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पीएम मोदी आज 13वें BRICS शिखर सम्मेलन की करेंगे अध्यक्षता, बैठक में अफगान संकट पर हो सकती है चर्चा

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज डिजिटल माध्यम से पांच देशों के समूह ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, चीन, भारत और दक्षिण अफ्रीका) के सालाना शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में दी। भारत वर्ष 2021 में ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है। इस बैठक में ब्राजील के राष्ट्रपति जाइर बोलसोनारो, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा उपस्थित रहेंगे। इस बैठक में अफगानिस्तान की ताजा स्थिति पर चर्चा होने की उम्मीद है। पीएमओ के मुताबिक भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, न्यू डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष मार्कोस ट्रॉयजो, ब्रिक्स बिजनेस काउंसिल के अस्थायी अध्यक्ष ओंकार कंवर और ब्रिक्स विमेन्स बिजनेस एलायंस की अस्थायी अध्यक्ष डॉ.संगीता रेड्डी इस मौके पर शिखर सम्मेलन में उपस्थित राजाध्यक्षों के सामने अपने-अपने दायित्वों के तहत साल भर में किये काम काम का ब्योरा प्रस्तुत करेंगे। इस बार शिखर सम्मेलन की विषयवस्तु ‘‘ब्रिक्स@15: अंतर-ब्रिक्स निरंतरता, एकजुटता और सहमति के लिये सहयोग है। पीएमओ ने बताया कि अपनी अध्यक्षता में भारत ने चार प्राथमिक क्षेत्रों का खाका तैयार किया है। इन चार क्षेत्रों में बहुस्तरीय प्रणाली, आंतक विरोध, सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये डिजिटल और प्रौद्योगिकीय उपायों को अपनाना तथा लोगों के बीच मेल-मिलाप बढ़ाना शामिल है।इन क्षेत्रों के अलावा, उपस्थित राजाध्यक्ष कोविड-19 महामारी के दुष्प्रभाव तथा मौजूदा वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। इसके पहले वर्ष 2016 में उन्होंने गोवा शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। इस वर्ष भारत उस समय ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है, जब ब्रिक्स का 15वां स्थापना वर्ष मनाया जा रहा है।

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UP में 50 साल से ऊपर के ‘अनफिट’ और भ्रष्ट पुलिस वालों की होगी छंटनी, होंगे जबरन रिटायर

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इस साल मार्च में 50 साल पूरे करने वाले उत्तर प्रदेश के पुलिस कर्मियों की स्क्रीनिंग की जाएगी। जो ‘अक्षम, गैर अनुशासित और भ्रष्ट’ पाए जाएंगे उन्हें रिटायर कर दिया जाएगा। इस संबंध में नए आदेश अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी), स्थापना, संजय सिंघल द्वारा जारी किए गए हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि आदेश में कहा गया है कि सभी पुलिस विभागाध्यक्षों और जिला पुलिस प्रमुखों को कांस्टेबल से लेकर निरीक्षक तक के पुलिस कर्मियों की स्क्रीनिंग की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।उन्होंने कहा कि आदेश में कहा गया है कि 31 मार्च, 2021 तक 50 वर्ष की आयु तक के सभी पुलिस कर्मियों की स्क्रीनिंग उनके ‘प्रदर्शन’ के आधार पर की जाएगी। अक्षम, अनुशासनहीन और भ्रष्ट पुलिस कर्मियों को बाहर निकालने के लिए राज्य सरकार ने पिछले दो वर्षों से इस नीति पर जोर दिया है। एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने स्पष्ट किया कि “यह कोई नई बात नहीं है, बल्कि 50 साल से ऊपर के कर्मचारियों की स्क्रीनिंग से संबंधित आदेश साल 1985 से लागू है और यह अन्य विभागों और केंद्र सरकार की इकाइयों में भी किया गया है।”उन्होंने कहा कि “इस स्क्रीनिंग को यह नहीं माना जाना चाहिए कि कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्ति दी जाएगी, लेकिन यह सेवा में उनकी उपयोगिता के अनुसार किया गया है।” उन्होंने कहा कि “50 वर्ष से अधिक आयु के वे पुलिस कर्मी, जिनकी स्क्रीनिंग एक बार हो चुकी है, आगे की स्क्रीनिंग का हिस्सा नहीं होंगे।”ज्ञात हो कि 2019 में राज्य भर में इंस्पेक्टर से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों तक के 364 पुलिस कर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी। इनमें 11 निरीक्षक, 57 उप निरीक्षक, आठ उप निरीक्षक (मंत्रालयी), 80 प्रधान आरक्षक व 200 आरक्षक व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल थे।इसके अलावा, कुछ प्रांतीय पुलिस सेवा और भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को भी 2019 से अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी, जिसमें से सबसे अधिक प्रचारित मामला आईपीएस अमिताभ ठाकुर का था।

