लखनऊ । समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव विपक्षी एकता की बैठक में शामिल होने के लिए बेंगलुरु में है। वहां की उनकी एक तस्वीर समाजवादी पार्टी के ट्विटर हैंडल से ट्वीट की गई है। तस्वीर में बसपा से सपा में आए लालजी वर्मा, रामअचल राजभर से लेकर सहयोगी अपना दल(कमेरावादी) की मुखिया कृष्णा पटेल तक शामिल हैं। विपक्षी एकता से पहले ‘आंतरिक एकता’ को दिखाती यह तस्वीर अखिलेश यादव की बचे हुए सहयोगियों को सहेजने की कवायद मानी जा रही है। चुनाव के पहले ‘भगदड़’ रोकने की एक बड़ी चुनौती उनके सामने है।
लोकसभा चुनाव के पहले पार्टी की बैठकों में अखिलेश संवाद व समन्वय बेहतर करने की लगातार नसीहत दे रहे हैं। हालांकि, उच्च स्तर पर भी यह संकट बना रहा। विधानसभा चुनाव के पहले भी सहयोगी दलों व नेताओं की ओर से संवाद को लेकर शिकायतें आ रही थीं। अखिलेश के करीबी कुछ नेता इसको लेकर लगातार उनके निशाने पर थे। चुनाव के बाद पार्टी सत्ता से दूर रह गई और आने वालों की उम्मीदें भी धूमिल। ऐसे में पार्टी व उसके मंचों पर प्रमुखता से जगह ही उनकी आखिरी उम्मीद थी। हालांकि, बहुत से चेहरों को इस स्तर से भी निराशा हाथ लगी। टिकटों के चयन से लेकर रणनीतिक निर्णयों में उपेक्षा के सवाल भी मुखर रहे।
