़ की कमाई की थी। वहीं सिर्फ तमिलनाडु में ही फिल्म काकलेक्शन 20.15 करोड़ से ज्यादा का था।

वाल्टेर वैरईया का बॉक्सऑफिस कलेक्शन
चिरंजीवी, रवि तेजा, श्रुति हसन स्टारर फिल्म वाल्टेर वैरईया को बॉक्स ऑफिस पर अच्छी शुरुआत मिली है। फिल्म ने आंध्र प्रदेश औरतेलंगाना में दमदार कलेक्शन किया है। फिल्म ने पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर वर्ल्ड वाइड 49 करोड़ का कलेक्शन किया है, वहींइंडिया की बात करें तो फिल्म का कलेक्शन 39.2 करोड़ रहा है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में ही फिल्म ने 35 करोड़ की कमाई की है, वहीं कर्नाटक और अन्य राज्यों में फिल्म का कलेक्शन 3.4 करोड़ रहा है। कुत्ते की तुलना में सभी रीजनल फिल्मों का ओपनिंग डेकलेक्शन ज्यादा रहा है।

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सोशल मीडिया स्टार बनने का सीक्रेट

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डिजिटलभारत l Instagram Reels हों या फिर YouTube Videos  इन्हें देखते हुए बहुत से लोगों के मन में एक सवाल आता है. ‘ऐसा तो मैंभी कर सकता हूं’. सोशल मीडिया ने कई अनजान चेहरों को बड़ा नाम दिया. शायद फिल्मों की दुनिया में ये चेहरे कहीं खोकर रहजाते हैं और कुछ वक्त से साथ खो भी गए. बड़ा नाम ही नहीं बल्कि बहुत से लोगों के लिए ये प्लेटफॉर्म्स कमाई का भी एकजरिया हैं. इन प्लेटफॉर्म्स से कमाई के कई किस्से हर रोज सुनने को मिलते हैं. कोई कहता है कि एक वीडियो से लाखों मेंआमदनी होती है, तो कोई बताता है करोड़ों में, लेकिन क्या इस ‘नई मायानगरी’ के जो किस्से हम सुन रहे हैं वो सही हैं.

इस इंडस्ट्री को नई मायानगरी इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि बहुत से लोग अब यहां करियर तलाश रहे हैं. कोई पॉपुलर होनाचाहता है, तो कोई यहां से कमाई. किसने सोचा था कि शॉर्ट वीडियो हो या फिर किसी डॉयलॉग को अपनी फोटो पर चिपकाना, एक दिन इन तरीकों से भी कमाई हो सकेगी. मगर अब ऐसा हो रहा है. 
आपने भी कई बार इनकी शुरुआत करने का सोचा होगा, लेकिन कभी आपका काम, तो कभी झिझक इन सब के बीच आ गई होगी. बहुत से लोगों के मन में इन प्लेटफॉर्म्स से जुड़े कईसवाल होते हैं. इन सवालों का जवाब कौन देगा?

ऐसे ही कुछ सवालों को लेकर हम पॉपुलर यूट्यूबर्स और इंफ्लूएंसर्स के पास गए, जो शायद आपकी मदद कर सकते हैं. उससेपहले हम इस पूरे सफर को समझना होगा.

स्मार्टफोन और इंटरनेट की इस पीढ़ी में सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर बनना एक बड़ी आबादी का सपना है. सस्ते डेटा प्राइस ने लोगोंके लिए इंटरनेट के इस्तेमाल को आसान बना दिया. 
वहीं YouTube, Instagram और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने लोगोंके लिए नई राह खोल दी. एक दशक पीछे जाएं, तो किसने सोचा था कि एक रोज इंस्टाग्राम और यू्ट्यूब लोगों की कमाई काजरिया बन जाएंगे.

सिर्फ कमाई का जरिया ही नहीं बहुत से लोगों के लिए ये प्लेटफॉर्म्स नई उम्मीद हैं, लेकिन क्या यही हकीकत है? जिस तरह से हरचमकती चीज सोना नहीं होती है, उसी तरह से सोशल मीडिया पर नजर आने वाली जिंदगी भी है. 
आज कोई पॉपुलर है, तो उसकेपीछे ब्रांड्स हैं. यहां कल क्या होगा कोई नहीं जानता है. मगर एक बात साफ है, इस भागती दौड़ती जिंदगी में किसी से लिए एकसफल कंटेंट क्रिएटर बनना इतना आसान भी नहीं है.

