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एक भारत उत्कृष्ट भारत

पिछड़ी जातियों का अपमान करती है कांग्रेस, भाजपा ने मोदी को प्रधानमंत्री बनाकर पिछड़ों का किया सम्मान: अमित शाह

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अहमदाबाद । कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने अपने सत्ताकाल में हमेशा समाज के पिछड़े वर्ग का उत्पीड़न और उन्हें अपमानित किया। जबकि भाजपा ने नरेन्द्र मोदी के रूप में पिछड़े वर्ग के व्यक्ति को पहली बार देश का प्रधानमंत्री बनाया और नौ वर्षों से उन्हें देश की सेवा का मौका दे रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को यह बात मोदी समुदाय के राष्ट्रीय सम्मेलन में कही है।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने पिछड़ी जातियों का हमेशा अपमान किया। वहीं भाजपा ने मोदी को प्रधानमंत्री बना पिछड़ों को सम्मानित किया। शाह ने कहा कि मोदी अब देश का सम्मान बढ़ाने के अभियान पर निकले हैं। एक अन्य कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी विश्व में भारत का सम्मान बढ़ाने के अभियान पर निकले हैं, नतीजा सबके सामने है। कहीं पर विश्व की हस्ती उनसे आटोग्राफ मांग रही है तो कहीं पर समकक्ष पैर छू रहे हैं।

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‘2000 रुपये के नोट बिना ID प्रूफ बदलने के पीछे BJP का बड़ा खेल’, चिदंबरम बोले- ये कालेधन को सफेद करने की कोशिश

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नई दिल्ली ।कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने 2000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने और बिना आईडी प्रूफ के बदलने पर केंद्र पर निशाना साधा है। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने पहले नोटबंदी की और उससे कालेधन पर लगाम लगाने में कोई सफलता नहीं मिली और अब ये कदम नया ड्रामा है। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले नोटबंदी की और उससे कालेधन पर लगाम लगाने में कोई सफलता नहीं मिली और अब ये नया ड्रामा है। आम लोगों के पास 2000 रुपए के नोट नहीं हैं क्योंकि 2016 में लाने के तुरंत बाद लोगों ने इसे लेना बंद कर दिया था। चिदंबरम ने कहा कि ये नोट दैनिक खुदरा उपयोग के लिए सही नहीं थे, इसलिए लोगों ने इससे दूरी बनाई। उन्होंने कहा कि इसका मतलब साफ है कि 2000 रुपये के नोट किसने रखे और उनका इस्तेमाल अब कैसे होगा। आप जवाब जानते हैं।पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा कि 2000 रुपये के नोट बदलने से अब सरकार ने कालेधन को सफेद बनाना आसान कर दिया है। उन्होंने कहा कि 2000 रुपये के नोट बिना आईडी प्रूफ के बदलने से सरकार ने कालेधन वालों का रेड कार्पेट पर स्वागत किया है।

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‘ब्लैक एडम’ स्टार ड्येन जॉनसन के डिप्रेशन पर दीपिका पादुकोण ने दिया रिएक्शन

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नई दिल्ली ।पठान फेम एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने हॉलीवुड स्टार ड्येन जॉनसन के डिप्रेशन वाले बयान पर रिएक्शन दिया है। हाल ही में ड्येन ने खुलासा किया कि वह कई बार मेंटल इश्यूज से गुजर चुके हैं। ‘फास्ट एंड फ्यूरियस’ स्टार ड्येन जॉनसन कई बार डिप्रेशन से गुजर चुके हैं। हाल ही में, ड्येन ने अपने मेंटल हेल्थ पर खुलकर बात की, जिस पर बॉलीवुड हसीना दीपिका पादुकोण भी रिएक्ट करने से खुद को रोक नहीं पाईं।

कई बार डिप्रेशन का शिकार हो चुके ड्येन जॉनसन ने एक पॉडकास्ट में अपने मेंटल हेल्थ पर बात की। सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाली दीपिका पादुकोण ने हॉलीवुड स्टार के मेंटल हेल्थ पर किए गए बयान से जुड़ा एक पोस्ट अपनी इंस्टा स्टोरी पर शेयर किया है।

दीपिका ने ड्येन के डिप्रेशन पर क्या कहा?

