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तीसरी लहर में भारतीय बच्चों को लेकर जताई गई आशंका, अमेरिकी बच्चों पर सही साबित हुई, 7 दिनों में रिकॉर्ड 2.5 लाख मासूम कोरोना संक्रमित

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तीसरी लहर में भारतीय बच्चों को लेकर जताई गई आशंका अमेरिकी बच्चों पर सच साबित होती दिख रही है। यहां बच्चों पर कोरोना का कहर टूट पड़ा है। इस समय अमेरिका के अस्पतालों में कुल 2396 कोरोना संक्रमित बच्चे भर्ती हैं, यही नहीं, बीते एक सप्ताह के दौरान बच्चों में संक्रमण के 2.5 लाख से ज्यादा मामले सामने आए और ये भी अपने आप में रिकॉर्ड है। महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक एक हफ्ते में बच्चों के संक्रमित होने की यह सर्वाधिक संख्या है।

फिलहाल अमेरिका में मिल रहे नए कोरोना संक्रमितों में 26 फीसदी केवल बच्चे हैं। अमेरिकी अकादमी ऑफ पेडियाट्रिक्स के मुताबिक 5 अगस्त से 2 सितंबर के बीच यानी लगभग चार सप्ताह के भीतर बच्चों में संक्रमण के 7, 50, 000 नए मामले सामने आए। यह बेहद डराने वाला आंकड़ा है। कि बच्चों की मृत्यु दर काफी कम बनी हुई है। तक 520 बच्चों की कोविड से मौत हुई है।

अगस्त, 2020 से अब तक अस्पताल में भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या 55 हजार के आंकड़े को पार कर चुकी है। अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक 6 सितंबर को खत्म हुए, हालांकि विशेषज्ञ बच्चों के संक्रमित होने का एक मात्र कारण स्कूल खुलने को नहीं मान रहे हैं। इसलिए देशभर में डेल्टा वेरिएंट के कहर को देखते हुए संक्रमित होने वाले बच्चों की संख्या में और बढ़ोतरी की आशंका जताई गई है।

आपको बता दें कि वायरस ज्यादातर उन्हीं को संक्रमित कर रहा है जिनको टीका नहीं लगाया गया है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के इर्विंग मेडिकल सेंटर के प्रोफोसर डॉ. एडिथ ब्राचो-सांचेज ने हालात को चिंताजनक करार दिया है। उधर, सीडीसी ने भी कहा है कि स्कूलों को संचालन जारी रखने के लिए यह जरूरी है कि बच्चों को संक्रमण से बचाया जाए।

भर्ती करीब आधे बच्चों को कोई पूर्व बीमारी नहीं : सीडीसी के मुताबिक अस्पताल में भर्ती अमेरिकी बच्चों में से करीब 46.4 फीसदी को कोई पूर्व बीमारी नहीं थी। इससे यह भ्रम टूट जाता है कि स्वस्थ बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा किसी पूर्व बीमारी से जूझ रहे बच्चों की अपेक्षा कम रहता है।

मिस-सी का खतरा बढ़ा: अमेरिका में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित बच्चे मल्टी इंफ्लामेंटरी सिंड्रोम इन चिल्ड्रेन (मिस-सी) नामक बीमारी से ग्रस्त हुए। 4661 बच्चे मिस-सी से पीड़ित हुए जिसमें से 41 की मौत हो गई। इस बीमारी में शरीर के विभिन्न अंदरूनी अंगों जैसे कि लीवर, मस्तिष्क आदि में सूजन आ जाती है।

25 फीसदी बच्चों का पूर्ण टीकाकरण : अमेरिका में 12 साल या इससे अधिक उम्र के बच्चों को टीका लगाया जा रहा है। सीडीसी के मुताबिक 12 से 15 साल के 25 फीसदी अमेरिकी बच्चों को कोरोना रोधी टीके की दोनों खुराक लगाई जा चुकी है। इस आयु वर्ग में 33 फीसदी बच्चों को टीके की एक खुराक दी गई है। 16 से 17 साल के बच्चों में 37 फीसदी को दोनों खुराक दी जा चुकी है, जबकि 45 फीसदी को एक खुराक दी गई है।

