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भोपाल में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की दहाड़

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भोपाल बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भोपाल पहुंचे हैं। भोपाल स्टेट हैंगर में बीजेपी नेताओं ने उनका स्वागत किया है। इसके बाद जेपी नड्डा पार्टी के कार्यक्रम में मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में पहुंचे। वहां उन्होंने एक रैली को संबोधित किया है। इस दौरान जेपी नड्डा ने जमकर कांग्रेस पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी मोदी के नेतृत्व में देश का मान और सम्मान बढ़ा, आज दुनिया को भारत से सबसे अधिक उम्मीद है। जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस के लोग पढ़ते-लिखते नहीं हैं। इसलिए ऐसी बातें करते हैं। जेपी नड्डा ने कहा कि अमेरिका और भारत के रिश्ते आसमान छू रहे हैं। मिस्र ने अपना सर्वोच्च सम्मान देकर पीएम मोदी को सम्मानित किया है। आज हमारी विचारधारा को मजबूत करने, भारत को शक्तिशाली बनाने, देश को विकसित भारत बनाने के लिए प्रत्येक कार्यकर्ता की अहम भूमिका है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की गरीबी पिछले नौ सालों में 22 प्रतिशत से कम होकर 10 प्रतिशत रह गई है। भारत की अति गरीबी 1 प्रतिशत से भी कम हो गई है।

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि ये कांग्रेस पार्टी के लोग जो पढ़ते-लिखते कम हैं। इनको मालूम नहीं है कि मॉडर्न स्ट्रेट की रिपोर्ट बताती है कि आज सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था भारत की है। अमेरिका की विकास दर 7.9 पर है। जबकि भारत 8.10 प्रतिशत से आगे बढ़ गया है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश का मान और सम्मान बढ़ा है। आज दुनिया को भारत से सबसे अधिक उम्मीद है।उन्होंने कहा कि हम सबका सौभाग्य है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल मेरा बूथ, सबसे मजबूत के तहत करोड़ों कार्यकर्ताओं का डिजिटली मार्गदर्शन करेंगे। देश के 10 लाख बूथ पर टेलीविजन, लैपटॉप, फेसबुक के माध्यम से बूथ कार्यकर्ता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संवाद से जुडेंगे। प्रधानमंत्री भोपाल में तीन हजार बूथ के कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करेंगे, प्रश्न भी पूछेंगे और जवाब भी देंगे।

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नरेंद्र मोदी के हैट्रिक प्लान की अहम रणनीति की पूरी डिटेल

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नई दिल्‍ली । 2024 में जीत की हैट्रिक लगाने के लिए बीजेपी जांची-परखी रणनीति पर आगे बढ़ रही है। नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का लक्ष्‍य लेकर पार्टी के नेता, कार्यकर्ता निकल चुके हैं। बीजेपी ने ‘संपर्क से समर्थन’ अभियान चलाया है। यह अभियान केंद्र में मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर शुरू किया गया था। पार्टी इसके जरिए ठीक उसी तरह 2024 की रोड तैयार कर रही है, जैसे उसने 2019 में की थी। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा या हों अमित शाह और राजनाथ सिंह जैसे सीनियर मंत्री, शहर-शहर जा रहे हैं। मशहूर हस्तियों से मिलते हैं और रैलियां भी करते हैं। इसी तरह, बीजेपी ने 2018 में ‘संपर्क फॉर समर्थन’ अभियान लॉन्च किया था। पार्टी के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री नामचीन हस्तियों से मिलते थे, बीजेपी के लिए समर्थन मांगते थे। उस शहर में नेताजी की जनसभा भी होती थी। यानी एक पंथ दो काज। बीजेपी 2024 में भी उसी प्‍लान से सफलता पाना चाहती है।

बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा 25 जून को तेलंगाना के नगरकुर्नूल में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। इससे पहले वह ‘संपर्क से समर्थन’ अभियान के तहत हैदराबाद में जाने-माने राजनीतिक विश्लेषक के नागेश्वर और पद्मश्री से सम्मानित आनंद शंकर से मिलेंगे। तेलंगाना में इस साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं जिसके चलते बीजेपी दोहरा जोर लगा रही है। पार्टी राज्य में कई जनसभाएं करने की योजना बना रही है, जिनमें पीएम मोदी सहित पार्टी के शीर्ष नेता शामिल होंगे।

भाजपा के जनसंपर्क अभियान ‘संपर्क से समर्थन’ के तहत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को चंडीगढ़ में थे। पार्टी ने अपने सभी मुख्यमंत्रियों को भी इस अभियान में झोंक रखा है। विभिन्‍न राज्‍यों में जा-जाकर केंद्रीय मंत्रियों, मुख्‍यमंत्रियों, सांसदों, विधायकों की जनसभाएं आयोजित कराई जा रही हैं।2018 में बीजेपी ने ‘संपर्क फॉर समर्थन’ अभियान के तहत 50 बड़ी हस्तियों तक पहुंच बनाई थी। कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर संपर्क करने को कहा गया था। अमित शाह तब भाजपा के अध्यक्ष थे। उन्होंने ही इस अभियान की शुरुआत की थी। पार्टी के बूथ लेवल से लेकर हाई लेवल तक का नेता इस अभियान से जुड़ा था। नतीजा 2019 के आम चुनाव में बीजेपी अपने दम पर 300 सीटों का आंकड़ा पार कर गई। भारत के संसदीय इतिहास में यह भाजपा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। बीजेपी उसी रणनीति के सहारे 2024 में जीत की हैट्रिक लगाने का सपना देख रही है।

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कमलनाथ के अभेद किले छिंदवाड़ा में पार्षद संदीप सिंह चौहान ने कांग्रेस को दी मात

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छिंदवाड़ा । कमलनाथ का गढ़ छिंदवाड़ा कांग्रेस के लिए अभेद किला है। बीजेपी सालों से वहां मेहनत कर रही है लेकिन कमलनाथ को मात नहीं दे पाई है। पिछले विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा के सातों सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। इस बार मेयर पद पर भी कब्जा कर लिया है। पिछले सप्ताह छिंदवाड़ा नगर निगम में उपचुनाव हुए थे। इस उपचुनाव में बीजेपी को जीत मिली है। इसके बाद पार्टी काफी उत्साहित है। पार्षद उपचुनाव में मिली जीत से बीजेपी के नेता जोश में हैं। आइए आपको बताते हैं कि कमलनाथ के अभेद किले में कमल खिलाने वाले संदीप सिंह चौहान कौन हैं।दरअसल, छिंदवाड़ा नगर निगम के वार्ड नंबर 42 में बीजेपी उम्मीदवार संदीप सिंह चौहान को 487 वोट से जीत मिली है। इस जीत के साथ ही पार्षद संदीप सिंह ने कांग्रेस के सारे समीकर वहां फेल कर दिए हैं। जबकि इस चुनाव में अप्रत्यक्ष तौर पर कांग्रेस के बड़े नेता भी लगे हुए थे। चुनाव में मिली जीत के बाद संदीप सिंह चौहान ने नवभारत टाइम्स.कॉम से बात की है। उन्होंने कहा कि पार्षद चुनाव में कांग्रेस ने एड़ी चोटी का जोर लगा दी थी।

संदीप सिंह चौहान ने कहा कि देवतुल्य कार्यकर्ताओं की मेहनत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जन कल्याणकारी योजनाओं की बदौलत उन्हें जीत मिली है। संदीप सिंह चौहान ने कहा कि यह हार कमलनाथ की हार है क्योंकि पूर्व सीएम कमलनाथ ने इस पार्षद चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी थी।

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विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में बड़े चेहरों की एंट्री

