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भाजपा के लिए खतरे की घंटी: किसान महापंचायत एक दिलचस्प इतिहास अगर भाकियू ने दोहराया तो

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किसान महापंचायत के बाद एक बड़ा इतिहास सामने आया है। खास बात यह है कि अगर इस बार भी भाकियू ने अपना इतिहास दोहरा दिया तो भाजपा के लिए खतरे की घंटी है। जिससे यूपी में सत्ता परिवर्तन हो सकता है।

अब देखना यह है कि 2021 में हुई इस महापंचायत के 2022 के चुनाव में क्या परिणाम होंगे। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में किसानों की महापंचायत जिस सरकार के खिलाफ हुई, वह सरकार चली गई। 2003 से लेकर 2013 की पंचायतों का यही इतिहास है।
किसान जिस सरकार के खिलाफ एकजुट हुए हैं, वह सरकार सत्ता से बाहर होती रही है। कारण कुछ भी बना हो, लेकिन इतिहास यही है। चार फरवरी 2003 में जीआईसी के मैदान पर भाकियू की महापंचायत बसपा की मायावती सरकार के खिलाफ हुई थी। भाकियू अध्यक्ष चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत पर कलेक्ट्रेट में हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसान जुटे थे। इसके बाद हुए चुनाव में मायावती सत्ता से बाहर हो गई थीं।
वहीं आठ अप्रैल 2008 को जीआईसी के मैदान में बसपा सरकार के खिलाफ बड़ी पंचायत हुई थी। भाकियू अध्यक्ष चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के बयान के बाद उन्हें सिसौली से गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद इस पंचायत का आयोजन हुआ था।
अब 2022 में चुनाव होने हैं और एक बार फिर यह महापंचायत हुई है। किसान संगठन भाजपा की योगी सरकार को उखाड़ने की बात भी कर रहे हैं। अब देखना यह है कि भाकियू अपना इतिहास दोहराती है, या भाजपा फिर से अपनी सरकार बना पाती है।

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MAMTA BANERJI

ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी से आज ईडी करेगी पूछताछ, सांसद बोले- भजपा ले रही राजनीतिक बदला

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ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से सोमवार को ईडी पूछताछ करेगी। अभिषेक बनर्जी पर कथित कोयला घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं। पिछले दिनों ईडी ने नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था। हालांकि, अभिषेक ने कहा कि भाजपा हार के बाद राजनीतिक बदला ले रही है।
पश्चिम बंगाल में एक कथित कोयला घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में टीएमसी महासचिव और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से आज प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ करेगी। पूछताछ के लिए अभिषेक बनर्जी रविवार को ही दिल्ली पहुंच गए हैं। दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले अभिषेक ने कहा कि मैं हर तरह की जांच के लिए तैयार हूं। हालांकि, पूछताछ कितने बजे शुरू होगी इसकी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। बताया जा रहा है कि सेकेंड हाफ में अभिषेक बनर्जी से पूछताछ होगी। इससे पहले उनकी पत्नी को भी एजेंसी की तरफ से बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने कोरोना महामारी का हवाला देते हुए अपने घर पर पूछताछ करने का अनुरोध किया था।
डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक बनर्जी ने अपने ऊपर लगे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप को लेकर कहा कि अगर कोई केंद्रीय एजेंसी किसी भी अवैध लेन-देन में उनकी संलिप्तता को साबित कर दे, तो वह खुद को फांसी पर लटका लेंगे। इस दौरान अभिषेक बनर्जी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा राजनीतिक बदला ले रही है।
अभिषेक बनर्जी- जांच के लिए तैयार-
जांच को लेकर अभिषेक बनर्जी ने कहा, ”मैं किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हूं।’ ‘अगर वे मेरे खिलाफ सबूत पेश कर सकते हैं, तो ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल करने की कोई जरूरत नहीं है। अभिषेक बनर्जी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे टीएमसी के साथ राजनीतिक रूप से नहीं लड़ सकते, इसलिए अब वे प्रतिशोध की राजनीति पर उतर आए हैं। वे अपने राजनीतिक हितों को आगे बढ़ाने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का केंद्र पर साधा निशाना
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि बंगाल विधानसभा चुनावों में भाजपा को मिली हार का बदला लने के लिए कोयला घोटाला मामले में उनके भतीजे अभिषेक के खिलाफ जांच एजेंसियों का प्रयोग कर रही है।

