
हाल ही में, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शारा से मुलाकात की और उन्हें “युवा, आकर्षक और मजबूत अतीत वाला व्यक्ति” बताया। अल-शारा, जो पहले अल-कायदा से जुड़े समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के प्रमुख थे, ने असद शासन के पतन के बाद सीरिया की सत्ता संभाली। उन पर पहले अमेरिका द्वारा 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा गया था और उन्हें आतंकवादी के रूप में नामित किया गया था। हालांकि, उन्होंने अब अपने अतीत से दूरी बनाई है और सीरिया की छवि को नया रूप देने की कोशिश की है।
ट्रंप ने रियाद में आयोजित खाड़ी सहयोग परिषद शिखर सम्मेलन के दौरान अल-शारा से मुलाकात की, जो पिछले 25 वर्षों में अमेरिकी और सीरियाई नेताओं के बीच पहली उच्च-स्तरीय मुलाकात थी। इस बैठक में ट्रंप ने सीरिया पर से अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंध हटा दिए और सीरिया को एक “नया आरंभ” देने की बात की। उन्होंने अल-शारा से इजरायल के साथ संबंध सामान्य करने, फिलिस्तीनी आतंकवादियों को निर्वासित करने और विदेशी लड़ाकों को देश से बाहर करने की अपील की।
अल-शारा ने इजरायल के साथ संबंध सामान्य करने की इच्छा जताई है और इजरायल के गोलान हाइट्स पर नियंत्रण को चुनौती नहीं देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने ईरान के खिलाफ अपनी स्थिति स्पष्ट की है और सीरिया में स्थिरता लाने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है।
इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि मध्य पूर्व में रणनीतिक समीकरण बदल रहे हैं और पुराने दुश्मन अब नए गठबंधन बना रहे हैं। ट्रंप की यह पहल सीरिया और इजरायल के बीच शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है, लेकिन इस क्षेत्र की जटिलताओं को देखते हुए इसके परिणामों का पूर्वानुमान करना कठिन है।
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