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जबलपुर । ट्रेन के जनरल और स्लीपर कोच में यात्रा करने वाले यात्री, इन दिनों भीड़, गर्मी और प्यास से हलाकान हो रहे हैं। रेलवे ने स्पेशल ट्रेन चलाकर यात्री को भीड़ से थोड़ राहत तो दी है, लेकिन रेलवे स्टेशन पर गर्मी और प्यास बुझाने के लिए की गई व्यवस्थाएं नाकाफी साबित हो रही हैं। यात्री, ट्रेन की भीषण गर्मी से परेशान हैं, लेकिन उन्हें स्टेशन पर प्यास बुझाने के लिए ठंडा और शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा। जबलपुर रेल मंडल के बड़े और छोटे स्टेशनों में यात्रियों के लिए पीनेे के पानी के लिए की गई व्यवस्थाएं पटरी से उतर गई हैं।

जबलपुर रेलवे स्टेशन में लगभग 300 से ज्यादा नल हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश से गर्म और अशुद्ध पानी आ रहा है। इधर 28 वाटर कूलर हैं, लेकिन अधिकांश बंद पड़े हैं। दरअसल स्टेशन पर स्टाल चलाने वाले कुछ संचालक और वेंडर, वाटर कूलर बंद कर देते हैं, ताकि उनका बंद बाटल पानी बिक सके। नलों की टंकी गंदी कर देते हैं, ताकि इस पानी को पीने की बजाए यात्री, स्टाल से पानी की बाटल खरीदकर पी सकें।इन दिनों जबलपुर समेत कटनी, नरसिंहपुर, सतना, रीवा, मैहर, सागर, दमोह, पिपरिया समेत कई रेलवे स्टेशन हैं, जहां पर गर्मी के दिनों में यात्रियों को पीने के लिए पानी की बेहतर व्यवस्था करने नल, वाटर कूलर और प्याउ की संख्या बढ़ाई जाती है। इस बार भी ऐसा ही किया गया है, लेकिन जबलपुर हकीकत यह है कि इन स्टेशनों से 24 घंटों में गुजरने वाली लगभग 100 से ज्यादा ट्रेनें हैं, जिनमें एक लाख से ज्यादा यात्री, सफर करते हैं। इनकी प्यास बुझाने के लिए रेलवे द्वारा किए गए इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं।

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