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शुर के 90 साल : आशा भोंसले 10 साल की उम्र में शुरू किया था गायन

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डिजिटल भारत l 8 सितंबर 1933 को जन्मी वो आशा भोंसले जिन्होंने 1943 में 10 साल की उम्र में गाना शुरू कर दिया था. जो 80 साल से गाती आ रही हैं 1943 में मराठी फ़िल्म से शुरुआत करने के बाद 1945 में आशा भोंसले को हिंदी गाने मिलने लगे. वे और किशोर कुमार दोनों इंस्डट्री में बिल्कुल नए-नए. संगीत निर्देशक खेमचंद प्रकाश संगीत की दुनिया का बड़ा नाम थे. दोनों कलाकार खेमचंद प्रकाश का गाना रिकॉर्ड करने स्टूडियो में जहाँ म्यूज़िक रिकॉर्डिस्ट रॉबिन बनर्जी भी मौजूद थे. दोनों गायकों ने गाना शुरू किया- ‘अरमान भरे दिल की लगन तेरे लिए है…’ छोड़कर पॉडकास्ट आगे बढ़ें

छोटी उम्र बड़ी ज़िंदगी
उन चमकते सितारों की कहानी जिन्हें दुनिया अभी और देखना और सुनना चाहती थी. दिनभर: पूरा दिन,पूरी ख़बर
समाप्त आगे का किस्सा कई किताबों और आशा भोंसले की इंटरव्यू में दर्ज है. हुआ ये कि गाना बीच में रोक दिया गया और रॉबिन बनर्जी ने कहा ये गायक काम के नहीं है और दोनों को मना कर दिया गया. यानी वो दो गायक जिनके हुनर को लोग आज सलाम करते हैं उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया था. ‘मोमेंट्स इन टाइम’ नाम की सिरीज़ में आशा भोंसले ने अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर ये किस्सा साझा किया है. अपने यूट्यूब चैनल पर आशा भोंसले बताती हैं, “बरसों बाद हम दोनों एक गाना रिकॉर्ड कर रहे थे ‘आखों में क्या जी, रुपहला बादल…’ अचानक किशोर दा रुक गए और मुझसे बोले कि देखो विलेन बैठा है. उनका मतलब उन्हीं रॉबिन बनर्जी से था आशा के इस गाने में एक अजीब सा दर्द है. नाइट बार में फ़िल्माए गाने में इस तरह का भाव लाना मुश्किल काम है जो आशा भोंसले कर पाईं.” लेजेंडरी गायिका आशा भोसले आगामी 8 सितंबर को अपने 90वां जन्मदिन पर दुबई में होने जा रहे म्यूजिक कंसर्ट में परफॉर्म करने जा रही है।

आशा भोसले 10 वर्ष की उम्र से गा रही है। साल 1945 में आशा भोसले मुंबई आई तब से वह निरंतर गाने गा रही है। आशा भोसले कहती है कि उम्र से भले ही 90 साल की हो गई हैं, लेकिन दिल से 20 साल की ही हैं । यही वजह है कि वह आज तक गा रही हैं । म्यूजिक कंसर्ट में ढाई से तीन घंटे लगातार स्टेज पर परफॉर्म करने से उन्हें थकान नहीं महसूस होती है। मंगलवार को मुंबई में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आशा भोसले ने खुद को संगीत की दुनिया की दुनिया का आखिरी मुगल बताया और आज के युवाओं के लिए प्रेरणादायक बात कही। लेजेंडरी गायिका आशा भोसले ने अब तक सब भाषाओं में मिलाकर 12,000 गाने गाए हैं। आशा भोसले ने कहा, ‘12000 गीतों को गाने में कितना समय लगा होगा। घर बच्चों को संभालते हुए मैंने कैसे इतने गाए हैं, मुझे सब याद हैं। मुझे सब बातें याद आती हैं। इंडस्ट्री का इतिहास सिर्फ मुझे पता है। बहुत सारे लोग तो मेरे सामने ही पैदा हुए हैं। मैं संगीत की दुनिया की आखिरी मुगल हूं। पिता जी से गाना बचपन में सुना, तभी से गा रही हूं। सोचा नहीं था कि एक दिन प्लेबैक सिंगर बनूंगी। लेकिन जिंदगी में कुछ ऐसा मोड़ आया कि मैं प्लेबैक सिंगर बन गई।’

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कुँआरी बहनो को भी मिलेगा लाडली बहना योजना लाभ

