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एक भारत उत्कृष्ट भारत

जाने मध्यप्रदेश जबलपुर के बारे में कुछ रोचक बातें व तथ्य

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डिजिटल भारत l मध्य प्रदेश की संस्कार राजधानी जबलपुर है,जाबालि ऋषि की तपोभूमि होने के कारण इस जिले का नाम जबलपुर पड़ा मध्य प्रदेश का रत्न परीक्षण केंद्र जबलपुर में है मध्य प्रदेश का पहला कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर में है, पूर्व समय में जबलपुर में हैहय वंश का राज्य था ,तब इसे त्रिपुरी नाम से भी जाना जाता था जबलपुर में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय [ हाई कोर्ट ] का मुख्यालय रानी दुर्गावती की समाधि बरेला गांव जबलपुर में है महाकौशल विकास प्राधिकरण जबलपु मध्यप्रदेश के जबलपुर में केंद्रीय जेल की स्थापना की जा रही है

NCC परीक्षण केंद्र[ महिला ] -जबलपुर

प्रथम पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय यहीं पर स्थापित किया गया है,

मदन महल रेलवे स्टेशन इसको प्रदेश का पहला पिंकी स्टेशन कहा जाता है

यहां पर नर्मदा नदी मनोरम धुआंधार जलप्रपात बनाती है

यहां पर नर्मदा नदी पर संगमरमर की चट्टानों के बीच भेड़ाघाट जलप्रपात है

राज्यसभा सांसद व अभिनेत्री जया बच्चन की जन्मस्थली जबलपुर है

यह आम के लिए प्रसिद्ध है ,जबलपुर को आम जिला भी घोषित किया गया है,

जनसंख्या 25 लाख लगभग

जन घनत्व 473 प्रति वर्ग किलोमीटर,

साक्षरता 81.1%
जबलपुर शहर मध्य प्रदेश राज्य, मध्य भारत में स्थित है। यह नर्मदा नदी के उत्तर में निचली पहाड़ियों से घिरे चट्टानी बेसिन में झीलों और मंदिरों के बीच स्थित है। इस नगर में उच्च-न्यायालय भी स्थित है। जबलपुर में साक्षरता, संस्कृति, सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों की लंबी परंम्परा रही है। जबलपुर कई लेखकों, प्रकाशकों व मुद्रकों का आवास क्षेत्र रहा है।

पुराणों और किंवदंतियों के अनुसार जबलपुर का संबंध जाबालि ऋषि से है। जिनके बारे में कहा जाता है कि वह यहीं निवास करते थे।
1781 के बाद ही मराठों के मुख्यालय के रूप में चुने जाने पर इस नगर की सत्ता बढ़ी, बाद में यह सागर और नर्मदा क्षेत्रों के ब्रिटिश कमीशन का मुख्यालय बन गया। यहाँ 1864 में नगरपालिका का गठन हुआ था।
एक पहाड़ी पर मदन महल स्थित है, जो लगभग 1100 ई. में राजा मदन सिंह द्वारा बनवाया गया एक पुराना गोंड महल है। इसके ठीक पश्चिम में गढ़ है, जो 14वीं शताब्दी के चार स्वतंत्र गोंड राज्यों का प्रमुख नगर था।
भेड़ाघाट, ग्वारीघाट और जबलपुर से प्राप्त जीवाश्मों से संकेत मिलता है कि यह प्रागैतिहासिक काल के पुरापाषाण युग के मनुष्य का निवास स्थान था। मदन महल, नगर में स्थित कई ताल और गोंड राजाओं द्वारा बनवाए गए कई मंदिर इस स्थान की प्राचीन महिमा की जानकारी देते हैं। इस क्षेत्र में कई बौद्ध, हिन्दू और जैन भग्नावशेष भी हैं।

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शहर के व्यस्तम क्षेत्र गोरखपुर में अतिक्रमण हटाने की गई कार्रवाई : जबलपुर

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जबलपुर। शहर के प्रमुख बाजार क्षेत्र गोरखपुर में सड़क तक काबिज अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई शनिवार को की गई। नगर निगम के अतिक्रमण निरोधक दस्ते ने गोरखपुर चौराहे पर खड़े सब्जी, फल के ठेले टपरों को हटाकर हाकर जोन में व्यस्थित कराया। इसी तरह टीन शेड बढ़ाकर सड़क तक दुकान बढ़ाने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर टीन शेड भी हटाए गए। ठेले-टपरों को हटाते हुए ये चेतावनी भी दी गई कि दोबारा अतिक्रमण करते पाए जाने पर सामान जब्त कर लिया जाएगा।

  निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ के निर्देशानुसार आज अतिक्रमण शाखा के द्वारा यातायात में बाधक अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गयी। सहायक आयुक्त शिवांगी महाजन एवं सहायक अतिक्रमण निरोधक अधिकारी सागर बोरकर, ने बताया कि आज व्यवस्तम क्षेत्र गोरखपुर बाजार एवं मुख्य मार्ग में सब्जी व्यवसाय करने वालों को व्यवस्थित किया गया तथा टीन शेड हटाये गए साथ ही साथ अन्य स्थानों के भी ठेलो टपरों को हटाने की कार्यवाही की गयी। कार्यवाही के समय अतिक्रमण दस्ता टीम उपस्थित रहीं।