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200 यात्रियों को लेकर उड़ा विमान, काबुल एयरपोर्ट पर फिर दिखी हलचल

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अमेरिका और अफगानिस्तान के नए तालिबान शासकों के बीच ऊबड़-खाबड़ समन्वय के बीच दोहा के लिए उड़ान भरने में सफलता मिली है।आपको बता दें कि एक अन्य हवाईअड्डे पर चार्टर विमानों को लेकर लंबे समय से चल रहे गतिरोध के कारण दर्जनों यात्री फंसे हुए हैं।

एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी, जिन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बात की, ने कतर की उड़ान में पश्चिमी लोगों की संख्या बताई है। तालिबान के दो वरिष्ठ अधिकारियों (नए विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री) ने गुरुवार को प्रस्थान की सुविधा में मदद की। इस फ्लाइट में अमेरिकी, अमेरिकी ग्रीन कार्ड धारक के अलावा जर्मन, हंगेरियन और कनाडाई सहित अन्य देशों के नागरिक सवार थे।
अफगानिस्तान में तालिबान शासन के दौरान आतंकी संगठन अलकायदा फिर खड़ा हो सकता है। मंत्री लायड ऑस्टिन ने इस बात की आशंका जताई है। ऑस्टिन कहा कि हम तालिबान को पहले से ही अलकायदा से दूर रहने की चेतावनी दे रहे हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्री चार दिन के खाड़ी देशों की यात्रा के दौरान कुवैत शहर में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अलकायदा को लेकर हमारी तैयारी पूरी है। हम तालिबान को आगाह करते हैं कि वह अफगानिस्तान की जमीन को अलकायदा को इस्तेमाल न करने दे। फरवरी 2020 में तालिबान ने ट्रंप प्रशासन से यह समझौता किया है कि वह भविष्य में अलकायदा या ऐसे किसी भी अन्य संगठन का समर्थन नहीं करेगा, जो अमेरिका को धमकी देते हैं, लेकिन ऐसा कम ही लगता है कि तालिबान समझौते का पूरी तरह पालन करेगा।

अमेरिका को नई सरकार को मान्यता देने की कोई जल्दी नहीं : व्हाइट हाउस
व्हाइट हाउस के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार, अमेरिका तालिबान के नेतृत्व वाली नई अंतरिम सरकार को मान्यता देने की जल्दी में नहीं है। अंतरिम कैबिनेट के बारे में सवालों पर, व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, “हमने यह नहीं बताया है कि हम इसे (नई सरकार) मान्यता देने जा रहे हैं। इससे पहले उन्हें बहुत कुछ करना है।”

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जयपुर की महिला कांस्टेबल ने ब्यावर DSP के साथ स्वीमिंग पूल में बनाए संबंध, 6 वर्षीय बेटे के सामने

