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एक भारत उत्कृष्ट भारत

जाने अदरक लहसुन के पेस्ट के फायदे और घर पर बनाने की विधि

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डिजिटल भारत I अदरक हमारे यहाँ इस्तेमाल में लाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण औषधि है. इसे खाना बनाने के अलावा सीधे-सीधे औषधीय इस्तेमाल के लिए भी प्रयोग किया जाता है. इसकी लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि ये हमारे यहाँ लगभग सभी रसोई घरों में आपको आसानी से मिल जाएगा. अदरक के पेस्ट का इस्तेमाल ये खाने का ज़ायका बढ़ाने के आपके सेहत के लिए बेहद आवश्यक भी होता है. अदरक को लहसुन के साथ मिलाकर भी पेस्ट बनाया जाता है. इससे अदरक और लहसुन दोनों के गुण मिल जाते हैं. दोनों के सम्मिलित गुणों के आधार पर कहते सकते हैं कि इससे इसके लाभों में वृद्धि हो जाती है. अदरक के पेस्ट का इस्तेमाल करना भी बहुत आसान है. इसके लिए आप बाजार से मिलने वाले पेस्ट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं या चाहें तो इसे घर पर भी बना सकते हैं.

अगर आपको कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल का प्रॉबल्म है या पेट में गड़बड़ होता रहता है तो अपने खाना पकाते वक्त इस पेस्ट का इस्तेमाल ज़रूर करें. अदरक कब्ज़, जी घबड़ाना, डकार जैसे प्रॉबल्म से आराम दिलाने में मदद करता है. लहसुन का एन्टी इंफ्लैमटोरी गुण दस्त, पेट दर्द, गैस्ट्रिक अल्सर से राहत दिलाने में मदद करता है. आपके पाचन को दुरुस्त करने अदरक का पेस्ट आपको कई समस्याओं से छुटकारा दिलाने का काम करता है.

छाती और नाक का कंजेस्शन

लहसुन-अदरक का पेस्ट श्वास-प्रश्वास के लक्षणों से भी आराम दिलाता है. वह छाती में जमा बगलम कम करके छाती और नाक का कंजेस्शन कम करने में सहायता करता है.

-यदि आप अदरक-लहसुन के पेस्ट को अधिक दिनों तक सुरक्षित रखने की सोच रहे हैं, तो आप इसमें तेल का इस्तेमाल करें। सबसे पहले आप अदरक और लहसुन के साथ 2 चम्मच तेल मिक्स कर उसे अच्छी तरह से पीसें। जब लहसुन-अदरक का पेस्ट पीस कर तैयार हो जाए, तो उसे एक एयरटाइट कंटेनर में डालकर फ्रिज में रख दें। पेस्ट का इस्तेमाल करते समय पानी बिल्कुल ना छुए। इस तरह से आप अदरक-लहसुन के पेस्ट को 1-2 महीने तक फ्रिज में स्टोर करके रख सकते हैं।

2-आप अगर चार से छह महीने तक अदरक-लहसुन के पेस्ट को फ्रेश रखना चाहते हैं तो इसके लिए आप आइस ट्रे का उपयोग कर सकते हैं। पहले आप बिना पानी की मदद से पेस्ट बनाएं और आइस ट्रे में चम्मच की मदद से पेस्ट को भर दें। जब ये फ्रीज हो जाए तो इसे प्लास्टिक रैपर से रैप कर फ्रिजर में ही रहने दें। दूसरे दिन इसे एक-एक कर निकालें और एक बड़े जिप लॉक में रखें। जब आपको जरूरत हो एक क्यूब निकालें और खाना बनाने में प्रयोग करें।

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क्या तीसरी लहर की हो चुकी शुरुआत? ओमिक्रॉन कोरोना संक्रमण मुंबई 70%, दिल्ली में 50% बढ़े

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बढ़ते संक्रमण के बीच मंत्रिपरिषद के साथ पीएम मोदी की बैठक चुनावी राज्यों की स्थिति पर चर्चा संभव

दिल्ली में येलो अलर्ट के बाद शादी और अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों की संख्या को घटा दिया गया है. इसके अलावा ट्रांसपोर्ट को लेकर भी कई पाबंदियां लगाई गई हैं.

कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रोन…एक बार फिर लोगों की दहशत बढ़ा रहा है. क्योंकि जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है, ओमिक्रोन का संक्रमण रफ्तार पकड़ रहा है.

