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एक भारत उत्कृष्ट भारत

इन आदतों को अपनाकर कर सकते है आसानी से सेविंग्स

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डिजिटल भारत I आंकड़े कहते हैं कि ज्यादातर लोग ज्यादा पैसा तब खर्च करते हैं जब उनके पास ज्यादा पैसा होता है। जैसे-जैसे आय बढ़ती है, व्यक्ति के जीवन स्तर में भी वृद्धि होती है। ‘चाहत’ चुपके से ‘ज़रूरतों’ में बदल जाती है और ऐसी चीजें जो कभी विलासिता की चीज़ें हुआ करती थीं, ज़रूरतों में बदल जाती है। यह मानसिकता एक समस्या खड़ी करती है, एक बड़ी समस्या। आप अपने चुने हुए तरीके से अपने जीवन का ‘आनंद’ लेते रह सकते हैं, लेकिन आप साथ-साथ धन बनाने की अपनी क्षमता को भी सीमित कर रहे हैं। और अगर आप अपने साधनों से परे रह रहे हैं, तो आप बड़ी वित्तीय परेशानी को आमंत्रित कर रहे हैं।

आज हम आपको कुछ गोल्डन रूल बताने जा रहे हैं. जिन्हें फॉलो करके आप आसानी से अपनी सेविंग्स को कई गुना बढ़ा सकते हैं.

फालतू खर्चे से बचें

ज्यादातर हम अपने फालतू के खर्चों को नहीं पहचानने की वजह से काफी कम सेविंग्स कर पाते हैं. सबसे पहले हमें यह जानने की जरूरत है कि हमारे फालतू के क्या खर्चे हैं. अक्सर हमने देखा है कि सैलरी आने के बाद ज्यादातर लोग अपने दोस्तों के साथ महंगे होटल या बार में पार्टी करना पसंद करते हैं, जिससे उनकी जेब पर काफी बोझ पड़ जाता है. ऐसे में आपको यह पहचानने की जरूरत है कि ऐसी फालतू की पार्टी से बचकर आप काफी ज्यादा अमाउंट को सेव कर सकते हैं.

इसके लिए आपको खुद से एक फैसला करना होगा और अपने दोस्तों से खुलकर बात करते हुए उन्हें महंगी पार्टी से मना करना होगा. अगर आप पार्टी करना चाहते हैं तो आप इसे अपने घर पर कर सकते हैं. जिससे आपके कई खर्चे बच सकते हैं. वहीं महीनेभर में इस तरह की पार्टी में ना जाकर आप एक बड़ी अमाउंट बचा सकते हैं. जिसे आप किसी भी तरह से इंवेस्ट करके उससे अधिक कमा भी सकते हैं.

फालतू की शॉपिंग से बचें

अकसर हम यह देखते हैं कि हर कोई महीने में तीन से चार बार शॉपिंग करने मॉल जाते हैं और वहां से खुद को अच्छे लगने वाले महंगे कपड़े या पसंद के सामान खरीद कर लाते हैं. ऐसा कई बार देखा गया है कि हम ज्यादातर उन चीजों को खरीदते हैं जिनकी हमें उतनी ज्यादा जरुरत नहीं होती. जिससे की खर्चे बढ़ जाते हैं और सेविंग्स एक बार फिर से गिरती जाती है. 

ऐसे समय में हमें यह पहचानने की जरुरत है कि हमारी आवश्यकता की चीजें क्या है. इसके लिए आप एक लिस्ट बना सकते हैं कि आपको पूरे महीने किन जरूरी चीजों की जरुरत होगी और बीते महीने ऐसे कौन से सामान थे जिन्हें आप लेकर आए लेकिन इस्तमाल नहीं होने के कारण वह खराब पड़े हैं. ऐसे करने से आप नए महीने में काफी कम फालतू सामान की शॉपिंग करेंगे और एक अच्छी अमाउंट सेव कर पाएंगे.

हर महीने के लिए बनाएं बजट

सेविंग्स का करने सबसे बेहतरीन गोल्डन रूल यह है कि आप अपने लिए हर महीने के लिए एक बजट बना कर सकते हैं. ऐसा कई बार देखा गया है कि आप सेविंग्स के लिए फालतू की शॉपिंग और खर्चे भले ही कम कर देते हैं. वहीं एक अच्छी अमाउंट सेव होते ही महिने के बजट निर्धारित नहीं होने की वजह से आप कुछ ऐसे खर्च कर बैठते हैं, जिनसे आपकी सेविंग्स काफी तेजी से खत्म हो जाती है.


ऐसी स्थिति से खुद को बचाने के लिए आपको अपने लिए एक बजट बनाना होगा, जिसके जरिए आप अच्छी सेविंग्स कर पाएंगे, अक्सर देखा गया है कि गर्मियों के सीजन में लोग अपनी सेविंग्स को हिल स्टेशन जाने और अपने टूर पर खर्च करना पसंद करते हैं. ऐसे में वह अपनी ट्रिप को यादगार बनाने के लिए कुछ ऐसे सामान की शॉपिंग कर लेते हैं, जिसका भविष्य में ज्यादा इस्तमाल नहीं होने के कारण उन्हें अपनी सेविंग्स को लेकर काफी पछतावा होता. इसलिए ऐसी कंडिशन से खुद को बचाने के लिए अपने लिए एक बजट निर्धारित जरूर करें और जिससे आप अच्छी अमाउंट में सेविंग्स कर सकते हैं

निवेश करें

पैसे बचाने के लिए यह जरूरी है कि आप अपनी बचत का कुछ हिस्सा निवेश कर सकते हैं. इसके लिए आप बैंक में फिक्स डिपॉजिट, स्टॉक मार्केट या फिर म्यूचल फंड में निवेश करके एक अच्छी खासी अमाउंट पा सकते हैं. अक्सर देखा गया है कि महीने का अंत आते आते आप काफी ज्यादा अमाउंट हाथ से खो बैठते हैं. इस लिए अगर आप इंवेस्ट करना चाह रहे हैं तो इसके लिए आपको महीने के अंत तक इंतजार करने की जरूरत नहीं होती है, आप महीने की शुरुआत या फिर सैलरी आने के साथ ही एक निश्चित अमाउंट को इनवेस्ट कर सकते हैं.