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गरीब बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए जस्टिस तंखा फाउंडेशन की पहल

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जबलपुर:-निर्धन परिवारों के बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए आईटीवी नेटवर्क और जस्टिस तंखा फाउंडेशन के द्वारा अनोखी पहल की जा रही है। सामाजिक सरोकारों को ध्यान में रखते हुए दोनों ही संस्थाओं ने विभिन्न सामाजिक संगठनों की मदद से देशभर के एक लाख होनहार बच्चों को ई लर्निंग कोर्स से लैस टेबलेटस देने का ऐलान किया है ल। विश्व साक्षरता दिवस के मौके पर जबलपुर में आयोजित एक गरिमा पूर्ण समारोह में राज्यसभा सांसद विवेक कृष्ण तंखा और आईटीवी ग्रुप ऑफ नेटवर्क के चेयरमैन कार्तिकेय शर्मा ने टेबलेट वितरण की इस योजना का शुभारंभ किया। दरअसल इस अभियान के पीछे मकसद यह है कि देश में लाखों-करोड़ों ऐसे बच्चे हैं जो होनहार तो है लेकिन उनकी तरक्की और शिक्षा में उनकी आर्थिक स्थिति रोड़ा बनती है लिहाजा आईटीवी ग्रुप ऑफ नेटवर्क, जस्टिस तंखा फाउंडेशन और रोटरी इंटरनेशनल के जरिए ऐसे बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। पहले चरण में उन्हें ई लर्निंग टेबलेटस दिए जाएंगे। इसके बाद भी उन्हें शिक्षा के लिए जरूरत पड़ी तो विभिन्न संस्थाओं के जरिए उन्हें इसकी मदद भी मुहैया कराई जाएगी। पत्रकारों चर्चा करते हुए राज्यसभा सांसद विवेक कृष्ण तंखा ने कहा है कि इस अभियान के तहत ऐसे बच्चों को लाभ पहुंचाया जाएगा जिनके पिता ने सेना में रहकर देश की शान बढ़ाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी है, साथ ही कोरोना काल मे अपने माता पिता को गंवाने वाले बच्चों को भी शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने और उन्हें बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के लिए टेबलेट प्रदान किए जाएंगे। इस मौके पर सांसद विवेक तंखा ने ऐलान किया है कि रोटरी इंटरनेशनल के जरिए इस बार बड़े पैमाने पर राहत कैंप लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा है कि देश के 38 रोटरी डिस्ट्रिक्ट के जरिए कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक राहत शिविरों के जरिए व्यापक तौर पर बीमारों और लाचारों की सेवा की जाएगी और उन्हें उनकी जरूरत के मुताबिक इलाज, :सर्जरी और दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी।

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जिले में फिर बढ़ने लगे कोविड-19 के मरीज

