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इस साल 28 नागरिकों की आतंकियों ने की हत्या, जल्द ही होगा दहशतगर्दों का सफाया : जम्मू-कश्मीर

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डिजिटल भारत: जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में मारे गए लोगों के मामले में कश्मीर जोन के आईजी विजय कुमार ने बताया कि इस साल आतंकवादियों ने 28 नागरिकों की हत्या की है। जिसमें स्थानीय हिंदू, सिख और दो गैर-स्थानीय हिंदू मजदूर मारे गए हैं।
उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में आतंकवादियों के मारे जाने, उनके मददगारों पर कार्रवाई और ठिकाने नष्ट होने से आतंकियों के आका हताश हैं। आतंकियों ने अपनी रणनीति बदली है। महिलाओं सहित अल्पसंख्यक समुदायों के निहत्थे पुलिसकर्मियों, राजनेताओं, नागरिकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है।
यह भी पढ़ें- तीन दिन पांच हत्याएं: उप-राज्यपाल और डीजीपी ने बताई हमलों की वजह, जानिए राणा और महबूबा ने क्या कहा?
आईजी ने बताया कि लोगों की हत्या करने के लिए आतंकी पिस्टल का इस्तेमाल करते रहे हैं। इस तरह के हमले नए भर्ती किए गए आतंकवादियों द्वारा किए जाते हैं। कुछ मामलों में आतंकियों के मददगार(ओजीडब्ल्यू) को सीधे तौर पर शामिल पाया गया है।
जल्द ही होगा हमलावरों का सफाया
सूत्रों का कहना है कि तीन दिन में पांच लोगों की हत्या करने वाले आतंकियों को सुरक्षाबल ट्रैक कर रहे हैं। संदिग्धों और आतंकियों के मददगारों पर पुलिस की पैनी नजर है। डीजीपी ने भी सख्त कार्रवाई की बात कही है। उधर, उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा भी कह चुके हैं कि आतंकियों को छोड़ा नहीं जाएगा।
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जम्मू-कश्मीर में आतंकी लगातार आम लोगों को निशाना बना रहे

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डिजिटल भारत I श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में आतंकी लगातार आम लोगों को निशाना बना रहे हैं. पिछले तीन दिनों में आतंकियों ने घाटी में 7 लोगों को निशाना बनाया है.
आतंकियों ने श्रीनगर के ईदगाह संगम इलाके में स्थित एक सरकारी स्कूल में दो शिक्षकों की गोली मारकर हत्या कर दी. मृतकों की पहचान सुपिंदर कौर और दीपक चंद के तौर पर हुई है. बता दें कि कश्मीर में पिछले दो दिनों में 5 नागरिक मारे गए हैं. बुधवार को शहर में एक प्रसिद्ध कश्मीरी पंडित चिकित्सा दुकान के मालिक सहित दो नागरिकों की हत्या कर दी गई थी.
बता दें कि कश्मीर घाटी में मंगलवार (5 अक्टूबर) को संदिग्ध आतंकवादियों ने 90 मिनट के भीतर तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इकबाल पार्क क्षेत्र में श्रीनगर की प्रसिद्ध फार्मेसी के मालिक माखनलाल बिंदरू की उनके व्यावसायिक परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसके अलावा केंद्रशासित प्रदेश में दो अन्य लोगों की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिनमें से एक बिहार का रहने वाला था और गोलगप्पे-भेलपूरी बेचकर अपनी रोजी-रोटी चलाता था.

