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कंगना रनौत की ‘थलाइवी’ को झटका, फिल्म Tamilrockers पर हुई लीक

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ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने के बावजूद कई फिल्मों को पायरेसी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कई वेबसाइट जैसे कि तमिलरॉकर्स (Tamilrockers), मूवीरूल्ज़ (Movierulz), टेलीग्राम (Telegram) पर फिल्मों की पायरेसी धड़ल्ले से हो रही है। इस तरह की पायरेसी फिल्म बिजनेस के लिए एक घाटे का सबब बन रही हैं। बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत अभिनीत फिल्म थलाइवी हाल ही में ऑनलाइन लीक हो गई है। फिल्म की कहानी तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता के जीवन पर आधारित है, जो दक्षिण की जानी-मानी अभिनेत्री भी रही हैं। यह फिल्म 10 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी।कुछ सालों से, तमिलरॉकर्स सिनेमाघरों में हिट होते ही ब्लॉकबस्टर फिल्मों को लीक कर रहा है। फिल्म निर्माताओं और फिल्म मालिकों द्वारा किए गए कई उपायों के बावजूद तमिलरॉकर्स की हरकतें जारी हैं। फिल्म थलाइवी मूल रूप से अमेज़ॅन प्राइम वीडियो और नेटफ्लिक्स पर वितरित की गई थी, हालांकि, यह वर्तमान में टेलीग्राम, तमिलरॉकर्स और मूवीरुल्ज़ पर मुफ्त डाउनलोड की जा रही है, इस तरह की पायरेसी करना कानूनन एक अपराध है।कंगना और उनकी फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज होने में दिक्कतों की वजह से काफी समय से सुर्खियों में हैं। फिल्म के निर्माताओं ने शुरू से ही फिल्म को केवल सिनेमाघरों में रिलीज करने की योजना बना रहे थे। इस तरह फिल्म के ऑनलाइन लीक होने की वजह से फिल्म की कमाई को नुकसान हो सकता है।

फिल्म 10 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज कर दी गई है और इसे दर्शकों और क्रिटिक्स से मिला जुला प्रतिक्रिया मिल रही है। जयललिता के जीवन के बारे में विस्तार से रुपहले पर्दे पर बताने या वजन बढ़ाने को लेकर अभिनेत्री ने फिल्म के लिए बहुत सारे प्रयास किए हैं।

फिल्म एएल विजय द्वारा निर्देशित है, जबकि संगीत जीवी प्रकाश कुमार द्वारा बनाया गया है। सिनेमाघरों में यह फिल्म हिंदी, तमिल और तेलुगु में उपलब्ध है। फिल्म की कहानी जयललिता के जीवन के विभिन्न पहलुओं को चित्रित करती है, एक अभिनेत्री के रूप में उनके शुरुआती दिनों से लेकर तमिल सिनेमा के एक प्रतीक के रूप में उनकी स्थिति तक, फिल्म में बताया गया है।

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अमिताभ बच्चन ने तस्वीर शेयर कर किया सुनहरे दिनों को याद, फ्रेम में नजर आए धर्मेंद्र, जीतेंद्र संग ये दिग्गज कलाकार

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मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने शनिवार को एक फ्रेम में शत्रुघ्न सिन्हा, धर्मेंद्र, प्रेम चोपड़ा और जीतेंद्र के साथ अपनी तस्वीर शेयर करके 60 के दशक की यादें ताजा कीं। अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर बिग बी ने अपने युवा दिनों की एक अनमोल ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर शेयर की है। फोटो में सभी दिग्गज एक पार्टी में बातचीत करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

पोस्ट किए जाने के कुछ ही घंटों में इस तस्वीर को 2 लाख से ज्यादा लाइक्स मिल गए। फैंस ने अभिनेता की तस्वीर पर कमेंट करते हुए अपना प्यार जताया है।  “ऑल लीजेंड्स इन वन फ्रेम,” एक फैन ने लिखा। दूसरे फैन ने इस तस्वीर पर “सुनहरी यादें!” लिख कर अपना प्यार जताया है। 