1. जिस चीज को लेकर आपको पैशन हो, उस पर फोकस करें। आइडियाज निकालें, उसे लिख लें और यह सुनिश्चित कर लें कि वहकंटेंट इंटरेस्टिंग या इंस्पाइरिंग होना चाहिए। जो आप वाकई दिल से करना चाहते हैं, वही चुनें।

2. अगर आप आइडियाज के साथ स्ट्रगल कर रहे हैं तो देखें कि अभी क्या लोकप्रिय है और उस हिसाब से अपने काम को प्रेरित करें।ट्रेंड्स क्या है इसका ध्यान रखें।

3. जरूरी नहीं कि फेसबुक या ट्विटर के लिए बनाया वीडियो यूट्यूब के हिसाब से अलग हो सकता है। या यूं कहें कि एकप्लेटफाॅर्म पर जो काम कर गया हो, वह दूसरे पर भी करेंगा। इसलिए सही प्लेटफाॅर्म का चयन करें।

4. अगर आप अपना काम प्रमोट कर रहे हैं तो टैग करना न भूलें। ऐसे टैग यूज करें जो कि आपके लिए कारगर साबित हो।

5. जरूरी नहीं है कि आप जो कर रहे हों, उसे हर कोई पसंद करें, इसलिए निगेटिव फीडबैक पर फोकस न करें। हालांकि यूट्यूब औरइंस्टाग्राम जैसे प्लेटफाॅर्म आपको नकारात्मक शब्दों को ब्लाॅक करने की अनुमति देचा है। आप कुछ शब्द या कमेंट्स बैन कर सकतेहैं।

6. एक बार आपको फाॅलोअर्स मिलने लगते हैं तो उनके साथ जुड़कर आपका चैनल आगे बढ़ेगा। आपको आपके आॅडियंस के साथसंपर्क में रहना चाहिए।

7. कोई भी रातोंरात सोशल मीडिया स्टार नहीं बन जाता है। असफल होने से मत डरिए। चीजें मन मुताबिक न हों तो उस पर विचारकीजिए और उसमें सुधार करें।

8. यूट्यूब पर चैनल्स विज्ञापनों के जरिए पैसा कमाते हैं लेकिन ब्रांड और स्पांसरशिप डील्स बड़ा पैसा लाती है। इसके जरिएकाफी पैसा कमाया जा सकता है इसलिए आपका कंटेंट इंटरेस्टिंग होना चाहिए।

एक सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर के लिए सफल होने का क्या मतलब होता है? इंस्टाग्राम और YouTube जैसे प्लेटफॉर्म्स परलाखों की तादाद में सब्सक्राइबर्स एक दिन में नहीं आते हैं. इसमें लंबा वक्त लगता है. वहीं बहुत से लोगों को लगता है कि इनप्लेटफॉर्म्स पर मौजूद हर शख्स लाखों में कमा रहा है. उसकी जिंदगी ऐशो आराम में गुजर रही है. क्या ये नई मायानगरी वास्तव मेंऐसी है, जैसा लोग सोचते हैं? इसका सबसे आसान तरीका है, उन लोगों से बात करना जो इस मुकाम तक पहुंचे हैं.

उन्होंने बताया, ‘मैंने अपने दोस्तों, परिवार और परिचितों के लिए टेक्नोलॉजी को आसानी से समझाने वाले YouTube Videos बनाने से शुरुआती की थी. इन वीडियोज को बनाते हुए मैंने हमेशा कंटेंट को बेहतर करना जारी रखा. मेरे चैनल टेक बर्नर कीसफलता मेरी टीम और ऑडियंस की वजह से है. मेरा मानना है कि निरंतरता, रिलेटेबिलिटी और ऑथेंटिसिटी की वजह से ही मेरेवीडियोज लोगों ने पसंद किए.’

