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एक भारत उत्कृष्ट भारत

नदी से निकल रहा सोना इंडोनेशिया में

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इंडोनेशिया में एक ‘सोने का द्वीप’ मिला है. यहां से लोगों को सोने के जेवर, अंगूठियां, बौद्ध मूर्तियां और चीन के कीमती सिरेमिक बर्तन मिले हैं. कई सालों का द्वीप’ इंडोनेशिया के पालेमबैंग प्रांत की मूसी नदी में मिला है. नदी की तलहटी से सोने के आभूषण और कीमती वस्तुएं मिल रही हैं. इस द्वीप को लेकर इंडोनेशिया के पालेमबैंग प्रांत की मूसी नदी में मिला है. नदी की तलहटी से सोने के आभूषण और कीमती वस्तुएं मिल रही हैं. इस द्वीप को लेकर इंडोनेशिया में में लोक कथाएं चलती हैं कि यहां पर इंसान खाने वाले सांप रहते हैं. ज्वालामुखी फटता रहता है ‘सोने का द्वीप’ नाम से प्रसिद्ध यह जगह इंडोनेशिया के प्राचीन इतिहास में श्रीविजया शहर कहा जाता था एक समय में यह बेहद रईस शहर था. यह समुद्री व्यापारिक मार्ग के बीच में पड़ता था. यह दुनिया के पूर्व और पश्चिम के देशों को व्यापारिक स्तर पर जोड़ता था.

अब यही द्वीप मूसी नदी की तलहटी में मिला है. कहा जाता है कि यहां पर मलाका की खाड़ी पर राज करने वाले राजाओं ने का साम्राज्य था. जो साल 600 से 1025 के बीच था. भारतीय चोल साम्राज्य से हुए युद्ध में यह शहर बिखर गया.

अब तक गोताखोरों को सोने की तलवार, सोने और माणिक से बनी अंगूठी, नक्काशीदार जार, वाइन परोसने वाला जग और मोर के आकार में बनी बांसूरी मिली है. मरीन आर्कियलॉजिस्ट सीन किंग्सले ने कहा कि आजतक श्रीविजया को खोजने के लिए सरकार की तरफ किसी तरह का खनन कार्य नहीं किया गया है. न तो नदी के अंदर न ही उसके आसपास.जितने भी आभूषण या कीमती वस्तुएं इस नदी से निकलीं, उन्हें गोताखोरों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाले निजी लोगों को बेंच दिया. इसका मतलब ये है कि वहां पर आज भी पुराना शहर हो सकता है लेकिन जरूरत है उसे खोजने की

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‘हाइपरसोनिक टेस्ट’ हथियारों की नई रेस की शुरुआत है?

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चीन ने पिछले दिनों परमाणु ताक़त से लैस एक हाइपरसोनिक मिलाइल का परीक्षण किया है. कई लोग इसे एक बड़ी उपलब्धि और हथियारों के क्षेत्र का ‘गेम-चेंजर’ मान रहे हैं जिससे अमेरिकी अधिकारी भी परेशान हैं.

चीनी सेना ने पिछले कुछ समय में दो बार ऐसे रॉकेट लॉन्च किए हैं जिन्होंने पूरी धरती का चक्कर काटने के बाद अपने टार्गेट को निशाना बनाया. फ़ाइनेनशियल टाइम्स ने पहली बार इससे जुड़ी जानकारी दी, उन्होंने खुफ़िया विभाग के सूत्रों के हवाले से बताया कि पहली बार ये मिसाइल अपने टार्गेट से 40 किलोमीटर दूर रह गई थी.