पोस्ट में लिखा हुआ है, “मैं नहीं जानता था कि मेंटल हेल्थ क्या है, मुझे नहीं पता था कि डिप्रेशन क्या है। मुझे बस ये पता था कि मैं वहां नहीं रहना चाहता।” दीपिका ने पोस्ट को रीशेयर कर लिखा, “मेंटल हेल्थ मैटर करती है।” यही नहीं, एक्ट्रेस ने अपने मेंटल हेल्थ फाउंडेशन ‘द लिव लव लॉफ फाउंडेशन’ को भी टैग किया है। फेम ड्येन जॉनसन ने एक पॉडकास्ट में बताया कि पहले उन्होंने स्कूल छोड़ा, उनका कॉलेज फुटबॉल करियर खराब हुआ और फिर पत्नी से तलाक का दुख, इन चीजों ने ड्येन को अंदर से तोड़ दिया था।

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विराट कोहली के हार पर नवीन उल हक ने लिए मजे

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लखनऊ सुपर जायन्ट्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच आईपीएल 2023 के दूसरे लीग मैच के दौरान विराट कोहली और नवीन उल हक के बीच विवाद हुआ था. रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के इंडियन प्रीमियर लीग के प्लेऑफ से बाहर होने के बाद लखनऊ सुपर जायन्ट्स के खिलाड़ी नवीन उल हक ने एक बार विराट कोहली पर निशाना साधा. नवीन ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर स्टोरी पोस्ट कर आरसीबी की हार की हंसी उड़ाई. रविवार रात बैंगलोर के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए वर्चुअल नॉकआउट मुकाबले में आरसीबी गुजरात टाइटन्स के खिलाफ छह विकेट से हार गई, जिसके बाद सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ जीत हासिल कर चुकी मुंबई इंडियंस ने प्लेऑफ में जगह बना ली.मैच के बाद अफगानिस्तान के खिलाड़ी ने स्टोरी पोस्ट की जिसमें एक आदमी जोर जोर से हंसता हुआ नजर आ रहा है. स्टोरी के साथ नवीन ने अफगान खिलाड़ी अफसर जजई

और केकेआर के फीजियो प्रशांत पंचदा को टैग किया.

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दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर- पोस्टिंग के मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंची केंद्र सरकार

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नई दिल्ली दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंगको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था. उस पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका भी दायर की है. सर्विसेज मामले में पांच जजों के संविधान पीठ के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की गई है. अफसरों की ट्रांसफर- पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार (Delhi Government) को देने के 11 मई के फैसले पर केंद्र सरकार पुनर्विचार याचिका दायर की है.  बता दें कि 11 मई को पांच जजों के संविधान पीठ ने कहा था कि एलजी दिल्ली सरकार की सलाह से बाध्य हैं और अफसरों की ट्रांसफर- पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार को है.।

इसके साथ ही मोदी सरकार ने दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर एक अध्यादेश जारी किया है. इसके अनुसार दिल्ली के अफसरों के तबादले का अधिकार केंद्र सरकार के पास ही रहेगा. इसमें कहा गया है कि इसमें कानून बनाने का अधिकार संसद के जरिए केंद्र सरकार को है.सूत्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले से संविधान के मूल ढांचे की अवधारणा का उल्लंघन हुआ है.

संविधान के अनुच्छेद एक में भारत के क्षेत्र को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से परिभाषित होता है.  इसका तात्पर्य है कि केंद्र शासित प्रदेश का शासन केवल केंद्र से होगा. संविधान पीठ ने दिल्ली के लिए एक विशेष श्रेणी का गठन किया, जिसे एक विशिष्ट नई श्रेणी का नाम दिया गया. इस तरह संविधान पीठ ने एक ऐसी श्रेणी बनाई जो अभी तक नहीं थी और यह संविधान के प्रावधानों के विरुद्ध है. अगर इसे एक विशिष्ट नई श्रेणी भी माना जाए तो इस बात से इनकार नहीं हो सकता कि दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश यूटी है.