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डिजिटल भारत l मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां बड़ा पत्थर रांझी में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मेरा औरआपका संबंध परिवार का है। बहनों, भांजे-भाजियों के साथ प्रदेश की जनता की चिंता करना मेरा कर्तव्य है। जब तक जनता की जिंदगी में बदलाव नहीं आएगा वे चैन से नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि मध्‍यप्रदेश की धरती पर जमीन के टुकड़े के बिना कोई नहीं रहेगा, रहने के लिए सबके पास भूखंड होगा और पक्का मकान भी होगा। उन्होंने शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुये कहा कि गरीबों को निशुल्क राशन दिया जा रहा है, बहनों की छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए लाड़ली बहना योजना बनाई है। इस योजना का समाज में व्यापक प्रभाव पड़ा है, इससे बहनों की घर में इज्जत बढ़ी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लाडली बहना योजना में बहनों को हर माह एक हजार रूपये दिए जा रहे हैं। अब 1250 रुपए दिए जाएंगे और धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर 3000 रूपये तक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बहनों की आंखों में आंसू नहीं आने दूंगा। राखी के कच्चे धागे की कसम बहनों की जिंदगी बदले बिना चैन से नहीं बैठूंगा।
मुख्‍यमंत्री ने कहा कि कुछ बहनें ऐसी हैं जिन्‍होनें विवाह नहीं किया है उन्हें भी इस योजना में शामिल किया जाएगा।
उन्‍होनें कहा कि 12वीं में 75 प्रतिशत अंक लाने पर लैपटॉप देते थे अब 60 प्रतिशत अंक लाने पर लैपटॉप दिया जाएगा। साथ
ही अपने स्‍कूल में बारहवीं में सर्वाधिक अंक लाने वाले तीन बेटी व तीन बेटे को स्कूटी दी जायेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री आवास योजना में किसी का नाम छूट गया है तो उन्हें भी पक्का मकान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीमार होने पर इलाज की व्यवस्था भी उनकी सरकार ने की है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नीट के माध्यम से मेडिकल में प्रवेश के लिए सरकारी स्कूल के बच्चों को पांच प्रतिशत रिजर्वेशन दिया जाएगा। मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में होगी, ताकि गरीबों के बच्चे भी पढ़ सकें। लाडली बहना और उज्ज्वला रसोई गैस की बहनों को 450 रुपए में रसोई गैस दी जायेगी, इसके फॉर्म भरवाये जा रहे हैं। उन्‍होनें कहा कि एक किलो वाट तक के बिजली बिलों को जीरो किया जाएगा। श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश मेरा मंदिर है इसकी जनता मेरी भगवान है और पुजारी शिवराज सिंह चौहान है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक सांस है जनता की सेवा करते रहेंगे।
इसके पहले मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गुप्तेश्वर में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि छोटी रेल फाटक के पास नेरोगेज
रेल ट्रैक पर शानदार सड़क बनाई जाएगी। रानी दुर्गावती ने अकबर की सेना के छक्के छुड़ा दिए थे, उनके वीरता को जीवंत बनाए रखने के लिए मदन महल की पहाड़ी पर 100 करोड़ की लागत से स्मारक बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में 33 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित करने जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में वह स्थानीय निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करने का काम किया है। पुलिस भर्ती में 30 प्रतिशत तथा शिक्षकों के भर्ती में 50 प्रतिशत रिजर्वेशन किया है। अब सभी भर्तियों में 35 प्रतिशत रिजर्वेशन किया जाएगा। महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए आधी आबादी को पूरा न्याय देने का कार्य किया जा रहा है। यह सब लोगों की जिंदगी बदलने के लिए है कृषि हो या व्यापार हो मध्यप्रदेश के चहुमुखी विकास के लिए लगातार कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं।

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क्यों पुरषो की गहरी अबाज करती है महिलाओ को आकर्षित

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डिजिटल भारत l महिलाओं को लेकर कहा जाता है कि उन्हें भारी आवाज के लड़के पसंद आते हैं. फोन पर बात करते हुए किसी की भारी और इमोशन आवाज सुनाई दे तो एकदम से ऐसा लगता है कि बस इस आवाज को सुनते जाए. अधिकतर केस में माना जाता है कि महिलाओं को भारी आवाज वाले लड़के पसंद आते हैं. क्या आप जानते हैं आखिर ऐसा क्यों होता है. आइए जानते हैं इसका कारण. आखिर भारी आवाज को महिलाओं क्यों करती हैं पसंद
ऐसा माना जाता है कि डीप और गहरी आवाज बेहद आकर्षक होती है. स्टडी के अनुसार महिलाओं को डीप वाइस वाले लड़के अधिक पसंद होते है. माना जाता है जब किसी लड़के की आवाज भारी और गहरी होती है तो वह अच्छा स्पीकर होता है. ऐसे में यह भी माना जाता है कि ऐसे इंसान में अग्रेशन थोड़ा कम होता है.
यूनिवर्सिटी ऑफ़ मोंटपेलियर में भाषा विज्ञान की शोधकर्ता मेलिसा बरकत डिफ्राड्स का कहना है कि आप अपनी आवाज़ के ज़रिये शब्दों को बोलते हैं और इसके ज़रिये जानकारियां भी साझा करते हैं, लेकिन इसके अलावा यह न केवल आपके बायोलॉजिकल स्टेटस के बारे में बताती है, बल्कि आपके सामाजिक रुतबे के बारे में भी बताती है.
“इससे यह भी पता चलता है कि आप क्या करते हैं और आप आर्थिक रूप से कहाँ खड़े हैं.” ‘इससे मानसिक स्वास्थ्य समेत आपके पूरे स्वास्थ्य के बारे में भी पता चलता है. यानी आपकी आवाज़ की गुणवत्ता आपके बारे में यह सारी जानकारी देती है.’ लोगों की आवाज़ों में बहुत ही मामूली सा अंतर होता है जो आप तुरंत एक सेकंड के 10वें हिस्से से भी कम समय में महसूस कर लेते हैं और आप उस व्यक्ति के बारे में धारणा बना लेते हैं. लेकिन आवाज़ की गुणवत्ता के बारे में वो कौन सी चीज़ है, जिसे हम ख़ास तौर से देखते हैं? या, उदाहरण के लिए किसी व्यक्ति की आवाज़ से हम उसे अपना नेता कैसे चुन लेते हैं?
आवाज़ बढ़ाती है लोकप्रियता
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छोटी उम्र बड़ी ज़िंदगी
छोटी उम्र बड़ी ज़िंदगी
उन चमकते सितारों की कहानी जिन्हें दुनिया अभी और देखना और सुनना चाहती थी. दिनभर: पूरा दिन,पूरी ख़बर
समाप्त
दिलचस्प बात यह है कि हमारे वातावरण के कारण भी हमारी आवाज़ और लहजे में बदलाव होता है. हम आमतौर पर एक दूसरे की मिमिक्री भी करते हैं और ऐसे दोस्त चुनते हैं, जिनकी आवाज़ और लहजा हमसे मिलता हो. यूनिवर्सिटी ऑफ़ ल्योन की बायो बायोकौस्टेशन कटारजीना पिसासिंकी का कहना है कि ‘आम बातचीत में हमारे लिए यह सामान्य बात है कि हम अपनी आवाज़ और लहजे को दूसरे व्यक्ति की बातचीत के अनुसार बदलते हैं. महिलाओं को आकर्षित करती है भारी आवाज़?
यही कारण है कि आजकल बायोलॉजिस्ट कहते हैं कि भारी या गहरी आवाज़ महिलाओं को आकर्षक लगती हैं. इस परिकल्पना के आधार पर, क्या हम यह सिद्ध कर सकते हैं कि वह क्या चीज़ है, जो महिलाओं की आवाज़ को आकर्षक बनाती है? जब दुनिया भर में अलग-अलग आवाज़ों की जांच की गई, तो पाया गया कि ऐसी महिलाएं जिनकी आवाज़ की पिच ज़्यादा होती है, उन्हें जल्दी पार्टनर मिलते हैं. यह भी सच है कि युवतियों की आवाज़ की पिच ज़्यादा होती है और इससे ज़ाहिर होता है कि इससे उनकी उम्र और उनकी ख़ूबसूरती के बारे में भी पता चलता है. इस संबंध में हुए शोध में यह बात भी सामने आई है कि महिलाएं डेट्स पर अपनी आवाज़ की पिच बढ़ाती थीं लेकिन पिछले कुछ सालों में कुछ शोधकर्ताओं का कहना है कि इसमें बदलाव आ रहा है. यानी महिलाएं किसी आकर्षक व्यक्ति के सामने अपनी आवाज़ हल्की कर लेती हैं.

