DIGITAL BHARAT

एक भारत उत्कृष्ट भारत

शार्क टैंक इंडिया के जज की कमाई जान कर रह जाएंगे आप हैरान

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डिजिटल भारत I शार्क टैंक एक बिजनेस रियलिटी टेलीविजन सीरीज है जो की ग्लोबाली एक बहुत ही पॉपुलर रियलिटी शो है. शार्क टैंक अब भारत ने भी आ गया है और यह सोनी टेलीविजन पर एयर किया जाता है. इसके अबतक कुल 17 एपिसोड्स टेलीकास्ट किए जा चुके हैं. बता दें, इस शो में कुल 7 खिलाड़ी हैं हम आपको बताएंगे. जानिए यह खिलाड़ी क्या करते हैं और कितनी है इनकी सालाना कमाई

अशनीर ग्रोवर

एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘भारत पे’ के प्रबंध निदेशक और सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर की कुल संपत्ति तकरीबन 700 करोड़ रुपये है। वह शो के सबसे अमीर शार्क में से एक हैं।

अमन गुप्ता

2015 में स्थापित लोकप्रिय टेक ब्रांड ‘बोट’ के सह-संस्थापक और सीएमओ, अमन गुप्ता की अनुमानित संपत्ति 700 करोड़ रुपये की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अमन गुप्ता के पास बमर, शिपरॉकेट और अन्वेषन जैसी कंपनियों में भी शेयर हैं।

पीयूष बंसल

आईवियर के लिए एक ई-कॉमर्स पोर्टल ‘लेंसकार्ट’ के सीईओ की कुल संपत्ति 600 करोड़ रुपये बताई जा रही है। 36 वर्षीय पीयूष बंसल ने इनफेडो  और डेली ऑब्जेक्ट्स जैसी कंपनियों में भी निवेश किया है।

अनुपम मित्तल

अनुपम मित्तल ‘पीपल ग्रुप-शादी डॉट कॉम’ के संस्थापक और सीईओ (CEO) हैं. अनुपम मित्तल अब भारत के ई-कॉमर्स उद्योग में सबसे प्रसिद्ध शख्सियतों में से एक हैं.अनुपम मित्तल भारतीय रियलिटी टीवी शो शार्क टैंक्स इंडिया के शार्क (जज) में से एक हैं.अनुपम ने बॉस्टन कॉलेज, अमेरिका से अपनी पढ़ाई पूरी की. अनुपम की नेट वर्थ 185 करोड़ है.

नमिता थापर

नमिता थापर एक ग्लोबल फार्मा कंपनी Emcure Pharmaceutical की Executive Director हैं. उन्होंने USA की कई कंपनियों में इन्वेस्टमेंट किया है, और उन्हें बिजनेस वर्ल्ड में कई अवार्ड्स मिले हैं. इनकी नेट वर्थ 600 करोड़ है.

विनीता सिंह

विनीता सिंह SUGAR Cosmetics की और को-फाउंडर हैं.उन्होंने IIT और IIM से पढ़ाई की है. जिसके बाद उन्हें एक करोड़ रुपए का पैकेज मिला था. लेकिन उन्होंने अपना बिज़नेस शुरू किया और देश कि टॉप बिजनस वीमेन में शुमार हो गईं. विनीता सिंह की नेटवर्थ 59 करोड़ रुपए है

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क्या है एंग्जायटी अटैक, कैसे कर सकते है इसे नियंत्रित

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डिजिटल भारत I एंग्जाइटी  ये एक ऐसा शब्द है, जिसको आजकल हम लोगों को मुंह से खूब सुनते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये छोटा सा शब्द कितनी बड़ी बीमारी होती है.अक्सर लोग एंग्जाइटी को हल्के में लेते हैं, लेकिन ऐसा कभी नहीं करना चाहिए, ये एक बड़ी बीमारी होती है. आजकल के युवाओं में ये बीमारी तेजी से फैलती जा रही है. कई रिचर्स में ये बात सामने आई है, जो लोग खुलकर अपनी बात किसी से नहीं कह पाते या फिर किसी हादसे को दिल में बैठा लेते हैं, वो ही एंग्जाइटी के शिकार ज्यादा होते हैं.