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जयपुर, 9 सितम्बर। राजस्थान पुलिस की महिला कांस्टेबल और पुलिस उपाधीक्षक (सीओ) का डर्टी वीडियो वायरल हुआ है। दोनों स्वीमिंग पूल में शारीरिक संबंध बनाने नजर आ रहे हैं। यह सब महिला कांस्टेबल के 6 वर्षीय बेटे के सामने किया गया है। बेटे से भी अश्लीलता हुई है। महिला कांस्टेबल व आरपीएस निलंबित वीडियो व तस्वीरें वायरल होने के बाद महिला कांस्टेबल व आरपीएस को राजस्थान डीजीपी एमएल लाठर ने निलंबित कर दिया है। दोनों के खिलाफ जांच शुरू की गई है। यह सब खुलासा महिला कांस्टेबल के पति की रिपोर्ट पर हुआ है। RPS हीरालाल सैनी अजमेर जिले के ब्यावर में सीओ दरअसल, महिला कांस्टेबल जयपुर कमिश्नरेट में तैनात है जबकि आरपीएस अधिकारी हीरालाल सैनी अजमेर जिले के ब्यावर में सीओ के पद पर सेवा दे रहे हैं। महिला कांस्टेबल निलम्बन काल के दौरान पुलिस लाइन जयपुर कमिश्नरेट और आरपीएस हीरालाल सैनी पुलिस मुख्यालय में अपनी उपस्थिति देंगे। दोनों के खिलाफ विभागीय जांच भी होगी। आरपीएस हीरालाल सैनी नशे में धुत वायरल वीडियो देखने से पता चलता है कि यह वीडियो महिला कांस्टेबल व आरपीएस की सहमति से बना है। आरपीएस हीरालाल सैनी नशे में धुत दिखाई दे रहे हैं। महिला कांस्टेबल बार-बार कैमरे की तरफ देखती भी है। वीडियो एडिट किए जाने का आरोप हालांकि पूरे मामले में आरपीएस का कहना है कि किसी साजिश करके उनका वीडियो एडिट किया है। वीडियो जिस महिला के साथ होने की बात कही जा रही है। वे उसे जानते तक नहीं। 2018 से ब्यावर डीएसपी पद पर कार्यरत बता दें कि हीरालाल सैनी वर्ष 2018 से ब्यावर डीएसपी पद पर कार्यरत थे। कुछ माह पूर्व उनकी जगह एक प्रोबेशनर आईपीएस को लगा दिया गया था। बाद में प्रोबेशनर आईपीएस को दूसरी जगह लगाकर सीओ हीरालाल सैनी को ट्रांसफर निरस्त कर दिया। महिला कांस्टेबल के पति ने रिपोर्ट दी इधर, जयपुर कमिश्नरेट पुलिस की इस महिला कांस्टेबल के पति ने रिपोर्ट में बताया कि पत्नी ने 13 जुलाई 2021 को अपने वाटसअप स्टेटस में यह पूल वाली तस्वीरें शेयर की थी। दोनों अश्लीलता करते नजर आ रहे थे। इस पर दो अगस्त को पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई।

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मेडिकल में 2 साल के बच्चे का हुआ दूरबीन से पथरी का ऑपरेशन

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जबलपुर-नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के यूरोलॉजी विभाग में 2 साल के बच्चे की किडनी की पथरी का दूरबीन से जटिल ऑपरेशन किया गया । विदित हो बच्चों के पथरी के दूरबीन के ऑपरेशन काफी जटिल माने जाते हैं और इनको करने के लिए काफी विशेषज्ञता की जरूरत होती है ।
यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ फणींद्र सोलंकी द्वारा बताया गया कि बच्चे को दाएं किडनी में दर्द तथा बार बार बुखार आने की समस्या थी ।जिसके लिए जांचों के बाद पूरी किडनी में पथरी होने का पता चला । इस पथरी में यह खासियत थी कि यह सामान्य एक्सरे में नहीं दिखाई दे रही थी जिसकी वजह से यह ऑपरेशन और भी जटिल हो गया था। परंतु मेडिकल कॉलेज के अनुभवी चिकित्सकों द्वारा बच्चे का सफल ऑपरेशन कर पथरी पूर्णता निकाल दी गई। ऑपरेशन में यूरोलॉजी विभाग के डॉ फणींद्र सोलंकी, डॉ अर्पण चौधरी, डॉ अविनाश ठाकुर, डॉ प्रशांत पटेल, डॉ अनुराग दुबे एवं एनेस्थीसिया विभाग के डॉ मीना सिंह, डॉ कमल राज एवं डॉ अनिवेश जैन का योगदान रहा।
इस सफलता के लिए कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा ने चिकित्सकों को बधाई दी

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एमपी ट्रांसको एसएलडीसी बना सायबर सिक्योरिटी