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सामान्य आवाज़ें को भी सुनकर चिड़चिड़ाना जाने किस डिसऑर्डर की निसानी

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डिजिटल भारत l आप किसी के साथ खाना खा रहे हैं तो दूसरे की डकार लेने की आवाज, छींकने और खाने की आवाज़ क्या आपके मिजाज़ में चिड़चिड़ापन पैदा करती है? कुछ खास तरह की आवाज़ों से आप इरिटेट हो जाते हैं तो आपकी यह आदत नहीं बल्कि यह मिसोफोनिया का लक्षण है। मिसोफोनिया एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर है। जिस इनसान को यह ब्रेन ऐब्नॉर्मेलिटी होती है, उसका ब्रेन इस तरह की आवाजों को तुरंत कैच कर लेता है और फिर उसका फोकस वहीं बना रहता है। आइए जानते हैं इस बीमारी के लक्षण कौन-कौन से हैं और उनका उपचार कैसे करें। ऐसे कई लोग होते हैं जिन्हें खाना चबाने, पेन टैप करने या अन्य छोटे-छोटे शोर के कारण परेशानी महसूस करते हैं। उनमें ऐसी ही स्थिति को मिसोफोनिया (Misophonia) कहा जाता है। हालांकि, इस तरह की आवाजें उनके लिए असहनीय हो सकते हैं। इसे ब्रेन ऐब्नॉर्मेलिटी कहा जाता है जो एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर है।

ब्रेन ऐब्नॉर्मेलिटी के कारण ऐसे लोगों का ब्रेन इस तरह की आवाज को तुरंत कैच कर लेता है और फिर उनका सारा फोकस आवाज की तरफ रहता है। साल 2001 में पहली बार इस स्थिति की पहचान की गई। इसे सेलेक्टिव साउंड सेंसटिव सिंड्रोम (selective sound sensitivity syndrome) के रूप में भी जाना जाता है। यह मनोवैज्ञानिक और शारीरिक दोनों लक्षणों के साथ मस्तिष्क की असामान्यता होती है। हाल के एक अध्ययन में, एमआरआई स्कैन में उन लोगों के मस्तिष्क की संरचना में एक अंतर दिखाई दिया, जिनके पास इसके लक्षण थें। एक सेकेंड के हज़ारवें हिस्से से भी कम समय में ये आवाज़ें आपके दिमाग़ को ग़लत संकेत देती हैं. ये आवाज़ें एक ख़तरे के रूप में आपके दिमाग़ के अलार्म सिस्टम अमिग्डला (Amygdala) को जगा देती हैं. इसके साथ ही एड्रिनल ग्रंथि और कॉर्टिसोल हार्मोन प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार हो जाते हैं. ये आवाज़ें एक आम व्यक्ति के लिए कहीं से भी ख़तरा नहीं होतीं. हमें ये नहीं पता कि मिसोफ़ोनिया के डिसऑर्डर से कितने बच्चे, युवा, बुज़ुर्ग प्रभावित हैं लेकिन ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी), टिनिटस (कान में अजीब सी आवाज़ का अनुभव होना), हायपरएक्यूसिस (सामान्य आवाज़ भी बहुत तेज़ सुनाई देना), ऑटिज़्म ) और सेंसरी प्रॉसेसिंग डिसॉर्डर या एसपीडी से प्रभावित लोगों में इस समस्या का होना बहुत आम है. ये होता क्यों है, ये स्पष्ट आज भी नहीं है. लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि ये मस्तिष्क या मनोविकार से जुड़ा हो सकता है. किंग कॉलेज लंदन और ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने नए अध्ययन में पाया कि ब्रिटेन में 18.4% आबादी में यह लक्षण देखने को मिला. यानी लगभग हर पांच में से एक व्यक्ति को किसी अन्य के आवाज़ कर के खाने, च्युइंगम चबाने और खर्राटे की आवाज़ें ट्रिगर करती हैं. लेखिका डॉ. सिलिया वीटोरतौ कहती हैं, “अक़्सर मिसोफ़ोनिया के रोगी ख़ुद को अकेला महसूस करते हैं पर हक़ीक़त में ऐसा नहीं है. यह एक ऐसी चीज़ है, जिसे हमें जानने के साथ ही तालमेल बैठाने की ज़रूरत है. कितना सामान्य है मिसोफोनिया?
हाल ही हुई एक स्टडी में रिसर्च टीम ने 42 लोगों को अपने शोध में शामिल किया था। जिनमें से 22 लोगों में मेसोफोनिया के लक्षण पाए गए। हालांकि, भारत में इसका आंकड़ा क्या है, अभी भी इसके बारे में उचित अध्ययनों और रिसर्च की जरूरत है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से बात करें। बच्चों में सबसे ज्यादा मिसोफोनिया की शिकायत पाई जाती है। बच्चा मिसोफोनिया में निम्न तरीके से रिएक्ट करता है : बच्चे कुछ विशेष आवाजों के लिए ज्यादा सेंसिटिव हो जाते हैं। इन आवाजों में होंठ की आवाज, चबाने की आवाज, नाक बंद होने पर सांस लेने की आवाज, सांस की आवाज, खर्राटों की आवाज, टाइप करने की आवाज और पेन को बार-बार डेस्क पर मारने की आवाज शामिल हैं।
बच्चा जब कुछ ऐसी आवाजें सुनता है, जिससे वो रिएक्ट करता है या वह उन आवाजों को सुनकर कोई फिजिकल रिस्पॉन्स करता है। बच्चों से होने वाला यह रिस्पॉन्स उसके कंट्रोल में नहीं होता। इसमें दर्द की भावना, प्रेशर और बेचैनी महसूस करना शामिल है। इस तरह के रिस्पॉन्स के साथ इमोशनल रिस्पॉन्स जैसे कि बेचैनी, गुस्सा और चिड़चिड़ापन भी हो सकता है।

