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गणेश चतुर्थी पर बन रहा है दुर्लभ संयोग, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से दस दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत हो गई है। आज से लेकर 19 सितंबर तक यह उत्सव मनाया जायेगा। गणेश उत्सव के पहले दिन श्री गणेश जी की घर में स्थापना की जाती है और पूरे दस दिनों तक उनकी विधि-विधान से पूजा करके आखिरी दिन गणेश विसर्जन किया जाता है। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार भले ही ये गणेश उत्सव दस दिनों तक मनाया जाता है, लेकिन ये लोगों की श्रद्धा पर निर्भर करता है कि वो गणपति जी को कितने दिनों के लिए अपने घर लाते हैं। कई लोग एक दिन, तीन दिन, पांच दिन या सात दिनों के लिये भी गणपति जी को घर पर लाते हैं। गणेश उत्सव में मिट्टी की प्रतिमा का बहुत ही महत्व है  श्री गणेश भगवान की कृपा से इन दस दिनों के दौरान आपकी मनचाही सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं। गणपति जी आपकी हर समस्या का समाधान निकालने के लिये आपके साथ ही मौजूद होंगे। जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा और स्थापना विधि के बारे में।

धन-दौलत के लिए बुधवार के दिन करें ये उपाय, भगवान गणेश देंगे रिद्धि-सिद्धि का आर्शीवाद

गणेश चतुर्थी का  शुभ मुहूर्त

चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 9 सितंबर रात 12 बजकर 18 मिनट से

चतुर्थी तिथि समाप्त- 10 सितंबर  रात 9 बजकर 57 मिनट तक

मध्यान्ह पूजन मुहूर्त –  सुबह 11 बजकर 3 मिनट से दोपहर 1 बजकर 33 मिनट पर

वर्जित चंद्रदर्शन का समय –सुबह 9 बजकर 12 मिनट से शाम 8 बजकर 53  मिनट तक

भगवान गणेश की स्थापना का शुभ मुहूर्त

10 सितंबर  2021 को दोपहर 12 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे के बीच गणेश स्थापना के लिये अच्छा मुहूर्त है।

बन रहे हैं ये संयोग

10 सितंबर को शाम 5 बजकर 43 मिनट तक ब्रह्म योग रहेगा। इसके अलावा 9 सितंबर दोपहर 2 बजकर 31 मिनट से शुरू होकर 10 सितंबर दोपहर 12 बजकर 58 मिनट तक सभी कार्यों में सफलता दिलाने वाला रवि योग रहेगा। इसके साथ ही दोपहर 12 बजकर 58 मिनट तक चित्रा नक्षत्र रहेगा

पूजन सामग्री

पूजा के लिए चौकी, लाल कपड़ा, भगवान गणेश की प्रतिमा, जल का कलश, पंचामृत,  रोली, अक्षत, कलावा, लाल कपड़ा, जनेऊ, गंगाजल, सुपारी, इलाइची, बतासा, नारियल, चांदी का वर्क, लौंग, पान, पंचमेवा, घी, कपूर, धूप, दीपक, पुष्प, भोग का समान आदि एकत्र कर लें।

भगवान गणेश की स्थापना विधि

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान करे लें। गणपति का स्मरण करते हुए पूजा की पूरी तैयारी कर लें। इस दिन लाल रंग के वस्त्र धारण करें। एक कोरे कलश में जल भरकर उसमें सुपारी डालें और उसे कोरे कपड़े से बांधना चाहिए। इसके बाद सही दिशा में चौकी स्थापित करके उसमें लाल रंग का कपड़ा बिछा दें। स्थापना से पहले गणपति को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद गंगाजल से स्नान कराकर चौकी में जयकारे लगाते हुए स्थापित करें। इसके साथ रिद्धि-सिद्धि के रूप में प्रतिमा के दोनों ओर एक-एक सुपारी भी रख दें।

भगवान गणेश की पूजा विधि

स्थापना के बाद गणपति को फूल की मदद से जल अर्पित  करे। इसके बाद रोली, अक्षत और चांदी की वर्क लगाए। इसके बाद लाल रंग का पुष्प, जनेऊ, दूब, पान में सुपारी, लौंग, इलायची और कोई मिठाई रखकर अर्पित कर दें। नारियल और भोग में मोदक अर्पित करें। षोडशोपचार के साथ उनका पूजन करें। गणेश जी को दक्षिणा अर्पित कर उन्हें 21 लड्डूओं का भोग लगाएं।  सभी सामग्री चढ़ाने के बाद धूप, दीप और अगरबत्‍ती से भगवान  गणेश की आरती करें। इसके बाद इस मंत्र का जाप करें।

