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एक भारत उत्कृष्ट भारत

सीएम मोहन यादव का बड़ा फैसला, ट्रक ड्राइवर से ‘औकात’ पूछने वाले शाजापुर कलेक्टर को हटाया, ऋजु बाफना बनीं नई कलेक्टर

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डिजिटल भारत l मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बड़ा फैसला लेते हुए शाजापुर कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल को हटा दिया है। उनके स्थान पर ऋजु बाफना को शाजापुर का नया कलेक्टर बनाया गया गया है। बता दें कि एक दिन पहले कलेक्टर का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें ट्रक चालकों के साथ बैठक के दौरान वो गुस्से में एक ड्राइवर को डपटते हुए कह रहे थे कि ‘तुम्हारी क्या औकात है।’ ये वीडियो सामने आने के बाद अब राज्य सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए उन्हें हटा दिया है।

शाजापुर कलेक्टर पर गिरी गाज

शाजापुर कलेक्टर को हटाते हुए सीएम डॉ यादव ने कहा कि मंगलवार को शाजापुर में ट्रक ड्राइवर और जिला प्रशासन की बैठक में जिस प्रकार की भाषा बोली गई है, एक अधिकारी को ये भाषा बोलना उचित नहीं है। खासकर ये सरकार गरीबों की सरकार है। मोदी जी के नेतृत्व में हम गरीब उत्थान के लिए काम करते हैं। कोई कितना भी बड़ा अधिकारी हो, हर अधिकारी को सबके काम का सम्मान करना चाहिए और भाव का भी सम्मान करना चाहिए।, मनुष्यता के नाते ये भाषा हमारी सरकार में बर्दाश्त नहीं है।

सीएम ने कहा ‘मुझे पीड़ा हुई’

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं खुद मजदूर परिवार का बेटा हूं और इस तरह की बात कतई स्वीकार्य नहीं है। उन्होने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि आगे अधिकारी इस बात का ध्यान रखेंगे और अगर कोई इस प्रकार की भाषा का प्रयोग करता है तो उस अधिकारी को मैदान में रहने का अधिकार नहीं है। उन्होने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि अब जो अधिकारी आएंगे वो भाषा का और व्यवहार का ध्यान रखेंगे। सीएम यादव ने कहा कि उन्हें इस बात की बहुत पीड़ा हुई है और वो इसे कभी क्षमा नहीं करेंगे।.

चालकों से चर्चा करने के लिए बुलाई बैठक

गौरतलब है कि बस-ट्रक चालकों की हड़ताल के बीच मंगलवार को शाजापुर कलेक्ट्रेट में हड़ताल के चलते बने हालात से निपटने और वाहन चालकों से चर्चा करने के लिए बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में एक ड्राइवर ने कहा था कि तीन दिन तक हमारी हड़ताल है, इसके बाद हम कुछ भी करेंगे। इस पर कलेक्टर किशोर कन्याल भड़क गए थे। उन्होंने कहा था कि समझ क्या रखा है? क्या करोगे तुम, तुम्हारी औकात क्या है? ड्राइवर बोला कि हमारी यही तो लड़ाई है कि हमारी कोई औकात नहीं है। हालांकि बाद में ड्राइवर ने माफी मांग ली थी और मामला शांत हो गया था।

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नए साल में न करे ये काम, रखे इन बातो का ख़ास ख्याल

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डिजिटल भारत्त I नए साल के स्वागत की तैयारी हर कोई कर रहा है। नव वर्ष के आगमन के लिए लोग काफी उत्साहित होते हैं। उत्साह में धूमधाम से जश्न मनाते हैं। न्यू ईयर रिज़ॉल्यूशन बनाते हैं लेकिन अक्सर अधिक उत्साह में हमसे कुछ गलतियाँ हो जाती हैं, जिनके कारण साल की शुरुआत ही खराब होती है। नये साल पर घूमने जा रहे हों या घर पर पार्टी कर रहे हों, कुछ बातों को अवॉइड करें। वहीं साल की शुरुआत बेहतर तरीके से करें। आइये जानते हैं कि नये साल पर क्या करें और क्या न करें।
आधी रात को 12 अंगूर – साल भर के लिए सौभाग्य लाने के लिए हर महीने एक अंगूर।
सोचा: मैं सोच रहा हूं कि 12 औंस वाइन से काम चल सकता है, तो चलिए स्थानीय स्तर पर चलते हैं! इंजन हाउस 25 विभिन्न प्रकार की लाल और सफेद हस्तनिर्मित वाइन प्रदान करता है। मैं इस वर्ष चखने और चारक्यूरी बोर्ड के लिए रुकने की सलाह देता हूँ। यम!
पैसे कमाने की इस दुनिया की दौड़ और तनावपूर्ण इस जीवनशैली में हम अपने लिए जिना छोड़ देते हैं। नये साल में खुद को Importance देना सीखें और Life की हर छोटी और बड़ी खुशी का आनंद लें।

आपकी Life में जितना भी अच्छा Time आता है उसे अहसास करेंगे तो आप उनसे प्रेरित (Inspired) होंगे जिसके कारण आप उत्साह के साथ आगे बढ़ेंगे। New year में ये Promise करें कि आप आने वाले साल में खुद को वक्त देंगे और खुश रहेंगे।

आपके बटुए में नकदी होनी चाहिए – नए साल में समृद्धि का अनुभव करने के लिए, आपके बटुए में नकदी होनी चाहिए।
विचार: क्या इसमें वे सभी उपहार कार्ड और प्रमाणपत्र शामिल हैं जो मैंने अपने सभी स्थानीय पसंदीदा व्यवसायों का समर्थन करने के लिए अपने व्यक्तिगत मिशन में जमा किए हैं ? वे नकद समतुल्य हैं, है ना?

आधी रात को दरवाजे और/या खिड़कियाँ खोलें – पुराने साल और बुरी आत्माओं को बाहर आने दें।
विचार: थोड़ी ताजी हवा कभी दर्द नहीं देती; यह आपके घर को उस रात के खाने की गंध से छुटकारा दिलाने में भी मदद कर सकता है जो आपने एक रात पहले जलाया था। वे सभी आत्माएँ कहाँ समाप्त होती हैं? यह हॉन्टेड पिट्सबर्ग घोस्ट टूर का व्यवसाय है।

आपके घर में प्रवेश करने वाला पहला व्यक्ति – एक काले बालों वाला पुरुष सौभाग्य और उपहार लेकर दहलीज पार करने वाला पहला व्यक्ति होना चाहिए।
सोचा: आसान…मैं अपने बेटे को फोन करके कहूँगा, “अपनी माँ से मिलने आओ और मेरी पोती को अपने साथ ले आओ!” जहाँ तक मेरे उपहार की बात है, बेहतर होगा कि वह मेरी सूची में से कुछ स्थानीय हो ।