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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने लगाए भारत पर गंभीर आरोप

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डिजिटल भारत l कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का जून महीने में हुई कनाडा के खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को “भारत सरकार के एजेंटों” से जोड़ने वाला सनसनीखेज आरोप, दोनों देशों के बीच सुलझते रिश्तों में एक नई गिरावट का संकेत देता है। ट्रूडो के आरोप ने घटनाक्रमों की एक श्रृंखला शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि सबूत भारत के साथ साझा किए गए थे और पिछले सप्ताह के अंत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक में भी इस मसले को उठाया गया था। कनाडा द्वारा एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को निष्कासित करने के बाद, भारत ने मंगलवार को कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया और कनाडा के स्टेशन प्रमुख को जासूसी के आरोप में निष्कासित कर दिया। संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया, जो “फाइव आइज” खुफिया सूचनाओं के साझाकरण से संबंधित समझौते में कनाडा के साथ भागीदार हैं, ने इस मसले पर “गहरी चिंता” व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय ने कनाडा के राजनयिकों पर “भारत विरोधी” गतिविधियों में लिप्त होने का भी आरोप लगाया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि और ज्यादा संख्या में राजनयिक जांच के दायरे में हो सकते हैं।
ये सवाल इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि किसी विकसित या जी-7 देश ने इससे पहले कभी सार्वजनिक तौर पर ऐसे गंभीर आरोप भारत पर नहीं लगाए हैं. साथ ही कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता पिएरे पोलिवियरे ने भी इन आरोपों पर ट्रूडो से और जानकारी मांगी है. वो बोले- प्रधानमंत्री ने अब तक कोई तथ्य उपलब्ध नहीं करवाए हैं, हमें और तथ्य देखने की ज़रूरत है. इस कहानी में यही समझने की कोशिश करेंगे कि ट्रूडो के ऐसा क़दम उठाने के मायने क्या हैं और साथ ही जानेंगे कि भारत-कनाडा के संबंधों में आई तल्खी को भारत समेत विदेशी मीडिया कैसे देख रहा है?
ट्रूडो की मंशा
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उन चमकते सितारों की कहानी जिन्हें दुनिया अभी और देखना और सुनना चाहती थी. दिनभर: पूरा दिन,पूरी ख़बर
समाप्त
द हिंदू अख़बार में भारत-कनाडा संबंधों पर संपादकीय छपा है. इस संपादकीय के मुताबिक़, ट्रूडो की टिप्पणी से भारत-कनाडा संबंध ख़राब स्थिति में पहुँच गए हैं. कनाडा के साथ इंटेलिजेंस शेयरिंग समझौते वाले समूह ‘फाइव आइज’ के सदस्य देश अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने भी चिंता ज़ाहिर की है. ट्रूडो ने भारत पर जो टिप्पणी की, उसे संसद में उनके राजनीतिक विरोधियों का भी समर्थन हासिल हुआ. ये भी संभावना है कि 2025 के चुनावों में अगर यह सरकार सत्ता से बाहर हुई तो ये मामला ठंडे बस्ते में पड़ा रहेगा. पाकिस्तान के मामले में इस तरह से आरोप लगाना, सार्वजनिक तौर पर आमने-सामने आ जाना आम बात है. मगर बात यहाँ कनाडा की हो रही है, जो नेटो का सदस्य है, जहाँ भारतीय मूल के काफ़ी लोग रहते हैं. ऐसे में विवाद बढ़ेगा तो इसका बड़ा असर होगा. द हिंदू के संपादकीय में लिखा है कि ऐसे कठिन पल में अगले कुछ क़दम सोच समझकर उठाने चाहिए. ट्रूडो की प्राथमिकता ये होगी कि वो भारत पर लगाए गंभीर आरोपों को सार्वजनिक तौर पर साबित करें या फिर ये स्वीकार करें कि वो ऐसा करने में असक्षम हैं. भारत का कहना रहा है कि कनाडा की ज़मीन का इस्तेमाल भारत-विरोधी, अलगाववादी खालिस्तानी समूहों की गतिविधियों के लिए होता है. ये बात कई बार साबित भी हुई है. इसकी शुरुआत 1980 से शुरू होती है और हाल के दिनों में भारतीय राजनयिकों और भारतीय कम्युनिटी सेंटर पर हुए हमलों तक जारी रहती है. ट्रूडो की मंशा
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उन चमकते सितारों की कहानी जिन्हें दुनिया अभी और देखना और सुनना चाहती थी. दावा: द न्यूयॉर्क टाइम्स