अमिताभ इन दिनों ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के नए सीजन की शूटिंग में व्यस्त हैं। बीते दिनों अभिनेता चेहरे में नजर आए थे। उनकी आने वाली फिल्मों की बात करें तो वह ‘ब्रह्मास्त्र’, ‘अलविदा’, ‘मेयडे’ और ‘जलसा’ जैसी फिल्मों में नजर आएंगे।

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तय तारीख पर रिलीज नहीं होगी राम चरण और जूनियर NTR की फिल्म ‘आरआरआर’, सामने आई ये वजह

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तेलुगु स्टार राम चरण और जूनियर एनटीआर स्टारर ‘आरआरआर’ की रिलीज की तारीख को आगे बढ़ा दिया गया है। यह फिल्म इस साल 13 अक्टूबर को रिलीज होने वाली थी, मगर कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते सिनेमाघरों के पूरी तरफ से न खुलने की वजह से इस फिल्म की रिलीज की तारीख को आगे बढ़ा दिया गया है। हालांकि, फिल्म की रिलीज की अगली तारीख के बारे में अभी बताया नहीं गया है।

फिल्म की शूटिंग 2018 में शुरू हुई थी और 2021 में पूरी हुई। इसे पूरा होने में करीब तीन साल का वक्त लगा। 2020 से 2021 के बीच कोरोना महामारी के कारण कई महीनों तक फिल्मों की शूटिंग बंद रही थी। अगस्त में आरआरआर की शूटिंग खत्म होने के बाद अब अगला सवाल यह है कि क्या फिल्म 13 अक्टूबर को रिलीज हो सकेगी, क्योंकि अभी पोस्ट प्रोडक्शन का काम चल रहा है। इस बीच कुछ खबरें ऐसी आयी थीं, जिनमें कहा गया कि आरआरआर की रिलीज अगले साल तक स्थगित की जा सकती है। 

बता दें कि फिल्म RRR भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों कोमाराम भीम और अल्लूरी सीताराम राजू के जीवन पर आधारित एक काल्पनिक कहानी है। फिल्म का बजट तकरीबन  450 करोड़ रुपये बताया जाता है। पेन स्टूडियोज ने पूरे उत्तर भारत के थिएट्रिकल राइट्स हासिल किये हैं। साथ ही सभी भाषाओं के लिए विश्वव्यापी इलेक्ट्रॉनिक राइट्स भी खरीदे हैं।

मुख्य किरदार निभाने वाले कलाकार जूनियर  एनटीआर और राम चरण ने तेलुगु और तमिल दोनों भागों की डबिंग पूरी कर ली है और जल्द ही अन्य भाषाओं की डबिंग शुरू करेंगे। सेट पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए और सभी सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए काम को पूरा किया जा रहा है। कुछ समय पहले आरआरआर की मेकिंग का वीडियो जारी किया गया था, जिसके मुताबिक फिल्म की रिलीज डेट अभी तक 13 अक्टूबर ही है, यानी आरआरआर दशहरे के मौके पर सिनेमाघरों में ही रिलीज की जा सकती है।

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9/11 हमला: 19 में से 15 आतंकी जिस देश के थे जानिए वहां क्या कुछ बदला

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अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को आतंकी हमलों के बाद सऊदी अरब में काफी कुछ बदल चुका है। हमलों को अंजाम देने के लिए विमानों के 19 अपहर्ताओं में से चार को छोड़कर सभी सऊदी अरब के नागरिक थे, और अलकायदा के प्रमुख और हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन का भी यह जन्मस्थान था। पिछले दो दशकों में सऊदी अरब ने अपनी ही जमीन पर अलकायदा के खतरे का सामना किया है, अपनी पाठ्यपुस्तकों में सुधार किया है, आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के लिए काम किया है और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अमेरिका के साथ भागीदारी की है।