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जबलपुर फ्लाईओवर प्रोजेक्ट

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जबलपुर संस्कारधानी में मदन महल से दमोहनाका के बीच बन रहे जबलपुरमें साउंड प्रूफ होने की खूबी को भी शामिल किया गया है। फ्लाईओवर पर दौड़ने वाले वाहनों की ध्वनि को नियंत्रित करने के लिए नाइस बैरियर लगाया जाएगा।मदन महल से दमोहनाका के बीच बन रहे फ्लाईओवर में साउंड प्रूफ होने की खूबी को भी शामिल किया गया है। फ्लाईओवर पर दौड़ने वाले वाहनों की ध्वनि को नियंत्रित करने के लिए नाइस बैरियर लगाया जाएगा। गत दिवस केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। सांसद राकेश सिंह ने इस संबंध में मांग की थी।

सांसद ने बताया था कि मध्यप्रदेश के सबसे लंबे फ्लाई ओवर का निर्माण चल रहा है इस मार्ग पर प्रमुख भवन जैसे अस्पताल भवन, व्यवसायिक भवन, रहवासी भवन, धार्मिक स्थल एवं निजी कार्यालय आदि फ्लाईओवर के दोनों ओर समानांतर पर स्थित है इन भवनों के महत्वपूर्ण संवेदनशील एवं शांत क्षेत्र के भाग पर जैसे ओपीडी ,आईसीयू .आदि इन भवनों के ऊपरी तल पर स्थित है जो कि फ्लाईओवर निर्माण के बाद सीधे यातायात के प्रभाव में आ जाएंगे इस कारण नायस बैरियर लगाने का कार्य ध्वनि प्रदूषण को रोकने वाहन की लाइटिंग को रोकने हेतु निर्माणाधीन फ्लाईओवर में किया जाना अति आवश्यक है। इससे जहां ध्वनी प्रदूषण कम होगा वहीं लोगों को भी वाहनों की आवाजाही से परेशानी का सामना नहीं करना होगा।

दमोहनाका में 900 मीटर का निर्माण करवाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने अलग टेंडर निकाला था। इस कार्य का शिलान्यास भी गडकरी के हाथों किया गया। मप्र का सबसे लंबा फ्लाईओवर बनाया जा रहा है जिसकी लंबाई लगभग सात किलोमीटर है। कुल लागत करीब एक हजार करोड़ रुपये है। मध्य प्रदेश के जबलपुर में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट (Infrastructure Development) के दो मेगा प्रोजेक्ट आकार ले रहे है. यहां पर 7 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर बनने जा रहा है जो साल 2023 में बनकर तैयार हो जाएगा. वहीं 116 किलोमीटर की रिंग रोड़ का काम भी अगले दो महीनों में शुरू हो जाएगा. ये मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी रिंग रोड होगी.

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मिली मूवी में एक स्ट्रांग गर्ल का रोल निभाती दिखी जान्हवी कपूर जाने फिल्म का रिव्यु

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डिजिटल भारत l चाहे कोई कुछ भी कहे, मगर बॉलिवुड वालों का साउथ फिल्मों के लिए किसी भी हाल में मोहभंग नहीं होता। बॉलिवुड के फिल्मकार लगातार साउथ फिल्मों का रीमेक बनाते जाते हैं। अतीत में कई साउथ फिल्मों के रीमेक ने बॉक्स ऑफिस को चमकाया है, मगर कई फिल्में ऐसी भी रहीं, जो बिजनेस नहीं कर पाईं, इसके बावजूद हिंदी फिल्मकार साउथ की फिल्म को एक सेफ ऑप्शन तो जरूर मानते ही हैं। यही वजह है कि हिंदी में MILI के रूप में 2019 में प्रदर्शित हुई मलयालम फिल्म ‘हेलेन’ की रीमेक देखने को मिल रही है।
सिनेमा में सितारों के बच्चों की जो मौजूदा पीढ़ी काम कर रही है, उसमें अगर अभिनेत्रियों में किसी ने अपने काम को वाकई गंभीरता से लिया है तो वह जान्हवी कपूर ही हैं। करियर की शुरुआत में ही एक के बाद एक स्त्री प्रधान फिल्मों में अभिनय करना और हर बार खुद को पिछली फिल्म से बेहतर करते रहना, आसान नहीं है। सिर्फ 25 साल की उम्र में अकेले अपने नाम पर पहले ‘गुंजन सक्सेना द कारगिल गर्ल’ फिर ‘गुडलक जेरी’ और अब ‘मिली’ को देखने के लिए दर्शकों को खींच लाना बड़ी बात है। अपनी पहली फिल्म ‘धड़क’ में भी जान्हवी के अभिनय ने लोगों को प्रभावित किया था। और, फिल्म ‘मिली’ में जान्हवी ने अपनी अदाकारी को एक पायदान और ऊपर करके अपने ही काम को बेहतर किया है। अगर ध्यान से जान्हवी की फिल्मों का डीएनए समझने की कोशिश करें तो वह खुद को एक ऐसी आत्मनिर्भर युवती के रूप में परदे पर पेश करती रही हैं, जो करोड़ों युवतियों में से किसी एक के लिए भी प्रेरणा बना, तो उनका कलाकार बनना सफल है।
फिल्म की हीरो जान्हवी कपूर
जान्हवी कपूर ही फिल्म ‘मिली’ की हीरो हैं। बाकी सब सहायक कलाकार हैं। जान्हवी ठीक ही कहती हैं कि श्रीदेवी की बेटी होने का फायदा जितना उनको मिलना था मिल चुका, अब बारी उनके हुनर के इम्तिहान की है। इस इम्तिहान में जान्हवी फिल्म ‘मिली’ में सम्मानसहित अंकों के साथ उत्तीर्ण हुई हैं। तारीफ इस बात की करनी होगी कि जान्हवी को जो किरदार मिलता है, वह उसके रंग में खुद को आसानी से सराबोर कर लेती हैं। फिल्म शुरू होने के कुछ ही देर बाद जान्हवी परदे पर जान्हवी दिखना बंद हो जाती हैं और यही उनके अभिनय की सबसे बड़ी जीत है।