अपने शुरुआती दिनों पर बात करते हुए श्लोक बताते हैं, ‘कॉलेज के दिनों में मैं अपने पिता का ऑफिस लैपटॉप वीडियोज बनानेके लिए यूज करता था. मैंने वक्त से साथ सीखा कि कैमरे के सामने कैसे बोले और फिर टेक्नोलॉजी से जुड़ी जानकारी को सिंपलऔर एंटरटेनमेंट वाले ढंग से पेश करना शुरू किया. शुरुआती 4 साल में मेरे फॉलोओवर्स की संख्या सिर्फ 5 हजार ही पहुंच पाईथी और आज 5 करोड़ तक व्यूज हर महीने आते हैं. इन सब में वक्त लगा. मगर शुरुआत से ही मैंने सीखना और वीडियोज बनानाजारी रखा.

अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए सलोनी गौर ने बताया, ‘मैं पहली बार अपने पैरेंट्स से दूर रह रही थी और ये मेरे लिएआसान नहीं था. कॉलेज में दोस्ती मेरे लिए थोड़ी मुश्किल रही और उसी दौरान मुझे सोशल मीडिया ऐप्स के बारे में पताचला.पहली बार स्मार्टफोन मिलने के बाद मैंने इन सब के बारे में जाना. कंटेंट क्रिएटर बनने की रहा मुझे मेरे भाई ने दिखाई. मैंनेफैसला किया कि मैं अपने जोक्स को सिर्फ दोस्तों से ही नहीं बल्कि इंस्टाग्राम पर वीडियो बनाकर भी शेयर करूंगी. मुजे याद हैकि हमारे हॉस्टल में सिर्फ एक टीवी होता था और बच्चों में अपने पसंद का चैनल देखने के लड़ाई तक होती थी. ऐसे में हमारे पासएंटरटेनमेंट का कोई दूसरा तरीका नहीं था.इसलिए मैंने सोचा कि कुछ अपना क्यों ना शुरू किया जाए.’

सलोनी बताती है कि शुरुआत में उनका इस सेक्टर में कोई प्लान नहीं था, वो बस अपना पैशन फॉलो कर रही थीं. उन्होंने हिम्मतदिखाते हुए अपने अकाउंट को पब्लिक किया और साल 2019 में उनका एक वीडियो वायरल हो गया. यहां से उनके पैशन सेकमाई की शुरुआत हुई. किसी भी प्लेटफॉर्म पर पैसे आना इतना आसान नहीं होता है. 

सलोनी ने इस बारे में बताया, ‘इंस्टाग्राम के लिए कंटेंट क्रिएट करने के बारे में मैंने बहुत ज्यादा प्लान नहीं किया था. बल्कि इधरभी करियर बन सकता है मुझे इस बारे में भी जानकारी नहीं थी. मैंने अपना पहला वीडियो साल 2017 में बनाया. तब तक मुझेलगता था कि सिर्फ YouTube Videos ही मॉनेटाइज होते हैं.’ उन्होंने बताया कि पहली कमाई इंस्टाग्राम एडवरटाइजमेंट से हुईथी. इसके बाद ब्रांड्स कोलैबोरेशन होने लगे और धीरे-धीरे इनकम बढ़ती गई. YouTube पर महेश केशवाला का अकाउंट भीकाफी चर्चित है. Thugesh के नाम से उनका YouTube चैनल है, जिस पर 4 मिलियन (40 लाख) से ज्यादा फॉलोअर हैं. 

अपने सफर के बारे में महेश बताते हैं, ‘साल 2015-16 में मैं भुवन बाम के वीडियोज देखा करता था.’ यहां से ही उन्हें अपने सफरको शुरू करने की प्रेरणा मिली और फिर उन्होंने अपना चैनल बनाया. मगर शुरुआत बहुत अच्छी नहीं रही. उन्होंने शुरुआत में बहुतकुछ ट्राई किया. मीम्स हो या फिर टॉप 10 प्लेस टू विजिट उन्होंने कई तरह के कंटेंट बनाए. घरवालों का बताना भी मुश्किल थाकि वो YouTube पर क्या कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने वीडियो बनाना जारी रखा.