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शिल्पा और राज ने शर्लिन चोपड़ा पर 50 करोड़ का मानहानि कॅश पर किया है जाने पूरा मामला

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शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा ने- शर्लिन चोपड़ा पर 50 करोड़ का मानहानि का केस कर दिया है। राज कुंद्रा की पोर्न केस में गिरफ्तारी के बाद शर्लिन चोपड़ा अपने बयानों के चलते सुर्खियों में रहीं। उन्होंने राज कुंद्रा पर जबरदस्ती करने तक का आरोप लगाया था। इन सबके बाद शिल्पा और राज के वकील ने शर्लिन को वॉर्निंग दी थी, जिसके बाद शर्लिन ने शिल्पा और राज कुंद्रा पर मानसिक और सेक्शुअल हैरासमेंट की शिकायत दर्ज करवा दी थी। अब इसके जवाब में राज और शिल्पा ने उन पर मानहानि का केस कर दिया है।

कहा, शर्लिन चाहती हैं पैसा

पोर्न केस के बीच शर्लिन चोपड़ा और राज कुंद्रा के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। इंडियाटुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, कुंद्रा कपल ने शर्लिन पर मानहानि का 50 करोड़ रुपये का केस कर दिया है। उनके ऑफिशियल स्टेटमेंट के मुताबिक, शर्लिन चोपड़ा ने राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी पर जो भी आरोप लगाए हैं, वे झूठे, निराधार और मनगढ़ंत हैं। इन आरोपों का कोई सबूत नहीं है साथ ही शर्लिन ने ये सब पैसे की उगाही और राज-शिल्पा को बदनाम करने के लिए किया है।

शर्लिन के खिलाफ मुकदमे में ये भी बताया गया है कि शर्लिन ने अप्रैल के महीने में शिल्पा शेट्टी से कहा था कि उन्होंने जो शिकायत दर्ज करवाई थी वो झूठ है और वकील ने कहा था कि राज कुंद्रा के खिलाफ क्रिमिनल कम्प्लेंट लिखवा दो। साथ ही लिखा है कि शर्लिन ने शिल्पा को फोन करके कहा था कि वह खुद पर शर्मिंदा हैं और बिना किसी शर्त के शिकायत वापस ले लेंगी। राज और शिल्पा ने आरोप लगाया है कि शर्लिन ने पैसे उगाही की नीयत से 4 अक्टूबर को अपने वकील के जरिये 48,00,000 रुपये की मांग की थी।

इस नोटिस में बताया गया है कि शर्लिन चोपड़ा ने 4 अक्टूबर, 2021 को अपने वकील की मदद से तीन वीडियोज़ के एवज में 48 लाख रुपए की मांग की थी. शर्लिन चोपड़ा ने पिछले दिनों शिल्पा शेट्टी पर ये आरोप लगाया था कि शिल्पा ने उन्हें JL Stream App के साथ जुड़ने के लिए कन्विंस किया था. इस स्टेटमेंट में ये बात भी साफ की गई है कि शिल्पा शेट्टी का JL Stream App से किसी तरह का कोई वास्ता नहीं है. राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी के हवाले से इस स्टेटमेंट में आगे बताया गया है- शर्लिन चोपड़ा ने राज कुंद्रा की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर उनसे जुड़ी कई बातें लिखीं. साथ ही राज पर उनके घर आकर उन्हें सेक्शुअली हैरस करने का भी इल्ज़ाम लगाया था. राज कुंद्रा पोर्नोग्रफी रैकेट केस में 19 जुलाई को गिरफ्तार किए गए थे. उन्हें 21 सितंबर को मुंबई की एक कोर्ट ने 50 हज़ार रुपए के मुचलके पर जमानत दी थी.

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जबलपुर सहित तीन शहरों में तनाव दो पक्षो की लड़ाई ,पुलिस पर भी पत्थर फेके

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ईद मिलादुन्नबी के मौके पर धार प्रशासन ने शुरुआत में जुलूस निकालने पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन सोमवार देर शाम को फैसला हुआ कि सीमित क्षेत्रों में जुलूस निकाला जा सकेगा। इसके लिए रूट तय किया था। मंगलवार सुबह करीब 9 बजे जुलूस शुरू हुआ। धार की गुलमोहर कॉलोनी से होते हुए जुलूस बस स्टैंड व धान मंडी होता हुआ पिंजारवाड़ी पहुंचा। रास्ते में से लोग जुलूस में शामिल होते गए और देखते ही देखते संख्या एक हजार के ऊपर हो गई। पिंजारवाड़ी क्षेत्र में पुलिस ने बैरिकेड्स लगा  रखे थे। इसे प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर रखा था। जब जुलूस यहां पहुंचा तो पुलिस ने समझाया कि इस रूट पर अनुमति नहीं है। फिर भी कुछ लोग उसमें घुसने का प्रयास करने लगे। पुलिस ने रोकने की कोशिश की, लेकिन मानने को तैयार नहीं हुए। जिसपर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया।

मध्यप्रदेश के तीन शहरों धार, जबलपुर और बड़वानी में ईद मिलादुन्नबी के मौके पर निकाले गए जुलूस के दौरान हिंसा हुई और पुलिस पर पत्थरबाजी की गई।  

मध्यप्रदेश के तीन शहरों में ईद-ए-मिलाब का जुलूस निकालने के दौरान संघर्ष व हिंसा के बाद तनाव का माहौल बन गया। जबलपुर और धार में हुए बवाल के बाद बड़वानी से भी इसी तरह की खबर आई है। बड़वानी जिले के राजपुर ईद के जुलूस के दौरान दो पक्षों में विवाद हुआ। इसमें पथराव किया गया। करीब 8 से 10 लोग घायल हुए। थाना प्रभारी को भी चोट आई।

डीजे पर गाना चलते ही विवाद

जानकारी के अनुसार मंगलवार को राजपुर में ईद के जुलूस के मौके पर जुलूस निकाला जा रहा था। इस दौरान एक पक्ष के लोगों ने विवादित गाना डीजे पर चला दिया। इसके बाद तनाव की स्थिति बनी तो दूसरे पक्ष के लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। इसमें राजपुर थाना प्रभारी समेत 10 लोगों के घायल होने की खबर है। यह भी जानकारी आ रही है कि प्रशासन ने जुलूस की अनुमति नही दी थी। पुलिस ने डीजे जब्त कर लिया है।