 एंग्जायटी अटैक में व्यक्ति हर वक्त चिंता, डर और बेचैनी का अनुभव करता है। उसकी दिल की धड़कन तेज होने लगती है और घुटन की हद तक सांस फूलने लगती है।

शरीर में अन्य तरह के बदलाव भी देखने को मिलते हैं। इस समय मन और शरीर कुछ अलग ही तरह से प्रतिक्रिया करते हैं। हालांकि चिंता के लक्षण बहुत आसानी से नजर नहीं आते, इन्हें पहचानना थोड़ा मुश्किल है। इसलिए हम यहां आपको कुछ ऐसे संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन पर अगर आप थोड़ा ध्यान दें, तो एंग्जायटी अटैक से बच सकते हैं।

व्यक्ति को कभी न कभी किसी भी चीज को लेकर घबराहट हो सकती है। लेकिन जब घबराहट बहुत ज्यादा हो और लंबे समय तक बनी रहे, तो आप एंग्जायटी अटैक की गिरफ्त में आ सकते हैं। याद रखें, एंग्जायटी अटैक आने पर संभावना है कि बहुत पसीना आएगा या ठंड से कंपकपी होगी।

पैनिक अटैक को कैसे करें नियंत्रित

काउंसिलिंग या परामर्श- पहली बार में शायद आपको यह समझ न आए कि अचानक आपको क्या हुआ था लेकिन दूसरी-तीसरी बार में आपको यह समझ में आने लगेगा कि आपके व्यवहार में परिवर्तन हुआ था और आपका मन और शरीर दोनों ही नियंत्रण से बाहर थे। इसके बाद लक्षणों को जानकर और समझकर तुरन्त डॉक्टर से परामर्श करें और काउंसिलिंग शुरू करें। ध्यान रखें कि यह प्रक्रिया लम्बी होगी इसलिए इलाज कभी भी बीच में न छोड़ें।

सांस वाले व्यायाम- गहरी सांस लेना और छोड़ना यानी डीप ब्रीदिंग एक बहुत ही अच्छा तरीका है दिमाग को संतुलित बनाए रखने का। इसके साथ ही यह शरीर को भी स्वस्थ बनाने में मददगार है। मानसिक स्तर पर चल रही उथल-पुथल में यह काफी राहत पहुंचा सकती है। इसलिए गहरी सांस लेने का अभ्यास निरंतर करें। इससे फेफड़ों को भी मजबूती मिलेगी और दिल भी स्वस्थ रहेगा।

नियमित फिजिकल एक्टिविटी- रेग्युलर एक्सरसाइज से मिलने वाला फायदा दीर्घकालिक होता है। यह एक दिन या एक महीने की बात नहीं है, इसलिए अपने एक्सरसाइज रूटीन को नियमित रखें। इससे शरीर के साथ-साथ दिमाग को भी ऊर्जा मिलती है जिससे वह विपरीत परिस्थितियों में भी एकदम से नियंत्रण नहीं खोता।

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देखते रह जाएंगए आप नरसिंगपुर के झोतेश्वर मंदिर के नज़ारे 1980 में हुई थी स्थापना

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डिजिटल भारत I 1980 में हुई थी मां राजराजेश्वरी की प्राण प्रतिष्ठा गोटेगांव के परमहंसी गंगा आश्रम में विराजमान त्रिपुर सुंदरी भगवती राजराजेश्वरी देवी की प्राणप्रतिष्ठा 1980 में श्रृंगेरी के तत्कालीन शंकराचार्य अभिनव तीर्थ महाराज ने की थी। ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती यहां पर तपस्या की है। भगवती राजराजेश्वरी शंकराचार्य की आराध्य देवी हैं।