मिली का किरदार आसान नहीं है। उसका संघर्ष वैसा ही है जैसा किसी बर्फीले पहाड़ के किसी पतली सी दरार में फंसे इंसान का होता है। विपरीत परिस्थितियों में अकेले फंसे इंसान का खुद को जिंदा रखने का संघर्ष सिनेमा का पसंदीदा विषय रहा है। ऐसी फिल्मों में अपनी छाप छोड़ जाने वाले कलाकारों में अब जान्हवी का नाम भी शामिल हो चुका है।

सहायक कलाकारों में कुछ खास देखने नहीं मिला
फिल्म ‘मिली’ की सबसे बड़ी कमजोरी है इसकी सपोर्टिंग कास्ट। सनी कौशल की जगह किसी नए चेहरे को लेने से फिल्म की ताजगी बढ़ सकती थी। सनी कौशल की फिल्म निर्माताओं तक अपने पिता स्टंट निर्देशक शाम कौशल के चलते सीधी पहुंच है और इसी वजह से उन्हें इस तरह के किरदार में ले लिया जाए, ये ठीक नहीं दिखता। इस किरदार की जो जरूरत है, उसे पूरा करने में सनी विफल रहे। यही हाल विक्रम कोचर, मनोज पाहवा और संजय सूरी के किरदारों का है। तीनों ने सिर्फ खानापूरी की है। हां, अनुराग अरोड़ा और हसलीन कौर का अभिनय प्रभावित करता है और ये दोनों ही फिल्मों को ठीक ठाक सहारा भी देते हैं।
ढलान पर ए आर रहमान का संगीत
तकनीकी टीम में सबसे कमाल का काम फिल्म के रूप सज्जा (मेकअप) विभाग का है। बर्फ में बदलती जा रही एक जीती जागती लड़की का पूरी फिल्म में बदलता रूप परदे पर इस तरह दिखाना कि लोगों को वाकई ऐसा होता दिखे, बहुत चुनौती का काम है। कला निर्देशन (आर्ट डायरेक्शन) भी उम्दा है। फिल्म देखकर लगता नहीं कि डीप फ्रीजर के भीतर की शूटिंग किसी सेट पर की जा रही है। सुनील कार्तिकेयन की सिनेमैटोग्राफी ने भी इस काम में काफी मदद की है। संगीत के मामले में फिल्म कमजोर है। ए आर रहमान एक बार फिर अपने नाम के हिसाब का संगीत बनाने में विफल रहे। जावेद अख्तर का नाम बतौर गीतकार देखकर भी फिल्म के गानों से उम्मीदें बंधी थी, लेकिन वह अपना सबसे बेहतर सृजनात्मक समय शायद जी चुके हैं।

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आज लगेगा साल का आखरी ग्रहण जाने कब और कहा दिखाई देगा

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8 नवंबर 2022 को साल का आखिरी व दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा। ये चंद्र ग्रहण भारत में नजर आएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि भी है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को देव दीपावली भी मनाई जाती है। लेकिन इस साल पूर्णिमा तिथि पर चंद्रग्रहण लगने के कारण देव दीपावली एक दिन पहले यानी सात नवंबर को मनाया जाएगा।भारत में साल का आखिरी व दूसरा चंद्र ग्रहण गुवाहाटी, रांची, पटना, सिलिगुड़ी और कोलकाता समेत देश की राजधानी दिल्ली में भी दिखाई पड़ेगा। चंद्र ग्रहण भारत में दिखने के कारण इस अवधि में विशेष सावधानी बरतनी होगी।

