डिजिटल भारत l राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि वर्दी समाज और देश के सम्मान का प्रतीक है। वर्दी जनता के मन में
सुरक्षा का विश्वास पैदा करती है। राज्यपाल पटेल गुरूवार को राजभवन में सशस्त्र सीमा बल के प्रशिक्षु अधिकारियों को
संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सशस्त्र सीमा बल के प्रशिक्षु अधिकारियों को धैर्यवान, तनावरहित रहने, अच्छे स्वास्थ्य के लिए
नियमित योग, व्यायाम करने और पौष्टिक खान-पान की सलाह दी। सशस्त्र सीमा बल के महा निरीक्षक संजीव शर्मा द्वारा
राज्यपाल को पौधा एवं स्मृति-चिन्ह भेंट किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव डी.पी. आहूजा भी उपस्थित
थे। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा, नागरिकों के सुख-चैन का आधार होती है। जब परिवार से
दूर रहकर हमारी सीमाओं की रक्षा के लिए सीमा के प्रहरी जागते है तभी हम देशवासी चैन और शांति की नींद सो पाते है। किसी भी देश के सर्वांगीण विकास के लिए सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण होती है।
प्रशिक्षु अधिकारी निष्ठा, ईमानदारी एवं राष्ट्र के लिएसर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर-सैनिकों की गाथाओं से प्रेरणा लें। उन्होंने कहा कि सशस्त्र सीमा बल पर नेपाल और भूटान जैसेमित्र राष्ट्रों की सीमाओं की सुरक्षा की संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी है। सीमा की सुरक्षा के लिए असामाजिक तत्वों एवं राष्ट्र विरोधी ताकतों का पूरी कठोरता के साथ दमन करें। साथ ही सीमाओं पर रहने वाले आमजनों को सदैव सुरक्षित महसूस कराएं। कभी किसी निर्दोष के साथ अन्याय नहीं होने पाए। राज्यपाल पटेल ने कहा कि आप लोग कठिन प्रशिक्षण केपश्चात “आजादी के अमृतकाल” के महत्वपूर्ण प्रसंग में देश की सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को देश के प्रतिष्ठित और गौरवशाली सुरक्षा बल का सदस्य बनने पर शुभकामनाएं दीं। स्वागत उद्बोधन में महानिरीक्षक एस.एस.बी. अकादमी भोपाल श्री शर्मा ने संघ लोक सेवा आयोग से चयनित 23 प्रशिक्षु अधिकारियों के 52 सप्ताह के प्रशिक्षण कार्यक्रम की संक्षिप्त जानकारी दी। महिला प्रशिक्षु अधिकारी सुश्री रौनक त्यागी ने समस्त प्रशिक्षु अधिकारियों की ओर से प्रशिक्षण के अनुभवों को साझा किया। कार्यक्रम में राज्यपाल के उप-सचिव स्वरोचिष सोमवंशी, उप-महानिरीक्षक एस.एस.बी. सोमित जोशी एवं सशस्त्र सीमा बल के सम्बंधित अधिकारी उपस्थित थे।