
मध्य प्रदेश के आदिवासी कल्याण मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी की, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की एक प्रतिष्ठित अधिकारी हैं, जिन्होंने “एक्सरसाइज़ फोर्स 18” में भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व किया और संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में भी भाग लिया है ।
विजय शाह के बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने मामले की रिपोर्ट तलब की और मंत्री शाह को तलब किया। शाह ने राज्य नेतृत्व से मुलाकात की और दावा किया कि उनके शब्दों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है, साथ ही कर्नल कुरैशी के प्रति अपनी गहरी इज्जत भी जताई ।
वहीं, कांग्रेस ने मंत्री शाह से माफी की मांग की और उन्हें पद से हटाने की भी मांग की। कांग्रेस पार्षद यशस्वी पटेल ने मंत्री शाह के मुंह पर कालिख पोतने वाले को ₹51,000 का इनाम देने की घोषणा की ।
यह पहली बार नहीं है जब विजय शाह विवादों में घिरे हैं। 2023 में भी उन्होंने एक आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था ।
मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद राज्य उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था।
राज्य उच्च न्यायालय ने कर्नल कुरैशी के खिलाफ की गई टिप्पणी को “गटर भाषा” करार देते हुए, राज्य पुलिस महानिदेशक को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था। इसमें राष्ट्रीय एकता को खतरा पहुंचाने, समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने और धार्मिक आधार पर भड़काने जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं। कोर्ट ने चेतावनी दी थी कि यदि एफआईआर समय पर दर्ज नहीं की जाती है, तो अवमानना की कार्यवाही की जाएगी।
इसके बाद, मुख्यमंत्री ने पुष्टि की कि एफआईआर दर्ज की गई है और मामले की सुनवाई प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी। मंत्री विजय शाह ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है, लेकिन विपक्षी दलों ने उन्हें मंत्री पद से हटाने की मांग की है।
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी विजय शाह को फटकार लगाई और पूछा कि मंत्री होकर किस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं.
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