द न्यूयॉर्क टाइम्स ने भारत-कनाडा संबंधों के ख़राब होने पर एक लंबी रिपोर्ट की है. इस रिपोर्ट में कनाडा के आरोपों को तोप के गोलों की तरह बताया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक़, कनाडा अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे अपने सहयोगियों से भारत को चुनौती देने के लिए साथ आने को कह रहा है. वहीं भारत के लिए पश्चिमी देश, ख़ासकर कनाडा सिख अलगाववादी संगठनों की पनाहगाह बना हुआ जो भारत के लिए ख़तरा है. न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है, अगर निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ निकला तो ये भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए शर्मनाक स्थिति होगी. भारत की ख़ुफिया एजेंसी रॉ पर पहले भी दूसरे देशों में जाकर हत्या करने की साजिश के आरोप लगते रहे हैं. पूर्व सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि पश्चिमी देशों में हरदीप सिंह निज्जर का मामला पहला ऐसा मामला होगा, जिसके बारे में पता चल पाया. अख़बार ने लिखा है, रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार लंबे वक़्त से ये कहती रही है कि खालिस्तान के मुद्दे को बस पंजाब में मामूली सा समर्थन हासिल रहा है. ये बात अलग है कि जब 2020-2021 में सिख किसानों के नेतृत्व में किसान आंदोलन हुआ तो सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने किसानों को खालिस्तानी साबित करने की कोशिश की.
सुरक्षा का सवाल
पूर्व भारतीय राजदूत केसी सिंह ने द न्यूयॉर्क टाइम्स से बात करते हुए कनाडा के आरोपों को गंभीर बताया. केसी सिंह ने कहा, ”निज्जर की हत्या के बाद ये साफ़ था कि ये मुद्दा उठेगा. इस मामले में सिख संगठनों ने भारतीय राजनयिकों पर उंगली उठाई थी और कनाडा के नेताओं पर दबाव बनाया था.” केसी सिंह ने कहा, ”भारत कनाडा में खालिस्तान समर्थकों से नाराज़ रहता है. वहीं कनाडा अपने नागरिकों पर मंडराते ख़तरे और संप्रभुता का हवाला देता है. दोनों देशों के बीच दूरियां बढ़ गई हैं.” द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में खालिस्तान आंदोलन के 1980 के दौर में हिंसक होने, स्वर्ण मंदिर पर उग्रवादियों के क़ब्ज़े और इंदिरा गांधी के सैन्य कार्रवाई के फ़ैसले का भी ज़िक्र किया गया है. 1985 में टोरंटो से लंदन की फ्लाइट में बम लगाने का आरोप भी खालिस्तानी अलगाववादियों पर लगता रहा है. इस हादसे में 300 लोगों की मौत हो गई थी. भारतीय अधिकारियों ने कहा कि ऐसे संगठनों के ख़िलाफ़ घरेलू राजनीति के चलते एक्शन नहीं लिया जाता है. ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में भी सिख समुदाय ताकतवर हो रहा है. भारत की ज़िम्मेदारी
वॉशिंगटन पोस्ट ने भारत-कनाडा पर एक विश्लेषण छापा है. इस विश्लेषण में मिहिर शर्मा लिखते हैं- ट्रूडो का भारत पर आरोप लगाना कई कारणों से चौंकाने वाला रहा. इनमें एक कारण ये भी है कि हम में से ज़्यादातर को ये लगता है कि हम अच्छे लोग हैं और हमारी सरकार ऐसे किसी काम को नहीं करती. अगर भारत ने वाक़ई पश्चिमी देश की ज़मीन पर ऐसा काम किया है तो इससे टकराव और ज़्यादा बढ़ जाएगा. सरकार के ताक़तवर रवैये के समर्थक भी इस बात से इनकार नहीं करेंगे. पीएम मोदी अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मामले में भारत के पारंपरिक रवैये को बदलने की कोशिश में दिखते रहे हैं. 2019 में कश्मीर में हुए हमले के बाद ‘घर में घुसकर मारेंगे’ जैसी बातों का भी प्रचार हुआ. सब जानते हैं कि पीएम मोदी का इशारा पड़ोसी देश में पनाह लिए हुए चरमपंथियों की ओर था. इसके बाद पाकिस्तान की ज़मीन पर एयर स्ट्राइक भी की गई. भारत-कनाडा संबंध
अमेरिका की प्रतिष्ठित पत्रिका टाइम ने भारत-कनाडा संबंधों के टूटने पर एक विस्तृत रिपोर्ट की है. रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत कनाडा संबंध बिगड़ने की शुरुआत जी-20 सम्मेलन के दौरान तब ही हो गई थी, जब पश्चिमी देशों की तरह औपचारिक तौर पर मोदी और ट्रूडो के बीच द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई थी. इस मुलाक़ात में दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से गहरी चिंता व्यक्त की थी. जानकारों का कहना है कि कनाडा से व्यापार और मुल्क में मौजूद भारतीय मूल के लोगों की बड़ी संख्या के चलते जो रिश्ते थे, वो बीते सालों में कमज़ोर होते चले गए हैं. विलसन सेंटर थिंक टैंक में साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर माइकल कुगलमैन ने कहा, ”कनाडा में सिख एक्टिविज़्म का बढ़ना और भारत की चिंताओं का समाधान तलाशने की अनिच्छा ने दोनों देशों के संबंधों को अब गहरे संकट में ढकेल दिया गया है. छुरियां निकल चुकी हैं.”

