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योगी की ‘अब्बा जान’ वाली टिप्पणी पर ओवैसी का तंज, कहा- अगर काम किए होते तो नहीं देना पड़ता ऐसा बयान

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘अब्बा जान’ वाले बयान पर सियासी घमासान तेज हो गया है। जहां एक ओर विपक्षी दलों ने यूपी के सीएम को निशाने पर लिया है, वहीं दूसरी ओर अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने योगी आदित्यनाथ के कामकाज पर सीधा हमला बोला है। असदुद्दीन ओवैसी ने एक के बाद एक लगातार 3 ट्वीट कर योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है। बता दें कि, उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले वोटों के ध्रुवीकरण का खेल शुरू हो गया है।

ओवैसी ने अपने पहले ट्वीट में कहा कि ‘कैसा तुष्टिकरण? प्रदेश के मुसलमानों की साक्षरता-दर सबसे कम है, मुस्लिम बच्चों का Dropout rate सबसे ज़्यादा है। मुस्लिम इलाक़ों में स्कूल-कॉलेज नहीं खोले जाते।अल्पसंख्यकों के विकास के लिए केंद्र सरकार से बाबा की सरकार को ₹16207 लाख मिले थे, बाबा ने सिर्फ ₹1602 लाख खर्च किया।’ इसके बाद दूसरे ट्वीट में ओवैसी ने कहा कि ‘2017-18 में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत मात्र 10 मुसलमानों को घर मिले। ‘अब्बा’ के बहाने किसके वोटों का पुष्टिकरण हो रहा है बाबा? देश के 9 लाख बच्चे गंभीर तौर पर कुपोषित हैं, जिसमें से 4 लाख बच्चे सिर्फ़ उ.प्र से हैं।’

इसके बाद अपने तीसरे और आखिरी ट्वीट में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ‘ग्रामीण उत्तर प्रदेश में 13944 sub-centres की कमी है, 2936 PHC की कमी है, 53% CHC की कमी है। केंद्र सरकार के मुताबिक़ बाबा-राज में उ.प्र के PHC में सबसे कम डॉक्टर मौजूद हैं। कुल 2277 डाक्टरों की कमी है। अगर काम किए होते तो “अब्बा, अब्बा” चिल्लाना नहीं पड़ता।’

अब्बा जान’ संबंधी टिप्पणी पर विपक्षी दलों ने योगी की आलोचना की

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा की गई ‘अब्बा जान’ संबंधी टिप्पणी की विभिन्न राजनीतिक दलों ने कड़ी आलोचना की है और इसे असंसदीय भाषा करार दिया है। मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट में कहा, ”मेरा हमेशा से मानना रहा है कि भाजपा की मंशा घोर सांप्रदायिकता और नफरत के अलावा किसी अन्य एजेंडे पर चुनाव लड़ने की नहीं है तथा उसका सारा जहर मुस्लिमों के प्रति होता है। यहां एक मुख्यमंत्री हैं जो दोबारा यह दावा कर चुनाव जीतना चाहते हैं कि मुस्लिमों ने हिंदुओं के हिस्से का पूरा राशन खा लिया।’’

जानिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा था

बता दें कि, योगी ने रविवार को कुशीनगर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दर्शकों से पूछा था कि क्या उन्हें राशन मिल रहा है और 2017 से पहले यह राशन उन्हें कहां से मिल रहा था? मुख्यमंत्री ने कहा था, ”क्योंकि तब ‘अब्बा जान’ कहे जाने वाले लोग राशन को खा जाते थे। कुशीनगर का राशन नेपाल और बांग्लादेश जाता था। आज अगर कोई गरीब लोगों के राशन को हथियाने की कोशिश करेगा, तो वह निश्चित रूप से जेल चला जाएगा।”

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सरकार बताए कि उसने पैगसस खरीदा या नहीं, मामले की निष्पक्ष जांच हो: कांग्रेस

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कांग्रेस ने पैगसस को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार से सवाल किये जाने के बाद सोमवार को कहा कि केंद्र को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उसकी किसी एजेंसी ने इस स्पाईवेयर को खरीदा या नहीं। पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा पैगसस को खरीदने या नहीं खरीदने, दोनों ही परिस्थितियों में इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बार-बार हमने सवाल पूछा, क्या एक शब्द में उत्तर नहीं दिया जा सकता था? गृह मंत्री ने पैगसस पर ब्लॉग लिखा, उस ब्लॉग की जगह एक लाइन लिख देते कि पैगसस देश के किसी मंत्रालय ने खरीदा है कि नहीं। प्रधानमंत्री जो रोजाना औसतन 14 ट्वीट करते हैं, एक ट्वीट इस पर कर देते, कि पैगसस खरीदा है कि नहीं।’’