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JEE मेंस के लिए रजिस्ट्रेशन हुए बंद, एनटीए की वेबसाइट पर दिए गए निर्देशों का करना होगा कड़ाई से पालन

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डिजिटल भारत I जेईई मेंस के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जो छात्र परीक्षा के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं, उन्हें अब इन परीक्षाओं के लिए एडमिट कार्ड का इंतजार है। जानकारी के मुताबिक यह एडमिट कार्ड अगले सप्ताह जारी किए जाएंगे। यह परीक्षाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित करवाई जा रही हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के मुताबिक जेईई मेंस, परीक्षा केंद्रों में छात्रों को एडमिट कार्ड के साथ साथ अपनी मान्य फोटो आईडी भी लेकर आना होगा। ऐसे छात्र जो मान्य फोटो आईडी के बिना परीक्षा केंद्रों पर पहुंचेंगे उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी।

24 जनवरी से शुरू होंगी परीक्षाएं

गौरतलब है कि जेईई (मेंस) की परीक्षाएं इस माह जनवरी 24, 25, 27, 28, 29, 30 और 31 तारीख को आयोजित की जा रही हैं। सत्र 2023-24 के लिए जेईई (मेंस) दो सत्रों में आयोजित किया जाएगा। पहले सत्र की परीक्षाएं जनवरी और दूसरे सत्र की परीक्षाएं अप्रैल में आयोजित की जाएंगी। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के मुताबिक जल्दी ही सभी छात्रों को परीक्षा के केंद्र संबंधित शहरों की जानकारी दे दी जाएगी और जनवरी के तीसरे सप्ताह में छात्र अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे।

शिक्षा मंत्रालय ने किया है अहम बदलाव

आईआईटी जैसे प्रसिद्ध इंजीनियरिंग संस्थानों में दाखिले के लिए होने वाली जेईई परीक्षा की पात्रता को लेकर पिछले दिनों शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक अहम बदलाव किया गया था। इस बदलाव के मुताबिक किसी भी शैक्षणिक बोर्ड के टॉप 20 परसेंटाइल वाले छात्र जेईई की परीक्षा दे सकेंगे। अभी तक कम से कम 75 परसेंट अंक हासिल करने वाले छात्र ही इन परीक्षाओं में शामिल हो सकते थे।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय व यह परीक्षाएं आयोजित करवाने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के मुताबिक अभी तक जेईई परीक्षाओं में शामिल होने का क्राइटेरिया 12वीं कक्षा में 75 फीसदी अंक प्राप्त करना था। हालांकि पात्रता की शर्तों में किए गए बदलाव के बाद 12वीं कक्षा में सीबीएसई व राज्य बोर्ड के टॉप 20 पर्सेंटाइल में शामिल सभी छात्र जेईई की परीक्षा दे सकते हैं। एससी और एसटी उम्मीदवारों के लिए यह कट-ऑफ 65 फीसदी है।

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भारत चीन के बीच व्यापार घटा , व्यापार घाटा 100 अरब डॉलर पार

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डिजिटल भारत I ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक़, पिछले साल दोनों मुल्कों के बीच 8.4% की वृद्धि के साथ व्यापार 135.98 अरब डॉलर पहुंच गया और इसके साथ ही भारत का व्यापार घाटा भी 100 अरब डॉलर के नए स्तर को पार कर गया.

जबकि इससे पिछले साल यानी 2021 में दोनों देशों के बीच व्यापार का आंकड़ा 125.62 अरब डॉलर था.

ये आकंड़े शुक्रवार को चीन के कस्टम विभाग ने जारी किए हैं. इन आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल भारत को होने वाले चीनी सामान के निर्यात में 21.7% की वृद्धि हुई है और यह 118.5 अरब डॉलर हो गया है.

सीमा पर तनाव से बेपरवाह व्यापार

पिछले दो सालों में चीन और भारत के बीच सीमा पर तनाव बढ़ा है. यहां तक कि कई दफ़े हिंसक झड़पें हुई हैं.

लेकिन दूसरी तरफ़ व्यापार के क्षेत्र में भारत की चीन पर निर्भरता भी लगातार बढ़ी है.

पिछले महीने 9 दिसम्बर को सिक्किम के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी.

इस झड़प में कुछ भारतीय सैनिकों को चोटें भी आईं. इससे पहले गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों की मौत हो गई थी.

पिछले कुछ सालों से दोनों देशों के बीच एक के बाद एक तनाव की घटनाएं सामने आ रही हैं.