  1. इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को नहीं करना चाहिए और न ही भगवान की मूर्तियों को स्पर्श करना चाहिए।
  2. ग्रहण के दौरान तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए और सूतक काल में तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।
  3. ग्रहण समाप्त होने के बाद ही भोजन करना चाहिए।
  4. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और न ही सोना चाहिए।
  5. ग्रहण के दौरान तेल लगाना, कपड़े धोना और ताला खोलना आदि काम नहीं करने चाहिए

रांची : शाम 5:07 बजे से शाम 6:18 बजे तक
पटना : शाम 5:05 बजे से शाम 6:18 बजे तक
कोलकाता : शाम 4:56 बजे से शाम 6:18 बजे तक
भुवनेश्वर : शाम 5:10 बजे से शाम 6:18 बजे तक
रायपुर : शाम 5:25 बजे से शाम 6:18 बजे तक
नई दिल्ली : शाम 5:32 बजे से शाम 6:18 बजे तक
ईटानगर : शाम 4:28 बजे से शाम 6:18 बजे तक
गुवाहटी : शाम 4:37 बजे से शाम 6:18 बजे तक
विशाखापट्टनम : शाम 5:24 बजे से शाम 6:18 बजे तक
गंगटोक : शाम 4:48 बजे से शाम 6:18 बजे तक
प्रयागराज : शाम 5:18 बजे से शाम 6:18 बजे तक
जे तक
अहमदाबाद : शाम 6:00 बजे से शाम 6:18 बजे तक
चेन्नई : शाम 5:42 बजे से शाम 6:18 बजे तक
हैदराबाद : शाम 5:44 बजे से शाम 6:18 बजे तक
उज्जैन : शाम 5:47 बजे से शाम 6:18 बजे तक
जोधपुर : शाम 5:53 बजे से शाम 6:18 बजे तक
पुणे : शाम 6:01 बजे से शाम 6:18 बजे तक
सूरत : शाम 6:02 बजे से शाम 6:18 बजे तक
जामनगर : शाम 6:11 बजे से शाम 6:18 बजे तक
तिरुवनन्तपुरम : शाम 6:02 बजे से शाम 6:18 बजे तक
मुंबई : शाम 6:05 बजे से शाम 6:18 बजे तक
पणजी : शाम 6:06 बजे से शाम 6:18 बजे तक
श्रीनगर: श्रीनगर में ग्रहण का चंद्रमा लगभग 66 प्रतिशत अस्पष्टता के साथ शाम 05 बजकर 31 मिनट से क्षितिज से ऊपर उठेगा।

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सर्दियों में अपनी डाइट में शामिल करे इस चीजों का सेवन – टिप्स फॉर विंटर

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डिजिटल भारत l सर्दियों के मौसम आते ही लोग अपने भोजन में बहुत तरह के बदलाव करना शुरू कर देते है। जैसे ठंडी चीजे की तरह गर्म खाना केवल पसंद करते है। सर्दियों में भारत में हरी सब्जियों की पैदावार अधिक होती है, जिसके कारण लोग अधिकतर हरी सब्जिया लेना सही समझते है। हरी सब्जिया में भरपूर मात्रा में विटामिन और खनिज होता है जो कई तरह के रोगो से बचाने का काम करती है। इसके अलावा हरी सब्जिया हड्डिया की कमजोरी व आयरन की कमी को दूर करने में मदद करता है। अक्सर लोग समझते है, भोजन में थोड़ा धनिया डालने से एंटीऑक्सीडेंट की पूर्ति कर सकते है। लेकिन यह संभव नहीं है, क्योंकि हरी पत्तेदार सब्जियों में अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट एव कैल्शियम, फाइबर होता है। इसलिए सर्दियों में मौसमी सब्जियों का आंनद लेना चाहिए। इस लेख में सर्दिया के मौसम में हरी सब्जियों के फायदे के बारे में विस्तार से बतायेंगे।


मेथी – मेथी के बीज घरेलु उपचार के लिए उपयोग किये जाते है, उसी तरह मेथी की पत्तिया सेहत के लिए फायदेमंद है। इसमें घुलनशील फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन भरपूर मात्रा होता है। इसमें अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। मेथी की पत्तिया स्तनपान वाली महिलाओं के दूध उत्पादक उत्पन्न करता है। इसके अलावा मेथी पुरुषो में होने वाले टेस्टोटेरियन के स्तर को बढ़ाता है। डायबिटीज के मरीज के लिए मेथी जड़ी बूटी की तरह काम करता है।


सरसो का साग – सरसो के साग और मक्के की रोटी का नाम अपने कई पंजाबियो से सुना होगा। सर्दियों में सरसो के साग और मक्के की रोटी के साथ थोड़ा धी डालकर सेवन करना स्वाद को दुगना करता है। सरसो की पत्तिया में विटामिन ए, सी, ई, और के उपस्थित है। इसके अलावा कैल्शियम, मैग्नीशियम, मेगनीज, जिंक, घुलनशील फाइबर है। यह पाचन शक्ति को मजबूत कर कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है।