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जबलपुर:-पिछले 2 महीनों तक जिले में कोरोना संक्रमण नियंत्रण था। लेकिन पिछले एक सप्ताह से अचानक मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है। चिकित्सा अधिकारी रत्नेश कुरारिया का कहना है। इसकी मुख्य वजह नागरिकों की लापरवाही हो सकती है। लोगों ने मांस पहनना छोड़ दिया है। और भीड़ भरे इलाकों में ज्यादा जा रहे हैं। उनका कहना है। 18 वर्ष से जियादा आयु के लोगों को 80 से 90% वैक्सीनेशन का काम पूरा हो चुका है। वैक्सीनेशन भी सबसे बड़ा कोविड-19 से बचने का उपाय है। उसके बावजूद सुरक्षा के सभी उपाय अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया 100% वैक्सीनेशन की दिशा में लगातार काम चल रहा है।मुख्य चिकित्सा अधिकारी रत्नेश कर दिया का कहना है। बरसात के 2 म-हीनों में वायरल फीवर और संक्रमण रोगों में इजाफा होता है। इस दौरान नागरिकों को सुरक्षा के उपाय करने की आवश्यकता है। स्वास्थ विभाग और नगर निगम कॉलोनी और बस्तियों में लगातार दवा का छिड़काव का काम कर रहा है।

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किसान महापड़ाव का तीसरा दिन, नाक की लड़ाई में नुकसान किसका?

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कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जिस तरह किसान बैठे हुए है, उसी तरह किसानों ने करनाल के लघु सचिवालय के बाहर अपना डेरा जमा लिया है। तीसरे दिन भी किसान एसडीएम आयुष सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हालांकि अधिकारी पर कार्रवाई की मांग अब किसानों के लिए नाक की लड़ाई बन चुकी है।दरअसल किसान नेताओं ने बुधवार प्रशासन के साथ बातचीत करने के बाद यह ऐलान किया कि, किसानों का धरना बदस्तूर जारी रहेगा। करनाल के सेक्टर 12 लघु सचिवालय के बाहर जिस तरह किसानों ने अपना पक्का मोर्चा करने की तैयारी कर ली है। उससे यह साफ हो चुका है कि किसान अपनी मांगों को लेकर अडिग है। आशंका है कि स्थानीय लोगों को कहीं आगामी दिनों में उसी तरह परेशानियां न उठानी पड़े, जिस तरह दिल्ली की सीमाओं के आस-पास निवासी लोग उठा रहे हैं।दरअसल सेक्टर-12 रोड पर अब किसान पक्का मोर्चा बना चुके हैं, इससे अब सरकारी काम के अलावा गैर सरकारी काम भी प्रभावित होगा। जानकारी के अनुसार, सचिवालय के अंदर करीब 40 विभाग है, वहीं सचिवालय के स्थानीय क्षेत्र में करीब 10 बीमा कंपनियां,15 से अधिक बैंक और करीब 40 निजी कार्यलय मौजूद हैं। वहीं हर दिन हजारों की संख्या में लोग यहां काम करने आते हैं। हालांकि किसान यह साफ कर चुके हैं, पक्का मोर्चा को इस तरह संचालित किया जाएगा जिससे आम लोगों को काम करने में कोई दिक्कत न आए, वहीं आवाजाही में किसी तरह की कोई समस्या खड़ी न हो।किसान बीते दो दिनों से धरना स्थल के आस पास ही सड़क पर दरी बिछा कर रात गुजार रहें हैं। बुजुर्ग किसान हुक्का पीने के साथ साथ ताश खेलते दिखे। दरअसल 28 अगस्त को करनाल में मुख्यमंत्री एक बैठक होने के कारण किसान अपना विरोध दर्ज कराने के आगे बढ़े तो पुलिस के साथ झड़प हुई। झड़प में कई किसान घायल हुए, वहीं एक किसान की मृत्यु भी हो गई।इसके अलावा ड्यूटी मजिस्ट्रेट आयुष सिन्हा की किसानों के सिर फोड़ने की वीडियो वायरल होने के बाद किसानों में आक्रोश दिखा, मामले ने इतना तूल पकड़ा की किसानों ने महापंचायत की और लघु सचिवालय घेराव कर दिया।