ये Life हर पल हमें कुछ सिखाती रहती है। Life में आने वाले हर पल अपने साथ नया अनुभव लेकर आते हैं। चाहे वह किसी घटना के रूप में हो या किसी व्यक्ति के रूप में। दुनिया का चाहे कोई भी व्यक्ति हो उसमे कुछ न कुछ कमी जरूर होती है कोई भी Perfect नहीं होता।

अगर आपकी किसी कमी या गलती को किसी के अच्छे व्यवहार या उसके अच्छे गुणों के कारण सुधरने का मौका मिलता है तो उससे वह चीज ग्रहण करने और सीखने में जरा भी संकोच न करें।

आने वाला New Year आपके लिए एक अच्छा अवसर है खुद की लाइफ को अच्छा बनाने का। नए साल में अपने लक्ष्य को निर्धारित कर लें और पूरी शक्ति के साथ उसे हासिल करने के लिए कोशिश करते रहें।
New Year में आप बुरे विचारों (Negetive Thoughts) को अपने दिमाग में आने से रोकना सीखें हमेशा Positive सोचें। आप जो भी ज्यादा सोचते हैं वो सब आपकी लाइफ में घटित हो जाता है। Life के लिए सकरात्मक दृष्टिकोण (Positive Outlook) हमें हर परिस्थिति में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित (Inspired) करता है।

हमेशा निराश रहना Life के लिए अभिशाप बन जाता है इसलिए Life को हमेशा Positivity के साथ जिएं अपने दिमाग मे Negetivity को निकाल दें। नये साल में अपने दिमाग को अच्छे संकेत भेजे ताकि Life में अच्छा घटित हो।

बीते साल में जो आप हासिल नहीं कर पाए उसको सोच सोच कर दुखी और नए साल में निराश रहना छोड़ दें क्योंकि आप जितना उस चीज के बारे में सोचते रहेंगे आप उतना ही आगे के बारे में नहीं सोच पाएंगे।

इसीलिए पछताना छोड़ कर New Year में नए अवसर खोजें। अगर आप नए रास्ते खोजने में अपना ध्यान केंद्रित करेंगे तो ये प्रकृति आपके लिए नए अवसर जरूर ले कर आएगी। जो बीत गया उस पर पछताना छोड़ कर Naye Saal Me Kya Karna Chahiye उस के बारे में सोचें।

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नागरिकों को दिलाया देश को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प -: विकसित भारत संकल्प यात्रा

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डिजिटल भारत l केन्द्र सरकार द्वारा संचालित विकसित भारत संकल्प यात्रा के अंतर्गत आज रविवार को भी शहर में दो
स्थानों बादशाह हलवाई मंदिर एवं रजक धर्मशाला के पास शिविर आयोजित किये गये। यात्रा के तहत बादशाह
हलवाई मंदिर में आयोजित शिविर में जहां विधायक राकेश सिंह भी शामिल हुए, वहीं कांचघर के पास स्थित रजक
धर्मशाला में आयोजित शिविर में पूर्व मंत्री अंचल सोनकर मौजूद रहे और कई हितग्राहियों को शासन की जन कल्याण की योजनाओं का लाभ अपनी उपस्थिति में दिलाया।
बादशाह हलवाई मंदिर के शिविर में विधायक राकेश सिंह ने अधिकारियों से कहा कि शासन की
योजनाओं से कोई पात्र वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सभी वर्गों को लाभांवित करने की
सोच के साथ योजनायें संचालित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में विकास के अभूतपूर्व कार्य भी
हुये हैं। विकसित भारत संकल्प यात्रा इन योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने तथा नवाचारी
योजनाओं से देश मे हुये विकास की जानकारी देने के उद्देश्य से संचालित की जा रही है।
शासन की कोई भी योजना हो हर पात्र व्यक्ति को इसका लाभ मिलना चाहिए। कोई भी पात्र व्यक्ति शिविर से
निराश होकर न लौटे और उन्हें कोई भी असुविधा न हो इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिये। इस अवसर
पर उन्होंने शिविर में बड़ी संख्या में उपस्थित नागरिकों को देश को विकसित राष्ट्र बनाने तथा देश की संस्कृति,
गौरव और अखंडता को बनाये का संकल्प दिलाया।
विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत शहर में रविवार को आयोजित किये गये दोनों शिविरों में बड़ी
संख्या में क्षेत्रीय नागरिकों और हितग्राहियों को केंद्र एवं राज्य शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने
अपना पंजीयन कराया । कई हितग्राहियों को मौके पर ही योजनाओं के तहत हितलाभों का वितरण भी किया गया
। शिविरों में जहाँ प्रचार रथ के माध्यम से स्थानीय नागरिकों को केन्द्र एवं राज्य शासन की जनकल्याणकारी
योजनाओं की जानकारी दी गई, वहीं इन योजनाओं का लाभ लेने से शेष रह गये हितग्राहियों का पंजीयन किया
गया। शिविरों में कई हितग्राहियों को मौके पर ही योजनाओं का लाभ भी दिया गया।
शिविरों में आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना,
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, सामाजिक सुरक्षा एवं वृद्धावस्था
पेंशन योजना तथा बैंकों से जुड़ी प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री
जन-धन योजना, अटल पेंशन योजना एवं अटल पेंशन योजना के अलग-अलग स्टॉल लगाये गये थे। इन स्टालों पर
इन योजनाओं का लाभ लेने से शेष रह गये हितग्राहियों का पंजीयन किया गया।
शिविरों के दौरान स्थानीय नागरिकों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया। विभिन्न योजनाओं के
हितग्राहियों की ई-केवायसी करने, आधार लिंकिंग, आधार अपडेशन एवं आधार रजिस्ट्रेशन के लिये भी स्टॉल लगाये
गये थे। इसके साथ ही यात्रा के साथ चल रहे प्रचार रथ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सन्देश का प्रसारण किया
गया। लोगों को भारत को विकसित बनाने का संकल्प भी दिलाया गया। केंद्र शासन की योजनाओं का लाभ प्राप्त
कर चुके हितग्राहियों ने अपने अनुभव भी सुनाये।

शिविरों में पार्षद मालती चौधरी, शारदा कुशवाहा, राजकुमार पटैल, अविनाश चमकेल,
वर्षा मुकेश बिरहा, नगर निगम के अपर आयुक्त मनोज श्रीवास्तव एवं श्रीमती अंजू सिंह, कार्यपालन यंत्री कमलेश
श्रीवास्तव, संभागीय अधिकारी पवन श्रीवास्तव, वरिष्ठ समाजसेवी संदीप राठौर भी उपस्थित रहे ।

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मोहन की लीलाएं कृपा शिवराज पर पड़ेगी भारी

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डिजिटल भारत I मध्यप्रदेश में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद सरकार में नए नेतृत्व का उदय हुआ है. इसके बाद अनपेक्षित पॉलिटिकल मैसेजिंग का दौर चल पड़ा है. नए मुख्यमंत्री मोहन यादव की भाषण शैली, संवेदनशीलता, गवर्नेंस कैपेसिटी, लोकप्रियता और कार्यक्षमता का आकलन और विश्लेषण किया जा रहा है. यह सारा विश्लेषण 17 साल तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान के पैमाने पर किया जा रहा है. भले ही यह दोनों नेता तुलनात्मक आकलन के समर्थक और पक्षधर ना हों लेकिन प्रशंसक और अनुयायी तो इसी दिशा में जुटे हुए हैं.