बथुआ – सर्दियों के मौसम में बथुआ की पैदावार अधिक होती है। बथुआ को उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल व राजस्थान में बहुत चाव से खाया जाता है। बथुआ पत्तियों वाली सब्जी है, इसमें उच्च मात्रा में विटामिन ए, सी व बी काम्प्लेक्स है। इसके अलावा आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस्क होता है। यह हड्डियों को मजबूत बनाने में एव लिवर के स्वास्थ्य को बेहतर करता है।


हल्दी – हल्दी में अनेको औषधीय गुणों का समावेश होता है जो कई तरह के रोगो की रोकथाम करने में मदद करता है। इसमें अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, एन्टीबैक्टिरीयल व एंटी बायोटिक गुण मौजूद होता है, यह शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। हल्दी की पत्तिया अधिक लाभदायक होती है। यह


बदलता मौसम अपने साथ कई प्रकार की बीमारियों जैसे सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार आदि को भी साथ में लेकर आता है। इस सब से बचने के लिए आपको ठंड के मौसम में क्या खाना चाहिए इसकी जानकारी होना बहुत आवश्यक है।

सर्दी के मौसम में केवल गर्म कपड़े पहनकर ठंड से नहीं बचा जा सकता। ठंड से बचने के लिए शरीर की अंदरूनी गर्मी जरूरी होती है, जो हमें किसी स्वेटर, शॉल या जैकेट से नहीं, बल्कि स्वस्थ भोजन खाने से मिलती है।

शीतकालीन भोजन यानि विंटर फूड में आपको शहद का सेवन करना चाहिए। यह अनेक प्रकार के पोषक तत्वों से भरा हुआ है जो आपके शरीर को ऊर्जा देता है। शहद प्राकृतिक रूप से गर्म होता है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से शरीर में गर्माहट आ जाती है और ठंड कम लगती है। इसी वजह से गर्मियों में कभी भी शहद खाने की सलाह नहीं दी जाती। यह आपको सर्दी, जुकाम और फ्लू से दूर रखता है। इसलिए सर्दियों में सुबह एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच शहद डालकर पीएं।

शुद्ध देसी घी कई प्रकार के पोषक तत्वों से भरा होता है जो हमारे शरीर के लिए बहुत आवश्यक होते है। ठंड में घी खाने से आपकी सेहत को बहुत फायदा पहुंचता है। हालांकि, कई लोगों को लगता है कि घी मोटापा बढ़ाता है, लेकिन ये भी सच है कि ठंड के दिनों में शरीर को गर्माहट देने के लिए यह बहुत अच्छा है। रोजाना 15 ग्राम घी का सेवन आप किसी भी रूप में कर सकते हैं। चाहे, रोटी पर लगाकर या सब्जी में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। शरीर को गर्माहट देने के साथ ही यह सर्दियों में स्किन को ड्राय होने से भी बचाता है।

सर्दियों ने बॉडी को गर्म रखने के लिए आप गुड़ का सेवन करें यह आपके लिए फायदेमंद होता है। आपने देखा होगा कि सर्दियों में गुड़ की मांग बढ़ जाती है। ऐसा यूं ही नहीं होता, बल्कि अपने कई गुणों के कारण सर्दियों में गुड़ बहुत फायदा करता है। ये न सिर्फ आपकी पाचन क्रिया को दुरूस्त रखता है, बल्कि मौसम सर्दी-जुकाम व खांसी से आपको बचाता है। इसमें मैग्नीशियम, पोटेशियम, आयरन होने के कारण यह माइग्रेन, अस्थमा के अलावा कफ की समस्या से भी निजात दिलाता है। सर्दियों में अगर कफ जम जाए, तो गुड़ को अदरक के साथ जरूर खाएं।

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पूर्व प्रधानमंत्री इमरान के प्रेस कॉन्फ्रेंस के प्रसारण पर लगी रोक : पाकिस्तान

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पाकिस्तान l इंडियन एक्सप्रेस ने पाकिस्तानी अख़बार डॉन के हवाले से लिखा है कि पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (पीइएमआरए) ने न्यूज़ चैनलों को नोटिफ़िकेशन जारी करते हुए चेतावनी दी है कि आदेश के उल्लंघन के मामले में वह चैनल का प्रसारण लाइसेंस निलंबित कर देगा. ऐसा करने से पहले चैनल को कारण बताओ नोटिस भी जारी नहीं किया जाएगा.

नियामक ने इससे पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में इमरान ख़ान की ओर से की गई टिप्पणियों को “घृणित, निंदनीय और अपशब्द” बताया है.

नोटिफ़िकेशन में कहा गया है कि इमरान ख़ान ने “देश की संस्थानों के ख़िलाफ़ हत्या की साज़िश करने का आधारहीन आरोप लगाया हैं.”
बीते दिनों पीटीआई प्रमुख इमरान ख़ान पर गोली चलाई गई थी. फ़ायरिंग में उनके पैर में गोली लगी है. उन पर उस वक़्त गोली चलाई गई, जब वह वज़ीराबाद शहर में लॉन्ग मार्च की अगुआई कर रहे थे.

पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान के प्रदर्शन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है

इमरान ख़ान ने हमले के बाद शुक्रवार को अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम शहबाज़ शरीफ़, गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह ख़ान और पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी मेजर जनरल फ़ैसल नसीर हत्या की साज़िश का आरोप लगाया है. इसके साथ ही उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.

इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल से न्याय की अपील की है.

पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा नियोजित सरकार विरोधी प्रदर्शन के खिलाफ निर्देश जारी करने का आग्रह किया गया था।

बहरहाल, उच्चतम न्यायालय ने सरकार को कानून एवं व्यवस्था पर नियंत्रण करने के लिए ‘‘खुली छूट” दी और आगाह किया कि अगर किसी भी पक्ष ने अदालत के आदेशों का उल्लंघन किया तो वह हस्तक्षेप करेगा।

संघीय सरकार ने खान की पार्टी के ‘‘आजादी मार्च” के संबंध में अदालत के 25 मई के आदेश का उल्लंघन करने के लिए उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के वास्ते गत सप्ताह उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। सरकार ने इसी याचिका में खान को नियोजित प्रदर्शन मार्च के जरिए कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने से रोकने का आदेश देने का अनुरोध किया।

उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय पीठ ने याचिका पर सुनवाई की। न्यायालय ने नियोजित प्रदर्शन के संबंध में कोई आदेश देने से इनकार कर दिया है। हालांकि, यह प्रदर्शन अभी तक नहीं हुआ है।

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जाने मानषिक तनाव के दूर करने के आसान उपाए

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डिजिटल भारत l आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक तनाव होना एक आम बात है। लेकिन अधिक तनाव लेने से व्यक्ति का जीवन तो प्रभावित होता ही है साथ में उसके काम पर भी इसका असर पड़ता है। अक्सर लोग लंबे समय तक मानसिक तनाव में रहने के कारण कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से घिर जाते हैं और फिर इससे निजात पाने के लिए इलाज का सहारा लेते हैं।

माना जाता है कि मानसिक तनाव का कारण अक्सर हमारी जीवनशैली ही होती है। अगर व्यक्ति अपनी जीवनशैली बेहतर रखे तो काफी हद तक तनाव से बचा जा सकता है। अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं तो आइये जानते हैं मानसिक तनाव दूर करने का उपाय क्या हैं।
प्राचीन काल से ही मस्तिष्क से संबंधित विकारों को दूर करने के लिए अश्वगंधा जड़ी बूटी काफी लोकप्रिय है। यह शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को मजबूत बनाने के साथ ही मानसिक तनाव को भी दूर करने में मदद करता है। यह तंत्रिका तंत्र को शांत रखता है जिससे व्यक्ति को मानसिक तनाव से राहत मिलता है। अगर आप मानसिक तनाव से जल्दी छुटकारा पाना चाहते हैं तो 500 ग्राम अश्वगंधा दिन में दो बार सेवन करें, जल्द ही आपको लाभ मिलेगा।


जब भी आपको तनाव हो तो कम से कम पांच बार तेज सांस ले और छोड़ें। संभव हो तो कुछ देर तक सांस रोककर रखें और फिर छोड़ें। यह प्रक्रिया कई बार दोहराएं, इससे मानसिक तनाव गायब हो जाएगा।
माना जाता है कि अनिद्रा भी मानसिक तनाव का एक कारण होता है। इस स्थिति में कैमोमाइल बहुत प्रभावी तरीके से कार्य करता है। यह मांसपेशियों और तंत्रिकाओं को शांत रखता है और अनिद्रा की समस्या दूर करता है जिससे की मानसिक तनाव से भी राहत मिलती है। इसके अलावा यह पाचन को बेहतर बनाता है और तनाव घटाता है। कैमोमाइल का सेवन चाय के रूप में करना ज्यादा फायदेमंद होता है।

तनाव बढ़ने पर सर दर्द होना और नींद न आना जैसी परेशानियां होती है। ऐसे में सर की मालिश करना एक बेहतरीन उपाय है। सर मालिश करने से रक्त का प्रवाह बढ़ने लगता है जो सर दर्द को रोकने, नींद और तनाव से लड़ने का अच्छा तरीका है

मूड खराब होने पर किसी पालतू जानवर के साथ कुछ समय बिताये। घर के पालतू जानवरों से लगाव और स्नेह होता है, ये हमें खुशी और प्यार देते है। इसलिए अपने आपको tension से दूर रखना हो या मूड फ्रेश करना हो ये उपाय काफी कारगर है।

बाजार में मिलने वाले फ़ास्ट फ़ूड की बजाय पोषक तत्वों से भरपूर पोष्टिक भोजन खाये और पानी की मात्रा अधिक ले। इससे आपका शरीर स्वस्थ रहेगा और मूड भी अच्छा रहेगा।

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पूर्व पीएम इमरान खान ने सेना और सरकार पर लगाए आरोप बौखला गई पाकिस्तान की सेना :पाकिस्तान