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IPL 2021: दूसरे चरण में 30,000 RT-PCR टेस्ट करवाएगा BCCI

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भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) यूएई में होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दूसरे चरण के 31 मैचों के दौरान खिलाड़ियों, सहयोगी स्टाफ और अन्य हितधारकों के 30,000 से अधिक आरटी-पीसीआर परीक्षण करवाएगा।दुबई स्थिति एक चिकित्सा कंपनी वीपीएस हेल्थकेयर को 19 सितंबर से शुरू होने वाले टूर्नामेंट के लिये खिलाड़ियों की आपात चिकित्सा, खेल चिकित्सा विशेषज्ञ और यहां तक कि एयर एंबुलेंस की सेवाएं मुहैया कराने की जिम्मेदारी भी सौंपी गयी है।खिलाड़ी किसी भी तरह की आपात चिकित्सा के लिये आईपीएल के बायो बबल (जैव सुरक्षित वातावरण) बाहर न निकलें, इसके लिये चिकित्साकर्मियों को भी खिलाड़ियों के साथ ही जैव सुरक्षित वातावरण में रखा जाएगा। आईपीएल के दूसरे चरण के दौरान प्रत्येक तीसरे दिन आरटी पीसीआर परीक्षण करवाया जाएगा। पिछली बार जब यूएई में टूर्नामेंट खेला गया था तब प्रत्येक पांचवें दिन आरटी पीसीआर परीक्षण किया जा रहा था।

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आखिरी टेस्ट से पहले इंग्लिश कप्तान रूट ने बुमराह के खिलाफ बनाया ये प्लान