कैलिफ़ोर्निया के मॉन्टेरी में मिडिलबरी इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंटरनेशनल स्टडीज़ में ईस्ट एशिया नॉन-प्रोलिफ़रेशन प्रोग्राम के निदेशक जेफ़री लुइस कहते हैं कि चीन का मना करना “भ्रम पैदा करने वाला क़दम है

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नेपाल में बाढ़ एवं भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 104 हुई

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नेपाल में भारी बारिश से बाढ़ एवं भूस्खलन, मरने वालों की संख्या 104 हुई नेपाल के गृह मंत्रालय ने कहा कि देश के 19 जिले बाढ़ और भूस्खलन (Landslide) से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. उन्होंने बताया कि बाढ़ के चलते यात्रा, बिजली की सप्लाई और कृषि उपज की कटाई काफी प्रभावित हुई है.
काठमांडू से 700 किलोमीटर पश्चिम में स्थित नखला और हुमला जिले में 12 लोग फंसे हैं जिनमें चार स्लोविनिया के नागरिक और तीन गाइड शामिल हैं। लिमि क्षेत्र में भारी बर्फबारी के कारण सड़क अवरुद्ध होने से वे लोग फंस गए हैं। काठमांडू: नेपाल में भारी बारिश और उसके कारण आई बाढ़ से देश के विभिन हिस्सों में 16 और लोगों की मौत होने के बाद बृहस्पतिवार को मृतकों की संख्या बढ़कर 104 हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। आपदा प्रबंधन प्रभाग के अनुसार, अब तक 41 लोग लापता हैं और इतने ही लोग घायल हुए हैं। गृह मंत्रालय की तरफसे जारी बयान के मुताबिक नेपाल के प्रांत संख्या एक में सबसे अधिक 62 लोगों की मौत हुई है, इसके बाद सुदूर पश्चिम प्रांत में 31 लोगों की मौत हुई है,
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पिछले तीन दिन से हो रही बारिश के कारण आई बाढ़, भूस्खलन और जलप्लावन से देश के विभिन्न हिस्सों में अब तक कम से कम 104 लोगों की मौत हो चुकी है।  अधिकारियों ने बताया कि प्राकृतिक आपदा से नेपाल के 19 जिले प्रभावित हुए हैं। बहरहाल, बृहस्पतिवार से मौसम की स्थिति में सुधार हुआ है।
इस बीच गृह मंत्री बालकृष्ण खंड ने नेपाल पुलिस, सशस्त्र पुलिस बल, राष्ट्रीय अन्वेषण विभाग और नेपाली सेना को हुमला जिले में फंसे हुए पर्यटकों को निकालने का निर्देश दिया है। काठमांडू से 700 किलोमीटर पश्चिम में स्थित नखला और हुमला जिले में 12 लोग फंसे हैं जिनमें चार स्लोविनिया के नागरिक और तीन गाइड शामिल हैं। लिमि क्षेत्र में भारी बर्फबारी के कारण सड़क अवरुद्ध होने से वे लोग फंस गए हैं। नेपाल के गृह मंत्रालय ने कहा कि देश के 19 जिले बाढ़ और भूस्खलन  से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. उन्होंने बताया कि बाढ़ के चलते यात्रा, बिजली की सप्लाई और कृषि उपज की कटाई काफी प्रभावित हुई है.
 
 
 
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विदेश मंत्री एस जयशंकर रविवार को पांच दिवसीय यात्रा पर इजरायल पहुंचे हैं.

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डिजिटल भारत: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत और इजराइल के बीच संबंध उन ऊंचाइयों तक पहुंच गए हैं जो ‘व्यक्ति विशेष से परे’ है। विदेश मंत्री के रूप में इस सप्ताह अपनी पहली इजराइल यात्रा पर पहुंचे जयशंकर ने यह टिप्पणी यहां के एक स्थानीय टेलीविजन के साथ एक इंटरव्यू में की।’ विदेश मंत्री एस जयशंकर रविवार को पांच दिवसीय यात्रा पर इजरायल पहुंचे हैं. इस दौरान वह भारत और इजरायल के बीच द्विपक्षीय सहयोग के नए क्षेत्रों की संभावनाएं तलाशने के अलावा रणनीतिक संबंधों को और समृद्ध करने के लिए परस्पर रोडमैप तैयार करने के लिए यहां के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक करेंगे.
जयशंकर ने आगे कहा, ‘इसलिए इस तरह यह हर उस व्यक्ति की सफलता का साक्ष्य है जिसने उस परिवर्तन में योगदान दिया है। ’ हालांकि उन्होंने संबंधों को ऊंचाई पर पहुंचाने वाले व्यक्तियों की महत्वपूर्ण भूमिका को भी मान्यता दी तथा कहा, ‘हमें उन व्यक्तियों की सराहना करनी चाहिए जिन्होंने इसे संभव बनाया। इसलिए मैं यहां इजराइल में नई सरकार से सीधे बात करने आया हूं।’