देश में ओमिक्रोन की स्थिति

कोरोना के वेरिएंट ओमिक्रोन (Omicron Variant) ने लोगों की टेंशन बढ़ा दी है. महाराष्ट्र और दिल्ली दो ऐसे राज्य हैं जहां ओमिक्रोन के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. ओमिक्रोन अब तक देश के 22 राज्यों में फैल चुका है और इसके कुल 655 मामले अब तक सामने आ चुके हैं. महाराष्ट्र में इसके 167 केस सामने आ चुके हैं जबकि दिल्ली में 165 मामले दर्ज हुए हैं.

दूसरे राज्यों की बात करें तो केरल में 57, तेलंगाना में 55, गुजरात में 49 और राजस्थान में 46 मामले सामने आए हैं. इसके अलावा, तमिलनाडु में 34, कर्नाटक में 31, मध्य प्रदेश में 9 और ओडिशा में 8 लोग ओमिक्रोन से संक्रमित हो चुके हैं. पुडुचेरी में भी ओमिक्रोन ने दस्तक दे दी है. वहां 2 लोग संक्रमित पाए गए हैं.

2 दिसंबर को देश में ओमिक्रोन का पहला केस आया था. 18 दिसंबर को 16 दिन में 100 केस हो गए. तीन दिन बाद 21 दिसंबर को 200 केस. फिर 2 दिन बाद 23 दिसंबर को 300 केस हो गए. फिर 2 दिन बाद 25 दिसंबर को 400 केस, अगले 2 दिन बाद 27 दिसंबर को 500 केस और फिर 1 दिन बाद 28 दिसंबर को 600 केस पार हो गए. यानि एक से 100 केस होने में 16 दिन लगे लेकिन 100 से 600 केस पार होने में सिर्फ 10 दिन का वक्त लगा. मतलब साफ है, ओमिक्रोन को हल्के में नहीं लेना चाहिए.

दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एक बार फिर पाबंदियों का दौर शुरू हो गया है. कोरोना वायरस और ओमिक्रोन पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने येलो अलर्ट लागू कर दिया है. इसके तहत शादी और अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले व्यक्तियों की संख्या घटा दी गई है. आइए जानते हैं अब दिल्ली में शादी समारोह में कितने लोग शामिल हो सकते हैं.

शादी में इतने लोगों को मिलेगी इजाजत

नई गाइडलाइंस के मुताबिक अब दिल्ली में शादी समारोह में सिर्फ 20 लोग ही शामिल हो सकेंगे. वहीं इसी तरह अंतिम संस्कार में भी 20 ही लोगों को शामिल होने की अनुमित दी जाएगी. वहीं धार्मिक स्थल खुले रहेंगे लेकिन यहां श्रद्धालुओं के आने पर पाबंदी लगाई जाएगी. साथ ही किसी भी सामाजिक, राजनैतिक और धार्मिक गतिविधियों पर भी रोक लगाई गई है.

ट्रांसपोर्ट को लेकर ये हैं नए नियम

वहीं कोविड केस बढ़ने के साथ ही ट्रांसपोर्ट को लेकर भी नए नियम बनाए हैं. नए नियमों के मुताबिक दिल्ली में टैक्सी, ऑटो, रिक्शा और ई-रिक्शा में दो ही लोगों को बैठने की इजाजत मिलेगी. इसके अलावा एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वाली बसों में पचास फीसदी क्षमता के साथ ही यात्रियों को बैठने की अनुमति मिलेगी. 

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ट्यूनीशियाई की पहली महिला पीएम Romdhane, जाने बहा की महिलाओ की हालत

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डिजिटल भारत I ट्यूनिशिया के राष्ट्रपति ने बुधवार को एक ऐतिहासिक ऐलान किया। उन्होंने देश की पहली महिला प्रधानमंत्री को नामित किया। राष्ट्रपति ने उनके पूर्वाधिकारी को बर्खास्त किए जाने के बाद एक अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए इंजीनियरिंग स्कूल की टीचर 63 साल की Najla Bouden Romdhane को इस पद के लिए चुना है। अरब देशों में यह पहली बार है जब किसी महिला को देश की कमान संभालने के लिए मिली है। शायद इसीलिए इन देशों में महिलाएं खुद पूरी तरह से स्वतंत्र नहीं हैं क्योंकि उनका नेतृत्व हमेशा से पुरुषों ने किया। खैर.. जो सुर्खियां बनीं उनमें इसे ‘हैरान करने वाला फैसला’ बताया। आज जानेंगे कि क्या वाकई अरब की दुनिया में महिलाओं की स्थिति इतनी बुरी हो चुकी है कि एक महिला का प्रधानमंत्री बनना सभी को हैरान कर रहा है?