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मध्यप्रदेश राज्य लोड डिस्पैच सेंटर जबलपुर पावर सेक्टर में सायबर क्राइसिस प्रबंधन योजना लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध संचालक सुनील तिवारी ने जानकारी देते हुये बताया कि केन्द्र शासन के निर्देश पर ट्रांसको के स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के इंजीनियरों ने विशेषज्ञ सलाहकारों की मदद लिये बिना इनहाऊस यह सायबर क्राइसिस प्रबंधन योजना तैयार की है। इस योजना का अनुमोदन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी इंडिया) भारत सरकार द्वारा करवाकर इसे लागू किया है। यह पावर सेक्टर में सायबर अटैक को रोकने अंतर्राष्ट्रीय स्तर की एक कारगर प्रणाली है तथा लोड डिस्पेच सेंटर में स्थापित सभी कम्प्यूटर प्रणालियों की सायबर सुरक्षा से संबंधित है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है, जिसके लोड डिस्पेच सेंटर को आईएसओ 27001 द्वारा प्रमाणित भी किया गया है। यह सर्ट‍िफिकेट सायबर सिक्योरिटी के अनुपालन के लिए प्रदाय किया जाता है। इस प्रणाली को लागू करने का लाभ यह है कि मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी का समूचा सिस्टम बाहरी सायबर अटैक से सुरक्षित रहेगा और कोई भी हैकिंग या वायरस के माध्यम से प्रदेश की बिजली प्रणाली में छेड़छाड़ नहीं कर पाएगा। मालूम हो कि गत वर्ष मुंबई की बिजली प्रणाली इस सायबर अटैक का शिकार हुई थी, जिसके कारण मुंबई में घंटों विद्युत व्यवधान रहा था। इस घटना के बाद ही समूचे देश के पावर सेक्टरों को इस तरह की सायबर सुरक्षा तैयार करने के निर्देश केन्द्र शासन द्वारा दिए गए थे। मध्यप्रदेश के लिये यह गौरव की बात है कि भारत में पावर सेक्टर को विभिन्न दिशा निर्देश देने वाली संस्था पोसोको (पावर सिस्ट्म ऑपरेशन कार्पोरेशन ल‍िमिटेड) और इनफार्मेशन सुरक्षा से संबंधित राष्ट्रीय नोडल एजेंसी एनसीआईआईपीसी(नेशनल क्रिटिकल इनफार्मेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर) ने मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के द्वारा तैयार किए इस प्रबंधन योजना को पहले परीक्षण में ही अनुमोदन प्रदान कर इस प्रणाली के पावर सिस्टम संबंधित सभी प्रस्तावों को स्वीकार किया है। यह प्रणाली राज्य लोड डिस्पेच सेंटर जबलपुर के मुख्य अभियंता श्री के.के. प्रभाकर एवं अधीक्षण अभियंता श्री राजेश गुप्ता के प्रयास से ही संभव व तैयार हो पायी। इससे पूर्व मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के लोड डिस्पेच सेंटर जबलपुर को एबीटी मीटरिंग प्रणाली (उपलब्धता आधारित शुल्क प्रणाली) एवं स्काडा सिस्टम लागू करने वाले देश के पहले पावर यूटिलिटी का दर्जा भी प्राप्त हो चुका है।

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बीसीसीआई अधिकारी ने किया कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए सदस्य के नाम का खुलासा, 5वें टेस्ट को लेकर संशय बरकरार

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भारतीय क्रिकेट टीम के जूनियर फिजियो योगेश परमार का कोविड-19 के लिये किया गया परीक्षण पॉजिटिव आया है जिसके कारण टीम को इंग्लैंड के खिलाफ शुक्रवार से शुरू होने वाले पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच से पहले गुरुवार को अपना अभ्यास सत्र रद्द करने के लिये मजबूर होना पड़ा। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के एक अधिकारी ने पीटीआई को इसकी जानकारी दी जिससे अंतिम टेस्ट मैच को लेकर आशंका बन गयी है। परमार के पॉजिटिव आने से टीम के पास अब एक भी फिजियो नहीं है। मुख्य कोच रवि शास्त्री के ओवल टेस्ट मैच के दौरान संक्रमित पाये जाने के बाद से मुख्य फिजियो नितिन पटेल पृथकवास पर हैं। पता चला है कि बीसीसीआई ने इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) से फिजियो की सेवाएं मुहैया कराने के लिये कहा है। बोर्ड के सूत्रों ने कहा, ‘‘आरटी पीसीआर परीक्षण का नतीजा दिन में बाद में आएगा जिसके आधार पर मैच के बारे में फैसला किया जाएगा।’’ खिलाड़ियों को अपने अपने कमरों में रहने के लिये कहा गया है तथा आरटी पीसीआर परीक्षण किये जा रहे हैं। शास्त्री के अलावा क्षेत्ररक्षण कोच आर श्रीधर और गेंदबाजी कोच भरत अरुण भी लंदन में पृथकवास पर हैं। भारत ने ओवल में जब पांचवें दिन मैच जीता था तो केवल बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ टीम के साथ थे। खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के सभी सदस्यों का पूर्ण टीकाकरण हो रखा है। टीम होटल में अपनी किताब के विमोचन कार्यक्रम के बाद शास्त्री में लक्षण पाये गये थे। इस कार्यक्रम में बाहर से लोगों को आने की अनुमति दी गयी थी। अरुण, पटेल और श्रीधर ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। भारत अभी पांच मैचों की श्रृंखला में 2-1 से आगे चल रहा है।