सोशल मीडिया पर हर दिन नए-नए वीडियो और रील्स सामने आ रही हैं. इनमें निवर्तमान मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता और लोकप्रियता को हिमालय की ऊंचाई देते हुए नए नेतृत्व को जमीन पर भी नहीं मानने की भूल की जा रही है. मध्यप्रदेश में 2005 की परिस्थितियां फिर से दोहराई गई हैं. जब शिवराज सिंह चौहान को वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर प्रदेश का मुख्यमंत्री चुना गया था, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती बगावत के रास्ते पर आगे बढ़ गई थीं. उमा भारती को राज्य की राजनीति से बाहर जाना पड़ा था. समर्थक और प्रशंसक तो ऐसा ही माहौल बना रहे हैं कि मध्यप्रदेश में विजय के शिल्पकार को उसका हक नहीं दिया गया.

शिवराज सिंह चौहान लोकप्रियता के शिखर पर हैं. संगठन शक्ति के जीवंत स्वरूप शिवराज सिंह नई राजनीतिक परिस्थितियों में जिस राह पर आगे बढ़ रहे हैं, उसे कई लोग अस्वाभाविक मान रहे हैं. अगर 2005 में पहली बार सीएम बने शिवराज सिंह के शुरुआती कार्यकाल की तुलना नए मुख्यमंत्री मोहन यादव के शुरुआती कार्यकाल से की जाएगी, तब ही सही आकलन हो सकेगा.

मोहन यादव में मौलिकता दिखती है. भले ही वे बहुत लच्छेदार भाषण शैली के धनी ना हों लेकिन उनका ठेठ गंवईपन उनकी बड़ी ताकत दिखाई पड़ती है. मरीजों और रैनबसेरों में गरीबों से मिलने की उनकी शैली मौलिक और जीवन ऊर्जा से मेल खाती हुई देखी जा सकती है. जिस नेता ने मध्यप्रदेश की सत्ता की राजनीति में हिमालय की चोटी जैसा रिकॉर्ड स्थापित कर दिया है, उसकी तुलना नए नेतृत्व से करना उनके साथ नाइंसाफी होगी. हिमालय की चोटी पर चढ़ने के बाद सब को उतरना ही पड़ता है.

इसमें कोई संदेह नहीं है कि शिवराज सिंह की लोकप्रियता आज चरम पर है. सीएम पद पर उन्होंने अपनी कार्यशैली से जनता के बीच रिश्ते कायम किए हैं, जो भी रिश्ते हैं उनमें व्यक्तित्व के साथ ही पद का तेज भी शामिल रहा है. पद जाने के बाद पद की निस्तेज पीड़ा कई बार दिशाभ्रम पैदा कर देती है. एमपी की 16वीं विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के कृतज्ञता प्रस्ताव पर चर्चा के समय शिवराज सिंह चौहान सदन से अनुपस्थित रहे. हाल ही में हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में भी उनकी अनुपस्थिति चर्चा का विषय रही थी. अपनी शैली के मुताबिक, वे जनता के बीच लगातार जा रहे हैं. उनके बयान भी जिस तरह से सामने आ रहे हैं वे जाने अनजाने ऐसे संदेश दे रहे हैं जो पार्टी लाइन से थोड़े अलग दिखाई पड़ते हैं.

उनका पहला बयान ही कि ‘कुछ मांगने के लिए दिल्ली जाने से पहले मरना पसंद करेंगे’ सही परिक्षेप्य में नहीं लिया गया है. हो सकता है शिवराज सिंह चौहान जनप्रियता की अपनी लोकशैली के कारण स्वाभाविक रूप से यह सब कर रहे हों लेकिन विश्लेषण में तो इन्हें अस्वाभिक ही लिया जा रहा है. मध्यप्रदेश में इतने लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड अगर शिवराज चौहान ने बनाया है तो इसमें बीजेपी शीर्ष नेतृत्व खासकर नरेंद्र मोदी और अमित शाह का योगदान निश्चित रूप से है.

2005 के बाद हुए चुनाव में जीत के कारण चौहान को नेतृत्व दिया जाना तो स्वाभाविक था लेकिन 2018 में चुनावी पराजय के बाद भी कांग्रेस में बगावत के कारण जब सरकार बनाने का बीजेपी को मौका मिला उस समय भी भाजपा नेतृत्व ने शिवराज सिंह चौहान को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया था. इसलिए ऐसा विचार तो शायद सही नहीं होगा कि भाजपा नेतृत्व शिवराज को कमजोर करना चाहता है.

वक्त के साथ नेतृत्व में बदलाव और नयापन संगठन की ताकत होता है. जब शिवराज सिंह को मध्यप्रदेश का नेतृत्व दिया गया था तब तो परिस्थितियां और विकट थीं. उमा भारती की बगावत तक पार्टी को झेलनी पड़ी थी. फिर भी पार्टी चट्टान की तरह शिवराज सिंह चौहान के साथ खड़ी रही थी. ऐसे हालात में शिवराज के समर्थकों और प्रशंसकों को उनके भविष्य के प्रति चिंतित होकर जल्दबाजी में ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहिए जिसका पॉलीटिकल मैसेज किसी भी तरह से पार्टी के खिलाफ जाता हो.

कार्यकर्ता आधारित राजनीतिक दल में कोई वरिष्ठता और कनिष्ठता का प्रश्न नहीं होता. जो भी नेता चुन लिया जाता है वही सबका नेता होता है. जब बीजेपी ने 2005 में पिछली पायदान पर खड़े शिवराज सिंह चौहान की क्षमता और योग्यता को पहचान लिया था तब आज उनकी लोकप्रियता के शिखर पर होने के बाद क्या पार्टी उनकी सेवाओं का समुचित महत्व और उपयोग नहीं करेगी? ऐसा संभव नहीं है लेकिन राजनीति धैर्य का नाम है. सोशल मीडिया के कारण आजकल सारी गतिविधियां मूलरूप में प्रमाणिकता के साथ सार्वजनिक हो जाती हैं. इसके कारण राजनेताओं को ज्यादा संयम रखने की जरूरत है.

मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अब तक कामकाज से जो प्रशासनिक मैसेज दिया है, वह आशाजनक है. उनकी शैली आक्रामक हिंदुत्व की दिखाई पड़ रही है. बीजेपी की राष्ट्रीय लाइन को मजबूती के साथ आगे बढाने का उनका संकल्प साफ नजर आ रहा है. लाउडस्पीकर और मांस विक्रय की दुकानों के संबंध में जिस तरह के आदेश निकले हैं उससे यही संदेश जा रहा है कि मध्यप्रदेश में मोहन स्टाइल योगी स्टाइल से ही प्रेरित रहेगी.