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इंग्लैंड को भारत के खिलाफ ओवल टेस्ट में भले ही हार का सामना करना पड़ा हो लेकिन टीम के कप्तान जो रूट का कहना है कि वहां की पिच टेस्ट मैच के लिये शानदार थी और वह घरेलू सत्र और काउंटी सर्किट में इस तरह की और पिचें देखना चाहेंगे।इंग्लैंड को घरेलू सरजमीं पर इस सत्र में जून में न्यूजीलैंड से हार का सामना करना पड़ा और अब भारत के खिलाफ चल रही पांच मैचों की सीरीज में टीम 1-2 से पिछड़ रही है। ओवल का विकेट शुरू में तेज गेंदबाजों के लिये मददगार था जिसके बाद यह बल्लेबाजों को रन बटोरने में मदद करने लगा।पांचवें दिन भारतीय गेंदबाजों ने फिर भी इंग्लैंड के बल्लेबाजों को आउट कर टीम को शानदार जीत दिलायी। रूट ने यहां ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “घरेलू पिच का फायदा हमेशा ही रहेगा। देश में मौसम के कारण, बारिश की वजह से पिच की तैयार करने में बाधा उत्पन्न हो सकती है। लेकिन मेरा मानना है कि मैं वास्तव में अच्छी टेस्ट पिच बनाने के लिये प्रोत्साहित करूंगा।”उन्होंने कहा, “अगर हमें दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम बनना है तो हमें अच्छे विकेट पर खेलना पड़ेगा जो कुछ समय के लिये सपाट हों। हमें साथ ही स्कोरबोर्ड के दबाव से निपटने का तरीका भी सीखना होगा। हमें टेस्ट मैच के अंत में स्पिन लेती पिच के दबाव से निपटना भी आना चाहिए।”भारत के बेहतरीन तेज गेंदबाजी आक्रमण के सामने घास वाली पिच तैयार करना भी इंग्लैंड के लिये प्रतिकूल होगा। रूट ने पांचवें टेस्ट के लिये तैयार की गयी पिच को नहीं देखा है लेकिन पिछले साल वह ओल्ड ट्रैफर्ड के हालात में तीन बार खेले थे जिससे उन्हें इसका अच्छा अंदाजा है।रूट ने शुक्रवार से शुरू होने वाले पांचवें टेस्ट से पहले कहा, “हमारे हिसाब से हम इंग्लैंड के अनुरूप परिस्थितियां चाहते हैं। और उम्मीद करते हैं कि हमें इस हफ्ते यही हालात मिलेंगे।” रूट ने कहा कि पिछले हफ्ते की पिच टेस्ट के लिये अच्छी पिच का सटीक उदाहरण थी और वह काउंटी किक्रेट में भी इसी तरह के विकेट का इस्तेमाल होते देखना चाहते हैं।उन्होंने कहा, “अंत में यह अच्छे विकेट पर खेलने की चुनौती होती है। यह चुनौती का हिस्सा होता है। यह मायने नहीं रखता कि आप साल के किस समय में खेलते हो। और अगर आप पिछले टेस्ट मैच को देखो तो यह इसका शानदार उदाहरण था। पहली पारी में आपको सीम और स्विंग मिली। फिर यह बीच में बल्लेबाजी के लिये मददगार हो गयी और फिर बाद में इस पर रिवर्स स्विंग होने लगी। मेरा मतलब है कि इस पर सभी के लिये सबकुछ था।”उन्होंने यह भी पुष्टि की कि जोस बटलर इस मैच में उपकप्तान के तौर पर वापसी करेंगे जो पिछले मैच में नहीं खेले थे। इससे अंतिम एकादश में ओली पोप और जॉनी बेयरस्टो में से एक को रखा जायेगा। यह पूछने पर कि क्या भारत इस सीरीज में दबाव से बेहतर तरीके से निपटा तो रूट इससे सहमत नहीं थे।उन्होंने कहा, “इस सीरीज में मैच के दौरान आधे घंटे के समय में हम भी और वो भी इससे नहीं निपट सके और इससे हमें काफी नुकसान हुआ। हम 1-2 से पिछड़ने के बजाय 3-0 से आगे हो सकते थे।”वह चाहते हैं कि उनके बल्लेबाजों को बड़े स्कोर बनाने की भूख हो और वे स्लिप में कैच करने में भी सुधार करें। ओवल में जसप्रीत बुमराह के मैच विजयी स्पैल के बारे में रूट ने कहा कि उनके खिलाड़ी भारतीय तेज गेंदबाज से भयभीत नहीं हैं क्योंकि वे लीड्स में उसके खिलाफ अच्छे खेले थे जिसमें इंग्लैंड जीता था।रूट ने कहा, “उसने शानदार स्पैल फेंका था। वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में से एक है। लेकिन हमने उसके खिलाफ पहले एक मैच में अच्छा खेल दिखाया था। और मुझे लगता है कि बतौर बल्लेबाजी ग्रुप यह वास्तव में अहम है कि हम याद रखें कि हमें उसके खिलाफ अच्छी सफलता मिली थी।”

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‘बाहुबली’ फेम राणा दग्गुबाती ED के सामने हुए पेश, जानिए क्या है पूरा मामला