इंजीनिरिंग कॉलेज में प्रफेसर

पहली महिला पीएम Romdhane का जन्म देश के केंद्रीय प्रांत कैरौआन में हुआ था। वह नेशनल स्कूल ऑफ इंजीनियर्स में Geology की प्रफेसर हैं। आधिकारिक ट्यूनीशियाई न्यूज एजेंसी के मुताबिक प्रधानमंत्री बनने से पहले उच्च शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्रालय ने उन्हें विश्व बैंक के साथ मिलकर कार्यक्रमों को लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। 2011 में उन्हें उच्च शिक्षा मंत्रालय में ‘गुणवत्ता’ के लिए महानिदेशक के पद पर नियुक्त किया गया।

दुनिया के विकसित देशों के साथ कदमताल करने के लिए कुछ अरब देश महिलाओं के लिए अवसर के दरवाजे खोज रहे हैं। हालांकि इसके पीछे इन देशों का स्वार्थ भी छिपा हुआ है। कर्मचारियों और मजदूरों को लेकर अरब देश आत्मनिर्भर होना चाहते हैं। सऊदी अरब ने 2030 तक 30 फीसदी महिला कर्मचारियों का लक्ष्य रखा है ताकि इसके लिए उन्हें प्रवासियों पर निर्भर न होना पड़े। कुवैत में महिला कर्मचारियों की संख्या पुरुषों से ज्यादा है। वहीं खाड़ी में उच्च शिक्षा में महिलाएं की आबादी पुरुषों से अधिक है। महिलाओं की बेहतर स्थिति को लेकर जिस अरब की हम बात कर रहे हैं उसका मतलब खाड़ी क्षेत्र (GCC) से है। जहां महिलाएं सरकार में शामिल होती हैं और राजनीतिक फैसले लेती हैं।

महिलाओं की दूसरी तस्वीर जो मिडिल ईस्ट से नजर आती है वह इससे काफी अलग है। आज भी महिलाएं यहां कई तरह के सामाजिक और कानूनी प्रतिबंधों का सामना कर रही हैं। The Conversation की एक रिपोर्ट में पाया गया कि आज भी वे घरों पर ‘पारंपरिक महिलाओं’ की भूमिकाएं निभाने की मजबूर हैं। खाड़ी अरब में महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए 1930 में हुई तेल की खोज को काफी हद तक जिम्मेदार माना जा सकता है।

2015 में मिला वोटिंग का अधिकार

भारत या अन्य लोकतांत्रिक देशों की तरह सऊदी अरब में मूलभूत अधिकार महिलाओं को जन्म से नहीं मिले। इसके लिए उन्हें लंबा संघर्ष करना पड़ा। 1961 में लड़कियों के लिए पहला सरकारी स्कूल खुला और 1970 में पहली यूनिवर्सिटी। 2005 में देश ने जबरन विवाद पर रोक लगाई और 2009 में पहली सरकारी मंत्री की नियुक्ति की गई। साल 2012 में ओलंपिक की टीम में महिला एथलीट्स को जगह दी गई और वे बिना स्कार्फ के मैदान पर उतरीं। 2013 में उन्हें साइकिल चलाने के लिए मंजूरी मिली लेकिन इस दौरान उनके साथ किसी पुरुष का होना और पूरे कपड़े पहने होना जरूरी था।

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दिल्ली के कुछ बेहद खूबसूरत चर्च यहाँ की सजाबट देखले लायक

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क्रिसमस जीसस क्रिस्ट के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। जीसस क्रिस्ट को भगवान का बेटा कहा जाता है। क्रिसमस का नाम भी क्रिस्ट से पड़ा। बाइबल में जीसस की कोई बर्थ डेट नहीं दी गई है, लेकिन फिर भी 25 दिसंबर को ही हर साल क्रिसमस मनाया जाता है। इस तारीख को लेकर कई बार विवाद भी हुआ। लेकिन 336 ई। पूर्व में रोमन के पहले ईसाई रोमन सम्राट के समय में सबसे पहले क्रिसमस 25 दिसंबर को मनाया गया। इसके कुछ सालों बाद पोप जुलियस ने आधिकारिक तौर पर जीसस के जन्म को 25 दिसंबर को ही मनाने का ऐलान किया।