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

या फिर

ॐ श्री गं गणपतये नम: का जाप करें।

दिन में 3 बार लगाएं भोग

अगर आपने अपने घर पर भगवान गणपति की मूर्ति स्थापित की हैं तो उनका ख्याल बिल्कुल घर के सदस्य की तरह रखना होगा, इसलिए गणपति को दिन में 3 बार भोग लगाना अनिवार्य है। गणपति बप्पा को रोजाना मोदक का भोग जरूर लगाना चाहिए। आप चाहे तो मोतीचूर  या बेसन के लड्डू से भी भोग लगा सकते हैं।

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गोविंदा-कृष्णा अभिषेक की अनबन पर बोलीं सुनीता आहूजा, ‘मैं अपनी जिंदगी में उनका चेहरा नहीं देखना चाहती’

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बॉलीवुड एक्टर गोविंदा और उनके भांजे व कॉमेडियन कृष्णा अभिषेक के बीच अनबन की खबर कई बार सामने आ चुकी है। कई मौकों पर देखा गया है कि दोनों साथ में नज़र आने से बचते हैं। खबरों की मानें तो उनकी आपस में बात भी नहीं होती है। अब इस मामले में गोविंदा की पत्नी सुनीता का बयान सामने आया है। उन्होंने यह तक कह दिया कि वो कृष्णा की शक्ल तक नहीं देखना चाहती हैं। सुनीता ने ई टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा है कि पिछले साल गोविंदा ने एक बयान जारी कर कहा था कि वो पब्लिक प्लेटफॉर्म पर फैमिली प्रॉब्लम्स के बारे में बात नहीं करेंगे। उन्होंने अपना वादा भी पूरा किया, लेकिन अब इस मुद्दे पर बात करने की जरूरत है, क्योंकि कृष्णा ‘द कपिल शर्मा शो’ के उस एपिसोड का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं, जिसमें गोविंदा हिस्सा ले रहे हैं। बता दें कि गोविंदा अपनी पत्नी सुनीता आहूजा के साथ ‘द कपिल शर्मा शो’ में नज़र आएंगे। इस एपिसोड में कृष्णा हिस्सा नहीं ले रहे हैं। इस बाबत सुनीता ने कहा, ‘गोविंदा भले ही इस पर कुछ ना बोलें, लेकिन ये मुझे परेशान कर रहा है कि दोनों पक्ष स्टेज क्यों नहीं शेयर करना चाहती हैं।’सुनीता ने आगे ये कहा कि जिसको पाल पोसकर बड़ा किया है, वही अपमान करने पर उतर आए हैं। ये समस्याएं कभी नहीं सुलझ सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी जिंदगी में उनका चेहरा फिर कभी नहीं देखना चाहती हूं।’बता दें कि अभिनेता-कॉमेडियन कृष्णा अभिषेक अपने मामा एक्टर गोविंदा के साथ अपने संबंधों को लेकर अक्सर विवादों में रहते हैं। उनके बीच की कटुता कई बार सुर्खियों में रहती है। हालांकि, उन्होंने इसी साल अप्रैल महीने में आईएएनएस से कहा था कि उनके बयान को अक्सर तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है। उन्होंने कहा था, ”कई बार ऐसा हुआ है कि मैंने अपने मामा के बारे में कुछ कहा तो बयान के कुछ हिस्से को तोड़-मरोड़ कर पेश कर दिया गया । जैसे मैंने अगर कहा कि मैं गोविंदा को बेहद प्यार करता हूं, लेकिन वो मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हैं तो ऐसे में सिर्फ आखिरी लाइन खबरों की सुर्खियां बनकर सामने आती हैं।” कृष्णा आगे कहते हैं- ”इससे मुझ दुख होता है। मुझे लगता है कि जो मैं कहना चाहता हूं वो दूसरे लोगों के पास तोड़-मरोड़कर पहुंचता है। इसके साथ गलतफहमी भी पैदा होती है। अगर आप कोई सामान्य बयान भी देते हैं तो उसके छोटे-मोटे हिस्से को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है। इस तरह की नकारात्मक खबरों की वजह से उनके रिश्ते पर असर पड़ता है। मामा के साथ रिश्तों को लेकर कई बार निगेटिव खबरों की वजह से विवाद बढ़ा है।