दक्षिण के कलाकारों ने किया निर्माण

राजराजेश्वरी के मंदिर का निर्माण दक्षिण के कलाकारों द्वारा किया गया है। इसलिए इसमें दक्षिण भारत की कला भी दिखाई पड़ती है। मंदिर की खूबसूरती देखते ही बनती है

बसंत पंचमी पर भरता है मेला

इस स्थल पर बसंत पंचमी के मौके पर सात दिवसीय मेला भरता है, जिसमें स्थानीय आदिवासियों के अलावा दूर-दूर से लोग मेले का आनंद लेने पहुंचते हैं। यहां आने वाले लोग एक ओर जहां पारंपरिक मेले का लुत्फ उठाते हैं, वहीं मां राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी, सिद्धेश्वर महादेव व स्फटिक शिवलिंग का दर्शन लाभ भी प्राप्त करते हैं।

नवरात्र पर होती है कलश स्थापना

नवरात्र पर बड़ी संख्या में कलश स्थापना होती है, जिसे देखने के लिए जिले के अलावा अन्य प्रदेशों से भी लोग पहुंचते हैं और मां से आशीर्वाद प्राप्त कर जीवन धन्य करते हैं।

यहां पर मां राजराजेश्वरी का शृंगार खास है। मौसम के अनुरूप मां का शृंगार मनोहारी होता है। कभी फलों से, कभी सब्जियों से, कभी मेवों से तो कभी स्वर्ण आभूषणों से मां का भव्य शृंगार देखने लायक होता है। वहीं नवरात्र में अलग-अलग दिन अलग-अलग देवी रूपों में शृंगार किया जाता है।

रामनवमीं पर राम, जन्माष्टमी पर कृष्ण रूप में मां

रामनवमीं पर मां को भगवान राम, जन्माष्टमी पर कृष्ण और शिवरात्रि पर शिव रूप प्रदान किया जाता है, जिसे देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। आप झोतेश्वर मंदिर (Jhoteshwar Temple) के पास जितने भी मंदिर बने हुए हैं। उन सभी मंदिरों को अपनी गाड़ी से आराम से घूम सकते हैं। आप अपनी गाड़ी झोतेश्वर मंदिर (Jhoteshwar Temple) के नीचे ही खड़ी कर सकते हैं। यहां पर पार्किंग की जगह बनी हुई है और मंदिर में जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। सीढ़ियां से आप मंदिर के ऊपर पहुंचते हैं, तो आपको झोतेश्वर मंदिर देखने के लिए मिलता है।

झोतेश्वर मंदिर (Jhoteshwar Temple) पर छत पर आपको कमल के फूलों की सुंदर नक्काशी देखने के लिए मिलती है, जो बहुत ही सुंदर लगती है। मुख्य मंदिर में आपको राजराजेश्वरी माता के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यहां पर बहुत बड़ा झूमर भी लगा हुआ है, जो बहुत सुंदर लगता है। मंदिर का ऊपर का हिस्सा दक्षिण भारतीय शैली में बना हुआ है, जो बहुत ही सुंदर लगता है।

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युनिवेर्सिटी में ऑफलाइन परीक्षा की मांग सिलेबस पूरा न होने की कारन दहसत में है छात्र

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डिजिटल भारत I बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से मध्य प्रदेश सरकार कॉलेजों की परीक्षाएं ऑनलाइन कराने पर विचार कर रही है. गृह मंत्री और सरकार के प्रवक्ता डॉ नरोत्तम मिश्रा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए कुछ साथी विधायकों ने कॉलेज की परीक्षाएं ऑफलाइन की जगह ऑनलाइन मोड से करवाने की मांग की है. ऐसे में सरकार इस विचार करेगी.

