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एक भारत उत्कृष्ट भारत

डिजिटल भारत l शनिवार अवकाश के दिन भी करदाताओं की सुविधा के लिए खुले रहेगें नगर निगम के सभी कैश काउंटर

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सभी राजस्व अमला वसूली और बिल वितरण का कार्य करेगें

31 दिसम्बर के बाद करों पर लगेगा 7 प्रतिशत अधिभार

अधिभार से बचने 31 दिसम्बर के पूर्व बकाया करों की राशि जमा करने करदाताओं से निगमायुक्त ने की अपील l

जबलपुर। करदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ के द्वारा अवकाश दिवस शनिवार को भी नगर निगम के सभी संभागीय कार्यालयों एवं मुख्यालय के कैश काउंटर खोलने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए निगमायुक्त श्री वशिष्ठ ने उपायुक्त पी.एन. सनखेरे को निर्देश दिये हैं। उपायुक्त श्री सनखेरे ने जानकारी दी है कि समस्त करदाता अपना सम्पत्ति कर, जलशुल्क एवं अन्य कर 31 दिसम्बर तक जमा करें। 31 दिसम्बर के पश्चात करों की राशि जमा करने पर 7 प्रतिशत का अधिकभार लगेगा। उन्होंने कहा कि करदाताओं की सुविधा के लिए दिसम्बर माह में सभी शनिवार अवकाश दिवस में भी सभी कैश काउंटर खुले रहेगें।
उपायुक्त राजस्व ने बताया कि करदाताओं को फोन व मैसेज कर शनिवार अवकाश में भी कैश काउंटर खुले होने की सूचना से अवगत कराया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक नागरिक टैक्स जमा कर सकें। उन्होंने बताया कि मैदानी अमले को निर्देश दिये गए हैं कि वे जितने भी करदाताओं को जानते हैं, उनसे सम्पर्क कर टैक्स जमा करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने बताया कि बहुत से करदाता समय के आभाव के कारण कैश काउंटर्स तक नहीं पहुॅंच पाते और ऐसे में उनकी सहूलियत को ध्यान में रखकर समय-समय पर अवकाश के दिन काउंटर खोला जाता है। इसी कड़ी में दिसम्बर माह के सभी शनिवार अवकाश के दिन करदाताओं की सहूलियत के लिए कैश काउंटर खोले रखने का निर्णय लिया गया है, ताकि करदाता आसानी से अपना टैक्स जमा कर सकेगें। इसलिए नगर निगम के निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ ने सभी करदाताओं एवं सभी शासकीय विभागों एवं संस्थाओं के प्रमुखों से भी अपील की है कि दिसम्बर माह में सभी शनिवार अवकाश के दिन निगम प्रशासन द्वारा प्रदत सुविधा का लाभ उठाकर समस्त बकाया कारों की राशि का भुगतान करें।

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4 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को मिला व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का लाभ, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में दिया जा रहा है शिक्षकों को प्रशिक्षण

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डिजिटल भारत l राष्ट्रीय शिक्षा नीति अंतर्गत मध्य प्रदेश में शैक्षणिक सत्र 2021-22 में स्नातक प्रथम वर्ष के 4 लाख 15
हजार 136 विद्यार्थी ने परपंरागत विषयों के साथ अपनी पसंद के व्यावसायिक पाठ्यक्रम की भी शिक्षा प्राप्त की
है। यह पाठयक्रम उन्हें रोजगार एवं स्व-रोजगार के नए अवसर प्राप्त करने में सहयोगी होगा। यही नहीं इसके
अध्ययन से उन्हें अपने कॅरियर की दिशा निर्धारित करने में भी सहायता मिलेगी। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही
में एमएसएमई विभाग के साथ एमओयू किया गया था। भविष्य में विद्यार्थियों को रोजगार के सुगम अवसर प्रदान
करने के उद्देश्य से पर्यटन और खनिज विभाग के साथ भी अनुबंध किया जायेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में
स्नातक प्रथम वर्ष में 25 व्यावसायिक पाठ्यक्रम को शामिल किया गया है। इसमें सभी विद्यार्थियों को निर्धारित
विषयों में से किसी एक विषय में एक साल का डिप्लोमा पूर्ण करना होगा।