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कपड़े का मास्क Vs सर्जिकल मास्क: जानिए कौन कितना सुरक्षित? अध्ययन में बड़ा खुलासा

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वाशिंगटन: कोरोना का संकट अभी टला नहीं है। डॉक्टर और विशेषज्ञ लगातार लोगों से मास्क पहनने की अपील कर रहे हैं। अब लोगों के मन में फिर से कपड़े के मास्क और सर्जिकल मास्क को लेकर कई तरह की शंकाएं उठ रही हैं। कपड़े का मास्क एक वर्ष तक असरदार हो सकता है, क्योंकि बार-बार धोने और सुखाने से संक्रमण फैलाने वाले कणों को छानने की उनकी क्षमता कम नहीं होती है। एक अध्ययन में यह कहा गया है। ‘एरोसोल एंड एयर क्वालिटी रिसर्च’ शोध पत्रिका में प्रकाशित शोध पिछले अध्ययनों की भी पुष्टि करता है कि सर्जिकल मास्क के ऊपर सूती कपड़े का मास्क लगाना, कपड़े के एक मास्क की तुलना में अधिक सुरक्षा प्रदान करता है। अमेरिका में कोलोराडो बोल्डर विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर और अध्ययन की प्रमुख लेखिका मरीना वेंस ने कहा कि पर्यावरण के लिहाज से भी यह अच्छी खबर है। वह कॉटन मास्क जिसे आप धोते, सुखाते और दोबारा इस्तेमाल करते आ रहे हैं। यह शायद अभी भी ठीक है। इसे जल्दी फेंकने की जरूरत नहीं है। शोधकर्ताओं ने कहा कि कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से हर दिन अनुमानित तौर पर 7,200 टन चिकित्सा अपशिष्ट उत्पन्न हुआ है जिनमें एक बार इस्तेमाल के बाद फेंक देने वाले मास्क भी हैं। वेंस ने कहा, ‘‘हम महामारी की शुरुआत के बाद से बाहर जाते समय इधर-उधर फेंके गए मास्क को देखकर परेशान थे।’’ शोधकर्ताओं ने कॉटन के दो-परत बनाए, उन्हें एक साल तक बार-बार धोने और सुखाने के माध्यम से परखा, और लगभग हर सात बार की सफाई के दौरान उनका परीक्षण किया। शोधकर्ताओं ने अलग-अलग तरीके से मास्क के असरदार होने की जांच की। कपास के रेशे बार-बार धोने और सुखाने के बाद टूटने लगे, लेकिन शोधकर्ताओं ने पाया कि इससे कपड़े के अतिसूक्ष्म कणों को छानने की क्षमता पर कोई खास असर नहीं पड़ा। हालांकि, अध्ययन में देखा गया कि कुछ समय बाद इस तरह के मास्क से सांस लेने में थोड़ी मुश्किल होने लगी। अध्ययन में पाया गया कि सूती कपड़े के मास्क 0.3 माइक्रोन के सूक्ष्म कण को 23 प्रतिशत तक छानने में कामयाब रहे। सर्जिकल मास्क के ऊपर सूती कपड़े के मास्क लगाने से छानने की क्षमता बढ़कर 40 प्रतिशत हो गयी। शोधकर्ताओं ने कहा कि केएन-95 और एन-95 मास्क ने इन सूक्ष्म कणों में से 83-99 प्रतिशत को छानकर सबसे अच्छा प्रदर्शन किया।

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लेबनान में सियासी गतिरोध दूर, नई सरकार का हुआ गठन