विधानसभा में कृतज्ञता ज्ञापन में अपने पहले भाषण में उन्होंने यह साफ संदेश दिया है कि हिंदुत्व उनका एजेंडा होगा. राम मंदिर और कृष्ण जन्मभूमि पर जितनी स्पष्टता के साथ मोहन यादव ने अपना पक्ष रखा है, इस तरह पहले मध्यप्रदेश में किसी नेता ने अपनी बात नहीं कही. उनका व्यक्तित्व और छवि हिंदुत्व की लाइन से मेल खा रहा है.

सरकार में ब्यूरोक्रेट्स के फेरबदल से भी जो संकेत मिल रहे हैं उससे तो यही लगता है कि मोहन यादव ताकत के साथ सरकार चलाएंगे. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विश्वसनीय अफसरों को जिस तरह से पदों से हटाया गया है उससे भी यही पॉलिटिकल मैसेज जा रहा है कि सरकार पर मोहन यादव का ही नियंत्रण होगा. जो ब्यूरोक्रेट पॉलिटिकल रिलेशनशिप का उपयोग करना चाहेंगे उन्हें निराशा ही हाथ लगेगी.

नए मुख्यमंत्री शिवराज मंत्रिमंडल में उच्च शिक्षामंत्री रहे हैं. मंत्री के रूप में उनकी खींची गई कोई भी लकीर राजनीतिक हलकों में स्थापित नहीं रही है. यह भी हो सकता है कि मंत्री के रूप में विश्लेषकों की नजर उनके कामकाज पर नहीं रही हो लेकिन अब तो सारी नजरें मोहन यादव की तरफ ही देख रही हैं. इसमें समर्थकों की भी नजरें हैं और विरोधियों की टेढ़ी नज़रें भी हैं. उनके सामने शिवराज की लोकप्रियता और छवि की चुनौती तो हमेशा बनी रहेगी. उन्हें अपना मार्ग स्वयं बनाना होगा.

वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने विधानसभा में नए मुख्यमंत्री की शैक्षणिक योग्यता, संगठन क्षमता और कर्मठता को लेकर बेहतर ढंग से विचार व्यक्त किए हैं. नए मुख्यमंत्री को वक्त के साथ अपने को साबित करना होगा. देश और राज्य के राजनीतिक हालातों में ओबीसी पॉलिटिक्स मोहन यादव के पक्ष में है. उत्तर भारत में यादव समुदाय खासकर उत्तरप्रदेश और बिहार में बीजेपी का समर्थक नहीं माना जाता है. बीजेपी को एक बड़े रीजनल यादव नेता की जरूरत थी. मोहन यादव के रूप में पार्टी ने वह तलाश पूरी कर ली है.

नए मुख्यमंत्री पर न सिर्फ मध्य प्रदेश में लोकसभा की सभी सीट जिताने का बड़ा दायित्व है. बल्कि उत्तर भारत के दोनों बड़े राज्यों में यादव मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में लाने की बड़ी भूमिका भी निभानी होगी. मोहन यादव को भाजपा शीर्ष नेतृत्व, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और संगठन का संपूर्ण समर्थन प्राप्त दिखाई पड़ रहा है.

हालात मोहन यादव के उज्जवल भविष्य का इशारा कर रहे हैं. देश की धार्मिक नगरी उज्जैन की तासीर भी मोहन यादव के व्यक्तित्व में दिखाई पड़ रही है. उन्होंने मध्यप्रदेश में भगवान कृष्ण से जुड़े स्थानों को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने का ऐलान करके अयोध्या काशी मथुरा के एजेंडे को ही आगे बढ़ाने का काम किया है. वक्त के पहले मोहन यादव का बेमेल आकलन करने वाले निराश होंगे. वक्त के साथ मोहन का सम्मोहन मध्यप्रदेश की राजनीति को भगवामय बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है.

संपादक – नलिन कांत बाजपेयी

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स्लॉट बुक करने के बाद ही धान ले जाने के लिए किसानों से आग्रह

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अब तक 12 हजार किसानों से खरीदी गई 1 लाख 42 हजार 698 मीट्रिक टन धान

डिजिटल भारत l खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में जिले में अभी तक 11 हजार 908 किसानों से समर्थन मूल्य पर 1 लाख 42 हजार 698 मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है जिला आपूर्ति नियंत्रक कमलेश टांडेकर ने बताया कि अब तक हुई धान की खरीदी में कुंडम तहसील में 455 किसानों से 4 हजार 831मीट्रिक टन, जबलपुर तहसील में 748 किसानों से 9 हजार 182 मीट्रिक टन, पनागर तहसील में 1 हजार 187 किसानों से 16 हजार 045 मीट्रिक टन, पाटन तहसील में 1 हजार 924 किसानों से 23 हजार 589 मीट्रिक टन, मझौली तहसील में 2 हजार 579 किसानों से 31 हजार 861मीट्रिक टन, शहपुरा तहसील में 1 हजार 217 किसानों से 17 हजार 098 मीट्रिक टन तथा सिहोरा तहसील में 3 हजार 798 किसानों से 40 हजार 001मीट्रिक टन धान का उपार्जन समर्थन मूल्य पर किया गया है जिला आपूर्ति नियंत्रक के मुताबिक विगत वर्ष जबलपुर में जिले में धान उपार्जन हेतु 121 केन्द्र स्थापित हुए थे। इस वर्ष शासन द्वारा शुरूआत में सहकारी संस्थाओं के माध्यम से ही खरीदी के आदेश दिए गए थे ।
फलस्वरूप जिले में अब तक 85 धान खरीदी केन्द्र स्थापित किए गए हैं ।

अब महिला स्व-सहायता समूहों को भी
धान उपार्जन का कार्य दिये जाने के शासन द्वारा जारी निर्देशानुसार किसानों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए तथा व्यवस्थित धान भण्डारण के लिए और धान खरीदी केन्द्र स्थापित करने का प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया है जिला आपूर्ति नियंत्रक ने बताया कि किसानों को किसी तरह की असुविधा न हो तथा वास्तविक किसानों से ही धान का उपार्जन हो इसके लिये खरीदी केंद्रों का अधिकारियों द्वारा निरतंर निरीक्षण किया जा रहा है। इस क्रम में शनिवार को कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सिहोरा श्रीमती नीलम उपाध्याय द्वारा विभिन्न वेयरहाउसों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कुछ वेयरहाउस जहाँ अभी खरीदी केन्द्र स्थापित नहीं हुए हैं, उनके परिसर में भी किसानों द्वारा धान भण्डारित कर दी गई है। ऐसे किसानों ने बताया कि उन्होंने स्वयं धान लाकर इन वेयर हाउस के परिसर में रखी है। इसी प्रकार कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी पाटन श्रीमती आभा शर्मा द्वारा विभिन्न वेयरहाउसों में किसानों द्वारा भण्डारित धान के संबंध में जांच की गई। यहाँ भी पाया गया कि कुछ
वेयरहाउस जो वर्तमान में खरीदी केन्द्र के रूप में स्थापित नहीं है, उनके परिसर में भी किसानों द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से अपनी धान लाकर रख दी गई है। निरीक्षण के दौरान किसानों से आग्रह भी किया गया कि वे स्लॉट बुक करने के बाद ही अपनी धान निर्धारित खरीदी केन्द्र में लेकर पहुँचे, ताकि उन्हें धान का परिदान करने में किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े ।