गलवान से पहले दोनों देश डोकलाम में क़रीब ढाई महीने तक दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने आ गईं. हालांकि इस बीच दोनों देशों की सेनाओं के बीच लगातार बॉर्डर फ्लैग मीटिंग भी होती रही.

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में साल 2020 में गंभीर स्थिति पैदा हो गई थी. अप्रैल 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शुरू हुए सैन्य गतिरोध के बाद भारत ने चीन से स्पष्ट रूप से कहा था कि ‘सीमा पर तनाव के साथ बाक़ी संबंध सामान्य नहीं रह सकते.’

इसके बाद चीन से निवेश में कमी आई क्योंकि मोदी सरकार ने कई तरह की पाबंदियां लगा दी थीं. भारत ने 5G ट्रायल से चीनी कंपनियों को बाहर किया और 200 से ज़्यादा ऐप पर बैन भी लगाए.

वहीं अगर भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों को देखें तो पता लगता है कि गलवान के बाद भी चीन से आयात बढ़ता गया.

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इस दिन हुई थीं ये ऐतिहासिक घटनाएं हिंदू धर्म में सूर्यदेवता से जुड़े कई प्रमुख त्‍योहारों को मनाने की परंपरा है उन्‍हीं में से एक है मकर संक्राति

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डिजिटल भारत I हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति के अवसर पर स्नान और दान को बेहद अहम माना जाता है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं और इसके साथ ही सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायन में भी जाते हैं। इसलिए ये स्नान बेहद अहम हो जाता है। स्नान के बाद खिचड़ी, तिल, वस्त्र आदि का दान किया जाता है।

हिंदू धर्म में सूर्यदेवता से जुड़े कई प्रमुख त्‍योहारों को मनाने की परंपरा है। उन्‍हीं में से एक है मकर संक्राति। आज मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है। शीत ऋतु के पौस मास में जब भगवान भास्‍कर उत्‍तरायण होकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो सूर्य की इस संक्रांति को मकर संक्राति के रूप में देश भर में मनाया जाता है। वैसे तो मकर संक्रांति हर साल 14 जनवरी को मनाई जाती है, लेकिन पिछले कुछ साल से गणनाओं में आए कुछ परिवर्तन के कारण इसे 15 जनवरी को भी मनाया जाने लगा है। इस साल भी मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जा रही है।

स्नान और दान कर लगाई आस्था की डुबकी; 7 सौ से अधिक पुलिस बल तैनात

जबलपुर में मकर संक्रांति के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के घाटों पर पहुंचने का सिलसिला जारी है। शहर में तड़के की ठंड होने के बावजूद श्रद्धालु मकर संक्रांति के पर्व पर स्नान करने गौरीघाट सहित तमाम घाटों में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। सुबह से ही भक्तों का तांता गौरीघाट, तिलवारा घाट, लम्हेटा घाट सहित अन्य घाटों में लगा हुआ हैं। हालांकि जिले में मकर संक्रांति आज और कल दोनों ही दिन मनाई जाएगी

मकर संक्रांति के अवसर पर जबलपुर पुलिस ने भी खास तैयारियां की है। पुलिस प्रशासन के मुताबिक कोरोना के दो साल बाद मकर संक्रांति स्नान हो रहा है। ऐसे में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। जिसे देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए हैं। जिले के तमाम घाटों में 6 सौ से अधिक पुलिस बल तैनात किया गया है।

गौरी घाट में अधिक भीड़ होने के कारण इसे 4 जोन में विभाजित किया गया है। पुलिस के द्वारा संदिग्ध लोगों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी लगाए गए हैं। इसके साथ ही घाटों में होम गार्ड के जवान भी तैनात किए गए हैं। साथ ही सड़कों में बैरिकेट्स भी लगाए गए हैं घाटों में पार्किंग के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। गौरी घाट में रामलला मंदिर के नजदीक से डायवर्सन किया गया है। जहां दशहरा मैदान में पार्किंग की गई है। पुलिस के द्वारा घाट स्थल में दोपहिया और चार पहिया वाहन को प्रतिबंधित किया गया है।

शास्‍त्रों में मकर संक्रांति के दिन स्‍नान, ध्‍यान और दान का विशेष महत्‍व बताया गया है। पुराणों में मकर संक्रांति को देवताओं का दिन बताया गया है। मान्‍यता है कि इस दिन किया गया दान सौ गुना होकर वापस लौटता है