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बेरूत: नयी सरकार के गठन की घोषणा के बाद लेबनान के नए प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने विभाजित नेताओं से एक साथ आने का अनुरोध करते हुए शुक्रवार को कहा कि देश के नाटकीय आर्थिक पतन को रोकने के लिये वह हर संभव प्रयास करेंगे। देश के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक मिकाती ने अश्रुपूर्ण नेत्रों के साथ लेबनानी माताओं का जिक्र किया, जो अपने बच्चों को खाना नहीं खिला पातीं। उन्होंने उन छात्रों का भी जिक्र किया, जिनके माता-पिता अब उन्हें स्कूल भेजने का खर्च नहीं उठा सकते। मिकाती ने राष्ट्रपति भवन में नई सरकार की घोषणा के बाद संवाददाताओं से कहा, “स्थिति गंभीर है लेकिन अगर सहयोग मिले तो उससे पार पाना असंभव नहीं है।” इस घोषणा से देश में 13 महीनों से जारी गतिरोध दूर हुआ है। गतिरोध के कारण देश में आर्थिक संकट और गहरा गया था तथा वित्तीय अराजकता जैसे हालात थे। बेरूत बंदरगाह पर चार अगस्त 2020 को हुए विनाशकारी धमाके के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री हसन दियाब की सरकार को इस्तीफा देना पड़ा था और तबसे देश में कोई सशक्त सरकार नहीं थी। नई सरकार के गठन को लेकर तब से प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक समूहों में असहमति बनी हुई थी, जिससे देश में आर्थिक संकट और गहरा रहा था। राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से अरबपति कारोबारी मिकाती के नेतृत्व में 24 सदस्यीय मंत्रिमंडल की घोषणा की गई। बाद में मंत्रिपरिषद के महासचिव महमूद मक्किये ने भी सूची जारी की। मंत्रियों को उन्हीं राजनेताओं ने चुना है, जिन्होंने पिछले दशकों में देश पर शासन किया और उन पर कई लोगों द्वारा भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन का आरोप भी लगाया गया, जिसकी वजह से देश में मौजूदा संकट पैदा हुआ। उनमें से कई हालांकि अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं, जिनमें सार्वजनिक अस्पताल के महानिदेशक फिरास अबियाद भी शामिल हैं, जो कोरोनोवायरस के खिलाफ देश की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं। महामारी से निपटने में पारदर्शिता के लिए उनकी प्रशंसा भी हुई थी। सेंट्रल बैंक के एक शीर्ष अधिकारी युसूफ खलील को वित्त मंत्री नियुक्त किया गया है और न्यायाधीश बास्सम मालावी को नया आंतरिक मंत्री बनाया गया है।

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अब तालिबान के लिए फंड जुटाने निकले पाक विदेश मंत्री कुरैशी

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इस्लामाबाद:मुद्दा जब आतंकवाद के समर्थन का हो, बात जब आतंकियों को फंडिंग की हो तो उस वक्त पाकिस्तान मानों अंधा हो जाता है। वो न दुनिया की परवाह करता है और न ही अपने इज्जत की चिंता। वो खोल देता है अपने खजाने ताकि आतंकवाद फल फूल सके। उसे इस बात की जरा भी परवाह नहीं कि खुद उसके लोग भूखे मर रहे हैं, दो वक्त की रोटी को मोहताज है लेकिन नहीं लोग मरे  तो मरें बस आतंकियों का पेट भरे।अपने इसी ध्येय वाक्य को आगे लेकर चलते पाकिस्तान ने एक बार फिर तालिबान की वकालत की है। समर्थन तक तो ठीक था लेकिन अब वो अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर तालिबान के लिए पैसे जुटाने की कोशिश कर रहा है। उसकी मांग है कि अफगानिस्तान के फ्रीज किए गए बैंक खातों को फिर से चालू किया जाए। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अफगानिस्तान का फ्रीज किया हुआ पैसा रिलीज करने की मांग की है।दरअसल दरअसल अफगानिस्तान से राष्ट्रपति अशरफ गनी के भागने और काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान के सेंट्रल बैंक की करीब साढ़े नौ अरब डॉलर यानी 706 अरब रुपये से ज्यादा की संपत्ति फ्रीज कर दी है। वहीं दूसरी तरफ पिछले महीने जो बाइडन की सरकार ने अमेरिका में अफगान सरकार के भंडार को सील कर दिया जिससे अरबों डॉलर तक तालिबान की पहुंच बाधित हो गई।अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने देश में मौद्रिक भंडार में 440 मिलियन डॉलर के फंड ट्रांसफर को भी रोक दिया था। जिसके बाद से ही तालिबान पर धन का संकट आन पड़ा। तालिबान को कोई रास्ता भी नहीं सूझ रहा ऐसे में पाकिस्तान आया है जो खुद दुनियाभर के तमाम देशों का कर्जदार है लेकिन उसका आतंक प्रेम उसे तालिबान के लिए भीख मांगने पर मजबूर कर रहा है।