इस बार क्रिसमस डे का सेलिब्रेशन कुछ अलग होगा। कोरोना महामारी के चलते कई देशों में क्रिसमस तक लॉकडाउन लगा दिया गया है। वहीं, सुरक्षा के लिहाज से कई क्रिसमस पार्टी स्पोट पर भी पाबंदी लगा दी गई है। ऐसे में क्रिसमस फेस्टिवल का रंग कुछ अलग देखने को मिलेगा लेकिन दोस्तों और परिवार के साथ क्रिसमस का त्योहार खुशियों भरा ही रहेगा। सभी अपने हिसाब से इस दिन को खास बनाने के लिए अरेंजमेंट कर चुके हैं।

क्रिसमस सेलेब्रेशन को यादगार बनाने की एक वजह ये भी है कि दिल्ली के चर्च बेहतरीन चर्चों में से एक माने जाते हैं. क्रिसमस को स्पेशल बनाने के लिए पर्यटक यहां पहले से घूमने की तैयारी करने लगते हैं. अगर आप भी अपने दिन को खास बनाना चाहते हैं, तो अपनी घूमने की लिस्ट में दिल्ली के इन मशहूर चर्चों को भी शामिल कर सकते हैं.

सेंट अल्फोंसा चर्च शहर के सबसे खूबसूरत स्थानों में से एक है, जो वसंत कुंज के फार्महाउस के बीच बसा हुआ है. हरी-भरी हरियाली के बीच स्थित इस चर्च का नाम संत अल्फोंसा के नाम पर रखा गया है. बता दें कि 2002 में बनाया गया सेंट अल्फोंसा चर्च के अंदरूनी हिस्सों में बहुत खुबसूरत कलाकृति है. स्थापत्य की नक्काशी और प्रतिमाएं मंत्रमुग्ध करने वाली व सौंदर्यपूर्ण लगती हैं

दिल्ली के गोल मार्किट में स्थित ‘सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल चर्च’ शहर के सबसे ख़ूबसूरत और फ़ेमस चर्चों में से एक है. क्रिसमस के समय और उसके दौरान ये चर्च पर्यटकों से भरा रहता है. ख़ासकर क्रिसमस के मौके पर यहां का माहौल देखने लायक होता है. इस दौरान चर्च परिसर में एक बड़ी सी स्‍क्रीन भी लगाई जाती है, जहां विजिटर्स चर्च के अंदर चल रही गतिविधियों को देख सकते हैं

दिल्ली के कश्मीरी गेट इलाक़े में स्थित ‘सेंट जेम्स चर्च’ दिल्ली का सबसे पुराना चर्च है. 19 वीं शताब्दी में बना सेंट जेम्स चर्च सबसे पुराने चर्चों में से एक है और पर्यटन के लिए एक प्रमुख स्थल है. बताया जाता हा कि इसकी स्थापना 1836 में हुई थी. ये कश्मीरी गेट के चहल-पहल के बीच एक हरे-भरे क्षेत्र में स्थित है.

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कमाल साहस दिखते हुए 12 घंटे बर्फीले पानी में तेर कर बचाई अपनी जान

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डिजिटल भारत I अफ्रीकी देश मेडागास्कर में एक बचाव दल का हेलीकॉप्टर समुद्र में क्रैश हो गया. इस हेलिकॉप्टर पर देश के पुलिस मामलों के मंत्री सर्ज गेले भी सवार थे. हेलीकॉप्टर क्रैश होने के बाद मंत्री सर्ज गेले करीब 12 घंटे तक समुद्र में तैरते रहे और आखिरकार अपनी जान बचाने में कामयाब रहे. जानकारी के मुताबिक बचाव दल का यह हेलीकॉप्टर देश के पूर्वोत्तर तट पर एक यात्री जहाज के डूबने के बाद राहत और बचाव के लिए गया था. जहाज पर 130 यात्री सवार थे  इस क्रैश में दो लोग जिंदा बच  जिंदा बच सके हैं जबकि 39 लोगों के मरने की पुष्टि की गई हैI