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ब्रह्मोत्सव में होगा लगभग 5 हजार संत, मनीषियों और विशिष्टजन का समागम

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डिजिटल भारत l मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि 21 सितम्बर को ओंकारेश्वर में हो रहा स्टैच्यु ऑफ वननेस का
अनावरण कार्यक्रम पूर्ण गरिमा, भव्यता और दिव्यता के साथ किया जाए। कार्यक्रम में शामिल होने वाले देश के सभी प्रमुख
साधु-संतों का परंपरागत स्वागत-सत्कार किया जाए। वर्षा ऋतु को देखते हुए आयोजन स्थल तथा यातायात व्यवस्था के लिए
जिला प्रशासन विशेष रूप से संवेदनशील और सतर्क रहे तथा बिन्दुवार प्लानिंग करें। कार्यालय भवन समत्व
में ओंकारेश्वर स्थित एकात्म धाम में एकात्मता की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। संस्कृति
मंत्री सुश्री ऊषा ठाकुर, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस बैठक में वर्चुअली शामिल हुए। समत्व भवन में अपर मुख्य सचिव
कृषि अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव संस्कृति शिवशेखर शुक्ला, प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे तथा अन्य अधिकारी
उपस्थित थे। बैठक से इन्दौर संभागायुक्त तथा खण्डवा कलेक्टर वर्चुअली जुड़े। केरल की धार्मिक परम्पराओं के अनुसार होगा साधु-संत का स्वागत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 21 सितम्बर को प्रात: 11 बजे केरल की धार्मिक परम्पराओं अनुसार साधु-संतों का स्वागत करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री और पूज्य संतों द्वारा वैदिक यज्ञ अनुष्ठान में आहुति दी जाएगी। इस अवसर पर देशभर की शैव परंपरा के नृत्यों की प्रस्तुतियों के साथ ही भारतीय प्रदर्शनकारी शैलियों के कलाकारों द्वारा आचार्य प्रवर्तित पंचायतन पूजा परंपरा का प्रस्तुतिकरण होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा पूज्य संतों द्वारा एकात्मता की मूर्ति के अनावरण और अद्वैत लोक का भूमि एवं शिला-पूजन किया जाएगा। कुल 101 बटुकों द्वारा वेदोच्चार व शंखनाद के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूज्य संत एकात्मता की मूर्ति के चरणों में पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद सिंह चौहान, संतगण और विशिष्टजन सहित ब्रह्मोत्सव के लिए प्रस्थान करेंगे। ब्रह्मोत्सव में होगा संत विमर्श तथा मुख्यमंत्री का संबोधन जानकारी दी गई कि सिद्धवरकूट पर ब्रह्मोत्सव होगा। इसमें शंकर संगीत वेदोच्चार, आचार्य शंकर के स्त्रोतों पर एकाग्र समवेत नृत्य प्रस्तुति शिवोहम तथा आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास द्वारा प्रकाशित ;एकात्म धाम और अद्वैत युवा जागरण शिविर आधारित पुस्तकों का विमोचन किया जाएगा। एकात्मता की यात्रा फिल्म का प्रदर्शन भी होगा। ब्रह्मोत्सव में दोपहर को संत विमर्श और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संबोधन होगा। ब्रहृमोत्सव में लगभग 5 हजार संत-मनीषियों और विशिष्टजनों का समागम होगा। वैदिक आर्चकों द्वारा किया जा रहा है हवन मूर्ति अनावरण से पहले मान्धाता पर्वत पर उत्तरकाशी के स्वामी ब्रहोन्द्रानन्द तथा 32 संन्यासियों द्वारा प्रस्थानत्रय भाष्य पारायण और दक्षिणाम्नाय श्रृंगेरी शारदापीठ के मार्गदर्शन में देश के लगभग 300 विख्यात वैदिक आर्चकों द्वारा वैदिक रीति पूजन तथा 21 कुंडीय हवन किया जा रहा है। स्टैच्यु ऑफ वननेस का अनावरण और अद्वैत लोक का भूमि एवं शिला- पूजन दक्षिणाम्नाय श्रृंगेरी शारदापीठ के मार्गदर्शन में होगा।

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कौन सा ‘कानून’ आ रहा है?, मुख्य चुनाव आयुक्त के अधिकार छीन रही सरकार

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डिजिटल भारत l सभी याचिकाओं को एक करके सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने इस पर सुनवाई करते हुए फ़ैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा था कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति सरकार के नियंत्रण से बाहर होनी चाहिए. जस्टिस के.एम. जोसेफ़ की संवैधानिक पीठ ने अपने फ़ैसले में कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और चुनाव आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक समिति की सलाह पर की जाए, जिसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता (या सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता) और भारत के मुख्य न्यायाधीश शामिल होंगे.
इस फ़ैसले के बाद मॉनसून सत्र में 10 अगस्त को मोदी सरकार ने राज्यसभा में एक बिल भी पेश कर दिया जिसका नाम था मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और पदावधि) विधेयक, 2023. इस विधेयक पर राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ.
विशेष सत्र में 18 सितंबर को होगी चर्चा मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और टर्म ऑफ ऑफिस) विधेयक, 2023 को राज्यसभा में 10 अगस्त को मानसून सत्र के दौरान पेश किया गया था. संसद के विशेष सत्र में इस पर 18 सितंबर को चर्चा होने वाली है. इस विधेयक में मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्तों के वेतन, भत्ते और सेवा शर्तों को संशोधित करने का प्रस्ताव है. इसके ज़रिए उनका पद कैबिनेट सचिव के बराबर हो जाएगा. तत्कालीन समय में उनका पद सुप्रीम कोर्ट के जज के बराबर है. विधेयक पास होने पर चुनाव आयुक्तों के वेतन में कोई खास अंतर नहीं आएगा. सुप्रीम कोर्ट के जज और कैबिनेट सचिवों का मूल वेतन लगभग बराबर ही है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के जजों को रिटायरमेंट के बाद भी सरकारी लाभ मिलते हैं. इनमें ताउम्र ड्राइवर और घरेलू मदद के लिए कर्मचारी शामिल हैं. लेकिन बेचैनी इस बात की है कि चुनाव आयुक्तों को नौकरशाही में मिलाने से उनके अधिकार कम हो जाएंगे.