राष्ट्रीय शिक्षा नीति में व्यावसायिक विषय के पाठयक्रम तैयार करने की जिम्मेदारी उच्च शिक्षा विभाग के
उन विषय विशेषज्ञों को दी गई थी, जिनके मूल विषय में इन पाठ्यक्रमों की आधारभूत विषय-वस्तु आती है।शासन
के निर्देशानुसार महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को इन विषयों का अध्ययन कराने वाले शिक्षकों को
विभाग द्वारा इसके लिए नरोन्हा प्रशासन अकादमी में वरिष्ठ एवं अनुभवी विषय-विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान
किया गया है। इसके लिए 5 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण सत्र 28 फरवरी से एक अप्रैल तक किया गया, जिसमें कुल
2100 शिक्षक ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इन शिक्षकों द्वारा संबंधित विषयों के विद्यार्थियों को अध्ययन कराया गया
है। निर्यात-आयात प्रबंधन, जीएसटी के साथ ई–एकाउंटिंग और कराधान, वित्त सेवाएँ और बीमा, खुदरा प्रबंधन,
डिजिटल मार्केटिंग, ब्रिकी कौशल, एकाउंटिंग और टैली कोर्स, जैविक खेती, बागवानी, वर्मी कम्पोस्टिंग, डेयरी
प्रबंधन, चिकित्सा निदान, डेस्कटॉप प्रकाशन (डीटीपी), सौंदर्य और स्वास्थ्य कल्याण, औषधीय पौधे, पोषण और
आहार, वेब डिजाइनिंग, इलेक्ट्रिकल टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रानिक टेक्नोलॉजी, सुरक्षा सेवाएँ, हस्तशिल्प, खाद्य संरक्षण
और प्र-संस्करण, व्यक्तित्व विकास, पर्यटन-परिवहन और यात्रा सेवाएँ, कार्यालय प्रक्रिया और व्यवहार।
खराब तथा जले ट्रांसफार्मर सुधार कर कंपनी की निष्ठा परीक्षण प्रयोगशाला में
परीक्षण किया जाता है।

परीक्षण में जो ट्रांसफार्मर खरे नहीं उतरते, उन्हें विद्युत वितरण प्रणाली में उपयोग नहीं
किया जाता है। कंपनी का मानना है कि इससे एक ओर जहाँ ट्रांसफार्मर की असफलता की दर में कमी आयेगी,
वहीं दूसरी ओर कंपनी को राजस्व नुकसान से बचाया जा सकेगा। साथ ही उपभोक्ताओं को निर्बाध एवं गुणवत्तापूर्ण
विद्युत आपूर्ति मिलेगी क्योंकि वितरण ट्रांसफार्मर लम्बे समय तक खराब नहीं होंगे। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण
कंपनी के प्रबंध संचालक श्री गणेश शंकर मिश्रा ने बताया कि कंपनी कार्यक्षेत्र में निष्ठा टेस्टिंग लेब एनएबीएल
मान्यता प्राप्त है। निष्ठा टेस्टिंग लेब में विद्युत सामग्री जैसे ट्रांसफार्मर, कंडक्टर, केबिल की गुणवत्ता आदि की
जाँच का कार्य किया जा रहा है। जाँच के बाद ही विद्युत प्रणाली में सामग्री उपयोग के लिये भेजी जा रही है।
कंपनी की निष्ठा टेस्टिंग लेब द्वारा कुल 8 हजार 133 वितरण ट्रांसफार्मर का परीक्षण किया गया है।
विभिन्न कंपनियों द्वारा सुधारे जाने के बाद प्रयोगशाला में टेस्टिंग की गई है।


ग्वालियर और गुना में प्रयोगशालाएँ निर्माणाधीन हैं, जिनमें जल्द ही वितरण ट्रांसफार्मर, केबिल, कंडक्टर आदि का
मानकों के अनुरूप परीक्षण किया जाएगा। रबी सीजन में कृषि उपभोक्ताओं को घोषित अवधि में 10 घंटे निर्बाध
एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने में वितरण ट्रांसफार्मरों की अहम भूमिका होती है।

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26 / 11 जाने कब और कहा हुआ था हमला मिले इसके सबसे बड़े मास्टर से

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डिजिटल भारत l 26/11 के आतंकी हमले को आज 14 साल पूरे हो गए हैं. इस हमले की 15वीं बरसी पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने ट्वीट कर हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी. साथ ही विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने हमले में मारे गए लोगों को याद किया और आतंकवाद को भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरी मानव जाति के लिए खतरा बताया है. इस हमले को भारतीय इतिहास के सबसे भयानक हमलों में से एक माना जाता है. इस हमले में 140 भारतीयों और 23 देशों के 26 नागरिकों समेत कुल 166 लोगों की मौत हो गई, जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
भीड़भीड़ वाले इलाकों को बनाया निशाना
साल 2008 में आज ही के दिन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल, ताजमहल पैलेस होटल, होटल ट्राइडेंट, नरीमन हाउस, लियोपोल्ड कैफे और कामा अस्पताल में हमला किया था. आतंकियों ने इन भीड़भाड़ वाले इलाकों में बम धमाकों और आंधाधुंध गोलीबारी से सैकडों लोगों को मौत के घाट उतार दिया था.
कहा जाता है कि जब डेविड हेडली ने पहली बार सितंबर, 2006 में ताज होटल में प्रवेश किया तो वहाँ की समृद्धि और वहाँ काम करने वाले लोगों के व्यवहार को देखकर महसूस किया कि इस शानदार जगह को तबाह करना आसान नहीं होगा.