भारतीय सैनिकों को दी श्रद्धांजलि
जयशंकर की इस इजरायल यात्रा की शुरुआत प्रथम विश्व युद्ध में इस क्षेत्र में जान न्योछावर करने वाले भारतीय वीर सैनिकों के लिए यरूशलम में तालपेयोट स्मारक पर श्रद्धांजलि देने के साथ हुई. यरूशलम, रामले और हैफा में करीब 900 भारतीय सैनिकों को दफनाया गया था. भारतीय सैनिकों के साहसिक कारनामे यहां पिछले दो दशकों में प्रमुख रूप से सामने आए हैं पुस्तक का विमोचन भी करेंगे विदेश मंत्री
जयशंकर ‘बंबई / मुंबई : सिटी हेरीटेज वॉक्स’ पुस्तक का भी विमोचन करेंगे, जिसे हीब्रू विश्वविवद्यालय के प्रोफेसर शॉल सापिर ने लिखा है. सापिर का जन्म भारत में हुआ था

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Google का ये खुलासा, खतरे की घंटी! 140 देशों में से INDIA इस मामले में छठे नंबर पर

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इजराइल, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, चीन , सिंगापुर, भारत, कजाखस्तान, फिलिपींन्स, ईरान और यू के । इजराइल ने सबसे ज्यादा रैंसमवेयर सैम्पल्स जमा करवाए थे और जोकि न्यूनतम केसेस का 600 गुना ज्यादा है। इस रिपोर्ट के हिसाब से रैंसमवेयर समस्या सबसे ज्यादा प्रभावित देश हैं

Google की एक रिपोर्ट का कहना है कि Ransomware की मुसीबत झेल रहे दुनिया के 140 देशों की लिस्ट में भारत छठवें नंबर पर है। रिपोर्ट में कहा गया है डेढ़ साल में लगभग 80 मिलियन से ज्यादा रैंसमवेयर सैम्पल्स का एनालिसिस करने के बाद गूगल इस नतीजे पर पहुंचा है। इस एनालिसिस के लिए 140 देशों से 80 मिलियन से ज्यादा रैंसमवेयर सैम्पल्स जमा किए गए थे।

ये एनालिसिस गूगल के लिए VirusTotal ने किया है। 2004 में लॉन्च हुई VirusTotal का सितंबर 2012 में गूगल ने अधिग्रहण कर लिया था। फिर जनवरी 2018 में VirusTotal, गूगल क्लाउड प्लेटफार्म (GCP) की साइबर सिक्योरिटी कंपनी क्रॉनिकल सिक्योरिटी के कण्ट्रोल में चली गयी।

दुनिया भर के सिक्योरिटी प्रैक्टिशनर्स, रिसर्चर्स और आम लोगों को इन रैनसमवेयर अटैक्स का असली रूप समझने में मदद करती है। इस रिपोर्ट से साइबर प्रोफेशनल्स को संदेहपूर्ण फाइल्स, डोमेन्स, URLs और IP एड्रैस को अच्छे से एनालिसिस करने में सहायता मिलती है। VirusTotal के विसेन्ट डियाज़ ने ये जानकारी देते हुए पहली रैनसम वेयर एक्टिविटी रिपोर्ट के बारे में बताया।

डियाज़ ने बताया कि साल 2020 के पहले दो क्वार्टर्स में रैनसम वेयर एक्टिविटीज बेहद ज्यादा बढ़ गयी थीं मगर फिर बाद में इनमें एकदम से कमी आ गयी। 2020 और 2021 के पहले 6 महीनों में लगभग 130 अलग रैनसम ग्रुप्स एक्टिव थे। इनमें से कम से कम 100 रैनसम ग्रुप्स की एक्टिविटीज कभी नहीं रुकती।

हैकर्स रैनसम अटैक के लिए अलग अलग तरीके इस्तेमाल करते हैं। ये मैलवेयर अटैकर्स रैनसम अटैक के लिए बॉटनेट मैलवेयर या दूसरे रिमोट एक्सेस ट्रोजन्स (RATs) का इस्तेमाल करते हैं।