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जयपुर । चुनावी साल में सभी राजनीतक दल पूरी ताकत से फील्ड में उतर गए हैं। कांग्रेस सरकारी योजनाओं के बलबूते पर गांव गांव घर घर तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रही है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल अलग–अलग जिलों में ताबड़तोड़ सभाएं और रैलियां कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी की ओर से राजस्थान में दो बड़ी रैलियां हो चुकी। वहीं भारतीय जनता पार्टी केन्द्र सरकार की उपलब्धियों और प्रदेश में बढ़ रहे अपराधों के मुद्दे पर लोगों के बीच अपनी पैठ जमाने में लगी है। प्रदेश में पार्टी को और ज्यादा मजबूत होने के लिए बीजेपी में कई बड़े चेहरों की एंट्री भी होने वाली है। इन चेहरों के बीजेपी में शामिल होने से गहलोत के लिए चुनौती भी बढ़ना तय है।

प्रदेश के कई बड़े नेता ऐसे हैं जो लम्बे समय से पार्टी से बाहर हैं। कुछ ने जानबूझकर पार्टी का दामन छोड़ दिया था तो कुछ पार्टी से निष्कासित हैं। ऐसे सभी नेताओं की घर वापसी की तैयारी की जा रही है ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी क्षेत्रवार और जातिगत वोट बैंक को साध सके। घर वापसी के साथ ही बीजेपी कांग्रेस में सेंध लगाने की तैयारी भी कर रही है। कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं के पारिवारिक सदस्य भी बीजेपी में एंट्री करने वाले हैं। कुछ दिनों पहले भी पूर्व मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय जगन्नाथ पहाड़िया के पुत्र ने बीजेपी की सदस्यता ली थी। पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के भतीजे ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी।पिछले विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी का दामन छोड़ने वाले पूर्व सांसद मानवेन्द्र सिंह की जल्द ही घर वापसी होने वाली है। 2018 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से पूर्व मंत्री रहे सुरेन्द्र गोयल पार्टी से बगावत कर ली थी। वे भी अब जल्द ही पार्टी में वापसी करने वाले हैं। बीकानेर संभाग के बड़े चेहरे के रूप में स्थापित देवी सिंह भाटी के साथ विजय बंसल और रोहिताश्व शर्मा की भी जल्द ही घर वापसी होने वाली है। टिकट नहीं मिलने से निर्दलीय चुनाव लड़कर जीतने वाले ओमप्रकाश हुड़ला को भी वापस बीजेपी में लाने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।

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हनुमान बेनीवाल और केजरीवाल ने पायलट के मुद्दों का बनाया हथियार

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जयपुर । वसुंधरा सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद भले ही सचिन पायलट की इस मुद्दे पर कम सक्रिय हो गए हो। लेकिन राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस मुद्दे को पकड़ लिया है। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए दोनों पार्टियों के नेता इस मुद्दे को जमकर भुनाने में लगी हैं। गहलोत और वसुंधरा की केमिस्ट्री को लेकर दोनों ही नेता लगातार जमकर हमला कर रहे हैं। हाल ही में केजरीवाल ने गहलोत और वसुंधरा का भाई-बहन का रिश्ता बताकर तंज कसा। वहीं हनुमान बेनीवाल ने भी गहलोत-वसुंधरा के गठजोड़ के साथ पेपर लीक प्रकरण में भी गहलोत सरकार को जमकर घेरा है। नवभारत टाइम्स की इस रिपोर्ट के जरिए विस्तार से समझिए कैसे भ्रष्टाचार के मुद्दे के जरिए अरविंद केजरीवाल और हनुमान बेनीवाल एक तीर से दो निशाने करने में लगे हैं।विधानसभा चुनाव को लेकर गत दिनों श्रीगंगानगर में आम आदमी पार्टी की रैली हुई। इस दौरान आप पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने चुनावी बिगुल फूंककर गहलोत-वसुंधरा के गठजोड़ को लेकर बड़ा हमला किया। उन्होंने कहा कि अब वसुंधरा गहलोत की बहन बन चुकी है। इसलिए वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार को लेकर अब कोई जांच नहीं होगी। उन्होंने सीएम गहलोत पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वसुंधरा के शासन में गहलोत कहते थे कि वसुंधरा पैसे खा गई। लेकिन जैसे ही गहलोत की सरकार बनी। वे अपने वादों से मुकर गए और अब वसुंधरा के साथ अपने भाई बहन का रिश्ता निभा रहे हैं। उन्होंने वसुंधरा राजे पर भी बड़ा हमला करते हुए कहा कि उनके शासन में जमकर भ्रष्टाचार हुआ। लेकिन गहलोत उन मामलों की जांच नहीं करवा रहे हैं।