वल्लभ ने सवाल किया, ‘‘अगर नहीं खरीदा है तो विदेशी स्पाइवेयर का उपयोग भारत सरकार की अनुमति के बिना देश के लोगों पर एक हथियार के तौर पर कैसे हुआ? दोनों की स्थितियों में एक जांच की सख्त आवश्यकता है और ये जांच वैसी जांच नहीं होनी चाहिए कि आप लीपा-पोती करके इसको खत्म कर दो। एक जांच हो और हमने बार-बार मांग की है।’’

बता दें कि केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि कथित पैगसस जासूसी मामले में स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिकाओं पर वह विस्तृत हलफनामा दाखिल नहीं करना चाहती, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने कहा कि वह केवल यह जानना चाहती है कि क्या केंद्र ने नागरिकों की कथित जासूसी के लिए अवैध तरीके से पेगासस सॉफ्टवेयर का उपयोग किया या नहीं?

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फिरोजाबाद में डेंगू और वायरल बुखार से अब तक 58 लोगों की मौत, अस्पताल में 100 नए मरीज भर्ती

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उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में संदिग्ध बुखार से एक और व्यक्ति की मौत होने से अब तक वायरल बुखार और डेंगू के प्रकोप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 58 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने शनिवार को जानकारी दी कि अस्पतालों में नए मरीजों के आने का सिलसिला थम नहीं रहा है। मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी (CMO) कार्यालय द्वारा शनिवार को जारी बुलेटिन के अनुसार जिले में संदिग्ध बुखार से पीड़ित एक और व्यक्ति की मौत की सूचना मिली है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि व्यक्ति की मौत डेंगू से हुई है या वायरल बुखार से। इसे मिलाकर जिले में मृतक संख्या बढ़कर 58 हो गई है।

सरकारी मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर संगीता अनेजा ने बताया कि शनिवार को अस्पताल के विभिन्न वॉर्डों में 100 नए मरीजों को भर्ती किया गया है। अनेजा ने कहा कि कुल 389 मरीजों में ज्यादातर बच्चे हैं जिनका अभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि शनिवार को मेडिकल कॉलेज से किसी की मौत की सूचना नहीं है। अनेजा ने बताया कि 150 नमूनों की जांच में 50 में डेंगू की पुष्टि हुई है। इस बीच, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ दिनेश कुमार प्रेमी ने उसायनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कई दिनों तक अनुपस्थित रहने पर 6 महिला स्वास्थ्य कर्मियों को नोटिस जारी किया और उन्हें अनुपस्थिति का कारण बताते हुए तुरंत ड्यूटी पर आने का आदेश दिया।

CMO कार्यालय ने यह भी कहा कि जिले में लगातार मलेरिया, डेंगू और वायरल बुखार की जांच की जा रही है और बेहतर इलाज सुनिश्चित करने के लिए प्रभावित मरीजों को तुरंत अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है। फिरोजाबाद जिला पिछले तीन हफ्तों से डेंगू और घातक वायरल बुखार के प्रकोप से जूझ रहा है। मरीजों में ज्यादातर बच्चे हैं। अधिकारियों के मुताबिक कुछ मामले पड़ोसी जिलों- मथुरा, आगरा और मैनपुरी में भी सामने आए हैं।

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विजय रूपाणी के इस्तीफे पर बोली कांग्रेस और AAP, कहा- ‘बलि का बकरा’ बनाया गया