शासन के आदेश के अनुसार आयोजित होगी परीक्षा

NSUI की छात्र नेता देवकी पटेल का कहना है कि उनकी सिर्फ यही मांग है कि कोरोना संक्रमण के चलते छात्राओं में भी डर का माहौल है.एक तरफ सिलेबस कंप्लीट नहीं हुआ और छात्राओं की तैयारी भी बहुत बेहतर नहीं है. इसलिए या तो ऑनलाइन एग्जाम करवाये जाएं या फिर ऑफ लाइन में ओपन बुक पद्धति से परीक्षा कराई जाए.वहीं कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि वे शासन के निर्देश पर ही परीक्षाएं आयोजित करते हैं और अभी तक ऑनलाइन परीक्षा करवाने के निर्देश नहीं मिले हैं, बल्कि 50 प्रतिशत छात्राओं की उपस्थिति के साथ परीक्षा करवाने के निर्देश हैं. यदि शासन द्वारा कोई निर्देश मिलते हैं तो उसी का पालन करते हुए परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी.

‘मुख्य परीक्षा मार्च में’

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि मुख्य परीक्षा मार्च में होनी है. इसे लेकर फिलहाल हम वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं. मौजूदा हालातों को देखते हुए अभी निर्णय नहीं लिया जा सका है. लेकिन जल्द ही हालातों को देखकर फैसला करेंगे. मोहन यादव ने कहा कि एक्सपर्टस और कुलपतियों से मामले पर विमर्श करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रश्न ऑफलाइन या ऑनलाइन का नहीं है. डिग्री के महत्व का है. इसलिए मामले को राजनीतिक छात्र संगठन पोलिटिकल ना बनाएं.

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समाजबादी पार्टी ने की नए उमीद्बारो की लिस्ट जारी ,56 उमीद्बारो के नाम शामिल

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डिजिटल भारत I यूपी के सियासी दंगल में तैयारियां तेज हैं, आरोप-प्रत्यारोपों के बीच उम्मीदवारों का एलान भी किया जा रहा है. समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की नई लिस्ट जारी की है, जिसमें 56 उम्मीदवारों के नाम हैं. सपा ने अब तक यूपी की कुल 403 विधानसभा सीटों में से 254 सीटों पर प्रत्याशियों को उतारा है. योगी आदित्यनाथ के खिलाफ गोरखपुर सदर के प्रत्याशी की घोषणा इस सूची में भी नहीं हुई है.

अम्बेडकरनगर की कटेहरी से लालजी वर्मा, अकबरपुर से रामअचल राजभर, सिद्धार्थनगर की इटवा से माता प्रसाद पांडेय, गोरखपुर की चिल्लूपार से विनय शंकर तिवारी को उम्मीदवार बनाया गया है. वहीं आज़मगढ़ की फूलपुर पवई से रमाकांत यादव, मऊ की घोसी से दारा सिंह चौहान, बलिया की बांसडीह से रामगोविंद चौधरी मैदान में हैं. इसके अलावा गाज़ीपुर की जमानिया से ओम प्रकाश सिंह और चंदौली की सकलडीहा से पीएन यादव प्रत्याशी होंगे.

अखिलेश यादव की सीट

सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी गई. अखिलेश यादव को मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया. इस सूची में पहले और दूसरे चरण के लगभग सभी उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई थी. इस दौरान पार्टी द्वारा जातिगत समीकरण का पूरा ध्यान रखा गया है

जाति समीकरण

सपा प्रत्याशियों की पहली सूची को वर्ग के हिसाब से देखा जाए तब भी वह संतुलित नजर आती है. पार्टी ने 32 दलित, 31 मुस्लिम, 11 ब्राम्हण, 9 वैश्य, 5 ठाकुर और 3 सिख प्रत्याशियों को टिकट दिया है. इस सूची में अखिलेश यादव ने बसपा से आए तीन, कांग्रेस और भाजपा से आए दो-दो नेताओं को टिकट दिया था.

कब आएंगे परिणाम

बता दें कि यूपी में सात चरणों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. पहले चरण के लिए 14 जनवरी से ही नामांकन प्रक्रिया शुरु हो गई थी. वहीं 10 फरवरी को पहले चरण का मतदान होना है. जबकि विधानसभा चुनावों का परिणाम 10 मार्च को आएगा.