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तीसरी लहर और त्योहारों की भीड़ को लेकर  बीएमसी ने जारी किया अलर्ट  मुंबई में 84 दिन के पीक पर कोरोना केस

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तीसरी लहर और त्योहारों की भीड़ को लेकर  बीएमसी ने जारी किया अलर्ट  मुंबई में 84 दिन के पीक पर कोरोना केस

Coronavirus in India Latest Updates: भारत में कोरोना के नए मामलों में तेजी से कमी आई है. लेकिन केरल और मुंबई जैसे कुछ राज्य अभी भी ऐसे हैं, . जहां संक्रमितों का आंकड़ा सबसे अधिक है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटे में देश में 22,431 नए मामले सामने आए हैं, . इसके साथ ही देशभर में अब तक संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,38,94,312 पहुंच गई है. वहीं, पिछले 24 घंटे में 318 को. वहीं, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कोरोना मरीजों की संख्या में फिर तेजी से इजाफा हो रहा है. बीते 24 घंटे में यहां 624 मामले सामने आए हैं. आंकड़ों क. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार बीते 24 घंटे में देशभर के सक्रिय मरीजकोविड मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर यानी रिकवरी रेट (Recovery Rate) 97.95 प्रतिशत है, जो मार्च 2020 के बाद से सबसे ज्यादा है. केंद्रीय स्वास्थ्य , के मुकाबले 19.1 प्रतिशत ज्यादा है.

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पीएम नरेंद्र मोदी राकेश झुनझुनवाला के सामने खड़े दिखे, सोशल मीडिया पर दिखने लगी ऐसी प्रतिक्रिया

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पीएम नरेंद्र मोदी ने शेयर बाजार निवेशक राकेश झुनझुनवाला से मुलाकात के बाद अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक तस्वीर शेयर की तो लोग ऐसी प्रतिक्रिया देने लगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को शेयर बाजार के निवेशक राकेश झुनझुनवाला से मुलाकात की। पीएम मोदी ने इस मुलाकात के बाद एक ट्वीट करते हुए बताया कि वह राकेश झुनझुनवाला से मिले। उन्होंने मुलाकात की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, वन एंड ऑनली राकेश झुनझुनवाला से मिलकर खुशी हुई। जीवंत, अंतर्दृष्टिपूर्ण और भारत को लेकर बहुत आशावादी। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि झुनझुनवाला भारत को लेकर बहुत बुलिश हैं।

@Editor_Sanjay ट्विटर अकाउंट से लिखा गया कि इस तस्वीर ने मेरे रोंगटे खड़े कर दिये है। जो शख़्स कुर्सी पर बैठा है और मोदी जी हाथ समेटे खड़े हैं वो कोई संत नहीं है। वो शेयर मार्केट का मास्टर है। नाम है राकेश झुनझुनवाला ! इससे कई गुना ज़्यादा दौलत कमाने वाला भी इतना ताकतवर नहीं होना चहिये कि हमारे देश का पीएम ऐसे खड़ा रहे।

एक टि्वटर हैंडल से इस तस्वीर पर लिखा गया, ये एक मात्र तस्वीर नहीं है बल्कि भारत की वर्तमान स्थिति का असल चित्रण है। शेयर बाजार के बिग बुल कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला और देश के प्रधानमंत्री की ये तस्वीर।

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लखीमपुर खीरी कांड मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में CJI की बेंच करेगी सुनवाई

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उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया. इस मामले में SC आज सुनवाई करेगा. प्रधान न्यायाधीश (CJI) एन वी रमना की बेंच यह सुनवाई करेगी.


उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया. इस मामले में SC आज (गुरुवार को) सुनवाई करेगा. प्रधान न्यायाधीश (CJI) एन वी रमना की बेंच यह सुनवाई करेगी. CJI के अलावा जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली भी बेंच में शामिल हैं. केस का टाइटल ‘लखीमपुर खीरी में हिंसा के चलते जान का नुकसान’ है. मीडिया रिपोर्टस और चिट्ठी पर सुप्रीम कोर्ट ने यह संज्ञान लिया है.
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. हजारों की संख्या में किसान यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में केंद्रीय मंत्रियों का विरोध करने के लिए जमा हुए थे. किसानों ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में रविवार को हुई हिंसा को लेकर केस दर्ज कराया है.