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अतिथि विद्वान का मासिक वेतन 50 हजार रुपए तक होगा किसी अतिथि विद्वान और व्याख्याता को बाहर नहीं किया जाएगा – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

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सभी शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वान को कार्य दिवस की बजाय मासिक वेतन दिया जाएगा और वह 50 हजार रुपए तक होगा। तकनीकी शिक्षा के अतिथि विद्वान इसमें शामिल होंगे। अतिथि विद्वानों को शासकीय सेवकों के समान अवकाश की सुविधा मिलेगी। अतिथि प्रवक्ताओं का मानदेय भी 20 हजार रुपये किया जाएगा। एक अकादमिक सत्र में अपने महाविद्यालय के स्थान पर अतिथि विद्वानों को उनके आसपास के महाविद्यालय, जहां वे चाहेंगे, में स्थानांतरण की सुविधा भी दी जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां अतिथि विद्वानों और अतिथि व्याख्याताओं की पंचायत को संबोधित करते हुए ये घोषणाएं की। उन्होने कहा कि अतिथि विद्वानों और अतिथि व्याख्याताओं के जीवन की अनिश्चितता को समाप्त करने के लिए राज्य शासन ने ये महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। चौहान ने कहा कि ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी कि फॉलेन आउट की नौबत न आए। अतिथि विद्वान व्याख्याताओं के लिए पीएससी की परीक्षा में संशोधित कर 25 प्रतिशत पद आरक्षित किए जाने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए जाएंगे। अभी अतिथि विद्वानों को प्रतिवर्ष 4 और अधिकतम 20 अतिरिक्त अंक दिए जाते हैं। इसको बढ़ाकर अधिकतम 10 प्रतिशत तक अंक दिए जाएं। इसके लिए आवश्यक व्यवस्था की जाएगी। चौहान ने कहा कि अब कोई भी अतिथि विद्वान, व्याख्याता जो लगातार पढ़ाने का कार्य कर रहा है उसको बाहर नहीं किया जाएगा। आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग महाविद्यालय के अतिथि शिक्षक और व्याख्याता भी पात्र होंगे। निरंतर पढ़ाने का कार्य कर रहे किसी अतिथि विद्वान और व्याख्याता को बाहर नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश काफी बड़ा प्रदेश है, यह देश का दिल है। प्रदेश के इन चार-साढ़े चार हजार लोगों के लिए भी हृदय में स्थान है। विभिन्न वर्गों और अलग-अलग श्रेणियों के अधिकारियों- कर्मचारियों के कल्याण के लिए समय समय पर विभिन्न प्रावधान किए गए हैं।

अतिथि विद्वान और अतिथि व्याख्याता भी इसके पात्र हैं। उन्हें विद्यार्थियों के भविष्य को बेहतर बनाने का महत्वपूर्ण दायित्व दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिथि विद्वान और अतिथि व्याख्याता हमारे परिवार के अभिन्न अंग हैं। राज्य शासन अतिथि विद्वानों और अतिथि व्याख्याताओं को विभिन्न सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। अतिथि विद्वान और अतिथि व्याख्याता बेहतर शिक्षा देने में जुट जाएं। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव, राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री रमेश चंद्र शर्मा, सामान्य वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष श्री शिव कुमार चौबे और मध्यप्रदेश ग्रामीण/ शहरी असंगठित कर्मकार मंडल के अध्यक्ष सुल्तान सिंह शेखावत एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। जब दौरे में दो बहनों ने किया ध्यानाकर्षण मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि जब वे प्रदेश के विभिन्न जिलों में दौरे पर रहते हैं तो जन समस्याओं की जानकारी भी मिलती है। एक बार दौरे के समय एक महाविद्यालय के उद्घाटन के बाद दो बहनें मिलने का प्रयास कर रही थीं। सुरक्षा कर्मियों के रोके जाने के बाद भी वे अपनी बात कहने के लिए आगे बढ़ रही थीं। कार्यक्रम स्थल पर उनकी तकलीफ की जानकारी मिली। कार्यक्रम पूरा होने के बाद प्राचार्य के कक्ष में चाय पीने का अनुरोध किया गया। वहीं मैंने बहनों को बुलाकर उनसे चर्चा की। यह दोनों बहनें अतिथि व्याख्याता थीं। इनकी समस्या सुनकर संकल्प ले लिया था कि इस वर्ग की आंखों में आंसू नहीं आने दूंगा। इन दोनों बहनों के ध्यानाकर्षण किए जाने के पश्चात संबंधित विभागों को जरूरी निर्देश दिए गये हैं। आज अतिथि विद्वानों और व्याख्याताओं के लिए आवश्यक निर्णयों को लेने का संयोग हुआ है।

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ट्रांसपोर्ट नगर में उच्च गुणवत्ता की सड़कों के लिये दी जायेगी धनराशि विरोध प्रदर्शन में व्यापारियों पर लगे मुकदमे होंगे वापस

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डिजिटल भारत l व्यापारियों से लिये जाने वाले गार्बेज शुल्क का युक्तियुक्तिकरण किया जायेगा। सोना, चाँदी पर बढ़ाई गई एक्साइज ड्यूटी के विरोध में किए गये आंदोलन व प्रदर्शन के समय व्यापारियों पर दर्ज किए गये सभी मुकदमे वापस लिये जायेंगे। ग्वालियर अंचल के व्यापारिक – औद्योगिक विकास पर मध्यप्रदेश चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज ग्वालियर द्वारा आयोजित संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने व्यापारियों एवं उद्योगपतियों के हित में ये घोषणाएँ कीं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने व्यापारियों की मांग पर ट्रांसपोर्ट नगर में उच्च गुणवत्ता की सीमेंट कंक्रीट बनाए जाने की मांग पर सड़कों के निर्माण के लिए धनराशि उपलब्ध कराने की भी घोषणा की। औद्योगिक क्षेत्र को संपत्तिकर मुक्त किए जाने की मांग पर उन्होंने कहा कि इसका परीक्षण कराया जायेगा और औद्योगिक क्षेत्र में व्यापारियों पर दो टैक्स न लगे यह सुनिश्चित करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने ग्वालियर विकास प्राधिकरण द्वारा बनाए गए माधव प्लाजा में व्यापारियों से विलम्ब शुल्क
न लिए जाने की भी घोषणा की। नगर निगम के नामांतरण को संपत्ति की रजिस्ट्री से जोड़ने की व्यवस्था भी होगी। प्रोफेशनल
टैक्स के संबंध में शासन स्तर से विचार किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण
सुझावों के संबंध में कहा कि जल उपभोक्ताओं के बकाया बिलों के लिये विद्युत विभाग की तरह ही योजना बनाकर जल
उपभोक्ताओं के लंबित बिलों का निराकरण किया जायेगा। इसके लिये शासन स्तर से रणनीति बनाकर कार्रवाई की जायेगी।
उन्होने कहा कि व्यापारी की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। आवश्यक हुआ तो संबंधित कानूनों में भी प्रावधान किया जायेगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आपदा और विपदा के समय व्यापारियों को आर्थिक सहयोग करने के लिये सरकार व्यापारियों
को बैंक ऋण उपलब्ध कराने की सुविधा उपलब्ध करायेगी। सूखे, नशे की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के निर्देश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि औद्योगिक विकास के बिना प्रदेश या देश का विकास नहीं हो सकता। सरकार की प्राथमिकता है कि व्यापारियों को व्यापार के लिये हर सुविधा मिले। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चौतरफा जो विकास हुआ है।

