डिजिटल भारत I भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जहां विविधता और जनसंख्या की विशालता के बीच लोकतांत्रिक प्रक्रिया सफलतापूर्वक चलती है। पिछले एक दशक में, विशेषकर 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, भारत के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक ढांचे में कई महत्वपूर्ण बदलाव और विकास हुए हैं। इस रिपोर्ट में हम पिछले 10 वर्षों के दौरान भारत में हुए विकास, बदलाव और नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल का विश्लेषण करेंगे। साथ ही यह भी देखेंगे कि मोदी सरकार के कदमों ने देश को क्या फायदे और क्या नुकसान पहुंचाए हैं।
1. राजनीतिक सुधार और नीतिगत परिवर्तन
1.1 डिजिटल इंडिया अभियान: मोदी सरकार ने 2015 में ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य डिजिटल बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करना, इंटरनेट की पहुंच बढ़ाना और सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन करना था। इससे न केवल प्रशासनिक प्रक्रिया में पारदर्शिता आई, बल्कि नागरिकों के जीवन में भी सुधार हुआ।
1.2 मेक इन इंडिया: ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाना है। इस पहल से विदेशी निवेश को आकर्षित करने में मदद मिली और रोजगार सृजन में भी वृद्धि हुई।
1.3 स्वच्छ भारत अभियान: 2014 में शुरू हुआ यह अभियान देश भर में स्वच्छता और शौचालय निर्माण को बढ़ावा देने के लिए है। इससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में स्वच्छता के स्तर में सुधार हुआ है।
1.4 गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST): GST को 2017 में लागू किया गया, जिससे भारत के अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में बड़ा सुधार हुआ। इससे व्यापारिक प्रक्रियाएं सरल हुईं और राज्यों के बीच व्यापार को बढ़ावा मिला।
2. आर्थिक सुधार और विकास
2.1 आर्थिक वृद्धि: मोदी सरकार के कार्यकाल में आर्थिक वृद्धि में सुधार देखा गया है। भारत ने दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने का गौरव प्राप्त किया है।
2.2 विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI): ‘मेक इन इंडिया’ और अन्य नीतियों के तहत भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इससे विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
2.3 वित्तीय समावेशन: प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत, करोड़ों भारतीय नागरिकों के बैंक खाते खोले गए हैं, जिससे वित्तीय समावेशन में वृद्धि हुई है। यह योजना गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी साबित हुई है।
2.4 रोजगार और उद्यमिता: मुद्रा योजना और स्टार्टअप इंडिया जैसी पहल ने छोटे और मध्यम उद्यमों को वित्तीय सहायता प्रदान की है, जिससे उद्यमिता को बढ़ावा मिला है और नए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं।
3. सामाजिक सुधार और समावेशन
3.1 बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ: यह पहल बालिकाओं की सुरक्षा, शिक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है। इससे लड़कियों के शिक्षा स्तर में सुधार हुआ है और उनके प्रति समाज में जागरूकता बढ़ी है।
3.2 उज्ज्वला योजना: इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन प्रदान किए गए हैं, जिससे महिलाओं के स्वास्थ्य और जीवन स्तर में सुधार हुआ है।
3.3 आयुष्मान भारत योजना: आयुष्मान भारत या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का उद्देश्य गरीब और वंचित परिवारों को स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करना है। इससे स्वास्थ्य सेवा की पहुंच और गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
3.4 श्रमिक सुधार: श्रम सुधारों के माध्यम से, मोदी सरकार ने श्रम कानूनों को सरल और लचीला बनाने का प्रयास किया है, जिससे श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा हो सके और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिल सके।