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एलोरा कैलाश मंदिर जिसे बनाने में मात्र 18 वर्षों का समय लगा, जो किसी अजूबे से कम नहीं

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हिंदू धर्म में भगवान और मंदिरों का बड़ा महत्व है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि भगवान ही इस सृष्टि का संचालन करते हैं। उनकी ही इच्छा से धरती पर सबकुछ होता है। वैसे तो हिंदू धर्म की मान्यता है कि भगवान हर जगह मौजूद हैं, लेकिन भारत की संस्कृति ऐसी है कि यहां जगह-जगह आपको अलग-अलग देवताओं के मंदिर मिल जाएंगे। ऐसा सदियों से चला आ रहा है कि लोग अपनी श्रद्धा से मंदिरों का निर्माण करवाते हैं।

भारत के अलग-अलग हिस्सों में कई ऐसे मंदिर हैं जो अपने इतिहास और अपनी प्रचीन परंपराओं के साथ अपनी वास्तुकला के लिए भी प्रसिद्ध हैं. इन मंदिरों आज भी नवीन तकनीकी और विज्ञान की सुविधाओं के बाद भी इस प्रकार की वास्तुकला को हकीकत में उतार पाना बहुत ही मुश्किल है. इसी कड़ी में आज हम आपको ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो किसी अजूबे से कम नहीं है.


हम बात कर रहे हैं एलोरा के कैलाश मंदिर की जिसे बनाने में मात्र 18 वर्षों का समय लगा. लेकिन जिस तरीके से यह मंदिर बना है. जबकि पुरातत्वविज्ञानियों की मानें तो 4लाख टन पत्थर को काटकर किए गये इस मंदिर का निर्माण इतने कम समय में संभव ही नहीं है..
यह मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित एलोरा की गुफाओं में है, जिसे एलोरा के कैलाश मंदिर के नाम से जाना जाता है। 276 फीट लंबे और, 154 फीट चौड़े इस मंदिर की खासियत ये है कि इसे केवल एक ही चट्टान को काटकर बनाया गया है। ऊंचाई की अगर बात करें तो यह मंदिर किसी दो या तीन मंजिला इमारत के बराबर है।
कहा जाता है कि इस मंदिर के निर्माण में करीब 40 हजार टन वजनी पत्थरों को काटा गया था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसका रूप हिमालय के कैलाश की तरह देने का प्रयास किया गया है। कहते हैं कि इसे बनवाने वाले राजा का मानना था कि अगर कोई इंसान हिमालय तक नहीं पहुंच पाए तो वो यहां आकर अपने अराध्य भगवान शिव का दर्शन कर ले।
कहते हैं कि इसे बनवाने वाले राजा का मानना था कि अगर कोई इंसान हिमालय तक नहीं पहुंच पाए तो वो यहां आकर अपने अराध्य भगवान शिव का दर्शन कर ले. इस मंदिर का निर्माण कार्य मालखेड स्थित राष्ट्रकूट वंश के नरेश कृष्ण (प्रथम) (757-783 ई.) ने शुरु करवाया था. और करीब 7000 मजदूरों ने दिन-रात एक करके इस मंदिर के निर्माण में अपना योगदान दिया था.
इस मंदिर में आज तक कभी पूजा हुई हो, इसका प्रमाण नहीं मिलता। यहां आज भी कोई पुजारी नहीं है। यूनेस्को ने 1983 में ही इस जगह को ‘विश्व विरासत स्थल’ घोषित किया है।

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प्रदेश को बनेगे इंडस्ट्री हब , 1  लाख  सरकारी नोकरिया ,प्रिवेट सेक्टर पर भी नौकरी के नए आसार:शिवराज सिंह चौहान  