किसान नेताओं ने आरोप लगाया था कि मंत्री के बेटे के काफिले में शामिल वाहनों ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचला. इसके बाद हिंसा भड़क उठी और 4 किसानों के अलावा काफिले में शामिल चार अन्य लोग भी मारे गए थे. यूपी पुलिस ने लखीमपुर हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. धारा 302, 120बी और अन्य धाराओं में यह केस दर्ज किया गया है.केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने मंगलवार को स्वीकार किया था कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में जिस कार ने किसानों को कुचला था वह उनकी थी लेकिन वे या उनका बेटा (आशीष मिश्रा) घटना के समय मौजूद नहीं थे.
अजय मिश्रा ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा था, ‘पहले दिन से ही हम इस बारे में स्पष्ट है कि वह Thar (वाहन) हमारी है, यह हमारे नाम पर दर्ज है. यह वाहन, कुछ कार्यकर्ताओं को लेकर किसी को लेने के लिए जा रहा था. मेरा बेटा दूसरी जगह पर था. सुबह 11 बजे से शाम तक, वह एक अन्य इवेंट को आयोजित कर रहा था. मेरा बेटा (आशीष मिश्रा) वहां मौजूद था, वहां हजारों की संख्या में लोग थे. इसके फोटो और वीडियो भी हैं. यदि आप उसका कॉल रिकॉर्ड और CDR, लोकेशन जानना चाहते हैं….तो सब चेक कर सकते हैं. हजारों लोग यह हलफनामा देने को तैयार है कि आशीष मिश्रा वहां (दूसरे आयोजन में) था. ‘

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नहीं होना चाहिए टी20 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय स्क्वॉड में बदलाव : अजीत अगारकर

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इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2021 खत्म होते ही युनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) और ओमान में टी20 वर्ल्ड कप खेला जाना है। टी20 वर्ल्ड कप के लिए सभी टीमें अपनी-अपनी 15 सदस्यीय स्क्वॉड की घोषणा कर चुकी हैं। आईपीएल में कुछ खिलाड़ियों के प्रदर्शन के बाद से ही ऐसी खबरें आ रही हैं कि मौजूदा फॉर्म के आधार पर टी20 वर्ल्ड कप के लिए भारत की 15 सदस्यीय स्क्वॉड में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं। हालांकि टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज अजीत अगारकर का मानना है कि ऐसा बिल्कुल नहीं किया जाना चाहिए।

अगारकर ने मंगलवार को स्टार स्पोर्ट्स के शो क्रिकेट कनेक्टेड में भारतीय टीम मैनेजमेंट की ओर से आईसीसी मेंस टी-20 वर्ल्ड कप टीम में बदलाव को लेकर कहा, ‘टी-20 वर्ल्ड कप के लिए जो टीम चुनी गई है उसमें बदलाव नहीं होना चाहिए। बेशक इस समय ऐसे कई खिलाड़ी हैं, जो शानदार फॉर्म में नहीं हैं, लेकिन उस फॉर्म को बदलने के लिए केवल एक पारी लगती है, चाहे वह गेंदबाजी हो या बल्लेबाजी और यह आईपीएल के अंत से पहले भी हो सकता है, इसलिए अगर आपको लगता है कि वर्ल्ड कप में जाने के लिए आपने सबसे अच्छे 15 खिलाड़ी चुने हैंस तो मेरी निजी राय है मैं इसके साथ रहूंगा, क्योंकि जब चीजें इतनी अच्छी नहीं दिख रही हों तब भी आपको लोगों पर विश्वास दिखाना होगा, क्योंकि चीजें बहुत जल्दी बदल सकती हैं।’

ऐसी खबरें आई हैं कि सूर्यकुमार यादव की जगह श्रेयस अय्यर को 15 सदस्यीय टीम में जगह मिल सकती है। अय्यर फिलहाल रिजर्व खिलाड़ी के तौर पर टीम इंडिया का हिस्सा होंगे। आईपीएल के दौरान सूर्यकुमार यादव खराब फॉर्म में नजर आए हैं, इसके अलावा युजवेंद्र चहल ने आईपीएल में शानदार प्रदर्शन किया है, जबकि वह टी20 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया का हिस्सा नहीं हैं।