आज सऊदी अरब की अमेरिका के साथ करीबी संबंध हैं और खाड़ी के प्रथम युद्ध के बाद से सऊदी में अमेरिकी सेना की भी मौजूदगी है और इस वजह से चरमपंथी समूहों ने सऊदी को भी निशाना बनाया है। वाशिंगटन में सऊदी अरब दूतावास के प्रवक्ता फहद नजर ने कहा, ‘‘यह महसूस करना महत्वपूर्ण है कि 11 सितंबर को अमेरिका पर हमला करने वाले आतंकवादियों ने कई मौकों पर सऊदी अरब के लोगों, नेतृत्व, सैन्य कर्मियों और यहां तक कि मक्का और मदीना में हमारे सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाया है।’’

क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के ‘‘उदार इस्लाम’’ का रास्ता अपनाने की घोषणा के बाद 2017 में सऊदी अरब ने निवेशकों को भी आमंत्रित करना शुरु किया। अमेरिका में अनगिनत लोगों के लिए सऊदी अरब हमेशा के लिए 9/11, वर्ल्ड ट्रेड टावर्स के तबाह होने और लगभग 3,000 लोगों की मौत के साथ जुड़ा रहेगा। पीड़ितों के परिवार आज भी न्यूयॉर्क में सऊदी सरकार को जवाबदेह ठहराने की कोशिश कर रहे हैं और उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडन से हमलों से संबंधित कुछ दस्तावेजों को सार्वजनिक करने का आग्रह किया, जबकि सऊदी सरकार इस बात पर जोर देती रही है कि मिलीभगत का कोई भी आरोप ‘‘स्पष्ट रूप से झूठा’’ है।

आतंकी हमले के बाद के दो दशकों में सऊदी अरब और दुनिया सोशल मीडिया, इंटरनेट से काफी जुड़ चुकी है। सऊदी अरब में हालांकि, बड़े पैमाने पर पीढ़ीगत बदलाव भी हो रहा है। सउदी अरब की एक तिहाई से अधिक आबादी 14 वर्ष से कम उम्र की है, जिनका जन्म आतंकी हमले के वर्षों बाद हुआ है। देश की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है। लॉस एंजिलिस में काम करने वाले 33 वर्षीय सऊदी फिल्म निर्माता, अभिनेता और लेखक हिशाम फगेह ने कहा, ‘‘मेरा दृष्टिकोण है कि युवा पीढ़ी के पास काफी अवसर हैं। चुनौती यह होगी कि हम अपने सभी हिस्सों अतीत, वर्तमान और भविष्य को कैसे एकजुट करें।’’

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डेनमार्क ने लगभग सभी कोविड प्रतिबंध हटाए

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कोपेनहेगन: डेनमार्क ने कोविड-19 को ‘सामाजिक रूप से गंभीर’ से ‘आमतौर पर खतरनाक’ बीमारी के रूप में पुर्नवर्गीकृत किया है। फेस मास्क के अनिवार्य उपयोग और ‘कोरोना पास’ को लागू करने सहित लगभग सभी प्रतिबंध हटा लिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री मैग्नस ह्यूनिके ने शुक्रवार को डेनिश ब्रॉडकास्टर टीवी2 को बताया, “रोजमर्रा की जिंदगी काफी हद तक सामान्य हो गई है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोई खतरा नहीं है।” समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि, उन्होंने कहा कि आबादी के बीच उच्च टीकाकरण दर के साथ, ‘हम एक अच्छी जगह पर हैं।’पिछले 24 घंटों में, डेनमार्क के स्टेटन्स सीरम इंस्टीट्यूट (एसएसआई), देश की संक्रामक रोग एजेंसी, ने 557 नए मामले और चार मौतें दर्ज कीं, जिससे राष्ट्रीय कुल 351,553 संक्रमण और 2,608 मौतें हुईं। फिर भी, प्रतिबंधों के गायब होने के बारे में जनता की मिली-जुली भावनाएं थीं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने 27 अगस्त को कहा, “महामारी नियंत्रण में है, हमारे पास रिकॉर्ड उच्च टीकाकरण दर है। इसलिए, हम कुछ विशेष नियमों को छोड़ सकते हैं जिन्हें हमें कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई में पेश करना था।”समाज में अभी प्रचलित होने के बावजूद, सरकार द्वारा अब कोरोनावायरसको कम सामाजिक रूप से विघटनकारी माना जाता है और इसलिए इसे इन्फ्लूएंजा के समान ‘आमतौर पर खतरनाक बीमारी’ के रूप में लेबल किया गया है। कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी अस्पताल में वायरल बीमारियों के प्रोफेसर जेन्स लुंडग्रेन ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया, “फिलहाल, मुझे लगता है कि हमारे पास प्रतिबंध हटाने का समर्थन करने का कारण है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम बाद में प्रतिबंधों पर वापस नहीं जाएंगे।”उन्होंने कहा, “यही कारण है कि डेनमार्क में अब एक व्यापक निगरानी गतिविधि लागू की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हम महामारी के संभावित बिगड़ने के शुरूआती संकेतों को पकड़ सकें।” स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कुछ “मामूली प्रतिबंध अभी अपशिष्ट जल, चिकित्सा प्रतिष्ठानों और देखभाल घरों में प्रवेश प्रतिबंध के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय नियमों का पालन करने के लिए हवाई अड्डों और जहाज पर विमानों पर फेसमास्क की आवश्यकता के आसपास लागू होंगे।”