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विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी संगठन में बड़ा बदलाव

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भोपाल मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अपनी टीम का विस्तार किया है। सोमवार को बीजेपी के कई मोर्चों के लिए संगठनात्मक नियुक्तियां की गई हैं। इन नियुक्तियों ने जातिगत समीकरणों का भी ध्यान रखा गया है। सभी नियुक्तियों को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। बता दें कि राज्य में इसी साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं। विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में आपसी कलह खुलकर सामने आ रही है। अंदरूनी कलह को डैमेज कंट्रोल की कोशिश लगातार जारी हैं।एम एजाज खान को बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। विधानसभा चुनाव के पहले अल्पसंख्यक वर्ग को साधने के लिए यह नियुक्ति की गई है। बीजेपी ने अल्पसंख्यक मोर्चे की जिम्मेदारी ऐसे व्यक्ति को सौंपी है जिसकी छवि साफ-सुथरी मानी जाती है। वसीमउद्दीन को अल्पसंख्यक मोर्चे में प्रदेश महामंत्री बनाया गया है। बता दें कि नियुक्तियों का आदेश प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी ने जारी किया है।

राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार को महिला मोर्चा की अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। आशीष दुबे को सह प्रभारी युवा मोर्चा नियुक्त किया गया है। वहीं, विजय दुबे को चंबल संभाग का प्रभारी बनाया गया है। तेज बहादुर सिंह चौहान को इंदौर संभाग का सहप्रभारी बनाया गया है। रोहित गंगवाल को प्रदेश संयोजक, विदेश संपर्क विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।मध्यप्रदेश में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी और कांग्रेस ने अपनी-अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। राज्य में बीजेपी अपने स्तर पर सर्वे करवा रहा है। बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। लेकिन 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के कारण कांग्रेस की सरकार गिर गई थी और फिर से बीजेपी की सरकार बनी थी।

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सियासी चाल बिगाड़ सकती है

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भोपाल । इस साल के अंत में मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव भूचाल लाने वाले हो सकते हैं। हमेशा की तरह इस बार भी बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होगा। लेकिन एक मजबूत क्षेत्रीय राजनीतिक संगठन के अभाव में कुछ अन्य दल अपने क्षेत्रों का विस्तार करने का प्रयास करेंगे। पिछले साल कोयला नगरी सिंगरौली में मेयर पद जीतकर शानदार एंट्री करने वाली दिल्ली के मुख्यमं की आम आदमी पार्टी (आप) इस साल पहली बार मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ेगी। जनवरी में आप ने राज्य की कार्यकारिणी को भंग कर दिया और दो महीने बाद सिंगरौली मेयर का चुनाव रानी अग्रवाल ने जीत लिया। पार्टी ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी पदोन्नत किया।