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जकरबर्ग की संपत्ति 52 हजार करोड़ रु. कम हो गई, फेसबुक के डाउन होने से, जानिए फेसबुक के डाउन होने की वजह

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सोमवार की रात फेसबुक, वाट्सऐप और इंस्टाग्राम करीब 6 घंटे तक डाउन रहे। इस दौरान तीनों प्लेटफॉर्म्स के अरबों यूजर्स को परेशानियों का सामना करना पड़ा। ट्विटर पर मीम्स और शिकायतों का अंबार लग गया। यह समस्या सोमवार रात करीब 9.15 बजे सामने आई थी। इसका असर अमेरिकी बाजार में फेसबुक के शेयर और मार्क जकरबर्ग की कमाई पर भी पड़ा है।

समझते हैं, फेसबुक क्यों बंद हुआ था? किस तकनीकी समस्या वजह से ये परेशानी आई थी? क्या वाकई ये एक तकनीकी समस्या थी या इसके पीछे कोई और वजह थी और फेसबुक को इससे कितना नुकसान हुआ है…

फेसबुक के डाउन होने के बाद से ही इसकी वजह को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे थे। सायबर एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इसके पीछे बॉर्डर गेटवे प्रोटोकॉल (BGP) की वजह से दिक्कत आई थी।बॉर्डर गेटवे प्रोटोकॉल (BGP) क्या होता है?

आसान भाषा में समझें तो बॉर्डर गेटवे प्रोटोकॉल से ही इंटरनेट काम करता है। बॉर्डर गेटवे प्रोटोकॉल इंटरनेट पर मौजूद सभी नेटवर्क्स को एक-दूसरे के साथ बाइंड करता है। दरअसल इंटरनेट नेटवर्क का एक जाल होता है। जब आप किसी वेबसाइट को ओपन करते हैं, तो BGP ही नेटवर्क के इस जाल में वेबसाइट को तेजी से ओपन करने का रास्ता पता करता है। BGP में दिक्कत आने की वजह से फेसबुक का नेटवर्क पाथ मिल नहीं पाया और यही फेसबुक के डाउन होने की वजह बना।

ये परेशानी आई क्यों?

हाल ही में फेसबुक ने कई सारे राउंटिंग चेंजेस किए थे इस वजह से फेसबुक का डोमेन नेम सिस्टम (DNS) सर्वर बंद हो गया था। DNS सर्वर को आप इंटरनेट की डायरेक्टरी समझिए। DNS में हर वेबसाइट का एड्रेस स्टोर होता है। आप किसी भी वेबसाइट को जब इंटरनेट पर सर्च करते हैं, तो आप डोमेन नेम डालते हैं, जैसे www.bhaskar.com। DNS इस डोमेन नेम को वेबसाइट के IP एड्रेस में चेंज कर देता है। फेसबुक के किए चेंजेस की वजह से DNS सर्वर बंद हो गया था इसी वजह से ये परेशानी आई।

क्या ये केवल तकनीकी गड़बड़ी थी?

इस मामले को डिजिटल प्राइवेसी और सायबर सिक्योरिटी से भी जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल फेसबुक के डाउन होने से कुछ घंटे पहले ही अमेरिकी चैनल CBS पर फ्रांसेस होगन का एक इंटरव्यू टेलीकास्ट हुआ था। फ्रांसेस फेसबुक की पूर्व कर्मचारी रही हैं और फिलहाल एक व्हिसल ब्लोअर के तौर पर फेसबुक के इंटरनल इन्वेस्टिगेशन की रिपोर्ट्स को लीक कर रही हैं। फ्रांसेस का आरोप है कि फेसबुक जनता को नुकसान पहुंचा रहा है और सख्त कदम उठाने की बजाय ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाने पर ध्यान दे रहा है। उनकी रिपोर्ट्स पिछले कुछ दिनों से वॉल स्ट्रीट जर्नल में ‘द फेसबुक फाइल्स’ नाम से पब्लिश भी हो रही है।