टॉवर लॉबी में ‘फ़्रांजेपानी’ की मादक महक और सी लाउंज की खिड़कियों से गेटवे ऑफ़ इंडिया के दृश्य ने उसे करीब-करीब विश्वास दिला दिया कि इस होटल को नष्ट करने के बारे में सोचना ग़लत है.
एड्रियन लेवी और कैथी स्कॉट क्लार्क मुंबई हमलों पर अपनी किताब ‘द सीज, द अटैक ऑन द ताज’ में लिखते हैं, “हेडली 6 फ़ीट 2 इंच लंबा था. उसके लंबे सुनहरे बाल पोनी टेल में बँधे रहते थे. वो अक्सर मुड़ी-तुड़ी अरमानी जींस और कमीज़ में नज़र आता था और उसके कंधों से एक चमड़े की जैकेट लटकती रहती थी.”

“उसकी कलाई में करीब 9 लाख रुपए की रोलेक्स घड़ी बँधी रहती थी. मुंबई में वो डेविड के नाम से मशहूर था लेकिन अपनी बहन शेरी, सौतेले भाइयों हमज़ा और दानियाल, पत्नियों पोर्शिया, शाज़िया और फ़ैज़ा और सबसे अच्छे दोस्त तहव्वुर राना के लिए वो पाकिस्तानी मूल का अमेरिकी था जिसका असली नाम था दाऊद सलीम जिलानी.”
दाऊद या कहें डेविड के पिता सैयद सलीम जिलानी पाकिस्तान के नामी ब्रॉडकास्टर थे. वो जब कुछ सालों के लिए वॉयस ऑफ़ अमेरिका में काम करने के लिए वॉशिंगटन गए थे तो उनकी मुलाकात 19 साल की सेरिल से हुई थी जो मेरीलैंड विश्वविद्यालय में स्नातक की पढ़ाई कर रही थीं.

दोनों ने शादी करने का फैसला किया और पाकिस्तान आ गए लेकिन ये शादी अधिक दिनों तक नहीं चली और सन् 1966 में सेरिल और जिलानी के बीच तलाक़ हो गया.

सेरिल वापस अमेरिका लौट आईं और दाऊद अपने पिता और अपनी सौतेली माँ के साथ लाहौर में ही रहा. लेकिन जब दाऊद 16 साल का हुआ तो वो भी अपनी माँ के पास अमेरिका चला गया.

सन 1984 में उसका फिर पाकिस्तान से आने-जाने का सिलसिला शुरू हुआ. इस बीच उसका संपर्क ड्रग तस्करों से हुआ और वो हेरोइन तस्करी के काम में लग गया.

चार वर्ष बाद कस्टम अधिकारियों ने उसे फ़्रैंकफ़र्ट हवाई अड्डे पर दो किलो हेरोइन के साथ पकड़ लिया. उसके पिता ने उससे अपने सारे संबंध तोड़ लिए.

जर्मन अधिकारियों ने उसे अमेरिका को सौंप दिया. वहाँ उसने अमेरिकियों से एक सौदा किया जिसके तहत तय हुआ वो उनके लिए मुख़बिर का काम करते हुए पाक-अमेरिकी हेरोइन नेटवर्क में घुसपैठ कर उनकी गुप्त सूचना ड्रग इन्फ़ोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (डीईए) तक पहुँचाएगा.
इस बीच उसने शलवार कमीज़ पहनना शुरू कर दिया था, शराब, टीवी और मोबाइल फ़ोन से मुंह मोड़ लिया था.

मशहूर डेनिश पत्रकार कारे सोरेन्सन अपनी किताब ‘द माइंड ऑफ़ अ टेररिस्ट द स्ट्रेंज केस ऑफ़ डेविड हेडली’ में लिखते हैं-

“दाऊद का सपना था कि कश्मीर में लड़ने के लिए भेजा जाना लेकिन लश्कर के नेता ज़की-उर-रहमान लखवी की नज़र में इस अभियान के लिए दाऊद की उम्र कुछ ज़्यादा हो चुकी थी. उसने लश्कर के कमांडर साजिद मीर से कहा कि वो भारत पर हमले की बड़ी योजना में हेडली को भी शामिल करे. लश्कर को एक ऐसे शख़्स की ज़रूरत थी जो लंबे अरसे तक कैमरे और नोटबुक के साथ मुंबई आ-जा सके और जिसे लोगों से घुलने-मिलने से कोई परहेज़ न हो.”