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वैक्सीनेशन को लेकर पीएम मोदी ने थपथपाई गोवा की पीठ, अहम बैठक में दिए खास निर्देश

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नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कोविड-19 पर उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य की शत प्रतिशत पात्र आबादी को कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक देने के लिए शुक्रवार को गोवा की सराहना की। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के एक ट्वीट को टैग करते हुए प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘शाबाश गोवा। शानदार प्रयास, जिसे सामूहिक भावना की मजबूती से और चिकित्सकों व नवप्रर्वतकों की दिलेरी ने संभव कर दिखाया।’’मुख्यमंत्री सावंत ने शत प्रतिशत पात्र आबादी को टीके की पहली खुराक देने के लिए चिकित्सकों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों का आभार जताया और कहा, ‘‘गोवा की जनता की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को 18 साल से ऊपर की उम्र के सभी लोगों के मुफ्त टीकाकरण और कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में निर्बाध टीकों की आपूर्ति के लिए मैं धन्यवाद देता हूं।’’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते रहना है ताकि टीके की दूसरी खुराक सभी के लिए सुनिश्चित हो।’’ देश में कोविड वैक्सीनेशन का आंकड़ा 73 करोड़ के पास पहुंचादेश में कोरोना वैक्सीनेशन का काम तेजी से चल रहा है। देश में कोविड वैक्सीनेशन का आंकड़ा 73 करोड़ (72,97,50,724)  के पास पहुंचा। देश में शुक्रवार (10 सितंबर) शाम 7 बजे तक वैक्सीन की 56 लाख से ज़्यादा डोज़ लगाई गई हैं। ये जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी है।

पीएम मोदी ने कोरोना वैक्सीनेशन पर की अहम बैठक, दिए ये निर्देश
गौरतलब है कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कोविड-19 पर उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बयान में कहा गया है कि पीएम मोदी ने बैठक में राज्यों को प्रत्येक जिले में दवाओं का बफर स्टॉक रखने के लिए कहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले कुछ महीनों के लिए टीकों के उत्पादन, आपूर्ति, आगे की योजना की समीक्षा की। पीएम मोदी ने म्यूटेंट के उद्भव की निगरानी के लिए जीनोम के निरंतर अनुक्रमण की आवश्यकता को रेखांकित किया। सरकार ने कोविड की स्थिति पर कहा कि महाराष्ट्र, केरल जैसे राज्यों के आंकड़े संकेत देते हैं कि ढिलाई के लिए कोई जगह नहीं हो सकती। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सांद्रक, सिलेंडर, पीएसए संयंत्रों सहित ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को तेजी से बढ़ाने की जरूरत है।

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मायावती का मुख्तार से मोहभंग! विधानसभा चुनाव में नहीं देंगी टिकट, जानिए BSP ने किसे बनाया उम्मीदवार

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नई दिल्ली: माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को 2022 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी से टिकट नहीं मिलेगा। बीएसपी के इस फैसले को मायावती का मुख्तार अंसारी से मोहभंग के तौर पर देखा जा रहा है। मायावती ने ट्वीट करके ये साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी आगमी विधानसभा चुनाव में बाहुबली और माफियाओं को टिकट नहीं देगी। मऊ सीट से भीम राजभर बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। मायावती ने ट्वीट किया-‘ बीएसपी का अगामी यूपी विधानसभा आमचुनाव में प्रयास होगा कि किसी भी बाहुबली व माफिया आदि को पार्टी से चुनाव न लड़ाया जाए। इसके मद्देनजर ही आजमगढ़ मण्डल की मऊ विधानसभा सीट से अब मुख्तार अंसारी का नहीं बल्कि यूपी के बीएसपी स्टेट अध्यक्ष भीम राजभर के नाम को फाइनल किया गया है।’मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है और उसके खिलाई कई आपराधिक मामले लंबित हैं। बसपा प्रमुख ने यह घोषणा मुख्तार के भाई सिगबतुल्लाह अंसारी के समाजवादी पार्टी में शामिल होने के कुछ दिन बाद की है। मायावती ने कहा, ”जनता की कसौटी व उसकी उम्मीदों पर खरा उतरने के प्रयासों के तहत लिए गए इस निर्णय के फलस्वरूप पार्टी प्रभारियों से अपील है कि वे पार्टी उम्मीदवारों का चयन करते समय इस बात का खास ध्यान रखें ताकि सरकार बनने पर ऐसे तत्वों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने में कोई भी दिक्कत न हो।”मायावती ने कहा, ‘‘बसपा का संकल्प ‘कानून द्वारा कानून का राज’ के साथ राज्य की तस्वीर बदलने का है ताकि प्रदेश व देश ही नहीं बल्कि बच्चा-बच्चा कहे कि सरकार हो तो बहनजी की ‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ जैसी।’’ मुख्तार के दूसरे भाई अफजल अंसारी गाजीपुर सीट से बसपा सांसद हैं और उन्होंने भाजपा के मनोज सिन्हा को चुनाव में हराया था।