यह भारत की राजधानी और यूटी है इसलिए इसका शासन कोई और नहीं बल्कि केंद्र ही कर सकता है. संविधान के अनुच्छेद 239 एए में दिल्ली में विधानसभा का प्रावधान किया गया था  ताकि स्थानीय आकांक्षाओं की पूर्ति हो सके. इसके पीछे यह उद्देश्य कभी नहीं रहा कि यूटी पर स्थानीय सरकार का नियंत्रण हो और यह केंद्र सरकार के नियंत्रण से बाहर हो.

संविधान के 14वें हिस्से में प्रावधान है कि सेवाएं केंद्र या राज्य के अधीन हैं यूटी के अधीन नहीं. दिल्ली को राज्य मानने का संविधान पीठ का फैसला संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है. संविधान केंद्र और राज्य के बीच अधिकारों का बंटवारा करता है. संविधान पीठ का फैसला उपराज्यपाल के अधिकारों को कम करता है और इस तरह राष्ट्रपति का भी है. 

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सीजीआइ चंद्रचूड़ ने जस्टिस प्रशांत मिश्रा और वरिष्ठ वकील केवी विश्वनाथन को शपथ दिलाई

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नई दिल्ली । शुक्रवार को सीजीआइ डीवाई चंद्रचूड़ ने 2 नए जजों को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ दिलाई। इनमें आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और एडवोकेट केवी विश्वनाथन शामिल थे। इसके साथ ही एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में 34 जजों का कोरम पूरा हो गया है।अगस्त 2030 में केवी विश्वनाथन ही चीफ जस्टिस ऑफ इंडियाबनेंगे। विश्वनाथन 24 मई 2031 तक, यानी 9 महीने से ज्यादा देश की टॉप कोर्ट का नेतृत्व करेंगे।

कॉलेजियम ने दोनों को SC का जज बनाने की सिफारिश की थी
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 16 मई को सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट केवी विश्वनाथन और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा को SC का जज बनाने के लिए केंद्र से सिफारिश की थी।फ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ ने केंद्र को सिफारिश भेजी थी। उन्होंने कहा था- ‘सुप्रीम कोर्ट में 34 जज होने चाहिए, लेकिन अभी केवल 32 जज ही हैं। कुछ जजों के रिटायरमेंट के बाद जुलाई के दूसरे हफ्ते तक केवल 28 जज ही बचेंगे। इसी वजह से पहले इन दो जजों की नियुक्ति की जाए।’

केंद्र ने 48 घंटे में सिफारिश पर लगाई मुहर
केंद्र सरकार ने कॉलेजियम की सिफारिश पर 48 घंटे के भीतर ही मुहर लगा दी। इसके तुरंत बाद ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों जजों की नियुक्ति का पत्र भी जारी कर दिया। इसकी जानकारी केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ट्वीट करके दी है।

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कर्नाटक में हार के बाद भाजपा में हाहाकार

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नई दिल्ली । कर्नाटक चुनाव में करारी के हार के बाद भारतीय जनता पार्टी आगामी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा फूंक फूंक कर कदम रखेगी। वह इन राज्य चुनावों के अगले दौर के लिए अपनी रणनीति में बदलाव करेगी। इस साल के अंत तक चार अहम राज्यों- मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में चुनाव होंगे। इनमें से केवल मध्य प्रदेश में भाजपा का शासन है और पार्टी राजस्थान में सत्ता विरोधी लहर को अपने पक्ष में करने की उम्मीद कर रही है।

लीक से हटकर बात करते हुए, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि भाजपा ने सभी चार राज्यों में नेतृत्व के मुद्दे और उम्मीदवारों को तय करते समय जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखने का फैसला किया है। यह कर्नाटक से एक कठिन सबक है, जहां बीएस येदियुरप्पा को शीर्ष पद से हटाने और जगदीश शेट्टार और लक्ष्मण सदावी को टिकट देने से इनकार करने के फैसले ने लिंगायतों को कांग्रेस की ओर धकेल दिया।