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गुजरात में विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले विजय रूपाणी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नाकामियों की कीमत चुकाई है। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा केवल मुख्यमंत्री को बदलकर अपनी ‘रिमोट नियंत्रित’ सरकार की विफलता को छिपा नहीं सकती है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित चावडा ने कहा, ‘‘भाजपा ने राज्य सरकार के कुशासन और आपराधिक लापरवाही को छिपाने के लिए विजय रूपाणी का इस्तीफा ले लिया है। सरकार की नाकामी के कारण कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान तीन लाख लोगों की मौतें हुईं।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में किसान आत्महत्या कर रहे हैं और महंगी शिक्षा के बावजूद युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोडवाडिया ने कहा कि बिगड़ती कानून व्यवस्था को देखते हुए भाजपा के पास नेतृत्व बदलने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि सरकार का ‘‘रिमोट कंट्रोल’’ दिल्ली में और प्रदेश भाजपा प्रमुख सी आर पाटिल के हाथों में रहता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों ‘‘रिमोट कंट्रोल ऑपरेटर’’ नाकाम रहे हैं। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता परेश धानाणी ने कहा कि रूपाणी की सरकार ‘रिमोट कंट्रोल’ से चल रही थी, लेकिन महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और कोविड-19 महामारी के लिए ‘‘केवल (प्रधानमंत्री) नरेंद्र भाई (मोदी) और (केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।’’ कांग्रेस के नेता हार्दिक पटेल ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री पद से रूपाणी के इस्तीफे से साफ हो गया है कि भाजपा सरकार चलाने में नाकाम रही है। असली बदलाव अगले साल राज्य विधानसभा चुनाव के बाद आएगा, जब जनता भाजपा को सत्ता से बाहर कर देगी।’’ आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल इतालिया ने कहा कि रूपाणी के इस्तीफे से भाजपा को कोई मदद नहीं मिलने वाली। उन्होंने कहा, ‘‘क्या भाजपा यह जताने की कोशिश कर रही है कि सरकार की विफलता के कारण लोग जो दर्द झेल रहे हैं, मुख्यमंत्री बदलने के बाद उसे वह भूल जाएंगे? इस्तीफा पिछले 27 वर्षों के भाजपा के कुशासन की नाकामी का प्रतिबिंब है। विजय भाई को बलि का बकरा बनाया गया है।’’

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पिछले 6 महीने में इस्तीफा देने वाले BJP के चौथे मुख्यमंत्री बने विजय रूपाणी

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विजय रूपाणी पिछले छह महीनों में हटाए जाने वाले भाजपा के चौथे मुख्यमंत्री बन गए हैं। एक आश्चर्यजनक कदम में, रूपाणी ने राज्य चुनावों से लगभग 15 महीने पहले शनिवार को गुजरात के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। रूपाणी तीन राज्यों उत्तराखंड, कर्नाटक और गुजरात में छह महीने के अंदर बदले जाने वाले चौथे मुख्यमंत्री बन गए हैं।भगवा पार्टी ने मार्च में उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह लोकसभा सदस्य तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बना दिया था। जुलाई में मुख्यमंत्री बनाए जाने के चार महीने बाद ही तीरथ सिंह रावत को भी हटा दिया गया और दो बार के विधायक पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी गई। उत्तराखंड के बाद भाजपा ने कर्नाटक में बी. एस. येदियुरप्पा को हटाकर बी. एस. बोम्मई को मुख्यमंत्री की कमान सौंप दी।

पार्टी के एक नेता ने दावा किया कि राज्य में नया नेतृत्व लाने के लिए गुजरात और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों को बदला गया। उन्होंने कहा, कर्नाटक में मुख्यमंत्री और उनके बेटे के खिलाफ भारी नाराजगी थी। इसी तरह गुजरात इकाई में पार्टी के एक वर्ग द्वारा रूपाणी को हटाने की मांग की गई थी, जिसमें कहा गया था कि उनके नेतृत्व में अगले साल के राज्य चुनाव जीतना मुश्किल होगा। वहीं उत्तराखंड में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को एक नया चेहरा लाने के लिए बदल दिया गया था, लेकिन तीरथ सिंह रावत को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के छह महीने के भीतर राज्य विधानसभा के लिए निर्वाचित होने में विफलता के कारण हटा दिया गया था।

गुजरात के एक पार्टी नेता ने कहा, पार्टी में एक वर्ग से मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा और मांग की गई थी, लेकिन किसी को उम्मीद नहीं थी कि इस तरह से खबर आएगी। हमें नहीं पता कि इस्तीफा सौंपने के बाद इसकी घोषणा की जाएगी। गुजरात में मुख्यमंत्री के इस्तीफे से पहले कोई खास गतिविधि देखने को नहीं मिला और अचानक ही उनका इस्तीफा देखने मिला। वहीं दूसरी ओर मार्च में, त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह लेने से पहले, भाजपा ने राज्य में दो सदस्यों को भेजा था, जिसमें छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भी शामिल थे, ताकि वे प्रतिक्रिया एकत्र कर सकें।इसी तरह तीरथ सिंह रावत को बदलने से पहले भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें राष्ट्रीय राजधानी बुलाया था और उन्हें संवैधानिक और कानूनी संकट के बारे में समझाया था। कर्नाटक में महीनों से सत्ता परिवर्तन की अटकलों के बीच येदियुरप्पा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की थी। येदियुरप्पा ने जुलाई में अपनी सरकार के दो साल पूरे होने के बाद इस्तीफा दे दिया।