पुलिस और बंदरगाह के अधिकारियों ने बताया कि सोमवार की दुर्घटना के बाद से दो अन्य यात्रियों की तलाश जारी थी. दुर्घटना के कारणों का अभी तुरंत पता नहीं  नहीं चल पाया है. बंदरगाह प्राधिकरण के प्रमुख जीन-एडमंड रैंडियनेंटेनैना ने कहा कि सर्ज गेल और एक साथी पुलिस अधिकारी मंगलवार सुबह समुद्र के किनारे के किनारे के शहर महंबो में अलग-अलग जगहों पर तैरकर पहुंचेI

मेडागास्कर रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक वीडियो में गेल ने कहा, भगवान का शुक्रिया कि मैं बच गया। मेरे मरने का समय नहीं आया था। मुझे ठंड लग गई है लेकिन मैं घायल नहीं हूं।

उन्होंने कहा कि वह 24 घंटे के भीतर काम पर वापस लौट जाएंगे और इस हादसे में उनका उनका फोन गुम हो गया। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक हेलीकॉप्टर हादसे के पीछे की वजह का पता नहीं चल पाया है। गेले को कहना है कि हवा के झोंको ने हेलीकॉप्टर को अस्थिर कर दिया था I

राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना ने मरने वालों के प्रति शोक भी व्यक्त किया था. यह स्पष्ट नहीं है कि सोमवार की दुर्घटना क्यों और कैसे हुई लेकिन 57 वर्षीय मंत्री सर्ज गेले ने कहा कि दुर्घटना के बाद वह रात 7:30 बजे से सुबह 7:30 बजे तक तैरकर महंबो पहुंचे. उन्होंने महंबो के ग्रामीणों से कहा, ”उन्हें कोई चोट नहीं आई है लेकिन उन्हें काफी ठंड लग रही है. मैं चाहूंगा कि आप इस वीडियो को मेरे परिवार के लिए, मेरे सहयोगियों को देखने के लिए, सरकारी सदस्यों को देखने के लिए प्रसारित करें कि मैं जीवित हूं और ठीक हूं. सर्ज गेले ने अगस्त में मंत्री के रूप में नियुक्ति से पहले तीन दशकों तक पुलिस में सेवा की थी I

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सहारा भुगतान जन आंदोलन पर डिजिटल भारत से ख़ास चर्चा

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डिजिटल भारत I आप सब को विदित है कांग्रेस पार्टी एवं निवेशक अभिकर्ता हितकारी संघ के तत्वाधान में सहारा पैराबैंकिंग के ख़िलाफ़ आंदोलन जारी है। इस श्रृंखलाबद्ध आंदोलन के तेहेत आज सिहोरा में सहारा इंडिया के बंद पड़े कार्यालय के समक्ष पोस्टकार्ड अभियान प्रारंभ किया गया। पोस्टकार्ड अभियान के तेहेत जबलपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री राकेश सिंह जी एवं देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी तक जबलपुर के सहारा निवेशक पोस्टकार्ड के माध्यम से हज़ारो की तादाद में अपनी भावनाएं पहुचाएंगे I

डिजिटल भारत से रमेश मिनोचा ने कांग्रेस के महासचिव सौरभ  नाटी शर्मा से चर्चा की  सहारा इंडिया के खिलाफ विगत कई माह से काग्रेस के द्वारा श्रृंखलाबद्ध आन्दोलन किया जा रहा है। चरणबद्ध आन्दोलन के तहत ‘‘निवेशक जन की बात’’ अभियान पिछली 10 तारीख से सिहोरा में प्रारम्भ किया गया। हमारे द्वारा रांझी में 5 दिवशीय कार्यक्रम कांग्रेस ब्रंiच में प्रारंभ किया गया जो कि 5 दिवसीय कार्यक्रम था

