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महाराष्ट्र के अमरावती, नांदेड़ और मालेगाँव में बीते शुक्रवार को सांप्रदायिक तनाव फैलने की ख़बर आई और इसके चलते पुलिस ने एहतियात के तौर पर राज्य के कुछ ज़िलों में क़र्फ्यू भी लगा दिया.

संवेदनशील इलाक़ों में गश्त बढ़ाई गई है और रविवार से अमरावती, मालेगाँव, नागपुर और पुणे में क़र्फ्यू लागू दिया गया.

महाविकास अघाड़ी गठबंधन सरकार इस तनाव को उत्तर प्रदेश चुनाव को देखते हुए बीजेपी की साज़िश बता रही है. वहीं, बीजेपी इसे राज्य सरकार की नाकामी बता रही है.

लेकिन महाराष्ट्र में अचानक यह स्थिति क्यों पैदा हुई और संप्रादायिक तनाव क्यों बढ़ गया? क्या इसके पीछे कोई राजनीतिक कारण हैं?

अमरावती में 12 नवंबर की हिंसा के बाद 17 नवंबर तक क़र्फ्यू लगा दिया गया है. पठान चौक, इतवारा बाज़ार, चित्रा चौक जैसे संवेदनशील इलाक़ों में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं

बीजेपी नेता गिरफ़्तार

अमरावती हिंसा के मामले में शहर कोतवाली पुलिस ने सोमवार को बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री अनिल बोंडे को गिरफ़्तार कर लिया.

रविवार को पुलिस ने उन्हें 12 घंटे तक हिरासत में रखा. पुलिस ने बीजेपी नेता तुषार भारतीय और मेयर चेतन गावंडे को भी गिरफ़्तार किया है. पुलिस ने कहा कि वह विधायक प्रवीण पोटे की भी तलाश कर रही है.

पता चला है कि क़र्फ्यू के दौरान हमले के सिलसिले में बीजेपी नेताओं को गिरफ़्तार किया गया है.

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