जबलपुर में हुआ विवाद, पत्थरबाजी

मध्यप्रदेश के जबलपुर में ईद के जुलूस के दौरान विवाद की स्थिति बन गई। यहां भी वही हुई जो धार में हुआ था। जब जुलूस प्रतिबंधित क्षेत्र में जा रहा था तो पुलिस ने रोका। जुलूस में शामिल लोग नहीं माने और बैरिकेड्स हटाने लगे। पुलिस के समझाने पर विवाद करने लगे और पुलिस पर जलते हुए पटाखे तक फेंके। बाद में पुलिस ने बल  प्रयोग किया।

कुछ ही देर में माहौल बिगड़ने लगा। एक गली की तरफ से पथराव शुरू हो गया तो जलते हुए पटाखे भी पुलिस की ओर फेंके गए। यह  देख पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। आंसू गैस के गोले भी छोड़े। कुछ देर बाद स्थिति सामान्य हुई और जुलूस दूसरे मार्ग से गया। घटना के बाद इलाके में भारी फोर्स तैनात किया गया। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का स्थिति का जायजा लिया।

धार में मची भगदड़

धार शहर में ईद मिलादुन्नबी के जुलूस निकालने के दौरान भगदड़ की स्थिति मच गई। प्रतिबंधित क्षेत्र से जुलूस नहीं निकालने की अनुमति थी, लेकिन मंगलवार को करीब सवा 10 बजे अचानक से अफरा-तफरी का माहौल बन गया। जुलूस जब उटावद दरवाजा क्षेत्र से गुजर रहा था तो उसमें शामिल कुछ लोगों ने बेरिकेड्स हटाकर प्रवेश निषेध वाले क्षेत्र में घुसने का प्रयास करने लगे। इस पर पुलिस के जवानों ने प्रवेश करने से रोका, लेकिन कुछ युवा अंदर घुसने के लिए हंगामा करने लगे। इसपर पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया। ऐसे में वहां कुछ देर के लिए अफरा-तफरी के हालात बन गए। हालांकि, पुलिस बल ने हालात पर तुरंत ही काबू पा लिया। लाठीचार्ज के बाद कई इलाकों में भीड़ जमा होने लगी थी।

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जानिए कैसे हो सकती है आतंकवाद की काट, कश्मीर में बहुत जल्दी दिखने लगा तालिबान इफेक्ट

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डिजिटल भारत I अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद से ही यह कयास लगने लगे थे कि इसका असर कश्मीर में भी देखने को मिलेगा, लेकिन यह कुछ जल्दी ही हो गया। जम्मू-कश्मीर में बीते करीब एक महीने से आतंकियों ने नागरिकों को टारगेट करना शुरू कर दिया है और यह 1990 के उन दिनों की याद दिलाता है, जब कश्मीरी पंडितों का पलायन हुआ था। उस दौर में अखबार में एक संदेश के जरिए अल्पसंख्यक कश्मीरी पंडितों को इस्लाम कबूल करने या फिर निकल जाने की धमकी दी गई थी। इस बार ऐसा सोशल मीडिया के जरिए किया जा रहा है। आर्टिकल 370 हटने के बाद बदले हालातों में जम्मू-कश्मीर के सामाजिक एकीकरण की उम्मीद जो जगी थी, उसे भी इससे झटका लगा है।

तालिबान के अफगानिस्तान में आते ही मुंद्रा पोर्ट पर बड़े पैमाने पर ड्रग्स पकड़ा जाना और फिर कश्मीर में आतंक का दौर बढ़ना बताता है कि इसके कनेक्शन देश से बाहर ही हैं। लंबे समय से दक्षिण एशिया में आतंकवाद की फंडिंग का एक स्रोत ड्रग्स का कारोबार भी रहा है। अब पाकिस्तान ने तालिबान से आने के बाद इसे लेकर खुला खेल खेलना शुरू कर दिया है

भारत के लिए यह लड़ाई परसेप्शन के लेवल पर भी है। अल्पसंख्यकों और बाहरी लोगों को पलायन के लिए मजबूर कर आतंकी यह संदेश देना चाहते हैं कि आर्टिकल 370 हटाए जाने की वजह से ऐसा हो रहा है। ऐसे में इस अनुच्छेद के तमाम प्रावधानों को खत्म करने का मकसद ही समाप्त हो जाएगा। इसलिए यह जरूरी है कि सरकार अल्पसंख्यकों और बाहरी लोगों के पलायन को रोकने के लिए काम करे। इसकी बजाय कोशिश यह होनी चाहिए कि टूरिज्म सेक्टर और अन्य चीजों में निवेश कर बाहरी लोगों को आने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

। खुफिया जानकारों के मुताबिक एक तरफ पाकिस्तान भी ड्रग्स के धंधे को बढ़ावा देने के काम में जुटा है। इसी कमाई से वह आतंकियों की फंडिग कर रहा है। कई युद्धों में हार चुके पाकिस्तान के लिए भारत से लड़ने के लिए छद्म युद्ध ही सहारा रहा है और उसने फिर वही काम शुरू कर दिया है।

भारत के नजरिए से देखा जाए तो उसके लिए बड़ी चुनौती यही है कि कैसे भी करके स्थानीय अल्पसंख्यकों और बाहरी लोगों में भरोसा जताया जाए कि वे सुरक्षित हैं। इसके लिए उन्हें कुछ चिह्नित इलाकों में बसाकर पर्याप्त सुरक्षा देना भी एक विकल्प हो सकता है। इसके अलावा स्थानीय बहुसंख्यक वर्ग के धार्मिक नेताओं को भरोसे में लाकर भी कोई पहल की जा सकती है ताकि बाहरी लोगों को यह लगे कि स्थानीय समाज उनके साथ है। आतंकी पाक प्रायोजित हैं और उनके अजेंडे के साथ स्थानीय लोग नहीं हैं, यह भले ही सच्चाई हो, लेकिन उसका संदेश देना भी बेहद जरूरी है।

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पाकिस्तान को फर्जी दस्तावेज देने बाली चीन की कंपनी हुई बैन , देश मई बिजली का बड़ा संकट

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डिजिटल भारत I पाकिस्तान में नेशनल ट्रांसमिशन एंड डिस्पैच कंपनी (NTDC) ने एक चीनी फर्म को टेंडर पाने के लिए फर्जी दस्तावेज देने के आरोप में बैन कर दिया है। अब यह कंपनी भविष्य में भी किसी टेंडर या नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले पाएगी। दूसरी तरफ, बिजली से संबंधित इस नए मामले के सामने आने के बाद देश में बिजली संकट और गहराने के संकेत नजर आने लगे हैं। इसके अलावा दोनों देशों के रिश्तों में भी तनाव पैदा हो सकता है।

जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल

‘डॉन न्यूज’ ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि चीनी कंपनी ने NTDC का ठेका पाने के लिए जाली दस्तावेज तैयार कराए और अधिकारियों को रिश्वत देकर टेंडर अपने पक्ष में खुलवाने की साजिश रची। इसकी जानकारी लीक हो गई और जांच के दौरान यह पाया गया कि चीन की कंपनी ने फर्जी कागजों की दम पर ठेका पाने की कोशिश की है। इसके बाद इमरान सरकार के अधिकार वाली मिनिस्ट्री ऑफ एनर्जी के पॉवर डिवीजन ने चीनी कंपनी को टेंडर प्रक्रिया से अलग कर दिया और नए सिरे से बोली लगाने के आदेश जारी कर दिए।

अब ब्लैकलिस्टेड हुई कंपनी

NTDC के जनरल मैनेजर ने कहा- चीनी कंपनी को हमने ब्लैकलिस्ट कर दिया है। भविष्य में वो NTDC के किसी टेंडर प्रॉसेस में हिस्सा नहीं ले सकेगी। फिलहाल, यह बैन एक महीने के है। इस दौरान जांच की कार्रवाई चलती रहेगी। हम इस कंपनी को हमेशा के लिए बैन कर सकते हैं।

चीन की यह कंपनी पाकिस्तान के चार क्षेत्रों में ट्रांसमिशन के बिडिंग प्रॉसेस में हिस्सा ले रही थी। यह प्रोजेक्ट करोड़ों रुपए के हैं और भविष्य में इन्हें पूरे पंजाब प्रांत तक लाना है। इसलिए, इन प्रोजेक्ट का काफी महत्व है।

एनटीडीसी महाप्रबंधक कार्यालय से दो दिन पहले जारी एक पत्र के मुताबिक, चीनी फर्म को ब्लैक लिस्ट में डाला गया है और फर्जी दस्तावेज जमा करने की वजह से एनटीडीसी की निविदा या बोली प्रक्रिया में भाग लेने से तत्काल प्रभाव से एक महीने के लिए रोक दिया गया है. एनटीडीसी ने कहा कि आदेश का प्रभाव मौजूदा अनुबंधों पर नहीं होगा. पत्र की प्रतियां एनटीडीसी के प्रबंध निदेशक, जल-बिजली और विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और पाकिस्तान इंजीनियरिंग काउंसिल, नेशनल इंजीनियरिंग सर्विसेज पाकिस्तान के एमडी सहित कई कई विभागों के अधिकारियों को भेजी गई हैं.

दोनों देशों में तनाव बढ़ेगा

पाकिस्तान के इस कदम से चीन की नाराजगी ज्यादा बढ़ सकती है और वो पाकिस्तान सरकार के खिलाफ कुछ कदम उठा सकता है। करीब दो महीने पहले सीपैक के तहत बन रहे दासू डैम प्रोजेक्ट में चीन के 9 इंजीनियरों की हत्या कर दी गई थी और इसके बाद चीन ने पाकिस्तान से 48 मिलियन डॉलर का मुआवजा मांगा था। चीन ने कहा था कि भविष्य में चीन सिर्फ तब ही इन प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू करेगा जब पाकिस्तान सरकार लिखित में उसके स्टाफ की सुरक्षा का भरोसा दिलाएगी। पाकिस्तान सरकार ने अब तक चीन की मांग पर कोई कदम नहीं उठाया है।

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ईद मिलाद-उन-नबी का त्यौहार आज, जबलपुर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध

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ईद मिलाद-उन-नबी का त्यौहार आज मंगलवार 19 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। जबलपुर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। मंगलवार को पुलिस-प्रशासन की बड़ी परीक्षा है। शासन की गाइडलाइन के अनुसार त्यौहार घर और मोहल्ले में मनाने की अपील मुफ्ती-ए-आजम मध्यप्रदेश मौलाना हजरत मोहम्मद हामिद अहमद सिद्दीकी ने की है। वहीं समाज के कुछ युवा इसे वर्ल्ड पीस डे के रूप में मना रहे हैं। सुबह से शहर में सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं।

मुफ्ती-ए-आजम ने शहर और प्रदेशवासियों को मिलाद-उन-नबी की दिली मुबारकबाद देते हुए कहा है कि कोरोना संक्रमण में आई कमी को देखते हुए इस बार त्यौहारों को मनाने के लिये पिछले वर्ष के मुकाबले कुछ ज्यादा छूटें मिली हैं। इन छूटों को ध्यान में रखकर ही हमें ईद मिलाद-उन-नबी का त्यौहार मनाना होगा। हम इस त्यौहार को पूरे उत्साह के साथ अपने घर और मोहल्ले में मनाएंगे। अकीदत और मुहब्बत का इजहार करें। एक दूसरे को मुबारकबाद दें, लेकिन कहीं भी जुलूस की शक्ल में न निकलें।

मुफ्ती-ए-आजम मौलाना मोहम्मद हामिद अहमद ने कोरोना संक्रमण में लगातार आ रही कमी को देखते हुये आशा व्यक्त की है कि यही स्थिति रही तो अगले साल हम मिलाद-उन-नबी का त्यौहार उसी जोश और जज्बे से मनाएंगे, जैसे कोरोना की पाबंदियां लगने के पहले मनाया करते थे। उन्होंने कोरोना वायरस की बीमारी से देश को पूरी तरह निजात दिलाने की दुआ करने का आग्रह भी मुस्लिम समाज के लोगों से किया है।

अनोखे अंदाज में मनाएंगे ईद मिलादुन्नबी

मुस्लिम नव जवान कमेटी के फहीम खान, सादिक खान, सलीम खान बून, रफीक खान, एडवोकेट मो. अल्तमस, नसीम अंसारी, एड मो. मकबूल, साजिद अली, मकसूद अंसारी, मिर्जा शाहिद बेग, मुबारक अली कादरी, डॉक्टर मो. आरिफ आदि ने बताया कि मिलादुन्नबी के मौके पर ऑल इंडिया मुस्लिम त्यौहार कमेटी के आह्वान पर प्रदेश में जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी का पर्व वर्ल्ड-पीस-डे के रूप में अनोखे अंदाज में मनाया जा रहा है। देश में भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता, आतंकवाद और अश्लीलता को समाप्त करने के साथ ही मुल्क की तरक्की और अमन के लिए इज्तिमाई दुआ की गई।