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काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण के दौरान हादसा, 1 मजदूर की मौत

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वाराणसी: विश्वनाथ कॉरिडोर के कार्य के दौरान फिर हादसा हुआ है। विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण कार्य के दौरान हादसा हुआ है, जिसमें दो मजदूर हुए घायल हुए हैं जबकि एक की मौत हो गई है। ललिता घाट के पास निर्माण के दौरान ऊपरी क्षेत्र में ये हादसा हुआ है। घायलों को अस्पताल ले जाया गया हैं जहां उनका उपचार किया जा रहा है। सीनियर अधिकारी मौके पर पहुंच चुके हैं और मामले की जांच की जा रही है। वाराणसी के डीएम ने हादसे में एक मजदूर की मौत की पुष्टी की है। डीएम ने बताया कि मिनी ट्रक से  शीशा उतारने के दौरान ये दुर्घटना हुई है।बता दें कि, ये पहली बार नहीं है जब काशी विश्वानाथ कॉरिडोर निर्माण कार्य के दौरान हादसा हुआ है। इससे कुछ महीने पहले 2 मजदूरों की भी एक हादसे में मौत हो गई थी। वो मजदूर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण कार्य में ही लगे हुए थे। वो पास में ही एक दो मंजिला इमारत में रह रहे थे, लेकिन एक दिन वो इमारत ढह गई। उस वजह से 2 मजदूर ने जान गंवाई और सात घायल हो गए थे।

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Covid: देशभर में मिले 33 हजार से ज्यादा मरीज, एक्टिव केस- 3.92 लाख

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पिछले 24 घंटों में देशभर में कोरोना संक्रमण के 33 हजार 376 नए मामले सामने आए हैं जिसके बाद अबतक सामने आए कोरोना संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 3 करोड़ 32 लाख 8 हजार 330 हो गए हैं। पिछले 24 घंटों में कोरोना से उबरने वालों की संख्या 32 हजार 198 जबकि कोरोना से मौतों की संख्या 308 रही। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में अबतक कोरोना संक्रमण की वजह से मौत के 4 लाख 42 हजार 317 मामले सामने आ चुके हैं।इस वक्त देश में एक्टिव मामलों की तादाद 3 लाख 91 हजार 516 है, जो कुल मामलों का 1.18 प्रतिशत है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 97.49 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मामलों में 870 और मरीज शामिल हो गए हैं। शुक्रवार को उपचाराधीन मामले 3,90,646 थे। इसके अलावा, शुक्रवार को कुल 15,92,135 नमूनों की कोविड-19 के लिए जांच की गई जिसके बाद देश में अब तक जांचे गए नमूनों की कुल संख्या 54,01,96,989 हो गई है।स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक दैनिक संक्रमण दर 2.10 प्रतिशत दर्ज की गई। यह पिछले 12 दिनों से तीन प्रतिशत से कम बनी हुई है। साप्ताहिक संक्रमण दर 2.26 प्रतिशत दर्ज की गई जो पिछले 78 दिनों से तीन प्रतिशत से नीचे चल रही है। आंकड़ों के मुताबिक बीमारी से स्वस्थ होने वालों की संख्या बढ़कर 3,23,74,497 हो गई है जबकि मृत्यु दर 1.33 प्रतिशत है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि देश में अब तक टीके की लगभग 73 करोड़ खुराक दी जा चुकी है। एक अस्थायी रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को शाम सात बजे तक टीके की 56 लाख से अधिक खुराक दी जा चुकी थी। मंत्रालय ने कहा कि देर रात अंतिम रिपोर्ट आने तक दैनिक टीकाकरण संख्या बढ़ने की उम्मीद है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में सबसे संवेदनशील आबादी समूहों को कोविड​​-19 से बचाने के लिए चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान की नियमित रूप से समीक्षा की जाती है और उच्चतम स्तर पर निगरानी की जाती है।

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भारत और ऑस्ट्रेलिया ने आरंभिक ‘टू-प्लस-टू’ वार्ता की, सामरिक संबंधों को मजबूत बनाने पर दिया जोर