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डिजिटल भारत I प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर इंदौर के नेहरू स्टेडियम में झंडावंदन किया। उन्होंने परेड की सलामी भी ली। सीएम ने कहा मध्यप्रदेश के हर एक गांव को अब हैंडपंप से आजादी दिलाएंगे। 2 करोड़ घरों में पानी पहुंचाने का टारगेट है। बीते डेढ़ साल में 44 लाख घरों में नलों का पानी पहुंचने लगा है। इसके लिए हम सभी गांवों में पाइप लाइन बिछाएंगे। नदी-तालाब के पास ही ट्रीटमेंट प्लांट लगाएंगे। भूमिगत जल का दोहन भी करेंगे।

मार्च पास्ट किया

समारोह में विभिन्न प्लाटूनों द्वारा मार्च पास्ट व परेड प्रस्तुत की। परेड का नेतृत्व ACP ट्रैफिक अजीत सिंह चौहान ने किया। उनके पीछे टूआईसी सूबेदार बृजराज अजनार चले। परेड में RAPTC, फर्स्ट बटालियन, पंद्रहवी वाहिनी, जिला पुलिस बल (पुरुष), जिला पुलिस बल (महिला), PTC इंदौर, होमगार्ड, फायर ब्रिगेड तथा यातायात पुलिस आदि प्लाटून के दल भी शामिल हुए। साथ ही BSF बैंड भी परेड में हुआ।

CM ने ये भी कहा –

दो लाख रोजगार के अवसर पर पैदा किए जाएंगे।

अगले साल तक एक लाख सरकारी नौकरियां और दी जाएंगी।

सरकारी के साथ प्राइवेट सेक्टर में भी नौकरियों के अवसर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

यदि आपके पास स्टार्टअप का इनोवेटिव आइडिया है तो ऐसी नीति बनाएंगे कि युवाओं को धन की कमी नहीं आए।

इंदौर को स्टार्टअप के क्षेत्र में देश की राजधानी बनाएंगे।

जैविक खेती में काफी संभावनाएं हैं।

समारोह स्थल को विशेष रूप से सजाया-संवारा गया। समारोह में विभिन्न विभागों द्वारा राज्य शासन की योजनाओं, कार्यक्रमों और उपलब्धियों पर आधारित नयनाभिराम झांकियां निकाली जाएंगी। इनमें मुख्य रूप से नगर निगम द्वारा स्वच्छता के क्षेत्र में किए गए नवाचार, आवासीय योजनाओं तथा अन्य विकास काम, जिला पंचायत द्वारा जल संरक्षण के क्षेत्र में किए गए कामों, एमपी इण्डस्ट्रीयल डेवलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा आत्म निर्भर भारत एवं आत्म निर्भर मध्यप्रदेश की झांकिया लगाई गई हैं।

औद्योगिक विकास, इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा इंदौर के शहीदों के जीवन, कृषि विभाग द्वारा प्राकृतिक एवं जैविक खेती, उद्यानिकी विभाग द्वारा एक जिला एक उत्पाद, शिक्षा विभाग द्वारा हमारा घर हमारा विद्यालय, संस्कृति विभाग द्वारा हेमू कालानी सहित अन्य शहीदों पर आधारित, आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा विभागीय योजनाओं, स्वास्थ्य विभाग द्वारा इंदौर में बनाए गए देश के दूसरे सबसे बड़े कोविड केयर सेंटर, जेल विभाग द्वारा जेल के सुधार, वन विभाग द्वारा ईको पर्यटन, उद्योग विभाग द्वारा रोजगार मूलक योजनाओं, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना एवं निजी स्पॉन्सरशीप तथा यातायात विभाग द्वारा यातायात सुधार के लिए किए जा रहे कामों पर आधारित झांकियां शामिल हैं।

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अब घर बैठे बनवा सकते है आयुष्मान कार्ड, जाने कैसे