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वैक्सीन नहीं ली होगी तो जबरन छुट्टी पर भेज दिए जाएंगे सरकारी कर्मचारी: पंजाब सरकार

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चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाने वाले सरकारी कर्मचारियों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, पंजाब में जिन सरकारी कर्मचारियों ने कोरोना वैक्सीन (एक भी डोज) नहीं लगवाई उन्हें 15 सितंबर के बाद जबरन छुट्टी पर भेज दिया जाएगा। पंजाब सरकार के कर्मचारी मेडिकल के अलावा किसी अन्य कारण से कोविड वैक्सीन की पहली खुराक नहीं ले पाने में विफल रहने पर 15 सितंबर के बाद अनिवार्य रूप से छुट्टी पर भेज दिए जाएंगे। शुक्रवार को इस संबंध में पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से आदेश जारी किए गए हैं।वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुक्रवार को हुई उच्च स्तरीय कोविड समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि आंकड़ों के विश्लेषण से यह पता चला है कि टीके महामारी के खिलाफ प्रभावी हैं। सीएम अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को घोषणा की कि स्वास्थ्य कारणों को छोड़कर यदि 15 सितंबर तक राज्य सरकार के कर्मचारियों ने कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक भी नहीं ली होगी, तो ऐसे कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से छुट्टी पर भेज दिया जाएगा। कोविड समीक्षा बैठक में सीएम ने कहा कि विश्लेषण किए जा रहे आंकड़ों से टीके की प्रभावशीलता स्पष्ट है।एक आधिकारिक वक्तव्य के मुताबिक, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने यह कड़ा फैसला इसलिए लिया है ताकि लोगों को महामारी से बचाया जा सके। इसके अलावा यह सुनिश्चित किया जा सके कि टीका लगवा चुके लोग टीका नहीं लगवाने वाले लोगों की वजह से संक्रमित न हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को टीका लगवाने के लिए लगातार प्रेरित किया जा रहा है। ऐसे कर्मचारी जो अभी भी टीका लगवाने से बच रहे हैं, उनको तब तक छ्ट्टी पर भेज दिया जाएगा, जब तक कि वे टीके की पहली खुराक नहीं लगवा लेते। सीएम कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने टीचिंग और नॉन टीचिंग स्कूल स्टाफ़ को ड्यूटी पर लौटने की अनुमति दी गई है। कहा गया है कि जिन्होंने 4 सप्ताह से अधिक समय पहले टीके की कम से कम एक खुराक ली थी, ड्यूटी फिर से शुरू कर सकते हैं। हालांकि, साप्ताहिक RT-PCR नेगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। वहीं, इससे जुड़ी बीमारी वाले सभी लोगों को पूरी तरह से टीकाकरण के बाद ही अनुमति दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने टीके की पहली खुराक के लिए शिक्षकों, बच्चों के माता-पिता, विक्रेताओं, खाद्य/मिठाई की दुकानों और ढाबों के कर्मचारियों को प्राथमिकता देने का भी आदेश दिया।

कोविड प्रतिबंधों को 30 सितंबर तक के लिए बढ़ाया गया

पंजाब सीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आगामी त्योहारों के मौसम को देखते हुए मौजूदा कोविड प्रतिबंधों को 30 सितंबर तक बढ़ाने का आदेश दिया है, जिसमें राजनीतिक, और मास्क पहनने के साथ-साथ सामाजिक दूरी को सख्ती से लागू करने सहित सभी सभाओं पर केल 300 लोग ही शामिल हो सकेंगे।

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मैं कश्मीरी पंडित हूं, जम्मू-कश्मीर आता हूं तो ऐसा लगता है कि घर पर आया हूं: राहुल गांधी