  • सामंजस्य की कमी से नुकसान 

जरूरत पड़ने पर पार्टी छोटे दलों के साथ चुनावी गठबंधन के लिए भी तैयार है। ऐसी अटकलें हैं कि कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के साथ गठबंधन करने से बीजेपी को कुछ सीटों पर मदद मिली होगी। सबसे बड़ा बदलाव केंद्रीय नेताओं और राज्य के मुख्यमंत्रियों पर अत्यधिक निर्भरता के बजाय स्थानीय नेताओं पर ध्यान केंद्रित करना होगा। स्थानीय नेताओं को अभियान चलाने की अनुमति देना कांग्रेस के लिए अच्छा रहा।

दरअसल, कर्नाटक में इसे एक प्रमुख समस्या के रूप में देखा गया, जिसके कारण जगदीश शेट्टार जैसे नेताओं को टिकट नहीं मिला। यह रणनीति राजस्थान और मध्य प्रदेश में महत्वपूर्ण होगी, जहां सामंजस्य की कमी पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।

  • मध्य प्रदेश में तालमेल बनाने में जोर 

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पार्टी का चेहरा बने रहेंगे लेकिन उन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर और बीडी शर्मा जैसे अन्य नेताओं को अपने साथ लेने के लिए कहा जाएगा। वहीं राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, जिन्हें केंद्रीय नेतृत्व के साथ तालमेल से बाहर देखा जाता है – को वरीयता दी जाएगी। लेकिन किरोड़ी लाल मीणा, गजेंद्र सिंह शेखावत, सतीश पूनिया और अन्य जैसे विभिन्न जाति समूहों से संबंधित राज्य के नेताओं को भी महत्व दिया जाएगा।

  • छत्तीसगढ़ में नेताओं से दूर होंगे मतभेद 

छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल, अरुण साव को महत्व दिया जाएगा और तेलंगाना में बंदी सजय, ई राजेंद्रन, जी किशन रेड्डी पार्टी के प्रमुख चेहरे होंगे। सूत्रों ने कहा कि राज्य के नेताओं से उनके मतभेदों को दूर करने और पार्टी का एकजुट चेहरा पेश करने के लिए कहा जाएगा।

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छत्तीसगढ़ में डर का माहौल ना बनाए ED

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नई दिल्ली । छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई पर कड़ी टिप्‍पणी करते हुए मौखिक निर्देश दिया है कि ईडी राज्य में डर का माहौल न बनाए. ईडी पर सुप्रीम कोर्ट की मौखिक टिप्‍पणी ऐसे समय में आई है, जब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार ईडी पर परेशान करने, धमकाने और उन्हें फंसाने का आरोप लगा रहे हैं. हालांकि ईडी ने आरोपों का खंडन किया और बताया कि एजेंसी राज्य में एक घोटाले की जांच कर रही है. ईडी का दावा है कि छत्तीसगढ़ में हजारों करोड़ रुपये का शराब घोटाला हुआ है. उधर, इस मामले में गिरफ्तार आरोपी 19 मई तक ईडी की हिरासत में हैं. रायपुर में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने रायपुर मेयर के भाई और कारोबारी अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित, त्रिलोक सिंह ढिल्लन उर्फ पप्पू ढिल्लन और आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरूणपति त्रिपाठी की हिरासत बढ़ाई थी. ये सभी आरोपी 19 मई तक ईडी की हिरासत में रहेंगे. 