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जावेद अख्तर मानहानि मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंगना रनौत की याचिका को खारिज किया

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बॉम्बे उच्च न्यायालय ने गुरुवार को अभिनेत्री कंगना रनौत की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें गीतकार जावेद अख्तर की शिकायत पर उनके खिलाफ शुरू की गई मानहानि की कार्यवाही को रद्द करने का आग्रह किया गया था। उच्च न्यायालय की न्यायाधीश रेवती मोहिते डेरे ने एक सितंबर को कंगना की याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया था। उन्होंने आज कहा कि याचिका को खारिज किया जाता है।कंगना रनौत ने अपने वकील रिजवान सिद्दिकी के मार्फत मानहानि की कार्यवाही को चुनौती दी थी और कहा था कि उपनगर अंधेरी की मजिस्ट्रेट अदालत ने इस मामले में अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं किया। जावेद अख्तर के वकील जय भारद्वाज ने हालांकि पीठ से कहा था कि मजिस्ट्रेट ने अख्तर की शिकायत और साक्षात्कार के अंश पर गौर करने के बाद पुलिस जांच का आदेश दिया। उस साक्षात्कार के दौरान कंगना रनौत ने कथित मानहानिकारक टिप्पणियां की थीं। जावेद अख्तर ने रनौत के खिलाफ पत्रकार अर्णब गोस्वामी के साथ साक्षात्कार के दौरान कथित रूप से मानहानिकारक टिप्पणी करने एवं बेबुनियाद आरोप लगाने को लेकर पिछले साल नवंबर में अंधेरी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष शिकायत दर्ज करायी थी। अदालत ने दिसंबर 2020 में, जुहू पुलिस को कंगना के खिलाफ जावेद की शिकायत की जांच करने का निर्देश दिया था और फिर उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की। इस साल फरवरी में अभिनेत्री के खिलाफ समन जारी किया गया था।

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शहीद विक्रम बत्रा की जयंती पर सिद्धार्थ मल्होत्रा ने दी श्रद्धांजलि

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अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा इन दिनों फिल्म ‘शेरशाह’ में कैप्टन विक्रम बत्रा की भूमिका निभाने के लिए तारीफें बटोर रहे हैं। अभिनेता ने गुरुवार को दिवंगत परम वीर चक्र विजेता विक्रम बत्रा को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी है। अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर अभिनेता ने दिवंगत बहादुर की कई तस्वीरों की एक कोलाज को शेयर किया है। उन्होंने तस्वीर के कैप्शन में लिखा, “प्रिय शेरशाह, वे कहते हैं कि जो हमारे जीवन को छूते हैं, वे हमेशा हमारे दिलों में रहते हैं। और कैप्टन विक्रम बत्रा, आपने हमारे जीवन को अपने वीरता, ज्ञान, आकर्षण और राष्ट्र के लिए प्यार से ओतप्रोत किया है। आप हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे। …आपकी प्यार भरी याद में, जय हिंद।” बता दें ‘शेरशाह’ कैप्टन विक्रम बत्रा के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी घुसपैठियों से भारतीय क्षेत्रों को वापस हासिल करने में अपनी जान की बाजी लगा दी थी।अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा, कियारा आडवाणी, शिव पंडित, राज अर्जुन, प्रणय पचौरी, हिमांशु अशोक मल्होत्रा, निकितिन धीर, अनिल चरणजीत, साहिल वैद, शताफ फिगर और पवन चोपड़ा ने कई अन्य लोगों ने इस वॉर ड्राम में अभिनय किया। विष्णु वर्धन के निर्देशन में बनी ‘शेरशाह’ 12 अगस्त को रिलीज हुई थी।