फेसबुक के डाउन होने को इस इंटरव्यू से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

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‘रामायण’ में रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी का 83 साल की उम्र में निधन

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अरविंद त्रिवेदी के भतीजे कौस्तुभ त्रिवेदी ने उनके निधन के खबर की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि पिछले दो-तीन दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी, हालांकि उन्हें कोई बड़ी बीमारी नहीं थी।

दूरदर्शन पर प्रसारित हुए रामानंद सागर के बेहद लोकप्रिय पौराणिक धारावाहिक ‘रामायण’ में रावण का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरविंद त्रिवेदी का मंगलवार की रात को मुंबई के कान्दिवली स्थित घर पर निधन हो गया। अभिनेता की मौत की खबर की उनके एक करीबी रिश्तेदार ने पुष्टि की है। वह 83 साल के थे और लंबे समय से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे।

अरविंद त्रिवेदी के भतीजे कौस्तुभ त्रिवेदी ने उनके निधन के खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि ‘मंगलवार (5 अक्तूबर) रात करीब 10 बजे उनका निधन हो गया है। उन्होंने बताया कि ‘चाचाजी पिछले कुछ सालों से लगातार बीमार चल रहे थे। पिछले तीन साल से उनकी तबीयत कुछ ज्यादा ही खराब रहने लगी थी। ऐसे में उन्हें दो-तीन बार अस्पताल में भी दाखिल कराना पड़ा था। एक महीने पहले ही वो अस्पताल से एक बार फिर घर लौटे थे। मंगलवार की रात उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उन्होंने कांदिवली स्थित अपने घर में ही दम तोड़ दिया।’

मई में उड़ी थीं अरविंद त्रिवेदी की मौत की अफवाह                                                              

इस साल मई में अरविंद त्रिवेदी के निधन की खबरें सामने आई थीं, जिन पर उनके भतीजे कौस्तुभ ने इसे अफवाह बताते हुए विराम लगा दिया था। इसके अलावा रामायण में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने इन अफवाहों का खंडन करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की थी। सुनील लहरी ने लोगों से कहा था कि वे इस तरह के फेक न्यूज न फैलाएं। 

अरविंद त्रिवेदी ने रामानंद सागर द्वारा बनाई गई रामायण में रावण का दमदार रोल निभाया था। उन्होंने इस तरह से रोल प्ले किया था कि आज तक लोगों की आंखों के सामने उनकी वही छवि बनी हुई है।

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स्मार्ट फ़ोन में है जासूसी का ख़तरा

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आप स्मार्ट फ़ोन भी रखें और उसकी जासूसी से बचे रहें, ये दोनों बातें साथ-साथ मुमकिन नहीं हैं और लोगों को ये बात समझने की ज़रूरत है.’

तकनीकी कंपनी आर्मा (ARMA) के प्रमुख पिम डोनकर्स स्मार्ट फोन्स की सुरक्षा की कमज़ोरियां बताते हुए ऐसा कहते हैं.

स्विट्ज़रलैंड स्थित उनकी कंपनी अति सुरक्षित संचार उपकरण तैयार करती है.

डोनकर्स स्मार्ट फ़ोन्स की तुलना मधुमक्खी के छत्ते से करते हैं जिसमें कोई भी तीसरा पक्ष आसानी से आ-जा सकता है और उड़ाए गए डेटा का ग़लत इस्तेमाल कर सकता है, उसे बेच भी सकता है.

स्मार्टफ़ोन्स की सुरक्षा को लेकर उन जैसे लोगों की चिंता को हाल में सामने आए मामले जैसे पेगासस कांड से और बल मिला है.

इस सॉफ़्टवेयर को इसराइल की एनएसओ ग्रुप तैयार करती है.

जुलाई में ये बात सामने आई कि स्पाई सॉफ़्टवेयर पेगासस को एंड्राएड और आईफ़ोन में इंस्टॉल किया जा सकता है और उसकी मदद से मोबाइल से मैसेज, तस्वीरों और ई-मेल्स को निकाला जा सकता है.