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नगर निगम द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही लगातार जारी

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डिजिटल भारत
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लगातार अतिक्रमण हटाने की मुहिम चलाने अतिक्रमण दस्ता को निगमायुक्त के निर्देश

नगर निगम द्वारा शहर की यातायात व्यवस्था को सुदृढ करने के लिए लगातार अतिक्रमण हटाने की मुहिम चलाई जा रही है। मुहिम के अंतर्गत मुख्य मार्गो, चौराहों, तिराहों एवं सार्वजनिक स्थलों के आस-पास के सभी स्थाई एवं अस्थाई अतिक्रमणों को लगातार हटवाया जा रहा है। इसी कड़ी में आज निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ के निर्देशानुसार अतिक्रमण शाखा के द्वारा यातायात में बाधक 45 से अधिक अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गयी। अतिक्रमण निरोधक अधिकारी सागर बोरकर, ने बताया कि आज व्यवस्तम क्षेत्र गंजीपुरा कमला नेहरू कन्या उच्चतर मध्यमिक विद्यालय के सामने, रॉंझी जलशोधन संयंत्र के बाहर पुनः, मंडी मदार टेकरी कब्रिस्तान से लेकर रद्दी चौकी तक, एवं श्याम टॉकिज आदि से लगे अनाधिकृत रूप से ठेले टपरों को हटाने कार्यवाही की गयी तथा व्यापारियों को समझाईस भी दी जाकर मुनादी भी कराई गयी।

उन्होंने व्यापारियों से कहा कि यदि दोबारा अतिक्रमण करते पाए गये तो सामग्री जप्ती एवं ठेले, टपरों को तोड़ने की कार्यवाही की जायेगी। कार्यवाही के संभागीय अधिकारी आनंद मिश्रा, अतिक्रमण दल प्रभारी ब्रज किशोर तिवारी एवं अतिक्रमण की टीम उपस्थित रहीं। निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ के द्वारा अतिक्रमण दल को लगातार अतिक्रमण हटाने की मुहिम चलाने के भी निर्देश दिये गये

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पहली बार सरकारी और निजी क्षेत्र में हो रही हैं व्यापक स्तर पर भर्तियाँ एक लाख पदों पर नियुक्तियों के कार्य की हुई समीक्षा

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युवाओं के लिये रोजगार सबसे बड़ी जरूरत : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

डिजिटल भारत l मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि युवाओं को रोजगार आज की सबसे बड़ी जरूरत है।
रोजगार सरकारी क्षेत्र में हो या निजी क्षेत्र में, योग्यतानुसार कार्य मिल जाए, यह बहुत आवश्यक है। सेवाओं में
आने से युवाओं में स्वाभाविक रूप से उत्साह का संचार होता है। पर्याप्त अमले से संस्थानों और विभागों की कार्य-
प्रणाली भी सहज और आसान होती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में विभिन्न सरकारी विभागों में एक
लाख पदों को भरने संबंधी समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रति माह रोजगार दिवस के
फलस्वरूप बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार प्राप्त हो रहा है। औद्योगिक संस्थानों में स्थानीय युवाओं की सेवाएँ
लेने को महत्व दिया जा रहा है। राज्य सरकार सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने दृढ़ संकल्पित है। इसी
संकल्प की पूर्ति के लिए अभियान संचालित कर शासकीय विभागों में रिक्त पद भरे जा रहे हैं। लोक निर्माण मंत्री
श्री गोपाल भार्गव, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, किसान-कल्याण एवं कृषि विकास
मंत्री श्री कमल पटेल, सहकारिता मंत्री श्री अरविंद सिंह भदौरिया, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, सूक्ष्म,
लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री ओ.पी. सखलेचा और पशुपालन मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल, मुख्य सचिव श्री इकबाल
सिंह बैंस सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन श्री विनोद कुमार ने प्रेजेंटेशन
दिया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शासकीय विभागों में अकेले गृह विभाग में ही 6 हजार आरक्षक पदों पर
नियुक्ति देने की पहल हुई है। प्रयास यह है कि किसी एक दिन सभी को समारोह पूर्वक नियुक्ति-पत्र प्रदान किए

जाएँ। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विभागों के पदों को भरने की कार्रवाई के साथ ही राज्य के सार्वजनिक
उपक्रमों में भी पदों की पूर्ति के लिए कार्यवाही की जा रही है। उपस्थित मंत्रीगण ने रोजगार और स्व-रोजगार क्षेत्र
में हो रहे कार्य को महत्वपूर्ण बताया।