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डेनमार्क ने प्रतिबंधों की समाप्ति के बावजूद नए प्रकारों से निपटने के लिए नए विकसित प्रकारों सहित ‘लाखों टीकों’ के लिए और आदेश दिए हैं। ह्यूनिके ने लोगों से ‘कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले अन्य नागरिकों को संक्रमण फैलाने से बचने’ के लिए टीका लेने का अनुरोध किया। शुक्रवार को, एसएसआई ने बताया कि 75.6 प्रतिशत आबादी या 4,428,948 लोगों ने पहले ही टीकाकरण प्रक्रिया शुरू कर दी। उनमें से 4,282,637 या 73.1 प्रतिशत लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया गया है।

लुंडग्रेन ने कहा, “कोविड -19 एक घातक बीमारी बनी हुई है और यह हर कोई जानता है। लेकिन हमारे पास इसे नियंत्रित करने के लिए एक बहुत ही प्रभावी हथियार है, जिसका नाम है टीकाकरण। इसलिए, हमें टीकाकरण के लिए गैर-टीकाकरण को प्रोत्साहित करना जारी रखना चाहिए।” डेनिश स्वास्थ्य प्राधिकरण (एसएसटी) ने कहा है कि 90 फीसदी आबादी को 1 अक्टूबर तक कोविड-19 के खिलाफ टीका लगाया जाना चाहिए। एसएसआई के अनुसार, इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, अतिरिक्त 174,000 लोगों को सितंबर के दौरान खुराक मिलनी चाहिए।

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तालिबान के नाम पर दुनिया को पाकिस्तान की धमकी, कहा- अलग-थलग करने के होंगे गंभीर परिणाम

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इस्लामाबाद: दुनिया भर से बैन से बचने के लिए पाकिस्तान के नेता कुछ दिन पहले तक हक्कानी नेटवर्क, तालिबान, जैश ए मोहम्मद जैसे संगठनों का नाम लेने से भी बचते थे अब वही नेता दुनिया को तालिबान का डर दिखा रहे हैं। तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के आतंकियों के गुण गा रहे हैं। एक ओर तो पाकिस्तान तालिबान की सरकार के लिए दुनिया भर से सपोर्ट की अपील कर रहा है और दूसरी ओर धमकी भी दे रहा है कि अगर दुनिया अफगानिस्तान की सरकार को सपोर्ट नहीं करेगा तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

तालिबान का डर दिखा रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान के विदेश मंत्री के शाह महमूद कुरैशी ने कहा, अफगानिस्तान को अलग-थलग करने के गंभीर परिणाम होंगे और वो अफगान जनता, क्षेत्र और दुनिया के लिए सहायक नहीं होंगे। डराने-धमकाने, दबाव और बलप्रयोग की नीति काम नहीं आई। हमने अफगानिस्तान के संबंध में नई सकारात्मक सोच अपनाई है। अफगानिस्तान में नई स्थिति को पहचाना जाए और शांति के लिए तालिबान के साथ संवाद कायम किया जाए। कुरैशी ने स्पेन के विदेश मंत्री जोस मैनुअल अलबेयर्स के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह टिप्पणी की। पाकिस्तान के मंत्री ने कहा कि उन्हें लगता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान में नई वास्तविकताओं को मानने की कोई जल्दी नहीं है और लोग आराम से देख रहे हैं और इंतजार कर रहे हैं।