ज्यादातर केसेस में अटैक के लिए नए रैनसमवेयर सैम्पल्स का इस्तेमाल हो रहा है। इजराइल रैनसमवेयर एक्टिविटीज के सबसे ज्यादा निशाने पर रहता है और इजराइल द्वारा रिपोर्ट की गई ऐसी एक्टिविटीज बोटमलाइन से 600 गुना ज्यादा थी।

भारत भी लगातार रैनसमवेयर एक्टिविटीज के निशाने पर रहता है और 140 देशों की लिस्ट में भारत का स्थान छठवां है, जोकि चिंता का विषय है। रिपोर्ट ने बताय की गूगल Chrome OS क्लाउड पर किसी भी तरह के रैनसम वेयर अटैक नहीं हुआ है।

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खूबसूरत बहू दुनियाभर में छाई, सोने जैसे कपड़े पहनकर चुरा ली एक्ट्रेसेस से लाइमलाइट

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दुनिया के सबसे शक्तिशाली राज परिवार में से एक की खूबसूरत बहू दुनियाभर में छाई, सोने जैसे कपड़े पहन चुरा ली एक्ट्रेस से लाइमलाइट

ब्रिटेन के शाही परिवार को दुनिया के सबसे शक्तिशाली रॉयल फैमिलीज में से एक माना जाता है। वहीं उनकी बहू यानी डचेस ऑफ कैम्ब्रिज सबसे मशहूर रॉयल मेंबर्स में से एक हैं, इस बार भी उनकी खूबसूरती और रेड कार्पेट पर उनका ग्लैमरस अंदाज सुर्खियों में छा गया। सुनहरे रंग के कपड़े पहनी केट मिडलटन इतनी स्टनिंग नजर आ रही थीं कि उनके आगे वहां मौजूद एक्ट्रेसेस तक फीकी पड़ गईं।

लंदन में जेम्स बॉन्ड फ्रैंचाइज़ की लेटेस्ट मूवी ‘नो टाइम टू डाई’ का वर्ल्ड प्रीमियर रखा गया था। इसमें फिल्म के लीड हीरो डेनियल क्रेग से लेकर अन्य सितारे और नामी लोग शरीक होते नजर आए थे। इनमें रॉयल फैमिली से डच और डचेस ऑफ कैम्ब्रिज भी शामिल रहे।

केट मिडिलटन के रॉयल फैमिली की मेंबर बनने के बाद से अब तक कई गॉरजस लुक सामने आए हैं, लेकिन किसी की भी तुलना उनके इस लुक से नहीं की जा सकती। गोल्डन गाउन लुक को उनका अब तक का सबसे ग्लैमरस लुक कहा जा रहा है।

केट के लिए इस शिमरी गोल्डन गाउन को फैशन डिजाइनर Jenny Packham ने खासतौर पर तैयार किया था। जेनी ने कुछ समय पहले ही इस तरह की ड्रेस को अपने कलेक्शन में लॉन्च किया था,

वी-नेकलाइन और पावर शोल्डर वाले इस फिगर हगिंग गाउन में बिल्ट-इन केप डिजाइन थी। इसे भी पूरी ड्रेस की तरह ही गोल्डन एम्बेलिश्मेंट से सजाया गया था।

केट के लुक की एक-एक चीज बिल्कुल परफेक्ट नजर आ रही थी। उनकी पंप हील्स से लेकर स्टडिड ईयररिंग्स और यहां तक कि मेकअप व हेयरस्टाइल तक सब फ्लॉलेस थे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की उपराष्‍ट्रपति कमला हैरिस से मुलाकात की , हैरिस को भारत दौरे का न्‍यौता दिया

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डिजिटल भारत I वाशिंगटन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की उपराष्‍ट्रपति कमला हैरिस से मुलाकात हुई, जिस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और अमेरिका के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया। पीएम मोदी ने अमेरिका की उपराष्‍ट्रपति के पद पर चुने जाने के लिए कमला हैरिस को बधाई दी तो भारत दौरे का न्‍यौता भी दिया। वहीं, कमला हैरिस ने दुनियाभर में लोकतंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में आपसी सहयोग पर जोर दिया। दोनों नेताओं ने विस्‍तृत चर्चा से पहले एक संयुक्‍त बयान जारी किया। भारत और अमेरिका के बीच प्रतिनिधमंडल स्‍तर की बातचीत भी हुई।