पैगम्बर के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है

ईद-ए-मिलाद के रूप में जाना जाने वाला, मिलाद-उन-नबी पैगम्बर मुहम्मद के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह उत्सव मुहम्मद के जीवन और उनकी शिक्षाओं की भी याद दिलाता है। मिलाद-उन-नबी इस्लामी पंचांग के तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन मनाया जाता है। मुहम्मद का जन्म वर्ष 570 में सऊदी अरब में हुआ था।

सुपैगम्पैगम्बर के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है

सुरक्षा के सख्त इंतजाम

उधर, पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा के कड़े प्रबंधन किए हैं। सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र में शांतिपूर्ण तरीके से त्यौहार संपंन्न करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मंगलवार सुबह 4 बजे से ही पुलिस बल तैनात कर दिया जाएगा। सुबह 6 बजे नमाज होती है। वहीं दोपहर बाद वे उत्साह के साथ त्यौहार को मनाएंगे। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने ईद-मिलाद-उन-नबी की बधाई देते हुए शासन के निर्देशानुसार घर, गली व मोहल्लों में मनाने की अपील की हे। किसी भी प्रकार के जुलूस की अनुमति नहीं दी गई है।र के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है

ईद-ए-मिलाद के रूप में जाना जाने वाला, मिलाद-उन-नबी पैगम्बर मुहम्मद के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह उत्सव मुहम्मद के जीवन और उनकी शिक्षाओं की भी याद दिलाता है। मिलाद-उन-नबी इस्लामी पंचांग के तीसरे महीने रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन मनाया जाता है। मुहम्मद का जन्म वर्ष 570 में सऊदी अरब में हुआ था।

सुरक्षा के सख्त इंतजाम

उधर, पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा के कड़े प्रबंधन किए हैं। सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र में शांतिपूर्ण तरीके से त्यौहार संपंन्न करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मंगलवार सुबह 4 बजे से ही पुलिस बल तैनात कर दिया जाएगा। सुबह 6 बजे नमाज होती है। वहीं दोपहर बाद वे उत्साह के साथ त्यौहार को मनाएंगे। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने ईद-मिलाद-उन-नबी की बधाई देते हुए शासन के निर्देशानुसार घर, गली व मोहल्लों में मनाने की अपील की हे। किसी भी प्रकार के जुलूस की अनुमति नहीं दी गई है।क्षा के सख्त इंतजाम

उधर, पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा के कड़े प्रबंधन किए हैं। सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र में शांतिपूर्ण तरीके से त्यौहार संपंन्न करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मंगलवार सुबह 4 बजे से ही पुलिस बल तैनात कर दिया जाएगा। सुबह 6 बजे नमाज होती है। वहीं दोपहर बाद वे उत्साह के साथ त्यौहार को मनाएंगे। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने ईद-मिलाद-उन-नबी की बधाई देते हुए शासन के निर्देशानुसार घर, गली व मोहल्लों में मनाने की अपील की हे। किसी भी प्रकार के जुलूस की अनुमति नहीं दी गई है।

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एक साथ दो कंटेस्टेंट को दिखाया जाएगा बाहर का रास्ता, घरवालों को एक साथ लगेंगे तीन झटके

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बिग बॉस 15 के आने वाले एपिसोड में घर में अपने गलत व्यवहार के लिए कंटेस्टेंट को बिग बॉस के गुस्से का सामना करना पड़ेगा. शेयर किए गए प्रोमो में दिखाया गया है कि बिग बॉस कंटेस्टेंट्स को फटकार लगाते हैं और 3 चौंकाने वाले ऐलान करते हैं. सबसे पहले बिग बॉस ने घोषणा की कि सभी घरवाले अब ‘जंगलवासी’ होंगे और कोई भी मेन लिविंग एरिया का हिस्सा नहीं होगा. शमिता अपना बैग पैक करते हुए कहती हैं, ‘उनकी गलती है और हमें भुगतना पड़ रहा है.’

मुख्य घर में रहने वाले शमिता शेट्टी, निशांत भट्ट, जय भानुशाली, विशाल कोटियन, आकाश सिंह, प्रतीक सहजपाल और तेजस्वी प्रकाश अब अन्य कंटेस्टेंट की तरह ही बाहर के एरिया में रहेंगे. दूसरे अनाउंसमेंट में बिग बॉस सभी से कहते हैं कि एलिमिनेशन होगा. आखिरी घोषणा सभी के लिए एक झटके के रूप में आती है. बिग बॉस कहते हैं, ‘मुख्य दरवाजा अब खुला रहेगा और घरवालों को दो नाम लेने होंगे, जिनके बारे में उन्हें लगता है कि उन्होंने घर में सबसे कम योगदान दिया है.’

बिग बॉस 15 शुरुआत से ही मजेदार चल रहा है. अब इसी बीच घर में बड़ा ट्विस्ट आने वाला है. बिग बॉस एक साथ 3 ऐलान करेंगे.

बिग बॉस 15 के घर में जहां हर कोई हैरान नजर आ रहा है, वहीं प्रोमो में करण कुंद्रा, विधि पांड्या और तेजस्वी प्रकाश की आंखें नम नजर आ रही हैं. वीकेंड का वार एपिसोड में कोई एलिमिनेशन नहीं हुआ और इस हफ्ते प्रोमो देखकर ऐसा लग रहा है कि डबल एलिमिनेशन होने वाला है.

बता दें, सोमवार के एपिसोड यानी 18 अक्टूबर को निशांत भट्ट कप्तान बनते हैं. उनका मुकाबला जय और प्रतीक से था. फिलहाल घर में अभी तक एक एलिमिनेशन हुआ है. ऐसे में अब एक साथ दो एलिमिनेशन घरवालों के लिए थोड़ा शॉकिंग है. वहीं बिग बॉस 15 (के घर में खूब लड़ाई-झगड़े के साथ प्यार और रोमांस भी देखने को मिल रहा है. अभी तक लोगों को करण कुंद्रा और तेजस्वी प्रकाश का खेल बहुत पसंद आ रहा है. जल्द ही दोनों के बीच लव एंगल देखने को मिल सकता है. करण ने शो में कंफेस किया है कि तेजस्वी प्रकाश उन्हें पसंद हैं.