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बनना चाहते है आत्मनिर्भर जीवन में रखे इन बातो का ख्याल

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डिजिटल भारत l जो लोग अपने जीवन को अधिक नियंत्रण में रखना चाहते हैं और ये सोचते हैं की अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए उन्हें किसी और की जरुरत नहीं है, उन लोगों के लिए आत्मनिर्भर होना एक बहुत महत्वपूर्ण योग्यता है | आत्मनिर्भरता आपको दूसरों की परवाह किये बिना जो आप चाहते हैं वो करने की आज़ादी देगी और अपनी समस्याओं का मूल रूप से समाधान खोजने के लिए आपको प्रेरित भी करेगी | साथ ही, अध्ययनों से ज्ञात होता है की अधिक आत्मनिर्भर लोग ख़ुद को ज़्यादा ख़ुश महसूस करते हैं, ऐसा इसलिए होता है की जब हम अपनी ज़िन्दगी को अपने हाथों में लेने के काबिल हो जाते हैं तब ज़्यादा राहत और संतुष्टि का अनुभव करते हैं | ऐसा किस प्रकार हो सकता है, जानने के लिए इन प्रक्रियाओं का अनुसरण करें:
आत्मनिर्भर होना कई कारणों से महत्वपूर्ण है जैसे – दूसरों पर निर्भरता ख़त्म होती है, किसी की तरफ मुँह नही ताकना पड़ता, किसी की मदद का इंतज़ार नही करना पड़ता, समाज और परिवार में सम्मान मिलता है, जो चाहे वो चीज़ खरीद सकते है आदि सब।

आत्मनिर्भरता इसलिए भी आवश्यक है ताकि अपनी समस्याओं का समाधान खुद से किया जा सके और खुद से निर्णय ले सके, इसलिए जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं वैसे-वैसे स्वतंत्र रूप से जीना सिख जाते हैं और एक आत्मनिर्भर इंसान बन जाते है।
आत्मनिर्भर व्यक्ति से आप क्या समझते हैं?
स्वतंत्र या आत्मनिर्भर व्यक्ति वह होता है जो किसी दूसरे के प्रभाव या नियंत्रण से मुक्त होता है, जो अपने दम पर जीता है और खुद का समर्थन करता है।

एक व्यक्ति जो अपने स्वयं के बिलों का भुगतान करता है, अपनी चीजें अपने पैसो से खरीदता है और किसी को भी अपनी स्थिरता या आत्मविश्वास को प्रभावित नहीं करने देता है, आत्मनिर्भर व्यक्ति कहलाता है।
आत्मनिर्भरता गुण का अभाव किन नकारात्मक प्रवृत्तियों को जन्म देता है?
आत्मनिर्भरता में विश्वास और दृष्टिकोण सबसे बड़ा पहलू हैं, यदि किसी इंसान में आत्मनिर्भरता की कमी हो तो वो कैसे समाज का भला कर पाएगा, वह तो सिर्फ़ समाज के विकास को नकारात्मक रूप से प्रभावित ही करेगा।

आत्मनिर्भरता के गुण का अभाव कई तरह की नकारात्मक प्रवृत्तियों को जन्म देता है जैसे – बिना दृढ़ता से तर्क देना, आत्म-विश्वास की कमी, हर वक्त दूसरो के भरोसे जीने की आदत, बेतुकी बाते करना आदि।
कम उम्र में नौकरी खोजें

जीवन में जल्दी काम करना, शुरू करना हमे काम के प्रति, दूसरों और खुद के प्रति जिम्मेदार होना सिखाता है जो सब के लिए एक जीवन कौशल यानी लाइफ स्किल होता है, और ऐसा करने से पैसे के कीमत के सतन-साथ समय की कीमत का भी एहसास होता है, इसलिए जीवन में हमे जो करना है, उसकी शुरूवात जितनी जल्दी की जाए उतना ही अच्छा और जल्दी परिणाम हमे प्राप्त होता है।

कम उम्र में जो स्किल हम हासिल करते हैं, वो हमारे करियर में मदद कर सकता है, और कम उम्र में काम शुरू करने से हमे जल्दी स्वतंत्र या आत्म निर्भर होने का अवसर भी मिल जाता है।

एक अच्छी नौकरी की तलाश करे

जल्दी आत्मनिर्भर बनने के लिए आवश्यक है कि जल्दी ही अपने लिए नौकरी की तलाश शुरू की जाए, जहा पर आप रहना चाहते हो तो वहा नौकरी के लिए ऑनलाइन अप्लाइ कर सकते है, और आप लिंक्डइन पर अपना एक अच्छा प्रोफाइल बना सकते है, क्योकि लिंक्डइन विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवरों के साथ-साथ नए उम्मीदवारों के लिए सबसे बड़ी नेटवर्किंग वेबसाइट है।

जब आप अपनी लिंक्डइन प्रोफाइल बना लेते हो, तो आप अपने पेज पर दिखाई जाने वाली नौकरियों के लिए खोज और आवेदन कर सकते हैं। फिर, नियोक्ता आपकी प्रोफ़ाइल के ज़रिए आपकी शिक्षा, कौशल और अन्य महत्वपूर्ण चीजों जैसे विवरणों के बारे में जान सकते है, और आपको नौकरी की पेशकश कर सकते है।

सिर्फ़, उन नौकरियों के लिए ही आवेदन करें जिनसे संबंधित आपके पास स्किल है और जिन्हें आप करना पसंद करेंगे। आपकी पहली नौकरी हमेशा एक लंबे और सफल करियर के साथ आत्मनिर्भरता की सीढ़ी होती है।
अपने नाम पर कुछ निवेश करके एक अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाया जा सकता है, ज़्यादातर लोगो को लगता है कि निवेश सिर्फ़ अमीर लोगों के लिए है जो बिल्कुल ग़लत है, आज ऑनलाइन ऐसे कई अद्भुत ऐप्स हैं जिनका उपयोग निवेश शुरू करने के लिए कर सकते हैं।

इन ऐप्स के ज़रिए स्टॉक, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, म्यूचुअल फंड, मुद्राओं और क्रिप्टोकरेंसी के साथ-साथ कमोडिटी में भी निवेश किया जा सकता हैं। आज के समय में, आत्मनिर्भर बनने के लिए सबसे कारगर रास्ता निवेश ही है, जहा से अच्छा पैसा कमाया जा सकता है, यदि सही तरीके से अच्छे ज्ञान के साथ सही दिशा में निवेश किया जाए तो!