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तालिबान का दावा: पंजशीर भी फतह, फहीम दश्ती के बाद नॉर्दन अलायंस के चीफ कमांडर की मौत

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तालिबान ने किया दावा चीफ कमांडर मारा गया
तालिबान ने दावा किया है कि पंजशीर की लड़ाई में उसने प्रतिरोधी मोर्चे के चीफ कमांडर मोहम्मद साहेल को मार गिराया है। इससे पहले मोर्चे के प्रवक्ता फहीम दश्ती और महमद मसूद के भतीजे की मौत की खबर भी सामने आ चुकी है। तालिबानियों की मौत का बदला फहीम दश्ती की मौत से एक दिन पहले ही प्रतिरोधी मोर्चे ने तालिबानियों का बड़ा नुकसान किया था। भयंकर गोलीबारी में 600 से ज्यादा तालिबानियों की मौत हुई थी, तो वहीं एक हजार से ज्यादा ने आत्मसमर्पण किया था। फहीम दश्ती भी इस संघर्ष का हिस्सा थे, उन्होंने ही 600 तालिबानियों की मौत की पुष्टि की थी। इसके एक दिन बाद ही तालिबान ने पंजशीर के गवर्नर हाउस पर कब्जा जमा लिया है। वहीं पंजशीर का नेता अहमद मसूद तीन दिन से ताजिकिस्तान में है।
युद्ध विराम की अपील फहीम दश्ती की मौत के बाद प्रतिरोधी मोर्चे की ओर से युद्ध विराम की अपील की गई है। अहमद मसूद का भी कहना है कि अगर तालिबान अपने लड़ाकों को पंजशीर से वापस बुला लेता है तो वह तुरंत लड़ाई रोक देंगे।

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1,826 सेल्समैन की होगी भर्ती, नियम में किया संशोधन

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सहकारिता विभाग में लंबे समय से सेल्समैन की भर्ती को लेकर चली आ रही असमंजस की स्थिति अब दूर हो गई है। सरकार ने नियमों में संशोधन करके 1826 पदों पर भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है। इसमें दूसरे स्थान पर रहे अभ्यर्थियों को चयनित घोषित किया जाएगा। जिला स्तर पर दस्तावेजों की जांच के बाद नियुक्ति दी जाएगी।

सहकारिता विभाग के संयुक्त पंजीयक अरविंद सिंह सेंगर ने बताया कि अभ्यर्थी सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया से मिले थे और रास्ता निकालने का अनुरोध किया था। विभाग ने तय किया है कि दूसरे नंबर के जो अभ्यर्थी पात्रता रखते हैं, उन्हें नियुक्ति दी जाए। इसके लिए एमपी आनलाइन से चयनित अभ्यर्थियों की सूची तैयार करके देने के लिए कहा गया है। नियुक्ति में आरक्षण संबंधी प्रविधानों का पालन अनिवार्य रूप से किया जाएगा।

बता दें कि प्रदेश में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा संचालित उचित मूल्य की दुकानों के लिए शिवराज सरकार ने पिछले कार्यकाल में 3629 सेल्समैन के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया प्रारंभ की थी। एमपी आनलाइन के माध्यम से आवेदन बुलाए गए थे और दस्तावेजों के आधार पर मेधा सूची

विधानसभा चुनाव की आचार संहिता प्रभावी होने से नियुक्ति प्रक्रिया नहीं हो पाई थी। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भी मामला अटका रहा। कुछ अभ्यर्थी उच्च न्यायालय भी चले गए थे। सत्ता परिवर्तन के बाद शि‍वराज सरकार ने परिणाम घोषित कर नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ कराई और 1803 पदों पर नियुक्ति दी गई, लेकिन दस्तावेजों की जांच में 1826 पदों पर नियुक्ति का मामला अटक गया।

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मध्य प्रदेश: MBBS के छात्र-हिंदुत्व से जुड़े व्यक्तियों के बारे में पढ़ेंगे, कांग्रेस ने लगाया विचारधारा थोपने का आरोप