शराब वितरण कंपनी सीएसएमसीएल के पूर्व एमडी एपी त्रिपाठी को मुंबई से पकड़ा गया है. आरोप है कि वो पूछताछ में शामिल नहीं हो रहे थे. शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने में रिश्वत लेने, फर्जी होलोग्राम बनाने की डील में 90 लाख लेने जैसी बातें सामने आई हैं. त्रिपाठी के जब्त लैपटॉप और फोन से कई चैट मिलने की बात कही जा रही है, जो शराब घोटाले में रुपयों के लेन-देन और सिंडिकेट की गुप्त बैठकों से जुड़े हैं. विपक्ष इस मामले में सीधा मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांग रहा है. पूर्व मुख्‍यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में करप्शन दिन पर दिन बढ़ रहा है, नए-नए भ्रष्‍टाचार उजागर हो रहे हैं. भ्रष्टाचार ऐसा है जो प्रमाणित हो चुका है. ईडी ने 2000 करोड़ रुपए का शराब घोटाला प्रमाणित किया है और अब रिकवरी होना शुरू हो गया. उन्‍होंने कहा कि लोगों की संपत्ति जप्त होना शुरू हो चुकी है. देश मे ये पहली सरकार है जो अवैध सिंडिकेट के जरिए अवैध शराब बिकवाती है. इनके केंद्रीय नेतृत्व को निर्णय लेना चाहिए कि ये व्यक्ति मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए या नहीं. 

हालांकि ईडी के तौर तरीकों से सर्वोच्च अदालत खुश नहीं है. अनवर ढेबर सहित दो लोगों की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी में यह कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ED डर का माहौल ना बनाए. कोर्ट ने बताया कि आबकारी विभाग के 52 अधिकारियों ने लिखित शिकायत दी है कि उन्हें  “मानसिक, शारीरिक” यातना दे कर ईडी परेशान कर रही है. उनके परिवार के सदस्यों को गिरफ्तारी की धमकी दे रही है और मुख्यमंत्री को फंसाने की कोशिश कर रही है.सरकार ने दावा किया कि अधिकारियों ने कहा है कि वे विभाग में काम नहीं करेंगे. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यह चौंकाने वाली स्थिति है. छत्तीसगढ़ में चुनाव आ रहे हैं और इसलिए यह हो रहा है. वहीं ईडी ने आरोपों का खंडन किया और बताया कि एजेंसी राज्य में एक घोटाले की जांच कर रही है.

छत्तीसगढ़ के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के संदर्भ में जिस प्रकार से चर्चा हो रही थी. उस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में वाद पेश किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने ED को निर्देशित कर दिया है कि भय का माहौल न बनाए. कम से कम भय के वातावरण की बात नहीं होनी चाहिए. आप डरा-डराकर बयान ले रहे हो, यह प्रजातंत्र की न्याय प्रणाली का हिस्सा नहीं हो सकता. यह तो हम 500 साल पीछे जा रहे हैं, जब भी फ्यूडल सिस्टम होता था, तब हम सुनते थे कि कोड़े बरसते थे जोर जबरदस्ती की जाती थी. प्रजातंत्र है, हमारे देश में प्रजातंत्र में जोर जबरदस्ती से कुछ नहीं किया जाना चाहिए.छत्तीसगढ़ में 6 मई को शराब घोटाले में कारोबारी अनवर ढेबर की गिरफ़्तारी करने के बाद ED ने कोर्ट में रिमांड पेपर में दावा किया था कि छत्तीसगढ़ की सरकारी 800 दुकानों में 30 से 40 प्रतिशत अवैध देसी शराब बेची गई, ये एक सिंडिकेट था जिसे कारोबारी अनवर ढेबर और आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा जैसे लोग चलाते थे. इस सिंडिकेट ने 3 साल में राज्य को 2000 करोड़ रुपये का चूना लगाया

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स्कूप शॉट खेलने के चक्कर में बोल्ड हुए सूर्या

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इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में बुधवार को लखनऊ सुपर जायंट्स ने मुंबई इंडियंस को 5 रन से हरा दिया। इकाना स्टेडियम LSG ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 3 विकेट पर 177 रन बनाए। जवाब में मुंबई के बल्लेबाज 20 ओवर में 5 विकेट पर 172 रन ही बना सके।

इस मैच में कई रोचक मोमेंट्स देखने को मिले, तो कुछ ने फैंस के दिल भी तोड़े। मुकाबले के दौरान लखनऊ के कप्तान क्रुणाल पंड्या और रवि बिश्नोई चोटिल हुए। तो सूर्यकुमार यादव विकेट के पीछे स्कूप शॉट खेलने के चक्कर में यश ठाकुर की बॉल पर बोल्ड हो गए।