अपने हीरो खुद बनें: एक प्रेरणास्त्रोत या रोल मॉडल आपको जीवन जीने की कला के लिए प्रेरित कर सकता है | आप जिसके प्रशंसक हैं और जिससे अपने मूल्य साझा करते हों ऐसे किसी व्यक्ति को अपना रोल मॉडल बनाना कोई बुरी बात नहीं है लेकिन आख़िर में ज़रूरी है की आप खुद को अपना रोल मॉडल बनायें,एक ऐसा इंसान जो भी वो करना या कहना चाहे उसमें करने की काबिलियत हो | स्वयं बनने का लक्ष्य रखें और सबसे अच्छा करने की कोशिश करें | अगर आप खुद को नहीं देखेंगे तो आत्मनिर्भर नहीं बन पाएंगे |
अपने सामाजिक दायरे में या किसी दोस्त को अपना आदर्श बनाने से बचें: ऐसा करने से आप अपनी खूबियाँ भी भूल जायेंगे |

आप जो पाना चाहते हैं उससे कम कुछ भी आराम पाने के लिए, सुगमता के लिए या अच्छा बनने के लिए स्वीकार न करें: जो भी करें अपनी मेहनत से करें | अपने विचारों का समर्थन करें | लड़कियों को किसी भी पुरुष को यह अनुभव नहीं करने देना चाहिए की वो उनकी देखभाल करता हैं | अगर आप कुछ अच्छा करने में सक्षम हैं तो करें | कोई गलत प्रभाव न पड़ने तक आपको अपना काम करना चाहिए | इसका मतलब ये नहीं है कि आप पूर्णतः सब कुछ करें लेकिन आपको ये नहीं सोचना चाहिए की ये ज़रूरी है की दूसरे लोग आपके लिए वो करें जो आप खुद अपने लिए कर सकते हैं |
अपना काम सबसे कठिन और सबसे अच्छा करें और लोगों को कहने दें “ये व्यक्ति किसी अन्य के भरोसे पर कोई काम नहीं छोड़ता, कितना मज़बूत और आत्मनिर्भर है |”

अपने जीवन में बुरे प्रभावों को बाहर निकल दें: जब तक बहुत ज़रूरी न हो जाये दोस्ती न तोड़ें | एक स्वस्थ दूरी बनाये रखना सीखें | यदि आपके पूरी तरह से उदासीन दोस्त हों , जो सिर्फ आपको पीछे ले जाते हैं, उन्हें आप खुद ही अपने से अलग कर दीजिये | “अपने बगीचे में से खरपतवार को बाहर निकाल फेंकिये” , कुछ लोग ही आपको चमकायेंगे बांकी आपकी वृद्धि को एक पटरी से किसी दूसरी ही पटरी पर ले जाएंगे और आपकी सारी ऊर्जा खींच लेंगे | अगर कोई दोस्त आपकी सुविधा के लिए चोरी करके या चालबाजी से आपके काम करने की कोशिश करता है तो समझ लीजिये की उसकी डोरी को काटने का समय आ गया है |
ऐसे दोस्तों से बचें जो अपने अनुयायी बनाते हैं और जिन्हें लोग पूजते हैं | ऐसे लोग चाहेंगे की आप वही करो जो वो कहें और आपको आत्मनिर्भर बनाने के दावे करेंगे |

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विकसित भारत संकल्प यात्रा के आज भी सैंकड़ो हितग्राहियों को शासन की योजनाओं का मिला लाभ

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पात्र हितग्राहियों से शिविर का लाभ लेने निगमायुक्त स्वप्निल वानखड़े ने की अपील 

डिजिटल भारत l केन्द्र सरकार द्वारा संचालित विकसित भारत संकल्प यात्रा के अंतर्गत आज भी शहर के दो विधानसभा क्षेत्रों क्रमशः पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के संभाग क्रमांक 2 कछपुरा के अंतर्गत गुलौआ चौक वीरसावरकर वार्ड और पूर्व और केन्ट विधानसभा क्षेत्र के संभाग क्रमांक 7 के अंतर्गत सिद्धेश्वर चौक कंचनपुर में शिविर का आयोजन किया गया। जहॉं पर सैकड़ों हितग्राहियों ने निगमाध्यक्ष रिकुंज विज, वरिष्ठ समाज सेवी विजय ईश्वरदास रोहाणी, जोन अध्यक्ष विमल राय, पार्षद रीना ऋषि यादव, महेश सिंह राजपूत, अंजना अग्रहरि, शरद श्रीवास्तव, अनुराग साहू, पूजा श्रीराम पटैल, अंशुल राघवेन्द्र यादव एवं सैंकड़ो क्षेत्रीय जनों की उपस्थित में हितग्राहियों को केन्द्र एवं राज्य शासन की अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिला।
शिविर का निरीक्षण के उपरांत निगमाध्यक्ष रिकुंज विज ने रथ को वार्ड के कॉलोनियों में रवाना किया जहॉं पर लोगों को जागृति रथ के माध्यम से योजनाओं की जानकारी घर-घर दी जायेगी। इस संबंध में निगमाध्यक्ष रिकुंज विज ने सभी हितग्राहियों से चर्चा की और जन-जन तक केन्द्र एवं राज्य शासन की योजनाओं को पहुॅंचाने तथा पात्र हितग्राहियों को लाभांवित कराने का संकल्प लिया।


आयोजित शिविरों के संबंध में निगमायुक्त स्वप्निल वानखड़े ने आज जानकारी देते हुए बताया कि विकसित भारत संकल्प यात्रा के अंतर्गत आयोजित शिविरों में आज सैकड़ों हितग्राहियों को आयुष्मान भारत, स्वास्थ्य विभाग हेल्थ परीक्षण, आवास योजना, पी.एम. स्वनिधि, अटल पेंशन योजना, पशु पालन विभाग, एम-राशन मित्र योजना, सामाजिक सुरक्षा, वृद्धा पेंशन, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, जीवन ज्योति योजना, जन-धन योजनाओं आदि का लाभ एक साथ दिया गया। इसके लिए उन्होंने अपर आयुक्त मनोज श्रीवास्तव, अंजू सिंह, सहायक आयुक्त अंकिता जैन, शिवांगी महाजन, एवं वेदप्रकाश, सहित सभी संभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि शिविरों का संचालन बेहतर ढंग से हो और सभी पात्र हितग्राहियों को अधिक से अधिक लाभांवित कराने की दिशा में स्वयं सभी लोग पहल करें। निगमायुक्त ने उक्त सभी अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया है कि सभी अधिकारी अपने अपने क्षेत्रों के सम्माननीय प्रतिनिधियों से सम्पर्क स्थापित करें और उन्हें शिविरों की जानकारी देकर शिविरों में उन्हें आमंत्रित करें। आज आयोजित शिविरों में अपर आयुक्त मनोज श्रीवास्तव, श्रीमती अंजू सिंह, संभागीय अधिकारी दिनेश प्रताप सिंह, सुरेन्द्र मिश्रा, राजस्व निरीक्षक ऋषि कुसरे, राम सजीवन विश्वकर्मा, गोकुल सिंह ठाकुर, एवं उनकी टीम के सदस्यगण भी उपस्थित रहे।