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डिजिटल भारत l खुद पर हुए जानलेवा हमले के बाद पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने सेना और सरकार पर जो आरोप लगाए हैं, उससे पाकिस्तान की सेना बौखला गई है. पाकिस्तानी सेना ने सरकार से पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान के खिलाफ एक वरिष्ठ सैन्यकर्मी को बदनाम करने के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू करने को कहा है. अपनी हत्या की कोशिश की साजिश में सेना के एक वरिष्ठ कर्मी के शामिल होने के इमरान खान के आरोपों का जवाब देते हुए खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (डीजी आईएसपीआर) के महानिदेशक ने कहा कि पीटीआई के अध्यक्ष द्वारा संस्था और विशेष रूप से एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार और गैर-जिम्मेदाराना हैं.

इमरान खान को गुरुवार को पंजाब प्रांत में वजीराबाद में अपने लॉन्ग मार्च के दौरान चार गोलियां लगी थीं. उनके पैर में चोटें आई हैं और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. खान का मानना है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, देश के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और आईएसआई के मेजर जनरल फैसल के इशारे पर उन पर गोलियां चलाई गईं. इमरान खान के दावों का खंडन करते हुए डीजी आईएसपीआर ने एक कहा कि पाकिस्तानी सेना एक बेहद पेशेवर और अच्छी तरह से अनुशासित संगठन होने के लिए गर्व करती है. जिसमें एक मजबूत और अत्यधिक प्रभावी आंतरिक जवाबदेही प्रणाली है. जो गैर-कानूनी कामों पर रोकथाम के लिए पूरी सेना में लागू है.

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हमले के बाद, सड़कों पर भीड़ ने उतरकर प्रदर्शन किया. इसके बाद पुलिस ने आंसूगैस और बल का प्रयोग किया, और कई गिरफ्तारियां कीं. इमरान पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए हैं. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों ने लाहौर में गवर्नर हाउस के बाहर टायर जलाए. सूत्रों ने कहा कि इस्लामाबाद में गोलियों की आवाज सुनी गई है.

प्रदर्शनकारी इमरान खान के समर्थन में नारेबाजी कर रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि कई लोगों ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा पर भी निशाना साधा है और उन्हें ‘डॉग’ जैसे नाम दिए हैं. PTI कराची, इस्लामाबाद, लाहौर, मुल्तान, क्वेटा और पेशावर सहित पूरे पाकिस्तान के सभी प्रमुख शहरों में प्रदर्शन कर रही है. सूत्रों ने कहा कि पार्टी समर्थकों ने रावलपिंडी, पेशावर, लाहौर, मुल्तान, कराची और अन्य शहरों में मुख्य सड़कों को अवरुद्ध कर दिया. उन्होंने एक दिन पहले कथित हत्या के प्रयास के खिलाफ रावलपिंडी के फैजाबाद इंटरचेंज में विरोध प्रदर्शन किया.

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‘डबल एक्सएल’ फिल्म के जरिये दिया बेहतरीन सन्देश , दिल जीत लेगा सोनाक्षी और उमा कुरेशी की अदाकारी

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डिजिटल भारत l बॉडी शेमिंग आज के दौर में एक ऐसा सामाजिक मुद्दा है, जिससे हम सभी का कभी न कभी, किसी न किसी रूप में जरूर पाला पड़ा है। मगर इस मुद्दे पर बॉलिवुड में फन्ने खां और दम लगा के हईशा जैसी कम ही फिल्में बनी हैं। जाहिर सी बात’ है फिल्म अगर फैट फोबिया को लेकर होगी, तो फिल्म के नायक या नायिका को किरदार में वजनदार दिखना होगा और वजन बढ़ाकर पर्दे पर आने का दुस्साहस मेन स्ट्रीम की हीरोइनें कम ही करती हैं। सालों से रुपहले पर्दे पर भी तो नायिका की खूबसूरती और कद-काठ के तयशुदा मानक रहे हैं। दम लगा के हईशा में भूमि पेडनेकर ने 15 किलो वजन बढ़ाया था और अब निर्देशक सतराम रमानी की डबल एक्सएल के लिए सोनाक्षी सिन्हा और हुमा कुरैशी को भी तकरीबन इतना ही वजन बढ़ाना पड़ा है।

हेलमेट जैसी बोल्ड मुद्दे वाली फिल्म का निर्देशन कर चुके सतराम रमानी वाकई बॉडी शेमिंग जैसे बेहद ही सामयिक विषय पर फिल्म लेकर आए, कास्टिंग भी उनकी परफेक्ट रही, फिल्म भी उन्होंने अच्छी नियत से बनाई, मगर मगर कहीं न कहीं इस जरूरी मुद्दे वाले विषय की परतों को पूरी तरह से उकेरने में कामयाब नहीं रहे।