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Covid: देशभर में मिले 33 हजार से ज्यादा मरीज, एक्टिव केस- 3.92 लाख

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पिछले 24 घंटों में देशभर में कोरोना संक्रमण के 33 हजार 376 नए मामले सामने आए हैं जिसके बाद अबतक सामने आए कोरोना संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 3 करोड़ 32 लाख 8 हजार 330 हो गए हैं। पिछले 24 घंटों में कोरोना से उबरने वालों की संख्या 32 हजार 198 जबकि कोरोना से मौतों की संख्या 308 रही। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में अबतक कोरोना संक्रमण की वजह से मौत के 4 लाख 42 हजार 317 मामले सामने आ चुके हैं।इस वक्त देश में एक्टिव मामलों की तादाद 3 लाख 91 हजार 516 है, जो कुल मामलों का 1.18 प्रतिशत है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 97.49 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मामलों में 870 और मरीज शामिल हो गए हैं। शुक्रवार को उपचाराधीन मामले 3,90,646 थे। इसके अलावा, शुक्रवार को कुल 15,92,135 नमूनों की कोविड-19 के लिए जांच की गई जिसके बाद देश में अब तक जांचे गए नमूनों की कुल संख्या 54,01,96,989 हो गई है।स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक दैनिक संक्रमण दर 2.10 प्रतिशत दर्ज की गई। यह पिछले 12 दिनों से तीन प्रतिशत से कम बनी हुई है। साप्ताहिक संक्रमण दर 2.26 प्रतिशत दर्ज की गई जो पिछले 78 दिनों से तीन प्रतिशत से नीचे चल रही है। आंकड़ों के मुताबिक बीमारी से स्वस्थ होने वालों की संख्या बढ़कर 3,23,74,497 हो गई है जबकि मृत्यु दर 1.33 प्रतिशत है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि देश में अब तक टीके की लगभग 73 करोड़ खुराक दी जा चुकी है। एक अस्थायी रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को शाम सात बजे तक टीके की 56 लाख से अधिक खुराक दी जा चुकी थी। मंत्रालय ने कहा कि देर रात अंतिम रिपोर्ट आने तक दैनिक टीकाकरण संख्या बढ़ने की उम्मीद है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में सबसे संवेदनशील आबादी समूहों को कोविड​​-19 से बचाने के लिए चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान की नियमित रूप से समीक्षा की जाती है और उच्चतम स्तर पर निगरानी की जाती है।

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भारत और ऑस्ट्रेलिया ने आरंभिक ‘टू-प्लस-टू’ वार्ता की, सामरिक संबंधों को मजबूत बनाने पर दिया जोर