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अभिनेता राणा दग्गुबाती शहर में 2017 में मादक पदार्थ गिरोह के भंडाफोड़ के संबंध में चल रही धनशोधन जांच के तहत समन जारी किए जाने के बाद बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए। ‘बाहुबली’ फिल्म अभिनेता दग्गुबाती तेलुगू फिल्म उद्योग से जुड़े उन 10 अभिनेताओं और निर्देशकों में शामिल हैं जिन्हें ईडी द्वारा तलब किया गया है। पिछले साल 31 अगस्त से जाने-माने फिल्मकार पुरी जगन्नाथ, अभिनेत्री चार्मी कौर और रकुलप्रीत सिंह, अभिनेता नंदू केंद्रीय जांच एजेंसी के समक्ष पेश हो चुके हैं। तेलंगाना के निषेध और उत्पाद शुल्क विभाग ने दो जुलाई, 2017 को एलएसडी और एमडीएमए जैसे मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में संगीतकार केल्विन मैस्करेनहास सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर मादक पदार्थ गिरोह का भंडाफोड़ किया था। इसके बाद, मादक पदार्थों की तस्करी से संबंधित कई मामले दर्ज किए गए और 20 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों के अनुसार गिरोह के ग्राहकों में शहर के स्कूलों और कॉलेजों के छात्र, तेलुगू फिल्म उद्योग से जुड़े लोग, बहुराष्ट्रीय कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी तथा साइबराबाद में आईटी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी सहित लगभग 1000 लोग शामिल थे। इस सिलसिले में गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ के दौरान तेलुगू फिल्म उद्योग की कुछ हस्तियों के नाम सामने आए। तेलंगाना के निषेध और उत्पाद शुल्क विभाग के एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने तेलुगू फिल्म उद्योग के साथ कथित डग्र लिंक की भी जांच की और टॉलीवुड से जुड़े 11 लोगों से पूछताछ की जिसमें अभिनेता और निर्देशक शामिल हैं। एक अभिनेता के ड्राइवर से भी पूछताछ की गई और बाल तथा नाखून के नमूने भी एकत्र किए गए थे। एसआईटी ने उनसे यह पता लगाने के लिए पूछताछ की कि क्या उनका गिरोह के साथ उपभोक्ता या आपूर्तिकर्ता के रूप में या गिरफ्तार लोगों के साथ कोई संबंध था। मामलों के संबंध में आरोपपत्र दाखिल किया गया है, लेकिन तेलुगू सिनेमा जगत की किसी भी हस्ती के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया है। ईडी ने तेलुगू सिनेमा की उन हस्तियों को तलब किया, जिनसे एसआईटी और कुछ अन्य एजेंसियों ने भी पूछताछ की थी । हालांकि, उस वक्त राणा से एसआईटी ने पूछताछ नहीं की थी। 

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अक्षय कुमार की मां का निधन, एक्टर ने भावुक पोस्ट के जरिए दी जानकारी

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बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार की मां अरुणा भाटिया ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। खुद अभिनेता ने सोशल मीडिया पर इमोशनल पोस्ट शेयर कर इस दुखद खबर की जानकारी दी। बता दें कि मां की तबीयत खराब होने की वजह से अक्षय यूके से भारत लौट आए थे। उन्होंने एक दिन पहले अपनी मां के स्वास्थ्य को लेकर ट्वीट साझा कर कहा था कि ये उनके परिवार के लिए ‘बहुत कठिन’ समय है। अक्षय कुमार ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर किया, जिसमें लिखा है- ‘वो मेरे जीवन का केंद्र थीं। आज मैं अपने अस्तित्व के मूल में एक असहनीय दर्द महसूस कर रहा हूं। मेरी मां श्रीमती अरुणा भाटिया आज सुबह शांतिपूर्वक इस दुनिया को छोड़कर दूसरी दुनिया में मेरे पिता के साथ फिर से मिल गईं। मैं आपकी प्रार्थनाओं का सम्मान करता हूं, क्योंकि मैं और मेरा परिवार इस दौर से गुजर रहे हैं। ओम शांति।’ अक्षय कुमार की मां के निधन पर जैकलीन फर्नांडिस और हितेन तेजवानी सहित कई सेलेब्स ने शोक व्यक्त किया है। अक्षय कुमार ने मां के स्वास्थ्य पर ट्वीट कर कहा ”मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत कठिन समय” अक्षय कुमार ने एक दिन पहले पोस्ट शेयर किया था, जिसमें लिखा था- “मेरी मां के स्वास्थ्य के लिए आपकी चिंता शब्दों से परे है। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत कठिन समय है। आपकी हर एक प्रार्थना बहुत मदद करेगी।”  अक्षय कुमार की मां अरुणा भाटिया 77 साल की थीं। हाल ही में उनके घुटनों की सर्जरी हुई थी। उन्होंने कई फिल्मों का निर्माण किया है, जिनमें ‘हॉलिडे’, ‘नाम शबाना’ और ‘रुस्तम’ जैसी फिल्में शामिल हैं। अक्षय यूके में सिंड्रेला फिल्म की शूटिंग कर रहे थे और मां की बीमारी के बारे में सुनकर वो भारत लौट आए थे।