                कुछ दिनों पहले  सहारा राझी ब्रांच में सैकड़ों की तदाद में सहारा निवेशक उपस्थित हुए, हमारे इस अभियान का हिस्सा बनते हुए उन निवेशकों ने अपनी भावनायें एवं गुस्सा पोस्ट कार्ड में लिखकर जबलपुर लोकसभा के सांसद श्री राकेश सिंह एवं देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से दर्ज कराई। अभियान के दौरान बहुतायत में निवेशक मौजूद रहे, जो कि दो जून की रोटी के लिए संघर्ष करते है। इन निवेशकों ने अपनी खून पसीने की कमाई सहारा इंडिया कम्पनी में यह सोच कर जमा कराई की आवश्यकता के समय उनका पैसा काम आयेगा। मगर सहारा इंडिया की लूट के चलते उनका भुगतान खतरे में पड़ा है और विडम्बना पूर्ण बात यह है कि जबलपुर के लगभग तीन लाख घरों को प्रभावित करने वाले इन मुद्दों पर जन प्रतिनिधि सोये हुए है। हमारा यह अभियान उन जबावदार जन प्रतिनिधियों को जगाने का है जिसके लिए हम जबलपुर जिले के समुचे सहारा कार्यालयों में ‘‘सहारा जन की बात”कार्यक्रम चला रहे है।

डिजिटल भारत से इस खास वर्ता में सौरभ नाटी शर्मा ने ये अपील करते हए कहा  शहर के जिम्मेदार लोग  सामने आये और इस मामले में की पड़ताल करने और उचित कार्यवाही करने का प्रयास कर सौरव शर्मा ने डिजिटल भारत  से चर्चा के दौरान बताया कि यह आंदोलन लगातार जारी रहेगा , जब तक लोगों को राहत नहीं मिलती हैं

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कलेक्टर जबलपुर एवं पुलिस अधीक्षक जबलपुर ने सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने हेतु यातायात व्यवस्था के संबंध में ली बैठक, दिये सम्बंधित एजेन्सियों को आवयश्क कार्यवाही हेतु निर्देश

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            डिजिटल भारत I आज दिनांक 14-12-21 को गोरखपुर ट्रैफिक डाटा सेंटर में  कलेक्टर जबलपुर श्री कर्मवीर शर्मा (भा.प्र.से.) एवं पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री सिद्धार्थ बहुगुणा (भा.पु.से.) द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने हेतु यातायात व्यवस्था के संबंध में एक  बैठक ली गई।

               बैठक में जिला जबलपुर में हो रही सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने हेतु चिन्हित किये गये ब्लैक स्पॉट एवं दुर्घटना जन्य स्थानों पर आवश्यक सुधार कार्य किए जाने हेतु संबंधित एजेंसियों को निर्देशित किया गया।

                शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए आम रोड एवं पार्किंग स्थलों पर किए गए अतिक्रमण को हटाया जाएगा। शहर के सभी मुख्य चौराहों का निरीक्षण किया जाकर उसमें आवश्यक सुधार कार्य जैसे सिग्नल व्यवस्था, लेफ्ट टर्न इत्यादि बनाए जाएंगे।

                 जबलपुर शहर के यातायात को सुगम एवं सुरक्षित बनाने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात श्री संजय कुमार अग्रवाल द्वारा प्रजेंटेशन के माध्यम से सभी एजेंसियों को अवगत कराया गया।

                 उपरोक्त बैठक में स्मार्ट सिटी सी.ई.ओ. श्रीमति निधि राजपूत, अपर कलेक्टर श्री राजेश बाथम, प्रोजेक्ट मैनेजर एन.एच.ए.आई. श्री सुमेश बांझल, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर पीडब्ल्यूडी श्री शिवेंद्र सिंह, श्री सागर बोरकर, सीईओ जे.सी.टी.एस.एल. श्री सचिन विश्वकर्मा उपस्थित रहे।

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बंगाल में मिला पहला ओमीक्रॉन केस 7 साल के बच्चे की रिपोर्ट आई पॉजिटिव

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डिजिटल भारत I भारत में ओमिक्रॉन 10 राज्यों में पहुंच चुका है. यहां बुधवार को कोरोना के नए वैरिएंट के तेलंगाना में 3 केस और प बंगाल में 1 केस मिला. देश में अब तक 65 केस सामने आ चुके हैं. सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र में मिले हैं. यहां अब तक 28 केस सामने आ चुके हैं

पश्चिम बंगाल में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने दस्तक दे दी है. यहां मुर्शिदाबाद में 7 साल का बच्चा ओमिक्रॉन से संक्रमित मिला है. यह बच्चा हाल ही मे संक्रमित मिला है. यह बच्चा हाल ही में अबू धाबी से हैदराबाद लौटा था. बच्चा 10 दिसंबर को अबू धाबी से हैदराबाद पहुंचा था. 