जानकारी दी गई कि 15 अगस्त से प्रारंभ हुए रिक्त पदों की पूर्ति के अभियान की कार्यवाही निरंतर 12
माह तक चलेगी। प्रदेश में 01 लाख 12 हजार 724 सरकारी रिक्त पदों को भरने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ की गई है।
नवंबर माह में तेजी से कार्य हुआ है। लगभग 60 हजार पदों को भरने के लिए आवश्यक प्रक्रिया का पालन किया
जा रहा है। सभी विभाग इस कार्य में सक्रिय हैं। प्रथम श्रेणी के 1,271, द्वितीय श्रेणी के 20 हजार 728, तृतीय
श्रेणी के 82 हजार 879 और चतुर्थ श्रेणी के 9091 पद रिक्त हैं। इन पदों की पूर्ति के लिए वित्त विभाग से
अनुमति के बाद आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। गत 15 अगस्त से 31 अक्टूबर तक 36 हजार 235 पद
विज्ञापित किए गए हैं। नवम्बर माह में 3 हजार 926 पद विज्ञापित किए गए हैं। इस माह के अंत तक करीब 19
हजार पद विज्ञापित होंगे। आठ विभागों में 1595 नियुक्तियाँ गत तीन माह में कर दी गई हैं।

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जाने क्या है सॉफ्ट स्किल्स उनके फायदे उदाहरण के साथ

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डिजिटल भारत l soft skill किसी भी नौकरी को पाने के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब भी आप किसी नौकरी के इंटरव्यू में जाते हो तो उस दौरान आपके resume strength में यह जरूर देखा जाता है कि आपको किस – किस तरह की soft skill आती है।

Soft skill का उपयोग करके आप अपने customer या कंपनी के client के साथ बेहतर बातचीत कर उन्हें सभी जरूरी जानकारी समझा सकते है। इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता है, कि आप कौन सी नौकरी की तलाश में हो सभी क्षेत्रों में इसकी आवश्यकता होती है। कई लोगों को पता नहीं होता है, कि कौन सी soft skill की मांग आने वाले समय में सबसे अधिक होने वाली है, ताकि उसके अनुसार वह उसे सीखकर आगे बढ़ सके। क्रिटिकल थिंकिंग आज के युग में सबसे ट्रेंडिंग स्किल में से एक है लेकिन बड़े बड़े प्रोफेसनल भी इसे समज हीं नहीं पाते ,असल में क्रिटिकल होना यानि की किसी मामले में हमें उसकी खामियों को पहचानना होता है । पर कुछ लोग क्रिटिकल होने को गलत नजर से देखते है। दरअसल Critical thinking skills हमारे सोचने का ही एक तरीका है जिसमे हम एक Logical और Free thinking के साथ किसी problem का Suitable solution निकालते हैंl
Soft Skills जिसे हिंदी में व्यावहारिक कौशल या व्यवहार कुशलता कहा जाता है, अगर हम अपने career या business में आगे जाना चाहते है तो हम में soft skills का होना बहुत अनिवार्य है. soft skills के अंतर्गत प्रभावी communication skills, Leadership skills, Listening skills, Creativity और problem solving skills आते है, ये सभी skills को हमें अपने personality में शामिल करना चाहिए.
Communication Skills जिसे हिंदी में संचार कला या सम्प्रेषण कला कहा जाता है, जब हम अपनी बात को दूसरो को आसानी से और प्रभावी रूप से बोल पाने में सक्षम होते है, तो उसे हम effective communication skills कहते है.
जब हम अपने विचारो को बोल बोल के व्यक्त करते है, तो इसे verbal communication स्किल्स कहा जाता है, Verbal Communication हम अपने दिनचर्या में लगभग 35 परसेंट प्रयोग करते है.
Non Verbal Communication – जब हम अपने विचारो को इशारों के माध्यम से व्यक्त करते है, तो इसे non verbal communication स्किल्स कहा जाता है, non Verbal Communication हम अपने दिनचर्या में लगभग 65 परसेंट प्रयोग करते है.
हमें हमेशा बातचीत के दौरान दुसरे को बोलने के लिए support करना चाहिए, कहने का मतलब सामने वाले को बोलने के लिए प्रेरित करना चाहिए उसे ऐसा लगना चाहिए की आप उनके बातो पर intrest ले रहे है.