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हो रही है शादी , तो रखे इन बातो का ख्याल

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डिजिटल भारत l हमारे यहां शादियां 1-2 दिन का नहीं बल्कि लंबे समय तक चलने वाला समारोह होता है। ऐसे में कई लोग शादी के तैयारियों के बीच कुछ मुख्य बातों को भूल जाते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले है कि कैसे आप शादी के तैयारी के बीच किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
शादी की जगह
आज कल लोग गर्मी में नहीं बल्कि सर्दियों में शादी करना पसंद करते है। ऐसे में आप जहां शादी कर रहे है अगर रात की शादी है तो इस बात का ध्यान रखें कि वह ओपन एरिया न हो। ओपन एरिया में ठंड काफी ज्यादा हो जाता है। ऐसे में मेहमानों को रात में काफी ज्यादा दिक्कत का सामना करना पडता है।
सजावट हो खास
कोशिश करें की कम बजट में खास सजावट करवा लें। शादियों में बारगेनिंग करना जरूरी है। अगर आप शादी में अच्छे से खर्च नहीं करेंगे तो आपका बजट काफी ज्यादा गड़बड़ा जाएंगा। ऐसे में आप सजावट कम खर्च में ही करवाएं।

ठंड में मेहमानों का रखें खास ख्याल
ठंड में धुंध बढ़ जाती है। इस वजह से कई ट्रेन और हवाई जहाज देर से पहुंचते हैं। आपके मेहमानों के आने में देरी हो सकती है। इसलिए एक व्यक्ति को सिर्फ इसी काम में लगाना होगा कि वह मेहमानों के आने के समय की जांच करता रहे ताकि आप सही समय पर एयरपोर्ट और स्टेशन पर कार भेज सकें।
लड़की के मन में जहां नए परिवार में एडजस्ट करने की ढ़ेरों चिंताएं होती हैं, तो वहीं लड़का आर्थिक जिम्मेदारियों के कारण खुद को दबा हुआ महसूस करता है। लेकिन प्यार-विश्वास-समझ और देखभाल के बीच सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ज्यादातर जोड़े शादी के प्रति अपने दृष्टिकोण को लेकर बहुत ही ज्यादा भ्रमित होते हैं। वह नहीं जानते हैं कि इस रिश्ते को सफल बनने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ था। मैंने शादी के बाद जाना कि असल में इस रिश्ते में बंधने से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
शादी जीवन का एक ऐसा फैसला है, जिसके लिए लोगों को बहुत ही सावधानीपूर्वक एनालिसिस करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इस रिश्ते में बंधने के बाद आपको केवल अपने साथी से ही मतलब नहीं रह जाता है बल्कि उसके पूरे परिवार के साथ भी आपका रिश्ता जुड़ जाता है।
हमारी सोसाइटी का ताना-बाना ही कुछ ऐसा है कि शादी के एक साल होते ही ज्यादातर लोग बच्चा पैदा करने का अनजाना प्रेशर देने लगते हैं। यह प्रेशर ऐसा होता है, जिसे हम खुलकर महसूस भी कर सकते हैं। हालांकि, यह पूरी तरह आपके और आपके साथी पर निर्भर होना चाहिए कि आप कब और किस तरह अपनी फैमिली को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
आपकी शादीशुदा जिंदगी में क्या चल रहा है, ये आप और आपके साथी से बेहतर कोई नहीं जानता है। ऐसे में दूसरों के साथ अपने रिश्ते की तुलना करना बहुत ही गलत है। मैं कहूंगी कि इससे बचना सबसे अच्छा रहेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप अपने रिश्ते में बुरा समय देखते हैं, तो आप दूसरे लोगों की बातें सुनने लग जाते हैं, जोकि कभी-कभार आपके लिए अच्छी-बुरी दोनों हो सकती हैं।

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ऐसे रखे नवजात शिशु का ख्याल, जाने कुछ अनोखे टिप्स

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डिजिटल भारत l अपने बच्चे की देखभाल करना आपके जीवन के सबसे खास अनुभवों में से एक हो सकता है, लेकिन शुरुआत में आपको यह समझ नहीं आएगा कि आपको क्या करना है और क्या नहीं। जीवन का पहला साल बच्चे के विकास के लिए बेहद अहम होता है। इसलिए आपको बच्चे की हर जरूरत का ध्यान देना होगा। उसके इशारों को समझकर उसे अपनी बात भी समझानी होगी। आज हम आपको बता रहे हैं अपनी नन्ही-सी जान की देखभाल कैसे करें। डफरिन अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ़.सलमान के मुताबिक बच्चे के हावभाव और हरकतों से उसे होने वाली समस्या और परेशानी को समझना बहुत जरूरी है। आमतौर पर बच्चा यूं ही नहीं रोता। अगर बच्चा रो रहा तो देखें कि उसके कपड़े गीले तो नहीं है। कोई चीज उसे चुभ तो नहीं रही या भूखा तो नहीं है। अगर सारी कोशिशों के बाद भी बच्चा चुप नहीं हो रहा तो यह चिंता की बात है और बिना देर किए उसे तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ के पास ले जाना चाहिए।

कामकाजी मांओं के ल‍िए श‍िशु को छोड़कर काम पर जाना मुश्‍क‍िल होता है खासकर उन मांओं के ल‍िए ज‍िनकी कॉर्पोरेट जॉब है और वो बच्‍चे को ज्‍यादा समय नहीं दे पाती हैं ऐसे में आपको ऑर्गेनाइस्‍ड होने की बहुत जरूरत पड़ेगी, आपको घर से बाहर जाने से पहले बच्‍चे के दूध से लेकर उसकी सही नींद, हाईजीन आद‍ि सभी बातों का ध्‍यान रखना होगा। कर‍ियर के बावजूद आप बच्‍चे की सेहत को नजरअंदाज नहीं कर सकते क्‍योंक‍ि बच्‍चों की इम्‍यून‍िटी वीक होती है, जरा सी लापरवाही के चलते उनकी तबीयत ब‍िगड़ सकती है इसल‍िए आपको कुछ आसान ट‍िप्‍स अपनाने चाह‍िए ज‍िनकी मदद से आप काम के साथ श‍िशु की सेहत का ख्‍याल रख पाएंगी।