कहानी इतनी सिंपल है कि आप या आपके घर का कोई न कोई सदस्य इससे खुद को आइडेंटिफाई किए बिना नहीं रह पाएगा। मेरठ की राजश्री त्रिवेदी (हुमा कुरैशी) गहरी नींद में क्रिकेटर शिखर धवन के साथ डांस करने का मीठा सपना देख ही रही होती है कि मां अलका कौशल हल्ला करके बेटी को जगा देती है। मां बेटी की शादी की चिंता में आधी हुई जा रही है। बेटी 30 पार कर चुकी है, मगर उसकी शादी नहीं हो रही और मां इसकी वजह बेटी का मोटापा मानती है, जबकि दादी शुभा खोटे और पिता कंवलजीत अपनी हष्ट-पुष्ट बेटी को लेकर कूल हैं। राजश्री को शादी का कोई शौक नहीं, उसे तो क्रिकेट रिप्रेजेंटर बनना है। हालांकि उसकी मां दिन-रात एक ही बात रटती रहती हैं कि इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, शादी कर लो। वहीं दूसरी तरफ फैशन डिजाइनर सायरा खन्ना (सोनाक्षी सिन्हा) है,

जो अपना लेबल लॉन्च करने का सपना रखती है, उसका एक बॉयफ्रेंड है, जो जिम और फिटनेस का आशिक है। इन दोनों ही लड़कियों की परवरिश और सपने अलग हैं, मगर समाज और आस-पास के लोगों से उन्हें अपने मोटापे को लेकर एक ही तरह की हीनता महसूस होती है। सायरा अपने बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर लंडन में अपना फैशन लेबल लॉन्च करने की तैयारी में ही है और उधर एक लीडिंग चैनल ने राजश्री को भी स्पोर्ट्स प्रेजेंटर के रूप में शार्ट लिस्ट कर लिया है, मगर तभी कुछ ऐसा होता है कि अपने साइज के कारण दोनों ही के सपने चूर-चूर हो जाते हैं। फिर उनकी जिंदगी में जोई (जहीर इकबाल) और श्रीकांत (महत राघवेंद्र) आते हैं और उनकी जिंदगी में बहुत कुछ बदलता है।

‘डबल एक्सएल’ में हुमा कुरैशी, सोनाक्षी सिन्हा, जहीर इकबाल, महत राघवेंद्र और कंवलजीत सिंह अहम किरदारों में हैं. हुमा कुरैशी और सोनाक्षी सिन्हा ने दो ऐसी महिलाओं का किरदार निभाया है, जो कि अपने मोटापे की वजह से करियर में ग्रोथ नहीं कर पाती हैं. हुमा कुरैशी के किरदार का नाम राजश्री त्रिवेदी और सोनाक्षी सिन्हा के किरदार का नाम सायरा खन्ना है. राजश्री और सायरा के ख्वाब बहुत ऊंचे हैं. एक को स्पोर्ट्स प्रेजेंटर बनना है तो दूसरी को फैशन डिजाइनर, लेकिन इनके सपनों के साकार होने के बीच में इनका मोटापा आ जाता है. लोग इनके वजन की वजह से गंभीरता से नहीं लेते हैं. यहां तक कि सायरा के वजन की वजह से उसका बायफ्रेंड उसे धोखा तक देने लगता है. अपने जीवन में हताश और निराश राजश्री और सायरा की मुलाकात हो जाती है, जिसके बाद उनकी जिंदगी बदल जाती है.

 सेकंड हाफ में जिस चमत्कार की अपेक्षा की जाती है, वह दर्शक को नहीं मिलता और एक बेहद ही जरूरी मुद्दे वाली कहानी औसत बन कर रह जाती है। इसमें कोई शक नहीं कि फिल्म में कुछ स्ट्रॉन्ग मेसेज भी है, जो ये दर्शाता है कि अपने सपनों को पूरा करने के लिए शारीरिक रूप से बदलने के बजाय अपनी मानसिक कुंठा से छुटकारा पाना जरूरी है।
सिनेमैटोग्राफर के रूप में में मिलिंद जोग ने अच्छा काम किया है। लंडन की खूबसूरती उनके कैमरे की आंख से खूब नजर आती है। फिल्म का साउंडट्रेक ठीक-ठाक है। एडिटिंग थोड़ी चुस्त हो सकती थी।

शहरी लड़की के रूप में सोनाक्षी सिन्हा भी अपनी भूमिका के साथ इंसाफ करती हैं, मगर उनका चरित्र उतना लेयर्ड नहीं बन पाया है। दोनों अभिनेत्रियों की केमेस्ट्री पर्दे पर अच्छी लगी है। जोरावर रहमानी के चुलबुले किरदार में जहीर इकबाल मनोरंजन तो करते हैं, मगर कई जगहों पर ओवर एक्टिंग करते नजर आते हैं। श्रीकांत के रूप में महत रघुवंशी प्रोमिसिंग साबित हुए हैं। अलका कौशल 30 पार कर चुकी अनब्याही बेटी की मां के दर्द को बखूबी बयान करती हैं। शुभा खोटे और कंवलजीत छोटे-छोटे किरदारों में भी याद रह जाते हैं। सहयोगी कास्ट कहानी के अनुरूप है।

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