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डिजिटल भारत। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आजादी के अमृत महोत्सव पर बलिदानी पिता-पुत्र की प्रतिमा पर किया श्रद्धा-सुमन अर्पित


जबलपुर, केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आजादी के अमृत महोत्सव पर देश और धर्म की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वाले जनजातीय नायक अमर शहीद राजा शंकरशाह और उनके पुत्र कुंवर रघुनाथ शाह के 164 वें बलिदान दिवस पर आज मालगोदाम चौक पहुंचकर पिता-पुत्र की यहां स्थापित प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।


इसके पूर्व केन्द्रीय गृहमंत्री श्री शाह के प्रतिमा स्थल पहुंचने पर विधायक नंदनी मरावी और राज्यसभा सांसद संपतिया उइके ने परंपरागत आरती कर रोली का टीका लगाया और शॉल पहनाया। श्री शाह को मुख्यमंत्री श्री चौहान और केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री श्री कुलस्ते ने स्वाधीनता आंदोलन के नायक राजा शंकरशाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह की मंडला जिला स्थित पवित्र जन्मस्थली और रामनगर मंडला में स्थापित गोंडवाना साम्राज्य के राजस्तंभ का चित्र भेंट किया।


आजादी के 75वें अमृत महोत्सव के अंतर्गत केन्द्रीय गृहमंत्री श्री शाह और मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गोंडवाना साम्राज्य के राजा शंकरशाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह की बलिदान गाथा का स्मरण किया। गोंडवाना साम्राज्य के राज परिवार को प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में भारत के रजवाड़ों में प्रथम बलिदानी होने का गौरव हासिल है, जिन्हें तोप के मुंह से बांधकर मृत्यु दी गई।


इस अवसर पर केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण एवं जलशक्ति राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री श्री रामेश्वर तेली, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं सांसद श्री बीडी शर्मा, सांसद श्री राकेश सिंह, प्रदेश के गृह, जेल, संसदीय कार्य, विधि एवं विधायी मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, जबलपुर जिले के प्रभारी मंत्री एवं प्रदेश के लोक निर्माण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री गोपाल भार्गव, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, जनजातीय कार्य विभाग, अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह, सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री अरविंद भदौरिया, राज्यसभा सांसद श्रीमती संपतिया उइके और विधायक श्रीमती नंदनी मरावी उपस्थित रहे।


क्षमा मांगने से किया इंकार
अंग्रेजों की अदालत ने राजा शंकरशाह और उनके युवा पुत्र को मृत्युदंड की सजा सुनाने के बाद शर्त रखी की यदि वे क्षमा मांग लें तो उनकी मृत्युदंड की सजा माफ कर दी जायेगी, लेकिन दोनों अमर शहीदों ने अंग्रेजों की गुलामी के स्थान पर देश के लिए बलिदान देने का मार्ग चुना।

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