मैच के ऐसे ही टॉप मोमेंट्स और मैच पर उनका इम्पैक्ट इस खबर में हम जानेंगे…

1. दूसरे ओवर में डेविड ने टपकाया हुड्डा का कैच, अगले ही ओवर में आउट हुए
लखनऊ के लिए काइल मेयर्स की जगह ओपन करने उतरे दीपक हुड्डा को दूसरे ओवर में जीवनदान मिला, लेकिन वे इसका लाभ नहीं उठा सके। क्रिस जॉर्डन की पहली ही बॉल को हुड्‌डा ने अपने पीछे फाइन लेग की ओर शॉट खेला और बॉल हवा में चली गई। फील्डिंग कर रहे टिम डेविड 28 मीटर दौड़ते हुए आए, वे बॉल तक पहुंच भी गए, लेकिन बॉल आखिरी क्षणों में उनके हाथ से छिटक गई।

इसके बाद तीसरे ओवर में बेहरनडॉर्फ की पहली ही बॉल पर टिम डेविड ने मिड ऑन पर हुड्‌डा का कैच पकड़ा।

इम्पैक्ट- पावरप्ले में हुड्डा का विकेट मिलने से लखनऊ प्रेशर में आ गया। क्विंटन डी कॉक भी दवाब में आ गए।

2. बेहरनडॉर्फ ने दो बॉल पर लिए दो विकेट
मुंबई के बॉलर जेसन बेहरनडॉर्फ ने दो बॉल पर दो विकेट झटके। मैच के तीसरे ओवर की पहली बॉल पर बेहरनडॉर्फ ने हुड्डा को आउट किया। फिर दूसरी ही बॉल पर बल्लेबाजी करने आए मांकड़ का विकेट लिया। बेहरनडॉर्फ ने मांकड़ को लेंथ बॉल फेंकी। मांकड़ बॉल को नहीं समझ सके और गेंद बल्ले के किनारे से लगकर स्टंप के पीछे खड़े विकेटकीपर ईशान किशन के हाथों में चले गई।

इम्पैक्ट – तीसरे ओवर में दो विकेट गिरने से लखनऊ दवाब में आ गई और पावरप्ले में मात्र 35 रन ही बना सकी।

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चेन्नई पर जीत के जश्न में पड़ा खलल, नीतीश राणा सहित पूरी टीम पर लगा भारी जुर्माना

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चेन्नई: कोलकाता नाइटराइडर्स को आईपीएल 2023 के एक मुकाबले में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ जीत जरूरत मिली, लेकिन उसके बाद कप्तान नीतीश राणा और टीम पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने बड़ा जुर्माना लगाया है। केकेआर ने रिंकू सिंह और नीतीश राणा की हाफ सेंचुरी के दम पर चेन्नई को आसानी से हरा दिया। इस जीत का खुमार उतरा भी नहीं था कि बीसीसीआई ने सजा सुना दी। सुपर किंग्स के खिलाफ आईपीएल के मैच में धीमी ओवरगति के लिए 24 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है। केकेआर ने छह विकेट से जीत दर्ज की और प्लेऑफ की दौड़ में बनी हुई है। दूसरी ओर, चेन्नई की प्लेऑफ की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। अब उसे दिल्ली के खिलाफ मैच का इंतजार करना होगा। अगर वहां जीतती है तो प्लेऑफ में एंट्री मिल जाएगी। IPL ने अपने बयान में कहा- कोलकाता नाइटराइडर्स के कप्तान नीतीश राणा पर 14 मई को चेन्नई के एम.ए. चिदंबरम स्टेडियम में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैच के दौरान स्लो ओवर रेट रखने के बाद जुर्माना लगाया गया है। बता दें कि मैच में 19वां ओवर खत्म होने के बाद इसे लेकर नीतीश राणा ने अंपायरों से बहस भी की थी। इससे पहले भी एक बार उनपर जुर्माना लग चुका है।

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