भारत दौरे का न्‍यौता                                                                                                                               

पीएम मोदी और कमला हैरिस की मुलाकात व्‍हाइट हाउस में हुई, जहां अमेरिका की उपराष्‍ट्रपति ने भारत के प्रधानमंत्री का स्‍वागत किया। पीएम मोदी ने इस दौरान उपराष्‍ट्रपति के तौर पर कमला हैरिस के निर्वाचन को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा, ‘आप बहुत से लोगों की प्रेरणा हैं। भारत में भी लोग आपका स्‍वागत करना चाहते हैं और इसलिए मैं आपको भारत दौरे का न्‍यौता देता हूं।’ उन्‍होंने भारत और अमेरिका को लोकतंत्र के रूप में स्‍वाभाविक साझीदार बताया।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ‘भारत और अमेरिका स्‍वाभाविक पार्टनर्स हैं। हमारे मूल्‍य एक जैसे हैं और भू-राजनीतिक रुचि भी एक जैसी है। हमारे बीच सहयोग तथा समन्‍वय भी समय के साथ बढ़ रहा है।’ पीएम मोदी ने उम्‍मीद जताई कि राष्‍ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्‍ट्रपति कमला हैरिस के नेतृत्‍व में अमेरिकी प्रशासन के साथ भारत के संबंध और मजबूती से आगे बढ़ेंगे और नई ऊंचाइयां हासिल करेंगे।

लोकतांत्रिक मूल्‍यों पर जोर वहीं, कमला हैरिस ने अपने संबोधन के दौरान कोविड प्रबंधन को लेकर भारत के प्रयासों और वैक्‍सीनेशन अभियान की सराहना की। साथ ही वैक्‍सीन निर्यात फिर से शुरू किए जाने के भारत के फैसले का भी स्‍वागत किया। अमेरिका और भारत को महत्‍वपूर्ण साझीदार बताते हुए उन्‍होंने विभिन्‍न क्षेत्रों में आपसी सहयोग पर जोर दिया।

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प्रिंयका चोपड़ा माफ़ी मांगने पर हुई मजबूर

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प्र‍ियंका चोपड़ा अपने नए शो ‘द एक्टिव‍िस्‍ट’  के शुरू होते ही विवादों में फंस चुकी हैं. हाल ये है कि पति निक जोनस के जन्मदिन  के दिन उन्हें खुलेआम माफी मांगनी पड़ी है.

लीवुड से हॉलीवुड तक उड़ान भर चुकीं एक्‍ट्रेस प्र‍ियंका चोपड़ा ने हाल ही में अपने नए शो ‘द एक्टिव‍िस्‍ट’ का आगाज किया था. वहीं अब ग्‍लोबल स‍िटीजन का ये शो विवादों में घिर चुका है. इस शो में प्रियंका चोपड़ा, जूलियन होफ और अशर शो के होस्‍ट/जज के रूप में नजर आ रहे हैं. विवाद इतना बढ़ा इंटरनेशनल लेवल पर शो के विरोध में आवाज उठीं वहीं अब प्रियंका भी माफी मांगती नजर आ रही हैं.

 

ग्‍लोबल स‍िट‍िजन भी मांग चुका है माफी

आपको बता दें कि हाल ही में शुरू हुए इस शो को लेकर विवाद के बढ़ते ही ग्‍लोबल स‍िट‍िजन इसके ‘फॉर्मेट’ पर माफी मांगी. वहीं अब होस्ट प्रियंका चोपड़ा को भी खुलेआम माफी मांगनी पड़ी है. प्र‍ियंका चोपड़ा  ने सोशल मीडिया पर एक लंबा नोट शेयर किया है. जिसमें ल‍िखा है, ‘मैं माफी चाहती हूं अगर मेरे इस शो का ह‍िस्‍सा बनने की वजह से आपको न‍िराशा हुई है.’

सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए कही ये बात

इसके आगे प्र‍ियंका लिखती हैं, ‘सामाज‍िक कार्यकर्ताओं का एक वैश्विक समुदाय है जो हर द‍िन दुन‍िया में बदलाव लाने के लिए अपना खून-पसीना बहाता है. लेकिन अक्‍सर इनकी बातें लोगों के सामने ही नहीं आती हैं. इनका काम बेहद जरूरी है और इसे न स‍िर्फ पहचाना जाना चाहिए, बल्कि इसका जश्‍न भी मनाया जाना चाहिए.’

आखिर क्यों हुआ ‘ द एक्टिव‍िस्‍ट’ पर व‍िवाद

हुआ. क्योंकि इस शो में अलग-अलग मुद्दों के लिए आवाज उठाने आपको बता दें कि ग्‍लोबन स‍िटजन के शो ‘द एक्टिविस्ट’ का फॉर्मेट लोगों को सहन नहीं वाले 6 सामाज‍िक कार्यकर्ताओं के बीच एक कॉम्‍पटीशन होना था. इन एक्टिविस्‍ट्स को ‘ऑनलाइन एंगेजमेंट, सोशल मीट्रिक और होस्‍ट के इनपुट’ के आधार पर जज किया जाना था. शो जीतने वाले एक्टिव‍िस्‍ट को प्राइज मनी म‍िलेगी और उसे G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने का अवसर मिलेगा. लेकिन इस शो में इस तरह के प्रतियोगिता वाले नियम को देखकर लोगों को गुस्सा आया. इसलिए शो को सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया गया साथ ही यूजर्स ने इसकी काफी आलोचना की. कई लोगों ने इसे ‘ब्लैक मिरर एपिसोड’ और ‘ दुनिया का अंत तक कह द‍िया.

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ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन के साथ ऑकस गठबंधन

ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया के साथ ऑकस गठबंधन को लेकर फ्रांस, ईयू हुए बाइडन से नाराज

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वॉशिंगटन. चीन का मुकाबला करने के लिए ऑस्ट्रेलिया एवं ब्रिटेन के साथ रणनीतिक हिंद-प्रशांत गठबंधन बनाने के अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के फैसले ने फ्रांस और यूरोपीय संघ (ईयू) को नाराज कर दिया है। फ्रांस और ईयू को महसूस हो रहा है कि उन्हें नजरअंदाज किया गया और वे इसकी तुलना अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल के कदमों से कर रहे हैं।
बाइडन ने यूरोपीय नेताओं को भरोसा दिलाया था कि ‘‘अमेरिका वापस आ गया है’’ और बहुपक्षीय कूटनीति अमेरिका की विदेश नीति का मार्गदर्शन करेगी, लेकिन कई अहम मामलों पर अकेले आगे बढ़ने के दृष्टिकोण के जरिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने कई सहयोगियों को अलग-थलग कर दिया है।
यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख ने शिकायत की कि यूरोप से परामर्श नहीं किया गया था। कुछ विशेषज्ञों ने बाइडन के हालिया कदमों की तुलना डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ‘‘पहले अमेरिका’’ सिद्धांत के तहत उठाए गए कदमों से की है। उन्होंने कहा कि उस राष्ट्रपति द्वारा इस प्रकार के कदम उठाया जाना आश्चर्यजनक है, जिसने सहयोगियों के साथ संबंध सुधारने और वैश्विक मंच पर अमेरिका की विश्वसनीयता बहाल करने के संकल्प के साथ राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा था।

बाइडन ने मात्र तीन पहले यूरोप की यात्रा की थी और उस समय यूरोपीय समकक्ष उन्हें ऐसा नायक बता रहे थे, जो ट्रम्प के शासनकाल के परा-अटलांटिक तनाव को पीछे छोड़ने का इच्छुक है, लेकिन राहत की वह सुखद अनुभूति कई लोगों के लिए अब फीकी पड़ गई है। बाइडन ने अमेरिका के सबसे पुराने सहयोगी फ्रांस को नाराज किया है, पौलेंड एवं यूक्रेन अपनी सुरक्षा को लेकर अमेरिका की प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े कर रहे हैं और अफगानिस्तान से लेकर पूर्वी एशिया तक कई एकतरफा फैसलों ने यूरोपीय संघ को खफा किया है।