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भारत और ऑस्ट्रेलिया ने शनिवार को रक्षा एवं विदेश मंत्रालय स्तर की ‘टू-प्लस-टू’ वार्ता की जिसका मकसद भूराजनीतिक उथलपुथल के बीच दोनों देशों के बीच संपूर्ण रक्षा एवं सामरिक सहयोग को और बढ़ाना है। विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्षों क्रमश: मारिस पायने और पीटर डटन के साथ यहां पर आरंभिक ‘टू-प्लस-टू’ वार्ता की। विदेश मंत्री जयशंकर ने अपनी बातचीत को ‘सार्थक’ बताया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ऑस्ट्रेलिया के साथ टू प्लस टू वार्ता सार्थक रही।’’ विदेश मंत्री विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि 4 जून 2020 को पहले भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल लीडर्स समिट के दौरान हमारे प्रधानमंत्रियों ने हमारे संबंधों को एक व्यापक, रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। ये ‘2+2’ प्रारूप उस शिखर सम्मेलन का प्रत्यक्ष परिणाम है। जयशंकर ने संवाद के शुरुआत में अपनी टिप्पणी में कहा, “हम एक बहुत ही महत्वपूर्ण समय पर मिल रहे हैं, जब एक महामारी के साथ-साथ हम एक ऐसे भू-राजनीतिक माहौल का सामना कर रहे हैं जिसमें तेजी से उथल-पुथल हो रही है, और ऐसे में हमें द्विपक्षीय रूप से और समान विचारधारा वाले अन्य भागीदारों से मिलकर, अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा तथा एक शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिये पर्याप्त रूप से प्रतिक्रिया देनी चाहिए।” विदेश मंत्री ने कहा कि भारत का बेहद चुनिंदा देशों के साथ वार्ता के लिये “टू-प्लस-टू” प्रारूप है। जयशंकर ने कहा, “मेरा यह भी मानना है कि अफगानिस्तान में घटनाक्रम आज हमारे बीच चर्चा का एक महत्वपूर्ण विषय होगा।” उन्होंने कहा, “बेशक, यह बैठक हमें व्यापक रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा करने और आगे बढ़ाने का अवसर देती है क्योंकि हम इस महीने के अंत में संयुक्त राज्य अमेरिका में अपने प्रधानमंत्रियों के बीच एक और बैठक की तैयारी कर रहे हैं।” ऑस्ट्रेलिया के साथ 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर मंत्री पायने और डटन के साथ गहन चर्चा की। हमने रक्षा सहयोग और वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई स​हित व्यापक सहयोग के लिए विभिन्न संस्थागत फ्रेमवर्क पर चर्चा की। हमने अफ़ग़ानिस्तान, हिंद प्रशांत में समुद्री सुरक्षा, बहुपक्षीय स्वरूपों में सहयोग और अन्य संबंधित विषयों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।  बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में क्वाड नेताओं के एक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अमेरिका की यात्रा करने वाले हैं। घटनाक्रम से परिचित लोगों का कहना है कि दोनों पक्षों ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता के मद्देनजर उत्पन्न स्थिति सहित सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि पूरा ध्यान सामरिक संबंधों को मजबूत बनाने पर रहा। इस वार्ता के परिणामों के बारे में चारों मंत्री बाद में संवाददाता सम्मेलन कर जानकारी साझा करेंगे। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पायने ने शुक्रवार को कहा कि क्वाड ”तेजी से” और बहुत ”प्रभावी रूप से” उभरा है और ऑस्ट्रेलिया इस क्षेत्र में एक मजबूत नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए भारत की सराहना करता है। पायने ने हिंद-प्रशांत के समक्ष ”महत्वपूर्ण चुनौतियों” के बारे में बात की और कहा कि ऑस्ट्रेलिया एक ऐसा क्षेत्र चाहता है जहां बड़े और छोटे देशों के अधिकारों का सम्मान किया जाए तथा कोई भी ”एकल प्रभावशाली शक्ति” दूसरों के लिए परिणाम तय नहीं करे।पिछले कुछ वर्षों में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा और सैन्य सहयोग बढ़ा है। पिछले साल जून में, भारत और ऑस्ट्रेलिया ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन के बीच एक ऑनलाइन शिखर सम्मेलन के दौरान साजो- समान की सैन्य ठिकानों तक पारस्परिक पहुंच के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

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कांग्रेस पर बरसे CM मनोहर लाल खट्टर, कहा- लोगों को गुमराह करना बंद करे