सिक्योर कैमरा बनाने वाली कंपनी लोटेक्स के बिज़नेस हेड लैरी पेंग कहते हैं, “हम दिन रात इस तरह की ख़बरें पढ़ते हैं जिसमें डेटा ब्रीच, हैक, और दूसरे तरह की घुसपैठ की बातें होती हैं जिससे अंदाज़ा होता है कि बड़ी-बड़ी कंपनियां और सरकारें जिन्होंने हमें सुरक्षित रखने का वादा किया हुआ है, वो अपने फ़ायदे के लिए हमारी पीठ पीछे इस तरह के काम कर रही हैं.”

ऐसी आशंकाओं के बाद कंपनियां इस तरह के मोबाइल डिवाइसेज़ बेच रही हैं जिन्हें वो अल्ट्रा सिक्योर बताती हैं.

ये कॉल्स की रिकार्डिंग भी कर सकता है और इसके सहारे माइक्रोफोन और कैमरा को भी संचालित किया जा सकता है, जिससे उस डिवाइस को इस्तेमाल करने वाले की बातों को सुना जा सकता या उसकी तस्वीरें या वीडियो तैयार की जा सकती हैं.

पहले समझा जाता था कि इस तरह की तकनीक कुछ ही देशों के पास है लेकिन अब बहुत सारे देश, व्यक्ति और छोटे समूहों तक इनकी पहुंच है.

इन चिंताओं के बाद, ग्राहकों में ऐसे प्रोडक्ट्स को लेकर दिलचस्पी पैदा हुई है जो सुरक्षित होने के नाम पर बेचे जा रहे हैं. इनमें वैसे स्मार्टफ़ोन्स भी शामिल हैं जिन्हें इंक्रिप्ट किया जाता है और उनमें ऑनलाइन सर्च, मैप्स को लेकर भी विकल्प होते हैं.

हाल में अमेरिका के एक रिसर्च में सामने आया कि क़रीब 50% लोगों को ये लगता है कि उनकी ऑनलाइन गतिविधि पर सरकार की नज़र है. 72% का कहना था कि वो महसूस करते हैं कि जब वो अपने फ़ोन का प्रयोग करते हैं तो उनपर विज्ञापन, तकनीक और दूसरी तरह की कंपनियों की नज़र रहती है.

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योगी आदित्यनाथ डैमेज कंट्रोल करने में कामयाब रहे या फिर….?

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पिछले सोमवार से लेकर इस सोमवार के बीच की जिन दो घटनाओं ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में जो हलचल मचाई है, उससे अंदाज़ा हो रहा है कि आने वाले दिनों में राजनीतिक गहमागहमी कितनी तेज़ी से बढ़ेगी.

इस गहमागहमी के केंद्र में हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. पहला वाक़या पिछले सोमवार की रात उनके गृह जनपद गोरखपुर के एक होटल में कानपुर के एक कारोबारी की पुलिस की कथित पिटाई से हुई मौत से जुड़ा था. रामगढ़ताल थाने के प्रभारी, गोरखपुर के पुलिस अधीक्षक और ज़िलाधिकारी की भूमिका पर सवालिया निशान लगे.

ऐसी पृष्ठभूमि के बीच योगी आदित्यनाथ दो दिन की यात्रा पर गोरखपुर पहुंचे थे. कानपुर के व्यापारी की मौत के बाद की स्थितियों को उन्होंने बड़ी तेज़ी से संभाला था. उन्होंने व्यापारी की पत्नी को सरकारी नौकरी और 40 लाख रुपये की मदद की घोषणा करके विपक्ष को इसे मुद्दा नहीं बनाने दिया.

हालांकि ज़िले के पुलिस अधीक्षक और ज़िलाधिकारी का समझौता कराने की कोशिशों वाला वीडियो वायरल होने की वजह से उम्मीद की जा रही थी कि इन अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी, लेकिन वह नहीं हुआ.

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