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अचानक पीएम मोदी के पार्टी ऑफिस में आने से चोके व भावुक हुए कार्यकर्ता, रणनीति पर की चर्चा

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डिजिटल भारत l गुजरात में भाजपा के चुनाव अभियान की कमान अब पीएम मोदी ने संभाल ली है। रविवार को पीएम ने जोरदार प्रचार अभियान चलाया, उन्होंने एक दिन में चार रैलियों को संबोधित किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्यालय ‘कमलम’ में पार्टी कार्यकर्ताओं और सहयोगियों के साथ समय बिताया। पीएम मोदी के अचानक पार्टी ऑफिस आने और उनको सामने बैठा देख कार्यकर्ता बेहद चकित थे।
पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं के साथ किसी कमरे समय नहीं बिताया बल्कि खुले क्षेत्र को चुना। यहां वह सामने कुर्सी पर बैठ गए और भाजपा कार्यकर्ता बेंच लेकर उनके आसपास बैठ गए। हालांकि रात थी तो लोग कम ही थे। इसलिए देर रात पार्टी कार्यालय में काम कर रहे चंद लोगों ने ही प्रधानमंत्री का स्वागत किया। हालांकि पीएम मोदी ने कहा कि पार्टी कार्यालय में मौजूद सभी लोगों को बुलाया जाए, इसके बाद सभी को बुला लिया और उन्होंने सभी से बातें की।


एक सूत्र ने एएनआई को बताया कि कुछ युवा कार्यकर्ता लंबे समय से भाजपा से जुड़े हुए हैं, वे वास्तव में यह देखकर प्रभावित हुए कि प्रधानमंत्री ने पार्टी के अधिकांश पुराने कार्यकर्ताओं को उनके नाम से संबोधित किया और यहां तक कि उनके साथ मजाक भी किया। साथ ही उन्होंने वर्षों पहले की यादों को ताजा भी किया।
पीएम मोदी ने पार्टी कार्यालय में 40 मिनट से अधिक समय बिताया, जहां उनके साथ गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल, गुजरात राज्य मंत्री हर्ष सांघवी और पार्टी महासचिव प्रदीप सिंह वाघेला सहित अन्य लोग थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी गुजरात में हैं और रविवार को उन्होंने वेरावल, धोरारजी, अमरेली और बोटाड में रैलियों को संबोधित किया था।

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जाने क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या यह इंसानो की जॉब्स को कर देंगी ख़तम…?

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डिजिटल भारत l हाल ही में भारत सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence- AI) मिशन पर नीति आयोग एवं इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology- MeitY) के बीच आपसी मतभेद को हल करने हेतु एक समिति का गठन किया है। इस समिति में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव, नीति आयोग के सीईओ और MeitY के सचिव शामिल हैं एवं इसकी अध्यक्षता मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन कर रहे हैं। ध्यातव्य है कि भारत अपनी अर्थव्यवस्था को डिज़िटल अर्थव्यवस्था बनाने के साथ-साथ सरकारी काम-काज को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है

दुनिया में दो अरब से ज़्यादा लोगों के लिए ऑनलाइन शॉपिंग आम बात है.

हम फ़िक्र तक नहीं करते कि ऑनलाइन शॉपिंग की दुनिया चलती कैसे है?

दरअसल, पेमेंट करते ही ग्राहक तक सामान पहुंचाने के लिए बनी कंपनियां कड़ी हरक़त में आ जाती है.

सबसे पहले पास के वेयरहाउस में ‘पिकर’ कहे जाने वाले शख़्स तक संदेश पहुंचता है. वो ग्राहक के ऑर्डर के मुताबिक़ सामान तलाशता है. इसके बाद सामान पैक करके डिस्पैच कर दिया जाता है.
डिपो दर डिपो आगे बढ़ते हुए सामान कुरियर के जरिए हमारे दरवाज़े तक पहुंचता है.

इस पूरी प्रक्रिया और इसमें लगे लोगों को मैनेज करती है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस यानी एआई.

अब सवाल है कि वेयरहाउस और सप्लाई चेन में एआई का जिस तरह का दखल है, क्या बाकी जगह भी वैसा ही होने जा रहा है?
अमेरिकी टेक कंपनी रिथिंकरी के संस्थापक डेविन फिडलर बताते हैं, ”प्रयोग के लिए हमने कई सिस्टम तैयार किए हैं. हम देखना चाहते हैं कि डिजिटल मैनेजमेंट को कहां तक ले जा सकते हैं.”

डेविन फिडलर ने ऐसे सॉफ्टवेयर तैयार किए हैं जो लोगों को संभालते हैं. वो बताते हैं कि उन्हें कल्पना से ज़्यादा कामयाबी हासिल हो चुकी है.

डेविन फिडलर कहते हैं, ”हमारे पास ऐसा सॉफ्टवेयर है जो फ्रीलांसिंग प्लेटफॉर्म पर जाता है. ये ऐसे प्लेटफॉर्म हैं जहां आप दुनिया भर के फ्रीलांसर्स से संपर्क कर सकते हैं. वहां ये ऐसे लोगों की तलाश करता है जो प्रोजेक्ट पर काम करने के लिहाज से माकूल हों. ये आमतौर पर शुरू में उन्हें छोटा काम देता है ताकि उनकी क्षमता परखी जा सके. टीम में शामिल होने के बाद नतीजे हासिल होने तक ये उनकी मदद करता है.”