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महिला सशक्तिकरण की दिशा में मध्यप्रदेश तेजी से आगे बढ़ , स्व-सहायता समूह की महिलाओं में स्व-रोजगार के प्रति बढ़ता जुनून

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 महिला सशक्तिकरण की दिशा में मध्यप्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य शासन की नीतियों, कार्यक्रमों और योजनाओं से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को आर्थिक गतिविधियों से जोड़ कर उन्हें स्व-रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। विशेष रूप से आजीविका मिशन के माध्यम से बड़ी संख्या में बनाए गए महिला स्व-सहायता समूहों को हर संभव सहयोग दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि समूहों की सक्रियता से महिलाएँ सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। महिलाओं की मेहनत और स्व-रोजगार के प्रति जुनून आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के संकल्प को पूरा करने में सहयोगी बनेगा।

आजीविका मिशन में 3 लाख 33 हजार स्व- सहायता समूह गठित

    उल्लेखनीय है कि प्रदेश के लगभग 45 हजार ग्रामों में करीब 3 लाख 33 हजार स्व-सहायता समूहों का गठन कर लगभग 38 लाख महिलाओं को जोड़ा जा चुका है। मिशन के अंतर्गत गठित स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के लिए भरपूर धन राशि का इंतजाम किया है। समूहों से जुड़ने के लिए पात्र परिवारों में शेष बचे सभी परिवारों को अगले 3 वर्षों में स्व-सहायता समूहों से जोड़ लिया जाएगा।

आर्थिक गतिविधियों के लिए पूंजी का इंतजाम

    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्व- सहायता समूहों को सस्ती ब्याज दर और सरल प्रक्रिया से बैंक ऋण उपलब्ध कराने के काम को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा है। ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका गतिविधियों को और सुदृढ़ करने के लिए विगत वर्षों की तुलना में बैंक ऋण राशि में काफी वृद्धि की गई है। इसे राज्य सरकार द्वारा 300 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1300 करोड़ रुपए किया गया और इस वर्ष 2550 करोड़ रुपए बैंक ऋण स्व-सहायता समूहों को उपलब्ध कराने का लक्ष्य सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है। ऋण राशि पर ब्याज अनुदान भी सरकार द्वारा दिए जाने का निर्णय लिया गया है, जिससे ब्याज का बोझ कम हो रहा है और ऋण वापसी और भी सरल हो गई है।

    निर्धन तबके की आर्थिक स्थिति में तेजी से सुधार के लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना के अंतर्गत भी 10 हजार रुपए तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इस राशि के मिलने से समूहों की गतिविधियाँ और बढ़ गई हैं।

एमपी आजीविका मार्ट पोर्टल

    मुख्यमंत्री श्री चौहान का कहना है कि प्रदेश की आजीविका उत्पादों को सरकारी और निजी क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर वृहद बाजारों से जोड़ने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म से भी जोड़ा गया है। ताकि उचित दाम में सामान सीधे खरीदा और बेचा जा सके, जिसका फायदा समूह सदस्यों को अधिक से अधिक मिल सकेगा। स्व- सहायता समूहों और बाजार के बीच कोई भी बिचौलिया नहीं हो, यही राज्य शासन का प्रयास है।

    इसके लिए राज्य शासन ने एमपी आजीविका मार्ट पोर्टल बनाया है। यह पोर्टल समूहों द्वारा बनाई जा रही वस्तुओं को बेचने और खरीदने के लिए बहुत ही सुगम माध्यम है। इस व्यवस्था को जल्दी ही सर्वव्यापी करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे कि समूह की बहनों के व्यवसाय को गति मिल सके।

    पोर्टल में समूह की बहनें अपने उत्पादों को दर्ज करा सकती हैं। अपना नाम, पता और फोन नंबर अंकित कर सकती हैं, जिससे खरीददार बहनों से खुद संपर्क कर सकते हैं और उत्पाद सीधे बहनों से क्रय कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में समूह की महिलाओं को अधिक मुनाफा मिलना तय है। कई जिलों में करोड़ों रुपए का व्यवसाय पोर्टल के माध्यम से किया गया है। शेष जिलों में भी तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं।

स्व-रोजगार के अनेक अवसर

    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है प्रदेश सरकार महिला स्व- सहायता समूहों को मजबूती प्रदान करने के लिए हर कदम पर बहनों के साथ खड़ी है। प्रयास है कि समूह सदस्यों को काम शुरू करने के लिए एक नहीं अनेक अवसर दिए जाएँ। राज्य सरकार द्वारा अनेक काम समूहों को दिए जा रहे हैं। समूहों को समर्थन मूल्य पर कृषि उपज क्रय करने के लिए पहले से ही जोड़ा जा चुका है। अब उचित मूल्य की दुकानों के संचालन और पोषण आहार निर्माण से भी जोड़ा जा रहा है। इसी क्रम में शालेय गणवेश सिलाई का काम समूहों को दिया गया है। पिछले वर्ष समूह सदस्यों ने अच्छा काम किया था। इस बार फिर से महिला समूहों को स्कूल गणवेश का काम दिया गया है। काम में पारदर्शिता बनाए रखने और प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए स्व- सहायता पोर्टल बनाया गया है, जिसकी सहायता से यह काम और भी आसान हो गया है।

व्यवसाय के लिए जरूरी सामग्री स्वयं खरीदें

    मुख्यमंत्री श्री चौहान का कहना है कि समूह की बहनें तभी और मजबूत बनेगी जब वे अपने लिए और समूह के लिए जरूरी चीजों की खरीददारी स्वतंत्र रूप से खुद करेंगी। इसलिए कोई भी सामग्री बाजार में सर्वे कर स्वयं खरीदें। बनाई गई वस्तुएँ उचित दाम में बेचे। क्रय- विक्रय की प्रक्रिया में कोई बिचौलिया न रहने दें। बहनें आपसी समन्वय एवं परामर्श से ही यह कार्य करें और लिखा -पढ़ी तथा हिसाब- किताब साफ- साफ रखें।

    मुख्यमंत्री श्री चौहान का मानना है कि उत्साह और हौंसले के साथ ही जिस रफ्तार से समूह की बहनें गरीबी को हराकर संपन्नता की और अग्रसर हो रही हैं। उस रफ्तार से आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश बनाने में अधिक समय नहीं लगेगा।