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मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने रविवार को कहा कि प्रदेश में एमबीबीएस छात्रों को प्रथम वर्ष के आधार पाठ्यक्रम के तहत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक के बी हेडगेवार, भारतीय जनसंघ के नेता दीनदयाल उपाध्याय, स्वामी विवेकानंद और बी आर आंबेडकर के सिद्धांतों एवं जीवन दर्शन के बारे में पढ़ाया जाएगा। इस पर मध्य प्रदेश में राजनीति शुरू हो गई है। प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह जनसंघ व आरएसएस के संस्थापकों के सिद्धांतों एवं जीवन दर्शन के बारे में एमबीबीएस छात्रों को पढ़ा कर अपनी विचारधारा को लोगों पर थोपना चाहती है, भाजपा ने कांग्रेस पर इतिहास को मिटाने और दबाने का काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश और समाज के लिए जो आदर्श हैं, उनके बारे में सभी को जानने की जरूरत है।

सारंग ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य एमबीबीएस के छात्रों को सामाजिक और नैतिक मूल्य सिखाना है। हेडगेवार, उपाध्याय, स्वामी विवेकानंद संघ के हिंदुत्व पंथ का हिस्सा हैं, जो सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वैचारिक एवं राजनीतिक परामर्शदाता के रूप में माने जाते हैं। मंत्री ने कहा कि एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र आयुर्वेद के जनक महर्षि चरक और शल्य चिकित्सा के जनक के रूप में जाने जाने वाले भारत के महान चिकित्साशास्त्री ऋषि सुश्रुत के बारे में भी पढ़ेंगे।

इसका उद्देश्य नैतिक मूल्य सिखाना है

सारंग ने कहा,‘एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन, बैचलर ऑफ सर्जरी) के प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम में छात्रों को हेडगेवारजी, उपाध्याय जी, स्वामी विवेकानंदजी, आंबेडकरजी और अन्य महान हस्तियों के बारे में व्याख्यान दिया जाएगा। इन महान हस्तियों के जीवन दर्शन पर दिए गए व्याख्यान छात्रों में नैतिक मूल्यों एवं सिद्धांतों के साथ-साथ सामाजिक और चिकित्सीय नैतिकता को जागृत करेंगे।

शैक्षणिक सत्र इस साल के अंत तक शुरू होने की संभावना

उन्होंने कहा,‘राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) के मुताबिक, नैतिक मूल्यों को (एमबीबीएस के) प्रथम वर्ष में आधार पाठ्यक्रम का हिस्सा होना चाहिए। इसलिए हमने छात्रों के चरित्र के निर्माण के लिए इन महान हस्तियों को शामिल करने के बारे में सोचा।’

कमलनाथ ने ट्वीट कर विरोध जताया

इस पर मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट किया,‘भाजपा शुरू से ही अपनी विचारधारा और अपने खास एजेंडे को लोगों पर थोपने का काम करती रहती है, चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या अन्य क्षेत्र हों। अब मध्य प्रदेश में एमबीबीएस के छात्रों को जनसंघ व आरएसएस के संस्थापकों के विचार पढ़ाए जाएंगे।’ उन्होंने कहा कि इसके पूर्व आजादी के अमृत महोत्सव की सामग्री में भी इसी प्रकार अपनी विचारधारा के लोगों को शामिल करने का काम भाजपा ने किया है।

विष्णुदत्त शर्मा ने यहां मीडिया को बताया,‘देश और समाज के लिए जो आदर्श हैं, उन महान क्रांतिकारियों के बारे में सब को जानने की जरूरत है। महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद जैसे महापुरूषों ने क्रांतिकारी आंदोलन खड़ा करने के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया। डॉ. हेडगेवार जी ने भारत को एक सूत्र में बांधने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना की। उन्होंने एक बड़ा विचार केवल देश ही नहीं बल्कि विश्व को दिया। पंडित दीनदयाल जी ने अंत्योदय का मंत्र देकर एकात्म मानववाद का दर्शन दिया। क्या, इनके बारे में नहीं पढ़ाया जाना चाहिए? उन्होंने कहा कि डॉ. बाबा साहब आं‍बेडकर ने देश की एकता और अखण्डता के लिए काम किया।’

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एलन मस्‍क के एक ट्वीट से निवेशकों में क्‍यों बढ़ी बेचैनी