इससे लगता है कि मानो यहां कोई प्रबंधक ही एक्शन में हो.

डेविन कहते हैं कि इससे साबित हुआ कि सेल्फ ड्राइविंग यानी खुद से चलने वाला रिसर्च प्रोजक्ट तैयार करना मुमकिन है. यहां आप सिर्फ़ बटन दबाते हैं. कंप्यूटर पूरी प्रक्रिया को चलाता है और नतीजा मिल जाता है.
डेविन का ये भी दावा है कि कि हम जितना सोचते हैं, मशीनें संवेदनाओं को उससे बेहतर तरीके से संभाल सकती हैं.

लेकिन सवाल ये भी है कि ऐसा क्या किया जाए जिससे ये तय हो कि एआई लोगों की ज़िंदगी बेहतर बनाए और तबाही की वजह न बनें.

डेविन फिडलर कहते हैं, ” मुझे लगता है कि इसे होशियारी से इस्तेमाल करना चाहिए. ऐसा सिस्टम बना देना आसान है जो किसी एक चीज़ में इजाफ़ा कर दे, मसलन मुनाफ़ा हासिल करना आसान बात है. ये सिस्टम जिस सामाजिक परिवेश में काम करता है, उसे उसकी जानकारी नहीं होती. उसे पता नहीं होता है कि वो जो कर रहा है वो फायदेमंद है या फिर इसकी वजह से परेशानियां बढ़ सकती हैं.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नकारात्मक प्रभाव/ नुकसान
हर सिक्के के दो पहलू होते है इसी तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे हैं तो नुकसान भी है |

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में मनुष्यों के स्थान पर मशीनों से काम लिया जाएगा मशीनें स्वयं ही निर्णय लेने लगेंगी अगर समय रहते उन पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो इससे मनुष्य के लिये खतरा भी उत्पन्न हो सकता है|
वैज्ञानिक इसे सबसे बड़ा खतरा तब मानते हैं जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसके ज़रिये मशीनें बिना मानवीय हस्तक्षेप के नैतिक प्रश्नों पर फैसला लेने लगेंगी। जैसे जीवन, सुरक्षा, जन्म-मृत्यु, सामाजिक संबंध आदि फैसले|
बिल गेट्स का मानना है कि यदि मनुष्य अपने से बेहतर सोच वाली मशीन बना लेगा तो मनुष्य के अस्तित्व के लिये ही सबसे बड़ा खतरा उत्पन्न हो जाएगा|
सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिन्स का भी यही कहना था कि मनुष्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मुकाबला नहीं कर सकती|

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जाने कोन है दुनिया की सासबसे खुबसूरत 12 अदाकाराएं

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दुनिया की सबसे खूबसूरत महिलाओं के बारे में हर कोई जानना चाहता है। सभी लोगो के मन में यही सवाल होता है कि अबकी बार सबसे खूबसूरत महिला कौन होगी और किस देश की होगी। महिलाएं पुरुषों की तुलना में अपनी सुंदरता पर काफी ज्यादा ध्यान देती है। इस दुनिया मे खूबसूरत महिलाओं की कमी नहीं है लेकिन जो सबसे ज्यादा खूबसूरत है उनके आधार पर ये लिस्ट बनाई है।
हर लड़की सुन्दर दिखना चाहती है। हमेशा महिला की सुंदरता ही पुरुषों को उनकी तरफ खीँचती है। पूरी दुनिया में एक से एक बढ़कर सुंदर महिला है लेकिन आज हम इस लेख में उन देशो की महिलाओं के बारे में बताने जा रहे है जिनको सबसे ज्यादा खूबसूरत माना जाता है। इस लिस्ट में वो महिलाएं है जिन्हे सबसे बुद्धिमान, सुंदर, मजबूत, लोकप्रिय, आकर्षक और सबसे सफल महिला माना गया है। इनमे से कुछ को तो आप लोग जानते भी होंगे, लेकिन कुछ के बारे आज तक नहीं सुना होगा।

1.ऐश्वर्या राय

2.बेयोंस

3. एम्मा वाटसन

4.अलेक्सांद्रा दद्दारिओ

5. एंजेलीना जोली

6. गिगी हदीदो

7. केट अप्टन

8. दीपिका पादुकोने

9. राहेल मैकऐड्म्स

10.निकी करिमिक

11.मिला कुनिस

12. कंगना रनौत

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बेबी तब्बसुम बाल कलाकार बन कर ही जीत लिया था ऑडियंस का दिल बड़े हो कर दिए कई सुपर हिट्स ,78 साल की उम्र में अभिनेत्री तबस्सुम का हुआ निधन

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डिजिटल भारत l 78 साल की उम्र में अभिनेत्री तबस्सुम का निधन हो गया है. उनके बारे में बताया जाता है कि उन्होंने महज तीन साल की उम्र से फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था.
वरिष्ठ अभिनेत्री तबस्सुम गोविल का शुक्रवार शाम कार्डियक अरेस्ट के कारण निधन हो गया. तबस्सुम गोविल ने बॉलीवुड में लंबे समय तक काम किया.