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भारत और ऑस्ट्रेलिया ने शनिवार को रक्षा एवं विदेश मंत्रालय स्तर की ‘टू-प्लस-टू’ वार्ता की जिसका मकसद भूराजनीतिक उथलपुथल के बीच दोनों देशों के बीच संपूर्ण रक्षा एवं सामरिक सहयोग को और बढ़ाना है। विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्षों क्रमश: मारिस पायने और पीटर डटन के साथ यहां पर आरंभिक ‘टू-प्लस-टू’ वार्ता की। विदेश मंत्री जयशंकर ने अपनी बातचीत को ‘सार्थक’ बताया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ऑस्ट्रेलिया के साथ टू प्लस टू वार्ता सार्थक रही।’’ विदेश मंत्री विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि 4 जून 2020 को पहले भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल लीडर्स समिट के दौरान हमारे प्रधानमंत्रियों ने हमारे संबंधों को एक व्यापक, रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। ये ‘2+2’ प्रारूप उस शिखर सम्मेलन का प्रत्यक्ष परिणाम है। जयशंकर ने संवाद के शुरुआत में अपनी टिप्पणी में कहा, “हम एक बहुत ही महत्वपूर्ण समय पर मिल रहे हैं, जब एक महामारी के साथ-साथ हम एक ऐसे भू-राजनीतिक माहौल का सामना कर रहे हैं जिसमें तेजी से उथल-पुथल हो रही है, और ऐसे में हमें द्विपक्षीय रूप से और समान विचारधारा वाले अन्य भागीदारों से मिलकर, अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा तथा एक शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिये पर्याप्त रूप से प्रतिक्रिया देनी चाहिए।” विदेश मंत्री ने कहा कि भारत का बेहद चुनिंदा देशों के साथ वार्ता के लिये “टू-प्लस-टू” प्रारूप है। जयशंकर ने कहा, “मेरा यह भी मानना है कि अफगानिस्तान में घटनाक्रम आज हमारे बीच चर्चा का एक महत्वपूर्ण विषय होगा।” उन्होंने कहा, “बेशक, यह बैठक हमें व्यापक रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा करने और आगे बढ़ाने का अवसर देती है क्योंकि हम इस महीने के अंत में संयुक्त राज्य अमेरिका में अपने प्रधानमंत्रियों के बीच एक और बैठक की तैयारी कर रहे हैं।” ऑस्ट्रेलिया के साथ 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर मंत्री पायने और डटन के साथ गहन चर्चा की। हमने रक्षा सहयोग और वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई स​हित व्यापक सहयोग के लिए विभिन्न संस्थागत फ्रेमवर्क पर चर्चा की। हमने अफ़ग़ानिस्तान, हिंद प्रशांत में समुद्री सुरक्षा, बहुपक्षीय स्वरूपों में सहयोग और अन्य संबंधित विषयों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।  बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में क्वाड नेताओं के एक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अमेरिका की यात्रा करने वाले हैं। घटनाक्रम से परिचित लोगों का कहना है कि दोनों पक्षों ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता के मद्देनजर उत्पन्न स्थिति सहित सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि पूरा ध्यान सामरिक संबंधों को मजबूत बनाने पर रहा। इस वार्ता के परिणामों के बारे में चारों मंत्री बाद में संवाददाता सम्मेलन कर जानकारी साझा करेंगे। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पायने ने शुक्रवार को कहा कि क्वाड ”तेजी से” और बहुत ”प्रभावी रूप से” उभरा है और ऑस्ट्रेलिया इस क्षेत्र में एक मजबूत नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए भारत की सराहना करता है। पायने ने हिंद-प्रशांत के समक्ष ”महत्वपूर्ण चुनौतियों” के बारे में बात की और कहा कि ऑस्ट्रेलिया एक ऐसा क्षेत्र चाहता है जहां बड़े और छोटे देशों के अधिकारों का सम्मान किया जाए तथा कोई भी ”एकल प्रभावशाली शक्ति” दूसरों के लिए परिणाम तय नहीं करे।पिछले कुछ वर्षों में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा और सैन्य सहयोग बढ़ा है। पिछले साल जून में, भारत और ऑस्ट्रेलिया ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन के बीच एक ऑनलाइन शिखर सम्मेलन के दौरान साजो- समान की सैन्य ठिकानों तक पारस्परिक पहुंच के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

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कांग्रेस पर बरसे CM मनोहर लाल खट्टर, कहा- लोगों को गुमराह करना बंद करे