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एलन मस्‍क का प्रत्‍येक ट्वीट निवेशकों की दिल की धड़कन को बढ़ा देता है। इसका कारण भी है, कभी उनका ट्वीट शेयर बाजार निवेशकों को फायदा या नुकसान पहुंचाता है तो कभी क्रिप्‍टोकरेंसी के निवेशकों को। इस बार उनका ट्वीट करेंसी पर है। जिसकी वजह से क्रिप्‍टोकरेंसी निवेशकों की दिल की धड़कन और बेचैनी ज्‍यादा ही बढ़ गई है। सभी निवेशक और जानकार अपनी अपनी समझ से उनके ट्वीट का मतलब निकाल रहे हैं। उन्‍होंने ऐसा क्‍या लिखा है।

पिछली बार मस्क ने क्रिप्टोकरेंसी ‘डॉगेकॉइन’ के बारे में ट्वीट किया था जोकि एक मजाक के रूप में शुरू हुआ था, लेकिन इस क्रिप्‍टोकरेंसी में 11, 000 फीसदी से ज्‍यादा तेजी देखने को मिल चुकी है।

स्पेसएक्स और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के ट्वीट अक्‍सर काफी पेचीदा होते हैं जो फॉलोअर्स को समझ में नहीं आते हैं और य‍ह ट्वीट काफी वायरल भी हो जाते हैं। यह फॉलोअर्स शेयर बाजार के संबंधि‍त या क्रिप्‍टोकरेंसी में निवेश करने वाले भी हो सकते हैं। हाल ही में एलन मस्‍क के ट्वीट्स ने क्रिप्‍टोकरेंसी मार्केट में काफी अहम भूमिका निभाई है। हाल ही में उनके द्वारा किया गया एक ट्वीट काफी पॉपुलर हो रहा है। जिसने क्रिप्‍टोकरेंसी मार्केट में निवेश करने वाले इंवेस्‍टर्स की दिन की धड़कन काफी बढ़ा दी है।

उन्होंने हाल ही में ट्वीट किया, “समय एक अल्‍टीमेट करेंसी हैसभी इस ट्वीट का अपने हिसाब से मतलब निकाल रहे हैं। मस्क के ट्वीट को 70500 से ज्‍यादा लोगों ने रीट्वीट किया है, जबकि इसे 4.26 लाख से अधिक लाइक्स मिल चुके हैं। जिनमें इजाफा लगातार जारी है।

CRED के संस्थापक कुणाल शाह सहित कई उद्यमियों और व्यापारियों को इस पर टिप्पणी करते देखा गया, जिन्होंने कहा, एंट्रॉपी ही एकमात्र सच्चाई है। कई लोगों ने ट्वीट को 2011 में आई साइंस फ‍िक्‍शन फ‍िल्‍म ‘इन टाइम’ से भी जोड़ा, जिसमें अमांडा सेफ्राइड और जस्टिन टिम्बरलेक ने अभिनय किया था। फिल्म ने समय को करेंसी के रूप में इस्तेमाल किया।

Elon Musk के ट्वीट्स का बाजार में निवेश करने वाले लोगों पर हमेशा से ही असर रहा है और लोग इसे मजाक के तौर पर नहीं लेते. मस्क ने एक बार टेस्ला के बदले बिटकॉइन स्वीकार करने के बारे में ट्वीट किया था और कुछ ही समय में क्रिप्टोकरेंसी की कीमत आसमान छू गई थी।

बिटकॉइन की बात करें तो मौजूदा समय में 3.40 फीसदी की तेजी देखने को मिल रही है, जिसकी वजह से दाम 51593 डॉलर हो गए हैं। वहीं दूसरी ओर इथेरियम 1.44 फीसदी की तेजी के साथ 3923.91 डॉलर पर है। डॉगेकॉइन की बात करें तो 4 फीसदी से ज्‍यादा की तेजी देखने को मिल रही है। जिसकी वजह से दाम 0.3112864 डॉलर पर आ गए हैं।

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कोवैक्सीन टीके यूं कर सकते हैं, चेक आपके टीके की खुराक कहीं फर्जी तो नहीं? केंद्र ने जारी की गाइडलाइंस

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वर्तमान में, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशिल्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और रूसी टीका स्पुतनिक वी को देश में चल रहे कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत पात्र लाभार्थियों को लगाया जा रहा है।

केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ ऐसे मापदंड साझा किये हैं जिससे राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के सेवा प्रदाताओं और निगरानी टीमों को किसी भी नकली कोविड-19 टीकों की पहचान करने में सक्षम बनाया जा सके, उन्हें देश में लगने से रोका जा सके। यह कदम विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया और अफ्रीका क्षेत्र में पहचाने जा रहे नकली कोविशील्ड टीके पर चिंताजताये जाने के बाद उठाया गया है।

कोविशील्ड टीके की पहचान कैसे करें?: एक असली कोविशील्ड शीशी की बोतल पर गहरे हरे रंग में एसआईआई उत्पाद का लेबल शेड, ट्रेडमार्क के साथ ब्रांड नाम और गहरे हरे रंग की एल्यूमीनियम फ्लिप-ऑफ सील होगी। एसआईआई लोगो लेबल के चिपकने वाली ओर और एक अद्वितीय कोण पर मुद्रित होता है जिसे केवल उन कुछ चुनिंदा लोगों द्वारा पहचाना जा सकता है जो सटीक विवरण से अवगत हैं। अक्षरों को अधिक स्पष्ट और पठनीय होने के लिए विशेष सफेद स्याही में मुद्रित किया जाता है। मापदंडों के अनुसार, पूरे लेबल को एक विशेष बनावट मधुकोश प्रभाव दिया गया है जो केवल एक विशिष्ट कोण पर दिखाई देता है।

कोवैक्सीन टीके की पहचान कैसे करें? अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी ने गत दो सितंबर को केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों के सभी अतिरिक्त मुख्य सचिवों और प्रधान सचिवों (स्वास्थ्य) को लिखे पत्र के अनुसार कोवैक्सीन लेबल में नकल रोधी सुविधाओं में अदृश्य यूवी हेलिक्स (डीएनए जैसी संरचना) शामिल है जो केवल यूवी प्रकाश के तहत दिखाई देता है।

स्पुतनिक के मामले में यह आयातित उत्पाद रूस से दो अलग-अलग थोक निर्माण स्थलों से हैं और इसलिए, इन दोनों स्थलों के लिए दो अलग-अलग लेबल हैं जबकि सभी जानकारी और डिज़ाइन समान हैं, केवल निर्माता का नाम अलग है। अब तक सभी आयातित उत्पादों के लिए, अंग्रेजी लेबल केवल 5 एम्प्यूल पैक के कार्टन के आगे और पीछे उपलब्ध है, जबकि अन्य सभी ओर एम्प्यूल पर प्राथमिक लेबल सहित, रूसी में है। वर्तमान में, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशिल्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और रूसी टीका स्पुतनिक वी को देश में चल रहे कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत पात्र लाभार्थियों को लगाया जा रहा है।

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वरुण गांधी ने की बातचीत की वकालत, किसान आंदोलन: चुनावी नफा-नुकसान पर बंटी BJP,

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बीकेयू प्रवक्ता ने यह तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया कि कश्मीर से लेकर केरल तक के 20 लाख किसानों ने मुजफ्फरनगर पहुंच कर तानाशाह सरकार को एक बार फिर सर्टिफिकेट दे दिया, जिन्हें वह मुठ्ठी भर किसान कहती है…वे पूरे देश के किसान हैं।

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले किसानों के आंदोलन को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) चुनावी नफा-नुकसान पर बंटी हुई नजर आ रही है। तीन कृषि कानूनों को लेकर अड़े अन्नदाताओं के मुद्दे चुनावी संभावनाओं पर असर नहीं डाल पाएंगे। पर पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी की इस पर राय कुछ और ही है। उन्होंने इस मसले पर किसानों से बातचीत की वकालत की है। हालांकि, बीजेपी ने गांधी की टिप्पणी पर आधिकारिक तौर पर बयान नहीं दिया।

रविवार (पांच सितंबर, 2021) को मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत के बाद बीजेपी के एक सांसद ने दावा किया, “चूंकि इसे जाट आंदोलन के रूप में देखा जाता है, इसलिए इसके खिलाफ गैर-जाट समुदायों का एकीकरण हो सकता है। इन किसानों को संपन्न माना जाता है कि वे इस आंदोलन का समर्थन करते हैं।