जब बाइडन ने ईरान के साथ परमाणु वार्ता में फिर से शामिल होने और इजराइल-फलस्तीनी शांति वार्ता को पुनर्जीवित करने का वादा किया था, तो यूरोप ने इस बात पर खुशी जताई थी, लेकिन बाइडन के प्रशासन के नौ महीने बाद भी इन दोनों ही मामलों पर प्रयास रुके हुए हैं। पोलैंड और यूक्रेन से गुजरने वाली रूस से जर्मनी तक की गैस पाइपलाइन को बाइडन की स्वीकृति के बाद से अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ असंतोष बढ़ने लगा और इसके एक ही महीने बाद अगस्त में अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की वापसी ने यूरोप को अजीब स्थिति में डाल दिया, जिसने इस वापसी को लेकर आपत्ति जताई थी।

इसके बाद, इस सप्ताह बाइडन ने ऑकस (एयूकेयूएस) गठबंधन की घोषणा करके फ्रांस और यूरोपीय संघ को नाराज कर दिया। ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने हिंद प्रशांत में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच, रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र के लिए एक नए त्रिपक्षीय सुरक्षा गठबंधन ‘ऑकस’ (एयूकेयूएस) की घोषणा की, ताकि वे अपने साझा हितों की रक्षा कर सकें और परमाणु ऊर्जा से संचालित पनडुब्बियां हासिल करने में ऑस्ट्रेलिया की मदद करने समेत रक्षा क्षमताओं को बेहतर तरीके से साझा कर सकें। इस बात को लेकर चीन का नाराजगी जताना कोई आश्चर्य की बात नहीं है, लेकिन फ्रांस और यूरोपीय संघ ने भी इस गठबंधन को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शिकायत की है कि उन्हें

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ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया, भारतीय मूल के मंत्री अपने पदों पर बने रहे

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लंदन. ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बुधवार को अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया लेकिन भारतीय मूल के दो वरिष्ठ मंत्रियों ऋषि सुनक और प्रीति पटेल के विभागों में बदलाव नहीं किया गया। सुनक वित्त मंत्री और पटेल गृह मंत्री बनी रहेंगी। इस तरह की अटकें थी कि उन्हें पद से हटाया जा सकता है। सुनक इंफोसिस के सह संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद हैं और वह पिछले साल फरवरी से देश के वित्त मंत्री हैं और उन्होंने कोविड-19 महामारी को लेकर ब्रिटेन के आर्थिक प्रबंधन की अगुवाई की थी। गुजराती-उगांडा मूल के माता-पिता की संतान पटेल जुलाई 2019 से गृह मंत्री हैं।

बहरहाल, जिन वरिष्ठ मंत्रियों के विभागों में फेरबदल किया गया है उनमें विदेश मंत्री डोमिनिक राब शामिल हैं। उन्हें न्याय मंत्रालय का जिम्मा दिया गया है साथ में उनके पास ‘लॉर्ड चांसलर’ एवं उप प्रधानमंत्री की भूमिकाएं रहेंगी। अफगानिस्तान की सत्ता तालिबान के हाथों में जाने और काबुल से लोगों को निकालने को लेकर हाल के हफ्तों में आलोचनाओं का सामना कर रहे राब के विदेश, राष्ट्रमंडल एवं विकास कार्यालय (एफसीडीओ) के प्रमुख के पद पर बने रहने को लेकर अटकलें थीं। यह ब्रिटिश सरकार में शीर्ष स्तर का कैबिनेट पद है।

उनके स्थान पर लिज ट्रूस को विदेश मंत्री बनाया गया जो पहले अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री थीं। उनहोंने इससे हफ्ते की शुरुआत में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ व्यापार को लेकर वार्ता की है। कैबिनेट से न्याय मंत्री रोबर्ट बकलैंड, शिक्षा मंत्री गेविन विलियमसन और आवास मंत्री रोबर्ट जेनरिक को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। गेविन विलियमसन ने ट्विटर बताया कि उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया है और 2019 से शिक्षा मंत्री के तौर पर सेवा देना सौभाग्य था।

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