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों के आंदोलन को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कांग्रेस पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया और ऐसा न करने की अपील भी की। मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि ‘किसानों को बरगलाने का जो काम कांग्रेस करती है, मेरी उनसे अपील है कि वह इसे छोड़ दे। कांग्रेस को लोगों को गुमराह करना बंद करना चाहिए। किसी को उकसाकर व्यवस्था ना बिगाड़े।’मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि ‘यदि कोई कानून-व्यवस्था को बाधित करता है, तो उसे बनाए रखना राज्य प्रशासन का कर्तव्य है। कांग्रेस को ऐसे बयान देकर राजनीतिक महत्वाकांक्षा हासिल नहीं करनी चाहिए। इससे समाज और राज्य को नुकसान होता है। यदि वे विपक्ष के रूप में अपनी भूमिका निभाना चाहते हैं, तो उन्हें लोगों को उकसाना नहीं चाहिए।’ उन्होंने कहा कि ‘एक आंदोलन चल रहा है उसमें एक विशेष वर्ग के लोग बैठे हैं, सभी किसान उसमें शामिल नहीं है।’ इसके साथ ही सीएम खट्टर ने यह भी कहा कि ‘गन्ने का रेट बढ़ने से किसान खुश है।’ उन्होंने कहा, “हम लगातार किसानों के हित में काम कर रहे हैं। फसल की बुआई से पहले उसकी कीमत तय करना यह हमारे ही समय में हुआ है। इस बार हमने गन्ने का रेट 12 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया है। सर्वाधिक रेट देश में इस वक़्त हमारा है।”

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NEET-PG Exam: देश भर में आयोजित नीट-पीजी की प्रवेश परीक्षा में 1.6 लाख प्रतिभागी शामिल हुए

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राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के तहत स्नातकोत्तर (पीजी) की परीक्षा शनिवार को कोविड-19 के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए देश के 270 शहरों में 679 केंद्रों पर आयोजित हुई, जिसमें 1.6 लाख प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कोविड-19 के मद्देनजर परीक्षा की तिथि दो बार बदली गयी। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक ट्वीट में दावा किया कि कुछ छात्रों ने उनसे अंतिम समय में परीक्षा केंद्र बदलने की शिकायत की है जिससे उन्हें असुविधा हुई है।इस बारे में पूछे जाने पर राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान परीक्षा बोर्ड (एनबीईएमएस) के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर पवनिंद्र लाल ने बताया कि सुरक्षा मुद्दों के कारण सोनीपत और पानीपत में दो-दो केंद्रों को क्रमशः आठ और नौ सितंबर को बदल दिया गया था और उम्मीदवारों का नया केंद्र दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया गया था। परीक्षा केंद्र में बदलाव के बारे में एक ट्वीट के स्क्रीनशॉट को टैग करते हुए थरूर ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर लिखा, ‘‘नीट-पीजी, 2021 के सौ से अधिक प्रतिभागियों ने मुझे लिखा है क्योंकि सरकार जवाब नहीं देती है।’’उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘परीक्षा कल है और वे संकट में हैं। नई मुश्किल: कई छात्रों को केंद्र परिवर्तन के बारे में अंतिम समय में (परीक्षा से एक दिन पहले) सूचित किया गया, कई छात्रों को प्रवेश पत्र नहीं मिला है।’’ हालांकि, प्रोफेसर लाल ने कहा, ‘‘प्रत्येक प्रतिभागी को व्यक्तिगत रूप से फोन कर, ईमेल और एसएमएस कर सूचित किया गया और हर तरह की सावधानी बरती गई ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे नए केंद्रों पर पहुंचने के लिए नए प्रवेश पत्र को डाउनलोड और प्रिंट कर सकें और समय पर परीक्षा स्थल तक पहुंच पाएं।’’ शुरू में नीट-पीजी की परीक्षा 10 जनवरी को आयोजित होने वाली थी, लेकिन कोविड-19 स्थिति के कारण इसके लिए 18 अप्रैल का समय र्निर्धारित किया गया था।उन्होंने बताया कि शनिवार को नीट-पीजी के लिए 1,66,259 प्रतिभागी उपस्थित हुए और परीक्षा के सुरक्षित संचालन के लिए सभी को फेस शील्ड, मास्क और हैंड सैनिटाइजर सहित बचाव की सामग्री प्रदान की गई। परीक्षा के दिन दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में भारी बारिश हुई, जिससे शहर के कई हिस्सों में जलजमाव और यातायात जाम हो गया। नीट-स्नातक, 2021 के लिए परीक्षा 12 सितंबर को आयोजित की जाएगी।

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