समूह की महिलाओं का बीमा

    राज्य सरकार ने महिला स्व- सहायता समूह की महिलाओं का बीमा करवाने का अभियान चलाया है। शासन का प्रयास है कि सभी बहनें बीमा से जुड़ जाएँ, ताकि असामयिक मृत्यु पर कठिन समय में परिवार को कुछ धनराशि की सहायता मिल सके। इसके लिए प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा और प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा बीमा योजना में प्रीमियम जमा करके इस योजना का फायदा उठाया जा सकता है। बैंकों के माध्यम से बीमा आसानी से किया जा रहा है। प्रसन्नता की बात है कि बड़ी संख्या में समूहों की बहनों का बीमा हो चुका है।

सामाजिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में नए आयाम

    आर्थिक सशक्तिकरण के साथ सामाजिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी समूह की महिलाओं ने नए आयाम स्थापित किए हैं। ग्रामीण क्षेत्र में समूह की बहनों द्वारा नशा मुक्ति, बाल विवाह को रोकने, स्वच्छता, पोषण और पर्यावरण संरक्षण जैसे गंभीर विषयों पर भी सामाजिक व्यवहार परिवर्तन के लिए सराहनीय प्रयास किए जा रहे हैं।

    वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव की सामग्री बनाकर आपदा को अवसर में बदलने समूह की महिलाओं ने अच्छा काम किया है। लॉकडाउन से लेकर अब तक करीब 2 करोड़ मास्क, 1.5 लाख पीपीई किट,1.60 लाख लीटर सैनिटाइजर, 33 हजार लीटर हैंड वास और लगभग 8 लाख से भी अधिक साबुन का निर्माण किया है।

    कोविड-19 टीकाकरण, बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन पका कर देने और जैविक कृषि पद्धति को अपनाने के लिए समूह की महिलाओं द्वारा अच्छा कार्य किया गया है।

योजनाओं की निगरानी एवं क्रियान्वयन में सक्षम बनी महिलाएँ

    यह बड़े गर्व की बात है कि समूह की बहनें ग्राम पंचायत स्तर पर सामुदायिक विकास की योजनाओं की निगरानी के साथ क्रियान्वयन में भी सहयोग कर रही हैं। बिजली बिल के वितरण एवं संग्रहण और काफी समय से लंबित बिजली बिलों को जमा कराने का काम बहनें कर रही हैं।

ऑक्सीजन प्लांट का संचालन समूह की महिलाओं द्वारा

    प्रदेश के श्योपुर जिले में तो ऑक्सीजन प्लांट का संचालन भी महिला स्व -सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है। बहनों के उत्साह और क्षमता को देखते हुए राज्य सरकार ने और कई काम महिला समूहों को सौंपने का निर्णय लिया है। गाँव में नल-जल योजनाओं के संचालन का काम महिला समूहों को दिया जा रहा है। अभी कुछ जिलों में समूहों ने नल- जल योजनाओं का सफल संचालन करके दिखाया है।

पोषण आहार संयंत्रों के संचालन की जिम्मेदारी संभालेंगी महिला समूह

    प्रदेश के सातों टीएचआर प्लांट का संचालन महिला समूहों को देने का निर्णय लिया गया है। सरकार के इस फैसले से प्रदेश में पोषण आहार तैयार कर विक्रय से होने वाले मुनाफे से प्रदेश के लाखों समूह सदस्य लाभान्वित होंगे।

    प्रदेश में देवास, धार, होशंगाबाद, मंडला, सागर, रीवा और शिवपुरी में टीएचआर संयंत्र स्थापित किए गए हैं। वर्तमान में इन संयंत्रों से प्रतिमाह 50 से 60 करोड़ रुपए का पोषण आहार तैयार होता है। संयंत्रों के संचालन से प्राप्त होने वाले लाभांश में से 5 प्रतिशत का उपयोग संयंत्रों के संधारण के लिए सुरक्षित रखते हुए शेष 95 प्रतिशत लाभांश स्व-सहायता समूहों को प्राप्त होगा।

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 2022 तक देश के सभी आवासहीन लोगों को आवास गृह उपलब्ध कराने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य

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दीपावली के पूर्व 2.51 लाख आवासहीन परिवारों को मिलेगी अपने आवास की सौगात, भूमि का पट्टा और आवास निर्माण की राशि दी जाएगी

मध्यप्रदेश में आवास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का प्रभावी क्रियान्वयन करते हुए 21 लाख 5 हजार आवास बना लिए गए हैं। वित्त वर्ष 2021-22 में प्रदेश के कुछ जिलों में अतिवृष्टि के बावजूद वर्षाकाल की तिमाही में सबसे ज्यादा एक लाख 60 हजार आवास बना लिए गए। योजना में मध्यप्रदेश को मिले 26.28 लाख आवास गृह बनाने के लक्ष्य के मुकाबले प्राप्त उपलब्धि संतोषजनक ही नहीं गरीबों को आवास गृह दिलवाने की दृष्टि से सराहनीय भी है। उल्लेखनीय बात यह है कि मध्यप्रदेश की तीन विशेष पिछड़ी जनजातियों बैगा, सहरिया और भारिया के लोगों के लिए भी विशेष परियोजना के अंतर्गत आवास गृह उपलब्ध करवाए गए हैं। जीर्ण-शीर्ण घरों में रहने वाले इन वर्गों के लोगों के लिए यह अकल्पनीय था कि उन्हें इतनी शीघ्र आवास गृह मिल जाएगा और दीपोत्सव वे नए घर में ही मना पाएंगे।

    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 2022 तक देश के सभी आवासहीन लोगों को आवास गृह उपलब्ध कराने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की पूर्ति में मध्यप्रदेश अच्छा कार्य कर रहा है। इस क्रम में आगामी सप्ताह मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के 2 लाख 51 हजार हितग्राहियों को आवास गृह का एक साथ वर्चुअल गृह प्रवेश करवाएंगे। इस संबंध में आवश्यक तैयारियाँ की जा रही हैं। सबको आवास 2022 की लक्ष्य पूर्ति में मध्यप्रदेश ने अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। जिन परिवारों को अपने मकान की सौगात मिली है, वे प्रधानमंत्री श्री मोदी और मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रति विशेष रूप से आभारी भी हैं। इस वर्ष दीपावली के पहले वे अपने नवनिर्मित आवास गृह में पहुँचने के लिए तैयार हो गए हैं। अब वे नए आवास गृह में ही दीपोत्सव मनाएंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान का कहना है कि प्रदेश में हर गरीब परिवार को भूमि का पट्टा और पात्रतानुसार आवास निर्माण की राशि दी जाएगी।