भारत में 10 राज्यों में पहुंचा ओमिक्रॉन

भारत में ओमिक्रॉन 10 राज्यों में पहुंच चुका है. यहां बुधवार को कोरोना के नए वैरिएंट के तेलंगाना में 3 केस और यहां बुधवार को कोरोना के नए वैरिएंट के तेलंगाना में 3 केस और प बंगाल में 1 केस मिला. देश में अब तक 65 केस सामने आ चुके हैं. सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र  में मिले हैं. यहां अब तक 28 केस सामने आ चुके हैं. इसके अलावा राजस्थान में 17, कर्नाटक में 3, गुजरात में 4, केरल में 1 और आंध्रप्रदेश में 1, दिल्ली में  में 6, तेलंगाना में 3, प बंगाल में 1 और चंडीगढ़ में 1 केस सामने आया है. खास बात ये है कि ओमिक्रॉन से संक्रमित ज्यादातर लोग वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं.

ओमिक्रॉन वैरिएंट पर विश्व स्वास्थ्य संगठन लगातार लोगों को आगाह कर रहा है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में WHO ने इस वैरिएंट पर नई चेतावनी देते हुए कहा कि कोरो  कोरोनावायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन जिस तेजी से फैल रहा है, वैसा पहले कभी नहीं देखा गया है. पूरी दुनिया में इसके मामले अभूतपूर्व तरीके से बढ़ रहे हैं  रहे हैं. अब तक 77 देशों में इस जबरदस्त म्यूटेटेड वैरिएंट के कंफर्म केस सामने आ चुके हैं. WHO प्रमुख टेड्रोस ने एक प्रेस  ब्रीफिंग में कहा कि इस वैरिएंट के कई अन्य देशों में भी मौजूद होने की संभावना है, जिन्होंने अभी तक इसका पता नहीं लगाया है.

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आगई है ओला बाइक सिर्फ 499 में बुक कर सकते है बाइक

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डिजिटल भारत I ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर  की डिलिवरी का इंतजार कर रहे हजारों लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी आ रही है। जी हां, लंबे समय से लोग ओला एस1 और ओला एस1 प्रो इलेक्ट्रिक स्कूटर की डिलिवरी का इंतजार कर रहे हैं और अब ओला इलेक्ट्रिक के सीईओ और को-फाउंडर भाविश अग्रवाल ने ट्वीट कर बताया है कि इस महीने 15 दिसंबर से ओला इलेक्ट्रिक के दोनों धांसू इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की डिविलरी शुरू हो जाएगी और इस बार देरी नहीं होगी।

ओला ने इस साल अगस्त में अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर को दो वैरिएंट में लॉन्च किया था. ओला ने ग्राहकों को 499 रुपये में अपने इलेक्ट्रिक स्कूटरों की बुकिंग की बुकिंग की सुविधा दी थी.

कंपनी के सीईओ भाविश अग्रवाल  ने प्लांट से रवाना हुई एक खेप की तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट किया. उन्होंने इसके ”गाड़ी निकल चुकी.” इससे कुछ ही रोज पहले अग्रवाल ने कहा था कि ओला एस1  और ओला एस1प्रो  की डिलीवरी 15 दिसंबर से शुरू हो जाएगी. ओला ”गाड़ी निकल चुकी.” इससे कुछ ही रोज पहले अग्रवाल ने कहा था कि ओला एस1  और ओला एस1प्रो की डिलीवरी 15 दिसंबर से शुरू हो जाएगी. ओला बुकिंग करने वाले ग्राहकों को कुछ शहरों में टेस्ट ड्राइव की सुविधा भी दे रही है.

इतनी है कीमत

ओला ने इस साल अगस्त में अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर को दो वैरिएंट में लॉन्च किया था. ओला ने ग्राहकों को 499 रुपये में अपने इलेक्ट्रिक स्कूटरो की बुकिंग की सुविधा दी थी. कंपनी ने उसके बाद दावा किया था कि उसे महज दो दिन में 1,100 करोड़ रुपये की बुकिंग मिली थी. ओला ने एस1 की एक्स-शोरूम कीमत 99,999 रुपये और एस1प्रो की कीमत 1,29,999 रुपये तय की है.