आप वर्कि‍ंग मदर हैं तो आपके ल‍िए श‍िशु की सेहत को ट्रैक करना मुश्‍क‍िल हो सकता है इसल‍िए आप एक हेल्‍थ चार्ट बनाएं। हेल्‍थ चार्ट में आप बच्‍चे का वजन, कद, उसके टीकाकारण से जुड़ी बात, जरूरी दवा का डोज आद‍ि जानकारी ल‍िखें, आप उसमें ये भी ल‍िख सकते हैं क‍ि आपने बच्‍चे को क‍ितनी बार ब्रेस्‍टफीड‍िंंग करवाई है, इससे बच्‍चे की ग्रोथ को ट्रैक करने में मदद म‍िलती है और श‍िशुओं में होने वाली बीमार‍ियों के बारे में भी जानकारी म‍िलती है।

दांतों की देखभाल : न्यू यॉर्क स्थित डेंटिस्ट एलेक्स कहती हैं कि कई बार मां-बाप बहुत देर में बच्चों के हाथ में ब्रश थमाते हैं। दूध के दांत बहुत नाजुक होते हैं और इन्हें बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। एलेक्स का कहना है कि जब दांत आने लगें, तो बच्चे को ठीक सोने से पहले दूध पिलाना बंद कर दें। अगर ब्रश कराना शुरू नहीं किया है, तो दूध पिलाने के बाद गीले कपड़े से दांत साफ करें।

दूध से गैस : नवजात शिशु रात में अक्सर रोते हैं। इससे घबराएं नहीं। अक्सर गैस या भूख के कारण बच्चे रात को रोते हैं। बच्चों को दूध पीने से गैस भी हो जाती है, जिससे बच्चों को दिक्कत होती है। ऐसे में दूध पिलाने के बाद उसका सिर अपने कंधे पर रखकर 10 मिनट तक हल्की थपकी देते रहें।

ऐसा न करें : माता-पिता बच्चों को सुलाने से पहले उन्हें कपड़ों की कई परतें पहना देते हैं, खास कर रात को। वे उन्हें बेबी बैग में भी डाल देते हैं और उसके ऊपर से कंबल भी ओढ़ा देते हैं। ये गलत तरीका है।

तलवों में ठंड
बच्चों को ठंड से बचाने के लिए आप अपने बच्चों के तलवे पर तेल लगाएं और साथ ही उन्हें मोजा पहनाएं या पैरों की तरफ कपड़ा लपेटना जरुरी है. मोजा पहनने से शिशु के तलवों के साथ पूरे शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है.

नाक को गर्म
शिशु के नाक के रास्ते कई सारे बैक्टीरिया चले जाते हैं, ऐसे में शिशु के नाक की सुरक्षा करनी भी जरुरी है. मगर इसके लिए आपको शिशु की नाक को ढकना नहीं है, क्योंकि बहुत महीन कपड़ा भी उसको सांस लेने की तकलीफ पैदा कर सकता है. इसके बजाय यह करें कि शिशु की नाक को बीच-बीच में गर्म हाथों से सिंकाई करें या गर्म तेल से मसाज करें, कोशिश करें कि कमरे का तापमान बहुत कम न हो.

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ऐसे रखे सर्दियों में अपनी त्वचा का खास ख्याल

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डिजिटल भारत l हेल्दी त्वचा हर कोई चाहता है पर बदलते मौसम में सर्द हवा त्वचा की खूबसूरती छीन सकती है। फेमिना रीडर्स व एक्सपर्ट से जानें टिप्स, जिन्हें आजमाकर आप चेहरे की रंगत और निखार सकती हैं…

बनाए रखें त्वचा की नमी
इस मौसम में त्वचा की नमी बनाए रखने के लिए पर्याप्त पानी पीते रहें। रोजाना 5 भीगे हुए बादाम खाएं। घरेलू उपचार के तौर पर एक चम्मच बेसन में एक चम्मच नीबू का रस, एक चम्मच गुलाबजल और चुटकी भर हल्दी डालकर पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को स्क्रब की तरह चेहरे पर लगाकर 10 मिनट के लिए छोड़ दें, फिर पानी लगाकर हल्के हाथ से मलते हुए छुड़ाएं। सादे पानी से चेहरा साफ कर लें।
काम आएंगे ग्लिसरीन-नींबू
सर्दियों के लिए त्वचा को तैयार करने और उसे शुष्क होने से बचाने के लिए कुछ बूंद ग्लिसरीन में नीबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाएं। रोज सुबह चेहरा साफ करने के बाद और रात में सोने से पहले इसे लगा सकती हैं। यह त्वचा को शुष्क हवा के दुष्प्रभाव से बचाता है और उसकी कुदरती नमी बनाए रखता है। इसके अलावा दही खाने और लगाने से भी त्वचा चिकनी बनी रहती है।
नहाने या चेहरे को धोने के बाद शरीर को हल्के हाथों यानी थपकी देकर पोछना है। जैसा कि हम आमतौर पर देखते हैं कि लोग तौलिए से शरीर को रगड़-रगड़ कर पोछते हैं जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी त्वचा और भी रूखी हो जाती है।
नहाने के बाद बारी आती है शरीर पर ऑयली पदार्थ लगाने की। इसके लिए हम अपनी पसंद के हिसाब से सरसो, नारियल, बादाम, आंवला तेल या फिर बॉडी लोशन या मॉइश्चराइजर क्रीम लगा सकते हैं। इसको शरीर पर हल्के हाथों से लगाना चाहिए।
सर्दियों में त्वचा रूखी-सूखी होने लगती है, जिसकी वजह से कई बार शर्मिंदगी उठानी पड़ती है। ज्यादातर लोग अपनी त्वचा का ध्यान रखने के लिए स्किन केयर ट्रीटमेंट लेते हैं, जोकि हर किसी के बस की बात नहीं है। खासतौर पर जब बार आती है ड्राई स्किन वाले लोगों को उनको तो सर्दियों के मौसम में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

ऐसे में हम आपको सर्दियों में त्वचा में नमी बनाए रखने के कुछ घरेलू तरीके बताएंगे, जिनको अपनाकर आप अपनी ड्राई त्वचा का खास ध्यान रख सकते हैं। इसके लिए आपको ज्यादा पैसे खर्चने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इन सभी तरीकों को फॉलो करना काफी आसान है, तो आइए देर ना करते हुए आपको इस बारे में बताते हैं।
सनस्क्रीन को ना भूलें

लोगों को लगता है कि सर्दियों के मौसम में सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना इतना जरूरी नहीं है। बल्कि ऐसा नहीं है, सर्दियों में भी लोगों को सनस्क्रीन का इस्तेमाल नियमित रूप से ही करना चाहिए। इससे त्वचा हानिकारक किरणों से बची रहती है। इसके इस्तेमाल से त्वचा सर्दियों में भी हाइड्रेट रहती है।

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