डिजिटल भारत I लौंग एक बंद फूल की कली होता है जो मर्टेसिआइ कुल के वृक्ष सिज्जीयम एरोमैटिकम पर उगता है। लौंग का रंग गहरा भूरा होता है और इसकी गंध बढ़िया होती है तथा यह गर्म, अत्यधिक मीठा, तीखा और थोड़ा कसैला होता है।
लौंग को सम्मान का प्रतीक माना जाता है और यह विश्व का एक मूल्यवान और महंगा मसाला है। सामान्य तौर पर इसका उपयोग गरम मसाला, सलाद, अचार और बिरयानी में किया जाता है।1 मुख्य रूप से लौंग का उत्पादन इंडोनेशिया, मलेशिया, भारत, श्रीलंका, तंज़ानिया और मेडागास्कर में किया जाता है। लौंग में एंटीऑक्सीडेंट, दर्द निवारक, एंटी-बैक्टीरियल और वायरसरोधी जैसे कई चिकित्सीय गुण पाए जाते हैं
पाचन के लिहाज से भी लौंग बहुत लाभकारी होती है. इसे रोज आप सुबह खाली पेट खाने लगें तो मेटाबॉलिज्म मजबूत हो जाएगा. यह कब्ज, एसिडिटी, अपच और पेट में अल्सर जैसी परेशानी में भी आराम दिलाने का काम करता है.
वहीं, लौंग खाने से दांत का दर्द भी दूर होता है. क्योंकि इसमें यूजेनॉल नाम का दर्द निवारक तत्व पाया जाता है. इससे साइनस की भी समस्या से निजात मिलती है. इसके अलावा लौंग लिवर की भी परेशानी से निजात दिलाने का काम करता है
गुप्तांगों में रक्त प्रवाह बढ़ता है
Erectile Dysfunction का कारण ही है गुप्तांगों में रक्त प्रवाह का कम होना । अगर गुप्तांगों तक ब्लड सर्कुलेशन सही से नहीं होगा तो स्तंभन दोष का सामना करना पड़ सकता है । आप जब भी इस समस्या के समाधान के लिए डॉक्टर के पास जायेंगे, तो वे ऐसी दवाइयां और तेल सुझाएंगे जिनसे पुरुष गुप्तांगों में रक्त का प्रवाह बेहतर हो सके
टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ाता है
अगर आप रोजाना डॉक्टर की सलाह के साथ उचित मात्रा में लौंग का सेवन करते हैं तो आपके टेस्टोस्टेरोन लेवल में भी बढ़ोत्तरी होगी । दरअसल अगर आप ध्यान दें पुरुषों में सभी यौन समस्याएं टेस्टोस्टेरोन की कमी की ही वजह से होती हैं । यही पुरुष यौन विशेषताओं जैसे चेहरे के बाल, आवाज का गहरा होना और लिंग व अंडकोष की वृद्धि के लिए भी जिम्मेदार है । साथ ही Sperm Production से लेकर Libido को भी बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है
प्रजनन क्षमता पर सकारात्मक प्रभाव डालता है
वर्तमान समय में लगातार Infertile Males की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डॉक्टरों ने बताया है कि भारत में हर साल 12 से 18 मिलियन से अधिक जोड़ों में बांझपन का निदान किया जाता है । उन्होंने बताया है कि जहां तीन दशक पहले एक सामान्य भारतीय वयस्क पुरुष के शुक्राणुओं की संख्या 60 मिलियन/मिलीलीटर हुआ करती थी, वहीं अब यह लगभग 20 मिलियन/मिलीलीटर है ।
लीवर के लिए लौंग के संभावित उपयोग:
लीवर रक्षक गुण का पता लगाने के लिए एक जानवर मॉडल पर लौंग के अर्क का परीक्षण किया गया था। लौंग के अर्क ने सीरम में एस्पार्टेट एमिनोट्रांस्फरेज़, एलेनिन ट्रांसएमिनेज और क्षारीय फॉस्फटेज एंजाइम की गतिविधि को पहले जैसा किया और इस प्रकार लिवर की रक्षा करने का गुण दिखाया।1 यद्यपि, यदि आप लीवर में किसी प्रकार की दिक्कत महसूस कर रहे हैं तो दवा के रूप में लौंग का इस्तेमाल करने के पहले स्वास्थ्य सेवाप्रदाता से संपर्क करें।
एंटीऑक्सीडेंट के रूप में लौंग के संभावित उपयोग:
परीक्षणों में लौंग और यूजेनॉल ने जबरदस्त एंटीऑक्सीडेंट का गुण प्रदर्शित किया है। लौंग में लिपिड पेरोक्सीडेशन को कम करने और हाइड्रोजन छोड़ने की उच्च क्षमता होती है।1 संयुक्त राज्य के कृषि विभाग के साथ-साथ विश्वविद्यालयों और निजी कंपनियों के डाटाबेस से यह संकेत मिलता है कि लौंग में उच्च मात्रा में पॉलीफेनौल्स और अन्य एंटीऑक्सीडेंट यौगिक पाए जाते हैं। लौंग की कली के अर्क का इस्तेमाल एक खाद्य एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कर सकते हैं।
दर्द निवारक के रूप में लौंग के संभावित उपयोग:
13वीं शताब्दी से ही लौंग के दर्द निवारक गुण का दस्तावेजीकरण किया गया है। जोड़ों के दर्द, दांत के दर्द एवं स्पास्मोडिक दर्द में लौंग का तेल असरदार हो सकता है।2 डेंटल क्लिनिक में लौंग के तेल का एनालजेसिक (दर्द निवारक) एजेंट के रूप में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता रहा है क्योंकि यह दांत के दर्द में आराम दे सकता है। यह सूजन पैदा करने वाले मध्यस्थों (ल्यूकोट्रियन) और प्रोस्टाग्लैंडीन को दबा सकता है। इसके अतिरिक्त, यह माना जाता है
पेट संबंधी बीमारियों में लौंग के संभावित उपयोग:
लौंग का तेल पेट फूलने और गैस की समस्या से निजात पाने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, मोशन सिकनेस, मतली, हिचकी और उल्टी जैसी पेट की बीमारियों में लौंग का तेल एक असरदार औषधि का काम कर सकता है।