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ऐसे करे बालो की देख भाल रखे इन चीजों का ख्याल

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डिजिटल भारत I बालों की देखभाल एक ऐसी चीज है जिसे नियमित रूप से किया जाना चाहिए। हालांकि सर्दियों के दिन में आलसी महसूस करना आम बात है लेकिन इस मौसम में ही बालों की देखभाल और अधिक बढ़ जाती है। रूसी होना, बालों का रखा होना या स्कैल्प पर खुजली होना आदि आम समस्याए हैं जो कि सर्दियों में आपके दरवाजे पर दस्तक दे सकती हैं।

अगर आप सही तरीके से बाल धोती हैं तो आपके बाल, स्वस्थ, बाउंसी और मुलायम रहते हैं, लेकिन अगर आप इन्हें सही तरीके से नहीं धोती हैं तो ये रूखे, बेजान, फीके दिखाई दे सकते हैं। कंसल्टेंट डर्मैटोलॉजिस्ट डॉ अमरेंद्र कुमार बता रहे हैं कुछ टिप्स जिनका आपको शैम्पू करते वक्त ध्यान रखना चाहिए-

सही हेयर ऑयल चुनें

जबकि बाजार में बहुत से हेयर ऑयल उपलब्ध हैं, कोकोनट-बेस्ड हेयर ऑयल हमेशा बेहतर होते हैं। ये न केवल सभी प्रकार के बालों के सही रहते हैं, बल्कि इनके ढेरों फायदे भी हैं। साइंस की बात करें तो कोकोनट-बेस्ड हेयर ऑयल कुछ मोलीक्यूल्स से भरपूर होता है जो बालों की जड़ों के साथ-साथ स्कैल्प में बालों की जड़ों में भी आसानी से प्रवेश कर जाता है।

इसके अतिरिक्त, नारियल तेल में अच्छी मात्रा में लॉरिक एसिड होता है, जो स्कैल्प के स्वास्थ्य में सुधार और बालों के झड़ने को कम करने के लिए जरूरी है। साथ ही, नारियल तेल की सुगंध में विशेष गुण होते हैं जो तनाव से राहत और दिमाग को शांत करने में मदद करते हैं।

इससे पहले कि आप अपने बालों में तेल लगाना शुरू करें, उलझे बालों को सुलझाने के लिए चौड़े दांतों वाली कंघी से धीरे से कंघी करें। बाल अच्छे से सुलझ जाने के बाद ही तेल बनाएं।

गीले बाल या सूखे बाल- किस पर लगाएं तेल

जहां तक गीले या सूखे बालों में तेल लगाने की बात है, कोई इसका कोई स्ट्रिक्ट रूल नहीं है। दोनों तब तक ठीक हैं जब तक आपकी स्कैल्प साफ है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि तेल अच्छी तरह से एब्सोर्ब हो गया है। हालांकि, नारियल तेल के मामले में, हम सूखे बालों में तेल लगाने की सलाह देते हैं ताकि तेल के बड़े अणु आसानी से स्कैल्प में पेनिट्रेट कर सकें।

बालों को धोने के साथ-साथ इन्हें सुखाने के तरीके का असर भी इनकी हेल्थ पर होता है। अगर आप अपने बालों को एक तंग तौलिये में लापरवाही से बांध कर सुखाते हैं तो बता दें कि यह आपके बालों को डैमेज कर रहा है। अपने बालों को सुखाने के लिए कॉटन टॉवल या कॉटन टी-शर्ट का इस्तेमाल करना सबसे अच्छे तरीकों में से एक है; इनकी नरम बनावट कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगी। अपने बालों को तौलिए से सुखाते समय जेंटल रहें और इसे बहुत जोर से रगड़ने से बचें। यह केवल बालों को नुकसान पहुंचाएगा।

कंडीशनर है जरूरी

अगर आपको लगता है कि आपके बालों को कंडिशन करना समय की बर्बादी है तो फिर से सोचें। हम यकीन से कह सकते हैं कि आपके बेहतर दिखेंगे। कंडीशन करने से पहले अपने बालों से शैम्पू को अच्छे से निकाल लें। और अपने बालों से अतिरिक्त पानी को निकाल लें। इसके बाद, आप जितनी देर तक कंडीशनर को अपने बालों पर लगा रहने देंगी, आपके लिए उतना ही अच्छा होगा। यह समय के साथ बेहतर अब्सॉर्ब होगा। इसके बाद कंडीशनर को बालों से निकालने के लिए इन्हें अच्छे से धो लें।

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