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डिजिटल भारत I आयुष्मान भारत योजना का कार्ड बनाने के लिए अब वसुधा केंद्र और पंचायत कार्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे। अब घर बैठे ऑनलाइन ही कार्ड बन जाएगा। इसके लिए सरकार ने पोर्टल लांच किया है। इसी पोर्टल से अब कार्ड बनाया जा सकेगा। अभी वसुधा केंद्र या पंचायत कार्यालय से कार्ड बनवाने में करीब एक से डेढ़ महीने का वक्त लगता है, लेकिन ऑनलाइन पोर्टल पर हफ्ते से दस दिन में बन जाएगा।

विद्या सागर ने बताया कि इस पोर्टल के जरिए लोग उनलोगों के नाम भी देख सकते हैं, जिनके आयुष्मान कार्ड बन गए हैं। आयुष्मान कार्ड उनलोगों के बनाए जाएंगे, जिनके पास प्रधानमंत्री का पत्र हो या राशन कार्ड में नाम हो।

आयुष्मान कार्ड बनाने में मुजफ्फरपुर 22वें स्थान पर

आयुष्मान कार्ड बनाने में मुजफ्फरपुर 22वें स्थान पर है। पहले स्थान पर अररिया है। मुजफ्फरपुर में 24 लाख 91 हजार 879 लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य है, लेकिन अबतक तीन लाख 21 हजार 337 लोगों के ही आयुष्मान कार्ड बने हैं। यह आंकड़ा सिर्फ 13 प्रतिशत है। पूरे बिहार में पांच करोड़ 55 लाख 62 हजार 406 लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य है, जिसमें 71 लाख 23 हजार 553 लोगों के ही कार्ड बने हैं।

डोर टू डोर जाकर भी बन रहा है कार्ड

कॉर्डिनेटर ने बताया आयुष्मान कार्ड लोगों के घर-घर जाकर भी बनाया जा रहा है। दिल्ली की एक एजेंसी को इसका काम दिया गया है। हमारा लक्ष्य गरीब परिवारों को आयुष्मान कार्ड बनवाना है। उन्होंने बताया कि कई लोग जानकारी के अभाव में वसुधा केंद्र या पंचायत कार्यालय नहीं पहुंच पाते हैं।

आयुष्मान भारत के तहत निजी लैब को जोड़ने की भी योजना शुरू होने वाली है। इसके तहत सभी निजी अस्पताल और प्राइवेट लैब को डिजिटल प्लेटफार्म पर जोड़ा जाना है। इसके लिए अभी रूपरेखा तैयार की जा रही है। आयुष्मान भारत के तहत अभी जिले में 37 अस्पतालों को इलाज करने का लाइसेंस मिला है।

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RRB-NTPC Result: गया रेलवे स्टेशन के आउटर सिग्नल पर खड़ी ट्रेन के कोच में लगाई आग ,तीसरे दिन भी छात्रों का  हंगामा जारी  

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डिजिटल भारत I छात्रों के हंगामे के बाद रेलवे की ग्रुप डी की परीक्षा रोक दी गई है. रेलवे ने धांधली के आरोपों को लेकर जांच के लिए एक समिति बनाई है, लेकिन हंगामा अभी जारी है. छात्रों ने बिहार में गया रेलवे जक्शन के आउटर सिग्नल पर खड़ी एमटी ट्रेन के कोच में आग लगा दी है. आग इतनी भयंकर है कि धुएं का गुबार दूर से देखा जा सकता है. रेलवे ने बताया है कि उम्मीदवार 16 फरवरी 2022 तक अपनी शिकायत समिति को प्रस्तुत कर सकते हैं. अब इस मामले पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव दोपहर साढ़े तीन बजे रेल भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.

रेल मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपेगी समिति

रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि रेलवे ने एक समिति भी बनाई है, जो विभिन्न रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की ओर से आयोजित परीक्षाओं में सफल और असफल होने वाले परीक्षार्थियों की शिकायतों की जांच करेगी. प्रवक्ता के मुताबिक, दोनों पक्षों की शिकायतें और चिंताएं सुनने के बाद समिति रेल मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपेगी.