इसमें व्यापारियों और उद्योग धंधों का बड़ा योगदान है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि देश की सकल विकास दर में पहले मध्यप्रदेश 3 प्रतिशत का योगदान देता था। अब बढ़कर 4 प्रतिशत से अधिक हो गया है। उन्होंने कहा कि 2003 से पहले जहाँ मध्यप्रदेश का बजट 21 हजार करोड़ था, उसे बढ़ा कर हमने 3 लाख 14 हजार करोड़ रूपए किया है। अब 47 लाख हैक्टेयर में सिंचाई हो रही है। हर क्षेत्र में विकास का परचम लहराया है। केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सिंधिया परिवार ने 1906 में चेम्बर ऑफ कॉमर्स की स्थापना की थी। तब से चेम्बर ऑफ कॉमर्स व्यापार और उद्योगों के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 9 वर्षों में देश ने विकास के कई आयाम स्थापित किए हैं। विकास की दौड़ में अब हमारा देश पाँचवे स्थान पर है। जिसे तीसरे स्थान पर लाने के लिये देश तेजी से कार्य कर रहा है। देश के विकास में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। कार्यक्रम के प्रारंभ में चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल ने व्यापारियों के हित में मांग रखी और महत्वपूर्ण सुझाव दिए। जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, बीज एवं फार्म विकास निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल, सभापति मनोज तोमर, भाजपा जिला अध्यक्ष अभय चौधरी, कोषाध्यक्ष संदीप नारायण अग्रवाल सहित चेम्बर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी एवं सदस्यगण उपस्थित थे।

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केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल, सांसद राकेश सिंह के नेतृत्व में पनागर पंहुची जनआशीर्वाद यात्रा, नगर में हुआ भव्य स्वागत,

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डिजिटल भारत l भाजपा सरकार द्वारा प्रदेश में भ्रमण कर रही भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा आज दसवें दिन मझौली से होते हुए पनागर पंहुची, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल, सांसद राकेश सिंह, क्षेत्रीय विधायक सुशील इंदु तिवारी के नेतृत्व में जन आशीर्वाद यात्रा का पनागर में प्रवेश पर सिंगलदीप, पुरैना, सिंगोद में भव्य स्वागत हुआ, इसके बाद जन आशीर्वाद यात्रा पनागर बस स्टैंड पंहुची जहां आयोजित जन सभा में पनागर विधायक सुशील तिवारी “इंदु भैया” ने बताया कि बाईट सुशील इंदु तिवारी वहीं केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल जी ने जन आशीर्वाद यात्रा की सभा को संबोधित करते हुए कहा कि संबोधन एवं बाईट प्रह्लाद पटेल जबलपुर सांसद राकेश सिंह ने यात्रा के विषय में संबोधित किया संबोधन राकेश सिंह संबोधन वहीं कांग्रेस ने जन आशीर्वाद यात्रा का विरोध जताते हुए कहा कि यह भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा नही जन विनाश यात्रा है

जन आशीर्वाद यात्रा में जिला ग्रामीण अध्यक्ष रानू तिवारी,आशीष दुबे,अभिलाषा पांडे,श्रीमती माया इंदु तिवारी,जिला ग्रामीण युवा मोर्चा उपाध्यक्ष हर्ष इंदु तिवारी, नगर मंडल अध्यक्ष अंकुर जैन, मोनू खरे, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती रीना आनंद जैन, सर्वेश मिश्रा,श्रीमती प्रेमलता पटेल, जनमानस के साथ मंडल प्राधिकारी, मोर्चा प्रकोष्ठ के कार्यकर्ता उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचलन मंडल संयोजक आनंद जैन “मिंन्चू” आभार जिला ग्रामीण उपाध्यक्ष डॉ सुभाष तिवारी ने किया । कांग्रेस ने यात्रा को बताया जनविनाश यात्रा, जल्द ही निकालेंगे जनाक्रोश यात्रा वहीं कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री विनोद श्रीवास्तव, तुलसीराम कुशवाहा, बेडिलाल कुशवाहा सहित उपस्थित कांग्रेसियों ने इस यात्रा का विरोध करते हुए इसे जन विनाश यात्रा नाम दिया, कांग्रेस नेता विनोद श्रीवास्तव ने कहा कि आशीर्वाद स्वरूप नगर की जनता ने भाजपा को 10 वर्ष दिए, इन 10 वर्षों में पनागर में बेरोजगारों को नोकरी नही मिली, किसानों की समस्याओं को सुलझाने की बजाय उन्हें मंहगे दाम में मिलावटी खाद उपलब्ध कराई जा रही है, न स्वास्थ्य की व्यवस्था है, न रोजगार, न शिक्षा मिल रही है जनता इन्हें अब कैसा आशीर्वाद दे, प्रदेश में फैले भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, का जबाब देने का मन बना चुकी क्षेत्र की जनता अब इसका जबाब होने वाले चुनाव में अपना बहुमूल्य वोट देकर कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाकर देने वाली है, जल्द ही पनागर क्षेत्र में जन आक्रोश यात्रा निकालने जा रहे है, जो सम्पूर्ण पनागर विधानसभा में भ्रमण कर भाजपा शासन में फैली कुरीतियों ओर भ्रस्टाचार को जनता के सामने रखेंगे,

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