4. विवाद और आलोचना
4.1 नोटबंदी: 2016 में नोटबंदी का कदम उठाया गया, जिसमें 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद कर दिया गया। इस कदम का उद्देश्य काले धन पर रोक लगाना और नकली मुद्रा को खत्म करना था। हालांकि, इससे अल्पकालिक आर्थिक व्यवधान और आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
4.2 CAA और NRC: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के मुद्दे पर विवाद हुआ। इन नीतियों की आलोचना हुई कि वे धार्मिक आधार पर भेदभाव को बढ़ावा देती हैं और सामाजिक एकता को कमजोर कर सकती हैं।
4.3 कृषि कानून: 2020 में पारित कृषि कानूनों ने देशभर में किसानों के विरोध का सामना किया। किसानों का कहना था कि ये कानून उनके हितों के खिलाफ हैं और इससे कृषि क्षेत्र में निजीकरण बढ़ेगा।
4.4 बेरोजगारी: हालाँकि मोदी सरकार ने रोजगार सृजन के लिए कई पहल की हैं, लेकिन बेरोजगारी दर में अपेक्षित सुधार नहीं देखा गया है। खासकर COVID-19 महामारी के बाद स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है।
5. मोदी सरकार के प्रमुख लाभ
5.1 आर्थिक सुधार: जीएसटी और नोटबंदी जैसे कदमों ने लंबे समय में भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है। विदेशी निवेश में वृद्धि और वित्तीय समावेशन ने आर्थिक विकास को गति दी है।
5.2 बुनियादी ढांचे का विकास: सड़क, रेल, हवाईअड्डा और डिजिटल बुनियादी ढांचे में सुधार ने देश की कनेक्टिविटी और व्यापारिक प्रक्रियाओं को आसान बनाया है।
5.3 सामाजिक कल्याण योजनाएं: उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं ने समाज के कमजोर वर्गों के जीवन स्तर में सुधार किया है।
5.4 राष्ट्रीय सुरक्षा: मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। सीमा पर सुरक्षा मजबूत करने के साथ-साथ आतंरिक सुरक्षा के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
6. मोदी सरकार के प्रमुख नुकसान
6.1 आलोचनाओं का सामना: नोटबंदी, सीएए और कृषि कानूनों जैसे विवादास्पद नीतियों ने सरकार की छवि को प्रभावित किया है और सामाजिक असंतोष को बढ़ावा दिया है।
6.2 आर्थिक असमानता: हालांकि आर्थिक विकास हुआ है, लेकिन असमानता का मुद्दा बरकरार है। गरीब और अमीर के बीच खाई को पाटने के प्रयास पर्याप्त नहीं रहे हैं।
6.3 स्वतंत्रता पर अंकुश: मीडिया, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मानवाधिकार संगठनों पर सरकार के कठोर कदमों की आलोचना हुई है। इससे लोकतांत्रिक मूल्यों पर सवाल उठे हैं।
6.4 पर्यावरणीय मुद्दे: आर्थिक विकास की प्राथमिकता के चलते पर्यावरणीय सुरक्षा और संरक्षण के मुद्दों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया है। औद्योगिक परियोजनाओं के चलते पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है।
निष्कर्ष
पिछले 10 वर्षों में भारत ने राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कई महत्वपूर्ण सुधार और विकास योजनाएं शुरू की हैं, जिन्होंने देश की दिशा और दशा में बदलाव लाने का प्रयास किया है। हालांकि, इन सुधारों और नीतियों के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्ष हैं।
मोदी सरकार की नीतियों ने देश को कई महत्वपूर्ण फायदे पहुंचाए हैं, लेकिन कुछ विवादास्पद नीतियों और फैसलों ने आलोचना को भी जन्म दिया है। आगामी समय में, सरकार को इन आलोचनाओं का समाधान करना होगा और देश के विकास और समृद्धि के लिए नए कदम उठाने होंगे।
भारत का लोकतंत्र मजबूत है और यहां के नागरिक अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति सजग हैं। लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में सुधार और पारदर्शिता बनाए रखना आवश्यक है ताकि भारत सही मायनों में एक समृद्ध, सुरक्षित और सशक्त राष्ट्र बन सके।