प्रियंका गांधी ने क्या कहा?

प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अपने हक की बात कह रहे छात्र-छात्राओं के साथ डबल इंजन सरकार की पुलिस का व्यवहार देखिए. युवाओं के दमन के खिलाफ देश भर में इंकलाब होगा और बीजेपी का अहंकार चूर-चूर होगा. युवा रोजगार का हक लेकर रहेंगे.’’

रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (आरआरबी-एनटीपीसी) परीक्षा 2021 परिणाम के विरोध में छात्रों ने कर बिहार और यूपी में विरोध प्रदर्शन किया, जो अन्य हिस्सों में फैल गया. इस दौरान छात्रों की पुलिस के साथ भी झड़प हुई. विरोध प्रदर्शन के कारण कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया. विरोध-प्रदर्शन की घटनाएं पटना, नवादा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, बक्सर और भोजपुर जिलों से हुईं. कुछ जगहों पर गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया और सुरक्षा बलों से भिड़ गए और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाया.

प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि 2019 में जारी आरआरबी अधिसूचना में केवल एक परीक्षा का उल्लेख किया गया था. उन्होंने अधिकारियों पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया. परीक्षा परिणाम 15 जनवरी को घोषित होने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा है. उस समय रेल मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि अधिसूचना में दूसरे चरण की परीक्षा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था. सीबीटी के पहले चरण की परीक्षा सभी उम्मीदवारों के लिए एक सामान्य परीक्षा थी.

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एनिमेटेड मूवी हुई फिल्म फेस्टिवल में नॉमिनेट  

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चित्र भारती फिल्म समारोह 2022 में नॉमिनेट होकर जबलपुर शहर का गौरव बढ़ाया

डिजिटल भारत I  संस्कारधानी जबलपुर के बहुमुखी प्रतिभा के धनि धीर पाखुरिया का व्यंितव युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन रहा है। आधुनिक तकनीक का प्रयोग करके सोशल मीडिया, आर्ट, एनीमेशन के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। कोरोना काल में जहां युवा हताश होकर बैठे थे, धीर पखुरिया ने समय का सदुपयोग कर एनीमेशन वर्ल्ड में धूम मचा रखी है। चित्र भारती फिल्म समारोह 2022 में नॉमिनेट होकर शहर का गौरव बढ़ाया है। चित्रभारती फिल्म समारोह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहाँ पूरे भारत से लोग अपनी शार्ट मूवीज के साथ पार्टिसिपेट करते हैं।  इस वर्ष 2022 में इस फेस्टिवल में 750 से अधिक मूवीज ने भाग लिया,  जिनमे से लगभग 150 मूवीज को दिल्ली में नॉमिनेट किया I

पूरे भारत से आए हुए स्पेशलिस्ट व बॉलीवुड के कई दिग्गजों के टीम ने किया। ये समारोह 18, 19, 20फरवरी 2022 को भोपाल में होगा।  जिसमे संस्कारधानी के धीर पखुरिया की अपनी मूवी हग ऑफ़ लाइफ नॉमिनेट हुई , जिसका उन्होंने डायरेक्शन व एनीमेशन किया है I अपनी स्किल और टैलेंट के दम पर किसी भी क्षेत्र में प्रगति की जा सकती है ऑनलाइन प्लेटफार्म यूट्यूब में धूम मचा रहा है। ओश- अ सुपरहीरो विदिन बच्चो के बीच काफी प्रचलित हो रहा है। जिसमे वो हर एपिसोड में जबलपुर शहर से जुडी विशेषताएं, ऐतिहासक प्लेसेस व महान लोग व मान्यताओं के बारे में बताने से नहीं चूकते ये इसकी मदद से सोशल अवेयरनेस के वर्क भी करते रहते हैं ऐसे युवाओं को हम सभी को सपोर्ट करना चाहिए और हमारे शहर को गौरव होना चाहिए l

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