मार्च में राज्य का दौरा करने के दौरान केजरीवाल ने सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के फैसले की घोषणा की थी। अपनी घोषणा में, उन्होंने मध्य प्रदेश में सत्ता में आने पर मुफ्त बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के लिए दिल्ली मॉडल की अवधारणा का हवाला दिया। आप ने अभी तक मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरे की घोषणा नहीं की है, लेकिन सूत्रों ने दावा किया है कि वह भाजपा और कांग्रेस दोनों के कुछ बड़े नेताओं के साथ बातचीत कर रही है। यह भी खबर सामने आ रही है कि कई नेता भाजपा और कांग्रेस से दूर हो गए हैं और राजनीति में आगे बढ़ने के लिए आप में जगह पाने की जुगत में हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि कई कारणों से आप का मध्य प्रदेश में ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन यह भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के लिए खेल बिगाड़ सकती है।राज्य-आधारित एक राजनीतिक पर्यवेक्षक ने कहा, मध्य प्रदेश में आप क्यों सफल नहीं होगी? पहला, इसलिए कि उसके कार्यकर्ता जनता के मुद्दों पर लड़ने के लिए सड़कों पर नहीं थे। दूसरा, क्योंकि मुफ्त उपहारों की इसकी अवधारणा पहले से ही कांग्रेस और भाजपा ने अपना लिया है। तीसरा कारण यह है कि दिल्ली में अपने मंत्रियों के खिलाफ हुए भ्रष्टाचार ने आप को झटका दिया है। अगर इसका थोड़ा सा भी असर हुआ तो यह केवल उम्मीदवारों के कारण होगा, जिन्होंने अपनी खास सीटों पर अपना आधार बनाया है। या तो उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि के कारण या भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच की आंतरिक लड़ाई के कारण होगा।

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छिंदवाड़ा में कमलनाथ को झटका, बीजेपी को मिली सफलता

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छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को बड़ा झटका लगा है। कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में बीजेपी उम्मीदवार की जीत हुई है। छिंदवाड़ा नगर निगम में जिस तरह से 18 साल बाद कांग्रेस ने कब्जा किया था। उस नगर निगम के वार्ड नंबर 42 में हुए पार्षद के लिए हुए उपचुनाव के दौरान कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। यहां से भाजपा के पार्षद पद के प्रत्याशी संदीप सिंह चौहान ने जीत दर्ज की है। संदीप ने 436 वोटों से कांग्रेस के पार्षद पद के प्रत्याशी राजू स्वामी को हराया है। बता दें कि पूर्व में यहां राजेश भोयर बतौर बीजेपी पार्षद थे। उनके आकस्मिक निधन के बाद यहां उपचुनाव हुआ था।चुनाव के दौरान पूर्व सीएम कमलनाथ और सांसद नकुल नाथ ने मेयर विक्रम अहाके, निगम अध्यक्ष सोनू मांगो के सात चुनाव जीतने की रणनीति बनाई थी। लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी राजू स्वामी के जिताने के लिए बनाई गई विशेष रणनीति काम नहीं आई। बता दें कि इस बार बीजेपी का फोकस छिंदवाड़ा लोकसभा सीट है।

भाजपा उम्मीदवार संदीप चौहान को कुल 1226 वोट मिले जबकि कांग्रेस के राजू स्वामी को सिर्फ 736 वोट ही मिल पाए। 13 जून को यहां मतदान हुआ था। जिसके बाद दोनों ही प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम मशीन में कैद हो गया था।नगर निगम छिंदवाड़ा के वार्ड 42 में हुए चुनाव बीजपी और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल था। कुछ समय बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से इसे जोड़कर देखा जा रहा था। ऐसे में कांग्रेसियों ने पूर्व सीएम कमलनाथ को फिर से मुख्यमंत्री बनाने के नाम पर मतदाताओं के घर-घर जाकर वोट मांगे थे। वहीं, बीजेपी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विकास कार्य और नगर निगम में कांग्रेस की सरकार की नाकामी को लेकर जनता के बीच जाकर प्रचार किया था।

परासिया में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया। यहां वार्ड नंबर 6 में हुए पार्षद के उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी पूजा मरकाम ने जीत हासिल की। यहां भी पूर्व में कांग्रेस का कब्जा था लेकिन पार्षद नंदनी मरकाम का आकस्मिक निधन हो गया था। बीजेपी ने यहां आशा चरपे को टिकट दिया था। बीजेपी ने इस वार्ड में हार के बाद मंथन की बात कही है। हालांकि विधानसभा चुनाव के कुछ समय पहले हुए चुनाव में कांग्रेस की हार को बड़ा झटका माना जा रहा है।