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जम्मू: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जम्मू में कहा है कि वे और उनका परिवार कश्मीरी पंडित है। राहुल गांधी ने कहा कि जब भी वे जम्मू-कश्मीर आते हैं तो ऐसा लगता है कि अपने घर पर आया हूं। राहुल गांधी ने कश्मीरी पंडितों को लेकर कहा कि वे उनकी सहायता करेंगे। राहुल गांधी फिलहाल जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं और शुक्रवार को जम्मू में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बयान दिया है। गुरुवार को राहुल गांधी कटरा में माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए गए थे और रात को भी वहीं पर रुके थे।जम्मू में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “जम्मू कश्मीर में जब भी मैं आता हूं तो मुझे लगता है कि घर आया हूं, वही बात में आपको कहना चाहता हूं, कल मैं वैष्णो देवी जी के दर्शन के लिए गया और मुझे ऐसे लगा कि मैं घर आया हूं, मैं भी मेरा परिवार भी कश्मीरी पंडित है, तो मैं आपसे कहना चाहता हूं कि मैं जो भी बात कहता हूं मैं झूठ नहीं बोलता हूं, कश्मीरी पंडित जो भाई हैं उनको मैं कह रहा हूं कि मैं आपकी मदद करूंगा।”आपको बता दें राहुल गांधी दो दिवसीय दौरे पर बृहस्पतिवार को जम्मू पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने रियासी जिले में त्रिकुटा पहाड़ी पर स्थित माता वैष्णो देवी के मंदिर जाकर पूजा-अर्चना की। जम्मू हवाई अड्डे पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष का पार्टी नेताओं ने उनका स्वागत किया था। दौरे के पहले दिन उनका कोई राजनीतिक कार्यक्रम प्रस्तावित नहीं था। शुक्रवार को पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न साढ़े बारह बजे तक गांधी, जम्मू के त्रिकुटा नगर में जे के रिजॉर्ट्स में पार्टी कार्यकर्ताओं से मिले। भोजन के दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करने के बाद वह साढ़े तीन बजे की उड़ान से दिल्ली वापस जाएंगे।

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दामाद ने सास एवं साले पर चलाई गोली इलाके में सनसनी भगदड़

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जबलपुर-रामपुर चौकी अंतर्गत इंद्रानगर में शुक्रवार की दोपहर उस समय भगदड़ मच गई जब ग्वालियर से आए एक परिवार हवाई फायर कर दिए। गोली की आवाज सुनकर आसपास के लोग घरों से बाहर निकल आए। और हवाई फायर करने वाले परिवार को खदेड़ दिया। घटना की जानकारी लगते ही ग्वारीघाट थाना पुलिस सहित रामपुर चौकी का बल मौके पर पहुंच गया। ग्वारीघाट पुलिस के अनुसार इंद्रानगर निवासी जानकी पासी के घर में ग्वालियर निवासी दामाद शिवकुमार गूजर अपने मां, बहन, भांजा के साथ कार में पहुंचे था। जानकी पासी की बेटी स्वाती का विवाह ग्वालियर निवासी शिवकुमार गूजर से हुआ था लेकिन शादी के बाद से ही दोनों पक्षों में विवाद चल रहा था। इसी के तहत दो दिन पहले जानकी पासी अपनी बेटी स्वाती और नातिन शिवन्या 5 साल को ग्वालियर से जबलपुर ले आई थी। इसकी जानकारी जब दामाद शिवकुमार गूजर को लगी तो वह शुक्रवार को एक कार से मां, बहन, भांजे के साथ रामपुर इंद्रानगर जबलपुर पहुंचा और अपनी बेटी शिवन्या को ले जाना लगा। इसका विरोध जानकी पासी और बेटी स्वाती ने किया तो दहशत फैलाने शिवकुमार ने हवाई फायर कर दिए। हवाई फायर सुनते ही क्षेत्रीय लोग एकत्रित हो गए और आरोपियों को पकड़ने की कोशिश करने लगे यह देखते हुए दोबारा शिवकुमार ने हवा में फायर किया और फरार हो गया। इस घटना में जानसी पासी और बेटी को मामूली चोट आई हैं। ग्वारीघाट पुलिस ने मामले को जांच में लेते हुए आरोपियों की तालाश शुरू कर दी है।

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