मान्यता है कि इस अवसर पर दिया गया दान 100 गुना बढ़कर पुन: प्राप्त होता है। इस दिन शुद्ध घी एवं कंबल का दान मोक्ष की प्राप्ति करवाता है। महाभारत काल में भीष्म पितामह ने अपनी देह त्यागने के लिये मकर संक्रांति का ही चयन किया था। मकर संक्रांति के दिन ही गंगाजी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होती हुई सागर में जाकर मिली थीं।

श्रीमद्भागवत एवं देवी पुराण के मुताबिक, शनि महाराज का अपने पिता से वैर भाव था क्योंकि सूर्य देव ने उनकी माता छाया को अपनी दूसरी पत्नी संज्ञा के पुत्र यमराज से भेद-भाव करते देख लिया था, इस बात से नाराज होकर सूर्य देव ने संज्ञा और उनके पुत्र शनि को अपने से अलग कर दिया था। इससे शनि और छाया ने सूर्य देव को कुष्ठ रोग का शाप दे दिया था।

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क्षेत्रीय पार्टियां रहेंगी अहम, अमर्त्य सेन ने बताया किस नेता में है PM बनने की काबिलियत : 2024 लोकसभा चुनाव

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डिजिटल भारत I 2024 लोकसभा चुनावः सेन ने कहा कि भाजपा ने भारत के विजन को छोटा किया है। भाजपा ने भारत की समझ को छोटा करते हुए इसे सिर्फ हिंदू इंडिया और हिंदी बोलने वाले इंडिया के तौर पर ही देखा है। यह देखना काफी दुखदायक होगा कि अगर आज भारत में बीजेपी का कोई विकल्प ही नहीं मिलता है।

नोबेल पुरस्कार विजेता मशहूर अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन का कहना है कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में कई क्षेत्रीय पार्टियां अहम भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा कि यह सोचना गलती होगी कि 2024 में भाजपा एकतरफा जीत हासिल करेगी। अमर्त्य सेन ने ये भी कहा कि कांग्रेस काफी कमजोर हो चुकी है लेकिन उसकी ताकत राष्ट्रव्यापी दृष्टिकोण है, जो किसी अन्य पार्टी के पास नहीं है। नोबेल पुरस्कार विजेता ने ये भी कहा कि टीएसी की मुखिया ममता बनर्जी में देश की प्रधानमंत्री बनने की काबिलियत है।


2024 लोकसभा चुनावः सेन ने कहा कि भाजपा ने भारत के विजन को छोटा किया है। भाजपा ने भारत की समझ को छोटा करते हुए इसे सिर्फ हिंदू इंडिया और हिंदी बोलने वाले इंडिया के तौर पर ही देखा है। यह देखना काफी दुखदायक होगा कि अगर आज भारत में बीजेपी का कोई विकल्प ही नहीं मिलता है।


नोबेल पुरस्कार विजेता मशहूर अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन का कहना है कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में कई क्षेत्रीय पार्टियां अहम भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा कि यह सोचना गलती होगी कि 2024 में भाजपा एकतरफा जीत हासिल करेगी। अमर्त्य सेन ने ये भी कहा कि कांग्रेस काफी कमजोर हो चुकी है लेकिन उसकी ताकत राष्ट्रव्यापी दृष्टिकोण है, जो किसी अन्य पार्टी के पास नहीं है। नोबेल पुरस्कार विजेता ने ये भी कहा कि टीएसी की मुखिया ममता बनर्जी में देश की प्रधानमंत्री बनने की काबिलियत है।


90 वर्षीय अर्थशास्त्री ने पीटीआई के साथ बातचीत में कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में कुछ क्षेत्रीय पार्टियां अहम भूमिका निभाएंगी। इनमें डीएमके, टीएमसी जैसी पार्टियां शामिल हैं। अमर्त्य सेन ने समाजवादी पार्टी को भी अहम बताया। उन्होंने कहा कि यह सोचना गलती होगी कि कोई भी पार्टी भाजपा की जगह नहीं ले सकती क्योंकि भाजपा ने खुद को ऐसी पार्टी के रूप में स्थापित कर लिया है, जिसका झुकाव साफ तौर पर हिंदुत्व की तरफ है।


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