डिजिटल भारत I आठ सप्ताह के शाकाहारी आहार से कम हो सकती है जैविक आयु: शोध
नई दिल्ली, 4 अगस्त 2024 – हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, आठ सप्ताह तक शाकाहारी आहार का पालन करने से जैविक आयु (Biological Age) कम हो सकती है। जैविक आयु का महत्व इसलिए भी है क्योंकि इससे मधुमेह और मनोभ्रंश जैसी गंभीर बीमारियों के जोखिम को समझने में मदद मिल सकती है।
शोध के निष्कर्ष
बीएमसी मेडिसिन नामक पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में पाया गया कि आठ सप्ताह तक शाकाहारी आहार अपनाने से डीएनए मिथाइलेशन स्तरों में कमी देखी गई। डीएनए मिथाइलेशन एक प्रकार का रासायनिक संशोधन है जो जीन अभिव्यक्ति को बदलता है, हालांकि इसमें डीएनए संरचना में कोई परिवर्तन नहीं होता।
शोध की प्रक्रिया
शोधकर्ताओं की टीम ने इस अध्ययन के लिए जुड़वा लोगों को शामिल किया। हर जुड़वा समूह में से एक को आठ सप्ताह तक सर्वाहारी आहार दिया गया जिसमें प्रतिदिन 170 से 225 ग्राम मांस, एक अंडा और डेढ़ सर्विंग डेयरी उत्पाद शामिल थे। वहीं, उनके दूसरे जुड़वा को इस दौरान सिर्फ शाकाहारी आहार दिया गया।
एपीजेनेटिक एजिंग क्लॉक
शाकाहारी आहार अपनाने वाले प्रतिभागियों की अनुमानित जैविक आयु में कमी देखी गई, जिसे एपीजेनेटिक एजिंग क्लॉक के रूप में जाना जाता है। इसके विपरीत, सर्वाहारी आहार लेने वालों में जैविक आयु में कोई कमी नहीं पाई गई।
शाकाहार के लाभ
शाकाहारी आहार लेने वाले प्रतिभागियों में हृदय, हार्मोन, लिवर, सूजन और चयापचय तंत्र की आयु में भी कमी देखी गई। इसके अतिरिक्त, उन्होंने सर्वाहारी आहार लेने वालों की तुलना में औसतन दो किलोग्राम अधिक वजन कम किया।
आगे की दिशा
शोधकर्ताओं ने कहा कि इस निष्कर्ष को स्पष्ट करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है। उन्होंने आहार संरचना, वजन और उम्र बढ़ने के बीच संबंधों की जांच की आवश्यकता पर बल दिया।
यह अध्ययन यह दर्शाता है कि शाकाहारी आहार न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है, बल्कि जैविक आयु को भी कम कर सकता है। हालांकि, इसके विस्तृत प्रभावों और इसके पीछे के कारणों को समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।
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