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों के आंदोलन को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कांग्रेस पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया और ऐसा न करने की अपील भी की। मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि ‘किसानों को बरगलाने का जो काम कांग्रेस करती है, मेरी उनसे अपील है कि वह इसे छोड़ दे। कांग्रेस को लोगों को गुमराह करना बंद करना चाहिए। किसी को उकसाकर व्यवस्था ना बिगाड़े।’मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि ‘यदि कोई कानून-व्यवस्था को बाधित करता है, तो उसे बनाए रखना राज्य प्रशासन का कर्तव्य है। कांग्रेस को ऐसे बयान देकर राजनीतिक महत्वाकांक्षा हासिल नहीं करनी चाहिए। इससे समाज और राज्य को नुकसान होता है। यदि वे विपक्ष के रूप में अपनी भूमिका निभाना चाहते हैं, तो उन्हें लोगों को उकसाना नहीं चाहिए।’ उन्होंने कहा कि ‘एक आंदोलन चल रहा है उसमें एक विशेष वर्ग के लोग बैठे हैं, सभी किसान उसमें शामिल नहीं है।’ इसके साथ ही सीएम खट्टर ने यह भी कहा कि ‘गन्ने का रेट बढ़ने से किसान खुश है।’ उन्होंने कहा, “हम लगातार किसानों के हित में काम कर रहे हैं। फसल की बुआई से पहले उसकी कीमत तय करना यह हमारे ही समय में हुआ है। इस बार हमने गन्ने का रेट 12 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया है। सर्वाधिक रेट देश में इस वक़्त हमारा है।”

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NEET-PG Exam: देश भर में आयोजित नीट-पीजी की प्रवेश परीक्षा में 1.6 लाख प्रतिभागी शामिल हुए

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राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के तहत स्नातकोत्तर (पीजी) की परीक्षा शनिवार को कोविड-19 के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए देश के 270 शहरों में 679 केंद्रों पर आयोजित हुई, जिसमें 1.6 लाख प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कोविड-19 के मद्देनजर परीक्षा की तिथि दो बार बदली गयी। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक ट्वीट में दावा किया कि कुछ छात्रों ने उनसे अंतिम समय में परीक्षा केंद्र बदलने की शिकायत की है जिससे उन्हें असुविधा हुई है।इस बारे में पूछे जाने पर राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान परीक्षा बोर्ड (एनबीईएमएस) के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर पवनिंद्र लाल ने बताया कि सुरक्षा मुद्दों के कारण सोनीपत और पानीपत में दो-दो केंद्रों को क्रमशः आठ और नौ सितंबर को बदल दिया गया था और उम्मीदवारों का नया केंद्र दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया गया था। परीक्षा केंद्र में बदलाव के बारे में एक ट्वीट के स्क्रीनशॉट को टैग करते हुए थरूर ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर लिखा, ‘‘नीट-पीजी, 2021 के सौ से अधिक प्रतिभागियों ने मुझे लिखा है क्योंकि सरकार जवाब नहीं देती है।’’उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘परीक्षा कल है और वे संकट में हैं। नई मुश्किल: कई छात्रों को केंद्र परिवर्तन के बारे में अंतिम समय में (परीक्षा से एक दिन पहले) सूचित किया गया, कई छात्रों को प्रवेश पत्र नहीं मिला है।’’ हालांकि, प्रोफेसर लाल ने कहा, ‘‘प्रत्येक प्रतिभागी को व्यक्तिगत रूप से फोन कर, ईमेल और एसएमएस कर सूचित किया गया और हर तरह की सावधानी बरती गई ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे नए केंद्रों पर पहुंचने के लिए नए प्रवेश पत्र को डाउनलोड और प्रिंट कर सकें और समय पर परीक्षा स्थल तक पहुंच पाएं।’’ शुरू में नीट-पीजी की परीक्षा 10 जनवरी को आयोजित होने वाली थी, लेकिन कोविड-19 स्थिति के कारण इसके लिए 18 अप्रैल का समय र्निर्धारित किया गया था।उन्होंने बताया कि शनिवार को नीट-पीजी के लिए 1,66,259 प्रतिभागी उपस्थित हुए और परीक्षा के सुरक्षित संचालन के लिए सभी को फेस शील्ड, मास्क और हैंड सैनिटाइजर सहित बचाव की सामग्री प्रदान की गई। परीक्षा के दिन दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में भारी बारिश हुई, जिससे शहर के कई हिस्सों में जलजमाव और यातायात जाम हो गया। नीट-स्नातक, 2021 के लिए परीक्षा 12 सितंबर को आयोजित की जाएगी।

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