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सरकार को मान्यता देने की हड़बड़ी में नहीं है अमेरिका :

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अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका अफगानिस्तान में नयी अंतरिम सरकार को मान्यता देने की हड़बड़ी में नहीं है और वह अपने नागरिकों को संकटग्रस्त देश से निकालने के लिए तालिबान से बातचीत कर रहा है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा,‘‘ इस प्रशासन से कोई नहीं, न तो राष्ट्रपति और न ही राष्ट्रीय सुरक्षा दल से कोई यह मानेगा कि तालिबान वैश्विक समुदाय का सम्मानित एवं महत्त्वपूर्ण सदस्य है। उन्होंने किसी भी तरह से अपनी साख ऐसी नहीं बनाई है और न ही हमने ऐसा कभी कहा है। यह कार्यवाहक मंत्रिमंडल है जिसमें जेल भेजे जा चुके चार तालिबान लड़ाके भी शामिल हैं।’’ उन्होंने कहा कि प्रशासन ने उसको मान्यता नहीं दी है। साकी ने कहा, “हमने यह नहीं कहा है कि हम इसे मान्यता देंगे और न ही हमें मान्यता देने की कोई जल्दबाजी है। हम अमेरिकी नागरिकों, वैध स्थायी निवासियों, एसआईवी आवेदकों को अफगानिस्तान से निकालने के लिए उनसे बातचीत कर रहे हैं क्योंकि फिलहाल अफगानिस्तान पर उनका नियंत्रण है। हमें उनसे बातचीत करनी ही होगी।” साकी ने कहा, “लेकिन उनसे बातचीत करना–ऐसे में जब उनका नया कार्यवाहक मंत्री हक्कानी नेटवर्क का एक आतंकवादी है। वह बम विस्फोट के उस मामले में वांछित है जिसमें एक अमेरिकी समेत छह लोग मारे गए थे। समझा जाता है कि वह अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ सीमा-पार से होने वाले हमलों में शामिल रहा है। उस पर एक करोड़ डॉलर का इनाम है। तो हम बातचीत क्यों कर रहे हैं?’’ तालिबान की कट्टरपंथी अंतरिम सरकार में विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी सिराजुद्दीन हक्कानी अंतरिम मंत्री के तौर पर शामिल है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने कहा, “क्या हमें उन लोगों से बातचीत नहीं करनी चाहिए जिनका अफगानिस्तान पर नियंत्रण है और हमारे बचे हुए अमेरिकी नागरिकों को निकालने के लिए कुछ न करें?” उन्होंने दोहराया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय देख रहा है। साकी ने कहा, “अमेरिका देख रहा है कि वे वहां से निकलने के इच्छुक लोगों को देश से निकलने दे रहे हैं या नहीं, वे महिलाओं के साथ कैसे पेश आ रहे हैं, वह कैसा बर्ताव और काम कर रहे हैं। और, इसलिए हम मान्यता देने को लेकर हड़बड़ी में नहीं हैं।” साकी ने कहा, ‘‘साथ ही हमें यह सच्चाई भी देखनी है कि अमेरिकी नागरिकों और अन्य को देश से निकालने के लिए हमें उनके साथ काम करना ही पड़ेगा।”

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COVID19 : 24 घंटे में 43,263 नए मामले सामने आए, 338 लोगों की मौत

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देश भर में पिछले 24 घंटे में 43,263 नए मामले सामने आए हैं जबकि 338 लोगों की मौत हो गई है जaबकि 40, 567 मरीज स्वस्थ् हो चुके हैं। देशभर में अबतक कोरोना संक्रमण की कुल संख्या बढ़कर 3,31,39,981 हो गई है वहीं एक्टिव मामले 3,93,614 हैं। इस संक्रमण से मृतकों की कुल संख्या बढ़कर 4,41,749 हो गई है।केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से 338 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,41,749 हो गई। देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी बढ़कर 3,93,614 हो गई है, जो कुल मामलों का 1.19 प्रतिशत है और मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 97. 48 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।

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