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रुद्रप्रयाग केदारनाथ मंदिर के स्वर्ण मंडित गर्भगृह पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंदिर के हक हकूक धारियों और विभिन्न लोगों की ओर से लगाए गए आरोपों के बाद अब कांग्रेस ने प्रदेश सरकार और बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति को सवालिया कटघरे में खड़ा किया है। कांग्रेस नेता मनीष ने बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष पर सीधा निशाना साधा है। कहा कि 2022 में मंदिर समिति के अध्यक्ष ने गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने के लिए समाचार पत्रों के माध्यम से 230 किलो सोने के चढ़ावे की बात कही थी और अब तक उनकी इस बात का खंडन भी नहीं किया गया है।कांग्रेस नेता ने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच हाई कोर्ट की न्यायिक समिति से करवाने की मांग उठाई है। कांग्रेस भवन में मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकरण को लेकर सरकार ने जो जांच बैठाई है, उसमें कौन अधिकारी शामिल है। अब तक यह भी स्पष्ट नहीं हो सका है और इस जांच का परिणाम क्या होगा, यह सबको पता है। माननीय उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच होनी चाहिए, तभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकेगी।

मनीष खंडूरी का कहना है कि मंदिर समिति के अध्यक्ष ने 2022 में स्पष्ट किया था कि मंदिर में 230 किलो स्वर्ण का चढ़ावा चढ़ाया जाना है, जिसके लिए सुरक्षात्मक दृष्टिगत 18 खच्चर और 19 कर्मचारियों की जरूरत है और अब मंदिर में 23 किलो सोना है, इसका प्रमाण कैसे और किसने दिया। केदारनाथ में जो कुछ हुआ, जब तक वह बाहर नहीं आएगा, राज्य और देश की जनता इस संबंध में जवाब मांगती रहेगी। कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसोनी ने आरोप लगाया कि बदरी-केदार मंदिर समिति की आपस में ही साठगांठ है। मंदिर समिति अपने निजी स्वार्थ और अपनी जेब को गर्म करने के लिए सनातनियों की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि मंदिर समिति के अध्यक्ष अजयेंद्र अजय को चाहिए कि वह नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दें।

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