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नीतीश के मिशन एंटी मोदी पर दलित ग्रहण विपक्षी एकता की बैठक

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पटना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीति का समय ठीक नहीं चल रहा है। इन दिनों उनकी राजनीति पर दलित ग्रहण लगता दिख रहा है। एक चिराग पासवान उनके विरुद्ध खड़े हुए तो जनता दल यू सबसे बड़ी पार्टी से तीसरे नंबर की पार्टी बन गई। अब तो महागठबंधन के विरुद्ध हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के जीतनराम राम मांझी और बहुजन समाज की अध्यक्ष मायावती ने भी विपक्षी एकता मुहिम की हवा निकालते हुए यह कह कर नीतीश कुमार की बैचैनी बढ़ा दी कि बसपा बिहार के सभी 40 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगी।बिहार में बसपा का चुनाव रेकॉर्ड बहुत अच्छा तो नहीं रहा है। पर इनके उम्मीदवार के रहने से राजनीति प्रभावित तो होती है। खासकर वह इलाके जो उत्तरप्रदेश के बॉर्डर से सटे हैं, वहां के दलितों विशेषकर रविदास के बीच पार्टी की पकड़ काफी अच्छी है।

बसपा के कार्यालय प्रभारी गौतम खरवार की माने तो बसपा लगातार कई लोकसभा चुनाव में 40 सीटों पर लड़ते रहे हैं। इनका प्रभाव क्षेत्र सासाराम, बॉक्सर, गोपालगंज, बगहा, बालमिकीनगर करगहर और काराकाट हैं। यहां इनके उम्मीदवार जीत हार को अक्सर प्रभावित करते रहे हैं। गत लोकसभा चुनाव में सुनील कुशवाहा बक्सर से चुनाव में उतरे और 80 हजार से ज्यादा मत ला कर यहां की जीत को प्रभावित किया था।

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प्रियंका गांधी के जाते ही कमलनाथ ने अपने सभी बड़े नेताओं को बुलाया

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भोपाल मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान का कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने श्रीगणेश किया है। इसके साथ ही उन्होंने पांच गारंटी दी है। इसके लिए प्रदेश कांग्रेस में मंथन का दौर शुरू हो गया है। मंगलवार को हुई विधानसभा चुनाव 2023 वचन पत्र कमेटी की बैठक में विचार किया गया। कांग्रेस की महासचिव सोमवार को जबलपुर प्रवास पर थी। वहां जनसभा में उन्होंने पांच गारंटी दे देते हुए उन्हें लागू कराने का वादा किया था।

उन्होंने महिलाओं को प्रति माह 15 सौ रुपए और 500 रुपए में गैस सिलेंडर दिए जाने की गारंटी दी। साथ ही कहा 100 यूनिट तक बिजली बिल माफ और 200 यूनिट तक बिजली बिल हाफ। किसान कर्ज माफी जारी रहेगी और पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाएगा। प्रियंका गांधी के ऐलान के बाद मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में उनके आवास पर विधानसभा चुनाव 2023 वचन पत्र कमेटी की बैठक हुई।

इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, वचन पत्र समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री बाला बच्चन, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, मुकेश नायक सहित वचन पत्र समिति के अन्य सदस्य बैठक में उपस्थित रहे। राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के वचन पत्र को अंतिम रूप देने पर विचार विमर्श हुआ।वहीं, कांग्रेस की ओर से नारी सम्मान योजना को सरकार में आने पर अमली जामा पहनाने का वादा किया गया है। इस योजना पर जहां प्रियंका गांधी ने मुहर लगाई है, वहीं इसे वचन पत्र में शामिल किए जाने की भी तैयारी है।

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