बकौल पार्टी सांसद, “इस आंदोलन में टिकैत और अन्य लोग अपने समर्थकों को खो रहे हैं और अब महापंचायत में नेताओं ने जिस तरह के बयान दिए हैं, उससे उनका नैतिक अधिकार भी खत्म हो जाएगा।” एक अन्य नेता बोले, “भारी भीड़ और भाजपा के खिलाफ मतदान का आह्वान कुछ हद तक प्रभावित हो सकता है, राज्य का एक आम किसान यह नहीं समझता कि यह किसलिए है। उन्हें एमएसपी मिल रहा है और कृषि कानूनों ने अब तक उन्हें चोट नहीं पहुंचाई है।”

वहीं, यूपी के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह बोले कि राज्य सरकार किसानों का लगभग सभी बकाया चुका चुकी है। वह निर्यात बकाया है, जिसका भुगतान भी अक्टूबर तक किया जाएगा। जहां तक ​​अच्छे एमएसपी पर उत्पादों की खरीद का संबंध है, हमने अपनी सभी प्रतिबद्धताओं का सम्मान किया है। हमने पिछली सपा और बसपा सरकारों की तुलना में बहुत अधिक कीमत दी है।”

उधर, वरुण ने किसानों को ‘अपना ही भाई बंधु’ बताया। कहा कि सरकार को उनसे दोबारा बातचीत करनी चाहिए ताकि सर्वमान्य हल तक पहुंचा जा सके। गांधी ने कार्यक्रम स्थल पर जुटे किसानों की भीड़ से जुड़ा एक वीडियो ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा था, ‘‘मुजफ्फरनगर में विरोध प्रदर्शन के लिये लाखों किसान इकट्ठा हुए। हमें उनके साथ सम्मानजनक तरीके से फिर से बातचीत करनी चाहिए और उनकी पीड़ा समझनी चाहिए। उनके विचार जानने चाहिए और किसी समझौते तक पहुंचने के लिए उनके साथ मिल कर काम करना चाहिए।’’ गांधी की मां मेनका ने भी बेटे के ट्वीट को रीट्वीट किया।

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कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने राष्ट्रीय पोषण माह के तहत आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को किया संबोधित