उन्होंने बचपन से ही फ़िल्मों की तरफ़ रुख कर लिया था. 1947 में बाल कलाकार के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की और बेहद लोकप्रिय भी रहीं.

फ़िल्मों में क़दम रखते ही दर्शकों ने उन्हें बेबी तब्बसुम नाम दे दिया. फ़िल्मों में बाल कलाकार के तौर पर काम करते-करते उनका फ़िल्मों से लगाव गहराता गया तो उन्होंने अभिनेत्री के तौर पर भी अपनी किस्मत आजमाई और कुछ फिल्में भी की.

उनके सामने कई दौर बदले और जब दौर बदला तो उन्होंने खुद को भी बदल दिया. अभिनय छोड़ उन्होंने 1972 से 1993 तक दूरदर्शन के लिए सिलेब्रिटी टॉक शो ‘फूल खिले हैं गुलशन-गुलशन’ होस्ट किया.
स्वतंत्रता सेनानी के परिवार में जन्मी तबस्सुम
9 जुलाई 1944 को जन्मीं तबस्सुम मूलतः अयोध्या से थीं. तबस्सुम का परिवार स्वतंत्रता सेनानी रहा. उनके पिता अयोध्यानाथ सचदेव और मां असगरी बेगम स्वतंत्रता सेनानी थे.

तबस्सुम की पढ़ाई मुंबई से ही हुई. उन्होंने तीन साल की उम्र से बाल कलाकार के तौर पर काम करना शुरू कर दिया था. उन्होंने साल 1947 में बाल कलाकार के तौर पर अभिनेत्री नरगिस के साथ फिल्मी करियर की शुरुआत की. ये फिल्म थी ‘दीदार’ जिसमें उन्होंने नरगिस के बचपन का किरदार निभाया था.

उनके बाद 1947 में ही फ़िल्म ‘मेरा सुहाग’ और ‘बड़ी बहन’ भी रिलीज़ हुई. उन्होंने ‘बैजू बावरा’ (1952) में मीना कुमारी के बचपन का किरदार निभाया था.

साल 1952 में आई फ़िल्म ‘दीदार’ का वो गीत जिसके बोल हैं ‘बचपन के दिन भूला ना देना…’ बेहद लोकप्रिय हुआ था, वो गीत बेबी तबस्सुम पर फ़िल्माया गया था. इसे लता मंगेशकर और शमशाद बेग़म ने गाया था. बड़ी हुई तबस्सुम तो उन्होंने कई बड़ी-बड़ी फ़िल्मों में कैरेक्टर एक्ट्रेस के तौर पर काम करने का मौका मिला. तबस्सुम उन अभिनेत्रियों में से एक हैं जिन्होंने अभिनेता दिलीप कुमार, राज कपूर, नरगिस, मीना कुमारी, अशोक कुमार, राज कुमार, देवानंद, शशि कपूर जैसे कई कलाकारों के साथ कैरेक्टर एक्ट्रेस के तौर काम किया.
एक अभिनेत्री के तौर पर तबस्सुम ने खूब लोकप्रियता तो हासिल की ही थी. उसके साथ ही उन्होंने एक टीवी टॉक शो होस्ट के तौर पर अपनी बेहद ही तगड़ी पहचान बनाई थी. तबस्सुम ने पहले भारतीय टीवी टॉक शो ‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’ को 21 सालों तक होस्ट किया था. ये शो साल 1972 में दूरदर्शन पर शुरू होकर साल 1933 तक चला था. इस शो में वो तमाम बड़े फिल्मी सितारों का इंटरव्यू किया करती थीं. उनके इस शो को दर्शकों द्वारा काफी पसंद किया जाता है, जिस वजह से ये शो तो हिट हुआ ही था साथ ही तबस्सुम को काफी पॉपुलैरिटी भी हासिल हुई थी.

तबस्सु (Tabassum) ने अपने फिल्मी करियर में ‘गंवार’, ‘हीर रांझा’ ‘जॉनी मेरा नाम’, ‘शादी के बाद’ और ‘अली बाबा 40 चोर’ जैसी एक से बढ़कर एक कई शानदार फिल्मों में काम किया था.

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