कोरोना काल में भी नहीं रुका आवास बनाने का कार्य

    मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने निरंतर समीक्षा करते हुए आवास योजनाओं के क्रियान्वयन की गति को बढ़ाने के साफ निर्देश दिए। इसके फलस्वरूप प्रदेश में कोरोना काल में भी आवास निर्माण का कार्य नहीं रूका। इस अवधि में 3 लाख से अधिक आवास गृह निर्मित किए गए। आमतौर पर एक आवास गृह के निर्माण के लिए औसतन 4 महीने का समय तय है, लेकिन पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने गरीबों के लिए पक्के मकान बनाने का कार्य तेजी से पूरा करते हुए एक माह के अल्प समय में 1 लाख आवास गृह बनाकर तैयार किए। आवास निर्माण की अवधि राष्ट्रीय स्तर पर 114 दिवस है। इस दृष्टि से मध्यप्रदेश में अच्छी गति के साथ आवास निर्माण के कार्य सम्पन्न हुए हैं। वर्षाकाल में यह संभव नहीं था लेकिन निर्माण एजेंसियों ने मनोयोगपूर्वक कार्य करते हुए इस उपलब्धि को हासिल किया है।

सॉफ्ट एप के माध्यम से हितग्राही के खाते में अंतरित होती है राशि

    महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में उन लोगों को आवास गृह मिल गया है, जिनका अपना मकान नहीं था। योजना के प्रावधानों के अनुसार हितग्राही को मकान की इकाई लागत मैदानी क्षेत्र में एक लाख 20 हजार और दूरस्थ पहुँचविहीन दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में एक लाख 30 हजार रूपए शत-प्रतिशत अनुदान के रूप में प्रदान की जाती है। यह राशि आवास निर्माण के कार्य की प्रगति के आधार पर किश्तों के रूप में दी जाती है। हितग्राही द्वारा अपने मकान के निर्माण के लिए प्रदर्शित रूचि और परिश्रम के अच्छे परिणाम मिलते हैं। पूरा परिवार पक्के आवास गृह को पाकर अपने जीवन को सार्थक महसूस करता है। सॉफ्ट एप के माध्यम से जियो टेग, फोटो अपलोड होने पर स्वमेव हितग्राही के खाते में राशि का अंतरण हो जाता है। हितग्राही को किसी सरकारी दफ्तर का चक्कर नहीं लगाना पड़ता है। मकान के साथ ही स्वच्छ शौचालय का निर्माण किया जाता है। यही नहीं हितग्राही को उज्जवला योजना में एलपीजी गैस कनेक्शन भी प्रदान किया जाता है।

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WhatsApp ने चैट बैक-अप के लिए, WhatsApp ने iOS और Android डिवाइसेज पर चैट बैक-अप के लिए एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन फीचर को ग्लोबली रोल आउट

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WhatsApp ने चैट बैक-अप के लिए,  WhatsApp ने iOS और Android डिवाइसेज पर चैट बैक-अप के लिए एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन फीचर को ग्लोबली रोल आउट करना शुरू कर दिया रोल आउट किया एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन, आपकी Saved चैट भी रहेगी सुरक्षित

WhatsApp ने iOS और Android डिवाइसेज पर चैट बैक-अप के लिए एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन फीचर को ग्लोबली रोल आउट करना शुरू कर दिया है। कंपनी के CEO मार्क जकरबर्ग ने इसकी घोषणा की है। iCloud और Google Drive पर होने वाले चैट बैक-अप को एक अतिरिक्त सुरक्षा लेयर मिल जाएगा।

WhatsApp ने iOS और Android डिवाइसेज पर चैट बैक-अप के लिए एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन फीचर को ग्लोबली रोल आउट करना शुरू कर दिया है। कंपनी के CEO मार्क जकरबर्ग ने इसकी घोषणा की है। इस फीचर के रोल आउट होने के साथ ही iCloud और Google Drive पर होने वाले चैट बैक-अप को एक अतिरिक्त सुरक्षा लेयर मिल जाएगा।

मार्क जकरबर्ग ने फीचर को रोल आउट करते हुए जारी स्टेटमेंट में कहा कि इस रोल आउट के साथ हम अब यूजर्स को पूरी तरह से एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन मैसेजिंग एक्सपीरियंस देने के लिए सक्षम हैं। Also Read – WhatsApp में ग्रुप चैट होगी बेहतर, Community फीचर पर काम कर रहा है ऐप

Facebook CEO ने अपने स्टेटमेंट में आगे कहा कि चैट बैक-अप के लिए आपको एक 64 डिजिट का एनक्रिप्शन की चुनना होगा, जो सिर्फ आपको पता होगा। न तो WhatsApp और न ही सर्विस प्रोवाइडर के आपके द्वारा बैक-अप किया गया मैसेज पढ़ पाएंगे। आप अपने चैट बैक-अप को बनाए गए 64 डिजिट कोड से अनलॉक कर सकेंगे। Also Read – गूगल खत्म कर सकता है WhatsApp यूजर्स के लिए अनलिमिटेड चैट बैकअप की सुविधा, जानें डिटेल

इस तरह क्रिएट करें एनक्रिप्टेड बैक-अप

सबसे पहले WhatsApp की सेटिंग्स में जाएं।

इसके बाद चैट पर टैप करें और चैट बैक-अप पर जाएं।

फिर एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड बैक-अप पर क्लिर करें।

अब आगे बढ़ने के लिए कन्टिन्यू पर टैप करें और पासवर्ड या की क्रिएट करें।

प्रक्रिया पूरी होने पर ‘done’ पर टैप करें। इसके साथ ही आपके WhatsApp चैट बैक-अप के लिए एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन शुरू हो जाएगा। इस बात का ध्यान रहे कि स्मार्टफोन को इस प्रक्रिया के लिए चार्ज पर लगाना भी पड़ सकता है।

इस तरह हटाएं एनक्रिप्टेड चैट बैकअप

WhatsApp की सेटिंग्स में जाएं।

इसके बाद चैट्स पर टैप करें और चैट बैक-अप पर टैप करें।

अब एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड चैट बैक-अप पर टैप करें।

फिर इसे ऑफ करने का विकल्प मिलेगा उसपर टैप करें। फिर अपना पासवर्ड दर्ज करें और इस प्रक्रिया को बंद करें।

Facebook ने इस फीचर को रोल आउट करते हुए कहा कि इसके जरिए यूजर्स के डिजिटल कन्वर्सेशन के लिए और ज्यादा प्राइवेसी और सिक्युरिटी मिलेगी।

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