अक्षय कुमार अपनी मां के बेहद करीब थे। उन्होंने कई मौकों पर मां के प्रति अपने प्रेम को जाहिर किया है। उनके पिता आर्मी ऑफिसर थे और उन्होंने काफी समय पहले ही दुनिया को अलविदा कह दिया था। अक्षय की एक बहन भी हैं, जिनका नाम अलका है। अक्षय ने हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार कहे जाने वाले अभिनेता राजेश खन्ना और अभिनेत्री डिंपल कपाड़िया की बेटी ट्विंकल खन्ना से शादी की। दोनों के दो बच्चे हैं। बेटी का नाम नितारा है और बेटे का नाम आरव। अक्षय अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में कम ही बात करते हैं। वो सोशल मीडिया पर भी अपने परिवार से जुड़ी तस्वीरें कम ही शेयर करते हैं।

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तालिबान ने अमेरिकी नागरिक और ग्रीन कार्ड धारक सहित सैकड़ों लोगों को अफगानिस्तान छोड़ने से रोका

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अफगानिस्तान में अमेरिकी संगठन के लिए काम करने वाली एक महिला अफगान कर्मी ने बताया कि तालिबान ने देश से बाहर निकालने के लिए परिचालित विशेष विमान में उन्हें और अन्य सैकड़ों लोगों को सवार होने से रोक दिया है। पहचान गुप्त रखते हुए महिला ने मंगलवार को एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि अगर तालिबान उनकी पहचान करते हैं तो उन्हें अपनी सुरक्षा का डर है। अमेरिकी संगठन ‘असेंड’ सालों से अफगान महिलाओं और लड़कियों के लिए काम कर रहा है। एसोसिएटेड प्रेस को जानकारी देने वाली महिला उन सैकड़ों लोगों में शामिल हैं जिनके बारे में बताया जा रहा है कि उन्हें तालिबान ने रोक दिया है। इनमें अमेरिकी नागरिक और ग्रीन कार्ड धारक भी हैं। महिला ने बताया कि वे उत्तरी शहर मजार-ए-शरीफ से निकलने के लिए विशेष विमान में सवार होने का इंतजार कर रहे हैं और करीब एक सप्ताह से होटल और आवासीय हॉल में ठहरे हुए हैं। महिला ने बताया, ‘‘हमें लग रहा है कि हम किसी जेल में हैं।” उन्होंने बताया कि देश से निकलने वाले लोगों में शामिल अमेरिकी नागरिकों से मुलाकात की और उनकी उम्र 70 के करीब है और अधिक असुरक्षित हैं। वे अमेरिका में रह रहे अफगान-अमेरिकी के माता-पिता हैं। तालिबान के अधिकारियों ने कहा कि वे उचित पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज धारक लोगों को देश छोड़ने की अनुमति देंगे। इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को रिपब्लिकन सांसदों के उन दावों को खारिज किया जिसमें कहा गया था कि अमेरिका द्वारा सैनिकों और राजनयिकों को निकालने के बाद मजार-ए-शरीफ में बंधक जैसी स्थिति है। एसोसिएटेड प्रेस से बात करने वाली महिला ने बताया कि उनके समूह के पास उचित पासपोर्ट और वीजा है लेकिन तालिबान उन्हें हवाई अड्डे जाने नहीं दे रहा हैं। महिला ने बताया कि वह होटल के महिला वाले हिस्से से पिछले सप्ताह तब भाग गई थी जब उसने सुना कि तालिबान देश छोड़ने वाले संभावित लोगों की तलाश कर रहा है और कुछ को अपने साथ ले गया है।

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