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चेन्नई से VFJ भेजा गया टी-72 टैंक भारतीय सेना की शक्ति और आत्मनिर्भरता को दर्शाता है, जो भविष्य में और भी सशक्त और सक्षम बनेगा।
भारतीय सेना के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, चेन्नई स्थित आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (AVNL) से पहला टी-72 टैंक जबलपुर स्थित व्हीकल फैक्ट्री (VFJ) भेजा गया है।
यह कदम भारतीय सेना के टैंक बेड़े की उन्नति और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
टी-72 टैंक, जो मूल रूप से सोवियत संघ में डिजाइन और निर्मित किया गया था, भारतीय सेना में 1970 के दशक से सेवा में है। समय के साथ, इसे अवाडी स्थित हेवी व्हीकल्स फैक्ट्री में स्थानीय स्तर पर निर्मित और उन्नत किया गया।
अब, VFJ में इसकी ओवरहालिंग प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसमें टैंक के इंजन की क्षमता को 478 हॉर्स पावर से बढ़ाकर 1000 हॉर्स पावर किया जा रहा है, जिससे इसकी गतिशीलता और युद्ध क्षमता में वृद्धि होगी।
इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए, VFJ में एक विशेष टीम बनाई गई है, जिसे आवश्यक प्रशिक्षण के लिए चेन्नई भेजा गया था। यह टीम अब VFJ में ही टी-72 टैंक की ओवरहालिंग प्रक्रिया को अंजाम देगी। इस पहल से VFJ की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी और भविष्य में अधिक कार्यभार संभालने की क्षमता विकसित होगी।
यह परियोजना भारतीय सेना की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल टैंक बेड़े की क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि रक्षा क्षेत्र में स्थानीय उत्पादन और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को भी बढ़ावा मिलेगा।
वीएफजे (व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर) की तैयारी और प्रशिक्षण
1. विशेष तकनीकी टीम का गठन:
वीएफजे ने एक विशेष तकनीकी टीम बनाई है, जो टी-72 टैंक की मरम्मत और ओवरहालिंग के लिए प्रशिक्षित है।
2. ट्रेनिंग इन चेन्नई:
इस टीम को चेन्नई स्थित आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड (AVNL) में भेजा गया, जहाँ पर इन्हें टैंक की ओवरहालिंग, इंजन रिप्लेसमेंट, और तकनीकी अपग्रेडेशन की विस्तृत ट्रेनिंग दी गई।
3. इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड:
फैक्ट्री परिसर में टैंकों की रिपेयर और टेस्टिंग के लिए जरूरी मशीनरी और उपकरणों को अपडेट किया गया है, ताकि हाई-हॉर्सपावर इंजन और अन्य सिस्टम को टेस्ट किया जा सके।
तकनीकी दक्षता में सुधार:
1. इंजनों की क्षमता बढ़ाना:
टैंक के पुराने 780 HP इंजन की जगह अब 1000 HP का इंजन लगाया जाएगा, जिसके लिए VFJ टीम को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
2. डिजिटल टेस्टिंग सिस्टम:
परीक्षण के लिए डिजिटल डायग्नोस्टिक सिस्टम और सिमुलेशन तकनीक अपनाई जा रही है ताकि हर टैंक को युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार किया जा सके।

“मेक इन इंडिया” और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम:
1. यह पूरी प्रक्रिया रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत मिशन को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
2. VFJ अब केवल असेंबली का काम नहीं करेगा, बल्कि अत्याधुनिक टैंक ओवरहालिंग हब के रूप में उभरेगा।

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