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कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा ने कहा है कि कुपोषण से सुपोषण की ओर सामाजिक सोच के साथ आगे बढ़ा जा सकता है। इसमें समुदाय की भागीदारी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण एवं उल्लेखनीय है। श्री शर्मा ने कहा कि-” अंतर विभागीय समन्वय को अतिरिक्त जन समर्थन के साथ सुपोषण की ओर जैसे कार्यक्रमों को जन-आंदोलन का स्वरुप देना होगा। यह केवल एक शासकीय कार्यक्रम ना होकर सामुदायिक कार्यक्रम भी है। कलेक्टर श्री शर्मा आज यहां कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में राष्ट्रीय पोषण माह के तहत आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
कलेक्टर ने कहा कि जिस तरह कोविड-19 से जूझने के लिए सभी ने मैदानी स्तर पर एकजुटता दिखाई ठीक उसी तरह सुपोषण की ओर कुपोषित बच्चों को ले जाने के लिए एकात्मता और एकता दिखाने की जरूरत है। अगर गांव में कोई एक भी कुपोषित बच्चा है तब गांव के संपूर्ण ग्रामवासियों, आंगनवाडी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, ए.एन.एम. पंच-सरपंच, प्रतिष्ठित व्यक्ति सभी को चिंता करनी होगी। इसी तरह शहरी क्षेत्र में भी सामुदायिक सहयोग को प्रमुखता देना जरुरी है। प्रधानमंत्री ने कुपोषण से मुक्ति के लिए किए जाने वाले कार्यों को जन आंदोलन के रूप में अपनाने के आह्वान का स्मरण दिलाते हुए कलेक्टर श्री शर्मा ने कहा कि- “समाज से कुपोषण को मुक्त करने के लिए निरंतर कोशिशें सामूहिक तौर पर की जानी चाहिए और ऐसा कोई कारण नहीं कि अगर संयुक्त कोशिशें हो तो कुपोषण की दर में कमी अवश्य होगी और हम सुपोषण के संकल्प को पूरा कर सकेंगे”।
कार्यशाला के प्रारंभ में जिला कार्यक्रम अधिकारी एम.एल. मेहरा द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह 2021 के चालू सितंबर माह में अंतर्गत आयोजित होने वाली सामुदायिक सहयोग एवं अंतर विभागीय केंद्रित गतिविधियों, सूक्ष्म कार्ययोजना प्रस्तुत की गई। इसके अलावा जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास द्वारा 7 सितंबर तक चलने वाले प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की उपलब्धियों और कार्यक्रम की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने जानकारी दी कि अब तक प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना अंतर्गत जिले में प्रभावशाली उपलब्धियां रही हैं और तेजी से इस संबंध में परियोजना अधिकारियों पर्यवेक्षकों एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा मातृत्व सहायता कार्यक्रम हेतु पंजीयन को तेजी से बढ़ाया जा रहा है। इस सप्ताह में जन जागरूकता पंजीयन मातृत्व सहायता योजना अंतर्गत कठिनाई का निराकरण, लंबित प्रकरणों का निपटान, स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता दिवस का आयोजन तथा जिला स्तरीय सुविधा दिवस के संबंध में विस्तृत जानकारी दी जावेगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने यह भी बताया कि पोषण माह एवं मातृत्व वंदना सप्ताह अंतर्गत आईईसी गतिविधियों का विस्तार एफएम सोशल मीडिया तथा आकाशवाणी के प्राइमरी एवं एफएम चैनल के जरिए किया जाना है ताकि वातावरण निर्मित हो। मीडिया कर्मियों से सहयोग की अपेक्षा भी की गई है।
कोरोना प्रभावित परिवारों के माता पिता को खोने वाले बच्चों के भविष्य के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला में श्रीमती उर्मिला दाहिया सभापति महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य समिति, रिंकू विज, सचिन जैन सहारा विधायक प्रतिनिधि, रमेश मेनन राज्य परियोजना समन्वय (यूट्रीशन), डिविजनल को-ऑर्डिनेटर श्री योगेश शर्मा उपस्थित रहे।
कलेक्टर एवं अन्य उपस्थित अतिथियों का स्वागत जिला कार्यक्रम अधिकारी अधिकारी श्री मेहरा और सहायक संचालक क्रमशः श्री मनीष सेठ एवं शिवानी मौर्य तथा बाल विकास परियोजना अधिकारी रितेश दुबे ने किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मातृ वंदना सप्ताह के अंतर्गत उन 13 श्रेष्ठ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया जिन्होंने मातृ वंदना योजना के अंतर्गत सर्वाधिक उपलब्धि अर्जित की।
जबलपुर सिटी की कार्यकर्ता शशि श्रीवास्तव, उषा कोष्टा, लता दुबे, सरिता यादव, शमीम अख्तर, कुंडम की सुषमा आर्मो, मंझौली की शीला पटेल, पाटन की अनुराधा तिवारी, पनागर की सावित्री कुशवाहा, सिहोरा की नर्मदा परस्ते, शहपुरा की उर्मिला, बरगी की सरस्वती पटेल को प्रमाण पत्र एवं मोमेंटो देकर अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।

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मलेरिया दल ने 1018 घरों में किया मच्छरों के लार्वा का सर्वे

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जिला मलेरिया अधिकारी की टीम के द्वारा 1018 घरों में लावा का सर्वे कर 5 हजार 330 कंटेनरों में लार्वा जांच की गई। जिसमें 47 घरों के 63 कंटेनरों में लार्वा पाये गये। जनसमुदाय को लार्वा की पहचान एवं विनष्टीकरण कर स्वास्थ्य शिक्षा दी गई। साथ ही 617 बुखार पीड़ित रोगियों की रक्षा पट्टी और आर.डी. किट के द्वारा जांच की गई, जिसमें मलेरिया पॉजिटिव शून्य था। डेंगू, पॉजिटिव केस के घरों एवं क्षेत्र के 185 घरों में स्पेस स्प्रे एवं फागिंग किया गया। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. राकेश पहारिया के द्वारा शास्त्री नगर मेडिकल कॉलेज में डेंगू पॉजिटिव रोगी के घर टीम के साथ फॉलोअप किया गया तथा चेरीताल में डेंगू पॉजिटिव का फॉलोअप किया गया और स्वास्थ्य की जानकारी ली गई। डेंगू रोगियों से जानकारी लेने मेट्रों अस्पताल एवं स्वास्तिक अस्पताल का निरीक्षण किया गया।

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